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ईश्वर ने भविष्य को छुपा रखा है इसीलिये मनुष्य में भविष्य को जानने के प्रति बहुत जिज्ञासा है। आगे
क्या होगा, हम जो पाना चाहते हैं वह हमें मिलेगा या नहीं और मिलेगा तो कब, ये वे प्रश्न हैं जिनका
उत्तर हर कोई जानना चाहता है।
इसके अलावा हम ये भी जानना चाहते हैं कि जो हम चाहते हैं वह यदि मिलना कठिन है, तो ऐसा क्या
उपाय है जिससे हम अपना चाहा आसानी से पा सकें।
प्राचीन काल से ही भारत में त्रिकालदर्शी (भूत, भविष्य और वर्तमान को देख लेने वाले) ऋषि हुए हैं।
इन्होंने साधना करके ऐसी शक्तियां प्राप्त कीं जिनसे इन्हें वेदों, वेदांगों और शास्त्रों का ज्ञान सीधे ईश्वर
से प्राप्त हुआ। उन्होंने इन शास्त्रों को समाज के उपयोग के लिए उपलब्ध करवाया। वेदांगों में से एक
शास्त्र ज्योतिष है, जो विद्वानों के माध्यम से हम तक पहुंचा। साधना और गणित पर आधारित भूत,
भविष्य और वर्तमान को जानने का यह शास्त्र वैदिक ज्योतिष के नाम से जाना जाता है।
हालांकि, भविष्य को जानने की कोशिशें विश्व भर में और भी हुई हैं, किन्तु गणित पर आधारित वैदिक
ज्योतिष जितना प्रामाणिक है उतनी कोई दूसरी पद्धति नहीं हो सकी है। पश्चिमी देशों में आजकल
जन्म की तिथियों को बारह राशियों में बाँट कर सूर्य के आधार पर भविष्य बताने का चलन है। भारत में
भी इस आधार पर भविष्यवाणी होने लगी हैं। किन्तु भारतीय ज्योतिष चंद्र राशियों के आधार पर
भविष्यकथन को ज़्यादा सही मानता है। इसीलिये आज भी बच्चों के नाम चंद्र राशियों पर रखे जाने का
रिवाज़ है।
किसी के जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में होते हैं, वही जातक की जन्म राशि कही जाती है। नौ
ग्रहों में चंद्रमा सबसे तेज़ चलने वाले होते हैं| सूर्य एक राशि में एक माह तक रहते हैं और चंद्र मात्र ढाई
दिन तक इसलिए भी चंद्र राशि के आधार पर भविष्यवाणी प्रामाणिक होती है|
किसी के भविष्य के बारे में कुछ भी कहना बहुत गंभीर विषय है, इसे साधारण विधियों से कहना जातक
के लिए घातक भी हो सकता है, इसलिए टुडे पंचांग; ध्यान रखता है कि ऋषियों के शोध के आधार पर
स्थापित ज्योतिष के मूल सिद्धांतों के अनुसार ही भविष्यकथन किया जाए| इसीलिये माना जाता है कि
केवल जन्म तिथि के आधार पर बताया गया भविष्य मोटे तौर पर ही सही होता है, जबकि जन्म की
राशि या जन्म की तिथि, समय और स्थान के आधार पर कहा जाने वाला भविष्यफल सूक्ष्म गणना
करके कहा गया होने से ज़्यादा प्रामाणिक और सही होता है | ‘टुडे पंचांग’ अपना सारा व्यवहार चंद्र राशि
के अनुसार करता है |
इस प्रकार ;टुडे पंचांग; आपको भारतीय वैदिक ज्योतिष पर आधारित निष्कर्ष बताता है| इसके प्रणेता
कालज्ञ पंडित प्रह्लाद शास्त्री और उनके पुत्र व शिष्य पंडित भास्कर वशिष्ठ वैदिक ज्योतिष और वास्तु
शास्त्र के विद्वान् हैं, जो अपने विस्तृत ज्ञान और अनुभव के आधार पर यहां भविष्य कथन करते हैं|
दैनिक भविष्य और व्रत-त्योहारों के अलावा यदि आप जन्म कुंडली, मुहूर्त, व्यापार, रोज़गार, विवाह,
स्वास्थ्य, समृद्धि, वास्तु दोष आदि से सम्बंधित अपने प्रश्नों के उत्तर चाहते हों तो इसी वेबसाइट पर
दिए गए फॉर्म में अपनी पूरी जानकारी देते हुए अपने प्रश्न हमें भेज सकते हैं और उनके उत्तर ई-मेल से
प्राप्त कर सकते हैं |
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