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manmohan888-blog · 17 days
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हम देश भर में “एक्स-रे” करेंगे, फिर हम जानेंगे कि ‘अल्पसंख्यकों’ को कितना देना है। फिर हम व्यक्तियों, और वित्तीय और संस्थाओं का ‘सर्वेक्षण’ करेंगे। हम पता लगाएंगे कि किसके पास ‘धन’ है और वे किस जाति से हैं। इसके बाद हम धन के पुनर्वितरण का ‘क्रांतिकारी’ काम करेंगे। राहुल गांधी, कांग्रेस तो मैं यह स्पष्ट कर दूं – राहुल गांधी राज्य की शक्ति का उपयोग करके हमारे जीवन के हर कोने में घुसपैठ करेंगे और…
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manmohan888-blog · 20 days
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नोटा नहीं दबाना, हिंदुत्व की विजय सुनिःचित करना
“नोटा नहीं दबाना है, हिंदुत्व को विजयी बनाना है” (जागे देश की क्या पहचान.. शत् प्रतिशत हो मतदान)“यह बात कितनी सच्ची है इसलिए लगती बहुत अच्छी है”- संघ प्रमुख ने सितम्बर में विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय ‘भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण, व्याख्यानमाला के अंतिम दिन लोगों के सवालों के जवाब देते हुए कहा था “नोटा में हम लोग सर्वोत्तम को भी किनारे कर देते हैं और इसका फायदा सबसे…
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manmohan888-blog · 22 days
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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से वास्तव में राम राज्य की शुरुआत हो गई है- श्री सुनील आंबेकर जी
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से वास्तव में राम राज्य की शुरुआत हो गई है- श्री सुनील आंबेकर जी……………………………………राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर जी ने कहा कि भगवान राम ने कहा है कि वह सबके हैं, यह भाव जिन तक नहीं पहुंचा है उन तक यह भाव सभी माध्यमों से पहुँचाना जरुरी है। उन्होंने यह बात सुरुचि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक रामजन्मभूमि तथा रामजन्मभूमि कॉमिक के विमोचन…
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manmohan888-blog · 23 days
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वामपंथी उग्रवादियों की मौत पर कांग्रेस के घड़ियाली आंसू
बस्तर में नक्सलियों द्वारा हो रही भाजपा नेताओं की हत्याओं पर क्यों मौन है कांग्रेस बस्तर में मतदान के वक़्त कोई बड़ा हमला करना चाहते थे नक्सली पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को फर्जी बताने वाली कांग्रेस ने कियघायल जवानों का अपमान छत्तीसगढ़ की दो लोकसभा सीटों बस्तर और कांकेर में पहले चरण में यानी 19 अप्रैल को मतदान होना है। लेकिन इससे ठीक पहले पुलिस को सूचना मिली कि कांकेर जिले के थाना छोटे बेठिया के जंगल…
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manmohan888-blog · 23 days
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18 अप्रैल 1899 सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी दामोदर चाफेकर का बलिदान
अंग्रेज अधिकारी चार्ल्स रैंड को गोली मारी थी : पूरा राष्ट्र संस्कृति और स्वत्व रक्षा के लिये समर्पित दामोदर हरि चाफेकर एक ऐसे क्राँतिकारी थे जिनका पूरा परिवार राष्ट्र और संस्कृति रक्षा केलिये बलिदान हुआ तीन भाइयों को तो फाँसी हुई । उनका संघर्ष सत्ता केलिये नहीं था । समाज और संस्कृति की रक्षा के लिये था । इसी वातावरण में उनका जन्म हुआ और इसी में बलिदानबलिदानी दामोदर हरि चाफेकर का जन्म 25 जून 1869…
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manmohan888-blog · 23 days
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टोरा……
धन्य धारा श्री भारती, रामलला के जन्म।भारत ने जाना ‘हनी ‘, मर्यादा का धर्म।।राम चरित सर डूब कर, मोती मानस राम।बैठ तीर कुछ कीच में,’हनी ‘ कमाया काम।।रघुकुल तिलक आज ‘हनी ‘, सूर्य तिलक शुभ धार।धाम अयोध्या -वंश- मणि, ठाडे निज आगार।।‘हनी ‘ स्वत्व का जागरण, भव्य बना रघु- धाम।चिह्न मिटे अपमान के, जागे घाट में राम।। लेखन हनुमान सिंह
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manmohan888-blog · 26 days
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डॉ . बाबा साहेब आंबेडकर आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता के शिल्पकार
डॉ भीमराव आंबेडकर का जन्म महार नाम की कथाकथित अस्पृश्य जाति में राम जी सकपाल के घर में हुआ। राम जी सकपाल सेना में सूबेदार थे। 14 भाई बहनों में सबसे छोटे भीमराव का जीवन अत्यंत कष्ट एवं संघर्षमय रहा‌। भीमराव मैट्रिक पास करने वाले अपनी जाति के पहले छात्र थे। भीमराव की इस सफलता में बहुत सकारात्मक सहयोग उनके एक ब्राह्मण अध्यापक का रहा। जिनका उपनाम आंबेडकर था।भीमराव के एक और अध्यापक कृष्णा केलुस्कर ने…
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manmohan888-blog · 26 days
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"सामाजिक समरसता एवं राष्ट्रीय विचारों के प्रखर पुञ्ज डॉक्टर द्वय"
~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल भारत भूमि ने अपनी कोख से समय-समय पर ऐसे – ऐसे रत्न उत्पन्न किए हैं जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से समाज जीवन में एक गहरी अमिट छाप छोड़ी है। रत्नगर्भा भारत माता के ऐसे ही दो महान सपूत – एक स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक, प्रथम सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे – संविधान निर्माण की प्रारुप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव…
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manmohan888-blog · 27 days
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जातिवाद, क्षेत्रवाद और अतिवाद को नही जीतने देना चाहिए,
केवल राष्ट्रवाद और विकास ही जनता और देश के लिए हितकारी है।सोशल मीडिया से हीरो बने नेता” ज्यादा दिन नही टीक पाते उनसे जमीनी हकीकत हमेशा दूर रहती है…उन्हें उनकी महत्वाकांक्षा हमेशा उनके स्वार्थ, लोभ, पद और प्यादे होने की ओर खींचती हैं।वे कभी भी त्यागी और तपस्वी साधु की तरह विवेक नही रखते।उनके सामने राष्ट्र, धर्म, संस्कृति और हिन्दू एकता हमेशा गौण रहती है,वे राष्ट्र निर्माण के भागीदार नहीं हो सकते…
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manmohan888-blog · 2 months
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श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह- एक नए युग का ऐतिहासिक शुभारम्भ
22 जनवरी 2024 को, अयोध्या की प्राचीन नगरी में एकता, श्रद्धा, भक्ति और समरसता का अविस्मरणीय संगम देखा गया। जहां देश के प्रत्येक कोने से, भिन्न भिन्न पृष्ठभूमियों से, सहस्रों राम-भक्त भव्य राम मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बनने के लिए एकत्र हुए। श्री रामलला के आगमन के नाद से भारत वर्ष में ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व में एक नवोत्साह की लहर का संचार हुआ।भारत के इतिहास में इस…
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manmohan888-blog · 3 months
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'मधु का श्री गुरूजी! बन जाना'
~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल भारतीय संस्कृति में आक्रमण और वर्षों की परतन्त्रता के कारण कमजोर और दैन्य हो चुके हिन्दू समाज को संगठित करने के ध्येय से डॉ.हेडगेवार ने २७ सितम्बर सन् १९२५ विजयादशमी के दिन शक्ति की पूर्णता को मानकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गठन किया। जो हिन्दू समाज को सशक्त और सामर्थ्यवान बनाने तथा राष्ट्रीयता के प्रखर स्वर को लेकर सामाजिक -राजनैतिक-बौध्दिक विकास व हिन्दुत्व के लिए…
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manmohan888-blog · 3 months
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अयोध्या धाम के बन्दर भी अभी तक सुस्त और कृशकाय है।
अयोध्याधाम स्थित रामलला के दर्शन एक अलौकिक आनंदानुभूति-भारत के कोने कोने से रामभक्त अयोध्या जाकर राम मंदिर दर्शन के लिए व्यग्र है, उत्सुक है, लालायित है, किन्तु न्यास (ट्रस्ट) और अन्य संगठनों द्वारा संयम रखने के आग्रह के चलते जो भी वहां जा पा रहा है वह अपने जीवन को धन्य मान रहा है।मुझे भी, आस्था स्पेशल ट्रेन में जो कि प्रथम रेल थी, में रामभक्तों के साथ जाने का अवसर मिला। यात्रा के दौरान रामभक्तों…
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manmohan888-blog · 4 months
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प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमित्त सरसंघचालक जी का लेख
हमारे भारत का इतिहास पिछले लगभग डेढ़ हजार वर्षों से आक्रांताओं से निरंतर संघर्ष का इतिहास है। आरंभिक आक्रमणों का उद्देश्य लूटपाट करना और कभी-कभी (सिकंदर जैसे आक्रमण) अपना राज्य स्थापित करने के लिए होता था। परंतु इस्लाम के नाम पर पश्चिम से हुए आक्रमण यह समाज का पूर्ण विनाश और अलगाव ही लेकर आए। देश-समाज को हतोत्साहित करने के लिए उनके धार्मिक स्थलों को नष्ट करना अनिवार्य था, इसलिए विदेशी…
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manmohan888-blog · 4 months
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जन जन स्वप्न पूरा होने का आनंद है रामोत्सव
शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद भव्य राममंदिर में रामलला के विग्रह की स्थापना का चिर प्रतीक्षित स्वप्न पूरा हुआ। पूरे देश की आत्मा झंकृत है, आनंदित है, मुदित है। हो भी क्यों न अपने रामलला को अपने भव्य घर में देखने का जन- जन का सपना पूरा हुआ है। यह अवसर सारी दुनिया के लिए अद्भुत, अपूर्व व अत्यंत आल्हादकारी है। सनातन संस्कृति के प्राण रघुनंदन राघव रामलला अपनी जन्म भूमि अयोध्याधाम में नव्य-…
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manmohan888-blog · 4 months
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"राम राज्य आ रहा है, देश में हर कोई…": अयोध्या राम मंदिर में आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत
अयोध्या, 22 जनवरी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि भगवान श्री राम लला की अयोध्या में घर वापसी का इतिहास ऐसा है कि जो भी उन कहानियों को सुनता है, उसके दुख और दर्द मिट जाते हैं। आरएसएस प्रमुख रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में सभा को संबोधित कर रहे थे। “आज 500 वर्षों के बाद रामलला यहाँ वापस आये हैं और उनके प्रयासों से…
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manmohan888-blog · 4 months
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"लोगों ने इसके लिए 550 वर्षों तक इंतजार किया": चिरंजीवी, अनुपम खेर, जैकी श्रॉफ प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेने पर भाग्यशाली महसूस करते हैं
550 वर्षों की लालसा और भक्ति के बाद, चिरंजीवी, अनुपम खेर, जैकी श्रॉफ और अनु मलिक जैसी कई प्रमुख हस्तियां इस महत्वपूर्ण अवसर का गवाह बनकर सौभाग्य की गहरी अनुभूति से अभिभूत महसूस कर रही हैं।   अभिनेता सुमन ने कहा, “पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को बधाई और शुभकामनाएं। ये दोनों राम और लक्ष्मण की तरह हैं और अगर यह मंदिर यहां आता, तो मुझे लगता है कि यह भगवान का काम है…।” सुभाष घई कहते हैं, “राम…
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manmohan888-blog · 4 months
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हिन्दूराष्ट्र के 5000 वर्ष के इतिहास का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन अब दूर नहीं
हिन्दूराष्ट्र के 5000 वर्ष के इतिहास का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन अब दूर नहीं है। आजतक देशभर के नगर नगर में देवता प्रतिष्ठित हुए होंगे, पर दूसरे नगरों को उसकी खबर नहीं थी। वहाँ तमिलनाडु में यदि भव्य मंदिर बनते थे तो हिमाचल में बैठे हिन्दू से हम उस मन्दिर का नाम जानने की आशा भी नहीं कर सकते थे। यद्यपि पूर्वजों ने महाकुंभ की ऐसी परम्परा चलाई थी जहाँ सम्पूर्ण हिन्दू समाज जुटता चला आ रहा था। मुझे प्रयाग…
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