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#स्मोकिंग करते हो
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helputrust · 2 years
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तम्बाकू खाने से गला, मुँह्, श्वासनली व फेफड़ों का कैंसर होता है। तम्बाकू मे अन्य बहुत से कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व पाये जाते है  - प्रो० (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद
नशे से सिर्फ एक व्यक्ति ही नहीं उसके साथ रहने वाले परिवार तथा आसपास के लोग भी बहुत अधिक प्रभावित होते है - डॉ रूपल अग्रवाल
“जन-जन का यही संदेश, नशा मुक्त हो अपना देश” l
लखनऊ 31 मई, 2022 | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान "तम्बाकू सेवन को ना कहकर हम स्वस्थ भारत की नीव रख सकते हैं” से प्रेरित होकर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने “विश्व तम्बाकू निषेध दिवस-2022” के अवसर पर ट्रस्ट के सेक्टर-25, इंदिरा नगर, कार्यालय के राम दरबार में ऑनलाइन विचारगोष्ठी, विषय: “तम्बाकू हमें और हमारे घर, परिवार, समाज को मार रहा है” का आयोजन किया l
“ऑनलाइन विचारगोष्ठी” में प्रमुख वक्तागणों के रूप में प्रो० (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद, वरिष्ठ पल्मोनरी चिकित्सक, श्री महेन्द्र भीष्म, साहित्यकार, श्रीमती वंदना सिंह, शिक्षाशास्त्री ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये I विचारगोष्ठी का सीधा प्रसारण फेसबुक लिंक https://www.facebook.com/HelpUEducationalAndCharitableTrust पर किया गया I जिसमें लोगों ने तम्बाकू से स्वस्थ्य व पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों को जाना I
प्रो० (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद, जो वर्तमान में विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी विभाग, एरा मेडिकल कालेज हैं तथा पूर्व में निर्देशक, वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली, और विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी विभाग, KGMU रहे हैं I (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद ने तम्बाकू से स्वास्थ्य पर होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि, “प्रति वर्ष 31 मई को धूम्रपान से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु "विश्व तम्बाकू निषेध दिवस" मनाया जाता है। तम्बाकू से प्रति वर्ष 8 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। इनमें से 7 लाख से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु तम्बाकू का सेवन करने व तकरीबन 1.2 लाख लोग तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों के सम्पर्क में आकर मौत का शिकार हो जाते हैं। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS 2) के अनुसार औसतन 42.4% पुरुष व 14.2% महिलायें तम्बाकू का उपयोग करते हैं एवं करीब 38.7% वयस्क घर में ही परोक्ष धूम्रपान (Second hand smoke) के शिकार हो जाते हैं। तम्बाकू के सेवन से न सिर्फ श्वसन संबंधी रोग जैसे फेफड़ों का कैंसर, COPD, श्वसन नली में इन्फेक्शन होते हैं बल्कि हृदय सम्बन्धी रोग, मुख कैंसर, अन्नप्रणाली कैंसर व मोतियाबिंद जैसी बीमारियों भी हो जाती हैं। डा० प्रसाद ने आगे कहा कि धूम्रपान में, भारत में सबसे अधिक बीड़ी का उपयोग किया जाता है, जो कि सिगरेट स्मोकिंग से भी ज्यादा हानिकारक है। इस वर्ष विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की थीम है:- Protect the environment अर्थात हमें अपने आस-पास के वातावरण को तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभावों से बचाना है क्योंकि तम्बाकू न सिर्फ हमारी पृथ्वी को दूषित करता है अपितु मानव जाति के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है। फेंके हुऐ सिगरेट के टुकड़ों से प्लास्टिक प्रदूषण फैलता है। तम्बाकू की खेती करने में बहुत सारे रसायनों का प्रयोग किया जाता है जो पर्यावरण के लिये अत्यन्त हानिकारक है। तम्बाकू को उगाने के लिये अत्यधिक मात्रा में पानी का इस्तेमाल होता है, जिससे वातावरण में पानी की कमी हो जाती है। जंगलों के कटने से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ जाता है जोकि मानव जाति के लिये घातक है। संक्षेप में तम्बाकू हर तरीके से हमारे शरीर व पर्यावरण को हानि पहुंचा रहा है I Covid-19 महामारी के दौरान जब लोगों को यह बात पता चली कि धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों पर कोविड़ -19 के दुष्प्रभाव अधिक होते हैं तो लोगों में धूम्रपान न करने की ललक दिखी परन्तु धूम्रपान एक ऐसी आदत है जो एक बार लग जाये तो उसे छुटाना बहुत मुश्किल होता है। अध्ययनों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि धूम्रपान करने वालों पर कोरोना का अधिक प्रभाव दिखाई दिया है।
अतः मनुष्य जाति और अपनी पृथ्वी को बचाने हेतु तम्बाकू को "न" कहें और तम्बाकू के उत्पाद और उपयोग पर रोक लगाये । विश्व तम्बाकू निषेध दिवस- 2022 को हम सब यह संकल्प लें कि अपनी धरती को धूम्रपान और उससे होने वाले दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाएंगे।
श्री महेन्द्र भीष्म ने अपने अभिभाषण कहा कि, “आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा अप्रैल 1987 को यह तय किया गया था कि प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन तंबाकू से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जाता है। विश्व में प्रत्येक वर्ष लगभग 67 लाख व्यक्ति तंबाकू से मृत्यु को प्राप्त होते हैं। घर परिवार और समाज के लिए तंबाकू का प्रयोग किसी भी रूप में क्यों न किया जाता हो वह न केवल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है, बल्कि इससे सामाजिक रिश्ते भी खराब होते हैं। श्री महेन्द्र भीष्म ने अपनी एक कहानी जो 'स्टोरी' शीर्षक से है, प्रस्तुत की । इस कहानी में तंबाकू से होने वाले दुष्परिणाम का चित्रण तो है ही साथ ही किस तरह से यह दिवस एक खानापूर्ति बनकर रह गया है इस पर करारा व्यंग्य किया गया है।
श्रीमती वंदना सिंह ने विद्यार्थियों के जीवन में तम्बाकू के कारण हो रहे दुष्प्रभावों को बताते हुए कहा कि, सभी जानते हैं कि गुटका और सिगरेट स्वास्थ्य के लिए कितने नुकसानदेह है जो उसकी पैकेजिंग पर भी पिक्चर बना कर चेतावनी दी जाती है। लेकिन ये कोई कम्पनी नहीं बताती किं ये सिर्फ हमारा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए, जलवायु के लिए कितना खतरनाक है। इसका कूड़ा जो गैर-अपघटनीय प्लास्टिक से बनता है 2.4 मिलियन है जो की फ़ूड के पैकेजिंग कूड़े से भी कहीं ज्यादा हैं जो कि 1.7 मिलियन है। तम्बाकू को इस्तेमाल करने के बाद का कूड़ा हमारे ग्रह को कई तरीके से संकट में डालता है।
कार्यक्रम की संयोजिका व हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, ने सभी वक्तागणों का स्वागत किया व कहा कि, “विश्व भर में हर वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है l इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को तम्बाकू या नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहने के लिए जागरूक करना है l WHO के अनुसार तम्बाकू के सेवन से हर वर्ष दुनिया भर में 80 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं l तम्बाकू निषेध के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु सिनेमा घरों में किसी भी फिल्म के शुरू होने से पहले भी यही सन्देश दिखाया जाता है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है l पोस्टर, बैनर और दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरिये अक्सर तम्बाकू निषेध के सन्देश दिखाई देते हैं फिर भी लोग जानबूझकर अपना और अपने परिवार का जीवन खतरे में डालते हैं” l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद की प्रेरणा से अनेकों चिकित्सकीय तथा टीबी जागरूकता शिविरों का आयोजन किया है, इसी क्रम में तम्बाकू निषेध के लिए जागरूकता फ़ैलाने हेतु हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा इस ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया है l
#NoTobaccoDay #NoTobacco #NoSmokingChallenge #NoSmokingDay #quitsmoking #smokefree #stopsmoking #health #smokingkills #nosmoke #notobacco #nosmokingday
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eyecareclincindelhi · 3 months
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कंप्यूटर पर काम करने से पड़ता है आंख पर प्रेशर, आजमाएं ये टिप्स
आजकल हर कोई काम के स्ट्रेस से जूझता रहता है। काम का प्रेशर इतना है कि लोगों को घंटों बैठ कर लैपटॉप पर काम करना पड़ता है। जिससे आंख पर प्रेशर (Pressure on eye) बड़ने लगता है और दूसरी कई परेशानियां होने लगती हैं। इस परेशानी का हल क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है। आइए जानते हैं इस लेख में। 
सवाल
ऑफिस में पूरा समय लैपटॉप पर मुझे काम करना पड़ता है, जिससे मेंरे आंख पर प्रेशर पड़ता है। क्या आप मुझे बता सकते हैं कि मुझे मेरी आंखों का ख्याल कैसे रखना चाहिए?
जवाब
आजकल लगभग हर जॉब में लैपटॉप की जरूरत होती है, लेकिन इसके फायदों के साथ-साथ इसके नुकसान भी हैं। ऑफिस में हम लगातार 9 घंटे काम करते हैं और ज्यादा वर्कलोड होने पर इससे ज्यादा भी काम करते हैं। देर तक लैपटॉप पर काम करने की वजह से आंख पर प्रेशर पड़ता है, जिससे आंखों में परेशानियां होने लगती हैं, जैसे आंखों में जलन, आंख लाल होना, आंखों में ड्राईनेस। कुछ आसान तरीकों से हम अपनी आंखों की देखभाल कर सकते हैं लेकिन अगर आंखों की तकलीफ बढ़ जाए, तो आंखों के डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
जानिए आंख पर प्रेशर कम करने के तरीके (Learn ways to reduce pressure on the eye)
आंख पर प्रेशर कम करना है, तो कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते समय लाइट एडजेस्टमेंट करना जरूरी है।
ज्यादा तेज रोशनी से भी आंख पर प्रेशर पड़ता है। कभी-कभी सूरज की रोशनी लैपटॉप की स्क्रीन पर पड़ने से भी आंख पर प्रेशर पड़ सकता है इसलिए खिड़की पर पर्दे लगाकर काम करें।
लगातार लैपटॉप पर काम करना भी अवॉयड करना चाहिए, बीच-बीच में लैपटॉप की स्क्रीन से नजर हटाकर कुछ और काम करें। इससे आंख पर प्रेशर कम होगा (Pressure on eye)।
मॉनिटर पर काम करते हुए हम पलके नहीं झपकाते इसलिए आंखों में ड्राइनेस होती है इसलिए काम करने के दौरान पलकों को झपकाना जरूरी है।
स्क्रीन पर फॉन्ट साइज बड़ा करें, जिससे देखने में परेशानी न हो।
कंप्यूटर के सामने काम करने के लिए आंखों का चेकअप कराकर चश्मा बनवा लें। ड्राई आई (dry eye) के लिए आर्टिफिशियल टियर का इस्तेमाल करें जो आपके आंख पर प्रेशर के लक्षणों को ध्यान में रखकर डॉक्टर द्वारा दिया जाएगा।
आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले फूड्स
आंख पर प्रेशर कम करने के लिए खाएं संतुलित भोजन (Eat a balanced diet to reduce pressure on the eye)
शरीर के साथ ही आंखों के लिए भी संतुलित भोजन का सेवन बहुत जरूरी है। गाजर (carrot) को आंखों के लिए अच्छा माना जाता है। गाजर में विटामिन ए की भरपूर मात्रा होती है। हालांकि, आंख पर प्रेशर कम करने के लिए केवल विटामिन ए ही नहीं, बल्कि अन्य पोषक तत्व भी आंखों के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए अपने आहार में विटामिन सी, विटामिन ई, कॉपर और जिंक युक्त चीजों के साथ-साथ अंडे, कद्दू, हरी सब्जियां, चुकंदर, पालक, स्ट्रॉबेरीज, मछली और अलसी के बीज भी शामिल करें। अलसी के बीज और मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
धूम्रपान से बनाएं दूरी (Create distance from smoking)
धूम्रपान (smoking) न करना केवल शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होता है। अधिक धूम्रपान करने से आंखों की रोशनी कम होती है। धूम्रपान करने से मोतियाबिंद (cataracts) के विकास की संभावना बढ़ जाती है और इससे ऐज-रिलेटेड मैकुलर डिजनरेशन (AMD) का जोखिम भी बढ़ सकता है। यही नहीं, धूम्रपान करने से वो एंटी-ऑक्सिडेंट भी कम हो जाते हैं, जो आंखों के लिए फायदेमंद हैं। इसलिए आंख पर प्रेशर के प्रभाव को कम करना है स्मोकिंग छोड़नी होगी।
सनग्लासेस का करें इस्तेमाल (Use sunglasses)
धूप के चश्में केवल फैशन के लिए नहीं पहने जाते, बल्कि इनसे सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट (UV) रोशनी से भी आंखों का बचाव होता है। सूर्य की UV किरणें हमारी आंखों को हानि पहुंचा सकती हैं। इन किरणों से आंखों की अन्य समस्याओं के साथ-साथ आई कैंसर होने की भी खतरा बना रहता है।
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आंखों की करें सुरक्षा (Protect your eyes)
आंखें हमारे शरीर के सबसे नाजुक हिस्सों में से एक होती हैं। इसलिए आंखों की सुरक्षा का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। चाहे आप घर के काम कर रहे हों, खेल खेल रहे हों या ऑफिस में लैपटॉप पर ही काम कर रहे हों, हर समय अपनी आंखों को बचाएं रखें। खेल खेलते समय भी आंखों पर चश्मा, सेफ्टी ग्लासेज, गॉगल्स, फेस मास्क, वाइसर्स, हेल्मेट्स आदि पहन कर रखें।
आंखों को भी दें आराम (Give the eyes a rest)
आंख पर प्रेशर कम करने और उनकी रोशनी सुरक्षित रखने के लिए अपनी आंखों को उचित आराम दें। हर एक घंटे बाद थोड़ी देर के लिए अपने कंप्यूटर से दूर हट जाएं। काम के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर पर आंखों को ठंडे पानी से धोएं। इसके अलावा आप अपनी सीट पर बैठे हुए भी कुछ मिनट के लिए आंखों को बंद करके रखें। साथ ही, आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए आपको अपनी नींद का भी ध्यान रखना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए डॉ. सुरेश गर्ग (Eye & Laser Hospital in Delhi) से परामर्श लें।
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drsibia · 1 year
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स्मोकिंग ( Smoking ) करते है तो हो जाओ सावधान - Dr. Keerat Kaur Sibia
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gadgetsforusesblog · 1 year
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खाना आने पर विराट कोहली ने दिया मजेदार रिएक्ट, भारत के पूर्व स्टार ने बताया 'स्ट्रेस ईटिंग' घड़ी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन खाना आते ही विराट कोहली का रिएक्शन©ट्विटर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन ��िराट कोहली क्रीज पर काफी आत्मविश्वास से भरे नजर आए। यह तब तक था जब तक कि कोहली (84 गेंदों में 44 रन) मैथ्यू कुह्नमैन से एलबीडब्ल्यू नहीं हो गए, जिसने भौहें उठाईं। यहां तक ​​कि कोहली भी खुश नहीं थे और लॉकर रूम में स्मोकिंग करते दिखे। कोहली का विकेट गिरा…
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breathclinic · 1 year
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फेफड़े का कैंसर
फेफड़े का कैंसर केवल सिगरेट या सिगार पीने वालो को ही नहीं बल्कि उन लोगो को भी हो सकता है जो धुम्रपान नहीं करते। इसके अन्य कारण हो सकते है:- पैसिव स्मोकिंग, रेडॉन, वायु प्रदूषण, फेफड़ों के कैंसर का पारिवारिक इतिहास, और एस्बेस्टोस आदि। परामर्श के लिए: +91 78782 64902 Dr. Pankaj Gulati: Senior #ConsultantPulmonologist & #IntensiveCare at Shalby Hospital Jaipur & Medinova Super Speciality Clinic.
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rickztalk · 1 year
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'दारू महंगा हो गया है, गरीब आदमी कैसे पिएगा?', Viral Video में शख्स ने सुनाया दुखड़ा...
‘दारू महंगा हो गया है, गरीब आदमी कैसे पिएगा?’, Viral Video में शख्स ने सुनाया दुखड़ा…
Viral Video: दुनिया में कुछ चीज़ें ऐसी हैं, जिनके नुकसान के बारे में जानकर भी लोग इन्हें छोड़ नहीं पाते हैं. मसलन सिगरेट के पैकेट पर लिखा होता है -धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. बावजूद इसके लोग स्मोकिंग करते हैं. इसी तरह शराब भी इंसान के लिवर पर बुरा असर डालती है, लेकिन इसे पीने वाले शराब को छोड़ नहीं पाते. अगर उन्हें किसी कारण से शराब नहीं मिल पाती तो उनकी हालत देखकर कई बार आपको हंसी भी…
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teznews · 1 year
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Bad News For Smokers: धूम्रपान करने वालों के लिए बुरी खबर, नहीं खरीद पाएंगे अब खुली सिगरेट
Bad News For Smokers: धूम्रपान करने वालों के लिए बुरी खबर, नहीं खरीद पाएंगे अब खुली सिगरेट
Bad News For Smokers: धूम्रपान करने वालों के लिए बुरी खबर, नहीं खरीद पाएंगे अब खुली सिगरेट Bad News For Smokers संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खुली सिगरेट की बिक्री के काण तंबाकू नियंत्रण अभियान प्रभावित हो रहा है। समिति ने सभी हवाई अड्डों पर स्मोकिंग जोन से छुटकारा पाने का भी सुझाव दिया है। Bad News For Smokers । यदि आप भी धूम्रपान करते हैं तो आपके लिए एक बुरी खबर है। अब…
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trendingwatch · 1 year
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चेन-स्मोकिंग 'अंकल चेन' ने 3.5 घंटे में मैराथन पूरी की
चेन-स्मोकिंग ‘अंकल चेन’ ने 3.5 घंटे में मैराथन पूरी की
द्वारा ऑनलाइन डेस्क चेन स्मोकिंग करने वाले एक चीनी धावक ने शिनजियांग मैराथन को महज साढ़े तीन घंटे में पूरा किया। 50 वर्षीय ने जियांडे, चीन में आयोजित मैराथन को 42 किलोमीटर के धीरज कार्यक्रम में धूम्रपान करते हुए पूरा किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी धावक ‘अंकल चेन’ प्रतिस्पर्धा के दौरान चेन-स्मोकिंग सिगरेट के लिए वायरल हो गया है। ग्वांगझोउ के व्यक्ति की तस्वीरें एक चीनी सोशल मीडिया ऐप पर…
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medtalksblog · 2 years
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rudrjobdesk · 2 years
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Heart Attack: जंक फूड और स्मोकिंग से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा? एक्सपर्ट से जानें हकीकत
Heart Attack: जंक फूड और स्मोकिंग से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा? एक्सपर्ट से जानें हकीकत
How to prevent Heart Disease: आज के दौर में जंक फूड की दीवानगी हर उम्र के लोगों में देखी जा रही है. जंक फूड ज्यादा खाने से हेल्थ की कई समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग स्मोकिंग करते हुए देखे जा सकते हैं. स्मोकिंग भी स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होती है. वर्तमान समय में हार्ट डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. क्या जंक फूड और…
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bollywoodpapa · 3 years
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बॉलीवुड के ये अभिनेत्रियां फूकती हैं सिग-रेट, सुष्मिता सेन, प्रियंका सहित इन अभिनेत्रियों को है बुरी लत!
New Post has been published on https://bollywoodpapa.com/287128/bollywood-actress-who-have-bad-habbites-smoke-and-drinking/
बॉलीवुड के ये अभिनेत्रियां फूकती हैं सिग-रेट, सुष्मिता सेन, प्रियंका सहित इन अभिनेत्रियों को है बुरी लत!
दोस्तों बॉलीवुड इंडस्ट्री के स्टार्स अपनी फिल्मों, अभिनय और स्टाइलिश लुक के अलावा पर्सनल लाइफ को लेकर सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। फैंस भी उनके दिलकश अंदाज को फॉलो करते हैं। हालांकि कभी-कभी फिल्मी स्टार्स कुछ ऐसी हरकतें करते हुए कैमरे में कैप्चर हो जाते हैं जिन्हें देखकर हर कोई दंग रह जाता है। आज हम आपको उन सितारों के बारे में बताएंगे जो कई बार सिगरेट पीते हुए कैमरे में कैद हो चुके हैं।
प्रियंका चोपड़ा
बॉलीवुड की देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा की करें तो इसमें उनका नाम टॉप पर है। इस तस्वीर में प्रियंका पति निक जोनास और मां के साथ सिगरेट पीते हुए नजर आ रही हैं। इस कारण उन्हें सोशल मीडिया पर बुरी तरह से ट्रोल किया गया था। लोगों ने कहा था कि दिवाली के मौके पर प्रियंका को पटाखों से निकलने वाले धुएं से तकलीफ होती है, क्योंकि वह अस्थमा की मरीज हैं। हालांकि सिगरेट पीने से उन्हें कोई परेशानी नहीं होती।
माहिरा खान
इसके अलावा माहिरा खान का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। दरअसल, पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान को भी सिगरेट पीना बेहद पसंद है। एक बार माहि���ा अभिनेता रणबीर कपूर के साथ सिगरेट पीते हुए कैप्चर भी हो चुकी हैं। उनकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं। माहिरा की इस बात पर पाकिस्तानी मीडिया ने उन्हें जमकर ट्रोल किया था। हालांकि एक्ट्रेस ने लोगों की बातों का जवाब देना जरुरी नहीं समझा।
तनीषा मुखर्जी
सिनेमा जगत से जुड़े स्टार्स के मुताबिक अभिनेत्री काजोल की बहन तनीषा को भी सिगरेट पीने की बुरी आदत है। वह जब बिग बॉस घर में थीं तो उन्होंने कमरे में जाकर सिगरेट फूंका था। हालांकि तनीषा की स्मोकिंग करते हुए कोई भी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने नहीं आई।
मनीषा कोइराला
अभिनेत्री मनीषा कोइराला लंबे समय तक कैंसर की बीमारी से जूझ��े के बाद सामने आईं। उन्होंने कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जंग जीती। क्या आप जानते हैं कि मनीषा को भी सिगरेट और शराब की बुरी आदत थी। खबरों की मानें तो उनकी इसी आदत के कारण उन्हें कैंसर की बीमारी हुई थी।
सारा
अपनी खूबसूरत मुस्कान से सबका दिल जीतने वाली एक्ट्रेस सारा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। जी हां, सारा को भी सिगरेट पीने का बेहद शौक है। उन्हें अक्सर पार्टियों में दोस्तों के साथ सिगरेट फूंकते हुए देखा गया है। जिसकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हुई थीं।
सुमोना चक्रवर्ती
कॉमेडी शो द कपिल शर्मा से खूब नाम कमाने वाली सुमोना चक्रवर्ती भी इस लत की शिकार हैं। हैरानी की बात ये है कि सुमोना अपनी सिगरेट की आदत को कभी किसी से छिपाती नही हीं। उनकी कई बार सिगरेट पीते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं।
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karanaram · 3 years
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🚩नशा करने के कितने नुकसान और छोड़ने से कितने फायदे होते हैं- जान लीजिये... 26 जून 2021
🚩विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2016 में कहा था- ‘‘दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र (11 देशों, जिसमें भारत शामिल है) में करीब 24.6 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं और 29 करोड़ से थोड़े कम तंबाकू का धुआंरहित स्वरूप में सेवन करते हैं।
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उन्होंने कहा, ‘‘तंबाकू से हर साल क्षेत्र में 13 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जो 150 मौत प्रति घंटे के बराबर है।’’
WHO के मुताबिक तंबाकू सेवन और धूम्रपान से दुनिया में हर 6 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत होती है।
बीसवीं सदी के अंत तक सिगरेट पीने के कारण 6 करोड़ 20 लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे थे।
🚩विकसित देशों में हर छठी मौत सिगरेट के कारण होती है। महिलाओं में सिगरेट पीने के बढ़ते चलन के कारण यह आँकड़ा और बढ़ा है।
🚩तम्बाकू से होनेवाले दुष्परिणाम-
निकोटीन, टार और कार्बन-मोनोऑक्साइड जैसे हानिकारक केमिकल से युक्त तंबाकू जितना आपके फेफड़ों और चेहरे को प्रभावित करता है उतना ही हानिकारक आपके नाजुक दिल के लिए भी होता है।
🚩तंबाकू का सेवन करनेवाले के मुँह से बदबू तो आती ही है, लेकिन उसके साथ ही उसको मुंह और गले में भयानक कैंसर की भी संभावना होती है। तंबाकू में मौजूद निकोटीन पूरे शरीर में रक्त की पूर्ति करनेवाली महाधमनी को प्रभावित करता है। यह फेफड़ों को भी काफी हद तक प्रभावित करता है जिससे श्वास संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं।
🚩धूम्रपान से बच्चों पर भयंकर असर...
जिन घरों में धूम्रपान आम होता है, उन घरों के बच्चे न चाहते हुए भी जन्म से ही 'धूम्रपान' की ज्यादतियों के शिकार हो जाते हैं। धूम्रपान का धुआँ बच्चों में निमोनिया या पल्मोनरी ब्रोंकाइटिस अर्थात साँस के साथ उठनेवाली खाँसी की समस्या पैदा कर सकता है। बच्चों के मध्यकर्ण में अधिक पानी भर सकता है, उन्हें सुनने की अथवा वाचा की समस्या पैदा हो सकती है।
धूम्रपान के धुएँ में पलने वाले बच्चों के फेफड़े कम क्षमता से काम करते हैं। इसी वजह से उनकी रोगप्रतिरोधक प्रणाली भी कमजोर होती है। बच्चों का सामान्य विकास अवरुद्ध हो जाता है। उनका वजन और ऊँचाई दूसरों के मुकाबले कम होती है। जिन्होंने जीवन में कभी भी धूम्रपान नहीं किया हो उन्हें पैसिव स्मोकिंग के कारण फेफड़ों के कैंसर होने का 20-30 प्रतिशत जोखिम होता है।
🚩दारू से नुकसान-
डॉ. टी.एल. निकल्स लिखते हैं- "जीवन के लिए किसी भी प्रकार और किसी भी मात्रा में अल्कोहल की आवश्यकता नहीं है। दारू से कोई भी लाभ होना असंभव है। दारू से नशा उत्पन्न होता है लेकिन साथ ही साथ अनेक रोग भी पैदा होते हैं। जो लोग सयाने हैं और सोच समझ सकते हैं, वे लोग मादक पदार्थों से दूर रहते हैं। भगवान ने मनुष्य को बुद्धि दी है, इससे बुद्धिपूर्वक सोचकर उसे दारू से दूर रहना चाहिए।"
🚩दारू पीनेवालों की स्त्रियों की कल्पना करो। उनको कितना दुःख सहन करना पड़ता है। शराबी लोग अपनी पत्नी के साथ क्रूरतापूर्ण बर्ताव करते हैं। दारू पीनेवाला मनुष्य मिटक�� राक्षस बन जाता है। वह राक्षस भी शक्ति एवं तेज से रहित होता है। उसके बच्चे भी कई प्रकार से निराशा महसूस करते हैं। सारा परिवार पूर्णतया परेशान होता है। दारू पीनेवालों की इज्जत समाज में कम होती है। ये लोग योग तथा भक्ति के अच्छे मार्ग पर नहीं चल सकते। आदमी ज्यों-ज्यों अधिक दारू पीता है त्यों-त्यों अधिकाधिक कमजोर बनता है।
🚩दारू पीने के अनेकों नुकसान को लेकर 6 अक्टूबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा पीढ़ी में शराब पीने की बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए कहा था कि यदि इस बुराई को नहीं रोका गया तो अगले 25 साल में समाज तबाह हो जाएगा।
🚩दारू के शौकीन लोग कहते हैं कि दारू पीने से शरीर में शक्ति, स्फूर्ति और उत्तेजना आती है। परन्तु उनका यह तर्क बिल्कुल असंगत है। थोड़ी देर के लिए कुछ उत्तेजना आती है लेकिन अन्त में दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
🚩जीव विज्ञान के ज्ञाताओं का कहना है कि शराबियों के रक्त में अल्कोहल मिल जाता है, अतः उनके बच्चों को आँख का कैन्सर होने की संभावना है। दस पीढ़ी तक की कोई भी संतान इसका शिकार हो सकती है। शराबी अपनी खाना-खराबी तो करता ही है, दस पीढ़ियों के लिए भी विनाश को आमंत्रित करता है।
🚩व्यसन छोड़ने के अनेक फायदे...
🚩1. नशा बंद करने के 12 मिनट के भीतर ही आपकी उच्च हृदय गति (हाई बी.पी) और रक्त चाप में कमी(लो बी.पी) दिखने लगेगी। 12 घंटे बाद अपने खून में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर घटकर सामान्य पर पहुंच जाएगा। वहीं दो से 12 हफ्तों में आपके शरीर के भीतर खून के प्रवाह और फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाएगी।
🚩2. नशा छोड़े हुए एक साल बीतते-बीतते आप में दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा धूम्रपान करनेवालों की तुलना में आधा तक रह जाएगा। वहीं पांच साल तक पहुंचने पर मस्तिष्काघात का खतरा नॉन स्मोकर के स्तर पर पहुंच जाएगा।
🚩3. दस साल तक अपने-आपको व्यसन से दूर रखने पर आपमें फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा धूम्रपान करनेवाले की तुलना में आधे पर पहुंच जाएगा। वहीं मुंह, गले, मूत्राशय, गर्भाशय और अग्नाशय में कैंसर का खतरा भी कम हो जाएगा।
🚩4. नशा छोड़ने पर आपकी जीवन-प्रत्याशा में भी इजाफा होगा। अगर आप 30 वर्ष की उम्र से पहले ही धूम्रपान की लत से तौबा कर लेते हैं तो धूम्रपान करनेवालों की तुलना में आपकी जीवन प्रत्याशा करीब 10 साल तक बढ़ जाएगी, लेकिन धूम्रपान छोड़ने में देर करने से आपकी जिंदगी भी छोटी होती चली जाएगी।
🚩5. धूम्रपान छोड़ने से आप में नपुंसकता की आशंका कम होती है। इसके अलावा महिलाओं में गर्भधारण में कठिनाई, गर्भपात, समय से पहले जन्म या जन्म के समय बच्चे का वजन बेहद कम होने जैसी समस्याएं भी कम होती हैं।
🚩6. आपके व्यसन से तौबा करने पर आपके बच्चों में भी सेकंड हैंड स्मोक से होनेवाली श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
🚩7.धूम्रपान छोड़ना आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद है। मान लें- अगर आप औसतन प्रतिदिन 10 सिगरेट पीते हैं और एक सिगरेट की कीमत 10 रुपये है, तो आप सालभर में ही 36,500 रुपये बस धूम्रपान में ही फूंक डालते हैं। इन पैसों से आप कुछ तो बेहतर काम कर ही सकते हैं।
🚩व्यसन छोड़ने के उपाय-
अजवाइन साफ कर इसे नींबू के रस और काले नमक में दो दिन तक भींगने के लिए छोड़ दें, फिर इसे सुखा लें और इसके बाद इसको मुंह में घंटों रखकर तंबाकू को खाने जैसी अनुभूति प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आपको तंबाकू खाने की तलब काफी ज्यादा है तो आप बारीक सौंफ के साथ मिश्री के दाने मिलाकर धीरे-धीरे चूस सकते हैं।
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drsibia · 1 year
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स्मोकिंग ( Smoking ) करते है तो हो जाओ सावधान - Dr. Keerat Kaur Sibia
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abhay121996-blog · 3 years
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धूम्रपान छोड़ने के बाद बॉडी में आते ये बड़े बदलाव, आप भी जानें... Divya Sandesh
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धूम्रपान छोड़ने के बाद बॉडी में आते ये बड़े बदलाव, आप भी जानें...
डेस्क। ये बात तो आप सब जानते होंगे की धूम्रपान कई गंभीर बीमारियों की जड़ है। लेकिन इसके बाद भी लोग सिगरेट पीने के शौकीन होते हैं। बिना इसके दुष्परिणाम जाने स्मोकिंग शुरू तो कर देते हैं, धूम्रपान करने से व्यक्ति को भले ही कुछ पल के लिए सुकून मिले, लेकिन वास्तव में यह सुकून उसके भीतर कई बीमारियों को जन्म देता है। लेकिन इसकी लत एक बार लगने के बाद इससे पीछा छुड़ाना बहुत मुश्किल हो जाता है। सिगरेट इंसान को अंदर खोखला करते जाती है। हैरानी की बात तो यह है कि इसके नुकसान के बारे में जानकारी होने के बावजूद लोग इसे अपनी आदत बना लेते हैं।
अगर आप पहली बार कर रहे हैं वर्कआउट तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान…
-लेकिन आप इस बुरी आदत से छुटकारा पाने में कामयाब रहते हैं तो आपके शरीर में बहुत से सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इसलिए अगर आप भी चाहते हैं सेहतमंद जिदंगी तो आज ही स्मोकिंग को कर दीजिए बाय-बाय और इस लेख में जानिए सिगरेट पीने की आदत को छोड़ने के बाद क्या-क्या बदलाव होते हैं?
-स्मोकिंग करने से तंत्रिका अंत पर बुरा असर पड़ता है। इससे स्वाद और सूंघने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसलिए अगर आप स्मोकिंग छोड़ देते हैं, तो सिर्फ़ दो दिनों में आपके स्वाद और सूंघने की क्षमता पर अच्छा असर पड़ेगा। 
-अगर आप स्मोकिंग छोड़ देते हैं तो इससे आपके फेफड़े स्वस्थ रहेंगे जिससे लंग्स कैंसर का खतरा कम हो जाएगा।
-सिगरेट पीने से सांसों में इसके धुएं की बदबू आती है, सिगरेट छोड़ने के बाद उससे आप बच जाएंगे। स्मोकिंग करने के बाद जो सांसों में से दुर्गंध आती है, दूर से भी कोई भी व्यक्ति इसकी पहचान कर सकता है कि आपने सिगरेट पी है।
-धूम्रपान से आपके दांतों के रंग में भी बदलाव आता है। यदि आप इसे छोड़ते हैं, तो आपके दांत सामान्य रंग में वापस आ जाएंगे।
-जो व्यक्ति स्मोकिंग करने का आदी होता है, उसके चेहरे पर से ग्लो मानो खत्म-सा होते जाता है और चेहरा मु्रझाया-सा नजर आता है। अगर आप स्मोकिंग करना छोड़ते हैं, तो चेहरे पर ग्लो धीरे-धीरे वापस आने लगेगा।
-स्मोकिंग करने से हाथों के नाखून पीले पड़ने लगते हैं। यदि आप इसे छोड़ते हैं, तो नाखून का रंग कुछ ही समय में धीरे-धीरे सामान्य हो जाता है।
-जो व्यक्ति स्मोकिंग करते हैं, उन्हें सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। जब आप स्मोकिंग करना छोड़ देते हैं, तो सांस लेने में तकलीफ नहीं होती। एनर्जी बढ़ जाती है। 
-धूम्रपान छोड़ने के कुछ समय बाद ही आप खुद में यह बदलाव देख सकते हैं और आप खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे।
-जो व्यक्ति धूम्रपान करते हैं, उनमें दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। जब आप स्मोकिंग करना छोड़ते हैं तो यह खतरा भी कम हो जाता है।
-स्मोकिंग छोड़ने के 2 हफ्ते से लेकर 3 महीने बाद आपके फेफड़े और मजबूत होने लगते हैं और शरीर में ब्लड फ्लो सुधरने लगता है। आपको चलने, एक्सरसाइज करने आदि में आसानी होने लगती है और सांस संबंधित तकलीफ से राहत मिलने लगती है।
-जब आप रोज स्मोकिंग करते है तो खांसी की समस्या आम हो जाती है और दिन-पर-दिन यह समस्या बढ़ती ही जाती है। जब आप अपनी इस बुरी आदत को अपनी जिंदगी से निकाल देंगे तो ये सारी समस्याएं भी अपने आप गायब हो जाएंगी। इसलिए आज ही इस लत से छुटकारा पाएं और सेहतमंद जिदंगी की ओर बढ़ें।
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chaitanyabharatnews · 3 years
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धूम्रपान करने के मामले में विश्व में दूसरे नंबर पर भारत, एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट हो जाते है कम
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चैतन्य भारत न्यूज डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरे विश्व में धूम्रपान करने वाले लोगों की 12% आबादी भारत में है। भारत पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर है, जहां सबसे अधिक धूम्रपान किया जाता है। हर दिन लगभग 2500 लोगों की धूम्रपान से मौत होती है। एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट कम हो जाते हैं। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति स्वयं को तो नुकसान पहुंचाता ही है बल्कि पैसिव स्मोकर के रूप में आसपास के लोग इससे प्रभावित होते हैं इसलिए कहीं ना कहीं प्रत्येक व्यक्ति इससे अछूता नहीं है। धूम्रपान करने से कैंसर,हृदय रोग, डायबिटीज ,शरीर पर होने वाले घाव एवं अनेक हार्मोनल डिसऑर्डर होने की संभावनाएं रहती हैं और इसका सेवन करने वाले व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन इनसे होने वाली तकलीफों को भी महसूस करता ही है। आजकल बाजार में असामाजिक तत्वों के द्वारा युवा पीढ़ी को जाने अनजाने में इन उत्पादों की आदत लगाई जा रही है जिसके भविष्य ��ें गंभीर परिणाम सामने आएंगे। सर्वे में देखा गया है कि 53% लोगों ने इसको छोड़ ना चाहा, किंतु वह नाकाम रहे, क्योंकि धूम्रपान से निकले केमिकल एवं निकोटिन नर्वस सिस्टम पर कार्य करता है। इसे लेने पर लोगों को कुछ समय के लिए बेहतर और तनाव रहित लगता है, किंतु यह एक मिथ्या भ्रम है। धीरे-धीरे यह आदत शरीर को कंकाल बना देती है। व्यक्ति की सामाजिक,आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक स्थिति दयनीय हो जाती है।
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डॉ. अखलेश भार्गव (आयुर्वेद विशेषज्ञ) ने बताया कि सबसे पहले हमें धूम्रपान के क्या कारण हैं इनको जानना होगा। अधिकांश लोगों ने बताया कि तो तनाव से बचने के लिए अथवा काम के अधिक प्रेशर होने के कारण धूम्रपान करते हैं। एक बार सेवन करने से शरीर को निकोटिन की आदत हो जाती है फिर यह शौक आदत में बदल जाता है। बार-बार शरीर को उसकी जरूरत पड़ती है और व्यक्ति धूम्रपान पर निर्भर हो जाता है। कैसे करें उपचार सर्वप्रथम रोगी की आत्मशक्ति प्रबल होना चाहिए कि वह नशा छोड़ना चाहे। धूम्रपान करने वाले लोगों का साथ छोड़ना चाहिए। परिवार वालों के साथ अधिक समय देकर अपने आप को व्यस्त रखना चाहिए। सरकार एवं निजी क्षेत्रों में नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। उनकी सहायता लेना चाहिए। एफडीए द्वारा स्वीकृत निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी कारगर है। मोबाइल में कुछ ऐप जैसे क्विट नाउ क्विट स्मोकिंग, क्विट ट्रैकर, स्टॉप स्मोकिंग ऐप पर धूम्रपान के नुकसान। इसको छोड़ने से होने वाले फायदे आदि की जानकारी उपलब्ध है। यहां पर ऐसे व्यक्ति भी मिलेंगे जो धूम्रपान छोड़ चुके हैं और स्वस्थ हैं। योगा ,प्राणायाम के द्वारा तनाव मुक्ति एवं शरीर में बल प्राप्ति। पंचकर्म चिकित्सा द्वारा भी लाभ मिलता है। आयुर्वेद दवाइयों के प्रयोग से धूम्रपान छोड़ने में मदद मिलती है। अदरक, आंवला व हल्दी का चूर्ण उपयोगी है। मानसिक तनाव को दूर करने हेतु अश्वगंधा, ब्राह्मी ,मंडूकपर्णी उपयोगी है। यदि रोगी को नींद नहीं आए तो चिकित्सक की देखरेख में सर्पगंधा चूर्ण ले सकते हैं। भूख ना लगने पर चित्रक ,त्रिकटु ,अजवाइन आदि का प्रयोग किया जा सकता है। उल्टी का मन होने पर बड़ी इलायची का चूर्ण लाभदायक है। यदि रोगी को कब्ज जाने लगे तो आंवला, हरीतकी, सनाय आदि लाभदायक है।सभी दवाइयां चिकित्सक की देखरेख में लेना चाहिए। डॉ. अखलेश भार्गव, आयुर्वेद विशेषज्ञ एसोसिएट प्रोफेसर , अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज, लोकमान्य नगर इंदौर Read the full article
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