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#महाशिवरात्रि 2024 तिथि
varanasi-city · 3 months
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Bliss : Amazing Mahashivratri 2024 Date Shubh Muhurt: महाशिवरात्रि कल, शिवजी की पूजा के लिए मिलेगा बस इतना समय, जानें शुभ मुहूर्त
Mahashivratri 2024 Date Shubh Muhurt: महाशिवरात्रि कल, शिवजी की पूजा के लिए मिलेगा बस इतना समय, जानें शुभ मुहूर्त   Mahashivratri 2024 Kab Hai: फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को हर साल महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है, जो शिवरात्रि दिव्य और चमत्कारी शिव कृपा का महापर्व है। इस दिन माना जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है और उनकी कृपा से जीवन में खुशियों का समावेश होता है। इस साल…
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countryinsidenews · 3 months
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CIN /शिव और शक्ति के अभिसरण पर्व को महाशिवरात्रि कहते हैं
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 08 मार्च, 2024 ::फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिव और शक्ति के अभिसरण का पर्व होता है, जिसे हमलोग महाशिवरात्रि के नाम से जानते है। शास्रों में महाशिवरात्रि का वर्णन शिव को समाधि से जाग्रत होकर सृष्टि लीला में प्रवृत होने तथा शिव पार्वती के विवाह दिवस के रूप में मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य का माने तो शास्त्रों के अनुसार इस व्रत के करने से उन्हें एक…
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ragbuveer · 3 months
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (त्रयोदशी तिथि महाशिवरात्रि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🛕आदियोगी शिव और महासती शक्ति के मिलन तथा सृष्टि आरंभ दिवस के महापर्व महाशिवरात्रि की आपको तथा आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं💐🙏⛳🛕*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-08-मार्च-2024
वार:-----शुक्रवार
तिथी:---13त्रय़ोदशी:-21:58
पक्ष:-----कृष्णपक्ष
माह:------फाल्गुन
नक्षत्र:----श्रवण:-10:41
योग :----शिव:-24:46
करण:----गर:-11:42
चन्द्रमा:---मकर 21:20कुंम्भ
सूर्योदय:---06:58
सूर्यास्त:----18:39
दिशा शूल----पश्चिम
निवारण उपाय:----दही का सेवन
ऋतु :----बसंत ऋतु
गुलीक काल:-08:12से 09:41
राहू काल:-11:09से12:38
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:-----पिंगल
⏲️चोघङिया दिन⏲️
चंचल:-06:58से08:26तक
लाभ:-08:26से09:54तक
अमृत:-09:54से11:22तक
शुभ:-12:50से14:18तक
चंचल:-17:10से18:39तक
🕰️चोघङिया रात🕰️
लाभ:-21:35से23:06तक
शुभ:-00:37से02:09तक
अमृत:-02:09से03:40तक
चंचल:-03:40से05:11तक
आज के विशेष योग
वर्ष का 351वा दिन, भद्रा प्रारंभ 21:58 से, दिनांक 09/03/2024 को 08:10 तक पृथ्वी-लोक अशुभ दिशा पूर्व, सर्वसिद्धि योग 06:52 से 10:41 तक, प्रदोष व्रत, महाशिवरात्रि व्रत, रात्रि जागरण, रुद्राभिषेक, बुध उत्तराभाद्रपद पर 26:04, पंचक प्रा.21:10, विश्व महिला दिवस, वैधनाथ जयंती, ज्योतिर्लिंग पूजा,
🌹 👉 टिप्स 👈🌹
महाशिवरात्रि के दिन रात्री को निन्द्रा ना ले।
*सुविचार*
शव हूँ मैं भी शिव बिना,
शव में शिव का वास, शिव है मेरे आराध्य, और मैं शिव का दास…👍🏻
सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
तीर्थयात्रा हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। वरिष्‍ठजनों का सहयोग मिलेगा। नवीन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए दिन अच्छा होने की संभावना है। परिवार में मेल-मिलाप बढ़ेगा। अधिकारी वर्ग में महत्व बढ़ेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। माता के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना आवश्यक। पुराने रुके कामों, लेनदेन में सफलता की संभावना है। ��िद्यार्थियों को शिक्षा में उपलब्धि हासिल होने के योग हैं।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
लेनदारी वसूल होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष लाभ का योग है। आर्थिक उन्नति होगी। सामाजिक उत्तरदायित्व की पूर्ति करेंगे। ईश्वर के प्रति श्रद्धा बढ़ेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होंगे। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें। संतान की गतिविधियों पर नजर रखना होगी। कामकाज का बोझ बढ़ने से व्यापार पर विपरीत असर हो सकता है। वाद-विवाद से दूर रहें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम उठाएं। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। सोच-समझकर कार्य करना लाभप्रद रहेगा। पुरुषार्थ सफल होगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखना चाहिए। व्यापार में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे।
👩🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
अतिथियों का आवागमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। आत्मसम्मान बना रहेगा। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगे। पारिवारिक सुख-शांति बरकरार रहेगी। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। यात्रा होगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
प्रयास सफल रहेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। मान-सम्मान मिलेगा। धनार्जन होगा। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सुख एवं पत्नी के सहयोग से मन प्रसन्न रहेगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। किसी से बहस न करें। काम-धंधे में सफलता के शुभ संकेत हैं।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
यात्रा में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। दु:खद समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर संयम रखें। विरोधियों से सावधान रहें। परिवार की परेशानी का हल संभव है। भागीदारी के कामों में सफलता मिलेगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
विवाद व जल्दबाजी से बचें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। अधूरे काम समय से पूरे होने के योग हैं। नए कार्यों से लाभ के मार्ग प्रशस्त होंगे। धन का संग्रह होगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान की प्रगति होगी। व्यापार-व्यवसाय में प्रगतिकारक वातावरण का सृजन होगा। पारिवारिक स्थिति आनंददायक रहेगी। मन प्रफुल्लित रहेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
थकान रहेगी। शत्रु भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। बाहर सहायता से काम होंगे। प्रसन्नता रहेगी। संतान के संबंध में संतोष रहेगा। व्यावसायिक अथवा आजीविका संबंधी समस्या का समाधान हो सकेगा। पुरुषार्थ का पूर्ण फल मिलेगा।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
संतान पक्ष की चिंता रहेगी। चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। खर्च का बोझ बढ़ेगा। किसी पर अत्यधिक भरोसा न करें। व्यापार, नौकरी में अड़चनें आने से मनोबल में कमी आ सकती है।
※══❖═══।। राधे राधे।। ═══❖══※
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lawyer-usa · 3 months
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jyotishwithakshayg · 3 months
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*🌞~ आज दिनांक - 07 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - एकादशी प्रातः 04:13 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा दोपहर 01:03 तक तत्पश्चात श्रवण*
*⛅योग - वरियान सुबह 08:24 तक तत्पश्चात परिघ*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:19 से 03:48 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:56*
*⛅सूर्यास्त - 06:46*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:07 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 से 01:15 तक*
*⛅अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:27 से 01:14*
*⛅व्रत पर्व विवरण - विजया एकादशी (भागवत)*
*⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹विजया एकादशी - 06 मार्च 2024🌹*
*🌹जो मनुष्य इस विधि से व्रत करते हैं, उन्हें इस लोक में विजय प्राप्त होती है और उनका परलोक भी अक्षय बना रहता है ।*
*इस प्रसंग को पढ़ने और सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है ।*
*🌹महाशिवरात्रि (08 मार्च)व्रत महिमा🌹*
*🌹एक बार कैलास पर्वत पर पार्वतीजी ने भगवान शंकर से पूछा : 'हे भगवन् ! धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इस चतुर्वर्ग के आप ही हेतु हैं । साधना से संतुष्ट हो आप ही इसे मनुष्य को प्रदान करते हैं। (अतः यह जानने की इच्छा होती है कि) किस कर्म, व्रत या तपस्या से आप प्रसन्न होते हैं ?'*
*🌹भगवान शंकर ने कहा : 'फाल्गुन (गुजरात-महाराष्ट्र में माघ) के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को आश्रय करके जिस अंधकारमयी रजनी का उदय होता है, उसीको 'शिवरात्रि' कहते हैं । उस दिन जो उपवास करता है वह निश्चय ही मुझे संतुष्ट करता है । उस दिन उपवास करने पर मैं जैसा प्रसन्न होता हूँ, वैसा स्नान, वस्त्र, धूप और पुष्प के अर्पण से भी नहीं होता ।'*
*🌹'स्कन्द पुराण' में आता है : शिवरात्रि व्रत परात्पर है । जो जीव इस शिवरात्रि में महादेव की पूजा भक्तिपूर्वक नहीं करता, वह अवश्य सहस्रों वर्षों तक जन्मचक्रों में घूमता रहता है ।'*
*🌹'चाहे सागर सूख जाय, हिमालय भी क्षय को प्राप्त हो जाय, मन्दर, विन्ध्यादि पर्वत भी विचलित हो जायें पर शिवव्रत कभी विचलित (निष्फल) नहीं हो सकता ।*
*🌹पद्म पुराण' में आता है : 'चाहे सूर्यदेव का उपासक हो, चाहे विष्णु का या अन्य किसी देव का, जो शिवरात्रि का व्रत नहीं करता उसको फल की प्राप्ति नहीं होती ।'*
*🌹शिवरात्रि व्रत' का अर्थ है : 'शिव की वह प्रिय (आनंदमयी) रात्रि, जिसके साथ व्रत का विशेष सम्बन्ध है वह व्रत 'शिवरात्रि व्रत' कहलाता है ।*
*🌹इस व्रत का प्रधान अंग उपवास ही है । फिर भी रात्रि के चार प्रहरों में चार बार पृथक् पृथक् पूजा का विधान भी है ।*
*दुग्धेन प्रथमे स्नानं दध्ना चैव द्वितीयके।*
*तृतीये तु तथाऽऽज्येन चतुर्थे मधुना तथा ।।*
*🔸 'प्रथम प्रहर में दुग्ध द्वारा, द्वितीय प्रहर में दही द्वारा, तृतीय प्रहर में घृत द्वारा तथा चतुर्थ प्रहर में शहद द्वारा शिवमूर्ति को स्नान कराकर उनका पूजन करना चाहिए ।'*
*🔸प्रत्येक प्रहर में पूजन के समय निम्न मंत्र बोलकर प्रार्थना करनी चाहिए :*
*तव तत्त्वं न जानामि कीदृशोऽसि महेश्वरः ।*
*यादृशोऽसि महादेव तादृशाय नमो नमः ।।*
*🔸'प्रभो ! हमारा कल्याण किसमें है और अकल्याण किसमें है, हम इसका निर्णय करने में असमर्थ हैं । इस तत्त्व को समझने का सामर्थ्य हममें नहीं है । आप क्या हैं, कैसे हैं यह भी हम नहीं जानते । वेदशास्त्रों में आपके जिस स्वरूप, गुण, कर्म, स्वभाव का वर्णन है वह भी हम नहीं जानते । आप जो कुछ भी हों, जैसे भी हों, आपको प्रणाम हैं ।'*
*🔸प्रभातकाल में विसर्जन के बाद व्रत-कथा सुनकर अमावस्या को यह कहते हुए पारण करना चाहिए :*
*🔸'हे भगवान शंकर ! मैं नित्य संसार की यातना से दग्ध हो रहा हूँ । इस व्रत से आप मुझ पर प्रसन्न हों । हे प्रभो ! संतुष्ट होकर आप मुझे ज्ञानदृष्टि प्रदान करो ।'*
*🔸'ईशान संहिता' में आता है : 'महाशिवरात्रि व्रत सभी पापों का नाश करनेवाला है । इस व्रत के अधिकारी चाण्डाल तक सभी मनुष्य-प्राणी हैं, जिन्हें यह व्रत भुक्ति व मुक्ति दोनों ही प्रदान करता है ।'*
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID 9837376839
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jeevanjali · 3 months
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Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर ऐसे करें भगवान शिव का पूजन,इन नियमों का रखें ध्यान Mahashivratri 2024: देशभर में महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यह पवित्र त्योहार भगवान शिव को समर्पित है।
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komal09 · 4 months
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Mahashivratri 2024|महाशिवरात्रि 2024 
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Mahashivratri 2024|महाशिवरात्रि 2024 
When will the festival of Mahashivratri 2024 be celebrated? Know the date, worship time, Nishita period, auspicious time, and rituals| कब मनाया जाएगा महाशिवरात्रि 2024 का पर्व? जाने तिथि, पूजन समय, निशिता काल मुहूर्त व अनुष्ठान 
Om Namah Shivay! Mahashivratri is one of the most important festivals of the Hindu religion. For the devotees of Bholebaba, this Mahashivratri festival is no less than a grand festival. It is believed that the marriage of Lord Shiva and Mother Parvati took place on the Chaturdashi of Phalgun Krishna Paksha. For this reason, the supernatural festival of Mahashivratri is celebrated every year on this Chaturdarshi date.
On the day of Mahashivratri (Mahashivratri 2024), the god of gods Mahadev and the mother of the world Adishakti Maa Parvati are worshipped. It is told in the scriptures that on the day of Mahashivratri, Lord Shiva and Mother Parvati were married. Therefore, monthly Shivratri is celebrated every year on the Chaturdarshi date of Phalgun month. By this fast, married people attain happiness and prosperity.
At the same time, there are good chances of early marriage for unmarried people. Let us know the date, auspicious time, and other important rituals of Mahashivratri 2024.
Mahashivratri 2024 Date| कब है महाशिवरात्रि व्रत 2024?
According to the Hindu calendar, Chaturdashi tithi of Krishna Paksha of Phalgun month is starting on March 8 at 9:57 pm. This date will end on March 9 at 6:17 pm. In such a situation, this year, this fast of Mahashivratri will be observed on 8 March 2024 (Mahashivratri 2024 Date).
Mahashivratri Puja Muhurat 2024| महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त 2024
Maha Shivratri Nishita Kaal Puja Time |महा शिवरात्रि निशिता काल पूजा समय -
Maha Shivratri Nishita Kaal Puja Time -
09 March 2024, 12:07 AM to 12:56 AM
Night first hour puja time -
06:25 pm to 09:28 pm
Night Second Prahar Puja Time -
09 March 2024, 09:28 pm to 12:31 am
Night Tritiya Prahar Puja Time -
March 09 from 12:31 am to 03:34 am
Night Chaturtha Prahar Puja Time -
09 March 2024, 03:34 AM to 06:37 AM
Time of breaking Shivratri fast -
March 9, 2024, 06:37 am to 3:29 am
Mahashivratri Pujan Vidhi | महाशिवरात्रि की पूजा विधि
• On the day of Mahashivratri, wake up early in the morning and take a bath, etc. And promise to observe the fast with full devotion before Lord Shiv Shankar.
• End the fasting period with the blessings of Lord Shiva during Sankalp.
• Apart from this, also take a pledge as to how you will observe the fast i.e. eating fruits or going without water. Then start worship at the auspicious time.
• First of all get Lord Shankar anointed with Panchamrit.
• Also prepare eight pots of saffron water and a bright lamp for the night. Also, apply sandalwood tilak.
• After offering water, offer Bel leaves, Dhatura, and Shami flowers to the Lord. This is one of Bholebaba's favorite things.
• Apart from all the items mentioned above, also offers three betel leaves, hemp, Dhatura, nutmeg, lotus leaves, fruits, sweets, paan sweets, perfume, and Dakshina.
• After the puja is over, sing the aarti of Lord Shiva and distribute the final prasad among everyone.
It is believed that the best thing to do during Mahashivratri (Mahashivratri 2024) is to fast and pray for long life and good health. Fortunately, according to our Vedas, performing Rudrabhishek puja and chanting mantras on the day of Mahashivratri blesses a person with long life and good health.
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महाशिवरात्रि 7 मार्च को मनेगी या 8 मार्च को? दूर कर लें तिथि का कंफ्यूजन
सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही खास माना जाता है. महाशिवरात्रि इस बार 8 मार्च, शुक्रवार की है. महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के लिए मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था. महाशिवरात्रि के दिन भगवान के 12 ज्योतिर्लिंगों का भी प्राकट्य हुआ था. 
महाशिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त महाशिवरात्रि की चतुर्दशी की शुरुआत 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगा और तिथि का समापन शाम 6 बजकर 17 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, महाशिवरात्रि 8 मार्च को ही मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि का पूजन निशिता काल में ही किया जाता है.
महाशिवरात्रि शुभ संयोग इस बार महाशिवरात्रि के दिन 8 मार्च को ही शनि प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है. प्रदोष व्रत के दिन भी भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है.
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jyotishwithakshayg · 3 months
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*🌞~ आज दिनांक - 06 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - दशमी सुबह 06:30 तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा दोपहर 02:52 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा*
*⛅योग - व्यतीपात सुबह 11:33 तक तत्पश्चात वरियान*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:51 से 02:20 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:57*
*⛅सूर्यास्त - 06:45*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:19 से 06:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 से 01:15 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - विजया एकादशी (स्मार्त)*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹विजया एकादशी - 06 मार्च 2024🌹*
*🔸एकादशी अवधि : 06 मार्च सुबह 06:30 से 07 मार्च प्रातः 04:13 तक ।*
*🔸व्रत उपवास 07 मार्च को रखा जयेगा । द्वादशी युक्त एकादशी में व्रत रखने का शास्त्रीय विधान*
*🔹06 और 07 मार्च दो दिन चावल खाना निषिद्ध हैं ।*
*🌹महा शिवरात्रि : 08 मार्च 2024🌹*
*🌹'शिव पुराण' में आता है कि 'महाशिवरात्रि का व्रत करोड़ों हत्याओं के पाप का नाश करनेवाला है ।'*
*🌹हिमालय, सुमेरु अपनी मर्यादा छोड़ दे, समुद्र सूख जाय, कोई और रूप हो जाय या अपनी मर्यादा छोड़ दे... उनका प्रभाव भले ही नष्ट हो जाय... लेकिन महाशिवरात्रि का व्रत-उपवास करनेवाले का पुण्य-प्रभाव नष्ट नहीं हो सकता यह शास्त्र वचन है ।*
*🌹महाशिवरात्रि व्रत, रात्रि जागरण, शिव-पूजन - 08 मार्च🌹*
*🔸(निशीथकाल - रात्रि 12:13 से 01:01 तक)*
*🔸(प्रहर:- प्रथम - शाम 06:33 से, द्वितीय - रात्रि 09:35 से, तृतीय - मध्यरात्रि 12:37 से, चतुर्थ - 01 मार्च प्रातः 03:39 से)*
*🔸 (पारणा : 01 मार्च सूर्योदय के बाद) ।*
*🔹शिवरात्रि पर स्वास्थ्य-लाभ🔹*
*🔸'बं' शिवजी का बीजमंत्र है । जिनको भी गठिया या वायुसंबंधी तकलीफ हो, वे शिवरात्रि पर 'ॐ बं बं...' का सवा लाख जप करें । वायुसंबंधी ८० प्रकार की तकलीफों से छुट्टी मिल जायेगी ।*
*🔸जिनको वायुसंबंधी तकलीफ हो वे एक लीटर पानी में एक काली मिर्च और तीन बेल-पत्ते मसल के डालकर उसे पौना लीटर होने तक उबालें । वह पानी पीनेलायक ठंडा हो जाय तो दिन में वही पियें । इससे भी वायुसंबंधी तकलीफें कम हो जायेंगी ।*
*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*
*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*
*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*
*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।
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jyotishwithakshayg · 3 months
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आज दिनांक - 01 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
मास - फाल्गुन
पक्ष - कृष्ण
तिथि - षष्ठी पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र - स्वाती दोपहर 12:48 तक तत्पश्चात विशाखा
योग - ध्रुव शाम 06:15 तक तत्पश्चात व्याघात
राहु काल - सुबह 11:24 से दोपहर 12:52 तक
सूर्योदय - 07:01
सूर्यास्त - 06:43
दिशा शूल - पश्चिम
ब्���ाह्ममुहूर्त - प्रातः 05:23 से 06:12 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 से 01:16 तक
व्रत पर्व विवरण - माँ यशोदा जयन्ती
विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
मार्च मास की योगों व तिथियाँ
01 मार्च : माँ यशोदा जयंती
03 मार्च : शबरी माता जयंती, श्रीनाथजी पाटोत्सव (नाथद्वारा), रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से सुबह 08:44 तक)
05 मार्च : समर्थ रामदासजी नवमी, स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती (ति.अ.), व्यतीपात योग (दोपहर 02:09 से 06 मार्च दोपहर 11:33 तक), दशमी क्षय तिथि ।
*06 मार्च : विजया एकादशी (स्मार्त)
07 मार्च : विजया एकादशी (भागवत)
08 मार्च : प्रदोष व्रत, महाशिवरात्रि व्रत, रात्रि जागरण, शिव-पूजन (निशीथकाल - रात्रि 12:13 से 01:01 तक) (प्रहर:- प्रथम - शाम 06:33 से, द्वितीय - रात्रि 09:35 से, तृतीय - मध्यरात्रि 12:37 से, चतुर्थ - 01 मार्च प्रातः 03:39 से) (पारणा : 01 मार्च सूर्योदय के बाद), विश्व महिला दिवस, पंचक (आरम्भ रात्रि 09:20)
09 मार्च : पंचक प्रारम्भ
10 मार्च : दर्श अमावस्या, फाल्गुन अमावस्या, द्वापर युगादि तिथि, पंचक
11 मार्च : पयोव्रत आरम्भ, चन्द्र-दर्शन (शाम 06:34 से रात्रि 07:42 तक), पंचक
12 मार्च : श्री रामकृष्ण परमहंस जयंती (ति.अ.), पंचक (समाप्त - रात्रि 08:29), तृतीया क्षय तिथि ।
13 मार्च : विनायक चतुर्थी
14 मार्च : षडशीति-मीन संक्रांति (पुण्यकाल - दोपहर 12:46 से सूर्यास्त तक)
15 मार्च : आचार्य सुंदर साहेब पुण्यतिथि (सच्चिदानंद सम्प्रदाय)
16 मार्च : होलाष्टक प्रारम्भ, जैन अट्ठाई प्रारम्भ
17 मार्च : संत दादू दयालजी जयन्ती
19 मार्च : फाल्गुन दशमी (ओड़िशा)
20 मार्च : आमलकी एकादशी, पयोव्रत समाप्त
21 मार्च : श्री गोविंद द्वादशी, जमशेदी नवरोझ
22 मार्च : प्रदोष व्रत, त्रयोदशी वृद्धि तिथि
24 मार्च : व्रत पूर्णिमा, हुताशनी पूर्णिमा, होलिका दहन, श्री हरि बाबा जयंती (ति.अ.)
25 मार्च : फाल्गुनी पूर्णिमा, वसंत पूर्णिमा, होली, धुलेंडी, धूलिवंदन, होलाष्टक समाप्त, जैन अट्ठाई समाप्त, श्री चैतन्य महाप्रभु जयंती (ति.अ.), छाया चन्द्रग्रहण (भारत में नहीं दिखेगा, नियम पालनीय नहीं हैं ।)
26 मार्च : वसंतोत्सव प्रारम्भ, आम्रकुसुम-प्राशन
27 मार्च : संत तुकारामजी द्वितीया
28 मार्च : संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय- रात्रि 09:24), छत्रपति शिवाजी जयंती (ति.अ.)
29 मार्च : गुड फ्राइडे
30 मार्च : रंग पंचमी, व्यतीपात योग (रात्रि 10:47 से 31 मार्च रात्रि 09: 53 तक)
31 मार्च : संत एकनाथजी षष्ठी
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jeevanjali · 3 months
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jeevanjali · 3 months
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jeevanjali · 3 months
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jeevanjali · 3 months
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jeevanjali · 3 months
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