जिनके गाने ने बदली रानू मंडल की किस्मत, आज उसी गीतकार के हालात हैं बद से बदतर
चैतन्य भारत न्यूज
अपनी बेहतरीन गायकी के बलबूते फर्श से अर्श तक का सफर करने वाली रानू मंडल इन दिनों काफी चर्चा में बनी हुईं हैं। रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर किसी तरह अपना गुजारा करने वाली रानू सोशल मीडिया पर वायरल होकर रातों-रात बॉलीवुड की दुनिया में पहुंच गईं हैं।
'एक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है... ' गाना गाकर रानू की किस्मत तो बदल गई लेकिन इस गीत को लिखने वाले मशहूर गीतकार संतोष आनंद आज गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि उन्हें अपनी जिंदगी चलाने के लिए छोटे-मोटे कवि सम्मेलनों से खर्च निकालने पड़ रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, एक कवि सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे संतोष ने कहा कि, 'उनके पास लोगों के फोन आ रहे हैं कि एक भीख मांगने वाली महिला आपका गाना गाकर मशहूर हो गई है और उन्हें हिमेश की फिल्म में काम मिल गया है, लेकिन मेरे पास तो स्मार्टफोन भी नहीं है कि मैं उसका गाया हुआ सॉन्ग देख सकूं।'
इसके अलावा उन्होंने बताया कि, 'मैंने साल 1995 के बाद ही फिल्मों में गीत लिखना बंद कर दिया था। बेटे और बहू के सुसाइड के बाद मैंने खुद को घर में कैद कर लिया। लेकिन कुछ समय के बाद मंच पर दोबारा गीतों को सुनाना शुरू किया। घर के खर्चे चलाने के लिए कवि सम्मेलनों में जाता हूं।' संतोष का कहना है कि लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के साथ उनकी सबसे हिट जोड़ी रही है।
बता दें रानू मंडल ने हिमेश रेशमिया की आने वाली फिल्म 'हैप्पी हार्डी एंड हीर' में 'तेरी मेरी कहानी' नाम का गाना गाया है।
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