Hanuman Jayanti 2024: हनुमान कोई साधारण बालक नहीं थे। कबीर सागर में वर्णित पूजनीय सर्वशक्तिमान कबीर जी की वाणी कहती है कि हनुमान भगवान शिव के 11 वें रुद्र अवतार थे। साधु रूप धरि शिव बन आये, जहँ अंजनी को मंडप छाये। छलकर बीज सीख तब डारी, ऐसे उपजे देह हमारी। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि पर रामभक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। राम नवमी के छः दिन बाद हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस साल यह 23 अप्रैल, दिन मंगलवार को मनाई जाएगी जिससे इसका महत्व भगवान हनुमान जी को ईष्ट मानकर पूजा करने वालों के लिए और अधिक बढ़ जाएगा। हनुमान जी को संकटमोचन भगवान भी कहा जाता है परंतु वास्तविकता में ख़ुद हनुमान जी को अयोध्या त्यागने के बाद मिले थे संकटमोचन पूर्ण परमात्मा! जानिए कैसे?
जानने के लिए पढ़ें: https://bit.ly/3EfMgKa
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महावीर स्वामी जी ने अपने प्रथम उपदेश में अहिंसा, करुणा और सत्य की शिक्षा दी। महावीर जी का जीवन भगवान की भक्ति में ही बीता परंतु उन्होंने कोई गुरु नहीं बनाया और बिना गुरु के जीवन सफल नहीं माना जाता । गुरु नहीं बनाए जाने और मनमुखी साधना करने के कारण ही उनका मोक्ष नहीं हुआ ऐसा कबीर भगवान ने सूक्ष्मवेद में बताया है । सभी महावीर स्वामी जी के वचनों पर चलने वाले साधकों से निवेदन कि सत्य भक्ति और मोक्ष मार्ग वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के पास है उनकी शरण में आए और अपने जीवन का कल्याण करवाएं
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जब ब्रह्मा जी ने वेदों को पढ़ा तो बह्मा जी माता दुर्गा जी से पूछते हैं कि हे माते वेद परमेश्वर कृत हैं, मैंने वेदों में पढ़ा है कि कोई और परम शक्ति है।
उस पूर्ण परमेश्वर की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा
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#jagatGuruRampal ji
समर्थ का शरणा गहो, रंग होरी हो।
कदै न हो अकाज, राम रंग होरी हो।।
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✝️हजरत ईसा जी में देव तथा पित्तर प्रवेश होकर बोलते थे
प्रमाण : बाईबल अध्याय 2 कुरिन्थियों 2ः12-17 पृष्ठ 259-260 में स्पष्ट लिखा है कि एक आत्मा नबी में प्रवेश करके बोल रही है
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हरि आये हरियाणे नूं*
ग्राम छुड़ानी, जिला झज्जर, हरियाणा में जन्मे संत गरीबदास जी को परमेश्वर कबीर साहिब जी जिंदा बाबा रूप में सतलोक से आकर विक्रमी संवत् 1784, सन् 1727 में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी को मिले थे। इसीलिए संत गरीबदास जी ने कहा है:
सर्व कला सतगुरु साहेब की, हरि आए हरियाणे नूँ।
उन्हीं परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी का अवतरण हरियाणा प्रांत में हुआ है, जिनके विषय में आदरणीय संत गरीबदास जी ने अपनी अमरवाणी में कहा है:
पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, क्यों फिरदा दाणें दाणें नूं।
सर्ब कला सतगुरु साहेब की हरि आए हरियाणे नूं।।
और उन्हीं संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में संत गरीबदास जी का बोध दिवस 19-20-21 मार्च को 10 सतलोक आश्रमों में मनाया जा रहा है।
इस उपलक्ष्य में देखिए विशेष कार्यक्रम 21 मार्च को सुबह 09:15 बजे Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर
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पवित्र कुरान शरीफ
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 58:- व तवक्कल् अलल् हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा(कबीरा)।58।
हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। वह कभी मरने वाला नहीं है अर्थात् वास्तव में अविनाशी है
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