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#सर्दी की मिठाई
rashid92786 · 5 months
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Gajar Ka Halwa: सर्दियों का स्वादिष्ट स्वास्थ्यवर्धक रेसिपी 😋
Gajar Ka Halwa: इस सर्दी के मौसम में अपने परिवार के लिए बनाएं स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक गाजर का हलवा। हमारी खास रेसिपी से सीखें कैसे तैयार करें यह पारंपरिक हलवाआसान और सरल तरीके से। गाजर के स्वास्थ्य लाभों के साथ, यह नुस्खा आपके परिवार को जरूर पसंद आएगा। पौष्टिक तत्वों से भरपूर, यह हलवा न केवल आपके स्वाद की कलियों को तृप्त करेगा बल्कि सर्दियों में आपकी सेहत का भी ख्याल रखेगा। मुख्य…
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anikaafoods · 5 months
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"स्वादिष्ट परंपरा: 𝗕𝗶𝗵𝗮𝗿 𝗞𝗮 𝗧𝗶𝗹𝗸𝘂𝘁 का मीठा आनंद"
भारत के मध्य में स्थित, बिहार एक ऐसा राज्य है जो संस्कृति और परंपराओं की समृद्ध विरासत का दावा करता है। ऐसा ही एक पाक रत्न जो राज्य का पर्याय बन गया है वह है "तिलकुट।" जैसे ही सर्दी मकर संक्रांति के उत्सव की शुरुआत करती है, भुने हुए तिलों की सुगंध और गुड़ या चीनी की मिठास हवा में भर जाती है, जो इस स्वादिष्ट व्यंजन के आगमन का संकेत देती है।
तिलकुट का सार:
𝗕𝗶𝗵𝗮𝗿 𝗞𝗮 𝗧𝗶𝗹𝗸𝘂𝘁 सिर्फ एक मिठाई नहीं है; यह परंपरा और उत्सव का प्रतीक है। मुख्य सामग्री, तिल, और गुड़ या चीनी को सावधानी से मिलाकर एक ऐसा व्यंजन तैयार किया जाता है जो पीढ़ियों से भी बेहतर होता है। तिलकुट तैयार करने का कार्य ही एक अनुष्ठान है, जो अक्सर परिवारों द्वारा पारित किया जाता है, जो अपने साथ साझा यादों और सांस्कृतिक विरासत की गर्माहट लेकर आता है।
मकर संक्रांति कनेक्शन:
मकर संक्रांति, सूर्य के मकर राशि में संक्रमण का प्रतीक त्योहार, बिहारियों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। तिलकुट उत्सव का एक अभिन्न अंग बन जाता है, जो इस खुशी के समय के दौरान परिवार और दोस्तों के साथ साझा किए गए मधुर क्षणों का प्रतीक है।
तिलकुट बनाना:
तिलकुट बनाने की प्रक्रिया एक कला है जिसमें कौशल और सटीकता की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, तिलों को सावधानीपूर्वक भूना जाता है, जिससे उनकी प्राकृतिक पौष्टिकता बढ़ जाती है। इस बीच, गुड़ या चीनी के साथ एक सिरप तैयार किया जाता है, जिससे तिल को एक साथ बांधने के लिए सही स्थिरता प्राप्त होती है। इन दो तत्वों के मेल से एक स्वादिष्ट मिश्रण बनता है जिसे रमणीय गोल या चौकोर आकार दिया जाता है, जिससे सिग्नेचर तिलकुट बनता है।
पाककला विरासत और सांस्कृतिक महत्व:
अपने स्वादिष्ट स्वाद के अलावा तिलकुट का सांस्कृतिक महत्व भी है। इसका आदान-प्रदान सद्भावना के संकेत के रूप में किया जाता है, जो समृद्धि और खुशी का प्रतीक है। तिलकुट की साझा प्लेटों पर बने मधुर बंधन समुदाय और एकजुटता के सार को दर्शाते हैं जो बिहार की भावना को परिभाषित करता है।
विविधताएँ और क्षेत्रीय प्रभाव:
जबकि मुख्य सामग्रियां स्थिर रहती ��ैं, तिलकुट की तैयारी में क्षेत्रीय विविधताएं होती हैं। कुछ लोग इस सदियों पुराने नुस्खे में व्यक्तिगत स्पर्श जोड़ते हुए अतिरिक्त मेवे या मसाले शामिल कर सकते हैं। ये विविधताएं बिहार के विविध पाक परिदृश्य को दर्शाती हैं।
निष्कर्ष:
बिहार का तिलकुट मिष्ठान्न से कहीं अधिक है; यह स्वाद और साझा क्षणों के माध्यम से बताई गई कहानी है। जैसे तिल की सुगंध घरों में फैलती है और गुड़ की मिठास स्वाद कलिकाओं पर नृत्य करती है, तिलकुट बिहार की सांस्कृतिक समृद्धि के प्रमाण के रूप में खड़ा है - एक ऐसी परंपरा जिसे चखा जाना चाहिए, मनाया जाना चाहिए और अगली पीढ़ी को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। प्रत्येक निवाले में, आप न केवल मिठाई की मिठास का स्वाद ले सकते हैं, बल्कि उन मीठी यादों और परंपराओं का भी स्वाद ले सकते हैं जो बिहार का तिलकुट को वास्तव में खास बनाती हैं।
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recipeandeat · 1 year
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Til Gud Laddu Recipe
लोहड़ी और मकर संक्रांति का पर्व आ गया है। जनवरी के महीने में लोहड़ी और मकर संक्रांति मनाई जाती है। इन दोनों पर्व का संबंध नई फसल और सर्दी का मौसम खत्म होने व पतझड़ आने से है। लोहड़ी हो या मकर संक्रांति दोनों ही पर्व के मौके पर कुछ खास पारंपरिक व्यंजन बनते हैं।
इन व्यंजनों के सेवन से शरीर को गर्माहट मिलती है और सेहत बेहतर बनती है। इन्हीं में शामिल में तिल से बने व्यंजन। तिल के लड्डू, तिल की मिठाई और तिल की गजक लोग सर्दी में खाते हैं। तिल सेहत के लिए लाभकारी है और खाने में स्वादिष्ट लगता है। मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू खाने की परंपरा होती है। स्नान दान के बाद लोग तिल और गुड़ के लड्डू खाते हैं। वैसे तो बाजार में तिल के बने लड्डू मिल जाएंगे लेकिन अगर आप भोग के लिए घर पर ही तिल के लड्डू बनाना चाहते हैं तो यहां आपको तिल और गुड़ के लड्डू बनाने की विधि बताई जा रही है।
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allgyan · 3 years
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केसर के नाम अनेक-
केसर नाम से लगता है की ये कोई महंगी चीज होगी ।केसर का उपयोग लोग पुराने समय से करते आ रहे है बस नाम हर जगह अलग -अलग होता है।केसर को भारत में केशर, पाकिस्तान और कश्मीर में जाफ़रान और अंग्रेजी में सैफ्रॉन (Saffron) कहा जाता है। केसर का पौधा जमुनी रंग का होता है जिसके फूल के अंदर धागों के रूप में केसर होता है। केसर के कई आयुर्वेदिक फायदे भी हैं।दुनिया भर में केसर का उपयोग किया जाता है और इसके औषधीय गुणों के बारे में हम सभी जानते हैं। केसर का उपयोग मिठाई, खीर और दूध आदि में अधिक किया जाता है। इसके उपयोग से भोजन का स्वाद, सुगंध और रंग भी बदल जाता है। केसर हमारी सेहत के लिए जितना फायदेमंद होता है उतना ही महंगा भी होता है। हम सभी ���ानते हैं कि केसर बहुत महंगा होता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि केसर इतना महंगा क्यों होता है। तो आइये हम आपको बताते हैं कि केसर इतना महंगा क्यों होता है।
केसर कीमती होने की वजह-
केसर का प्रयोग ग्रीक और रोमन लोग सुगंधि के रूप में करते थे |लेकिन बाद में इसका प्रयोग खाने में भी होने लगा ।औऱ आज के दौर इसका प्रयोग अधिकाधिक होने लगी है ।केसर के महंगे होने की कई वजह है। पहली बात तो यह है कि केसर की खेती कुछ चुनिंदा जगहों पर ही की जा सकती है क्योंकि इसके अनुकूल जलवायु हर जगह नहीं मिलती है। इसकी खेती और कटाई की प्रक्रिया भी काफी जटिल होती है और इसकी कटाई मशीनों द्वारा नहीं की जा सकती है इसलिए इसकी कटाई-छटाई में बहुत अधिक श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा केसर के विशिष्ट स्वाद, सुगंध, रंग और गुण भी इसे महंगा बनाते हैं। केसर की कीमत लगभग 1 लाख से 3 लाख रुपये प्रति किलो होती है।केसर निकालने की प्रक्रिया में काफी मेहनत लगती है। इसके लिए केसर के पौधों के फूलों को हाथों से तोड़ा जाता है फिर इन्हें किसी छायादार स्थान पर 4-5 घंटों तक सुखाया जाता है। प्रत्येक फूल में लाल रंग के 3 केसर होते हैं जिन्हें हाथों से निकाल कर अलग किया जाता है। इस प्रकार लगभग डेढ़ लाख फूलों में से 1 किलो केसर निकलता है|
केसर की पहचान कैसे करे -
बाजार में नकली चीजों की भी भरमार है। ऐसे में जबकि केसर इतना महंगा है तो हमें इसके असली होने की भी पुष्टि कर लेनी चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि ‘असली केसर की पहचान कैसे करें?’ असली केसर की पहचान करने की एक आसान सी विधि है। सबसे पहले एक सफ़ेद कागज पर केसर के एक-दो टुकड़े रखें। अब इस पर ठन्डे पानी की 2-3 बूँद डालें। अब यदि केसर असली होगा तो वह हल्का सा पीला रंग छोड़ेगा जिससे पानी पीला हो जायेगा, और केसर अपने लाल रंग में ही रहेगा। यदि केसर का रंग बदल जाता है तो वह नकली हो सकता है।
केसर से होने वाले फायदे-
केसर सबसे ज्यादा ईरान में पाया जाता है ।इसके अलावा इटली, स्पेन, पाकिस्तान, तुर्किस्तान, ग्रीस, चीन तथा भारत में भी केसर की खेती की जाती है। भारत में केसर सिर्फ जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है।केसर एक छोटा पर्पल रंग का पौधा होता है ।केसर के सेवन से शारीरिक कमजोरी दूर होती है साथ ही सर्दी-जुकाम, सिरदर्द, त्वचा और आँखों के लिए भी केसर बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती है, डिप्रेशन और अनिद्रा से राहत मिलती है, त्वचा में निखार आता है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को केसर वाला दूध पीने की सलाह दी जाती है जिससे बच्चा स्वस्थ पैदा हो।
कश्मीर का केसर विश्व बाज़ार में श्रेष्ठतम-
केसर विश्व का सबसे कीमती पौधा है। केसर की खेती भारत में जम्मू के किश्तवाड़ तथा जन्नत-ए-कश्मीर के पामपुर (पंपोर) के सीमित क्षेत्रों में अधिक की जाती है। केसर यहां के लोगों के लिए वरदान है। क्योंकि केसर के फूलों से निकाला जाता सोने जैसा कीमती केसर जिसकी कीमत बाज़ार में तीन से साढ़े तीन लाख रुपये किलो है। परंतु कुछ राजनीतिक कारणों से आज उसकी खेती बुरी तरह प्रभावित है। यहां की केसर हल्की, पतली, लाल रंग वाली, कमल की तरह सुन्दर गंधयुक्त होती है। असली केसर बहुत महंगी होती है। कश्मीरी मोंगरा सर्वोतम मानी गई है। एक समय था जब कश्मीर का केसर विश्व बाज़ार में श्रेष्ठतम माना जाता था। उत्तर प्रदेश के चौबटिया ज़िले में भी केसर उगाने के प्रयास चल रहे हैं। विदेशों में भी इसकी पैदावार बहुत होती है और भारत में इसकी आयात होती है।
केसर को उगाने के लिए कौन सी जलवायु और मिटटी चाहिए   -
केसर को उगाने के लिए समुद्रतल से लगभग 2000 मीटर ऊँचा पहाड़ी क्षेत्र एवं शीतोष्ण सूखी जलवायु की आवश्यकता होती है। पौधे के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त रहता है। यह पौधा कली निकलने से पहले वर्षा एवं हिमपात दोनों बर्दाश्त कर लेता है, लेकिन कलियों के निकलने के बाद ऐसा होने पर पूरी फसल चौपट हो जाती है। मध्य एवं पश्चिमी एशिया के स्थानीय पौधे केसर को कंद (बल्ब) द्वारा उगाया जाता है।केसर का पौधा सुगंध देनेवाला बहुवर्षीय होता है |इसके फूलों का रंग बैंगनी, नीला एवं सफेद होता है।ये फूल कीपनुमा आकार के होते हैं। इनके भीतर लाल या नारंगी रंग के तीन मादा भाग पाए जाते हैं| इस मादा भाग को वर्तिका (तन्तु) एवं वर्तिकाग्र कहते हैं। यही केसर कहलाता है। प्रत्येक फूल में केवल तीन केसर ही पाए जाते हैं। लाल-नारंगी रंग के आग की तरह दमकते हुए केसर को संस्कृत में 'अग्निशाखा' नाम से भी जाना जाता है।इन फूलों की इतनी तेज़ खुशबू होती है कि आसपास का क्षेत्र महक उठता है।केसर को निकालने के लिए पहले फूलों को चुनकर किसी छायादार स्थान में बिछा देते हैं। सूख जाने पर फूलों से मादा अंग यानि केसर को अलग कर लेते हैं। रंग एवं आकार के अनुसार इन्हें - मागरा, लच्छी, गुच्छी आदि श्रेणियों में वर्गीकत करते हैं। 150000 फूलों से लगभग 1 किलो सूखा केसर प्राप्त होता है।
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liajayeger1 · 2 years
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दिव्यांका त्रिपाठी का दिल आमतौर पर उन्हें फ्रीजर में ले जाता है; जानिये क्यों
दिव्यांका त्रिपाठी का दिल आमतौर पर उन्हें फ्रीजर में ले जाता है; जानिये क्यों
सर्द सर्दियों के दिनों को अलविदा कहने और गर्म और उमस भरे गर्मी के महीनों की ओर बढ़ने का समय आ गया है। अल्पकालिक सर्दी की राहत और इसकी गर्मागर्म आवश्यक चीजों को अब बर्फीले ठंडी गर्मी के व्यंजनों से बदल दिया जाएगा, जिनमें से सबसे रोमांचक जाहिर तौर पर आइसक्रीम है! एक मलाईदार और मख़मली मिठाई, आइसक्रीम हम सभी के दिलों में बसता है और हम गर्मियों तक इसका आनंद लेने के लिए इंतजार नहीं कर सकते। प्रसिद्ध…
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a-2-z-news · 2 years
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देखें: शेफ कुणाल कपूर ने शेयर की असली पंजाबी आटा पिन्नी की रेसिपी
देखें: शेफ कुणाल कपूर ने शेयर की असली पंजाबी आटा पिन्नी की रेसिपी
सर्दियों का अपना अनूठा तरीका है जो हमें मीठे, गूदे के आनंद के लिए आकर्षित करता है। यह साल का वह समय होता है जब हम में से कई लोग घी से भरे, भारी व्यंजनों का स्वाद लेना पसंद करते हैं जो हमारे स्वाद कलियों को मंत्रमुग्ध कर देंगे। ठीक है, अगर आपकी भी यही भावना है, तो इस सर्दी में पिन्नी ट्राई करें। यह एक स्वादिष्ट मिठाई है, जो पंजाब में प्रसिद्ध है। पिन्नी ‘लोहड़ी’ सहित विशेष अवसरों पर घरों में तैयार…
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teekam1988 · 3 years
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इस मौसम में कुल्फी और मलाई पेड़ा का चखें स्वाद, शुगर फ्री मिठाई की रेसिपी के लिए है ये वीडियो
इस मौसम में कुल्फी और मलाई पेड़ा का चखें स्वाद, शुगर फ्री मिठाई की रेसिपी के लिए है ये वीडियो
क्या आप इस सर्दी मिठाई खाने के लिए कुछ अलग और दिलचस्प करना चाहते हैं? बिना किसी परेशानी के आपको सेहतमंद मिठाई बनाने का नुस्खा सीखना कैसा रहेगा? अगर आप सचमुच ऐसा सोच रहे हैं, तो शेफ संजीव कपूर का कुल्फी और मलाई पेडा रेसिपी कमाल का है. आपको उसे सर्दी में जरूर आजमाना चाहिए. ये आसान रेसिपी काजू और खजूर के अलावा कुछ अन्य आसानी से मुहैया घरेलू सामग्री से तैयार होता है. इसके अलावा, उसकी सबसे बड़ी खासियत…
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mohitrawat253 · 4 years
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कोविड के दौर में कैसे नए अंदाज़ में मनाएं दिवाली
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COVID-19 के खतरे के बीच साल का त्यौहार हमारे दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है। घर की खुशियों का स्वागत करने के लिए अगर आप त्यौहारों के सीजन में आवश्यक सावधानी नहीं बरतिएगा, तो बिन बुलाए वायरस आपकी सीढ़ियों पर चढ़ सकता है लेकिन इस स्थिति के कारण दिवाली नहीं मनाना कोई समाधान नहीं है।
हम इस बात से सहमत हैं कि मित्रों, परिवार से मिलना और एक-दूसरे के पास जाकर उपहारों का आदान-प्रदान करना अभी ठीक नहीं है।लेकिन ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप दिवाली मना सकते हैं। पहले से कहीं अधिक संतुष्ट महसूस कर सकते हैं। दिवाली को एक ट्विस्ट के साथ मनाने और इसे #ApniDiwali बनाने के बारे में और जानने के लिए आगे पढ़ें।
गर्म कपड़ों का दान करें
सर्दी करीब आ रही है इसलिए गर्म कपड़े पहनने का मौसम है। जबकि हम उन गर्म कपड़ों से प्यार करते हैं। कुछ लोग सर्दियों के दौरान अपने शरीर को ठीक से ढंकने के लिए बुनियादी कपड़े खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं। इस दिवाली कुछ ऐसा खर्च करें, जो आपकी आत्मा को संतुष्ट करे और लोगों को मानवता के मूल्यों पर भरोसा करने में मदद करे।
अपने इलाके के आसपास के वंचित लोगों को सर्दियों के कपड़े दान करें और उन्हें एक सुरक्षित और गर्म सर्दियों बिताने में मदद करें। आप अपनी अलमारी से कुछ सर्दियों के कपड़े निकाल सकते हैं और कंबल, दस्ताने, टोपी और शॉल भी खरीद सकते हैं। लोगों को सर्दियों के कपड़े दान करने के लिए प्रोत्साहित करें और सामान दान करके एक आध्यात्मिक दिवाली मनाएं।
सफाई अभियान- मन और आत्मा के लिए
दिवाली एक सफाई मैराथन घर लाता है। लोग बहुत उत्साह के साथ अपने घरों को साफ करते हैं। इसके अतिरिक्त महामारी के मद्देनज़र हम स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में सतर्क रहे हैं। तो इस दिवाली हमें अपने घर के आसपास सफाई अभियान में शामिल होना चाहिए और आसपास के क्षेत्र को भी साफ करने का प्रयास करना चाहिए।
इसके अलावा आइए हम भी अपने मन से नकारात्मकता को धोएं और एक खुशहाल दिवाली मनाएं। जब आप अपने सफाई अभियान के बाद ताज़ा वातावरण में सांस लेते हैं, तो हमें यकीन है कि आप इस दिवाली को जीवन भर याद रखेंगे।
डिजिटल उपहार
डिजिटल गिफ्टिंग की लहर तेज गति से फैल रही है और हम ऑनलाइन उपलब्ध अद्वितीय उपहारों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। विचित्र डिजिटल उपहार देने वाले विचारों की शुरुआत ने हमारी दिवाली की तैयारियों में एक नया मोड़ ला दिया है।
इस कोरोना समय में दिवाली गिफ्ट देने के लिए अपने दोस्तों और परिवार के पास जाने के बजाय एक डिजिटल दिवाली उपहार भेजें। दिवाली के पोस्टर्स, गिटारिस्ट ऑन-कॉल, व्यक्तिगत डिजिटल स्केच, दिवाली वीडियो, सेलिब्रिटी दिवाली की शुभकामनाएं आदि जैसे रचनात्मक उपहार विचार आपको अपने प्यारे लोगों को आश्चर्यचकित करने में मदद करेंगे।
मास्क, सैनिटाइज़र और मिठाई दें
मास्क पहनना वक्त की ज़रूरत है फिर भी कुछ लोगों के पास सरल चीज़ों तक की पहुंच नहीं है। इस दिवाली आइए हम इस त्यौहार को ज़रूरतमंद लोगों को मास्क और सैनिटाइज़र देकर मनाएं।
जैसा कि दिवाली सभी खुशियों और मिठाइयों को साझा करने के लिए है, आप मास्क और सैनिटाइज़र के साथ लोगों को मिठाई के छोटे बक्से भी दे सकते हैं।
स्वास्थ्य का उपहार
भारत सबसे अधिक मधुमेह दर वाले शीर्ष 10 देशों में शामिल है। इसे जोड़ते हुए हमारे देश में हर पांच युवा वयस्कों में से एक बिगड़ती जीवनशैली और खराब खानपान के कारण रक्तचाप (आमतौर पर उच्च रक्तचाप) से पीड़ित है। जबकि हम दिवाली को एक उत्सव के साथ मनाने की बात कर रहे हैं। आइए हम सभी अच्छी जीवनशैली और स्वस्थ खानपान को बनाए रखते हुए अपने और अपने परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य का उपहार देने पर विचार करें।
जीवन शैली में परिवर्तन से बड़ी उपलब्धियों के साथ-साथ स्वस्थ जीवन मिल सकती है। तनाव के स्तर को कम करने के लिए दिवाली के अवसर पर एक वादा करें. अधिक चलना शुरू करें, मास्क पहनें, आहार और नींद कार्यक्रम में सुधार करें। आप और आपके परिवार के सदस्यों के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं और खुश रहें।
हम सभी पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस के आतंक से लड़ रहे हैं। जबकि त्यौहारी सीजन करीब आ रहा है और महामारी की स्थिति में जल्द ही बदलाव की संभावना नहीं है। हमें उम्मीद है कि ये टिप्स अपनी दीपावली की तरह ही दिवाली को अलग ढंग से मनाने में आपकी मदद करेंगे।
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shaileshg · 4 years
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त्योहारों का मौसम चल रहा है। मिठाई और ड्राई फ्रूट्स हम पहले से ज्यादा खरीद रहे हैं। लेकिन क्या मिठाई और ड्राई फ्रूट्स खाने से हमारी इम्युनिटी स्ट्रांग होती है? कौन सी मिठाई और ड्राईफ्रूट्स से ज्यादा इम्युनिटी बूस्ट होती है? ये जानना हमारे लिए ज्यादा जरूरी है, क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं है। तमाम रिसर्च में यह बात साबित भी हो चुकी है कि जिसकी इम्युनिटी जितनी स्ट्रांग होगी, उसे कोरोना का खतरा उतना कम होगा।
डायटीशियन और फूड एक्सपर्ट डॉक्टर निधि पांडेय कहती हैं कि फेस्टिव सीजन में इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए काजू, बादाम, पिस्ता और चिरौंजी जरूर खाएं। इन्हें हम दो तरीके से खा सकते हैं। पहला- रोस्ट करके, दूसरा- अंजीर की कोटिंग करके। हम इनसे बनी मिठाई भी खा सकते हैं।
इसके अलावा गुड़, तिल और सोंठ को ज्यादा से ज्यादा खाएं, ये चीजें आयरन की अच्छे सोर्स हैं, इन्हें ठंड में खाने से सर्दी-जुकाम होने का खतरा भी कम हो जाता है।
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अलग-अलग कॉम्बिनेशन के लड्डू बनाएं डॉक्टर निधि कहती हैं कि चूंकि ठंड के साथ फेस्टिव सीजन भी है तो हम इस समय अलग-अलग कॉम्बिनेशन के लड्डू बनाकर घर में रख सकते हैं। ये अन्य मिठाइयों से ज्यादा हेल्दी होती हैं। इन्हें बनाने के लिए सोंठ, ड्राईफ्रूट्स, गुड़, आटा का इस्तेमाल करेंगे तो और बेहतर होगा। इसके अलावा दाल, तिल और बेसन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं।
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आटे और खोए से बनाएं गुझिया डॉक्टर निधि कहती हैं कि त्योहारों में सबसे ज्यादा गुझिया बनती है, खासकर दिवाली के दिन तो हर घर में गुझिया बनती है। लेकिन यदि गुझिया बनाने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखें तो हम अपनी इम्युनिटी बूस्ट कर सकते हैं।
इन 4 बातों का ध्यान रखें-
गुझिया बनाने में मैदे की जगह आटे का इस्तेमाल करें।
खोया बाजार से न खरीदें, बल्कि घर पर ही बनाएं।
यदि मैदा इस्तेमाल कर रहे हैं तो लेअर पतली बनाएं, इससे कैलोरी कम बनती है।
प्योर खोए से बने पेड़े पेस्ट करके भी गुझिया बना सकते हैं।
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गुड़ की मिठाइयां बनाएं मिठाई बनाने में हो सके तो गुड़ और बूरा का ज्यादा इस्तेमाल करें। ये ज्यादा हेल्दी और आसानी से डाइजेस्ट भी हो जाता है। आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल मिठाई बनाने में बिल्कुल न करें। सूखे नारियल और खोए की बर्फी भी बना सकते हैं, ये भी हेल्दी मिठाई होती है और पूरे हफ्ते खा सकते हैं।
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Diwali 2020: Coronavirus Outbreak; Immune-Boosting Sweets and Dry Fruits Cashew Almond Chironji and More
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khabardaartv · 4 years
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किकस्टार्ट विंटर विथ दिस पिंक एंड प्रिटी बीटरूट जलेबी, रेसिपी इनसाइड
किकस्टार्ट विंटर विथ दिस पिंक एंड प्रिटी बीटरूट जलेबी, रेसिपी इनसाइड
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हाइलाइट
सर्दी भोग के लिए बुलाती है
गरमागरम जलेबियाँ हर किसी की पसंदीदा होती हैं
जलेबी एक लोकप्रिय भारतीय मिठाई है
सर्दी हम पर है और कैसे। उत्तर भारत के कई हिस्सों में सुखद ठंड का अनुभव हो रहा है और लोग खाद्य पदार्थों की तलाश में हैं। सर्दी हमेशा भोग के बारे में रही है। घी, चंकी नट्स, पंजिरी, रबड़ी, लड्डू और केक हमारे मौसमी स्टेपल में से कुछ हैं; और हां, सभी चीजों के लिए हमारी भूखमीठा
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vilaspatelvlogs · 4 years
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हरियाणा: ब्यूटी पार्लर और दुकानों के लिए सरकार की गाइडलाइंस, इन बातों का रखना होगा ख्याल
हरियाणा: ब्यूटी पार्लर और दुकानों के लिए सरकार की गाइडलाइंस, इन बातों का रखना होगा ख्याल
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चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने शनिवार को सैलून, ब्यूटी पार्लर और मिठाई की दुकानों के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों से संबंधित विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए.
इस दिशानिर्देश में कहा गया है कि इन प्रतिष्ठानों को पूरे सुरक्षा उपायों के साथ सेवाएं उपलब्ध करानी होंगी, विसंक्रामकों और सैनिटाइजर का हर सेवा के बाद इस्तेमाल करना होगा और बुखार, सर्दी, खांसी या गले में दर्द की…
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sahu4you · 4 years
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Ash Gourd के बारे में जानकारी
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Ash Gourd एक तरह का फल होता है जिसे सभी की तरह भी खाया जा सकता है। इसे आमतौर पर पेठा या कुष्माण्ड कहा जाता है जो की देखने में काफी बड़ा हो हल्का हरा रंग का होता है। जानिए इसे खाने के फायदे और Health Benefits के बारे में।
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Ash Gourd के बारे में जानकारी इसे कई बार Ash Gourd या White Gourd या Wax Gourd के रूप में भी जाना जाता है। यह बेल पर लगने वाला फल है जिसे सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। यह Benincasa वंश का एकमात्र सदस्य है। भारत में इसे पेठा के नाम से जाना जाता है। पेठा या कुष्माण्ड जिससे अंग्रेज़ी में "Winter Melon" बोलते है और इसका वानस्पतिक नाम "बेनिनकेसा हिस्पिडा" (Benincasa hispida) है, एक बेल पर लगने वाला फल है, जो सब्जी की तरह खाया जाता है। ��ह रंग में हल्का हरा है और बहुत बड़े आकार का हो सकता है। जब पूरी तरह से पक जाता है, तो यह सतही बालों को छोड़कर एक सफेद धूल भरी सतह बन जाता है। इसकी कुछ प्रजातियां 1-2 मीटर तक फल देती हैं। इसकी अधिकांश खेती भारत सहित दक्षिणी और दक्षिण-पूर्व एशिया में होती है। यह भारत में एक मिठाई भी बनाता है, जिसे पेठा (मिठाई) कहा जाता है। पेठा (Ash Gourd) के बारे में जानकारी। अंग्रेज़ी: Winter Malon वानस्पतिक नाम: बेनिनकेसा हिस्पिडा देश / क्षेत्र दुनिया भर में आमतौर पर इसके औषधीय और पौष्टिक लाभों के लिए खेती की जाती है। आयुर्वेदिक उपचार में इसे लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है।
Ash Gourd Meaning in hindi
यह एक लता है जो बड़े पीले फूल का उत्पन्न करता है। पत्तियां 10 से 20 सेंटीमीटर लंबे होते हैं और एक रोवादार लंबा तना होता हैं। फल आम तौर पर आकार में अंडाकार होते हैं और व्यास में 30 सेंटीमीटर तक बढ़ते हैं। Plant Propagation बीज के द्वारा किया जाता है। यह सब्जी जब अपरिपक्व होती है तो सफेद मोटी मांस से भरी होती है जो मीठा होती है। जब तक यह परिपक्वता तक पहुंचता है, यह बाल खो देता है और इसमें मोमी कोटिंग विकसित होती है जिसे एक लंबा शेल्फ जीवन प्रदान करता है। इसमें फॉस्फोरस, कैल्शियम, Riboflavin, Iron, थियामेन, Niacin और Vitamin C जैसे कई विटामिन और खनिज पाई जाती है। Ash Gourd में भरी मात्रा में पानी मौजूद होती है, इसमें वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की मात्रा भी बहुत अधिक होती है। पेठा खाने के फायदे (Ash Gourd Health Benefits) पारंपरिक चीनी दवा के रूप में Ash Gourd का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है जो सूजन को कम करता है। यह गुर्दा की कमजोरी और उच्च रक्तचाप के उपचार के लिए सहायक है। यह वजन कम करने के लिए एक रामबाण के रूप में काम करता है। साँप के काटने और पारा विषाक्तता के इलाज के लिए भी यह प्रभावी है। आइये जानते है अन्य किन समस्यों के उपचार में इसका उपयोग किया जा सकता है :- पाचन स्वास्थ्य (Digestive Health) इस फल में मौजूद Dietary Fiber पाचन समारोह को बढ़ाता है। यह मल और थोक पाचन तंत्र के माध्यम से पारित करने की अनुमति देता है। यह पाचन रोगों जैसे Colon Cancer, Diverticulitis और आंत्र के सूजन को रोकता है। नेत्र स्वास्थ्य (Eye Health) अध्ययनों से पता चलता है कि आंख की समस्याएं Riboflavin की कमी से संबंधित है। विटामिन बी 2 Keratoconus, और मोतियाबिंद जैसे आंखों की बीमारियों को रोकता है। शोध से पता चला है की Riboflavin की खपत करने से आंखों के विकारों में कमी आई है। दिल के लिए अच्छा है पेठा में Soluble Fiber की मौजूदगी होती, और यह घुलनशील फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल और वसा के अवशोषण को कम करता है। यह पित को समाप्त करता है जो कोलेस्ट्रॉल से बनाया जाता है। इसलिए, यह शरीर से समग्र कोलेस्ट्रॉल भंडार को कम कर देता है। फ्लू और सर्दी को रोकता है (Prevents Flu And Cold) इस सब्जी में Vitamin C होती है, और यह Vitamin शरीर के प्रतिरक्षा समारोह को बढ़ावा देता है जो सर्दी और फ्लू के वायरस से रोकता है। अध्ययन बताते है विटामिन सी की उपस्थिति फेफड़ों के संक्रमण और निमोनिया की संभावना को कम कर देता है। सिरदर्द को रोकता है (Prevents Migraines) विटामिन बी 2 कमी होना सिरदर्द का कारण होता है। यह दिखाया गया है कि विटामिन बी 2 सेवन के साथ सिरदर्द के लक्षणों की आवृत्ति कम हो जाती है जो कि इसमें पाया जाता है। यह माइग्रेन, सिरदर्द की अवधि को भी कम करता है। पेट संबंधी विकार के लिए फायदेमंद इस फल में आंतों को मजबूत करने की क्षमता होती है। इसके Anabolic Activity नए ऊतकों को बढ़ने में मदद करती है। इसमें पानी और फाइबर पोषक तत्व की मौजूदगी Acidity को संतुति करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए जब अपच यह Hyper Acidity होता है तो इसके Juice का सेवन करना फायदेमंद शाबित होता है। अनिद्रा (Insomnia) Ash Gourd का सेवन करना अनिद्रा की समस्या के लिए अच्छा होता है। अनिद्रा से प्रभावित लोगों को तनाव, काम के भार जैसे विभिन्न कारणों से होता है, इसलिए नियमित रूप से इसका सेवन करने से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। मूत्र समस्या (Urinary Problem) गर्मी में अतिरिक्त पसीने के कारण हमारा शरीर Dehydrated हो जाता है। यह मूत्र समस्या पैदा कर सकता है। Ah Gourd का Juice शरीर में जल स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। इससे मूत्र स्राव बढ़ जाता है, इस प्रकार समस्या के प्रारंभिक चरण में छोटे मूत्र पथरी को हटाने में मदद मिलती है। सावधानियां (Precautions) इसका उपयोग कम मात्रा में किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें उच्च प्रोटीन की उपस्थिति के कारण अपच का परिणाम हो सकता है। प्रारंभिक महीनों के दौरान गर्भवती महिलाओं को इस सब्जी के खपत से बचा जाना चाहिए। Read the full article
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everynewsnow · 2 years
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Halwai Jaisa Gajar Halwa Recipe : कैसे बनाये बाज़ार जैसा गाजर का हलवा ?
Halwai Jaisa Gajar Halwa Recipe : कैसे बनाये बाज़ार जैसा गाजर का हलवा ?
Halwai Jaisa Gajar Halwa Recipe : आज हम आपको बताने वाले है की आप हलवाई जैसा गाजर का हलवा घर पर कैसे बना सकते है ? क्योंकि सर्दियाँ आ गयी है ऐसे में गाजर का हलवा न खाया तो सर्दी का क्या फायदा तो एक बार ज़रूर ट्राई करे | Halwai Jaisa Gajar Halwa Recipe in Hindi : कैसे बनाये बाज़ार जैसा गाजर का हलवा ? आपको बता दे सर्दियों में सबसे बेहतरीन मिठाई है गाजर का हलवा जिस दूध ,घी और चीनी के साथ मिला कर बनाया…
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allgyan · 3 years
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केसर के नाम अनेक-
केसर नाम से लगता है की ये कोई महंगी चीज होगी ।केसर का उपयोग लोग पुराने समय से करते आ रहे है बस नाम हर जगह अलग -अलग होता है।केसर को भारत में केशर, पाकिस्तान और कश्मीर में जाफ़रान और अंग्रेजी में सैफ्रॉन (Saffron) कहा जाता है। केसर का पौधा जमुनी रंग का होता है जिसके फूल के अंदर धागों के रूप में केसर होता है। केसर के कई आयुर्वेदिक फायदे भी हैं।दुनिया भर में केसर का उपयोग किया जाता है और इसके औषधीय गुणों के बारे में हम सभी जानते हैं। केसर का उपयोग मिठाई, खीर और दूध आदि में अधिक किया जाता है। इसके उपयोग से भोजन का स्वाद, सुगंध और रंग भी बदल जाता है। केसर हमारी सेहत के लिए जितना फायदेमंद होता है उतना ही महंगा भी होता है। हम सभी जानते हैं कि केसर बहुत महंगा होता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि केसर इतना महंगा क्यों होता है। तो आइये हम आपको बताते हैं कि केसर इतना महंगा क्यों होता है।
केसर कीमती होने की वजह-
केसर का प्रयोग ग्रीक और रोमन लोग सुगंधि के रूप में करते थे |लेकिन बाद में इसका प्रयोग खाने में भी होने लगा ।औऱ आज के दौर इसका प्रयोग अधिकाधिक होने लगी है ।केसर के महंगे होने की कई वजह है। पहली बात तो यह है कि केसर की खेती कुछ चुनिंदा जगहों पर ही की जा सकती है क्योंकि इसके अनुकूल जलवायु हर जगह नहीं मिलती है। इसकी खेती और कटाई की प्रक्रिया भी काफी जटिल होती है और इसकी कटाई मशीनों द्वारा नहीं की जा सकती है इसलिए इसकी कटाई-छटाई में बहुत अधिक श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा केसर के विशिष्ट स्वाद, सुगंध, रंग और गुण भी इसे महंगा बनाते हैं। केसर की कीमत लगभग 1 लाख से 3 लाख रुपये प्रति किलो होती है।केसर निकालने की प्रक्रिया में काफी मेहनत लगती है। इसके लिए केसर के पौधों के फूलों को हाथों से तोड़ा जाता है फिर इन्हें किसी छायादार स्थान पर 4-5 घंटों तक सुखाया जाता है। प्रत्येक फूल में लाल रंग के 3 केसर होते हैं जिन्हें हाथों से निकाल कर अलग किया जाता है। इस प्रकार लगभग डेढ़ लाख फूलों में से 1 किलो केसर निकलता है|
केसर की पहचान कैसे करे -
बाजार में नकली चीजों की भी भरमार है। ऐसे में जबकि केसर इतना महंगा है तो हमें इसके असली होने की भी पुष्टि कर लेनी चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि ‘असली केसर की पहचान कैसे करें?’ असली केसर की पहचान करने की एक आसान सी विधि है। सबसे पहले एक सफ़ेद कागज पर केसर के एक-दो टुकड़े रखें। अब इस पर ठन्डे पानी की 2-3 बूँद डालें। अब यदि केसर असली होगा तो वह हल्का सा पीला रंग छोड़ेगा जिससे पानी पीला हो जायेगा, और केसर अपने लाल रंग में ही रहेगा। यदि केसर का रंग बदल जाता है तो वह नकली हो सकता है।
केसर से होने वाले फायदे-
केसर सबसे ज्यादा ईरान में पाया जाता है ।इसके अलावा इटली, स्पेन, पाकिस्तान, तुर्किस्तान, ग्रीस, चीन तथा भारत में भी केसर की खेती की जाती है। भारत में केसर सिर्फ जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है।केसर एक छोटा पर्पल रंग का पौधा होता है ।केसर के सेवन से शारीरिक कमजोरी दूर होती है साथ ही सर्दी-जुकाम, सिरदर्द, त्वचा और आँखों के लिए भी केसर बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती है, डिप्रेशन और अनिद्रा से राहत मिलती है, त्वचा में निखार आता है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को केसर वाला दूध पीने की सलाह दी जाती है जिससे बच्चा स्वस्थ पैदा हो।
कश्मीर का केसर विश्व बाज़ार में श्रेष्ठतम-
केसर विश्व का सबसे कीमती पौधा है। केसर की खेती भारत में जम्मू के किश्तवाड़ तथा जन्नत-��-कश्मीर के पामपुर (पंपोर) के सीमित क्षेत्रों में ��धिक की जाती है। केसर यहां के लोगों के लिए वरदान है। क्योंकि केसर के फूलों से निकाला जाता सोने जैसा कीमती केसर जिसकी कीमत बाज़ार में तीन से साढ़े तीन लाख रुपये किलो है। परंतु कुछ राजनीतिक कारणों से आज उसकी खेती बुरी तरह प्रभावित है। यहां की केसर हल्की, पतली, लाल रंग वाली, कमल की तरह सुन्दर गंधयुक्त होती है। असली केसर बहुत महंगी होती है। कश्मीरी मोंगरा सर्वोतम मानी गई है। एक समय था जब कश्मीर का केसर विश्व बाज़ार में श्रेष्ठतम माना जाता था। उत्तर प्रदेश के चौबटिया ज़िले में भी केसर उगाने के प्रयास चल रहे हैं। विदेशों में भी इसकी पैदावार बहुत होती है और भारत में इसकी आयात होती है।
केसर को उगाने के लिए कौन सी जलवायु और मिटटी चाहिए   -
केसर को उगाने के लिए समुद्रतल से लगभग 2000 मीटर ऊँचा पहाड़ी क्षेत्र एवं शीतोष्ण सूखी जलवायु की आवश्यकता होती है। पौधे के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त रहता है। यह पौधा कली निकलने से पहले वर्षा एवं हिमपात दोनों बर्दाश्त कर लेता है, लेकिन कलियों के निकलने के बाद ऐसा होने पर पूरी फसल चौपट हो जाती है। मध्य एवं पश्चिमी एशिया के स्थानीय पौधे केसर को कंद (बल्ब) द्वारा उगाया जाता है।केसर का पौधा सुगंध देनेवाला बहुवर्षीय होता है |इसके फूलों का रंग बैंगनी, नीला एवं सफेद होता है।ये फूल कीपनुमा आकार के होते हैं। इनके भीतर लाल या नारंगी रंग के तीन मादा भाग पाए जाते हैं| इस मादा भाग को वर्तिका (तन्तु) एवं वर्तिकाग्र कहते हैं। यही केसर कहलाता है। प्रत्येक फूल में केवल तीन केसर ही पाए जाते हैं। लाल-नारंगी रंग के आग की तरह दमकते हुए केसर को संस्कृत में 'अग्निशाखा' नाम से भी जाना जाता है।इन फूलों की इतनी तेज़ खुशबू होती है कि आसपास का क्षेत्र महक उठता है।केसर को निकालने के लिए पहले फूलों को चुनकर किसी छायादार स्थान में बिछा देते हैं। सूख जाने पर फूलों से मादा अंग यानि केसर को अलग कर लेते हैं। रंग एवं आकार के अनुसार इन्हें - मागरा, लच्छी, गुच्छी आदि श्रेणियों में वर्गीकत करते हैं। 150000 फूलों से लगभग 1 किलो सूखा केसर प्राप्त होता है।
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vsplusonline · 4 years
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रतन राजपूत ने शेयर की वीडियो, फैन्स को कहा- आइसक्रीम मत खाओ
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रतन राजपूत ने शेयर की वीडियो, फैन्स को कहा- आइसक्रीम मत खाओ
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टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत इन दिनों अपने गांव में फंसी हुई हैं. रतन के पास न तो देखने के लिए टीवी है और ना ही बाथरूम. ऐसे में वे घर में रहकर अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उपाय कर रही हैं और साथ-साथ ही फैन्स को भी अपना ध्यान रखने की सलाह दे रही हैं.
रतन लगभग रोज अपने वीडियो शेयर कर रही हैं. अब उन्होंने एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इस वीडियो में वो स्टीम लेती नजर आ रही हैं. स्टीम लेने के साथ रतन जनता से ये भी कहती हैं कि गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम खाने का मन सभी का है, लेकिन इस समय अपना ख्याल रखना सभी के लिए जरूरी है.
रतन ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘लॉकडाउन स्टोरी. ठंडे खाने, ड्रिंक्स और मिठाई से दूर रहें. इससे आपको सर्दी-खांसी हो सकता है. फ्लू या उसके लक्षण से बचने के लिए पानी में अजवाईन या पुदिन डालकर दिन में दो बार भांप लें. पानी में नमक और हल्दी मिलाकर दिन में दो बार गरारे करें.’
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Avoid cold foods ,drinks and deserts that aggravate cold and cough in this unforeseeable weather. To avoid any flu like symptoms practice these- Tips:- 1.Steam inhalation with fresh Pudina(mint) leaves or Ajwain(caraway seeds) once/twice a day. 2.Salt/turmeric water gargle once/twice a day. . . P.S.- इस गर्मी ये नया फ़ंडा ,नो ठंडा..नो ठंडा..नो ठंडा🥶 . . #avoidcolddrinks #eathealthy #stayhealthy #steaminhalation #gargledaily #indiafightscorona #beresponsible #jaibharat #जयभारत #रामभरोसे✨😇
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Welcome to my entertainment room 😀 (मेरे मनोरंजन कक्ष में आपका स्वागत है) . . P.S.- Entertainment कहीं भी ,कभी भी। . . #entertainmentroom #qurantinetime #stayhomestaysafe #jaibharat #रामभरोसे✨😇
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पीएम मोदी, आडवाणी संग दिखीं रामायण की सीता, पुरानी तस्वीर वायरल
फराह खान की बेटी ने स्केचिंग कर जुटाए 70 हजार रुपये, जानवरों की करेंगी मदद
गांव में हुए बुरे हाल
बता दें कि रतन राजपूत अपने गांव में फंसी हुई हैं. लॉकडाउन होने के चलते वो वहां से निकल भी नहीं पा रही हैं. रतन राजपूत ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को दिखाया है कि इस वक्त वो कैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं. रतन के गांव में सुविधाओं का आभाव है. उन्होंने खुद बताया है कि टीवी ना होने के चलते वो हर तरीके की न्यूज और दूसरी खबरों से कट गईं हैं. उन्होंने लोगों को दिखाया है कि वो जिस घर में इस समय रह रहीं है वहां कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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kisansatta · 4 years
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कोरोना के आगे IPL -13 हुआ लाचार
नयी दिल्ली : 29 मार्च से शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग पर कोरोना वायरस का संकट आने से लाचार हुआ है | लगातार कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सरकार की वीजा पाबंदियों के कारण विदेशी खिलाडियों का शामिल होना मुश्किल है | जिससे आईपीएल का रंग फीका पड़ सकता था | लेकिन इस कड़ी में भारत के पूर्व बल्लेबाज द लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने कोरोना वायरस पर बयान दिया है |
उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते आईपीएल रद्द नहीं होना चाहिए, अगर स्टेडियम में दर्शक मैच देखने नहीं आयेंगे तो खिलाडियों को मैच में रोमांच नहीं आयेगा | खिलाड़ी दर्शकों के लिए खेलते हैं, अगर दर्शक ही नहीं होंगे तो स्टेडियम में रोमांच पैदा नहीं होगा | सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए |
वहीं सुप्रीम कोर्ट में आईपीएल स्थगित करने की याचिका दायर की गयी, जिसपर कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया | वखि दूसरी ओर एडवोकेट जी एलेक्स बेंजिगर ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोरोना वायरस के कारण आईपीएल रद्द करने की मांग की है |
याचिका में अपील की गयी है कि हाईकोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि वह बीसीसीआई को आईपीएल न कराने का आदेश जारी करे | आईपीएल 13 के मुकाबले 29 मर्च से 24 मई तक होना हैं |
विदेशी खिलाड़ी हैं सिरमौर
ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं जब किसी विदेशी खिलाड़ी ने दिखाया कि आख़िरकार अपने देश के लिए भी ऐसी पारी न खेल पाने वाले खिलाड़ी आईपीएल में क्या कर दिखाते हैं | अब ऐसा नहीं है कि भारतीय खिलाड़ी उनसे कम हैं लेकिन आईपीएल का इतिहास बताता है कि इसकी बेहद लोकप्रियता में उनका हाथ कतई कम नहीं है |
लेकिन विदेशी खिलाड़ी यहां किस तरह की धूम मचाते हैं इसकी बानगी इसी से देखने को मिल जाती है कि अब तक आईपीएल की किसी भी पारी में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर खड़ा करने वाले बल्लेबाज़ क्रिस गेल (नाबाद 175 रन) हैं तो सबसे अधिक विकेट लेने वाले लसिथ मलिंगा (170 विकेट) | क्रिस गेल के नाम ही सर्वाधिक छक्के (324) जड़ने का रिकॉर्ड भी ��र्ज है |
इतना ही नहीं पिछले साल 2019 में जब भारत में सर्दी दस्तक दे रही थी तब आईपीएल-2020 की नीलामी की चर्चा पूरी गर्मी पर थी | गुनगुनी धूप के अहसास के बीच ज़ोरदार नीलामी में ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ पैट कमिंस को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 15.5 करोड़ में ख़रीदा |
वह आईपीएल के इतिहास के सबसे महंगे और आईपीएल के 13वें सीज़न के सबसे महंगे खिलाड़ी भी बने | उनसे पहले साल 2017 में इंग्लैंड के बेन स्टोक्स 14.50 करोड़ में राइज़िंग पुणे सुपरजाएंट्स के हुए थे |
  क्यों नहीं आ सकेंगे विदेशी खिलाड़ी?
अब पैट कमिंस और आंद्रे रसेल क्यों 15 अप्रैल तक नही खेल सकेंगे | इस यक्ष प्रश्न का जवाब यह है कि केन्द्र सरकार ने विदेश से आने वाले लोगों पर रोक लगा दी है | 13 मार्च से 15 अप्रैल तक के लिए सभी वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं |जिसमे केवल डिप्लोमैटिक और एम्लॉयमेंट वीज़ा को ही मंजूरी दी गई है |
दरअसल खिलाड़ियों को बिजनेस वीज़ा मिलता है | ऐसे में विदेशी खिलाड़ियों को भारत में आने की अनुमति नही मिलेगी | अब इस हालात से कैसे निपटा जाए, इस पर विचार के लिए 14 मार्च को आईपीएल की गर्वनिंग बॉडी की मीटिंग होगी |
आईपीएल-13 की नीलामी में पैट कमिंस के अलावा ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल को पंजाब ने 10.75 करोड़ में, दक्षिण अफ़्रीका के क्रिस मौरिस को बंगलुरू ने 10 करोड़, वेस्ट इंडीज़ के शेल्डन कॉटरेल को पंजाब ने 8.5 करोड़ और शेमरन हेटमायर को दिल्ली ने 7.75 करोड़ में तो ऑस्ट्रेलिया के नाथन कॉटरल नाइल को मुंबई ने आठ करोड़ में अपने नाम किया |
यह सब बताता है कि आईपीएल में शामिल सभी आठ टीमों का विदेशी खिलाड़ियों की क्षमता पर कितना भरोसा है |आखिरकार उनके खेल में कुछ तो होगा जो फ्रेंचाइज़ियों ने अपनी तिजोरी का ताला उनके लिए खोल दिया |
वैसे यह तो केवल कुछ ही नाम हैं जबकि आईपीएल-13 में तो 60 से अधिक खिलाड़ी अपना धमाल मचाने वाले थ | वैसे तो आठ टीमों में कुल 189 खिलाड़ी है लेकिन इनमें 64 विदेशी खिलाड़ी हैं | इसके अलावा टीमों के साथ कोच, ट्रेनर और सलाहकार समिति से जुड़े विदेशी भी शामिल हैं |
  किन विदेशी क्रिकेटरों पर था दारोमदार?
वैसे अगर आईपीएल-13 में भाग लेने वाली आठ टीमों में शामिल सभी विदेशी खिलाड़ियों का नाम ले तो लिस्ट बेहद लम्बी हो जाएगी, फिर भी कुछ प्रमुख खिलाड़ी के नाम तो लिए ही जा सकते हैं जिसमे …
चेन्नई सुपर किंग्स में शेन वाटसन, इमरान ताहिर, फॉफ डू प्लेसी |
दिल्ली कैपिटल में कैगिसो रबाडा, शिमरॉन हैटमायर, मार्कस स्टोइनिस.
किंग्स इलेवन पंजाब में ग्लेन मैक्सवैल, शेल्डन कॉट्रेल और क्रिस गेल |
कोलकाता नाइट राइडर्स में पैट कमिंस, सुनीन नारायन, आंद्रे रसेल, इयॉन मोर्गन |
मुंबई इंडियंस में लसिथ मलिंगा, क्विंटन डी कॉक, ट्रेंट बोल्ट, किरेन पोलार्ड और क्रिस लिन |
राजस्थान रॉयल्स में स्टीव स्मिथ, बेन स्टोक्स, जोफ्रा ऑर्चर और जोस बटलर |
रॉयल चैलेंजर्स बेंग्लोर में एबी डिविलियर्स, डेल स्टेन, मोईन अली और एरोन फिंच |
और सनराइज़र्स हैदराबाद में डेविड वार्नर, केन विलियमसन, राशिद ख़ान और जॉनी बेयरस्टो जैसे खिलाड़ी शामिल हैं |
ज़ाहिर है इनके 15 अप्रैल तक न खेलने से आईपीएल-13 में खेले जाने वाले मैचों का हाल बिना नमक की नमकीन और बिना मीठे की मिठाई जैसा होगा, यानी बेस्वाद |
ऊपर से मार यह है कि शायद दर्शकों को भी स्टेडियम में अपनी आंखों के सामने मैच देखने का मौक़ा न मिले | विदेशी खिलाड़ियों के दम पर दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम खाली रह सकते हैं और इनके बिना आख़िरकार टेलीविज़न ही कहां तक आईपीएल के चाहने वालों को अपने से चिपका सकेगा |
विदेशी चीयर लीडर्स से भी महरूम रहेगा आईपीएल?
हर चौके-छक्के को अपने अलग ही अंदाज़ में दर्शाती विदेशी चीयर लीडर्स भी नहीं होंगी | कोई किसी से हाथ नहीं मिलाएगा | ऐसे में आईपीएल के मैचों के ��ौरान लगातार दे-दनादन आते विज्ञापनों की संख्या में भी कमी आ सकती है | वैसे भी बीसीसीआई ने इस बार विजेता टीमों को मिलने वाली पुरस्कार राशि भी आधी कर दी है |
आईपीएल में सबसे अधिक चार बार ख़िताब जीतने वाली मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा और तीन बार की विजेता चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का जलवा कम नहीं है लेकिन जब विदेशी खिलाड़ियों के तड़क-भड़क से भरे खेल देखने की आदत क्रिकेट प्रेमियों को लग चुकी हो तो उनके बिना तो सब सूना ही लगेगा |
यह ठीक है कि जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में आ रही है और एहतियात के तौर पर उससे निपटने और बचने के सभी प्रयासों के कारण एक एक कर कई खेल टूर्नामेंट रद्द हो रहे हैं तो भला आईपीएल उसकी आंच से कैसे बच सकता है |
वैसे आईपीएल-13 का फ़ाइनल 60वें मैच के रूप में 24 मई को खेला जाएगा | 15 अप्रैल तक आईपीएल के 20 मैच हो चुके होंगे | यानी एक तिहाई आईपीएल विदेशी खिलाड़ियों के बिना खेला जाएगा |
इसके बाद भी क्या होगा अभी तय नहीं है लेकिन इतना तो तय है कि कोरोना वायरस के प्रकोप ने अभी से आईपीएल को अपनी चपेट में ले लिया है |
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