#विकासदुबे जैसे शातिर मुजरिम के मरने पर भी राजनीती!?? क्या हो गया है देशवेसियों!? खुश होने की एक वजह मिली है सालों बाद, लुत्फ उठाइये! 1993 से 2014 तक जो पार्टी #दावूदइब्राहिम को नही पकड़ पाई, उसके बहकावे में मत आइये! https://www.instagram.com/p/CCdXIJaHw1w/?igshid=5dmp0qfe7nz1
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विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार, सीएम शिवराज बोले- जिनको लगता है कि महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धूल जाएंगे
चैतन्य भारत न्यूज
उज्जैन. कानपुर गोलीकांड का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। एनकाउंटर के सातवें दिन विकास को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया। जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे ने खुद ही स्थानीय मीडिया और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी विकास पर कोई असर नहीं दिखा और मीडिया के सामने चिल्लाने लगा, 'मैं विकास दुबे हूं... कानपुर वाला।'
जिनको लगता है कि महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धूल जाएंगे उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं। हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख़्शने वाली नहीं है: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो) #KanpurEncounter pic.twitter.com/uCAmFsxHBk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2020
सीएम शिवराज का ट्वीट
मध्यप्रदेश से मोस्ट वांटेड विकास दुबे के गिरफ्तार होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि- 'जिनको लगता है कि महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धूल जाएंगे उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं। हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख़्शने वाली नहीं है।'
Vikas Dubey was going to Ujjain Mahakal temple when he was identified by security personnel. Police were informed, he confessed his identity after being pushed for it. He has been apprehended by police & interrogation is underway: Ashish Singh, Ujjain Collector #MadhyaPradesh https://t.co/tBNHn3pwuw
— ANI (@ANI) July 9, 2020
एसटीएफ की टीम उज्जैन रवाना हुई
आज सुबह ही विकास दुबे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा और सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर उसने मंदिर के सामने अपना नाम चिल्लाया। मौके पर स्थानीय मीडिया को भी बुला लिया गया था। बताया ये भी जा रहा है कि उसने मंदिर के बाहर खड़े होकर अपना नाम चिल्लाया, फिर लोगों ने पुलिस को सूचित किया। इसके बाद वहां मौजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और फ्रीगंज थाने ले गई। इसके बाद यूपी पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। उसकी गिरफ्तारी की एक फोटो भी यूपी पुलिस के पास भेजी गई, जिसके बाद पुष्टि हुई की वही विकास दुबे है। सरेंडर की खबर के बाद एसटीएफ की टीम उज्जैन रवाना हो गई है। फिलहाल उज्जैन के फ्रीगंज थाने से उसे किसी गुमनाम स्थान पर ले जाया गया है।
#WATCH Madhya Pradesh: After arrest in Ujjain, Vikas Dubey confesses, "Main Vikas Dubey hoon, Kanpur wala." #KanpurEncounter pic.twitter.com/bIPaqy2r9d
— ANI (@ANI) July 9, 2020
आखिर उज्जैन कैसे पहुंचा विकास दुबे?
बुधवार को फरीदाबाद और एनसीआर में लोकेशन मिलने के बाद आखिर वह उज्जैन कैसे पहुंचा यह बड़ा सवाल है। हालांकि, अब उज्जैन पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। यूपी पुलिस के पहुंचते ही उसकी ट्रांजिट रिमांड की कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही उज्जैन पुलिस इसका खुलासा करेगी कि वह यहां कैसे पहुंचा।
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विकास दुबे को पकड़ने में शामिल हुई खुफिया एजेंसी IB, अब बचना मुश्किल
New Delhi:देश की खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के वांछित अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) का पता लगाने के अभियान में शामिल किया गया है।
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मदद कर रहे हैं, ताकि अपराधी दुबे (Vikas Dubey) का पता लगाया जा सके। गौरतलब है कि इस गैंगस्टर के नाम पर करीब 60 मामले दर्ज हैं, इसके अलावा उसे राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है।
STF की मदद करेंगे IB के अधिकारी
सूत्रों का कहना है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और स्पेशल टास्क फोर्स को संदेह है कि गैंगस्टर चंबल के ब���हड़ों में छिपा हो सकता है। उन्होंने दुबे (Vikas Dubey) के ठिकाने का पता लगाने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस से भी मदद मांगी है।
पुलिस उसके ठिकाने की तलाश में लगी है, वहीं अगर आगामी 24 घंटों के अंदर उसका पता नहीं चल पाता है तो राज्य सरकार उसका पता बताने वाले को भारी इनाम देने की घोषणा कर सकती है।
जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि दुबे का कई राज्य के राजनेताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसी- यूपी पुलिस के साथ गहरे संबंध थे। एक शीर्ष आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘यूपी में बदमाशों, राजनेताओं और नौकरशाहों के बीच सभी सांठगांठ का खुलासा होगा।’
इस बीच आईजी ने स्पष्ट कह दिया है कि स्थानीय थानों के पुलिसकर्मियों की पड़ताल की जा रही है कि विकास को दबिश की जानकारी कैसे मिली। जिसे भी दोषी पाया जाएगा, उस पर हत्या का चार्ज लगेगा।
घरों की ऊंची दीवारें, 50 सीसीटीवी कैमरे
बीते दिन यूपी सरकार ने कानपुर में स्थित गैंगस्टर के घर को ध्वस्त कर दिया। विकास दूबे ने कानपुर के चौबेपुर पुलिस सर्कल के तहत बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों
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#कानपुर #आतंकी विकासदुबे सीओ के सामने पहले 4 सिपाहियों को मारा, आतंकी विकास दुबे ने पुलिकर्मियों के सिर में गोली मारकर पैर काट दिए, उसके बाद पुलिसकर्मियों की बॉडी को एक के ऊपर एक थप्पी जमाकर 5 लाशें रख दी। आतंकी दुबे को पुलिस विभागों के ही लोगो ने मुखबरी करके दबिश की सूचना दी थी #Terrorist_Vikas_Dubey https://t.co/qYHRWakzfJ https://www.instagram.com/p/CCNKFJHlWy8/?igshid=bpaiaw6qafbh
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Uttar Pradesh' #विकासदुबे #vikasdueby को पकड़ने गए 8 पुलिसकर्मी हुए शहीद.
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उज्जैन से गिरफ्तार हुआ गैंगस्टर विकास दुबे, मीडिया को देखकर चिल्लाया- मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला
चैतन्य भारत न्यूज
कानपुर एनकाउंटर का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है। विकास दुबे ने महाकालेश्वर मंदिर की पर्ची कटाई और इसके बाद खुद ही सरेंडर कर दिया। यूपी पुलिस ने विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। सरेंडर की खबर के बाद एसटीएफ की टीम उज्जैन रवाना हो गई है।
Vikas Dubey was going to Ujjain Mahakal temple when he was identified by security personnel. Police were informed, he confessed his identity after being pushed for it. He has been apprehended by police & interrogation is underway: Ashish Singh, Ujjain Collector #MadhyaPradesh https://t.co/tBNHn3pwuw
— ANI (@ANI) July 9, 2020
आज सुबह ही विकास दुबे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा और सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर विकास दुबे ने मंदिर के सामने अपना नाम चिल्लाया। मौके पर स्थानीय मीडिया को भी बुला लिया गया था। बताया ये भी जा रहा है कि उसने मंदिर के बाहर खड़े होकर अपना नाम चिल्लाया, फिर लोगों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी विकास पर कोई असर नहीं दिखा और मीडिया के सामने चिल्लाने लगा, ‘मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला।'
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विकास दुबे का दाहिना हाथ कहे जाने वाले चचेरे भाई अमर दुबे को STF ने मार गिराया, पुलिस ने रखा था 25 हजार का इनाम
चैतन्य भारत न्यूज
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर केस में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। मोस्ट वांटेड बदमाश विकास दुबे की तलाशी के दौरान उसके चचेरे भाई अमर दुबे को हमीर���ुर में यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने मार गिराया है। अमर को विकास दुबे का दाहिना हाथ कहा जाता है।
विकास का पर्सनल बॉडी गार्ड था अमर
जानकारी के मुताबिक, अमर भागने की कोशिश कर रहा था, तभी पुलिस ने उसे ढेर कर दिया। कानपुर कांड में आठ पुलिसकर्मियों को मारने में अमर दुबे का भी हाथ था। अमर ने छत से पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की थी। अमर को विकास दुबे गैंग का शातिर बदमाश माना जाता है।
2 जुलाई की रात कानपुर देहात के बिकरू गांव में शूटआउट के मामले में भी अमर दुबे की तलाश थी। यूपी पुलिस ने जिन अपराधियों की तस्वीरें जारी की थी, उसमें अमर दुबे का नाम सबसे ऊपर था। उस पर पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमर विकास के पर्सनल बॉडी गार्ड का भी काम करता था। वो हमेशा असलहे से लैस रहता था। अमर दुबे की इसी 29 जून को शादी हुई थी।
पुलिस ने ऐसे किया एनकाउंटर
हमीरपुर के एसपी श्लोक कुमार ने बताया कि अमर दुबे की छिपे होने की सूचना पर पुलिस टीम ने घेराबंदी की थी। इस दौरान अमर ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी एनकाउंटर में वह मार गिराया गया। उसके पास से एक ऑटोमेटिक हथियार और बैग मिला है। इस एनकाउंटर में एसओ और एसटीएफ के एक कॉन्स्टेबल को गोली लगी है।
विकास का अब तक नहीं मिला कोई सुराग
हालांकि, विकास दुबे की तलाश में जुटी उत्तर प्रदेश की कई पुलिस टीमों को अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। दावा किया जा रहा है कि विकास और उसके दो साथियों को फरीदाबाद के एक होटल के बाहर देखा गया था। लेकिन पुलिस के आने से पहले ही अपराधी फरार हो गए। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी मिली है। पुलिस ने प्रभात और अंकुर नाम के विकास के दो करीबियों को गिरफ्तार कर लिया है। अंकुर के बारे में बताया जाता है कि उसी ने फरीदाबाद में विकास दुबे के छिपने में मदद की थी। वो विकास दुबे के लिए होटल बुक करने की कोशिश कर रहा था।
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कानपुर पुलिस हत्याकांड: 50 घंटे में 5 गुना बढ़ा कातिल विकास दुबे पर इनाम, अब तक नहीं मिला कोई सुराग
चैतन्य भारत न्यूज
लखनऊ. 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे पुलिस की पहुंच से दूर जरूर है, लेकिन कुख्यात हीस्ट्री शीटर की गिरफ्तारी के लिए महकमे ने घेराबंदी तेज कर दी है। कभी 25 हजार का इनामी बदमाश आज 8 पुलिसवालों की हत्या कर ढाई लाख का इनामी हो गया है। यानी अब विकास दुबे के बारे में खबर देने वाले को ढाई लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा ।
हत्या के वक्त 50 हजार रुपए का इनाम था
बता दें जिस वक्त शूटआउट हुआ था, उस समय विकास दुबे पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। फिर इनाम बढ़कर एक लाख रुपए किया गया था। इसके बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने विकास दुबे पर ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया।
पुलिस टीमें कर रही तलाश
विकास की तलाश में उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और नेपाल में पुलिस टीमें तलाश कर रही हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए कानपुर मंडल की 60 और बाकी 30 टीमें लखनऊ स्तर से रवाना की गई हैं, जो बीहड़ों से लेकर नेपाल बॉर्डर पर कॉम्बिंग कर रही हैं। पुलिस ने विकास के पोस्टर भी नेपाल बॉर्डर और टोल प्लाजा पर चस्पा कराए हैं।
90 पुलिसवालों के मोबाइल जब्त
बता दें विकास को छुपाने में अब तक कई पुलिसकर्मी भी साथ दे चुके हैं। ऐसे में मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने चौबेपुर के अलावा शिवली, शिवराजपुर और बिल्हौर थाने के 90 पुलिसकर्मियों के मोबाइल जब्त किए हैं। आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि जो भी घर का भेदी होगी, उसके खिलाफ अपराधी जैसा बर्ताव होगा।
2017 में कर ली थी एनकाउंटर की तैयारी
हत्याकांड को अंजाम देकर वह अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर 2017 में लखनऊ पुलिस ने विकास के एनकाउंटर की तैयारी कर ली थी। उस वक्त उन्नाव की एक लेडी डॉन ने लखनऊ पुलिस को विकास के लखनऊ के कृष्णानगर में रहने की जानकारी दी थी, तब विकास दुबे पर 25 हजार का इनाम था। उस लेडी डॉन की जानकारी से पहले किसी को नहीं पता था कि विकास लखनऊ में रहता है।
पुलिसकर्मियों ने दिया विकास का साथ
विकास दुबे की लखनऊ में होने की सूचना पर पुलिस ने उसे ढेर करने का प्लान बनाया था, लेकिन इसी बीच एनकाउंटर की प्लानिंग लीक होकर एसटीएफ को मिल गई। उस वक्त कुछ पुलिसकर्मियों ने विकास का साथ दिया था। प्लानिंग लीक होने के बाद अक्टूबर 2017 में एसटीएफ ने विकास को एक 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उस वक्त पुलिस को उसके पास 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल बरामद हुई थी। पुलिस ने राइफल को जब्त कर लिया था, लेकिन अप्रैल 2018 में ये राइफल कोर्ट के आदेश पर रिलीज की गई थी।
क्या है पूरा मामला
बीते गुरुवार की रात को कानपुर देहात के बिकरू गांव में पुलिस ने विकास को पकड़ने के लिए दबिश दी थी। जैसे ही फोर्स गांव के बाहर पहुंची तो वहां जेसीबी लगा दी गई। इस वजह से फोर्स की गाड़ी गांव के अंदर नहीं जा सकी। इस वजह से पुलिस टीम को घर से कुछ दूर पहले अपनी गाड़ी को छोड़ना पड़ा। तभी पहले से ही घात लगाए बदमाशों ने फायरिंग करना शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई। लेकिन बदमाश ऊंचाई पर थे जिसके कारण वे बच गए। इस वजह से पुलिसकर्मियों को गोलियां लगी है। 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
कौन है विकास दुबे
विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी। हस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ 192 220,147 148 149 302 307 394 सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
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कानपुर एनकाउंटर: 8 पुलिसवालों की मौत के जिम्मेदार विकास दुबे के संपर्क में थे 3 पुलिसवाले, सस्पेंड
चैतन्य भारत न्यूज
कानपुर एनकाउंटर मामले में एक अहम खुलासा हुआ है। 8 पुलिसकर्मियों की मौत का जिम्मेदार शातिर बदमाश विकास दुबे के संपर्क में चौबेपुर पुलिस थाने के दो दारोगा और एक सिपाही थे। इसका खुलासा इन लोगों की कॉल डिटेल के जरिए हुआ।
जानकारी के मुताबिक, चौबेपुर पुलिस थाने के दारोगा कुंवर पाल, कृष्ण कुमार शर्मा और सिपाही राजीव विकास दुबे से लगातार संपर्क में बने हुए थे। अब एसएसपी ने इन तीनों को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच शुरू हो गई है।
विकास का करीबी पकड़ा गया
बता दें रविवार को विकास दुबे का करीबी दयाशंकर अग्निहोत्री पकड़ा गया था। पकड़े जाने के बाद उसने कबूल किया था कि विकास दुबे ने ही पुलिसवालों पर गोली चलाई थी। उसने बताया था कि, रेड की खबर विकास को थाने से पता चली थी, जिसके बाद विकास ने 25-30 लोगों को बुलाया था। यह सभी लोग हथियारों से लैस थे। इस खुलासे के बाद ही पुलिस ने अन्य पुलिसकर्मियों की कॉल डिटेल्स की तलाश करना शुरू कर दी।
अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर विकास
8 पुलिसवालों की मौत का जिम्मेदार विकास दुबे की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। साथ ही पुलिस उसकी संपत्ति और बैंक खातों पर भी नजर बनाए हुए है। हालांकि, अब तक विकास का कुछ पता नहीं चल सका है।
क्या है पूरा मामला
बीते गुरुवार की रात को कानपुर देहात के बिकरू गांव में पुलिस ने विकास को पकड़ने के लिए दबिश दी थी। जैसे ही फोर्स गांव के बाहर पहुंची तो वहां जेसीबी लगा दी गई। इस वजह से फोर्स की गाड़ी गांव के अंदर नहीं जा सकी। इस वजह से पुलिस टीम को घर से कुछ दूर पहले अपनी गाड़ी को छोड़ना पड़ा। तभी पहले से ही घात लगाए बदमाशों ने फायरिंग करना शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई। लेकिन बदमाश ऊंचाई पर थे जिसके कारण वे बच गए। इस वजह से पुलिसकर्मियों को गोलियां लगी है। 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
कौन है विकास दुबे
विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी। हस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज है।
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