JEE व NEET की तैयारी के लिये शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘SATHEE’ पोर्टल लांच
JEE की तैयारी के लिये 45 दिन का क्रेश कोर्स भी
न्यूजवेव @नईदिल्ली
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने जेईई एवं नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावी तैयारी करने के लिये आईआईटी कानपुर के सहयोग से ‘साथी’ पोर्टल का शुभारंभ किया है। 12 दिसंबर, 2023 तक देश के 60,000 से अधिक छात्र ‘साथी (SATHEE)’ प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत हो चुके हैं। लोकसभा में शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।
साथी पोर्टल के माध्यम से देशभर के विद्यार्थी इंजीनियरिंग, मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के साथ राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग और अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की प्रभावी तैयारी कर सकते हैं। इस पोर्टल में प्रवेश परीक्षा के लिए सेल्फ असेसमेंट, टेस्ट और सहायता जैसी सभी सुविधायें निशुल्क उपलब्ध होंगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यो व केंद्र शासित प्रदेशों को इस निशुल्क सुविधा की जानकारी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को देने के लिए लिखा है। इस पोर्टल का उपयोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और ज्ञान वृद्धि के लिए किया जा सकता है।
जेईई के लिये 45 दिन का फ्री क्रेश कोर्स करें
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि जेईई और अन्य इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए, 21 नवंबर 2023 को आईआईटी टॉपर्स, शिक्षाविदों और विषय विशेषज्ञों द्वारा क्यूरेट किया गया जेईई का 45 दिनों का क्रैश कोर्स (Crash Course) भी शुरू किया गया है। यह क्रैश कोर्स अंग्रेजी समेत 5 भाषाओं में उपलब्ध है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) पर आधारित अनुवाद उपकरण विकसित किया है। यह उपकरण 22 भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने की क्षमता रखता है। इस उपकरण और इसकी उपयोगिता के बारे में जागरूकता के लिए संस्थानों व कॉलेजों में कई वर्कशॉप व सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं।
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Maulana Abul Kalam Azad was the first Indian Education Minister who played a dynamic role as one of the foremost leaders in the Indian freedom struggle against British rule. Every year, the country of India observes November 11 as National Education Day to honour the birth anniversary of Maulana Abul Kalam Azad.
This day has been observed since 2008, when the Ministry of Human Resources Development of India officially announced this day as National Education Day.
Each year, the Ministry of Human Resource Development introduces a theme for the day. The theme for this year is "Prioritizing Education: Investing in Our People".
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ખાનગી શાળાઓમાં શિક્ષકોની લાયકાત શું?
ખાનગી શાળાઓમાં શિક્ષકોની લાયકાત શું?
સરકાર દ્વાર મોટું બજેટ ફાળવવામાં આવે તો પણ શિક્ષણનું સ્તર નીચું જ જવાનું છે કારણ જે શિક્ષકો દ્વારા શિક્ષણ આપવામાં આવે છે તે જ લાયકાત વગરના હોય છે. અને આવા સ્કૂલ સત્તાધિશો સામું પણ શિક્ષણાધિકારી તેમજ અધિકારીઓ હંમેશા કુણું વલણ દાખવતા હોય છે. તેની પાછળ કયું કારણ હોઈ શકે તે લખવું જરૂરી નથી સૌ કોઈ જાણે છે કે ટેબલ નીચેના વહેવાર સ્કૂલ સત્તધિશો દ્વારા થતો હોય છે. તેના કારણે અધિકારીઓ ચૂપ રહેતા હોય …
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Nearly 17 lakh teachers received training under Nishtha programme: Pokhriyal
Nearly 17 lakh (16,99,931) teachers received training under the government’s Nishtha programme which was launched in 2019. “A total of 23,137 Key Resource Persons (KRPs) and State Resource Persons (SRPs) and 16,99,931 school heads and teachers have been trained under NISTHA in 2019-20,” as shared by Education Minister Ramesh Pokhriyal in a written reply in Lok Sabha on September 14. The programme was started on August 21 with an aim to build the capacities of around 42 lakh teachers and heads of schools across the country.
The ministry has also created a virtual platform for Nishtha programme — Nishtha online considering the COVID-19 pandemic situations.
Apart from the ministry, the Central Board of Secondary Education (CBSE) is also organising Prospective Resource Persons training programmes, and till now 1500 key resource persons were empanelled, the education minister informed.
The government has also taken various steps to impart education during the CBSE Podcast- ShikshaVani. The CBSE has reduced the syllabi of major subjects for the commencing academic session. The online courses and classes are being conducted through various e-learning platforms, PM eVIDYA, Diksha, TV channels, CBSE Podcast- ShikshaVani, radio, community radio.
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जानिए क्या है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ?
मौजूदा वक़्त की शिक्षा नीति राजीव गाँधी द्वारा 1986 में लागू की गई थी। 1992 में नरसिम्हा राव के समय में थोड़ा सा परिवर्तन किया गया था लेकिन वह प्रणाली अब नरेंद्र मोदी सरकार पूरी तरह बदलेगी।
जब देश आज़ाद हुआ तब से ले कर 1985 तक शिक्षा मंत्री और शिक्षा मंत्रालय ही हुआ करते थे लेकिन फिर राजीव गाँधी सरकार ने इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया। इस नाम को लेकर आर.एस.एस. से जुड़े संगठन भारतीय शिक्षण मंडल ने आपत्ति जताई थी और साल 2018 के अभिवेशन में इस नाम को बदलने की मांग भी उठाई थी। दलील यह दी थी कि मानव को संसाधन नहीं मान सकते ऐसा करना भारतीय मूल्यों के विरुद्ध होगा।आज पूरे 34 साल बाद फिर से मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नामांकरण शिक्षा मंत्रालय के रूप में हुआ।
यह भी पढ़ें :सरकार और राज्य के अस्तित्व के लिए खतरा है आर.एस.एस. : सरदार वल्लभ भाई पटेल के पत्र का एक अंश
क्या है नई शिक्षा नीति 2020 :
नई नीति के अनुसार जी.डी.पी. का 6% शिक्षा में इस्तेमाल होगा जो की वर्तमान समय में 4.3 % है।नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को आज केंद्रीय कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी है। 2014 के लोक सभा चुनाव में नई शिक्षा नीति भा.जा.पा. के घोषणापत्र का हिस्सा थी।नई शिक्षा नीति को बनाने के लिए सरकार ने 31 अक्टूबर 2015 को सरकार ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी.एस.आर. सुब्रमणियम की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की कमिटी बनाई।कमिटी ने अपनी रिपोर्ट 27 मई 2016 को दी इसके बाद 24 जून 2017 को इसरो के प्रमुख वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में 9 सदस्यों की कमिटी को नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार करने की ज़िम्मेदारी सौंप दी गई। 31 मई 2019 को यह ड्राफ्ट एच आर डी मंत्री रमेश पोखरयाल को सौंपा गया। इस ड्राफ्ट पर मंत्रालय ने लोगो के सुझाव भी मांगे जिस पर 2 लाख सुझाव आए और उसके बाद 29 जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को मंज़ूरी दे दी।
क्यों पड़ी नई शिक्षा नीति की ज़रूरत ?
सरकार ने यह दलील दी कि बदलते समय की आवश्यकताओं को पूर्ण करने और शिक्षा की गुडवत्ता को बढ़ाने के लिए नवोन्मेष ,शोध की तरफ बढ़ने के लिए और देश को शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति प्रदान करने के लिए नई शिक्षा नीति की ज़रूरत पड़ी।
मौजूदा वक़्त की शिक्षा नीति राजीव गाँधी द्वारा 1986 में लागू की गई थी। 1992 में नरसिम्हा राव के समय में थोड़ा सा परिवर्तन किया गया था लेकिन वह प्रणाली अब नरेंद्र मोदी सरकार पूरी तरह बदलेगी।
एच.आर.डी. मंत्री के बदलाव को लेकर विचार:
एच.आर.डी. मिनिस्टर ने बदलाव पर जो कथन कहे वो इस प्रकार हैं “आज हिंदुस्तान के हाँथ में एक ऐसा अवसर आया है जब इस देश के यशस्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में इस देश की ऐसी शिक्षा नीति जो 1986 के बाद जो स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में उसका परिवर्तन कार्य सुधारो के लिए एक महत्वपूर्ण रास्ता प्रशस्त करेगा। और जो हमारे देश के प्रधान मंत्री ने एक नए भारत के निर्माण क��� बात की है ,जो स्वच्छ भारत होगा ,स्वस्थ भारत होगा ,सशक्त भारत होगा ,समृद्ध भारत होगा श्रेष्ठ भारत होगा ,एक भारत होगा उस नए भारत के निर्माण में यह नई शिक्षा नीति 2020 मील का पत्थर साबित होगी।”
क्या बदलाव होंगे ?
मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय करदिया जाएगा।
जब देश आज़ाद हुआ तब से ले कर 1985 तक शिक्षा मंत्री और शिक्षा मंत्रालय ही हुआ करते थे लेकिन फिर राजीव गाँधी सरकार ने इसे मानव संसाधन मंत्रालय कर दिया।
एच आर डी मिनिस्टर शिक्षा मंत्री कहलाएंगे
उच्च शिक्षा में बदलाव :
क्या है क्रेडिट ट्रांसफर ?:
अब यह शिक्षा अनेक प्रविष्टि और बाहर निकलने वाली होगी इसका मतलब यह है की अगर किसी ने इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया और 2 सेमेस्टर के बाद किसी भी समस्या के कारण पढाई जारी ना कर पाने की स्थिति आई या कोई और कोर्स करने का मन हुआ तो यह एक साल व्यर्थ नहीं होगा इस एक साल के आधार पर सर्टिफिकेट मिलेगा यदि दो साल पढ़ेंगे तो डिप्लोमा मिलेगा और कोर्स पूरा करने पर डिग्री मिलेगी।
यह भी पढ़ें :नील विद्रोह ; किसानो द्वारा पहला आंदोलन
बी.ए.या बी.एस.सी. जैसे ग्रेजुएशन करने वालो के लिए खुशखबरी :
जिन्हे नौकरी करनी है केवल उनके लिए यह कोर्स 3 साल का होगा और जिन्हे आगे रिसर्च करनी है उनके लिए 4 साल।फिर 1 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन और 4 साल का पी.एच.डी. जिसमे अब एम.फिल. की ज़रूरत नहीं होगी।
बहु अनुशासनात्मक शिक्षा होगी ,यानि की कोई एक स्ट्रीम नहीं होगी कोई भी मनचाहे विषय चुन सकता है। यदि आप फिजिक्स में ग्रेजुएशन कर रहे हैं और पोलिटिकल साइंस या म्यूजिक जैसे विषयो में रूचि रखते हैं तो उन्हें भी पढ़ सकते हैं।
कॉलेजो में होगी ग्रेडेड ऑटोनोमी :
कई कॉलेज एक ही विश्वविद्यालय से संबद्ध यानि एफिलिएटेड होते हैं और उनकी परीक्षा विश्वविद्यालयों के हाँथ में होती है।लेकिन अब कॉलेजो को भी अधिकार होंगे।
सिंगल रेगुलेटर बनाया जाएगा :
इस समय कई अलग संस्थाए हैं जो उच्च शिक्षा के लिए नियम बनती हैं जैसे यू.जी.सी., ए.आई.सी.टी.ई., आदि।इन सबको मिला कर एक कर दिया जाएगा।
देश के हर विश्वविद्यालय के लिए शिक्षा के मानक एक सामान होंगे यानि की केंद्र,राज्य या डीम्ड विश्वविद्यालय हो सबका स्तर एक जैसा होगा।
प्राइवेट कॉलेज मनमानी फीस नहीं वसूल कर सकेंंगे। जिसके लिए फी कप तय होंगे।
शोध की फंडिंग के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया जाएगा।जिसमे साइंस और आर्ट्स सभी विषयो को फण्ड किया जाएगा।तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा।आभासी या वर्चुअल लैब भी शुरू किये जाएंगे।
स्कूली शिक्षा में बदलाव :
वर्तमान समय में स्कूली शिक्षा 10 + 2 के आधार पर है जिसमे 10वी तक सभी विषय पढ़ने होते हैं और और 11वी में स्ट्रीम तय करनी होती है।
नए सिस्टम के तहत 5 +3 +3 +4 बताया गया है जिसमे स्कूल के आखरी साल 9वी से 12वी तक एक समान होंगे।
जिसमे विषयो को गहराई से पढ़ाया जाएगा लेकिन स्ट्रीम का चुनाव ज़रूरी नहीं होगा यह पढाई मल्टीस्ट्रीम होगी मैथ्स
वाला इतिहास भी पढ़ सकेगा और एक्स्ट्रा सुर्रिकुलुर में जैसे म्यूजिक या स्पोर्ट्स भी शामिल कर लिया जाएगा। इन विषयो को एक्स्ट्रा ना मान कर मुख्य समझा जाएगा।
3 से 6 साल के बच्चों के लिए अलग पाठ्यक्रम तैयार होगा जिसमे उन्हें खेल -खेल में सिखाया जाएगा जिसके लिए शिक्षकों की भी अलग तरह से ट्रेनिंग होगी।
6 से 9 साल तक के बच्चों को लिखना पढ़ना आ जाए इस बात पर ध्यान दिए जाएगा जिसके लिए नेशनल मिशन शुरू होगा।
कक्षा 6 से ही बच्चों को वोकेशनल कोर्स पढ़ाई जाएंगे यह पढाई स्किल बेस्ड होगी और इसमें इंटर्नशिप भी होगी जिसमे वह किसी एक जगह जा कर काम सीखेंगे।
6ठी कक्षा से बच्चों के प्रोजेक्ट बेस्ड सिखने के मॉडल तैयार किये जाएंगे। इन्हे कोडिंग भी सिखाई जाएगी।
सिलेबस में बदलाव होंगे। सिलेबस में बदलाव सारे देश में एक जैसा होगा।
मात्र भाषा में पढ़ाने के लिए ज़ोर दिया जाएगा।
साल में 2 बार बोर्ड की परीक्षाए कराई जा सकती हैं जिसमे ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न भी हो सकते हैं।
रिपोर्ट कार्ड में ना केवल शिक्षकों के लिए बल्कि बच्चों के लिए भी एक कॉलम होगा जिसमे बच्चे स्वयं अपना मूल्याँकन करेंगे, और एक कॉलम में सहपाठी में उनका मूल्याँकन करेंगे।
स्कूल के बाद कॉलेज में दाखिले के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा हो इसके लिए राष्ट्रीय सहायता केंद्र बनाए जाएंगे।
स्कूल से निकलते वक़्त हर बच्चे के पास एक व्यावसायिक कौशल होगा।
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लेखक : लुबना हाश्मी
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New National Education Policy 2020 नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हिन्दी में जानकारी #linkinbio👆 29जुलाई केन्द्रीय कैबिनेट मीटिंग - मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अब शिक्षा मंत्रालय कहा जायेगा। -क़रीब तीस साल बाद नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिली, शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार का रास्ता खुला। - अब उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक संस्था होगी, त्रिभाषा फ़ार्मूला लागू रहेगा। नई शिक्षा नीति 1) SSRA (State School Regulatory Authority) बनेगी जिसके चीफ शिक्षा विभाग से जुड़े होंगे। 2) 4 ईयर इंटेग्रेटेड बीएड, 2 ईयर बीएड or 1 ईयर B Ed course चलेंगें। 3) ECCE (Early Childhood Care and Education) के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से। 4) TET लागू होगा up to सेकंडरी लेवल। 5) शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी, BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे, MDM se भी शिक्षक हटेंगे। 6) स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ SCMC यानी स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी। 7) शिक्षक नियुक्ति में डेमो/स्किल टेस्ट और इंटरव्यू भी शामिल होंगे। 8) नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे। 9) ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे, केंद्रीय विद्यलयों की तर्ज पर। 10) RTE को कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु तक लागू किया जाएगा। 11) मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में दिया जाएगा। 12) Three language based स्कूली शिक्षा होगी। 13) Foreign language course भी स्कूलों में शुरू होंगे। 14) विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में science or math विषय अनिवार्य होंगे। 15) स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी। 16) NCERT पूरे देश में नोडल एजेंसी होगी। 17) स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग समाप्त हो जाएगा। 18) क्रेडिट बेस्ड सिस्टम होगा जिससे कॉलेज बदलना आसान और सरल होगा बीच मे कोई भी कॉलिज बदला जा सकता है। 19) नई शिक्षा नीति में सिर्फ बीएड इण्टर के बाद 4 वर्षीय बीएड, स्नातक के बाद 2 वर्ष बीएड, परास्नातक के बाद 1 वर्ष का बीएड कोर्स होगा। #NEP2020 #NationalEducationPolicy2020 #NewEducationPolicy #cabinetMeeting #HRDMinistry #EducationMinistry #education #youtubevideo #youtuber #video @youtubeindia @facebook @facebookapp @twitterindia @instagram @instagramforbusiness @creators (at India इंडिया भारत) https://www.instagram.com/p/CDQfEA-FdIO/?igshid=sj2jju6deach
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JNU supposed to be running without any external aids. Make them responsible at early age. If university systems are run by students council administration, most teaching, transportation, canteen, hostel, library, gardening including budgeting and fund raising half the job done. By the time they are graduate they are responsible humans. I found, even agriculture university students don't work in the field. One of my friends told me that in 4 years of undergrad program he visited 8 days to the fields. Government must have fixed budget for aided schools, balance let them earn. JNU has 1000 acres of land in the heart of City. I suppose JNU must earn entire budget and also help other universities etc. It is possible. If they can't their students will not be able to earn for them selves in life.. And JNU administration and politics are responsible. Not students. Politics should get out of education system. #educationministry #PMO #PMINDIA #JNU (at Jambhulpada, Maharashtra, India) https://www.instagram.com/p/B5HHyR5Axa3/?igshid=rg4k0ld048x8
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