पूर्ण परमात्मा चारों युगों में आते हैं, अच्छी आत्माओं को मिलते हैं।
"सतयुग में सत्यसुकृत नाम से, त्रेता में मुनीन्द्र नाम से आये, द्वापर में करुणामय नाम से तथा कलयुग में अपने वास्तविक नाम कबीर नाम से प्रकट हुए। आज वर्तमान में इस पृथ्वी पर संत रामपाल जी महाराज जी के रूप में विद्यमान है।।
पूर्ण परमात्मा चारों युगों में आते हैं, अच्छी आत्माओं को मिलते हैं।
"सतयुग में सत्यसुकृत नाम से, त्रेता में मुनीन्द्र नाम से आये, द्वापर में करुणामय नाम से तथा कलयुग में अपने वास्तविक नाम कबीर नाम से प्रकट हुए। आज वर्तमान में इस पृथ्वी पर संत रामपाल जी महाराज जी के रूप में विद्यमान है।।
समाज में व्यापक कुरीतियों और बढ़ रहे सामाजिक अपराधों से छुटकारा पाने के लिए हमें तत्वज्ञान की आवश्यकता है और ऐसा ही ज्ञान देने वाले जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का 17 फरवरी को बोध दिवस है।
"वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं, वह 20 वर्ष का हो चुका है।" - जयगुरुदेव
जय गुरुदेव पंथ के संस्थापक तुलसीदास जी द्वारा 7 सितंबर 1971 को लिखी उपरोक्त भविष्यवाणी सिर्फ संत रामपाल जी महाराज पर ही सही बैठती है क्योंकि 8 सितंबर 1951 को अवतरित हुए संत रामपाल जी महाराज 7 सितंबर 1971 को पूरे 20 वर्ष के हो गए थे।