डॉ . बाबा साहेब आंबेडकर आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता के शिल्पकार
डॉ भीमराव आंबेडकर का जन्म महार नाम की कथाकथित अस्पृश्य जाति में राम जी सकपाल के घर में हुआ। राम जी सकपाल सेना में सूबेदार थे। 14 भाई बहनों में सबसे छोटे भीमराव का जीवन अत्यंत कष्ट एवं संघर्षमय रहा। भीमराव मैट्रिक पास करने वाले अपनी जाति के पहले छात्र थे। भीमराव की इस सफलता में बहुत सकारात्मक सहयोग उनके एक ब्राह्मण अध्यापक का रहा। जिनका उपनाम आंबेडकर था।भीमराव के एक और अध्यापक कृष्णा केलुस्कर ने…
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डॉ बीआर अम्बेडकर पुण्यतिथि: बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा कम ज्ञात तथ्य और प्रेरक उद्धरण
डॉ बीआर अम्बेडकर पुण्यतिथि: बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा कम ज्ञात तथ्य और प्रेरक उद्धरण
छवि स्रोत: फ़ाइल छवि डॉ बीआर अंबेडकर पुण्यतिथि
डॉ बीआर अंबेडकर पुण्यतिथि: डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में भारत 6 दिसंबर को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाता है। लोकप्रिय रूप से बाबासाहेब अम्बेडकर के रूप में जाने जाते हैं, वे भारतीय संविधान के वास्तुकार थे। वह प्रारूपण समिति के उन सात सदस्यों में भी थे जिन्होंने स्वतंत्र भारत के संविधान का प्रारूप तैयार किया था। बाबासाहेब…
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केके की जयंती: 'पल' से लेकर 'आशन' तक, हर इमोशन की आवाज थी गायिका
केके की जयंती: ‘पल’ से लेकर ‘आशन’ तक, हर इमोशन की आवाज थी गायिका
फिल्म उद्योग के लिए यह एक दुखद झटका था जब बॉलीवुड गायक कृष्ण कुमार कुनाथ, जिन्हें केके के नाम से जाना जाता है, का 31 मई को कोलकाता में निधन हो गया। गायक का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। आज उस संगीतकार का 54वां जन्मदिन है जिसने हमें ऐसे गाने दिए जो हमारे जीवन का हिस्सा हैं।
यदि आप केके गीतों की एक प्लेलिस्ट बनाते हैं, तो यह लगभग सभी सहस्राब्दियों के लिए एक उदासीन प्लेलिस्ट होगी। 90 और 2000 के…
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छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2022: उद्धरण, इतिहास और महत्व
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2022: उद्धरण, इतिहास और महत्व
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2022: शिवाजी महाराज जयंती प्रतिवर्ष 19 फरवरी को मनाई जाती है। इस वर्ष महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 392वीं जयंती 19 फरवरी, 2022 को मनाई गई।
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाई जाती है और यह राज्य में एक सार्वजनिक अवकाश है। हालाँकि छत्रपति शिवाजी महाराज की पौराणिक कथाएँ राज्य की सीमाओं को पार करती हैं और पूरे भारत में जानी जाती…
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09.05.2024, लखनऊ | महाराणा प्रताप जी की जन्म जयंती के जयंती के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय, गाजीपुर, बस्तौली (1-8 कंपोजिट), इन्दिरा नगर, लखनऊ में "पुष्प अर्पण एवं प्रसाद वितरण" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रधानाध्यापिका श्रीमती मीना यादव द्वारा दीप प्रज्वलित कर महाराणा प्रताप जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए तथा उन्हें सादर नमन किया गया | सभी छात्र-छात्राओं ने भी महाराणा प्रताप जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए | कार्यक्रम में "मधुमक्खी वाला, बाराबंकी" द्वारा Mustard Raw Honey उपलब्ध कराया गया, जिसका सभी बच्चों में वितरण किया गया | शहद पाकर बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “महाराणा प्रताप मेवाड़ के शूरवीर और पराक्रमी राजा थे | उनका जन्म 09 मई 1540 को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हुआ था | शूरवीर महाराणा प्रताप ने मुगलों के साथ अनेक युद्ध लड़े तथा विजय प्राप्त की, जिसमें उनके घोड़े चेतक ने उनका भरपूर साथ दिया | महाराणा प्रताप ने मुगल शासक अकबर के साथ हल्दीघाटी का प्रसिद्ध युद्ध लड़ा तथा मुगलों को धूल चटा दी । हमें महाराणा प्रताप के जीवन से एक सीख लेनी चाहिए कि हर समय धर्म और न्याय के प्रति समर्पित रहना कितना महत्वपूर्ण है । उनका जीवन हमें सिखाता है कि जीत केवल साहस और संघर्ष से ही नहीं बल्कि निष्ठा और समर्पण से भी मिलती है । ऐसे महान योद्धा की जयंती पर उन्हें शत शत नमन |"
उच्च प्राथमिक विद्यालय की कक्षा 6 की छात्रा रीमा ने श्री श्याम नारायण पांडे द्वारा महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक पर लिखी गई कविता "रण–बीच चौकड़ी भर–भरकर, चेतक बन गया निराला था "का पाठ किया जिसने सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया |
अंत में श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि "इस तरह के कार्यक्रम प्रत्येक स्कूल में आयोजित होने चाहिए जिससे विद्यार्थी भारत देश के आध्यात्मिक एवं पौराणिक इतिहास के बारे में जान सके |"
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती मीना यादव, छात्र-छात्राओं तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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जितना कम सामान रहेगा
उतना सफ़र आसान रहेगा
जितनी भारी गठरी होगी
उतना तू हैरान रहेगा - गोपालदास 'नीरज'
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक तथा महाकवि "गीतों के दरवेश" पद्मभूषण (डॉ०) गोपालदास 'नीरज' जी की 99वीं जन्म जयंती पर कोटिशः नमन !
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🔱 दत्त जयन्ती - Datta Jayanti
❀ मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा को दत्त जयंती, देव दत्तात्रेय के अवतरण दिवस के रूप मे मनायी जाती है।
❀ उन्हें त्रिमूर्ति अथार्त ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश का अवतार माना जाता है।
❀ दक्षिण भारत में प्रसिद्ध दत्त संप्रदाय, भगवान दत्तजी को ही अपना प्रमुख आराध्य मानता है।
❀ दत्तात्रेय ऋषि अत्रि और उनकी पत्नी अनसूया के पुत्र थे।
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भगवान दत्तात्रेय जन्म कथा
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🪔 दत्ताची आरती - Datta Aarti
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Mahavir Jayanti: कल जैन धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
Mahavir Jayanti हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस साल 4 अप्रैल के दिन यह पर्व है, जिसे जैन धर्म अपने 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्म दिवस के उपलक्ष में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाने वाला है।
महावीर जयंती से जुड़ी कुछ बातें-
Mahavir Jayanti मुख्य रूप से उन लोगों का त्योहार है जो जैन धर्म को मानने वाले हैं। लेकिन यह त्योहार केवल एक धर्म तक ही सीमित नहीं है क्योंकि विभिन्न अन्य परंपराओं के लोग भी इसको धूमधाम से मनाते है और इस पर्व के आयोजन में भाग लेते हैं।
आपको बता दें कि जिस दिन भारत में Mahavir Jayanti मनाई जाती है, उस दिन भगवान महावीर की मूर्तियों वाले रथों के साथ जुलूस निकाले जाते हैं, जिसे शोभायात्रा कहा जाता है।
वैसे तो यह त्योहार पूरे भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन गुजरात और राजस्थान में Mahavir Jayanti पर होने वाले समारोह सभी के आकर्षण का केंद्र होते हैं।
Also Read: PM MODI ने वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी, प्रधानमंत्री का भोपाल दौरा देखें LIVE
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मदर टेरेसा जयंती: दिव्य महिला द्वारा प्रतिष्ठित उद्धरण
मदर टेरेसा जयंती: दिव्य महिला द्वारा प्रतिष्ठित उद्धरण
छवि स्रोत: INSTAGRAM/MOTHER_THERESA_SAINT_OF_INDIA मदर टेरेसा जयंती: उनके द्वारा प्रतिष्ठित बातें
मदर टेरेसा उनका जन्म 26 अगस्त, 1910 को मैसेडोनिया के स्कोप्जे में एक समर्पित कैथोलिक परिवार एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सीहु के रूप में हुआ था। उसने लोरेटो कॉन्वेंट, डबलिन, आयरलैंड में अपना नाम हासिल किया। मदर टेरेसा को जानने वाले लोगों को पता चला कि उनका अभिषेक होने से पहले उनका एक रहस्यमय स्पर्श था। सेंट…
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सर्वाथ सिद्धि, लक्ष्मीनारायण व रवि योग में आज मनाई जाएगी गंगा सप्तमी व चित्रगुप्त जयंती
वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि के दिन श्री गंगा सप्तमी और भगवान चित्रगुप्त जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस वर्ष श्री गंगा सप्तमी एवं भगवान चित्रगुप्त जयंती 14 मई को पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवियोग के सुयोग में मनाई जाएगी।
गंगा के स्मरण, दर्शन एवं स्नान करने मात्र से रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति, यश-सम्मान में वृद्धि व सभी पापों का क्षय, अशुभ ग्रहों के कुप्रभाव में कमी व सकारात्मकता का वास होता है। इस दिन दान-पुण्य व धर्म कृत्य करने से जन्म-जन्मांतर तक इसका पुण्य मिलता है।
गंगा स्नान व पूजा और दान-पुण्य का महत्व
वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी की उदयातिथि में आ रही है। इसलिए गंगा सप्तमी 14 मई को मनाई जाएगी। इस पर्व पर गंगा स्नान, व्रत-पूजा और दान का विशेष महत्व है, जो लोग किसी कारण से इस दिन गंगा नदी में स्नान नहीं कर सकते वो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं। ऐसा करने से तीर्थ स्नान का ही पुण्य मिलता है।
पानी से भरी मटकी का दान का महत्व
इस दिन पानी से भरी मटकी का दान करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है। गंगा सप्तमी के दिन पुष्य नक्षत्र, फिर अश्लेषा नक्षत्र रहेगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवियोग का संयोग भी बन रहा है। खासकर इस दिन गर एवं वणिज करण के योग बन रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों करण को शुभ माना गया है। इन योग में स्नान-ध्यान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
बन रहे हैं शुभ संयोग
इस वर्ष सप्तमी तिथि का आरंभ 13 मई, को शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 14 मई की शाम 6 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए इस वर्ष गंगा सप्तमी 14 मई, दिन मंगलवार को पुष्य योग में मनाई जाएगी। इस बार गंगा सप्तमी के दिन कुछ शुभ संयोग का निर्मल भी हो रहा है, जिनके नाम हैं वृद्धि योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग, इस दिन पुष्य नक्षत्र भी रहेगा। इन सभी कारणों से इस बार की गंगा सप्तमी बहुत खास मानी जा रही है।
Pandit Subham Shastri Ji
Call : - +91- 9888520774
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