🥁कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए। उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल पाए गए जो कबीर परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार दोनों धर्मों ने आपस में लेकर मगहर में 100 फुट के अंतर से एक-एक यादगार बनाई जो आज भी विद्यमान है। यह दोनों धर्मों हिंदुओं और मुसलमानों में आपसी भाईचारे व सद्भावना की एक मिसाल का प्रमाण है। गरीब, बिरसिंघ बघेला करै बीनती, बिजली खाँन पठाना हो। दो चदरि बकसीस करी है, दीना यौह प्रवांना हो।। #guru #amritsar #baba #shirdi #omsai #saibaba #satguru #sadhguru #spirituality #shiva #aamiriver #kashi #SantRampalJiMaharaj #SaintRampalJi #KabirIsGod #Kabir #GodKabir_NirvanaDiwas https://www.instagram.com/p/Cn-yYvOv4x8/?igshid=NGJjMDIxMWI=
जब कबीर परमात्मा मगहर से सशरीर सतलोक गए थे तब परमात्मा कबीर जी के शरीर को प्राप्त करने के लिए दोनों ही दीन, हिंदू और मुसलमान आपस में झगड़े की तैयारी करके मगहर आए थे। लेकिन जब शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल मिले तो दोनों आपस में लिपट लिपट कर रोने लगे।
In devotion to all the three virtues, forget the world.
Where is Kabir's name, how can I get across?
Kabir Parmeshwar ji used to say that one who worships the three gunas i.e. the three gods (Rajgun Brahma, Satgun Vishnu, Tamgun Shiva) does not attain salvation. Because they themselves are perishable, the evidence of which is on page 123 of Srimad Devi Bhagwat Purana and Markandeya Purana on page 123.
संत गरीबदास जी ने अपनी वाणी के द्वारा बताया है कि,
गरीब, जिस मंडल साधु नहीं,नदी नहीं गुंजार।
तज हंसा वह देसडा़, जम की मोटी मार।।
जिस क्षेत्र में सच्चा महात्मा, गुरुजन नहीं होते और नदी आसपास न बह रही हो, उस देश को तुरंत त्याग दें क्योंकि वहां काल की भयंकर प्रताड़ना है। इसलिए जब भी जिस आयु में सतगुरु मिल जाए, दीक्षा लेकर सतभक्ति शुरू कर देनी चाहिए।
कौन है परमात्मा, कैसा है, कैसे मिलता है, किसने देखा है, कहां रहता है? ऐसे अनेकों प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की Official App "Sant Rampalji Maharaj" Download करें Playstore से।
यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 में संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि परमेश्वर कबीर जी (कविर्देव) घोर से घोर पाप को भी समाप्त कर देता है।संत रामपाल जी महाराज ने सर्वप्रथम प्रमाण सहित बताया कि सच्चिदानंद घन ब्रह्म अर्थात पूर्ण परमात्मा को पाने का तीन मंत्र का जाप है। हमारे धर्म गुरुओं ने हमें आज तक यही बताया कि श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण ने दिया।
जबकि श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 8 मंत्र 13, अध्याय 11 मंत्र 32 से संत रामपाल जी ने स्पष्ट कर दिया कि गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया जिसका ओम मंत्र है। इसका प्रमाण यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 17 में भी है।
संत रामपाल जी महाराज जी ने देवीभागवत पुराण स्कन्ध 3 अध्याय 4-5 से प्रमाण सहित बताया कि इन तीनों भगवानों की जन्म मृत्यु होती है अर्थात ये अविनाशी नहीं हैं।🔮 संत रामपाल जी महाराज ने ही यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15 तथा अध्याय 5 मंत्र 1 को प्रमाण के साथ बताया कि
अग्ने: तनूर असि, विष्णवे त्वा सोमस्य तनूर असि
इस मंत्र में दो बार वेद गवाही दे रहा है कि वह सर्वव्यापक, सर्व का पालनहार परमात्मा सशरीर है, साकार है। जबकि अन्य धर्मगुरुओं ने परमात्मा को आज तक निराकार ही बताया है।
🎉संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव- धनाना, जिला- सोनीपत हरियाणा में एक किसान के घर जाट जाति में हुआ। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद हरियाणा के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष काम किया। इसके बाद सन् 1988 में संत रामदेवानंद जी महाराज से दिक्षा लेकर उनके बताए भक्ति मार्ग पर साधना की। सन् 1993 में सत्संग तथा 1994 में नाम दिक्षा करने की आज्ञा मिली।तब से लेकर आज तक संत रामपाल जी महाराज ने अपन��� नौकरी तथा अपने परिवार को छोड़कर मानव कल्याण के लिए सतभक्ति ज्ञान और परमात्मा की वास्तविक सतभक्ति बता रहे हैं।