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hindisoulveda · 1 year
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ग्रैंडपेरेंट्स के साथ बच्चों का रिश्ता बहुत ही निराला होता हैं जो उम्र भर बच्चों के दिल में बसा रहता हैं ग्रैंडपेरेंट्स के गुज़र जाने के बाद भी। सोलवेदा पर इस लघु कथा में जानें कैसे श्वेता को बीमारी में उसके स्वर्गवासी दादाजी दिखाई देते हैं और उसकी बीमारी का इलाज बताते हैं ।
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tlajtollirambles · 11 months
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One — affirmation. Hindi is a gendered language, and that it does present complications for non-binary and gender-fluid individuals. But languages are products of human culture. Any language can describe any situation, and Hindi is capable of describing any identity.
Two — flexibility and process. As students learn how to be themselves in a new language, what fits one day might not fit a semester later.
Three — allowing new forms. When no standard grammatical forms fit a student’s circumstances, teachers should be ready to suggest alternatives, drawing from India’s diverse linguistic landscape where possible.
Four— code-switching. Just as students are taught when to use formal and informal language, non-binary students should be encouraged to think about what language choices feel right in varied circumstances.
Five — acknowledge the haters. This should not prevent a non-binary student from developing a system that works for them, and should not prevent language teachers from teaching a diversity of gender expressions in Hindi.
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just-a-speck · 1 year
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And in case you think I’m being anal about this, well, my gaandugiri is surely no surpise to those who know me well.
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kaminimohan · 10 months
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1400.
कुटिल सोच और हित साधती वर्जनाएँ 
-© कामिनी मोहन। 
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संस्कार, सभ्यता, अनुशासन, परंपरा, मानवता इनके आवरण की परतों में ढके मनुष्य के गिरेबान में झाँक कर देखा जाए तो उसमें कहाँ खाज है, नज़र नहीं आता है। धर्म संस्कार और सभ्यता ने मनुष्य को विचार दिए हैं।हमारी सारी वर्जनाएँ व्यवस्था के हित के साथ जुड़ी है। कुटिलता इसे रीति बनाकर मनुष्यता से जोड़कर प्रचारित करती है। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह सब विचार-विमर्श आख़िर है क्या। 
दूसरों के सामने निर्विचार से दिखने वाले दरअसल मानवीयता के दर्पण की तरह होते हैं। धर्म परंपरा और मान्यता की कवच से लैस स्वतंत्र तथा सतत् मंत्रमुग्ध बने रहते हैं। उनमें होता है उड़ने का हौसला। उड़ने में ख़तरे तो बहुत ह��, उन ख़तरों से बच गए तो ठीक है, न बचे तो हँसी में टालकर फिर से उड़ने का दम भरते हैं। 
स्नेह का अभाव हर शख़्स को खटकता है। जो शीतलता, ममता या मधुरता के दुलार से निशब्द-सी शांति मिलती है। वह अभिमान के छलावे से नहीं मिलती। अंधकार में किसी मैदान, जंगल, आकाश में अर्धवृत्त, आनंद नीलिमा और सवेरा होने से पहले प्रकृति के क्षण-क्षण बदलते रूप के दर्शन होते हैं। यह दर्शन न तो घनी अंधेरी रात में और न तो दिन के उजाले में संभव है। लोगों की सांस्कृतिक मान्यताओं और पहचान के विपरीत जाना वर्जनाओं को तोड़ना है।  क्योंकि यह मान्यताओं परंपराओं और संस्कृति का पर्याय होती है। अनुभव सबसे अच्छा शिक्षक है, और सबसे ख़राब अनुभव हमें सबसे अच्छा सबक सिखाते हैं। 
जीवन में सबसे अच्छी बात किसी ऐसे व्यक्ति को ढूँढ़ना है जो ख़ामियों, ग़लतियों और कमज़ोरियों को जानता है और वो व्यक्ति हम ख़ुद हो, तो यह पूरी तरह से अद्भुत है। जब भी सपनों के सच होने की संभावना बढ़ती है तो जीवन दिलचस्प बनता जाता है। इसलिए अंधेरे को दूर करने के लिए स्वयं की बेहतरी प्रकाशयुक्त होनी चाहिए। अजीब से लगने वाले शब्द विश्वास की सतह पर सच होने चाहिए।
हम, तुम सब अजीब है। इस दुनिया में हर कोई अजीब है, हमारी पीढ़ी सोचती है कि परवाह नहीं करना अच्छा है। लेकिन हम सब जानते हैं यह ग़लत है, यह अजीब है। देखभाल करना, परवाह करना अच्छा है। अपने कर्तव्य कर्म के प्रति वफ़ादार रहना अच्छा है। ऊँचे पेड़ छोटे बीजों से बनने में सक्षम होते हैं। बीज को वृक्ष बनने के पहले एक पूरी की पूरी देखभाल की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है। 
एक रहस्य की कई परतें होती हैं। रहस्य को जानने समझने के बावजूद उनमें बहुत सारे ऐसे रहस्य होंगे, जिनका उद्देश्य हमें पता ही नहीं चल पाता है। ऐसे में आत्म-मूल्य महत्वपूर्ण हो जाता है। यदि आप अपने बारे में अच्छा महसूस नहीं करते हैं, तो किसी और चीज़ के बारे में अच्छा महसूस होना कठिन है।
फिर तो कुटिल सोच का फ़ायदा कोई न कोई वर्जना उठाने की पूरी कोशिश करेगी। तो एक ही तरीका है कि लोग जो सोचते हैं उसे दरकिनार कर समाज संस्कार सभ्यता और संस्कृति को केंद्र में रखकर निरंतर आगे बढ़ते रहा जाए।
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indizombie · 2 years
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One recent “point,” Bhattacharya recalled, was Khalid telling them that from what he had seen in jail, Hindi-language newspapers are how most inmates got their news. If they were running public campaigns to persuade the BJP government to release political prisoners under their regime, they should start writing in Hindi. Lahiri recalled that while English-language newspapers carried both the prosecution and defence arguments of Khalid’s year-long bail hearings in the trial court hearing the Delhi riots conspiracy case and then the Delhi High Court, the Hindi language newspapers barely reported the arguments Khalid’s lawyer Trideep Pais made in court. They, however, carried the claims made by the police in a prominent place, with headlines that made allegations sound like facts.
Betwa Sharma, ‘Talkative, Evolving & Never Missing A ‘Mulakat’: Umar Khalid After 2 Years In Prison’, Article 14
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swamyworld · 5 days
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side effects of overeating mangoes read full article in hindi
As soon as the summer season arrives, the excitement of the delicious and juicy fruit mango lovers is worth seeing. Mango, the ‘King of Fruits’, is famous all over the world for its special taste. This is a fruit that rules the hearts of people all over the world. No matter how much mango lovers eat, they are never satisfied. Eating mango provides many health benefits. However, eating mango…
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rightnewshindi · 2 months
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एक देश-एक चुनाव के लिए संविधान के इन पांच अनुच्छेदों में करना होगा बदलाव, जानें क्यों
एक देश-एक चुनाव के लिए संविधान के इन पांच अनुच्छेदों में करना होगा बदलाव, जानें क्यों
One Nation-One Election: एक देश-एक चुनाव के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंप दी गई है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने 18626 पेज की इस रिपोर्ट में वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए संविधान में संशोधन की सिफारिश की है. रिपोर्ट में समिति ने पांच अनुच्छेदों का जिक्र किया है. इसमें कहा गया है कि यदि देश में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने हैं तो इन…
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djarshaddj · 3 months
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Article 370 Global Box Office Collection Day 8: Yami Gautam Starrer Latest film sees Witness a 1.63% Growth in India, Worldwide gross Stands at ₹ 57.14 Cr
Article 370 Global Box Office Collection Day 8: The Hindi controversial political action drama thriller “Article 370,” featuring Yami Gautam, Priyamani, Skand Thakur, Ashwini Kaul, Vibhav Tatwawadi, Arun Govil, and Kiran Karmarkar, continues its box office success. As per the JIO Studio report, the film amassed ₹ 38.82 Cr net in the first week. On the 2nd Friday, it exhibited a 1.63% growth,…
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litonlimon66 · 3 months
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Article 370 Movie Trailer | Release date 23 February 2024 @moviesinfotra...
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ajaykumar111-blog · 7 months
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hindisoulveda · 2 years
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vakilkarosblog · 7 months
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A Nidhi company, as defined by the Ministry of Corporate Affairs in India, is a non-banking finance company (NBFC) that primarily works for the benefit of its members. The core objective of a Nidhi company is to cultivate the habit of thrift and savings among its members while providing them with avenues for credit at reasonable terms. These companies are regulated by the Nidhi Rules, 2014, which lay down the guidelines for their functioning. Read More
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vipinjha · 7 months
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प्रेम विवाह में तलाक की दर ज्याद क्यों ?
प्रेम अनंत काल से पवित्र माना जाता है, और प्रेम विवाह सुखी जीवन का मूलमंत्र, ऐसा नहीं है सुसंगत विवाह में प्रेम नहीं होता है, सुसंगत विवाह में मनुष्य के मन में एक इक्षा सदैव रहता है जो कि उसके मन में अनंत काल तक खटकती है, किंतु प्रेम विवाह में मनुष्य को अपने अनुसार पति/पत्नी  चुनने का मौका रहता है, जिसके साथ वो खुशी के संग अपने पूरे जीवन को व्यतीत कर सके!!
किंतु आज के दौर में जैसे-जैसे प्रेम विवाह का दर बढ़ रहा है उसी तेजी से तलाक का दर भी बढ़ रहा है, वैसे भारत में केरल शिक्षा दर में प्रथम स्थान पर है किंतु तलाक लेने के मामले में भी केरल ने ही  सर्वप्रथम स्थान पर कब्जा कर रखा है, जिसका मूल कारण भी शिक्षा है, जब बच्चे उच्चस्तरीय शिक्षा प्राप्त कर लेते हैं तो गार्जियन को लगता है अब बच्चे समझदार हो चुके हैं, क्योंकि उनके पास जीवनयापन के लिए एक परमानेंट नौकरी है, और उनके चुने हुये साथी के साथ विवाह करवा देते हैं, यूपी-बिहार में अभी भी प्रेम विवाह में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है प्रेमियों को, किंतु अब बच्चें कही भाग ना जाये या आत्महत्या ना कर ले उस विवशता में बच्चों के फैसले को स्वीकार कर लेते हैं गार्जियन, उनको लगता हैं बच्चे खुश रहेंगे तो हम खुश रहेंगे, पर गार्जियन को इस बात का तनिक भनक नहीं होता इस विवाह से पहले उनके बच्चों ने काफी शर्त पहले ही मनवा लिया है एक-दूसरे से!!
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विवाह दो आत्माओं का मेल है ऐसा कहा जाता है किंतु ना तो ये त्रेता युग है ना ही कोई यहाँ पर शिव, फिर भी प्रेम अभी भी अपने मर्यादा और संस्कार के वजह से जीवित है, नहीं तो  87% प्रेम तो वासनाओं से घिरा है और जिसका आंखों देखा हाल आपको आपके आस-पास ही देखने को मिलेगा, और ना जाने इस चक्कर में लाखों लड़कियों और हजारों लड़कों ने अपने जीवन को मृत्यु में तब्दील कर लिया है इसका एक अहम विषय स्वत्रंत रहना भी है!!
अब आते हैं मुद्दे पर प्रेम में पड़े लड़के और लड़कियाँ इतना केयर एक दूसरे को करते हैं मानो प्रेम का मतलब सिर्फ ख़ुशियाँ ही हो,  लड़के हर बात पर हाँ भरने लगते हैं मतलब लड़की को पाने के लिए और अगर उसके संग भविष्य देख रहे हैं तो, नहीं बुझे मने विवाह करने लिए लड़की को इतना भाव देते हैं जिससे लड़की को भी लगता है सच में जीवन इसके संग बिताने के अलावा और कोई दूसरा लड़का हो ही नहीं सकता, उधर लड़की सब लड़को को इतना केयर, बातों में सहमति, घर-परिवार के संग रिश्ता, मतलब लगता है जैसे फ़िल्म सीरियल में होता है कुछ भी हो जाये पर परिवार के संग रहूंगी और कुछ इमोशनल लड़के उनके इन सब केयर को देख जुट जाते हैं परिवार को मनाने में, आग दोनों तरफ लग जाती है शादी की, फिर सैकडों योजन का कष्ट दोनों उठा कर मना ही लेते हैं अपने परिवार को, जहां नहीं मानते हैं परिवार वाले वहाँ हम जैसे लफंडर दोस्त है ना पेपर पर सिग्नेचर करने के लिए!!
विवाह तो जैसे-तैसे हो जाता है किंतु प्रेम का जूस तब निकलता है जब घर के छोटे-छोटे झगड़े, आपसी मन-मुटाव और सोशल मीडिया पर समय व्यतीत, मतलब जो काम पहले बढ़िया लग रहा था अब उसी काम के कारण दोनों के रिश्तों में दरार भी शुरू होने लगता है, किंतु इसका खामियाजा यहाँ भी परिवार ही भरता है, अगर लड़की/लड़का समझदार है तो वो समाज के बीच एक उदाहरण हो जाते हैं किंतु जहाँ लड़का अपना सब कुछ लड़की के प्रति समर्पित कर दे पर लड़की को सिर्फ अपने बच्चें और पति संग रहने का फैसला हो, या अपने मायके वालों को ज्यादा तबज्जो देना, ससुराल वालों के प्रति सिर्फ दिखावा, उसी का उल्टा लड़का करने लगे तब वहाँ से शुरू होती है दरारें और फिर लड़की के बार-बार कहने पर अगर लड़का उसके हिसाब से ना चले तो तानों से शुरू लड़ाई, गली-गलौज फिर थाना-पुलिस होते कोर्ट वाली आर्केस्ट्रा तक पहुँच जाती है, क्योंकि गलती लड़के का है, उसने पहले इतने सपने दिखा दिये जो लड़की को लगा अब उसके साथ गलत हो रहा है, और अपने दोस्त या परिवार के सहारे वो उसी व्यक्ति से दूर होना चाहती है जिसके संग उसने बुन रखे थे मृत्युकाल तक के सपने!!
गलतियाँ कभी एक तरफा नहीं होता है, यहाँ लड़कियाँ भी गलत होती है, शुरू में अपने व्यवहार और प्रेम से लड़को का दिल जीतती है, हर काम के लिए संग खड़ी रहती है, चाहे वो एकता हो या जोड़ना, मतलब ऐसा रूप दिखाती है मानों कोई देवी हो, अगर वो बाहर वालों के लिए इतना कर रही है तो घरवालों के संग कितना प्रेम करेंगी, और लड़कियाँ भी वो हर काम करती है जिससे लगता है समाज में हम एक उदाहरण बनेंगे किंतु कुछ समय उपरांत उसका उल्टा होता है जो एक-दूसरे के मनमुटाव का अहम कारण बनता है, वैसे प्रेम में पैसों का भी एक अहम किरदार है पर जो समझदार जोड़े होते हैं वो उसमें भी निर्वहन करते हैं वो कभी भी पैसों के वजह से तलाक को अहम कारण नहीं बनने देते हैं, इन्ही छोटी-छोटी बातों को दोनों विवाह उपरांत संभाल नहीं पाते हैं जो दो परिवारों को दुश्मन भी बनाती है और प्रेम के प्रति लोंगो को घृणित करती है, अगर हम थोड़ा समझदार हो जाये और परिस्थितियों को खुद समझे देखे कहाँ-कहाँ हम गलत जा रहे हैं, पहले हमने ऐसा क्या किया जो अब चूक हो रही है तो प्रेम विवाह में तलाक दर की संख्या को हम घटाने में काफी कामयाब रहेंगे और प्रेम का जो ओहदा है समाज में उसमें चार चांद भी लगायेंगे!!
ज्यादा लिखना मतलब बकलोली करने जैसा लगेगा, हमें हर रिश्ते में कुछ ना कुछ कमी मिलेगा इसलिए रिश्तों से भागने की वजह हमें उसी रिश्ते को अगर ठीक करने से खुशी मिले तो जरूर कोशिश करे,अरे सिंपल सी बात है भाई अगर बाहर लड़ाई-झगड़ा, मारा-पीट हो जाता है तो उनसे फिर से हम जुड़ जाते हैं, फिर अपने परिवार के लोंगो के संग चंद शब्द से आखिर दूरी क्यों? मिलबैठकर और बातें समझकर ही हम किसी भी रिश्ते को एक मजबूती से स्थापित कर सकते हैं , नहीं तो रिश्तों का शतरंज युगों से चला आ रहा है चाहे वो पांडव-कौरवों का हो या राम-कैकेय माते का, क्योंकि हर रिश्ते में कुछ ना कुछ खोना पड़ता है, पर अगर हम उसको जोड़कर रखने में सक्षम है तो फिर उसके बाद कि खुशी आपको शायद एक ऐसा एहसास जरूर करवा देगी जो  जोड़ना ही प्रेम का पहला और आखिरी पड़ाव है!!
" अकेले रहने में कोई गुनाह नहीं है
किंतु हम कभी अकेले रह नहीं पाते हैं
रोटी भी अकेले नहीं फूलती है
उसको भी आग-चूल्हे और हथेली की जरूरत है"
   Vipin Jha
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comicsbyte · 8 months
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Hindi Diwas Aur Comics
हिंदी दिवस और कॉमिक्स (Hindi Diwas Aur Comics)
#ComicsByte #HindiDiwas #hindicomics #comics #indiancomics #blog #articleoftheday
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rashid92786 · 9 months
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Vivo S17t लॉन्च: 50MP कैमरा और 12GB रैम के साथ मिलेंगी बेहतरीन फीचर्स, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
Vivo S17t के 50MP कैमरा और 12GB रैम क्या आपको बेस्ट मोबाइल एक्सपीरियंस देंगे? जानिए कीमत, स्पेसिफिकेशन्स और एक्सक्लूसिव फीचर्स इस रिव्यू में। अब क्लिक करें! HIGHLIGHTS विवो S17t अब चीन के बाजार में खरीदने के लिए उपस्थित है। डिवाइस में 12GB RAM और 512GB इंटरनल स्टोरेज का संयोजन मिलता है। Dimensity 8050 चिपसेट के साथ यह स्मार्टफोन उत्कृष्ट प्रदर्शन प्रदान करता है। Vivo ने साल की शुरुवात में…
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sadubkiduniya · 10 months
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The difference that I observed….
Hindi Dubs...
We know that Japanese dubs are superior to English dubs and there are sometimes when English dubs are superior to Japanese dubs… As a fan dubber, I always listen to many dubs and observe them what I found is that it’s all about efforts and teams…
If any of you know how much Hindi dub is worse and have to face backlashes… Why??? Just because of the studios and the artist. They don’t put up that much effort in their works and charge higher rates even though in the end fan dubs surpass the official ones… I’m talking about every time but most of the time…
Coming back to the topic… https://youtu.be/IJ4uuxhgksI
I was watching this clip and the way dialogues and everything is synced… It gives the serious vibe of a fight and situation… That is how much the protagonist is concerned about his people… Also, the scripting is done so beautifully and perfectly that it even makes you quote those lines and use them for motivation… Just play the clip and feel it… https://youtu.be/MMT01_z8kz8
Here, also everything is okay. But I didn’t like the feel… Like still something is missing in this one dub… It is not matching the perfection of the dub… The protagonist is putting all of his efforts but about the villain, it feels like something is missing…
Play both of the clips and you will find the difference… Sometimes it’s not about UWU, Ara-Ara, or Onii-chan… Sometimes it’s just your efforts behind the dub… which come out… I know comparing the original and English versions is a foolish thing to do but just think about it practically…
People who say that Hindi dubs need support… But even after spending a large amount of money, they are still not able to make it what we needed… It’s equal to expecting a good rank without studying hard or hoping to likes without putting in effort…
Well, I’m a self-taught dubber so I have just given my opinions based on my observations, experience and knowledge that I have… I bet that those who are connected to their favourite fandom. They know that fan dubs and fan-made content is surpassing the original content…
I hope you all get my point… Sayonara
Arigatou Osaimasu….
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