घर पर गर्भावस्था (Pregnancy) का परीक्षण कैसे करें
मां का नाम सुनते ही हमारी दुनिया साकार नजर आती है। ऐसा लगता है मानो हमारी सारी उलझन एक मां के सामने छोटी हो गई हो। मां बनना एक स्त्री को संपूर्णता की ओर ले जाता है। जब स्त्री गर्भवती होती है, तो उसे खुद का ध्यान रखने की नसीहत दी जाती है।
कभी-कभी मन में गर्भावस्था को लेकर कई बार असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है ऐसे में समझ नहीं आता कि गर्भावस्था है भी या नहीं। प्रकृति के इस अनुपम सौगात से कोई भी स्त्री मरहूम नहीं होना चाहती। ऐसे में स्त्रियां बिना किसी कष्ट के घर में ही अपनी गर्भावस्था का परीक्षण आसानी से कर सकती हैं।
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण क्या है
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण में मां बनने के सपने को पूरा होते देखा जा सकता है जिसमें एचसीजी (Human chorionic gonadotropin) के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। इस परीक्षण के माध्यम से गर्भावस्था के समय उत्पन्न हार्मोन का पता लगाया जाता है, जो कि बढे़ हुए स्तर में होता है। जैसे ही गर्भावस्था शुरू होती है तो शरीर में एचसीजी का उत्पादन शुरू हो जाता है।
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण में यूरिन के माध्यम से एक परीक्षण होता है जो सुबह होना अनिवार्य होता है। जब गर्भावस्था शुरुआती दौर में होती है, तो ऐसे में शरीर में एचसीजी का हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि घरेलू गर्भावस्था परीक्षण नकारात्मक आ जाए तो ऐसे में घबराने से अच्छा है कि कुछ दिनों बाद फिर से परीक्षण करें। कई बार एचसीजी के बदलते स्तर की वजह से भी एक बार में परीक्षण सही नहीं आ पाता है।
जाने क्या है घरेलू गर्भावस्था परीक्षण के तरीके ( Ghar Par Pregnancy Test Kaise Kare)
आज हम गर्भावस्था परीक्षण के कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जो आपको सही परिणाम बताएंगे और इसके लिए आपको कोई परेशानी भी नहीं उठानी पड़ेगी।
1) आप सभी के घर में कांच का गिलास या बर्तन अवश्य रूप से होगा। यदि आप उसमें अपनी सुबह का यूरिन डाले तो कुछ ही देर में उसमें आपको सफेद परत दिखाई देने लगेगी। यदि यथासंभव आपको सफेद परत दिखाई दे, तो आप गर्भवती हैं।
2) इसी प्रकार यदि आप साबुन में कुछ बूंदे अपने यूरिन की डाले तो उस पर बुलबुले दिखाई देते हैं। बुलबुलों के दिखाई देने पर आप गर्भवती प्रमाणित होती है अन्यथा नहीं।
3) किसी सफेद टूथपेस्ट में यूरिन की बूंदे डालने पर यदि टूथपेस्ट सफेद से रंग परिवर्तित करके नीला हो जाए तो यह गर्भावस्था का प्रमाण है।
4) डेटॉल का उपयोग हम सभी अपने घरों में करते हैं लेकिन इससे आप अपने गर्भावस्था का भी परीक्षण कर सकती हैं। इसके लिए कांच के बर्तन में बराबर रूप से यूरीन और डेटॉल लेंगे। यदि उस पर यूरिन तैरने लगे तो आप गर्भवती हैं और यदि यूरिन और डेटॉल घुल जाए तो आप गर्भवती नहीं हैं।
5) विनेगर भी इस परीक्षण में आपकी मदद कर सकता है। यदि आप विनेगर में यूरिन में मिलाएं और विनेगर का रंग परिवर्तित होने लगे तो इसका मतलब है कि आप गर्भवती हैं।
गर्भावस्था परीक्षण के लिए नमक भी है महत्वपूर्ण
अभी तक आप लोगों ने नमक का बहुत से महत्वपूर्ण उपयोग के बारे में सुना और देखा होगा। जो हमारी सेहत के लिए भी बहुत ही फायदेमंद है। पर आपको जानकार आश्चर्य होगा कि नमक का उपयोग गर्भावस्था परीक्षण में भी किया जा सकता है।
इसके लिए सुबह के पहले यूरिन का सैंपल लेना होगा उस यूरिन में तीन चौथाई चम्मच नमक मिला लेंगे। कम से कम 5 मिनट का इंतजार करें अगर आप गर्भवती हैं तो नमक से झाग उत्पन्न होगा अन्यथा नहीं। यह प्रयोग घर पर ही बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है।
शक्कर से भी किया जा सकता है गर्भावस्था का परीक्षण
हमारे रसोई में बहुत से ऐसे पदार्थ हैं जिनका उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है जिनमें से एक है शक्कर। शक्कर का उपयोग घर में गर्भावस्था परीक्षण में भी किया जाता है।
इसमें एक कटोरी में शक्कर ले और उसमें थोड़ा सा यूरिन मिला ले। कुछ मिनट तक इंतजार ���रें उसके बाद आप देखेंगे कि यूरिन के संपर्क में शक्कर के आने पर बढ़े हुए एचसीजी हार्मोन शक्कर को खोलने से रोक देता है। इस तरह से आपकी गर्भावस्था कंफर्म हो जाती है यदि शक्कर यूरिन में घुल जाए तो इसका मतलब यही है कि गर्भावस्था नेगेटिव है। इस तरह शक्कर के माध्यम से भी आसानी से घर में ही रहकर गर्भावस्था का परीक्षण किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी किट भी है कारगर
अगर किसी कारणवश महिला बाहर नहीं जा सकती और उसे शुरुआती समय में गर्भ अवस्था का पता लगाना हो तो प्रेगनेंसी किट का भी उपयोग किया जा सकता है। जिसमें सुबह के यूरिन को उस प्रेगनेंसी किट में रखने पर प्रदर्शित होने वाली दो लाइनों के माध्यम से गर्भ अवस्था को समझा जा सकता है। ज्यादातर महिलाएं इस तकनीक के माध्यम से ही अपने गर्भावस्था का पता आसानी से लगा लेती हैं।
प्रेगनेंसी किट खरीदते समय रखे इन सावधानियों को
किसी महिला का मां बनना अनमोल पलों में से एक होता है। ऐसे में हार्मोन बदलाव के कारण स्वभाव में परिवर्तन देखा जा सकता है। घर में यह गर्भावस्था किट का उपयोग करना आसान है फिर कुछ सावधानियां बहुत ही आवश्यक है।
1) जब भी घरेलू गर्भावस्था किट का उपयोग करें तो पहले किसी की सही दिशा निर्देश पर ही इसका उपयोग करें।
2) इस बात को सुनिश्चित कर लें कि पैकेट पूरा बंद हो।
3) गर्भावस्था किट की समाप्ति की तारीख को जांच परख लें ऐसा ना करने पर कभी-कभी गलत परिणाम भी देखे जा सकते हैं।
4) अगर एक बार में परिणाम सही नहीं आए तो कुछ देर के बाद फिर से करके देखें यह आपके लिए फायदेमंद होगा।
कब किया जा सकता है घरेलू गर्भावस्था परीक्षण
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण तब किया जाना सही माना जाता है जब मासिक धर्म का समय निकले 1 से 2 सप्ताह हो गए हो। ऐसे समय में महिला के शरीर में एचसीजी हार्मोन का निर्माण होता है जिसके माध्यम से ही गर्भावस्था की सत्यता पता चलती है। कुछ मुख्य परिस्थितियों के होने पर ही घरेलू गर्भावस्था परीक्षण किया जाना सही रहता है।
1) यदि मासिक धर्म आने में देर हो रही हो– प्रत्येक महिला में मासिक धर्म का चक्र अलग अलग होता है। समानता यह 28 से 30 दिनों का होता है। यदि मासिक धर्म आने की तारीख आगे बढ़ चुकी हो ऐसे में घरेलू गर्भावस्था परीक्षण करना सही रहता है।
2) यदि आपको बेचैनी लग रही हो — गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में बहुत ही अजीब सी बेचैनी लगने लगती है। जब भोजन के प्रति अरुचि, थकान, चक्कर, बार-बार यूरिन आना जैसी दिक्कतें देखी जा सकती है। ऐसे समय में भी एक बार घरेलू गर्भावस्था परीक्षण करना उचित रहता है।
3) पेट में ऐंठन का होना — यदि मासिक धर्म ना आने की स्थिति में पेट में ऐठन हो। यह अंडे के प्रत्यारोपण से भी होता है। बार-बार ऐसा होने पर गर्भावस्था परीक्षण किया जा सकता है।
4) स्तनों में दर्द होना– महिलाओं में हार्मोन की अधिकता से गर्भ अवस्था के शुरुआती दिनों में स्तनों में पीड़ा होती है। कभी-कभी स्तन कठोर भी हो सकते हैं ऐसी स्थिति में भी गर्भावस्था परीक्षण किया जा सकता है।
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण की सटीकता
ज्यादातर ऐसा देखा जाता है कि घरेलू गर्भावस्था की पुष्टि सही ही होती है सिर्फ 1% ही ऐसे मामले होते हैं जब गर्भावस्था का परीक्षण सही नहीं हो पाता। ऐसे हार्मोन में एचसीजी का लेवल कम होने से होता है। ऐसे में पूरी सतर्कता और सावधानी से ही गर्भावस्था का परीक्षण किया जा सकता है।
घरेलू सामग्री भी है फायदेमंद
कई बार ऐसा देखने में भी आता है कि हम बाहरी दिखावे में रह जाते हैं पर घरेलू सामग्रियों के माध्यम से भी हम अपनी समस्या का सामना आसानी से कर सकते हैं। कई बार गर्भावस्था के बार-बार खरीदने में भी हमें हिचक महसूस होने लगती है और सही तरह से हम अपनी बात नहीं कह पाते हैं। गर्भावस्था परीक्षण की बात भी आसानी से हर किसी से करना सही नहीं होता। और कभी-कभी तो बाजार जा कर बार-बार किट लेना भी मुश्किल काम ही लगता है।
ऐसे समय में घरेलू सामग्रियों के माध्यम से अपने गर्भावस्था का परीक्षण किया जा सकता है जिसे करने में झिझक भी महसूस नहीं होती और ना ही किसी को बताने की आवश्यकता होती है। हमन��� जो भी घरेलू टिप्स दिए हैं उन के माध्यम से आप आसानी से गर्भावस्था परीक्षण कर सकती हैं और सही परिणाम भी प्राप्त किया जा सकता है जिसे कम खर्च में आसानी से घर पर ही किया जाता है।
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण और डॉक्टर के परीक्षण के मध्य अंतर
महिलाएं घरेलू तरीकों के माध्यम से ही खुद ही अपनी गर्भावस्था का परीक्षण कर लेती हैं, तो कई बार तो डॉक्टर के पास जाना ही बेहतर समझा जाता है। ऐसा देखा जाता है कि डॉक्टर भी किट के माध्यम से ही परीक्षण करते हैं। कभी-कभी तो गर्भावस्था के लिए यूरिन टेस्ट, हार्मोन टेस्ट और ब्लड टेस्ट भी किया जाता है।
किए गए ब्लड टेस्ट में भी सही तरीके से बच्चे में होने वाले सक्रिय वृद्धि को देखा जा सकता है। बाद में डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड की जांच भी होती है जो गर्भावस्था को प्रमाणित कर बच्चे की वृद्धि पर जोर देती है। ऐसा माना जाता है कि एक बार घरेलू परीक्षण के बाद डॉक्टर के पास जाना भी आवश्यक परीक्षण अवश्य करवा लेना चाहिए जो अपने आने वाले बच्चे के लिए लाभप्रद हो।
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण के लाभ (ghar par pregnancy check karne ke labh)
घरेलू गर्भावस्था परीक्षण से महिलाओं को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं
1) इस परीक्षण में ज्यादा समय नहीं लगता आप आसानी से ही घर पर गर्भावस्था परीक्षण कर सकती हैं।
2) घरेलू परीक्षण बार-बार बाजार जा कर किट लाने के झंझट से भी बचाता है।
3) इस घरेलू परीक्षण को आप घर मे उपलब्ध सामग्रियों से ही कर सकते हैं।
4) घरेलू गर्भावस्था परीक्षण आप बिना किसी की मदद से स्वयं ही कर सकते हैं।
5) इस गर्भावस्था परीक्षण से आप अपनी गर्भावस्था को गुप्त भी रख सकते हैं।
6) इस परीक्षण में कम खर्च होता है, तो अच्छा विकल्प हो सकता है।
गर्भावस्था है महिलाओं के लिए खास
पूरे जीवन चक्र में महिला के गर्भावस्था का समय ही सबसे खास रहता है। इस समय में महिलाओं को अपने ऊपर भरपूर ध्यान देने की सलाह दी जाती है ताकि आने वाले बच्चे को सही पोषण मिल सके। ऐसे समय में महिलाओं को उचित आहार, पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है तभी बच्चे में सही वृद्धि व विकास हो पाता है ।
घरेलू परीक्षण से महिलाएं गर्भावस्था को सुरक्षित कर सही दिशा निर्देश में रहते हुए आगे बढ़ सकती हैं। यह परीक्षण आसानी से किया जा सकता है। यह समय महिलाओं को खुद पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि प्रकृति की अनुपम सौगात को प्रकृति से शुरू किया जा सके। महिलाओं को बिना किसी परेशानी के इस अवस्था का भी आनंद लेना चाहिए और बेहतर भविष्य का आकलन करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
Reference: https://www.ghareluayurvedicupay.com/ghar-par-pregnancy-test-kaise-kare/
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��ाक से खून आने के कारण और घरेलू इलाज – Home Remedies To Stop Nose Bleeding in Hindi
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नाक से खून आने के कारण और घरेलू इलाज – Home Remedies To Stop Nose Bleeding in Hindi
vinita pangeni Hyderabd040-395603080 August 13, 2019
खून देखकर अक्सर लोग घबरा जाते हैं। वहीं, जब खून नाक से बहने लगता है, तो लोगों को गंभीर बीमारी का डर भी सताने लगता है। वैसे नाक से खून निकलना ज्यादा गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन लगातार नाक से खून बहे, तो आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो जाना चाहिए। यह स्वास्थ्य से जुड़ी किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको नाक से खून निकलने के कारण, इसके इलाज और यह समस्या कब गंभीर हो सकती है, इसके बारे में बताएंगे।
नाक से खून आने के कारण जानने से पहले इसके प्रकार जान लेते हैं।
नाक से खून के प्रकार – Types of Nose Bleed in Hindi
नाक से खून बहने की समस्या को दो प्रकार में बांटा गया है। इन दोनों प्रकार के बारे में विस्तार से जानते हैं (1):
एंटीरियर (Anterior) : नाक से खून निकलने का यह सबसे सामान्य प्रकार है। इस दौरान नाक के अंदर की सतह की रक्त वाहिनियां (ब्लड वेसल्स) फटने के कारण नाक से खून बहने लगता है। इस ब्लड वेसल्स को किसेलबाक प्लेक्सस (Kiesselbach plexus) के नाम से जाना जाता है। इसे सामान्य भाषा में नकसीर फूटना भी कहते हैं।
पोस्टीरियर (Posterior) : यह बीमारी की वजह से होने वाली ब्लीडिंग होती है। इस दौरान नाक से खून काफी ज्यादा बहने लगता है। इस अवस्था में आपको नाक से खून आने के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
नाक से खून आने के कारण और घरेलू उपचार जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
नाक से खून आने के कारण – Causes of Nose Bleed in Hindi
नाक से खून आने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें एलर्जी और नाक में जलन से लेकर गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शामिल हैं। नीचे हम बात करेंगे नाक से खून आने के विभिन्न कारणों के बारे में (2)।
सर्दी, छींक या साइनस (Sinus) की समस्या के कारण नाक में होने वाली जलन
ठंडी या गर्म हवा
उच्च रक्तचाप
जोर लगाकर नाक साफ करना या खींचना
नाक में किसी कीड़े या वस्तु का फंसना
नाक में चोट लगना
साइनस या पिट्यूटरी ट्यूमर सर्जरी
डिविएट सेप्टम
विटामिन के की कमी
दवाओं का रासायनिक प्रभाव
नाक स्प्रे का ओवर डोज
नेसल कन्नुला (Nasal Cannulas) से ऑक्सीजन ट्रीटमेंट
नाक से खून आने के कारण जानने के बाद चलिए जानते हैं कि नाक से खून आने के इलाज में कौन-कौन से घरेलू तरीके अपनाए जा सकते हैं।
नाक से खून निकलना कम करने के लिए घरेलू उपाय
1. कोल्ड कंप्रेस
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सामग्री :
कुछ बर्फ के टुकड़े
एक मुलायम तौलिया
उपयोग का तरीका :
तौलिये में बर्फ के टुकड़े लपेटें और इसे नाक पर रखें।
बीच-बीच में तौलिये से नाक को हल्का-हल्का दबाएं।
4-5 मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें।
कैसे है लाभदायक :
बर्फ की ठंडक रक्तस्राव को कम कर देती है, जिससे ब्लीडिंग रुक जाती है (3) (4)।
2. सेब का सिरका
सामग्री :
2 चम्मच सेब का सिरका
एक गिलास पानी
उपयोग का तरीका :
सिरके को पानी में डालें।
अच्छे से हिलाकर इसे पी लें।
कैसे है लाभदायक :
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि नाक से खून निकलने का कारण रक्तचाप बढ़ना भी है। वहीं, सेब का सिरका ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है (5)। यहां बता दें कि इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है, इसलिए इसे प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
3. केयेन पेपर (Cayenne Pepper)
सामग्री :
1 चम्मच केयेन पेपर
एक गिलास गर्म पानी
उपयोग का तरीका :
पानी में कैयेन पेपर डालकर मिक्स करें।
अब इस पानी को पी जाएं।
कैसे है लाभदायक :
अगर आपके नाक से खून ब्लड प्रेशर के बढ़ने से आ रहा है, तो केयेन पेपर आपकी मदद कर सकता है। ये रक्त रक्त वाहिकाओ��� को खोलकर रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे रक्तचाप कम होता है (6)।
4. बिच्छू बूटी (Nettle Leaf)
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सामग्री :
1 चम्मच बिच्छू बूटी की पत्तियां
1 कप गर्म पानी
रुई
उपयोग का तरीका :
गर्म पानी में बिच्छू बूटी की पत्तियां डालें।
जब पानी ठंडा हो जाए, तो इसमें रुई डुबोएं और इसे नाक पर रखें।
ब्लीडिंग न रुकने तक रुई को नाक पर ही रखा रहने दें।
कैसे है लाभदायक :
यह हर्बल उपचार नाक से बहते खून को रोक सकता है। दरअसल, इसमें प्राकृतिक एस्ट्रिंजेंट गुण होते हैं, जो रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ते और रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं। इसलिए, ब्लीडिंग को रोकने में इसे सहायक माना जाता है (7)। हालांकि, इसको लेकर अभी शोध की जरूरत है।
5. ह्यूमिडफायर (Humidifier)
सामग्री :
ह्यूमिडफायर उपकरण
उपयोग का उपयोग का तरीका :
शुष्क हवा को नरम करने के लिए ह्यूमिडफायर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
अक्सर शुष्क हवा की वजह से भी नाक से खून निकल सकता है। इसलिए, ह्यूमिडफायर की मदद से आसपास की रूखी हवा को नम कर नकसीर को रोका जा सकता है (8) (9)।
6. एसेंशियल ऑयल
सामग्री :
लैवेंडर तेल की 2-3 बूंदें
एक कप पानी
बर्फ
तौलिया
उपयोग का तरीका :
पानी में तेल की बूंदें डालें।
इस मिश्रण में पेपर टॉवल या कोई अन्य तौलिया डुबोएं।
पानी निचोड़कर तौलिये में बर्फ के टुकड़े लपेटें और नाक पर रखें।
धीरे-धीरे इससे नाक को दबाएं।
कैसे है लाभदायक :
लैवेंडर तेल में एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिस कारण यह तेल नाक से खून रोकने में सहायक साबित हो सकता है (10)।
7. प्याज
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सामग्री :
प्याज के रस की कुछ बुंदें या कटा हुआ एक टुकड़ा
रुई
उपयोग का तरीका :
प्याज को पीसकर उसका रस निचोड़ लें।
रस में रुई को डुबोकर इसे नाक पर 3-4 मिनट के लिए रखें।
आप नाक के पास एक प्याज का टुकड़ा रखकर इसकी गंध भी ले सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
प्याज का इस्तेमाल बंद नाक को खोलने, बहती नाक को ठीक करने और ब्लड प्रेशर को कम करने में किया जाता है (11)। इसी तरह प्याज को नाक से बहते खून को रोकने के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है, क्योंकि यह आपके शरीर की गर्मी को सोखने के साथ ही नाक से बहते खून को भी रोक सकता है (12)।
8. स्लाइन स्प्रे (Saline Spray)
सामग्री :
1/2 चम्मच नमक
1/2 चम्मच बेकिंग सोडा
डेढ़ कप पानी
एक सिरिंज
उपयोग का तरीका :
पानी में नमक और बेकिंग सोडा मिलाएं।
सिरिंज की मदद से इस पानी को एक नासिका में डालें और दूसरी नासिका को बंद रखें।
इसके बाद अपने सिर को आगे की तरफ झुकाएं और सारा पानी बाहर निकाल दें।
इसे एक से दो बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
स्लाइन स्प्रे संक्रमणों को दूर करने में मदद करता है। साथ ही यह नाक की नली में आने वाले खून को शरीर में वापस भेजने में मदद करता है (8) (13)।
9. विटामिन
सामग्री :
विटामिन ई कैप्सूल
उपयोग का तरीका :
कैप्सूल काटकर तेल को एक छोटे कटोरे में डालें।
इस तेल को अपनी नासिका में लगाएं।
इसे रात भर लगा रहने दें।
जब तक नाक ड्राई लगे, तब तक इसे लगाते रहें।
कैसे है लाभदायक :
मौसम के शुष्क होने की वजह से भी आपके नाक से खून बहने लगता है। ऐसे में आप विटामिन ई तेल की मदद से नाक की झिल्ली को मॉइस्चराइज कर सकते हैं। विटामिन ई में हाइड्रेट गुण मौजूद होता है (14)। जब नाक में नमी बनी रहेगी, तो नकसीर का खतरा कम होता है (15)।
10. गोल्डन सील (Goldenseal)
सामग्री :
गोल्डनसील के कुछ पत्ते
एक कप गर्म पानी
उपयोग का तरीका :
गर्म पानी में पत्तियों को डुबोकर हर्बल चाय तैयार करें।
4-5 मिनट के लिए इस चाय की भाप लें।
कैसे है लाभदायक :
इस जड़ी-बूटी की मदद से हेमोरेजिक डिसऑर्डर जैसे रक्तस्राव विकारों का इलाज किया जा सकता है। इसमें रोगाणुरोधी (एंटीमाइक्रोबियल), एस्ट्रिंजेंट और हेमोस्टैटिक (रक्तस्राव को रोकना) गुण होते हैं। इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम की दवा व स्प्रे बनाने के लिए भी किया जाता है। इसलिए, माना जाता है कि यह नकसीर को रोकने में भी मदद कर सकती है (16)।
11. विच हैजल
सामग्री :
विच हैजल के रस की कुछ बूंदें
रुई
उपयोग का तरीका :
विच हेजल के रस में रुई को भिगोएं और इसे नाक पर रखें।
कुछ मिनट बाद रुई को हटा दें।
आवश्यकता पड़ने पर इसका दोबारा इस्तेमाल करें।
कैसे है लाभदायक :
विच हेजल एक पौधा है, जिसकी पत्ती, छाल और टहनियों का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद एस्ट्रिंजेंट केमिकल रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता और रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है (17)।
12. तुलसी
Shutterstock
सामग्री :
तुलसी के रस की कुछ बूंदें
उपयोग का तरीका :
तुलसी के रस को खून निकलने वाले नाक के छेद में डालें।
इसके अलावा, आप तुलसी की पत्तियों को चबा भी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
तुलसी का इस्तेमाल लंबे समय से आयुर्वेद में होता आया है। इसमें शरीर को सर्दी-जुकाम से बचाने के गुण हैं। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो घाव को भरने में मदद करते हैं (18)। इसलिए, इसका इस्तेमाल नाक से बहते खून को रोकने के लिए किया जाता है (19)
नाक से बहते खून को रोकने के लिए घरेलू उपाय जानने के बाद अब हम कुछ अन्य नुस्खों की बात कर लेते हैं।
नाक से खून निकलने से बचने के उपाय – Prevention Tips for Nose Bleed in Hindi
नाक से खून निकलने को कुछ आसान तरीकों से रोका जा सकता है। इस दौरान आपको बिना हड़बड़ाए इन झटपट तरीकों को अपनाने की जरूरत है। जानें, क्या हैं ये तरीके (2) (20) :
अगर आप सीधी मुद्रा में बैठते हैं, तो नाक से बहते खून को रोका जा सकता है।
हल्का आगे झुककर मुंह से सांस लेने के बजाय नाक से सांस लें। इससे भी नाक से बहते खून को रोका जा सकता है।
नाक को अंगूठे और उंगली की मदद से करीब 10 मिनट तक हल्का दबाकर रखें। इससे रक्त प्रवाह कम होगा और रक्तस्राव रुक जाएगा।
वैसलीन को दिन में दो बार नाक के दोनों हिस्सों में अच्छे से लगा लें। खासकर, इसे रात में लगाना फायदेमंद होता है।
अगर किसी वजह से आपके नाक से खून बहने लगे, तो आप घबराएं नहीं, बल्कि धैर्यपूर्वक इस लेख में दिए गए घरेलू उपायों और टिप्स को अपनाएं। अगर इन घरेलू उपायों के बाद भी खून नहीं रुकता, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। अपने सुझाव और सवाल के लिए आप हमसे कमेंट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं। आइए, चलते-चलते कुछ पाठकों के सवालों के जवाब भी जान लेते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
नाक से खून बहने के दुष्प्रभाव
नाक से खून बहने के दुष्प्रभाव ये हो सकते हैं-
जी मिचलाना
सांस की नली में बाधा उत्पन्न होना।
नाक से निकला खून गले में पहुंचकर पेट में जलन पैदा कर सकता है।
क्या गर्भावस्था में नाक से खून आना आम है?
जी हां, प्रेगनेंसी में नाक से खून आना आम है। गर्भावस्था के दौरान, श्वास नलिका (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट) में ज्यादा खून आने लगता है, जिससे नाक में भारीपन का एहसास होता है। इस खून के जमा होने के कारण गर्भवतियों के नाक से खून बहने लग सकता है। इसके अलावा, नाक में रक्त की मात्रा बढ़ने से नाक की छोटी रक्त वाहिकाएं को नुकसान होता है। इस कारण से भी नाक से खून बहने लगता है (21)।
किस वजह से अचानक वयस्कों के नाक से खून आता है?
रक्त वाहिकाएं को नुकसान पहुंचने की वजह से खून आता है। यह समस्या 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों और छोटे बच्चों में अधिक पाई जाती है (22)। मौसम का ज्यादा ठंडा या गर्म होना भी नाक से खून आने (नकसीर) का कारण बन सकता है (2)।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/naak-se-khoon-anne-ke-karan-aur-gharelu-upchar-in-hindi/
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सिर्फ जंक फूड छोड़कर फातिमा ने किए 28 किलो कम
जिन लोगों का वजन बहुत अधिक होता है उन्हें पता होता है कि वजन बढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता, लेकिन उसे घटाने में सबसे अधिक मेहनत और लगन की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी के बाद वजन को कम कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है, क्योंकि गर्भावस्था के बाद लाइफ बहुत व्यस्त हो जाती है और साथ में वर्कआउट करना आसान नहीं होता। कुछ ऐसा ही फातिमा के साथ था, प्रेगनेंसी के बाद फातिमा का वजन बहुत बढ़ गया था। अधिक वजन की वजह से उन्हें थायराइड की भी समस्या शुरू हो गयी थी।
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आइए आगे जानते हैं फातिमा की वेट लॉस यात्रा के बारें में:
आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?
गर्भावस्था के बाद मैं पहले से ही अपने अत्यधिक वजन के साथ लड़ रही थी और फिर मुझे थायरॉइड के बारें में पता चला, जिसकी वजह से मैं और ज्यादा तनाव में आ गयी। थाइरॉइड की वजह से मेरा वजन और बढ़ता चला जा रहा था। इतने मोटापे की वजह से मुझे खुद को पहचान पाना मुश्किल होता था। तब मैंने महसूस किया कि अब वो समय आ गया है जब मुझे अपना वजन कम कर लेना चाहिए। अगर अब वजन कम नहीं किया तो शरीर बिमारियों का घर बन जायेगा। इस लिए मैंने वजन कम करने का फैसला लिया।
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आप क्या खाती थी?
मेरा नाश्ता – मुझे म्यूसली दूध में डालकर खाना बेहद अच्छा लगता था और इसमें मैं कई फलों को भी शामिल करती थी। कुछ दिनों तक, मैं पोहा, उपमा और वर्मिसिली (vermicelli) बनाकर खाती रही, जो की बेहद स्वस्थ होते हैं और जिन्हें पचाना आसान होता है।
मेरा दोपहर का खाना – मेरे लिए हैल्थी लंच बेहद जरूरी है। मैं दोपहर में ब्राउन राइस और मल्टीग्रेन आटे से बनी चीजें खाने लगी थी। मैं रोजाना एक कटोरी दाल खाती थी और अपनी सब्जियां नारियल तेल में बनाती थी। पाचन क्रिया को सही रखने के लिए, मैं तिल या अलसी के बीज से बना रायता खाती थी। (और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
मेरा रात का खाना – रात का खाना आमतौर पर हल्का होता था, मैं रात में रोटी कम खाती थी। रात में आमतौर पर मैं उबले अंडे या ग्रिल फिश के साथ सलाद खाती थी।
चीट डेस के समय – जब मैं डाइट पर नहीं होती थी, मैं भरवां पराठा या कोई भी मांसाहारी सब्जी खाया क��ती थी।
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क्या आप वर्कआउट करती थीं?
मैं रोजाना योग, कार्डियो और वेट ट्रेनिंग किया करती थी। इससे मेरा वजन तेजी से कम होता था और साथ ही इसकी वजह से मैं स्वस्थ भी रहती थी।
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आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?
जब भी मेरा आत्म-विश्वास डगमगाता था, मैं शीशे में खुद को देखती थी। अपने में आए बदलाव देखने के बाद खुद से यही बोलती थी कि मैं अपने लक्ष्य के इतना पास आ चुकी हूं। अब मुझे हार नहीं माननी है। इस तरह में खुद को प्रेरित करती थी।
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आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?
पुरानी फोटो को देखकर मुझे आगे बढ़ते रहने में मदद मिलती थी। साथ ही मेरा 15 महीने का एक बच्चा है जो मुझे सारा दिन यहां से वहां भगाता रहता है। इस कारण भी मैं फिट रह पाती हूं।
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अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?
अत्यधिक वजन के कारण मैं बहुत आलसी हो गयी थी और मेरे लिए चलना-फिरना भी मुश्किल हो रहा था। थोड़ा सा पैदल चलकर हांफने लगाती थी। इस कारणवश मैं अपने बच्चे के साथ खेल भी नहीं पाती थी। ऐसे में मुझे बेहद बुरा महसूस होता था।
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आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?
अब तो मुझे आराम करना जरा भी पसंद नहीं है। मैं अपने बच्चे की खातिर हमेशा स्वस्थ और फिट रहना चाहती हूं।
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जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या क्या किया?
अपनी दिनचर्या में मैंने नियमित व्यायाम को शामिल किया। साथ ही, मैंने जंक फूड और बाहर का खाना बिल्कुल छोड़ दिया था। मैं केवल घर का बना स्वस्थ खाना ही खाती थी।
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आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?
थयरॉइड मेरा बहुत ज्यादा बढ़ चूका था, जिसकी वजह से मैं तनाव में रहने लगी थी और मोटापे की वजह से मेरी पर्सनालिटी भी खराब हो रही थी।
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वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?
वेट लॉस से अब मेरा आत्म-विश्वास पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ा है। अब मैं जीवन में अपने लक्ष्यों के प्रति अधिक समर्पित और केंद्रित हुई हूं।
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आशा करते हैं कि आपको फातिमा के बारे में पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी। अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करें।
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