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chaitanyabharatnews · 5 years
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थाईलैंड : थाम लुआंग गुफा पर बनी फिल्म में हुआ खुलासा- बच्चों के बचने की संभावना शुन्य थी, फिर भी गुफा में गए गोताखोर
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चैतन्य भारत न्यूज थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में 23 जून से फंसे 12 लड़कों और उनके फुटबॉल कोच के संघर्ष की कहानी के बारे में तो दुनिया को पता है। इस घटना को अब फिल्म में तब्दील कर दिया गया है। इस फिल्म का नाम 'द केव' रखा है, जिसका दक्षिण कोरिया में आयोजित हुए बुसान फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर हुआ। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); इस फिल्म का निर्माण आयरिश-थाई फिल्म निर्माता टॉम वॉलर ने किया है। इस फिल्म की कहानी गोताखोरों और उनकी कोशिशों पर आधारित है। फिल्म में इन सभी को रियल लाइफ हीरो की तरह पेश किया गया है। जानकारी के मुताबिक, थाईलैंड के बचावकर्ता जिम वार्नी ने बताया कि, 'ऑस्ट्रेलिआई डाइवर रिचर्ड हैरिस ने बच्चों और कोच के बचने की संभावना बिलकुल ही शुन्य बता दी थी। लेकिन फिर भी हमने गुफा के अंदर जाने का फैसला किया, क्योंकि हमारे पास उन सभी को बचाने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं था।' बता दें जिम के साथ ही कनाडा के रेस्क्यूअर एरिक ब्राउन, फिनलैंड से मिक्को पासी और चीन से टैन शियाओलांग भी इस फिल्म का हिस्सा है।
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वॉलर का कहना है कि, इस फिल्म में कई ऐसी भी बातें बताई गई है, जो मीडिया में नहीं दिखा पाए थे। जैसे कि बचाव के समय बच्चों को सही मात्रा में दवा देकर बेहोश करना, जिससे कि ढाई किलोमीटर से भी ज्यादा के रास्ते में वह फिर से होश में न आ जाए। अगर दवाई का डोज ज्यादा मात्रा में दे दिया जाता तो फिर बच्चे शायद कभी भी होश में नहीं आ पाते। वॉलर ने कहा कि, जिम से मिलने के बाद ही उन्हें यह अहसास हुआ कि इस कहानी में कई ऐसे बताने लायक बातें हैं, जिसके बारे में लोग जानना चाहेंगे। सूत्रों के मुताबिक, फिल्म निर्माताओं को शुरुआत में थाम लुआंग गुफा में जाकर शूटिंग करने की इजाजत नहीं मिली थी। जिसके बाद उन्होंने बच्चों और रेस्क्यूअर से मुलाकात कर उनसे बातचीत की और गुफा का वैसा ही सेट डिजाइन करवाया। अंत में सरकार ने फिल्म की शूटिंग अनुमति दे ही दी।
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