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#urjitpatel
biographyiq · 2 years
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examsready-blog · 5 years
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இந்திய ரிசர்வ் வங்கியின் ஆளுநராக இருந்து இன்று பதவி விலகிய உர்ஜித் பட்டேல் குறித்து ஒரு பார்வை! #UrjitPatel #RBI #RBIGovernor https://www.instagram.com/p/BrOv4JKAzun/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=1h7gp9v4fg08l
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chaitanyabharatnews · 5 years
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7 महीने में आरबीआई को लगा दूसरा बड़ा झटका, डिप्‍टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्‍तीफा
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को सात महीने में दूसरा बड़ा झटका लगा है। बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें सात महीने के भीतर यह दूसरी बार है जब बैंक के किसी उच्च अधिकारी ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद छोड़ा है। आचार्य से पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर में निजी कारण बताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। Reserve Bank of India (RBI) Deputy Governor, Viral Acharya has resigned six months before the scheduled end of his term. He had joined RBI in 2017. (file pic) pic.twitter.com/RyxAt6fmAN — ANI (@ANI) June 24, 2019 आचार्य ने अपना कार्यकाल पूरा होने के करीब छह महीने पहले ही पद छोड़ दिया है। हालांकि, आरबीआई के सूत्रों ने अभी तक उनके इस्तीफे की खबर की पुष्टि नहीं की है। लेकिन यह कहा जा रहा है कि सोमवार दोपहर तक आरबीआई इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी कर सकता है। बता दें आचार्य आरबीआई के उन बड़े अधिकारियों में शामिल थे जिन्हे उर्जित पटेल की टीम का हिस्सा माना जाता था। जानकारी के मुताबिक, आचार्य अब न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के सेटर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर पद पर काम करेंगे। 23 जनवरी 2017 को आचार्य ने तीन साल के लिए आरबीआई के बतौर डिप्टी गवर्नर पद पर ज्वाइन किया था। इस हिसाब से वह करीब 30 महीने केंद्रीय बैंक के लिए अपने पद पर कार्यरत रहे। उनका तीन साल का कार्यकाल जनवरी, 2020 में पूरा होना था। अब आरबीआई में शीर्ष स्तर प�� दो पद खाली होने वाले हैं। दरअसल, 3 जुलाई को एनएस विश्वनाथन भी रिटायर हो रहे हैं। बता दें आचार्य मौद्रिक नीति, रिसर्च और वित्तीय स्थिरता से जुड़े मामले देखते थे, जबकि विश्वनाथन बैंकिंग रेलुगेशन और रिस्क मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के इंचार्ज हैं। ये भी पढ़े... बाजार में 25 हजार करोड़ की नकदी बढ़ाएगा रिजर्व बैंक ट्रेड क्रेडिट पॉलिसी में संशोधन, आयात के लिए पूंजी जुटाना आसान   भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसीः रेपो रेट में हो सकती है कटौती, किसानों के लोन की लिमिट बढ़ाई Read the full article
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fristexam · 5 years
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#currentaffairs2018 #currentaffairs #urjitpatel #rbi #government (at India) https://www.instagram.com/p/BrOg3mvnB-S/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=1lvocmvyxkb
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psuwatch-blog · 5 years
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#Anil_Ambani_In_Yahoo_Newsmakers_List_2018 -- We don't think Anil ambani would at all like to thank the Rafael controversy but that has made him secure a position in the list of Yahoo Newsmakers for 2018. The Rafale controversy continues to hit headlines, with congress chief Rahul Gandhi claiming that PM Narendra Modi had changed the terms of the deal to benefit his ‘friend’, Yahoo’s Year in Review list names Anil Ambani among the top finance newsmakers of 2018. Notably, the list has been topped by RBI governor Urjit Patel, followed by Asia’s richest man and chairman of Reliance industries #Mukesh_Ambani. Yahoo #yahoonewsmakers Yahoo News #yahoonewsmakers2018 #urjitpatel #MukeshAmbani Ambanis #RBIgovernor #Anilambani Reliance Foundation Reliance Power Reliance Digital What's Trending #TrendingNews #whatshot #goodmorning #psuwatch #newsmakers #AmbaniBrothers #Ambani #RelianceIndustries @reliancetrends @reliance_digital @reliance.entertainment #Reliance_Industries @reliance_footprint @reliancefreshofficial @reliancesmart_official @reliancemutualfund @reliancejewels https://www.instagram.com/psuwatch/p/BrB3-LInKvb/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=13o0pexiz2djv
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viralkendra-blog · 6 years
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RBI बोर्ड की बैठक 9 घंटे चली: MSME के लिए नई स्कीम, 25 करोड़ का मिल सकेगा लोन
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रिजर्व बैंक की बोर्ड मीटिंग सोमवार को करीब 9 घंटे तक लगातार चली. केंद्र के साथ खींचतान के बीच इस बैठक की अहमियत काफी ज्यादा है. उम्मीद थी कि इस बैठक से कई गंभीर मुद्दों के हल निकलेंगे लेकिन नतीजा ऐसा नहीं रहा. ज्यादातर मसले अभी हल नहीं हो पाए हैं. इस बैठक में जिन बातों पर फैसला हुआ, उनमें से मझोले एवं सूक्ष्म (medium and small scale enterprises यानी MSME) को लेकर है. रिजर्व बैंक के बोर्ड ने यह फैसला लिया कि इस सेक्टर को अब 25 करोड़ रुपए तक का लोन दिया जा सकता है. आरबीआई के सरप्लस फंड का क्या होगा? आरबीआई एक अलग पैनल बनाएगा. यह पैनल सरप्लस फंड का रिव्यू करेगा और सरकार को फंड ट्रांसफर करेगा. पैनल के गठन पर आखिरी फैसला आरबीआई और फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली लेंगे. इस बीच मौजूदा पैनल प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) से जुड़े मामलों को देखेगी. इन मुद्दों पर हुई चर्चा  बैठक के बाद आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है. सरकार और गुरुमूर्ति ने आरबीआई पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को अधिक नकदी उपलब्ध कराने, छोटे कारोबारियों के लिए कर्ज नियमों को आसान बनाने, कमजोर बैंकों के लिए नियमों में ढील देने और रिजर्व बैंक के रिजर्व फंड में से कुछ राशि अर्थव्यवस्था को प्रोत्सोहन को देने के लिए उपलबध कराने को लेकर दबाव बनाते रहे. सूत्रों के मुताबिक, आरबीआई के बोर्ड की अगली बैठक 14 दिसंबर को होने वाली है. इन बातों पर था टकराव बैंक और सरकार के बीच मुख्य रूप से फंड को लेकर टकराव था. पहले तो सरकार को लगता है कि RBI के पास 3.6 लाख करोड़ रुपए का रिजर्व है. सरकार चाहती है कि इस फंड का इस्तेमाल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए किया जाए. वहीं आरबीआई का तर्क है कि बाजार में पर्याप्त पैसा है. ऐसे में किसी NBFC का डिफॉल्ट का बेहद निजी मामला है. सरकार पर लगे गंभीर आरोप पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया है कि वह आरबीआई के रिजर्व पर अपना हक जमाना चाहती है. चुनाव के सालों में सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़िया दिखाने के लिए आरबीआई से अपने रिजर्व के एक हिस्से को विकास के लिए इस्तेमाल करना चाहती है. सरकार ने करीब 1 लाख करोड़ रुपए की मांग रखी थी. जब आरबीआई के गवर्नर ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तब सरकार ने आरबीआई एक्ट का सेक्शन 7 का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. चिदंबरम ने कहा, आरबीआई अधिनियम की सेक्शन 7 सरकार को सार्वजनिक हित में केंद्रीय बैंक प्रमुख से परामर्श करने और निर्देश देने की शक्ति देता है. हालांकि गुरुमूर्ति ने इन सारी बातों को गलत ठहराया है. उन्होंने कहा कि सरकार केवल एक पॉलिसी चाहती है जिससे की यह निर्धारित हो सके कि आरबीआई कितना रिजर्व अपने पास रख सकती है. अध्ययन कहता है कि रिजर्व के पास 12 से 18.7 प्रतिशत संपत्ति होनी चाहिए, लेकिन बैंक के पास 27-28 फीसदी संपत्ति है. Read the full article
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Center can bring RBI's new rules on Surplus Reserve, Know what will be rule in Hindi
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biographyiq · 3 years
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#UrjitPatel : उन्होंने खुद व्यक्तिगत कारणों से (इस्तीफा देने का) अनुरोध किया था। वह मुझे इस्तीफा देने से पह��े पिछले 6-7 महीनों से इसके बारे में बता रहा था। राजनीतिक दबाव का कोई सवाल नहीं। उन्होंने आरबीआई गवर्नर के रूप में अच्छा काम किया @narendramodi
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ebites1-blog · 5 years
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(via https://www.youtube.com/watch?v=2warUc80SgQ)
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drsgopalan-blog · 6 years
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RBI Governor to Resign?
The Reserve Bank of India has been engaged in a protracted conflict with the Modi Government and there are reports that the Governor, Urjit Patel’s resignation is impending:
The RBI has been at loggerheads with the government over three demands: transfer a higher portion of its reserves to the Centre to keep the fiscal deficit in control; inject more liquidity into the system to stave off a possible blowout among housing and finance companies; and relax the norms for prompt corrective action (PCA) and income recognition of banks.
India’s banking sector has serious problems - exemplified by the PNB scam I wrote about previously in an article published by the Oxford Business Law Blog:
The PNB scam should serve as the impetus for immediate reform of India’s outdated model of banking. For too long, these public sector white elephants have been playing fast and loose with public money and enabling crony capitalism under the spurious claim that they exist for the public good. Non-performing assets (NPAs) at Indian public sector banks are in excess of $135 billion this year.  Too many of these banks seek to serve mutually exclusive masters – faux welfarism (e.g., spurious loans to small farmers to appease their political benefactors etc., under the guise of providing banking to the poor) versus commercial profit. Due to this contradictory mandate, they have been utilized as wealth transfer mechanisms – from the average citizen to privileged constituencies – by a succession of political actors.
Notably, recent months have witnessed conflict between the Trump administration and the US Fed as well. The RBI’s masters could learn about Central Bank independence from the US experience.
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#RBIAssistant #RBI #ReserveBankOfIndia #UrjitPatel #RBIGradeB
Q. Who of the following launches the mobile therapy vans to elderly people recently? A. Shri Naveen Patnaik B. Shri Pinarayi Vijayan C. Shri Arvind Kejriwal D. Shri Nitish Kumar Answer: Option D
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viralkendra-blog · 6 years
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RBI और केंद्र सरकार की रस्साकशी देश के हित में नहीं
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आरबीआई और सरकार के मतभेद पहली बार सार्वजनिक नहीं हुए हैं. पहले भी कई बार वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक गवर्नर की अनबन जगजाहिर हो चुकी हैं. RBI बैंकिंग संस्थानों की नियामक है. हर दो महीने पर RBI आर्थिक नीतियों की समीक्षा करता है. RBI की इन द्विमासिक समीक्षाओं को लेकर सरकार के अधिकारियों और मंत्रियों में विरोधाभास नजर आता है. सरकार का जोर नीतियों को पॉपुलिस्ट बनाने पर होता है. लिहाजा सरकार चाहती है कि आरबीई पॉलिसी रेट कम रखे. दूसरी तरफ आरबीआई का फोकस महंगाई पर काबू पाने का रहता है. इसलिए केंद्रीय बैंक पॉलिसी रेट घटाने से बचते हैं. पॉलिसी रेट घटने से लोन सस्ता होता है तो लोगों के पास खर्च करने लायक रकम बढ़ती है. नतीजतन, ज्यादा खर्च से महंगाई बढ़ती है. पॉलिसी रेट घटाने को लेकर केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच मनमुटाव आम है. अमूमन जनता इसपर खास ध्यान भी नहीं देती हैं. लेकिन इस बार डिप्टी गवर्नर विरल अाचार्या की स्पीच की वजह से इस अनबन ने आम लोगों का ध्यान खींच लिया है. अाचार्या ने कहा था कि सरकार आरबीआई की स्वायत्ता का अतिक्रमण करने की कोशिश कर रही है. इस विवाद का चर्चा में आना लाजिमी भी है क्योंकि इसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ने लगा था. हालांकि राहत की बात यह है कि सरकार के बयान को शेयर बाजार ने सकारात्मक तौर पर लिया. यही वजह रही कि बुधवार को 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 550 अंक बढ़कर बंद हुआ. लेकिन जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार का यही हाल आगे रहे. सरकार और रिजर्व बैंक का यह विवाद अगर लंबा खिंचता है तो बाजार में गिरावट आ सकती है. कब हुई इस फसाद की शुरुआत? इस पूरे फसाद की शुरुआत आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्या के एक स्पीच के साथ हुआ. विरल आचार्या और आरबीआई गवर्नर ऊर्जित पटेल के रिश्ते काफी अच्छे हैं. पटेल ने ही आचार्या को न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से सीधा आरबीआई में काम करने के लिए बुलाया था. आरबीआई के कामकाज में सरकार के दखल को लेकर विरल अचार्या ने कहा था, 'सरकार को आरबीआई की स्वायत्ता पर हाथ नहीं डालना चाहिए.' उनहोंने आगे कहा था कि केंद्रीय बैंक की शक्तियों को कमजोर करना संभावित रूप से विनाशकारी हो सकता है. आचार्या ने अपने भाषण में आरबीआई की स्वायत्ता की पुरजोर वकालत भी की थी. विरल आचार्या को गुस्सा क्यों आया? आचार्या के सरकार के प्रति गुस्से की एक वजह है RBI एक्ट, 1934 का सेक्शन 7. दरअसल सरकार ने कई बार ऐसी मंशा जाहिर की है कि वह इस सेक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं. सेक्शन 7 के तहत आरबीआई की पूरी कुंजी सरकार के हाथों में आ जाएगी. सरकार जन कल्याण या पब्लिक इंटरेस्ट के नाम पर इस सेक्शन का इस्तेमाल करने का दावा करती है. मीडिया रिपोर्टस की मानें तो आरबीआई गवर्नर पटेल ने यह साफ कर दिया है कि जिस दिन सरकार सेक्शन 7 लागू करेगी, उसी दिन वह अपनी इस्तीफा सौंप देंगे. हालांकि सरकार की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं. एक सरकारी अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त कर यहां तक कह दिया कि सरकार के पास ऐसा प्रस्ताव फिलहाल नहीं है. अब हमें उन मुद्दों पर विचार करना चाहिए कि आखिर सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच इतना दुराव कैसे आया? आरबीआई पॉलिसी रेट तय करने में सरकार की बात ना मानकर अपने हिसाब से कदम उठाती है. यह भी विवाद की अहम वजह है. वहीं सरकार ने नीरव मोदी के घोटाला और बैंकों की खस्ता माली हालत की वजह आरबीआई की लापरवाही को बताया है. इन मामलों पर आरबीआई की चुप्पी को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अरुण जेटली ने दो दिन पहले यह कहा था कि बैंक जब लोन बांट रहे थे तब आरबीआई कहीं और देख रहा था. सरकार द्वारा अलग भुगतान नियामक बनाए जाने की योजना भी अनबन की वजहों में अहम है. नियामक फिलहाल आरबीआई के अधिकार क्षेत्र में आता है. आरबीआई और केंद्र में सबसे बड़ी दरार तब पैदा हुई जब सरकार ने आरबीआई के बोर्ड में एक ऐसे शख्स को नॉमिनेट किया जो पहले से ही गवर्नर के खिलाफ बोल रहे थे. रुपए के लगातार अवमूल्यन पर आरबीआई के कोई एक्शन ना लेने से भी सरकार में नाराजगी है. आरबीआई ने पिछले कुछ दिनों में सख्त फैसले लिए हैं. बैंकों के लिए PCA (Prompt Corrective Action) के नियम पहले से ज्यादा सख्त कर दिए गए हैं. इस वजह से बैंक क्रेडिट देने का काम ठीक तरह से नहीं कर पाए हैं. ये भी एक बड़ी वजह है. आरबीआई PCA उन बैंकों पर लगाता है जिनपर NPA बहुत ज्यादा है. हाल ही में आरबीआई के गवर्नर ऊर्जित पटेल दिल्ली में संसदीय समिति की बैठक में कह दिया था कि नोटबंदी के दौरान कितनी करेंसी सिस्टम में वापस आए उसका हिसाब होना अभी बाकी है. इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके काफी मजाक उड़ाया. राहुल गांधी ने कहा था, 'सरकार को मैथ्स ट्यूटर की सख्त जरूरत है. कृप्या जल्द आवेदन करें.' आरबीआई बनाम सरकार के गहराते विवादों को अभी कई मील के पत्थर पार करने बाकी हैं. अगल 19 नवंबर को आरबीआई की बोर्ड मीटिंग होनी है. उस मीटिंग में आरबीआई के शीर्ष अधिकारी और सरकार की तरफ से नॉमिनेटेड एस गुरुमूर्ति फिर आमने-सामने हैं. हालांकि चर्चा ये भी है कि 19 नवंबर को सरकारी प्रतिनिधि नरम रुख अपनाते हुए ऊर्जित पटेल को इस्तीफा ना देने के लिए मना लेंगे. फिलहाल सरकार ने आरबीआई गवर्नर के प्रति सौहार्द्रपूर्ण रवैया अपनाए हुए है. सरकार ने अपने बयान में आरबीआई को स्वायत्ता दिए जाने की भी बात कही है. क्या सुलह हो पाएगी? देखना ये होगा कि क्या सरकार आरबीआई के बीच सुलह हो जाएगी? ऊर्जित पटेल का कार्यकाल अगले साल सितंबर में खत्म होने वाला है. क्या पटेल अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे? इस संदर्भ में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बयानों के जैसे ही हैं. उन्होंने अपनी किताब, 'I do what I do' के विमोचन के दौरान कहा था कि आरबीआई गवर्नर के रूप में काम करते हुए उन्होंने वही किया जो उन्हें करना चाहिए था. आरबीआई और फाइनेंस मिनिस्टर के बीच बढ़ती दूरियों की एक नई वजह 30 अक्टूबर को हुई FSDC की बैठक भी बताई जा रही है. उस बैठक में मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने आरबीआई और HFC सेक्टर में पनप रहे लिक्विडिटी क्राइसिस की ध्यान दिलाया है. इसके लिए आरबीआई को ही जिम्मेदार बताया गया था. हालांकि आरबीआई ने इस आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया है. केद्रीय बैंक का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि सिस्टमेटिक ड्यूरेबल लिक्विडिटी के जरिए आरबीआई सरकारी बॉन्ड की खरीदारी खुले बाजार के माध्यम से करता है ताकि उन सेक्टर को आर्थिक तंगी से ना गुजरना पड़े. हालांकि मंत्रालय के अधिकारी आरबीआई की इस दलील से सहमत नहीं हैं. वैसे अभी आरबीआई और सरकार के बीच तनाव को नियंत्रित कर लिया गया है. लेकिन यह कब तक मुमकिन होगा कि यह तो आने वाले समय पर निर्भर करेगा. Read the full article
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After the CBI there is controversy in RBI , The bank staff said: don't snatching bank's independence in Hindi
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#RBIAssistant #RBI #ReserveBankOfIndia #UrjitPatel #RBIGradeB
Every library has books. A. Books are only in library. B. Libraries are meant for books only. C. No library is without books. D. Some libraries do not have readers. Answer: Option C
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newsintweets · 5 years
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Business Standard: #UrjitPatel resigned after a months-long tussle over policy with the government. #PMModi says Patel resigned due to… https://t.co/YSDwgvda6T
http://dlvr.it/Qvm8JL
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