भक्ति नहीं करने वाले व शास्त्रविरुद्ध भक्ति करने वाले, नकली गुरु बनाने वाले एवं पाप अपराध करने वालों को मृत्यु पश्चात् यमदूत घसीटकर ले जाते हैं और नरक में भयंकर यातनाएं देते हैं। तत्पश्चात् 84 लाख कष्टदायक योनियों में जन्म मिलता है।
श्री गुरुग्रंथ साहेब के राग सिरी महला 1 पृष्ठ 24 के शब्द 29 में श्री नानक देव जी ने सृष्टि के सृजनहार कबीर परमात्मा की महिमा गाई है जिसने काशी शहर में धाणक (जुलाहे) की भूमिका की थी।
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#GodNightFriday गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि "अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ, अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।" जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। 🙏अधिक जानने के लिए पढ़ें पुस्तक 📚📚 ‛गीता तेरा ज्ञान अमृत’ https://www.instagram.com/p/CnElRJRyt1-/?igshid=NGJjMDIxMWI=
गीता ज्ञानदाता ने कहा है कि तत्त्वदर्शी संत मिलने के पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में नहीं आता।