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#लक्ष्य प्राप्ति
vlogrush · 9 days
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जीवन में सफल होने के लिए 3 मुख्य मंत्र कौन से हैं?
सफल होने के लिए 3 मुख्य मंत्र जीवन में सफलता प्राप्त करना हर किसी का लक्ष्य होता है। यहाँ जीवन में सफल होने के लिए 3 महत्वपूर्ण मंत्र बताए गए हैं – लगन, संकल्प और अनुशासन। इन मंत्रों को अपनाकर आप अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं और एक सफल जीवन बना सकते हैं।जीवन में सफलता प्राप्त करना आसान नहीं है। यह एक लंबी और कठिन यात्रा है जिसमें कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ता है। हालाँकि, यदि आप कुछ…
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official-aryan · 29 days
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सतलोक (शाश्वत स्थान) को प्राप्त करने के लिए आप जी को सती तथा शूरमा की तरह कुर्बान होना पड़ेगा।
भावार्थ है कि अपने उद्देश्य यानी पूर्ण मोक्ष प्राप्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संसार के सर्व लोभ, लाभ त्यागने पड़ें तो विचारने की आवश्यकता नहीं है। तुरंत छोड़ो और अपने स्मरण ध्यान में मगन रहो।
- बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज
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helputrust · 5 months
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लखनऊ, 12.01.2024 | राष्ट्रीय युवा दिवस 2024 (स्वामी विवेकानंद जयंती) के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, गोमती नगर, लखनऊ तथा यंग मैनेजर फोरम, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, गोमती नगर लखनऊ में सेमिनार "Empowering Youth for Nation Building:Lessons from Swami Vivekananda's Ideals" का आयोजन किया गया | सेमिनार में विशिष्ट वक्ता के रूप में श्री शोभित नारायण अग्रवाल, Youth Volunteer at Ram Krishna Math, Trainer & Practitioner, CA देवेश अग्रवाल व मिस प्रियम गुप्ता, HR Professional and Educator ने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व व सिद्धांतों से अवगत कराया तथा यह भी बताया कि किस तरह से स्वामी विवेकानंद द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलकर वे एक अच्छे तथा सफल इंसान बन सकते हैं | सेमिनार का संचालन वंदना त्रिभुवन सिंह ने किया | सेमिनार का शुभारंभ करते हुए श्री शोभित नारायण अग्रवाल, CA देवेश अग्रवाल, मिस प्रियम गुप्ता, डॉ रोहित  चंद्रा, प्रधानाध्यापक, लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, गोमती नगर तथा डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने दीप प्रज्वलन किया तथा स्वामी विवेकानंद जी को श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि अर्पित की | सभी अतिथियों का डॉ रूपल अग्रवाल ने प्रतीक चिन्ह द्वारा सम्मान किया | डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया तथा कहा कि "स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती सिर्फ एक उत्सव ही नहीं है बल्कि यह जीवन में कुछकर गुजरने का आवाहन है | स्वामी विवेकानंद मानते थे कि अगर देश को प्रगति की ऊंचाइयों तक ले जाना है तो देश के युवा वर्ग को आगे आना होगा तथा अपनी जिम्मेदारियों  को समझना होगा | आज इस सेमिनार के माध्यम से हम विद्यार्थियों को यही संदेश देना चाहते हैं कि वे अपने सपनों के पीछे भागे तथा जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए तब तक ना रुके |" श्री शोभित नारायण अग्रवाल ने विद्यार्थियों को बताया कि "जैसा आप सोचते हैं, वैसे ही बन जाते हैं इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए | हमें सुबह उठकर भगवान का, अपने माता-पिता का तथा अपने गुरुजनों का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि उन्होंने हमें यह जीवन दिया और हमारी जिंदगी के हर सपने को पूरा करने में हमारी मदद की | उन्होंने बताया कि हमेशा अपने लक्ष्य को बड़ा रखना चाहिए क्योंकि लक्ष्य जितना बड़ा होगा उतनी ही बड़ी उसको पाने की जिद भी होगी क्योंकि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि "उठो, जागो और अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले मत रुको |" CA देवेश अग्रवाल ने विद्यार्थियों को उनके करियर के बारे में जानकारी दी और कहा कि "आप जो कुछ भी बनना चाहते हैं उसके बारे में एक सकारात्मक सोच रखें | आप जो कुछ भी बनना चाहते हैं उसको अपने दिमाग में रखकर उसी दिशा में काम करें तभी सफलता निश्चित है | मिस प्रियम गुप्ता ने दो लकड़हारे की कहानी के माध्यम से विद्यार्थियों को  समझाया कि किस तरह से एक युवा लकड़हारे ने अपने दिमाग का सही इस्तेमाल कर कम समय में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया| उन्होंने बताया कि, "हमें अपने जीवन के लक्ष्य को सही समय पर निर्धारित कर लेना चाहिए क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि हम बनना कुछ और चाहते हैं और दिशा कुछ और पकड़ लेते हैं जिससे बाद में हमें ही अवसाद का शिकार होना पड़ता है इसलिए हमारे लिए यह जरूरी है कि हम लोगों की बातों को समझें, अपने विचारों को सही तरह से लोगों के सामने रखें तथा अपनी कमजोरी पर विजय हासिल करें तभी सफलता निश्चित है | श्री रोहित चंद्रा ने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय युवा दिवस की बधाई देते हुए उन्हें स्वामी विवेकानंद के बताए रास्ते पर चलने के लिए कहा तथा यह भी बताया कि "हमारे महापुरुष हमें बहुत कुछ सिखाते हैं जरूरत है उनके बारे में पढ़ने की और उसे समझने की |" सेमिनार में लोयोला इंटरनेशनल स्कूल से शिक्षिकाओं मिस शिखा झुनझुनवाला, मिस कोमल यदुवंशी तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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manisha999 · 5 months
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#सत_भक्ति_सन्देश
सतलोक (शाश्वत स्थान)
को प्राप्त करने के लिए आप जी को सती तथा शूरमा की तरह कुर्बान होना पड़ेगा।
भावार्थ-:
है कि अपने उद्देश्य यानी पूर्ण मोक्ष प्राप्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संसार के सर्व लोभ-लाभ त्यागने पड़ें तो विचारने की आवश्यकता नहीं है। तुरंत छोड़ो और अपने स्मरण ध्यान में मगन रहो।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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mehaksharmasblog · 29 days
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सतलोक (शाश्वत स्थान) को प्राप्त करने के लिए आप जी को सती तथा शूरमा की तरह कुर्बान होना पड़ेगा।
भावार्थ है कि अपने उद्देश्य यानी पूर्ण मोक्ष प्राप्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संसार के सर्व लोभ, लाभ त्यागने पड़ें तो विचारने की आवश्यकता नहीं है। तुरंत छोड़ो और अपने स्मरण ध्यान में मगन रहो।
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helpukiranagarwal · 4 months
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राष्ट्रीय एकता की नींव डालने वाली भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की महत्वपूर्ण चौरी-चौरा घटना के 102 वर्ष पूरे होने पर मां भारती की स्वतंत्रता के पुण्य लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को शत-शत नमन ।
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helputrust-drrupal · 4 months
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राष्ट्रीय एकता की नींव डालने वाली भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की महत्वपूर्ण चौरी-चौरा घटना के 102 वर्ष पूरे होने पर मां भारती की स्वतंत्रता के पुण्य लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को शत-शत नमन ।
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helputrust-harsh · 4 months
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राष्ट्रीय एकता की नींव डालने वाली भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की महत्वपूर्ण चौरी-चौरा घटना के 102 वर्ष पूरे होने पर मां भारती की स्वतंत्रता के पुण्य लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को शत-शत नमन ।
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naveensarohasblog · 2 years
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#गरिमा_गीता_की_Part_13
शब्द - ‘सतलोक में चल मेरी सुरता
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-ः शब्द:-
सतलोक में चल मेरी सुरतां, मत न लावै देरी। साच कहूँ न झूठ रति भर, तू बात मान ले मेरी।।टेक।।
प्रथम जाना सतसंग के में चर्चा सुनिए आत्म ज्ञान की, सुनकै सतसंग जागी नहीं तो पूछ श्वान की।
तीर्थ व्रत ये पित्रा पूजा कोन्या किसे काम की, लै कै नाम गुरु से भक्ति करिए कबीर भगवान की।।
मत सुनना मन सैतान की, ये चैकस घालै घेरी।।1।।
काल लोक में कष्ट उठावै यह कोन्या तेरा ठिकाना, मात पिता संतान सम्पति का झूठा बुन रही ताना।
जाप अजपा मिल जावै जब सुमरण में मन लाना, सार शब्द तेरे काटे बंधन आकाशै उड जाना।।
त्रिकुटी में आना हे सुरतां, मतना भटकै बेरी।।2।।
त्रिकुटी में पहुँच कै सुरतां चारों ओर लखावै, शब्द गुरु फिर प्रकट होवे उसते ब्याह करवावै।
नूरी रूप गुरु का होकै तेरै आगे-आगे जावै, सतलोक में सेज बिछी तेरे चैकस लाड लडावै।।
जन्म मरन मिट जावै हे सुरतां, हो आनन्द काया तेरी।।3।।
सतलोक में जा कै हे सुरतां संकट कट जां सारे, अलख लोक और अगम लोक के दिखैं सभी नजारे।
लोक अनामी जावैगी वहां कोन्या मिलैं चैबारे, आत्मा और परमात्मा वहां भी रहते न्यारे-न्यारे।।
रामपाल प्रीतम प्यारे की आत्मा, अब पूर्ण आनन्द लेरी।।4।।
भावार्थ:- भक्त/भक्तमति को समझाने के लिए अपनी सुरति जो आत्मा की आँख है, दूसरे शब्दों में अप्रत्यक्ष रूप से आत्मा को सुरतां नाम से संबोधित करके पूर्णमोक्ष यानि पाँचवीं मुक्ति को प्राप्त करने की प्रेरणा लेखक ने की है और पाँचवीं मुक्ति कैसे मिलेगी, उसकी प्राप्ति में क्या बाधा आती है, सब बताया है। कहा है कि मेरी सुरति यानि ध्यान सतलोक वाले सुख को प्राप्त करने के लिए उस ओर चल यानि लगन लगा। भक्त/भक्तमति अपनी आस्था पूर्ण मोक्ष प्राप्ति के लिए दृढ़ कर। विलम्ब न कर। मैं सत्य कह रहा हूँ कि सत्यलोक में सर्व सुख हैं। इसी को गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में शाश्वतं स्थानम् यानि सनातन परम धाम कहा है। वहाँ परमशांति बताई है। जिज्ञासु को सर्वप्रथम संत का सत्संग सुनना चाहिए जो पूर्ण आत्मज्ञान करवाता है। बताता है कि आत्मा क्या है? मानव जीवन प्राप्त आत्मा का क्या लक्ष्य है? जीव को जन्म-मरण का चक्र किस कारण से है? इस कष्ट से कैसे छुटकारा मिल सकता है? यह आत्मज्ञान है। परमात्मा ज्ञान (परमात्म ज्ञान) वह है जिसमें परमेश्वर जी की महिमा, गुण तथा पहचान बताई जाती है। उसकी प्राप्ति का मार्ग शास्त्रोक्त बताया जाता है। यह सर्व ज्ञान पूर्ण संत ही बताता है। पूर्ण संत जो यह ज्ञान बताता है, वह सुदुर्लभ है। गीता अध्याय 7 श्लोक 19 में यही बताया है कि जो संत यह ज्ञान करवाता है कि वासुदेव का अर्थ है कि जिसका वास सब स्थानों पर है यानि सर्व का स्वामी जो सर्व ब्रह्माण्डों में अपनी सत्ता जमाए है। वह ही सब कुछ है यानि वही विश्व का उत्पत्तिकर्ता, पालनकर्ता, मोक्षदाता है। वह संत बहुत दुर्लभ है। {सूक्ष��मवेद में कहा है कि ऐसे संत करोड़ों में नहीं मिलेगा, अरबों व्यक्तियों में एक मिलता है। वर्तमान में यानि सन् 2012 में मेरे (रामपाल दास के) अतिरिक्त सात अरब मनुष्यों में कोई भी वह संत नहीं है।} उस संत का सत्संग सुनो। यदि उसका सत्संग सुनकर भी भक्ति की प्रेरणा नहीं बनती है तो वह जीव कुत्ते की दुम के समान है जो बारह वर्ष तक बाँस की नली में डालकर रखने के पश्चात् भी सीधी नहीं होती। बाहर निकालते हैं तो उसी स्थिति में हो जाती है। वह संत शास्त्रा प्रमाणित ज्ञान बताता है कि जो लोक वेद यानि दंत कथाओं के आधार से तीर्थ, भ्रमण, व्रत रखना, पितर पूजा यानि श्राद्ध कर्म करना आदि-आदि साधना का साधक को लाभ के स्थान पर हानि मिलती है, यह नहीं करनी चाहिए। गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में भी यह बताया है कि भूत पूजने वाले भूत बनते हैं। पितर पूजने वाले पितर बनते हैं। इसलिए पितर पूजा (श्राद्ध करना), भूत पूजा (तेरहवीं, सतरहवीं, वर्षी आदि-आदि कर्मकाण्ड क्रियाऐं) नहीं करनी चाहिऐं। ये सब अध्यात्म में बाधक हैं। पूर्ण संत यानि सतगुरू से दीक्षा लेकर कबीर परमेश्वर जी को ईष्ट मानकर साधना करने से पूर्ण मोक्ष होगा। सत्य मार्ग पर चलने के पश्चात् मन जो काल ब्रह्म का एजेंट है, यह भ्रमित करेगा। भय भी उत्पन्न करेगा कि वर्षों से करते आ रहे थे, उस साधना को त्यागने से हानि हो सकती है। अन्य गलतियाँ करने को प्रेरित करेगा जो भक्ति खंडित करती हैं। इसलिए मन शैतान की मिथ्या कल्पनाओं की ओर ध्यान नहीं देना है। गुरू जी के बताए मार्ग पर निर्भय होकर चलते रहना है।
काल के इक्कीस ब्रह्माण्डों में सर्व प्राणी जन्म-मरण तथा कर्मों का कष्ट झेल रहे हैं। यह जीव का वास्तविक निवास नहीं है। देवताओं तक की भी मृत्यु होती है और जन्म होता है। नरक में भी गिरना होता है। अन्य प्राणियों के शरीरों में कर्मानुसार कष्ट भोगना पड़ता है। आज हम जिस परिवार व संपत्ति को अपना मानते हैं, यह अपना नहीं है। यह भारी धोखा काल ने किया है। अपनी मृत्यु हो जाएगी। परिवार व संपत्ति व निवास छूट जाएगा। यह अपना निज ठिकाना नहीं है। केवल सतलोक (सनातन परम धाम) प्रत्येक जीव का ठिकाना है जहाँ कभी मृत्यु-वृद्धावस्था तथा कष्ट नहीं होता। उस सतलोक को प्राप्त करने के लिए प्रथम उपदेश जो सात नामों का है, उसका सुमरण उच्चारण करके या मानसिक करना होता है। दूसरा उपदेश श्वासों से करना होता है। इसलिए अजप्पा जाप (स्मरण) कहा जाता है। तीसरी बार में सारनाम प्रदान गुरू जी करते हैं। तीनों उपदेशों का स्मरण करना है।
सारनाम से जन्म-मरण का कष्ट समाप्त होता है। मृत्यु के पश्चात् मर्यादा में रहकर भक्ति करने वाली आत्मा कर्म बन्धन से मुक्त होकर आकाश में उड़ जाती है। जैसे तोते को पिंजरे से निकाल दिया जाता है तो वह तीव्र गति से आकाश में उड़ जाता है। वह सावधानी नहीं करेगा तो फिर से बंदी बन सकता है। इसीलिए कहा है कि हे आत्मा! आप यदि सावधानी नहीं करोगी तो फिर से बंधन में फँस जाओगी। इसलिए आन-उपासना न करना। फिर से अपनी परंपरागत साधना करने बेरी वाली माता पर न चली जाना। न पिण्ड-दान करने गंगासागर वाली बेरी पर भी न जाना। शरीर में बने कमलों का मार्ग प्रथम मंत्रा खोल देता है। फिर दूसरे मंत्र यानि सतनाम की भक्ति की शक्ति (सिद्धि) के कारण जीव त्रिकुटी कमल में जाता है। वहाँ जाने को कहा है।
त्रिकुटी ऐसा स्थान है जैसे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होता है जहाँ से जिस देश में जाने की टिकट है, वहाँ से हवाई जहाज मिलता है। जिस साधक ने जिस भी ईष्ट की भक्ति की है, वह सर्वप्रथम त्रिकुटी स्थान पर जाता है। वहाँ से उसको गुरू के रूप में उसका ईष्ट देव मिलता है। अपने गुरू को पहचानकर साधक उसके साथ ईष्ट धाम में चला जाता है। जो परमेश्वर कबीर जी के भक्त होते हैं, उनके साथ काल ब्रह्म (ज्योति निरंजन) छल करता है। काल ब्रह्म कबीर भक्त के गुरू जी का रूप बना लेता है। जिनको विवेक नहीं होता, वे बिना परीक्षा किए उसके साथ चल पड़ता है जिसे नकली सतलोक में छोड़ा जाता है। वह काल का ब्रह्मलोक यानि महास्वर्ग है। जिस कारण से वह साधक काल जाल में ही रह जाता है।
परीक्षा कैसे करनी है?
परिक्षा विधि:- भक्त को चाहिए कि गुरू जी के दर्शन करते वक्त सत्यनाम व सारनाम का स्मरण करेेेेेेेे। यदि नकली गुरू यानि काल होगा तो उसका स्वांग समाप्त हो जाएगा यानि गुरू का रूप नहीं रहेगा। उसका असली स्वरूप प्रत्यक्ष हो जाएगा। यदि असली गुरू जी होगा तो वास्तविक स्वरूप (चेहरा) बना रहेगा। त्रिकुटी स्थान पर जाकर चारों ओर दृष्टि घुमाकर अपने गुरूदेव को खोजे। जब जीवात्मा को शब्द गुरू यानि दीक्षा देने वाला अविनाशी गुरू दिखाई दे तो उससे विवाह करावे यानि उसका पल्ला पकड़े। भावार्थ है कि जैसे लड़की का विवाह जिस लड़के से कर दिया जाता है तो वह उसकी पहचान कर लेती है। सबको त्यागकर उसके साथ चल पड़ती है। रास्ते में किसी अन्य से नाता नहीं जोड़ती। वह पति के घर चली जाती है। इसी प्रकार आत्मा अपने गुरू जी के साथ-साथ रहे, गुरू जी के रूप में परमेश्वर कबीर जी आगे-आगे चलेंगे। आत्मा दुल्हन की भांति पीछे-पीछे चले। वह आत्मा अपने पति परमेश्वर के घर यानि सतलोक में सर्व सुख प्राप्त करेगी। परमात्मा मोक्ष प्राप्त आत्मा को बहुत लाड़-प्यार देता है। प्रशंसा करता है। सतलोक में जाने के पश्चात् सर्व संकट समाप्त हो जाते हैं। सत्यलोक में जीव को हंस कहते हैं। हंसात्मा स्त्राी-पुरूष रूप में रहते हैं। स्त्राी को हंसनी तथा पुरूष को हंस कहते हैं। जैसे यहाँ भक्त तथा भगतनी या भक्तमति कहते हैं। सतलोक में हंसात्माओं को दिव्य दृष्टि प्राप्त हो जाती है। जिसके द्वारा ऊपर के दोनों लोक (अलख लोक और अगम लोक) देखे जा सकते हैं। परंतु अकह लोक यानि अनामी लोक को तो वहीं जाकर देखा जाता है। वहाँ पर भी परमात्मा तथा आत्मा भिन्न-भिन्न निवास करते हैं। सत्यलोक में हंसात्मा अपने पति परमेश्वर यानि परमहंस के लोक में सर्व सुख प्राप्त कर रही होती है। अनामी लोक में कोई मकान नहीं है। अन्य तीनों लोकों में सुंदर महल प्रत्येक परिवार को प्राप्त हैं।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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drrupal-helputrust · 1 year
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चौरी-चौरा घटना के दिन मां भारती की स्वतंत्रता के पुण्य लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को शत शत नमन ।
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panditsatypalgour · 3 days
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Today's Horoscope-
मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपको कुछ अतिरिक्त कार्य सौपे जाएंगे। लापरवाह एवं आलसी स्वभाव के चलते आरम्भ में ये झंझट लगेंगे लेकिन कुछ समय बीतने पर इनमें ही मग्न हो जाएंगे। कार्य व्यवसाय में मध्यान तक ही रुचि लेंगे इसके बाद का समय एकांत में बिताना पसंद करेंगे। आज आप एकबार लिए निर्णय से पीछे नहीं हटेंगे चाहे हानि ही क्यों ना हो। घर में मांगलिक आयोजन होंगे वातावरण आत्मबल देने वाला रहेगा। दिन का कुछ समय पूर्व में किये कार्यों की समीक्षा में बीतेगा इससे संतोष की प्राप्ति होगीं। संध्या बाद मन काल्पनिक दुनिया में खोया रहेगा। परिवार के सदस्य अपनी अनदेखी से उदास रहेंगे। सेहत कुछ समय के लिये नरम बनेगी।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपका लक्ष्य घर मे सुख के साधनों की वृद्वि करना रहेगा इसमे काफी हद तक सफल भी रहेंगे व्यवसायी वर्ग खर्च करने से पीछे नही हटेंगे आर्थिक स्थिति ठीक रहने और परिजनों के सुख को देखते हुए अखरेगा भी नही। कार्य व्यवसाय में आकस्मिक उछाल आने से व्यस्तता बढ़ेगी पूर्वनियोजित कार्य मे फेरबदल करना पड़ेगा। नौकरी वाले जातको से मितव्ययी व्यवहार के कारण परिजन नाराज हो सकते है। मध्यान के बाद काम से ऊबन होने लगेगी लेकिन आज अतिरिक्त परिश्रम करते है तो कल इसका आश्चर्जनक लाभ देखने को मिलेगा। परिवार में आनंद का वातावरण रहेगा छोटी बातों को अनदेखा करें। सेहत ठीक रहेगी।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी विपरीत फलदायी बना रहेगा। दिन के आरम्भ में ही घर का मंगलमय वातावरण आपकी लापरवाहि अथवा उद्दंड व्यवहार के कारण अशान्त बनेगा। बात बात पर गर्मी दिखाकर मुख्य समस्या से बचने का प्रयास करेंगे। परिजनों से तालमेल बिठाना आज नामुमकिन ही रहेगा। कार्य क्षेत्र पर भी स्वयं गलती करेंगे और दोषी अन्य को ठहराएंगे सहकर्मियों अथवा देनदारों से धन को लेकर विवाद गहरा सकता है। मित्र मंडली में भी आपका रुखा व्यवहार रंग में भंग डालेगा। विवेक से काम लें आर्थिक लाभ के अवसर हाथ आते आते निकल सकते है। आवश्यक कार्यो को छोड़ व्यसन अथवा अन्य व्यर्थ के कार्यो पर खर्च करेंगे। धर्म के प्रति आस्था अन्य दिनों से कम रहेगी।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन लाभदायक होते हुए भी इसका उचित लाभ नही उठा सकेंगे। पूर्व में बनाई योजना के कारण कार्य व्यवसाय की और ज्यादा ध्यान नही दे सकेंगे कार्य क्षेत्र पर आज सहकर्मियों की कमी भी लाभ को सीमित करने का कारण बनेगी फिर भी काम चलाऊ धन किसी ना किसी प्रकार मिल ही जायेगा। मित्र रिश्तेदारी के साथ आज धार्मिक कार्यो के खर्च भी अतिरिक्त करने पड़ेंगे। व्यवहारिकता स्वभाव में दिखावा मात्र ही रहेगी स्वार्थ साधने के लिये मीठा व्यवहार करेंगे अन्यथा किसी से बात करना भी पसंद नही होगा। आवश्यक कार्य संध्या से पहले पूर्ण कर लें इसके बाद व्यर्थ की गतिविधियों ���ें फंसने के कारण अधूरे रह सकते है। सेहत सामान्य रहेगी।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप पूर्व नियोजित योजनाओं को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित रूप से कार्य करेंगे परन्तु फिर भी कोई काम अचनाक आने से असुविधा होगी कार्यक्रम में फेरबदल भी करना पड़ेगा। धर का वातावरण आशा से अधिक शांत मिलेगा सभी सदस्य अपने अपने काम मे मस्त रहेंगे लेकिन किसी काम की बोलने पर विपरीत व्यवहार भी कर सकते है। काम-धंधा आज पहले से कुछ मंदा रहेगा धन लाभ के एक दो प्रसंग ही बनेंगे लेकिन खर्च के हिसाब से पर्याप्त नही होंगे। आज आपका मन अनैतिक कार्यो में शीघ्र आकर्षित होगा बचकर रहें वरना बैठे बिठाये नई मुसीबत खड़ी होगी। स्वास्थ्य में पहके से राहत लेकिन पूर्ण ठीक नही रहेगा।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपको धर्म कर्म पूजा पाठ में सम्मिलित होने के सुअवसर प्रदान करेगा। आध्यत्मिक भावना भी बढ़ी रहने से पुण्य और परोपकार के कार्य में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे लेकिन आज घरेलू एवं व्यावसायिक कार्यो में ढील देने के कारण गृहस्थ में कलह के साथ ही व्यवसाय से उचित लाभ नही उठा पाएंगे। सहकर्मियों का सहयोग भी आज ना के बराबर रहेगा अधिकांश कार्य स्वयं के बल पर ही करने पड़ेंगे। घर के किसी सदस्य की जिद कुछ समय के लिये परेशानी में डालेगी पूरी होने पर ही वातावरण सामान्य बन सकेगा। सेहत को लेकर आशंकित रहेंगे।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज भी परिस्थिति प्रतिकूल रहेगी जल्दी से की कार्य को करने का मन नही करेगा इस कार्य को करेंगे उसमे कोई स्वयंजन ही टांग अडायेगा। शारीरिक रूप से भी कुछ ना कुछ कमजोरी बनी रहेगी महिलाये विशेष ध्यान रखें कमजोरी के कारण हाथ पैर में शिथिलता रहेगी। कार्य व्यवसाय में हानि के डर से आज महत्त्वपूर्ण फ़ैसले लेने से डरेंगे। ज्यादा सोच विचारने के चक्कर मे लाभ के सौदे हाथ से निकल सकते है। धन लाभ आज लेदेकर हो ही जायेगा परन्तु पर्याप्त नही होगा। हित शत्रुओं से सावधान रहें पीठ पीछे अहित कर सकते है। परिजनों की सांत्वना मिलने से राहत अनुभव होगी।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपका व्यवहार अनाड़ियों जैसा रहेगा बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देंगे जिससे लोगो मे आपकी छवि खराब हो सकती है। घर मे भी महत्त्वपूर्ण कार्यो को अनदेखा कर बेतुकी बातो पर बहस के लिये तैयार रहेंगे। कार्य व्यवसाय में कुछ लाभ के अनुबंध हाथ लगेंगे। आज आपको हानि होते होते किसी अनुभवी का मार्गदर्शन बचा लेगा लेकिन अभिमानी स्वभाव रहने के कारण फिरभी कृतज्ञ नही रहेंगे। धन की आमद किसी ना किसी रूप में अवश्य होगी परन्तु खर्च की तुलना में ना काफी रहेगी। गृहस्थी में शांति बनाए रखने के लिये पूर्व में किये वादों पर कायम रहें टालमटोल करना भारी पड़ेगा। संध्या बाद अकस्मात स्वास्थ्य संबंधित समस्या पनपेगी।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आप पिछले कुछ दिनों से बेहतर अनुभव करेंगे लेकिन आज धन को लेकर कुछ ना कुछ समस्या बनी रहेगी। स्वयं की तुलना अन्य लोगों से करने पर मन हीन भावना से ग्रस्त रहेगा। आज आप मेहनत करने के पक्ष में बिलकुल नही रहेंगे बैठे बिताये लाभ पाने के चक्कर मे छोटे मोटे लाभ से भी वंचित रहना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर धन लाभ की संभावनाए बनेंगी लेकिन अंत समय मे निराश ही होना पड़ेगा। लोग मतलब से व्यवहार रखेंगे काम निकलने के बाद भूल जाएंगे। गृहस्थ में भी धन संबंधित अभाव अनुभव होगा मन की इच्छाएं आज कम रखें अन्यथा दुख होगा। स्वास्थ्य में सुधार आएगा फिर भी आलस करेंगे। घर मे मंगल कार्य होंगे।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप काम की बातों को छोड़ अनर्गल विषयो में भटकेंगे। दिन के पूर्वार्ध से मध्यान तक आलस्य अधिक रहेगा घरेलू कार्य के साथ पूर्वनियोजित कार्य एक साथ सर पर आने से असुविधा होगी। जबरदस्ती करने पर ही कार्य करने के लिए तैयार होंगे लेकिन एकबार आरम्भ करने के बाद पूर्ण करके ही छोड़ेंगे। परिजन आपके हित के लिये कड़ा व्यवहार करेंगे लेकिन अंदर से हमदर्दी भी रखेंगे। मध्यान के आस-पास किसी से गरमा गरमी हो सकती है यहाँ धर्य और विवेक का परिचय दें अन्यथा मन की इच्छा मन मे ही रह जायेगी। संध्या का समय अपेक्षाकृत शांत रहेगा धार्मिक कार्यो के साथ मनोरंजन के अवसर भी मिलेंगे। स्वास्थ्य स्वयं की गलती से खराब हो सकता है।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिये थोड़ा उठापटक वाला रहेगा। आज आप बाहर के लोगो को आचरण में रहने का उपदेश देंगे लेकिन घर मे स्वयं के ऊपर लागू नही करेंगे। परिजन आपसे किसी ना किसी बात को लेकर विरोधाभास रखेंगे। आज आप अपने निर्णय पर ज्याददेर नही टिकेंगे इससे आस-पास के लोगो को खासी परेशानी होगी। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मी अथवा अधीनस्थों पर नाजायज रौब दिखाना अपमानित कराएगा। धन लाभ के लिये किसी की चाटुकारिता करनी पड़ेगी जो आपको पसंद ना होने पर सीमित साधनों से निर्वाह करना पड़ेगा। खर्च आय की तुलना में अधिक रहने से आर्थिक संतुलन गड़बड़ायेगा। परिजनों की नाराजगी शांति से बैठने नही देगी।
मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपके लिये आज की दिनचार्य थोड़ी सुस्त रहेगी लेकिन फिर भी शान्तिप्रद रहेगा। आरंभिक भाग में प्रत्येक कार्य मे आलस्य करेंगे घरेलू कार्यो की टालमटोल से परिजनों को परेशानी होगी बहस भी हो सकती है। काम-धंधे को लेकर आज ज्यादा झंझट में पड़ना पसंद नही करेंगे नौकरी वाले लोग भी आज का दिन शांति से बिताना पसंद करेंगे लेकिन कुछ ना कुछ काम आने से कामना पूर्ति नही हो सकेगी। आज आपको धन की अपेक्षा सम्मान लाभ अधिक मिलेगा। सार्वजनिक कार्यो में रुचि बढ़ेगी। मित्र परिचितों के साथ धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी। सेहत में संध्या बाद नरमी आने लगेगी सतर्क रहें।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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मनचाही लव मैरिज करवाना, पति या प्रेमी को मनाना, कारोबार का न चलना, धन की प्राप्ति, पति पत्नी में अनबन और गुप्त प्रेम आदि समस्याओ का समाधान।
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vlogrush · 9 days
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जीवन में सफल होने के लिए 3 मुख्य मंत्र कौन से हैं?
सफल होने के लिए 3 मुख्य मंत्र जीवन में सफलता प्राप्त करना हर किसी का लक्ष्य होता है। यहाँ जीवन में सफल होने के लिए 3 महत्वपूर्ण मंत्र बताए गए हैं – लगन, संकल्प और अनुशासन। इन मंत्रों को अपनाकर आप अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं और एक सफल जीवन बना सकते हैं।जीवन में सफलता प्राप्त करना आसान नहीं है। यह एक लंबी और कठिन यात्रा है जिसमें कई चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ता है। हालाँकि, यदि आप कुछ…
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Today's Horoscope-
मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपको कुछ अतिरिक्त कार्य सौपे जाएंगे। लापरवाह एवं आलसी स्वभाव के चलते आरम्भ में ये झंझट लगेंगे लेकिन कुछ समय बीतने पर इनमें ही मग्न हो जाएंगे। कार्य व्यवसाय में मध्यान तक ही रुचि लेंगे इसके बाद का समय एकांत में बिताना पसंद करेंगे। आज आप एकबार लिए निर्णय से पीछे नहीं हटेंगे चाहे हानि ही क्यों ना हो। घर में मांगलिक आयोजन होंगे वातावरण आत्मबल देने वाला रहेगा। दिन का कुछ समय पूर्व में किये कार्यों की समीक्षा में बीतेगा इससे संतोष की प्राप्ति होगीं। संध्या बाद मन काल्पनिक दुनिया में खोया रहेगा। परिवार के सदस्य अपनी अनदेखी से उदास रहेंगे। सेहत कुछ समय के लिये नरम बनेगी।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपका लक्ष्य घर मे सुख के साधनों की वृद्वि करना रहेगा इसमे काफी हद तक सफल भी रहेंगे व्यवसायी वर्ग खर्च करने से पीछे नही हटेंगे आर्थिक स्थिति ठीक रहने और परिजनों के सुख को देखते हुए अखरेगा भी नही। कार्य व्यवसाय में आकस्मिक उछाल आने से व्यस्तता बढ़ेगी पूर्वनियोजित कार्य मे फेरबदल करना पड़ेगा। नौकरी वाले जातको से मितव्ययी व्यवहार के कारण परिजन नाराज हो सकते है। मध्यान के बाद काम से ऊबन होने लगेगी लेकिन आज अतिरिक्त परिश्रम करते है तो कल इसका आश्चर्जनक लाभ देखने को मिलेगा। परिवार में आनंद का वातावरण रहेगा छोटी बातों को अनदेखा करें। सेहत ठीक रहेगी।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी विपरीत फलदायी बना रहेगा। दिन के आरम्भ में ही घर का मंगलमय वातावरण आपकी लापरवाहि अथवा उद्दंड व्यवहार के कारण अशान्त बनेगा। बात बात पर गर्मी दिखाकर मुख्य समस्या से बचने का प्रयास करेंगे। परिजनों से तालमेल बिठाना आज नामुमकिन ही रहेगा। कार्य क्षेत्र पर भी स्वयं गलती करेंगे और दोषी अन्य को ठहराएंगे सहकर्मियों अथवा देनदारों से धन को लेकर विवाद गहरा सकता है। मित्र मंडली में भी आपका रुखा व्यवहार रंग में भंग डालेगा। विवेक से काम लें आर्थिक लाभ के अवसर हाथ आते आते निकल सकते है। आवश्यक कार्यो को छोड़ व्यसन अथवा अन्य व्यर्थ के कार्यो पर खर्च करेंगे। धर्म के प्रति आस्था अन्य दिनों से कम रहेगी।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन लाभदायक होते हुए भी इसका उचित लाभ नही उठा सकेंगे। पूर्व में बनाई योजना के कारण कार्य व्यवसाय की और ज्यादा ध्यान नही दे सकेंगे कार्य क्षेत्र पर आज सहकर्मियों की कमी भी लाभ को सीमित करने का कारण बनेगी फिर भी काम चलाऊ धन किसी ना किसी प्रकार मिल ही जायेगा। मित्र रिश्तेदारी के साथ आज धार्मिक कार्यो के खर्च भी अतिरिक्त करने पड़ेंगे। व्यवहारिकता स्वभाव में दिखावा मात्र ही रहेगी स्वार्थ साधने के लिये मीठा व्यवहार करेंगे अन्यथा किसी से बात करना भी पसंद नही होगा। आवश्यक कार्य संध्या से पहले पूर्ण कर लें इसके बाद व्यर्थ की गतिविधियों में फंसने के कारण अधूरे रह सकते है। सेहत सामान्य रहेगी।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप पूर्व नियोजित योजनाओं को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित रूप से कार्य करेंगे परन्तु फिर भी कोई काम अचनाक आने से असुविधा होगी कार्यक्रम में फेरबदल भी करना पड़ेगा। धर का वातावरण आशा से अधिक शांत मिलेगा सभी सदस्य अपने अपने काम मे मस्त रहेंगे लेकिन किसी काम की बोलने पर विपरीत व्यवहार भी कर सकते है। काम-धंधा आज पहले से कुछ मंदा रहेगा धन लाभ के एक दो प्रसंग ही बनेंगे लेकिन खर्च के हिसाब से पर्याप्त नही होंगे। आज आपका मन अनैतिक कार्यो में शीघ्र आकर्षित होगा बचकर रहें वरना बैठे बिठाये नई मुसीबत खड़ी होगी। स्वास्थ्य में पहके से राहत लेकिन पूर्ण ठीक नही रहेगा।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपको धर्म कर्म पूजा पाठ में सम्मिलित होने के सुअवसर प्रदान करेगा। आध्यत्मिक भावना भी बढ़ी रहने से पुण्य और परोपकार के कार्य में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे लेकिन आज घरेलू एवं व्यावसायिक कार्यो में ढील देने के कारण गृहस्थ में कलह के साथ ही व्यवसाय से उचित लाभ नही उठा पाएंगे। सहकर्मियों का सहयोग भी आज ना के बराबर रहेगा अधिकांश कार्य स्वयं के बल पर ही करने पड़ेंगे। घर के किसी सदस्य की जिद कुछ समय के लिये परेशानी में डालेगी पूरी होने पर ही वातावरण सामान्य बन सकेगा। सेहत को लेकर आशंकित रहेंगे।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, त���, तू, ते)
आज भी परिस्थिति प्रतिकूल रहेगी जल्दी से की कार्य को करने का मन नही करेगा इस कार्य को करेंगे उसमे कोई स्वयंजन ही टांग अडायेगा। शारीरिक रूप से भी कुछ ना कुछ कमजोरी बनी रहेगी महिलाये विशेष ध्यान रखें कमजोरी के कारण हाथ पैर में शिथिलता रहेगी। कार्य व्यवसाय में हानि के डर से आज महत्त्वपूर्ण फ़ैसले लेने से डरेंगे। ज्यादा सोच विचारने के चक्कर मे लाभ के सौदे हाथ से निकल सकते है। धन लाभ आज लेदेकर हो ही जायेगा परन्तु पर्याप्त नही होगा। हित शत्रुओं से सावधान रहें पीठ पीछे अहित कर सकते है। परिजनों की सांत्वना मिलने से राहत अनुभव होगी।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपका व्यवहार अनाड़ियों जैसा रहेगा बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देंगे जिससे लोगो मे आपकी छवि खराब हो सकती है। घर मे भी मह��्त्वपूर्ण कार्यो को अनदेखा कर बेतुकी बातो पर बहस के लिये तैयार रहेंगे। कार्य व्यवसाय में कुछ लाभ के अनुबंध हाथ लगेंगे। आज आपको हानि होते होते किसी अनुभवी का मार्गदर्शन बचा लेगा लेकिन अभिमानी स्वभाव रहने के कारण फिरभी कृतज्ञ नही रहेंगे। धन की आमद किसी ना किसी रूप में अवश्य होगी परन्तु खर्च की तुलना में ना काफी रहेगी। गृहस्थी में शांति बनाए रखने के लिये पूर्व में किये वादों पर कायम रहें टालमटोल करना भारी पड़ेगा। संध्या बाद अकस्मात स्वास्थ्य संबंधित समस्या पनपेगी।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आप पिछले कुछ दिनों से बेहतर अनुभव करेंगे लेकिन आज धन को लेकर कुछ ना कुछ समस्या बनी रहेगी। स्वयं की तुलना अन्य लोगों से करने पर मन हीन भावना से ग्रस्त रहेगा। आज आप मेहनत करने के पक्ष में बिलकुल नही रहेंगे बैठे बिताये लाभ पाने के चक्कर मे छोटे मोटे लाभ से भी वंचित रहना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर धन लाभ की संभावनाए बनेंगी लेकिन अंत समय मे निराश ही होना पड़ेगा। लोग मतलब से व्यवहार रखेंगे काम निकलने के बाद भूल जाएंगे। गृहस्थ में भी धन संबंधित अभाव अनुभव होगा मन की इच्छाएं आज कम रखें अन्यथा दुख होगा। स्वास्थ्य में सुधार आएगा फिर भी आलस करेंगे। घर मे मंगल कार्य होंगे।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप काम की बातों को छोड़ अनर्गल विषयो में भटकेंगे। दिन के पूर्वार्ध से मध्यान तक आलस्य अधिक रहेगा घरेलू कार्य के साथ पूर्वनियोजित कार्य एक साथ सर पर आने से असुविधा होगी। जबरदस्ती करने पर ही कार्य करने के लिए तैयार होंगे लेकिन एकबार आरम्भ करने के बाद पूर्ण करके ही छोड़ेंगे। परिजन आपके हित के लिये कड़ा व्यवहार करेंगे लेकिन अंदर से हमदर्दी भी रखेंगे। मध्यान के आस-पास किसी से गरमा गरमी हो सकती है यहाँ धर्य और विवेक का परिचय दें अन्यथा मन की इच्छा मन मे ही रह जायेगी। संध्या का समय अपेक्षाकृत शांत रहेगा धार्मिक कार्यो के साथ मनोरंजन के अवसर भी मिलेंगे। स्वास्थ्य स्वयं की गलती से खराब हो सकता है।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिये थोड़ा उठापटक वाला रहेगा। आज आप बाहर के लोगो को आचरण में रहने का उपदेश देंगे लेकिन घर मे स्वयं के ऊपर लागू नही करेंगे। परिजन आपसे किसी ना किसी बात को लेकर विरोधाभास रखेंगे। आज आप अपने निर्णय पर ज्याददेर नही टिकेंगे इससे आस-पास के लोगो को खासी परेशानी होगी। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मी अथवा अधीनस्थों पर नाजायज रौब दिखाना अपमानित कराएगा। धन लाभ के लिये किसी की चाटुकारिता करनी पड़ेगी जो आपको पसंद ना होने पर सीमित साधनों से निर्वाह करना पड़ेगा। खर्च आय की तुलना में अधिक रहने से आर्थिक संतुलन गड़बड़ायेगा। परिजनों की नाराजगी शांति से बैठने नही देगी।
मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपके लिये आज की दिनचार्य थोड़ी सुस्त रहेगी लेकिन फिर भी शान्तिप्रद रहेगा। आरंभिक भाग में प्रत्येक कार्य मे आलस्य करेंगे घरेलू कार्यो की टालमटोल से परिजनों को परेशानी होगी बहस भी हो सकती है। काम-धंधे को लेकर आज ज्यादा झंझट में पड़ना पसंद नही करेंगे नौकरी वाले लोग भी आज का दिन शांति से बिताना पसंद करेंगे लेकिन कुछ ना कुछ काम आने से कामना पूर्ति नही हो सकेगी। आज आपको धन की अपेक्षा सम्मान लाभ अधिक मिलेगा। सार्वजनिक कार्यो में रुचि बढ़ेगी। मित्र परिचितों के साथ धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी। सेहत में संध्या बाद नरमी आने लगेगी सतर्क रहें।
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helputrust · 4 months
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राष्ट्रीय एकता की नींव डालने वाली भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की महत्वपूर्ण चौरी-चौरा घटना के 102 वर्ष पूरे होने पर मां भारती की स्वतंत्रता के पुण्य लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को शत-शत नमन ।
#ChauriChaura
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yog-sandesh · 7 days
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मानव जीवन का अन्तिम लक्ष्य
सुखी जीवन का मार्ग
  सभी मनुष्य पूर्ण सुखी जीवन जीना चाहते हैं। पूर्णसुख, शान्ति, संतुष्टि, पूर्ण तृप्ति व शुभ यह सब मानव मात्र की समान आकांक्षा है। इस पूर्ण सुख, पूर्ण शान्ति, संतुष्टि, पूर्ण तृप्ति व शुभ की प्राप्ति में यँू तो बहुत सी बाधाएं हैं परन्तु इसमें दो प्रमुख बाधाएं हैं एक अज्ञान व दूसरा अभाव। अज्ञान का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है और जिस-जिस क्षेत्र में हमारा अज्ञान, मिथ्याज्ञान, अल्पज्ञान, भ्रान्तज्ञान या अयथार्थज्ञान नहीं होगा, उस-उस क्षेत्र में हमें पूर्ण सुख, शान्ति, संतुष्टि, तृप्ति या शुभ की प्राप्ति हो सकती है। अत: सामान्यत: सभी क्षेत्रों का सामान्य सत्यज्ञान या यथार्थज्ञान सभी मुनष्यों को होना ही चाहिये। पूर्ण ज्ञान-विज्ञान या विशेष ज्ञान, आनुभूतिक या अनुसंधानात्मक ज्ञान तो व्यक्तिको सीमित क्षेत्रों का ही हो सकता है। दूसरा है अभाव अर्थात् किसी भी तरह की दरिद्रता। नितान्त आवश्यक संसाधनों के बिना जीवन निर्वाह असंभव है तथा सुखी-जीवन के लिए दरिद्रता नहीं वैभव, शक्ति, संपदा या धर्मपूर्वक अर्थ की प्राप्ति अर्थात् अभ्युदय होना ही चाहिए। अभ्युदय व नि:श्रेयस की प्राप्ति यही धर्म है। अभाव से मुक्त, अभ्युदय से युक्ततथा अज्ञान से मुक्तव नि:श्रेयस युक्तदिव्य ज्ञान व दिव्य जीवन यही मानव मात्र के जीवन का अन्तिम लक्ष्य है। अज्ञान व अभाव से मुक्तनि:श्रेयस व अभ्युदय से युक्तसमाधि व समृद्धि पूर्वक ही सभी जीवन जीना चाहते हैं। नि:श्रेयस से सहज समाधि व अभ्यदुय से सात्विक समृद्धि युक्तजीवन में ही पूर्ण सुख की प्राप्ति या अनुभूति होती है।
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geeta1726 · 11 days
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धनु लग्न में कुंडली के ग्यारवे भाव में मंगल और केतु का की युति का शुभ फल क्या रहेगा?
1. धन और आय
आर्थिक लाभ: ग्यारहवां भाव लाभ का भाव है। मंगल और केतु की युति से जातक को अचानक धन लाभ हो सकता है, और वित्तीय स्थिति मजबूत हो सकती है।
2. उच्च ऊर्जा और साहस
ऊर्जा और साहस: मंगल ऊर्जा और साहस का प्रतीक है। केतु की उपस्थिति इसे आध्यात्मिक दृष्टि देती है, जिससे जातक में निडरता और साहस की प्रबलता हो सकती है।
3. समाज और मित्रता
मित्रों से सहयोग: ग्यारहवां भाव मित्रों और सामाजिक नेटवर्क का भाव है। मंगल और केतु की युति से जातक को मित्रों और समाज से अच्छा सहयोग मिल सकता है।
4. लक्ष्य प्राप्ति
लक्ष्यों की प्राप्ति: मंगल की प्रबलता और केतु की आध्यात्मिकता मिलकर जातक को उनके उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
5. स्वतंत्रता और नवाचार
स्वतंत्रता और नवाचार: केतु स्वतंत्रता और मंगल नवाचार का प्रतीक है। इनकी युति से जातक में स्वतंत्र विचारधारा और नवाचार की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
इन सकारात्मक प्रभावों के बावजूद, पूर्ण फल की जानकारी के लिए कुंडली के अन्य ग्रहों और भावों की स्थिति का भी अध्ययन आवश्यक है। और अधिक जानकारी के लिए आप Kundli chakra 2022 Professional सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते है। जो आपको एक सटीक जानकारी दे सकते है।
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