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akmauryaay · 4 years
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तेरे बिन हे मइया कोई ना अपना है।🙏 महाष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं 🌺🌼 🙏राधे राधे (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CGtmP-JAkzyTYTauaAoqkEs9gAZAKZ6MqZlXbQ0/?igshid=1ezx1725ieqol
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akmauryaay · 4 years
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कहाँ हरि ! सोये हमरिहिं बार। पतित पुकार सुनत ही धावत, नेकु न लावत बार। कारण ��हित कृपालु सदा ते, जानत तोहिं संसार। कैसेहुँ पतित शरण टुक आये, राखत चरण मझार। पतितन ही सों प्यार करत नित, अस कह संत पुकार। पुनि अति पतित *‘कृपालु’* पेखि कत, उर निष्ठुरता धार।। *भावार्थ*- हे श्यामसुन्दर ! आज तक किसी भी पतित के आर्तनाद को सुनकर तुमने थोड़ी भी देर नहीं की, फिर आज हमारी ही बार कहाँ जाकर सो गये | सारा संसार तुम्हें बिना कारण के ही कृपा करने वाला अनादिकाल से जानता है | कैसा भी पतित तुम्हारी शरण में कभी आ जाय, उसे तुम सदा के लिए अपना बनाकर सर्वदा उसे अपने चरणों के पास ही रखते हो | रसिक जन पुकार-पुकार कर कहते हैं कि श्यामसुन्दर शरणागत पतितों से ही प्यार करते हैं | यदि यह सच है तो *‘श्री कृपालु जी’* कहते हैं कि फिर मुझे, अत्यन्त पतित जानकर भी, अपने हृदय को क्यों कठोर बना दिया है, मेरे ऊपर कृपा क्यों नहीं करते ? 🌹प्रेम रस मदिरा दैन्य-माधुरी🌹 जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज सर्वाधिकार सुरक्षित- राधा गोविन्द समिति #राधे_राधे 🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CGlqB5DggSV4z23DLxH5p8XGjKR6aGnLRlzm1Q0/?igshid=7ujc8es4pimm
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akmauryaay · 4 years
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मोहिं श्याम से मिलाय दे दुर्गे मां। मोहिं श्याम की बनाय दे दुर्गे मां। तोहिं चुनरी चढ़इहौं दुर्गे मां। तू ही सीता तू ही राधा तू ही दूर्गे मां। तेरी महिमा ना जाने विधि हरि हर मां। मैं हूं तेरा शिशु तू है मेरी दूर्गे मां। तूने सीता से मिलाया राम दूर्गे मां। तूने गोपी को मिलाया श्याम दूर्गे मां। मेरा श्याम से करा दे ब्याह दूर्गे मां। मेरी श्याम की बना दे जोड़ी दूर्गे मां। जीव ब्रह्म की बना दे जोड़ी दूर्गे मां। तेरी ऋणी मैं रहुंगी सदा दूर्गे मां। 🌹🌹ब्रज रस माधुरी🌹🌹 जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CGbsgRQAc0M_tiG1_nEckORap04W0otCuu_4i40/?igshid=1p9f3ndeyqe2p
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akmauryaay · 4 years
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चपल तोरि, चितवनि की बलि जाउँ। देखतहूँ नहिं देखत पुनि पुनि, देखन कहँ ललचाउँ। चुवत प्रेम-पीयूष निरंतर, पियत न नेकु अघाउँ। दृग सोइ श्रीपति के यद्यपि पै, तेहि लखि नहिं सुख पाउँ। मुखहूँ सोइ श्रीपति के पै नहिं, मृदु मुसकनि मन भाउँ। जब लौं मिलइ *‘कृपालु’* सिता क्यों ? तब लौं हौं गुड़ खाउँ।। *भावार्थ* - हे चपल श्यामसुन्दर ! मैं तुम्हारी मधुर विलोकनि पर बलिहार जाता हूँ | बार – बार देखने पर भी ऐसा प्रतीत होता है कि अभी नहीं देखा है क्योंकि देखने की पिपासा प्रतिक्षण बढ़ती जाती है | तुम्हारे नेत्रों से निरन्तर प्रेमामृत चूता रहता है, जिसे सदा पीने पर भी तृप्ति नहीं होती | यद्यपि तुम्हारे समान ही सुन्दर एवं निर्मल नेत्र भगवान् महाविष्णु के हैं किन्तु उन्हें देखकर ऐसा सुख नहीं मिलता | यद्यपि तुम्हारे ही मुख के समान महाविष्णु का भी मुख है किन्तु उनकी मधुर मुस्कान से मन मुग्ध नहीं होता | *‘श्री कृपालु जी’* कहते हैं कि दोनों एक तत्व होते हुए भी जब तक मिश्री मिलती है गुड़ खाने को जी नहीं करता | 🌹प्रेम रस मदिरा श्रीकृष्ण-माधुरी🌹 जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज सर्वाधिकार सुरक्षित - राधा गोविन्द समिति #राधे_राधे 🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CGWK8AGgAhTc-l0N9oxTzw72cKdLm7oE3aFirk0/?igshid=3qhppe6xmc4i
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akmauryaay · 4 years
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किशोरी मोरी, करहु कृपा की कोर। बहुविधि नाच नचावति स्वामिनि!, यह माया बरजोर। काम क्रोध अरु लोभ मोह मद, घेरे चहुँ दिशि चोर। जानतहूँ नहिं मानत ठानत, हठहिँ हठी मन मोर। सुत वित नारि पियारि लगति अति, यदपि कहावत तोर। ताते दै निज प्रेम *‘कृपालुहिं'*, हेरहु हमरिहुँ ओर।। *भावार्थ*:- हे किशोरी जी! मुझ पर कृपा दृष्टि करो। यह प्रबल माया मुझे अनेक प्रकार के नाच नचा रही है। काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह ये बड़े-बड़े शत्रु चारों ओर से घेरे हुए हैं। सब कुछ जानते हुए भी यह हठीला मन दुराग्रह के कारण नहीं मानता, संसार की ओर ही जाता है। यद्यपि मैं तुम्हारा कहलाता हूँ फिर भी धन, पुत्र, स्त्री आदि से प्यार करता हूँ। *‘श्री कृपालु जी’* कहते हैं इस��िए एक बार हमारी ओर भी देखकर, अपना विशुद्ध प्रेम देकर कृतार्थ करो। 🌹🌹प्रेम रस मदिरा:-दैन्य-माधुरी🌹🌹 #जगद्गुरु_श्री_कृपालु_जी_महाराज सर्वाधिकार सुरक्षित:-राधा गोविन्द समिति। #राधे_राधे 🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CGQ2FuzALsj4L24T13VVNgoMcokoGZC_yjToSM0/?igshid=1ubhji9ijnqvo
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akmauryaay · 4 years
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जय हो जय हो जय हो बरसाने वारी प्यारी शरण ‌शरण मैं तो शरण तिहारी तू तो है कृपा ‌की‌ मूरति सुकुमारी, मोको‌ तो है तेरा ‌ही भरोसा भारी प्यारी। तेरे तो हैं सब जन खरे खरे प्यारी, मोर खोटे की तो है तू ही इक प्यारी। पाछा नहीं छोड़ूं तेरा भानुदुलारी, प्यार करे चाहे मारे इच्छा तिहारी। नाम है *'कृपालु'* मेरा झूठे ही प्यारी, कृपा करि सांचो करो नाम सुकुमारी 🌺🌺ब्रज रस माधुरी 🌺🌺 जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज #राधे_राधे 🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CGO2Xdlg6stUkhxMJaWjhe8VNo-isc_zc5vsr00/?igshid=17rpk3l2i839
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akmauryaay · 4 years
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जय हो जय हो जय हो बरसाने वारी प्यारी शरण ‌शरण मैं तो शरण तिहारी तू तो है कृपा ‌की‌ मूरति सुकुमारी, मोको‌ तो है तेरा ‌ही भरोसा भारी प्यारी। तेरे तो हैं सब जन खरे खरे प्यारी, मोर खोटे की तो है तू ही इक प्यारी। पाछा नहीं छोड़ूं तेरा भानुदुलारी, प्यार करे चाहे मारे इच्छा तिहारी। नाम है *'कृपालु'* मेरा झूठे ही प्यारी, कृपा करि सांचो करो नाम सुकुमारी 🌺🌺ब्रज रस माधुरी 🌺🌺 जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज #राधे_राधे 🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CGO2Xdlg6stUkhxMJaWjhe8VNo-isc_zc5vsr00/?igshid=17rpk3l2i839
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akmauryaay · 4 years
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जाऊँ गुरु, चरण-कमल बलिहार। जिन चरनन की शरण गहत मन, पावत युगल बिहार। जिन चरनन को ध्यान धरत मन, मिटत जगत अँधियार। जिन चरनन अनुकम्पा जग महँ , रहत न रह संसार। जिन चरनन रज आँजी चराचर, दिखत नंदकुमार। यदपि *'कृपालु'* भेद नहीं हरि गुरु , तदपि गुरुहिं आभार।। *भावार्थ*- मैं सद्गुरु महाराज के चरण कमलों पर बलिहार जाता हूं। जिन चरणों की शरण ग्रहण करके मन श्यामा श्याम का रास विहार रस पाता है एवं उन चरणों की कृपा से ही अज्ञान अंधकार सदा को समाप्त हो जाता है। श्री गुरु चरणों का ध्यान करने से संसार से स्वाभाविक वैराग्य हो जाता है। उन चरणों की धूलि को श्रद्धा पूर्वक आंखों में लगाने से श्याम सुंदर का दिव्य दर्शन प्राप्त होता है। *'श्री कृपालु जी* कहते हैं कि गुरु एवं हरि में यद्यपि भेद नहीं है तथापि गुरु द्वारा ही हरि की प्राप्ति होने के कारण उनके प्रति विशेष आभार है। 🌹प्रेम रस मदिरा सद्गुरू माधुरी🌹 जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज #राधे_राधे 🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CGMacf3ASbPSbrsmzO83g-jIZvfkWzldgU4tBU0/?igshid=6otrfxfw0i72
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akmauryaay · 4 years
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कहा सखि ! कबहुँ न अइहैं श्याम | बनिहैं कहा निठुर पिय एतिक, सरल सुखद सुखधाम। कहा सुरति रति-रसहूँ, की सखि !, बिसरैहैं वसुयाम। कहा भूलि जैहैं प्रिय मनसुख, धनसुख, अरु श्रीदाम। कहा भुलैहैं नंद-यशोमति, अस परतीति न भाम! कहा *‘कृपालु’* सुरति बिसरैहैं, प्रानन प्रिय ब्रजधाम।। *भावार्थ* – *( श्यामसुन्दर के वियोग में वियोगिनी ब्रजांगनाओं का विलाप | )* अरी सखी ! क्या श्यामसुन्दर कभी नहीं आवेंगे ? क्या इतने सरल स्वभाव – वाले इतने कठोर बन जावेंगे ? अरी सखी ! क्या विलास की सुधि भी भूल जावेंगे | क्या धनसुख, मनसुख एवं श्रीदामादिक का प्यार भी भुला देंगे ? और क्या नन्द – यशोदा के वात्सल्य प्रेम को भी भूल जायेंगे ? ऐसा तो नहीं हो सकता | *‘श्री कृपालु जी’* कहते हैं – क्या प्राण से भी अधिक प्रिय ब्रजधाम की सुधि भी भुला देंगे ? नहीं ! नहीं ! ऐसा नहीं हो सकता | 🌹प्रेम रस मदिरा विरह-माधुरी🌹 जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज सर्वाधिकार सुरक्षित - राधा गोविन्द समिति #राधे_राधे 🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CGJj6K2gSfwzmjTxqKgqWPMK2rT4breggUN2gk0/?igshid=bmfezm1ls4k4
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akmauryaay · 4 years
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पिया! मोहिं कब ह्वै हौं दुखदाई? जेहि लगि कोटि-कलप तप करिके, कमलाहू नहिं पाई।। बोय बीज उर मधुर वेदना, सिंचिहौ दृग झरि लाई। दीरघ शवास-पवन विरहानल, रविकर लहि अँखुवाई।। येही विधि बढ़ि तरुवर-फल यह मिल, पलक कलप सम जाई। तब *'कृपालु'* विरहिणी जड़ जंगम, प्रियतम रूप लखाई।। *भावार्थ* - प्रेमिका कहती है की हे प्रियतम! तुम मुझे कब विरहिणी बनाकर मेरे लिए दुखदाई बनोगे। जिस गोपी-विरह के दुःख को करोड़ो कल्पों तक तपस्या करके भी महालक्ष्मी नहीं प्राप्त कर सकीं। हे प्रियतम! यदि तुम उस मधुर-वेदना का प्रेम भी हमको प्रदान कर दो तो हम उसे अपने हृदय में बोकर आँखों के आँसुओ से निरन्तर सींचा करें तथा तुम्हारे वियोग में जो हमारे हृदय से लम्बी-लम्बी साँसे निकलें उन्हीं श्वासों की हवा तथा विराहगिनी रूप सूर्य का ताप उस बीज को दिया करें। जिसके परिणाम-स्वरुप अर्थात वायु, जल एवं सूर्य जे ताप को पाकर, मधुर-वेदना का बीज अंकुरित हो उठे। तत्पश्चात इसी प्रकार जल, वायु एवं सूर्यताप को निरन्तर पाकर वह बीज वृक्ष बन जाय तथा इस वृक्ष में वही मधुर फल लगे जिसे हम तुमसे माँग रही हैं। फल यह है कि तुम्हारे बिना एक क्षण भी कल्प के समान प्रतीत हो। *'श्री कृपालु जी'* कहतें हैं कि यदि कोई अल्पज्ञ यह सोचे कि इतने घोर परिश्रम के पश्चात् ऐसे कड़वे फल से क्या लाभ? तो उत्तर में कहते हैं कि इसको पाकर विरहिणी स्थावर-जंगमात्मक समस्त विश्व में अपने प्रियतम के स्वरुप का अवलोकन करेगी। उदारणार्थ 'गोपियां' -सूर की वाणी में 'जित देखूँ तित श्याममयी है।' 🌹🌹प्रेम रस मदिरा - दैन्य माधुरी🌹🌹 #जगद्गुरु_श्री_कृपालु_जी_महाराज 🙏 #राधे_राधे 🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CF8atSGgFREefv6i2V_YxfQo8MO9wuA2ZgFdAg0/?igshid=11w20f18ekue8
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akmauryaay · 4 years
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मिलत नहिं नर तनु बारम्बार । कबहुँक करि करुणा करुणाकर, दे नृदेह संसार । उलटो टांगी बाँधि मुख गर्भहिं, समुझायेहु जग सार । दीन ज्ञान जब कीन प्रतिज्ञा, भजिहौं नंदकुमार । भूलि गयो सो दशा भई पुनि, ज्यों रहि गर्भ मझार । यह 'कृपालु' नर तनु सुरदुर्लभ, सुमिरु श्याम सरकार । भावार्थ - यह मनुष्य का शरीर बार बार नहीं मिलता । दयामय भगवान चौरासी लाख योनियों में भटकने के पश्चात् दया करके कभी मानव देह प्रदान करते हैं । मानव देह देने के पूर्व ही संसार के वास्तविक स्वरुप का परिचय कराने के लिए गर्भ में उल्टा टांग कर मुख तक बाँध देते हैं । जब गर्भ में बालक के लिए कष्ट असह्य हो जाता है तब उसे ज्ञान देते हैं और वह (जीव) प्रतिज्ञा करता है कि मुझे गर्भ से बाहर निकाल दीजिये, मैं केवल आपका ही भजन करूँगा । जन्म के पश्चात जो श्यामसुंदर को भूल जाता है, उसकी वर्तमान जीवन में भी गर्भस्थ अवस्था के समान ही दयनीय दशा हो जाती है । 'श्री कृपालु जी' कहते हैं कि यह मानव देह देवताओं के लिए भी दुर्लभ है, इसलिए सावधान हो कर श्यामसुंदर का स्मरण करो । :- श्री कृपालु जी महाराज जी (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CFjDOuNAhVTtb_M1TBECB92U1qhN1LPkHOOC7Q0/?igshid=x53g2nwno8fm
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akmauryaay · 4 years
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जगत जननी श्री राधा रानी के प्राकट्य उत्सव श्री राधा अष्टमी की सभी भक्तों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं 🌺🌼🌻⚘ जय जय श्री राधे 🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CEVtmMuAabqNKvsPiD_B-cO8oM0SSlXNTxm3RU0/?igshid=ksibvydhoyjr
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akmauryaay · 4 years
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74वें स्वतंत्रता दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 हमारा देश की बागडोर यूँ ही मजबूत हाथों में रहे ताकि देश की अखंडता एवं प्रभुता बरकरार रहे। जय हिन्द✊🇮🇳 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CD5uWmigeb9kJWiQpR4I4hkt5CWMToCBElafas0/?igshid=1w1lhsjfb72db
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akmauryaay · 4 years
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जैसे ये कीड़े होते हैं न, मच्छर वगैरा, ऐसे ही हम लोग भी हैं। लाख अपने को कहें, हम अरबपति हैं, हम बी. ए, एम.ए. हैं, हम कलेक्टर, कमीशनर, गवर्नर हैं। अरे ये सब तो जोकरी है, दो दिन की, ये सब कुछ नहीं है। इससे कोई कुछ आगे नहीं बढ़ सकता । तुम आत्मा हो, न.1 अनंत जन्मों के पापात्मा हो न. 2 और तुम भगवान में जितनी देर लगाए रहो मन, बस समझदार हो, बाकी टाइम मूर्ख हो । ये फिलोसॉफी, ये कृपालु का सिद्धांत रटे रहो । #जगद्गुरु_श्री_कृपालु_जी_महाराज। (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CDjTFsiF9bcAJmf7suV6ZqoCEFZ0l49XrAYpaE0/?igshid=1llvkx0n93qrf
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akmauryaay · 4 years
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#जय_श्री_राम 🙏 #अयोध्याभूमिपूजन (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CDfnssLlHbK2chaagt0X7_0y1oLXpReUkIB9ek0/?igshid=s245m2d6h43y
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akmauryaay · 4 years
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हमारो ऐसो है रखवार। जैसो है नहिं सकल विश्व महँ, कोउ समरथ सरकार। तीनि लोक अनुचर रह जिन को, विधि हरि हर करतार। सोउ अनुचर श्री महाविष्णु कहं, जो कमला भरतार। सोउ श्री महाविष्णु अनुचर जिन, तिन कह नंदकुमार। सोउ *‘कृपालु'* अनुचर जिन सोइ गुरु, कह भागवत पुकार।। *भावार्थ*- हमारी रक्षा करने वाले ऐसे गुरुदेव हैं जैसा सम्पूर्ण विश्व में कोई समर्थ नहीं है। जरा सोचिये, तीनों लोकों के स्वामी ब्रह्मा, विष्णु, शंकर कहे जाते हैं, किन्तु वे तीनों भी महाविष्णु के दास हैं और फिर वे महाविष्णु भी श्याम के दास हैं। *'कृपालु'* कहते हैं कि वे श्यामसुन्दर भी सद्गुरु के दास | हैं। ऐसा उद्घोष भागवत पुराण का भी है। 🌹प्रेम रस मदिरा सद्गुरु माधुरी🌹 #जगद्गुरु_१००८_स्वामि_श्री_कृपालुजी_महाराज 🙏 #राधे_राधे ❤🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CDL3kVyluN53w8xgXEJkN21cYOK1mZmoW0b0dI0/?igshid=qdepqpftuyxt
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akmauryaay · 4 years
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श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्। नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।। कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्। पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।। भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 #जय_श्री_राम 🙏❤ #जय_श्री_राधे_कृष्णा 🙏❤ #जगद्गुरु_१००८_श्री_कृपालुजी_महाराज की जय हो🙏 (at Ludhiana, Punjab, India) https://www.instagram.com/p/CDIJ_9iFPh6KynY2JkqVQa8Ayepf13Lqqv9KoY0/?igshid=s3xtfm6arqnn
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