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PAK vs NZ: नवाज ने डेरिल मिचेल को किया क्लीन बोल्ड, हिल भी नहीं पाया बल्लेबाज, देखें
PAK vs NZ: नवाज ने डेरिल मिचेल को किया क्लीन बोल्ड, हिल भी नहीं पाया बल्लेबाज, देखें
पाक बनाम न्यूजीलैंड: पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच कराची में पहला वनडे खेला जा रहा है. इस मैच में पाकिस्तान के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने एक कमाल की गेंद फेंकी जिस पर डेरिल मिचेल क्लीन बोल्ड हो गए। उनके आउट होने के बाद बल्लेबाज की प्रतिक्रिया देखने लायक थी क्योंकि बल्लेबाज समझ ही नहीं पा रहा था कि गेंद स्टंप पर कैसे लगी। दरअसल, पाकिस्तान के लिए पारी का 27वां ओवर मोहम्मद नवाज लेकर आए। उन्होंने इस ओवर…
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studycarewithgsbrar · 2 years
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'ध्यान साध शान, जो भी दोषी पाया जाता है ...': पंजाब के सीएम मान की चंडीगढ़ वीडियो पंक्ति पर प्रतिक्रिया
‘ध्यान साध शान, जो भी दोषी पाया जाता है …’: पंजाब के सीएम मान की चंडीगढ़ वीडियो पंक्ति पर प्रतिक्रिया
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को “अफवाहों” का हवाला देते हुए चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में घटना की जांच के आदेश दिए कि एक छात्र ने कई छात्राओं के कुछ आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किए हैं। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. मान ने पंजाबी में एक ट्वीट में कहा, “चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में सुनकर दुख हुआ … हमारी बेटियां हमारी सम्मान हैं…
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भोजपुरी डांस वीडियो: 'पिया जी की मुस्कान' पर आम्रपाली दुबे
भोजपुरी डांस वीडियो: ‘पिया जी की मुस्कान’ पर आम्रपाली दुबे
भोजपुरी नृत्य वीडियो: भोजपुरी इंडस्ट्री में अपना जलवा बिखेरने वाली आम्रपाली दुबे आज एक बड़ा चेहरा हैं. आम्रपाली दुबे का नाम इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस की लिस्ट में शामिल है. आम्रपाली दुबे अपनी खूबसूरती और जिंदादिल एक्टिंग के चलते हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं. वहीं एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर अपनी फोटो और वीडियो शेयर कर अपने फैंस का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं. हाल ही में आम्रपाली का एक…
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newsdaliy · 2 years
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फैटी लीवर रोग और टाइप 2 मधुमेह के बीच जैव रासायनिक लिंक पाया गया
फैटी लीवर रोग और टाइप 2 मधुमेह के बीच जैव रासायनिक लिंक पाया गया
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मंडी के शोधकर्ताओं ने गैर-मादक वसायुक्त यकृत रोग (NAFLD) और टाइप 2 मधुमेह के बीच एक जैव रासायनिक लिंक की खोज की है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मंडी के शोधकर्ताओं ने गैर-मादक वसायुक्त यकृत रोग (NAFLD) और टाइप 2 मधुमेह के बीच एक जैव रासायनिक लिंक की खोज की है। अधिकारियों के अनुसार, के निष्कर्ष अनुसंधान जर्नल में प्रकाशित मधुमेह फैटी लीवर-प्रेरित मधुमेह…
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dailyhantnews · 2 years
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एनएफएल डॉल्फ़िन जांच में छेड़छाड़ का उल्लंघन पाया गया, जुर्माना...
एनएफएल डॉल्फ़िन जांच में छेड़छाड़ का उल्लंघन पाया गया, जुर्माना…
मियामी डॉल्फ़िन के मालिक और रियल एस्टेट डेवलपर स्टीफ़न रॉस पर $1.5 मिलियन का जुर्माना लगाया गया है और एनएफएल को छिपाने की नीतियों का उल्लंघन करने के लिए 17 अक्टूबर को सजा सुनाई गई है। लीग ने मंगलवार को कहा कि टीम को तब तक के कार्यक्रमों और संचालन में भाग लेने से निलंबित कर दिया गया है। डॉल्फ़िन 2023 के मसौदे में टीम के पहले दौर की पिक और 2024 के मसौदे में तीसरे दौर की पिक को भी खो देंगे। दंड एक…
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shivaom99 · 1 year
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BEAUTIFUL story of GRACE from MAHADEVA SHAMBHO PARVATI MAA from @lordofayodhya • भागवती सती भगवान शिव से उनकी समाधि खुलने के। आस अपने पिता दक्ष के घर जाने की आज्ञा माँगतीहुई. भागवान शिव उन्हें समझाते हुए कि बिना बुलाए कहीं नहीं जाना चाहिये। RamCharitManas Day#39 Baal Kand #arteruasia #digitalart #ramcharitmanas#lordofayodhya Doha #59,60 नित नव सोचु सतीं उर भारा। कब जैहउँ दुख सागर पारा।। मैं जो कीन्ह रघुपति अपमाना। पुनिपति बचनु मृषा करि जाना।। सो फलु मोहि बिधाताँ दीन्हा। जो कछु उचित रहा सोइ कीन्हा।। अब बिधि अस बूझिअ नहि तोही। संकर बिमुख जिआवसि मोही।। कहि न जाई कछु हृदय गलानी। मन महुँ रामाहि सुमिर सयानी।। जौ प्रभु दीनदयालु कहावा। आरती हरन बेद जसु गावा।। तौ मैं बिनय करउँ कर जोरी। छूटउ बेगि देह यह मोरी।। जौं मोरे सिव चरन सनेहू। मन क्रम बचन सत्य ब्रतु एहू।। दो0- तौ सबदरसी सुनिअ प्रभु करउ सो बेगि उपाइ। होइ मरनु जेही बिनहिं श्रम दुसह बिपत्ति बिहाइ।।59।। सो0-जलु पय सरिस बिकाइ देखहु प्रीति कि रीति भलि। बिलग होइ रसु जाइ कपट खटाई परत पुनि।।57ख।। –*–*– एहि बिधि दुखित प्रजेसकुमारी। अकथनीय दारुन दुखु भारी।। बीतें संबत सहस सतासी। तजी समाधि संभु अबिनासी।। राम नाम सिव सुमिरन लागे। जानेउ सतीं जगतपति जागे।। जाइ संभु पद बंदनु कीन्ही। सनमुख संकर आसनु दीन्हा।। लगे कहन हरिकथा रसाला। दच्छ प्रजेस भए तेहि काला।। देखा बिधि बिचारि सब लायक। दच्छहि कीन्ह प्रजापति नायक।। बड़ अधिकार दच्छ जब पावा। अति अभिमानु हृदयँ तब आवा।। नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं। प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं।। दो0- दच्छ लिए मुनि बोलि सब करन लगे बड़ जाग। नेवते सादर सकल सुर जे पावत मख भाग।।60।। P.S: Apologies if there are any errors of mind or understanding. . . . Follow @LordofAyodhya for art related to Shree Ram and Ramcharit manas Follow @arteurasia for more diverse art. . . #sitaram #ram #bhakti #ayodhya #sabkeshreeram #imagination #creativity #wonder #art #digitalart #aiart #digitalartist #lordofayodhya #bharat #uttarpradesh #india #ramcharitmanas #arteurasia https://www.instagram.com/p/Col9EJdOJ4t/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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jayshriram2947 · 2 years
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पय अहार फल खाई जपु, राम नाम षट मास
सकल सुमंगल सिद्धि सब, करतल तुलसीदास
- छे महीने तक केवल दूध या फलाहार करके रामनाम का जप करो. तुलसीदास कहते हैं की, ऐसा करनेसे सबप्रकारसे कल्याण होकर सब सिद्धि प्राप्त होती है
जय श्री राम🏹🚩🙏
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amardwivedisworld · 6 months
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जड़ चेतन गुन दोष मय बिस्व कीन्ह करतार।
संत हंस गुन गहहिं पय परिहरि बारि बिकार॥६॥
~ बालकाण्ड, श्रीरामचरितमानस 
जय श्री राम
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swarn005 · 7 months
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श्रीमन्मानतुङ्गाचार्य कृत ‘भक्तामरस्तोत्र’ Bhaktamar Stotra
श्री आदिनाथाय नमः
भक्तामरस्तोत्रम्
कालजयी महाकाव्य श्रीमन्मानतुङ्गाचार्य-विरचितम्
भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा- मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् । सम्यक्-प्रणम्य जिन प-पाद-युगं युगादा- वालम्बनं भव-जले पततां जनानाम् ॥1॥
य: संस्तुत: सकल-वां मय-तत्त्व-बोधा- दुद्भूत-बुद्धि-पटुभि: सुर-लोक-नाथै: । स्तोत्रैर्जगत्-त्रितय-चित्त-हरैरुदारै:, स्तोष्ये किलाहमपि तं प्रथमं जिनेन्द्रम् ॥2॥
बुद्ध्या विनापि विबुधार्चित-पाद-पीठ! स्तोतुं समुद्यत-मतिर्विगत-त्रपोऽहम् । बालं विहाय जल-संस्थित-मिन्दु-बिम्ब- मन्य: क इच्छति जन: सहसा ग्रहीतुम् ॥3॥
वक्तुं गुणान्गुण-समुद्र ! शशांक-कान्तान्, कस्ते क्षम: सुर-गुरु-प्रतिमोऽपि बुद्ध्या । कल्पान्त-काल-पवनोद्धत-नक्र-चक्रं , को वा तरीतुमलमम्बुनिधिं भुजाभ्याम् ॥4॥
सोऽहं तथापि तव भक्ति-वशान्मुनीश! कर्तुं स्तवं विगत-शक्ति-रपि प्रवृत्त: । प्रीत्यात्म-वीर्य-मविचार्य मृगी मृगेन्द्रम् नाभ्येति किं निज-शिशो: परिपालनार्थम् ॥5॥
अल्प-श्रुतं श्रुतवतां परिहास-धाम, त्वद्-भक्तिरेव मुखरी-कुरुते बलान्माम् । यत्कोकिल: किल मधौ मधुरं विरौति, तच्चाम्र-चारु-कलिका-निकरैक-हेतु: ॥6॥
त्वत्संस्तवेन भव-सन्तति-सन्निबद्धं, पापं क्षणात्क्षयमुपैति शरीरभाजाम् । आक्रान्त-लोक-मलि-नील-मशेष-माशु, सूर्यांशु-भिन्न-मिव शार्वर-मन्धकारम् ॥7॥
मत्वेति नाथ! तव संस्तवनं मयेद,- मारभ्यते तनु-धियापि तव प्रभावात् । चेतो हरिष्यति सतां नलिनी-दलेषु, मुक्ता-फल-द्युति-मुपैति ननूद-बिन्दु: ॥8॥
आस्तां तव स्तवन-मस्त-समस्त-दोषं, त्वत्संकथाऽपि जगतां दुरितानि हन्ति । दूरे सहस्रकिरण: कुरुते प्रभैव, पद्माकरेषु जलजानि विकासभांजि ॥9॥
नात्यद्-भुतं भुवन-भूषण ! भूूत-नाथ! भूतैर्गुणैर्भुवि भवन्त-मभिष्टुवन्त: । तुल्या भवन्ति भवतो ननु तेन किं वा भूत्याश्रितं य इह नात्मसमं करोति ॥10॥
दृष्ट्वा भवन्त मनिमेष-विलोकनीयं, नान्यत्र-तोष-मुपयाति जनस्य चक्षु: । पीत्वा पय: शशिकर-द्युति-दुग्ध-सिन्धो:, क्षारं जलं जलनिधेरसितुं क इच्छेत्?॥11॥
यै: शान्त-राग-रुचिभि: परमाणुभिस्-त्वं, निर्मापितस्-त्रि-भुवनैक-ललाम-भूत ! तावन्त एव खलु तेऽप्यणव: पृथिव्यां, यत्ते समान-मपरं न हि रूप-मस्ति ॥12॥
वक्त्रं क्व ते सुर-नरोरग-नेत्र-हारि, नि:शेष-निर्जित-जगत्त्रितयोपमानम् । बिम्बं कलंक-मलिनं क्व निशाकरस्य, यद्वासरे भवति पाण्डुपलाश-कल्पम् ॥13॥
सम्पूर्ण-मण्डल-शशांक-कला-कलाप- शुभ्रा गुणास्-त्रि-भुवनं तव लंघयन्ति । ये संश्रितास्-त्रि-जगदीश्वरनाथ-मेकं, कस्तान् निवारयति संचरतो यथेष्टम् ॥14॥
चित्रं-किमत्र यदि ते त्रिदशांग-नाभिर्- नीतं मनागपि मनो न विकार-मार्गम् । कल्पान्त-काल-मरुता चलिताचलेन, किं मन्दराद्रिशिखरं चलितं कदाचित् ॥15॥
निर्धूम-वर्ति-रपवर्जित-तैल-पूर:, कृत्स्नं जगत्त्रय-मिदं प्रकटीकरोषि । गम्यो न जातु मरुतां चलिताचलानां, दीपोऽपरस्त्वमसि नाथ ! जगत्प्रकाश: ॥16॥
नास्तं कदाचिदुपयासि न राहुगम्य:, स्पष्टीकरोषि सहसा युगपज्-जगन्ति । नाम्भोधरोदर-निरुद्ध-महा-प्रभाव:, सूर्यातिशायि-महिमासि मुनीन्द्र! लोके ॥17॥
नित्योदयं दलित-मोह-महान्धकारं, गम्यं न राहु-वदनस्य न वारिदानाम् । विभ्राजते तव म���खाब्ज-मनल्पकान्ति, विद्योतयज्-जगदपूर्व-शशांक-बिम्बम् ॥18॥
किं शर्वरीषु शशिनाह्नि विवस्वता वा, युष्मन्मुखेन्दु-दलितेषु तम:सु नाथ! निष्पन्न-शालि-वन-शालिनी जीव-लोके, कार्यं कियज्जल-धरै-र्जल-भार-नमै्र: ॥19॥
ज्ञानं यथा त्वयि विभाति कृतावकाशं, नैवं तथा हरि-हरादिषु नायकेषु । तेजो महा मणिषु याति यथा महत्त्वं, नैवं तु काच-शकले किरणाकुलेऽपि ॥20॥
मन्ये वरं हरि-हरादय एव दृष्टा, दृष्टेषु येषु हृदयं त्वयि तोषमेति । किं वीक्षितेन भवता भुवि येन नान्य:, कश्चिन्मनो हरति नाथ ! भवान्तरेऽपि ॥21॥
स्त्रीणां शतानि शतशो जनयन्ति पुत्रान्, नान्या सुतं त्वदुपमं जननी प्रसूता । सर्वा दिशो दधति भानि सहस्र-रश्मिं, प्राच्येव दिग्जनयति स्फुरदंशु-जालम् ॥22॥
त्वामामनन्ति मुनय: परमं पुमांस- मादित्य-वर्ण-ममलं तमस: पुरस्तात् । त्वामेव सम्य-गुपलभ्य जयन्ति मृत्युं, नान्य: शिव: शिवपदस्य मुनीन्द्र! पन्था: ॥23॥
त्वा-मव्ययं विभु-मचिन्त्य-मसंख्य-माद्यं, ब्रह्माणमीश्वर-मनन्त-मनंग-केतुम् । योगीश्वरं विदित-योग-मनेक-मेकं, ज्ञान-स्वरूप-ममलं प्रवदन्ति सन्त: ॥24॥
बुद्धस्त्वमेव विबुधार्चित-बुद्धि-बोधात्, त्वं शंकरोऽसि भुवन-त्रय-शंकरत्वात् । धातासि धीर! शिव-मार्ग विधेर्विधानाद्, व्यक्तं त्वमेव भगवन् पुरुषोत्तमोऽसि ॥25॥
तुभ्यं नमस्-त्रिभुवनार्ति-हराय नाथ! तुभ्यं नम: क्षिति-तलामल-भूषणाय । तुभ्यं नमस्-त्रिजगत: परमेश्वराय, तुभ्यं नमो जिन! भवोदधि-शोषणाय ॥26॥
को विस्मयोऽत्र यदि नाम गुणै-रशेषैस्- त्वं संश्रितो निरवकाशतया मुनीश ! दोषै-रुपात्त-विविधाश्रय-जात-गर्वै:, स्वप्नान्तरेऽपि न कदाचिदपीक्षितोऽसि ॥27॥
उच्चै-रशोक-तरु-संश्रितमुन्मयूख- माभाति रूपममलं भवतो नितान्तम् । स्पष्टोल्लसत्-किरण-मस्त-तमो-वितानं, बिम्बं रवेरिव पयोधर-पाश्र्ववर्ति ॥28॥
सिंहासने मणि-मयूख-शिखा-विचित्रे, विभ्राजते तव वपु: कनकावदातम् । बिम्बं वियद्-विलस-दंशुलता-वितानं तुंगोदयाद्रि-शिरसीव सहस्र-रश्मे: ॥29॥
कुन्दावदात-चल-चामर-चारु-शोभं, विभ्राजते तव वपु: कलधौत-कान्तम् । उद्यच्छशांक-शुचिनिर्झर-वारि-धार- मुच्चैस्तटं सुरगिरेरिव शातकौम्भम् ॥30॥
छत्रत्रयं-तव-विभाति शशांककान्त, मुच्चैः स्थितं स्थगित भानुकर-प्रतापम् । मुक्ताफल-प्रकरजाल-विवृद्धशोभं, प्रख्यापयत्त्रिजगतः परमेश्वरत्वम् ॥31॥
गम्भीर-तार-रव-पूरित-दिग्विभागस्- त्रैलोक्य-लोक-शुभ-संगम-भूति-दक्ष: । सद्धर्म-राज-जय-घोषण-घोषक: सन्, खे दुन्दुभि-ध्र्वनति ते यशस: प्रवादी ॥32॥
मन्दार-सुन्दर-नमेरु-सुपारिजात- सन्तानकादि-कुसुमोत्कर-वृष्टि-रुद्घा । गन्धोद-बिन्दु-शुभ-मन्द-मरुत्प्रपाता, दिव्या दिव: पतति ते वचसां ततिर्वा ॥33॥
शुम्भत्-प्रभा-वलय-भूरि-विभा-विभोस्ते, लोक-त्रये-द्युतिमतां द्युति-माक्षिपन्ती । प्रोद्यद्-दिवाकर-निरन्तर-भूरि-संख्या, दीप्त्या जयत्यपि निशामपि सोमसौम्याम् ॥34॥
स्वर्गापवर्ग-गम-मार्ग-विमार्गणेष्ट:, सद्धर्म-तत्त्व-कथनैक-पटुस्-त्रिलोक्या: । दिव्य-ध्वनि-र्भवति ते विशदार्थ-सर्व- भाषास्वभाव-परिणाम-गुणै: प्रयोज्य: ॥35॥
उन्निद्र-हेम-नव-पंकज-पुंज-कान्ती, पर्युल्-लसन्-नख-मयूख-शिखाभिरामौ। पादौ पदानि तव यत्र जिनेन्द्र ! धत्त:, पद्मानि तत्र विबुधा: परिकल्पयन्ति ॥36॥
॥ अन्तरंग-बहिरंग लक्ष्मी के स्वामी मंत्र॥ इत्थं यथा तव विभूति-रभूज्-जिनेन्द्र्र ! धर्मोपदेशन-विधौ न तथा परस्य। यादृक्-प्र्रभा दिनकृत: प्रहतान्धकारा, तादृक्-कुतो ग्रहगणस्य विकासिनोऽपि ॥37॥
॥ हस्ती भय निवारण मंत्र ॥ श्च्यो-तन्-मदाविल-विलोल-कपोल-मूल, मत्त-भ्रमद्-भ्रमर-नाद-विवृद्ध-कोपम्। ऐरावताभमिभ-मुद्धत-मापतन्तं दृष्ट्वा भयं भवति नो भवदाश्रितानाम् ॥38॥
॥ सिंह-भय-विदूरण मंत्र ॥ भिन्नेभ-कुम्भ-गल-दुज्ज्वल-शोणिताक्त, मुक्ता-फल-प्रकरभूषित-भूमि-भाग:। बद्ध-क्रम: क्रम-गतं हरिणाधिपोऽपि, नाक्रामति क्रम-युगाचल-संश्रितं ते ॥39॥
॥ अग्नि भय-शमन मंत्र ॥ कल्पान्त-काल-पवनोद्धत-वह्नि-कल्पं, दावानलं ज्वलित-मुज्ज्वल-मुत्स्फुलिंगम्। विश्वं जिघत्सुमिव सम्मुख-मापतन्तं, त्वन्नाम-कीर्तन-जलं शमयत्यशेषम् ॥40॥
॥ सर्प-भय-निवारण मंत्र ॥ रक्तेक्षणं समद-कोकिल-कण्ठ-नीलम्, क्रोधोद्धतं फणिन-मुत्फण-मापतन्तम्। आक्रामति क्रम-युगेण निरस्त-शंकस्- त्वन्नाम-नागदमनी हृदि यस्य पुंस: ॥41॥
॥ रण-रंगे-शत्रु पराजय मंत्र ॥ वल्गत्-तुरंग-गज-गर्जित-भीमनाद- माजौ बलं बलवता-मपि-भूपतीनाम्। उद्यद्-दिवाकर-मयूख-शिखापविद्धं त्वत्कीर्तनात्तम इवाशु भिदामुपैति: ॥42॥
॥ रणरंग विजय मंत्र ॥ कुन्ताग्र-भिन्न-गज-शोणित-वारिवाह, वेगावतार-तरणातुर-योध-भीमे। युद्धे जयं विजित-दुर्जय-जेय-पक्षास्- त्वत्पाद-पंकज-वनाश्रयिणो लभन्ते: ॥43॥
॥ समुद्र उल्लंघन मंत्र ॥ अम्भोनिधौ क्षुभित-भीषण-नक्र-चक्र- पाठीन-पीठ-भय-दोल्वण-वाडवाग्नौ। रंगत्तरंग-शिखर-स्थित-यान-पात्रास्- त्रासं विहाय भवत: स्मरणाद्-व्रजन्ति: ॥44॥
॥ रोग-उन्मूलन मंत्र ॥ उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्ना:, शोच्यां दशा-मुप���ताश्-च्युत-जीविताशा:। त्वत्पाद-पंकज-रजो-मृत-दिग्ध-देहा:, मत्र्या भवन्ति मकर-ध्वज-तुल्यरूपा: ॥45॥
॥ बन्धन मुक्ति मंत्र ॥ आपाद-कण्ठमुरु-शृंखल-वेष्टितांगा, गाढं-बृहन्-निगड-कोटि निघृष्ट-जंघा:। त्वन्-नाम-मन्त्र-मनिशं मनुजा: स्मरन्त:, सद्य: स्वयं विगत-बन्ध-भया भवन्ति: ॥46॥
॥ सकल भय विनाशन मंत्र ॥ मत्त-द्विपेन्द्र-मृग-राज-दवानलाहि- संग्राम-वारिधि-महोदर-बन्ध-नोत्थम्। तस्याशु नाश-मुपयाति भयं भियेव, यस्तावकं स्तव-मिमं मतिमानधीते: ॥47॥
॥ जिन-स्तुति-फल मंत्र ॥ स्तोत्र-स्रजं तव जिनेन्द्र गुणैर्निबद्धाम्, भक्त्या मया विविध-वर्ण-विचित्र-पुष्पाम्। धत्ते जनो य इह कण्ठ-गता-मजस्रं, तं मानतुंग-मवशा-समुपैति लक्ष्मी: ॥48॥ – आचार्य मानतुंग
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dotengine · 9 months
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तलाक के 2 साल बाद भी नहीं उबर पाया ये एक्टर
एक्स-वाइफ को रोमांस करता देख छोड़ी सीट, थियेटर से आया बाहर? #तलक #क #सल #बद #भ #नह #उबर #पय #य #एकटर
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IND vs SL: मावी से निपट नहीं पाया शिवम, ऐसे फंसा हसरंगा
IND vs SL: मावी से निपट नहीं पाया शिवम, ऐसे फंसा हसरंगा
नयी दिल्ली: भारत और श्रीलंका के बीच मंगलवार को खेले गए पहले टी20 मैच में डेब्यू करने वाले शिवम मावी ने अपनी शानदार गेंदबाजी से वाहवाही बटोरी। मैच के पहले ही ओवर में ही मावी ने पथुम निसंका को बोल्ड कर दिखा दिया कि आज वह कुछ बड़ा करने जा रहे हैं। इसके बाद अपने दूसरे ओवर में उन्होंने धनंजय डिसिल्वा को शिकार बनाया, लेकिन 10 ओवर के बाद जब वानिंदु हसरंगा ने तूफान मचाना शुरू किया तो टीम इंडिया की…
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nationalnewsindia · 1 year
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studycarewithgsbrar · 2 years
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सुबह क्यों पियें संतरे का जूस, जानिए इसके फायदे जानने के बाद आज ही अपनी डाइट में शामिल करें - Punjab News Latest Punjabi News Update आज
सुबह क्यों पियें संतरे का जूस, जानिए इसके फायदे जानने के बाद आज ही अपनी डाइट में शामिल करें – Punjab News Latest Punjabi News Update आज
आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ: एक गिलास संतरे का जूस सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। अगर रोजाना सुबह इसका सेवन किया जाए तो यह सेहत के लिए भी अच्छा होता है। एक गिलास संतरे के रस में कैलोरी, विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्व होते हैं। संतरे के रस के कई लाभों के बारे में और जानें। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करेंसंतरे का जूस हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से…
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भोजपुरी वीडियो: प्यार के लिए तरसती हैं श्वेता महारा, किया किया पिया जी को याद
भोजपुरी वीडियो: प्यार के लिए तरसती हैं श्वेता महारा, किया किया पिया जी को याद
भोजपुरी रोमांटिक वीडियो: श्वेता महारा का हालिया रिलीज गाना सोशल मीडिया पर बवाल मचा रहा है. इस गाने का टाइटल ‘तारस गेल राजा जी’ है, जो श्वेता महारा पर फिल्माया गया है। इस गाने में श्वेता महारा साड़ी पहनकर अपनी पिया जी की याद में खो जाती हैं। आपको बता दें कि इस गाने को यूट्यूब पर बार-बार देखा जा रहा है. आपको आगे बता दें कि इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि श्वेता महारा अपने डांस से जवानी की आग…
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newsdaliy · 2 years
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लगभग 35% यात्रियों ने अपने चेक-इन बैगेज को एक या अधिक बार क्षतिग्रस्त पाया, सर्वेक्षण कहता है
लगभग 35% यात्रियों ने अपने चेक-इन बैगेज को एक या अधिक बार क्षतिग्रस्त पाया, सर्वेक्षण कहता है
हवाई यात्रियों पर एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 4 में से 1 उड़ान भरने वाले ने या तो अपना सामान खो दिया या पिछले तीन वर्षों के दौरान इसे देरी से पाया; 35 प्रतिशत ने अपने चेक-इन बैगेज को एक या अधिक बार क्षतिग्रस्त पाया। देरी या क्षतिग्रस्त सामान के दृष्टिकोण से लोगों के सामूहिक अनुभव को समझने के लिए सामुदायिक मंच लोकलसर्किल द्वारा सर्वेक्षण किया गया है। जब उड़ान भरने वालों से यह सवाल पूछा गया:…
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dailyhantnews · 2 years
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डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सलाहकार स्टीव बैनन को अमेरिकी कांग्रेस की अवमानना ​​का दोषी पाया गया है
डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सलाहकार स्टीव बैनन को अमेरिकी कांग्रेस की अवमानना ​​का दोषी पाया गया है
इस मामले में दो दिन की गवाही हुई थी। अभियोजकों ने केवल दो गवाहों से जिरह की। बचाव पक्ष ने कुछ नहीं कहा। ट्रम्प के घेरे में दूसरों से गवाही और दस्तावेज सुरक्षित करने के प्रयास समिति की स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। ट्रम्प ने पिछले साल अपने सहयोगियों से समिति के साथ सहयोग नहीं करने के लिए कहा, उन पर उन्हें राजनीतिक रूप से चोट पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया, और उनमें से कई ने पैनल में शामिल…
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