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#माँ पर निबंध हिंदी में
sumit2660 · 3 years
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मेरी माँ पर लेख [ Eassy on My Mother in Hindi ]
मेरी माँ पर लेख [ Eassy on My Mother in Hindi ]
माँ हर बच्चे के लिए एक बहुत ही खास और महत्वपूर्ण व्यक्ति होती है। वास्तव में वह किसी के लिए भी ईश्वर का सबसे कीमती उपहार है। एक बच्चा उसके कारण ही दुनिया देख सकता है। वह अपने बच्चे के लिए एक दोस्त, माता-पिता, मार्गदर्शक और शिक्षक है। वह पूरे परिवार का ख्याल रखती है और एक घर को एक खूबसूरत घर में बदल देती है। वह अपने बच्चों को बेहद देखभाल, करुणा और प्यार से पाला करती है। वह अपनी उपस्थिति और मुस्कान…
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sahu4you · 4 years
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शहीद दिवस पर भाषण - Shaheed Diwas Speech in Hindi
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पंजाब के लायलपुर के एक गाँव बंगा में, एक शिशु का जन्म हुआ। दादी ने बड़े प्यार से उस बच्चे का नाम भगत सिंह रखा। सब भगत सिंह को खूब प्यार करते। घर में दादा-दादी, माता-पिता, बडे़ भाई-बहन और चाचा-चाची साथ रहते। सबके बीच खेलकर भगत सिंह बड़ा होने लगा।
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Bhagat Singh Quotes and BIography in Hindi Bhagat Singh के जन्म के समय भारत में अंग्रेजों का शासन था। भगत सिंह के दादा, पिता और चाचा सब देश को आजाद कराने की कोशिश में जी-जान से जुटे हुए थे। घर के लोगों की बातचीत का भगत सिंह के मन पर गहरा असर पड़ा। वह बचपन से ही भारत की आजादी के सपने देखने लगा। सॅंझले चाचा की मृत���यु पर उसकी चाची रो रही थीं। धोखेबाज दोस्त पर शायरी in Hindi भाई बहन पर अनमोल विचार चाची को तसल्ली देते हुए बालक भगत सिंह ने कहा- "चाची जी, रोइए मत। जब मैं बड़ा हो जाऊंगा, अंग्रेजों को भारत से भगा। दूंगा और चाचा जी को वापस लाऊंगा।" चाची ने भगत को सीने से चिपका लिया।
शहीद भगत सिंह पर निबंध
पढ़ने लायक उम्र होने पर भगत सिंह को गाँव के प्राइमरी स्कूल में भर्ती करा दिया गया। वे पढ़ाई में बहुत तेज थे। भगत सिंह अपने गुरू का बहुत आदर करते थे। जब वे चौथी कक्षा में थे उनके मास्टर जी ने बच्चों से पूछा- "बच्चों, तुम बड़े होकर क्या करना चाहोगे?" एक बच्चे ने कहा- "मैं बड़ा होकर खेती-बाड़ी करूँगा और फिर शादी करूँगा।" सब हॅंस पड़े, भगत सिंह ने अकड़कर कहा- ये सब बड़े काम नहीं हैं। मैं हरगिज शादी नहीं करूँगा। मैं तो अंग्रेजों को देश से निकाल बाहर करूँगा। सब भगत सिंह की तेजी देखते रह गए। मास्टर जी ने उन्हें शाबाशी देकर कहा- भगत सिंह जरूर अपना वादा पूरा करेगा। पंजाब के जलियाँवाला बाग में एक सभा हो रही थी। अंग्रेजों ने बेकसूर हिंदुस्तानियों पर गोलियाँ बरसा दीं। सैकड़ों देशवासियों की जानें चली गई। उस वक्त भगत सिंह सिर्फ बारह बर्ष के थे। उनके मन में आग धधक उठी। निहत्थों पर गोलियाँ चलाना अन्याय है। भगत सिंह जलियाँवाला बाग में अकेले चले गए। चारों ओर सिपाही थे। वे जरा भी नहीं डरे। बाग की मिट्टी एक शीशी में भरकर ले आए। घर में आम आए हुए थे। भगत सिंह को आम बहुत पसंद थे। उनकी बहन ने उन्हें आम खाने को बुलाया। भगत सिंह ने आम खाने से इनकार कर दिया। बहन को अकेले में ले जाकर शीशी में बंद मिट्टी दिखाकर कहा- अंग्रेजों ने हमारे सैकड़ों लोग मार दिए। ये खून उन्हीं शहीदों का है। मुझे अंग्रेजों से इस खून का बदला लेना है। भगत सिंह कई वर्षो तक उस शीशी को अपने पास रखे रहे और उस पर फूल चढ़ाते रहे। कॅलेज पहुंचने पर गाँधी जी की बातों का उन पर बहुत प्रभाव पड़ा। वे ।कॉलेज में भी मित्रों के साथ भारत की आजादी की बातें करते। नेशनल कॉलेज में उन्होंने महाराणा प्रताप, सम्राट चंद्रगुप्त, भारत दुर्दशा जैसे नाटकों में भाग लिया। इन सभी नाटकों में देश-भक्ति की भावना थी। भगत सिंह की तरह उनके मित्र सुखदेव और राजगुरू भी आजादी के दीवाने थे। तीनों मिलकर गाते- "मेरा रंग दे बसंती चोला, माँ रंग दे बसंती चोला।" भगत सिंह के माता-पिता उनका विवाह कर देना चाहते थे, पर भगत सिंह को तो देश को आज़ाद कराना था। उन्होंने माता-पिता से कह दिया- "गुलाम देश में सिर्फ़ मौत ही मेरी पत्नी हो सकती है। मैं देश को आजादी दिलाए बिना शादी नहीं कर सकता।" अपने देश को आजाद कराने के लिए भगत सिंह अपने मित्रों के साथ जी जान से जुट गए। उन्हें लगा बम के धमाकों से अंग्रेजों को डराया जा सकता है। अपने एक साथी के साथ उन्होंने असेंबली में बम फेंका और खुद गिरफ्तारी दी। भगत सिंह और उनके मित्रों के खिलाफ़ मुकदमा चलाया गया। उन पर बम फेंककर अंग्रेजों को मारने का दोष लगाया गया। कोर्ट ने भगत सिंह और उनके मित्र सुखदेव और राजगुरू को फाँसी की सजा सुनाई। सजा सुनकर तीनों मित्र हॅंस पड़े और नारा लगाया, "वंदे मातरम्! इंकलाब जिंदाबाद।" भगत सिंह ने अपने माता-पिता को समझाया- "आपका बेटा देश के लिए शहीद होगा। आप लोग दुख मत कीजिएगा।" भगत सिंह से कहा गया कि अगर वे वायसरायय से माफी माँग लें तो उनकी फाँसी की सज़ा माफ़ की जा सकती है। भगत सिंह ने माफ़ी माँगना स्वीकार नहीं किया। भगत सिंह से फाँसी के पहले उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई। उन्होंने जोरदार शब्दों में कहा- "मैं चाहता हूँ, मैं फिर भारत में जन्म लूं और अपने देश की सेवा करूँ।" फाँसी लगने के पहले तीनों मित्र एक-दूसरे के गले मिले। मनपसंद रसगुल्ले खाए। मित्रों के साथ भगत सिंह फाँसी के फंदे के पास जा पहुंचे। अपने हाथ से गले में फाँसी का फंदा लगाया और हॅंसते-हॅंसते फाँसी चढ़ गए। अंत तक वे नारे लगाते रहे- इंकलाब जिंदाबाद। शहीद दिवस पर भाषण भारत में 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे भारतीय इतिहास के लिए एक काला दिन माना जाता है, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले यह नायक हमारे आदर्श हैं। देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले इन वीर सपूतों की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत में हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। हिंदी में शहीद दिवस पर भाषण हमारे देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले शहीदों के लिए शहीद दिवस के उपलक्ष्य पर मैं कुछ शब्द बोलने जा रहा हूं। कुछ गलत कह बैठूं तो माफ़ कर देना। आओ, झुक कर सलाम करें उनको, जिनके हिस्से में यह मुकाम आता है, खुशनसीब होते हैं वो लोग, जिनका खून देश के काम आता है। भारतीय सैनिक हमारी जान है, हमारी शान है। देश की सीमा और सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा सेना का निर्माण किया जाता है। इस सेना पर देश की सीमाओं में आने वाले सभी जल, थल और आकाश की रक्षा का भार होता है। इस सेना में देश के नौजवान युवाओं को भर्ती किया जाता है। यह ऐसे नौजवान युवक होते हैं जिनमें देश के लिए मरने का जज्बा होता है। जब एक नौजवान देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर जाता है तो केवल एक परिवार ही तैयार नहीं होता है, तैयार होते हैं बूढ़े मां बाप के कई सपने, चूड़ी, मंगलसूत्र और तैयार होती कई हसरतें और जब कभी उनका खून आतंकी हमलों में वो जवान शहीद होता है तो पता है क्या होता है। इस धरती मां का सीना फट जाता है, रूह कांप जाती है उनके बूढ़े मां बाप की, चकनाचूर हो जाते हैं उनके सारे सपने, वो चूड़ी वो बिंदी, वो मुस्कान एक सफेद कागज की तरह खामोश हो जाती है। ��ब एक जवान शहीद होता है तो केवल एक परिवार ही नहीं रोता, बल्कि पूरा देश रोता है। वो हर इंसान रोता है जो शहादत के मायने समझता है, वो हर नागरिक रोता है जो अपने देश के प्रति प्यार रखता है। तिरंगे से लिपटे जवान को जब एक मां आखरी बार अपने सीने से लगाती हैं तो देश की 133 करोड़ आंखों में, लबों पर एक ही बात होती है की मेरी ख्वाहिश है कि फिर से फरिश्ता हो जाऊं, मां से इस कदर लिपटू कि बच्चा हो जाऊं। ऐसे ही हमारे देश में ना जाने कितने क्रांतिकारी हुए हैं जिन्होंने जाने से पहले अपनी मां को वचन दिया। उन्हीं में से एक है शहीद भगत सिंह। जिन्होंने जाने से पहले अपनी मां को वचन दिया की मां जब मैं इस दुनिया से जाऊं तो तुम रोना मत वरना यह दुनिया कहेगी कि देखो आज वीर भगत सिंह की मां रो रही है। माँ मुझे अच्छा नहीं लगेगा तू रोना मत। एक बात आज तक मुझे समझ में नहीं आई की लोगों में माता, बालाजी, भुत-प्रेत आते है, मरे हुए इंसान बोलते है। अरे, मैं पूछता हूं इन लोगों में भगत सिंह क्यों नहीं आते, चंद्रशेखर आजाद क्यों नहीं आते, लक्ष्मीबाई क्यों नहीं आती। यकीन मानिए जिस दिन वे लोग मेरे देश के लोगों में अंग लग गए उस दिन मेरे देश, मेरी भारत मां की तरफ कोई आंख उठा कर देखने की हिम्मत नहीं करेगा। मंजिलें मिल ही जाती है भटकते ही सही, गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं। एक आखरी बात में आप सभी से कहना चाहता हूं, अगर पीठ पीछे कभी आपकी बात चले तो घबराना मत क्योंकि बात उन्हीं की होती है जिनमें कोई बात होती और बात भी वही मनवाता है जिसमें कोई बात होती है। शहीद दिवस पर शायरी हर तूफान को मोड़ दूंगा, जो मेरे देश से टकराएगा, चाहे मेरा सीना हो छलनी, मेरे देश के तिरंगे को कभी झुकने नहीं दूंगा। धन्य है वे माता-पिता जिन्होंने ऐसे वीर सपूतों को जन्म दिया जिन्होंने युवावस्था में ही अपनी ज���ंदगी देश के लिए न्योछावर कर दी और अपने देश के प्रति देश भक्ति की मिसाल पेश की। कभी तपती हुई धूप में जलकर देख लेना, कभी कड़ाके की ठंड में ठिठुर कर देख लेना, कैसे होती है हिफाज़त अपने देश की, जरा सरहद पर जाकर देख लेना। अगर यह शहीद दिवस भाषण आपमें अपने देश के लिए मर मिटने का जज्बा पैदा करे तो मुझे गर्व महसूस होगा। मैं अपने देश के लिए कुर्बान हुए शहीदों को सलाम करता हूँ। जय हिन्द जय भारत। शहीद दिवस उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए भाषण और वार्ता आदि का आयोजन किया जाता है। यहाँ हम उनके लिए शहीद दिवस पर भाषण शेयर कर रहे है जो शहादत के मायने समझता है और जिन्हें देश के प्रति प्यार है धन्य हैं वीर भगत सिंह। उन जैसे शहीदों के त्याग से ही भारत को आज़ादी मिल सकी। मरने के बाद भी वे अमर हैं। हम उन्हें सदैव याद करते रहेंगे। भगत सिंह ने देश के लिए अपनी जान दे दी। इसीलिए उन्हें शहीद भगत सिंह कहा जाता है। Read the full article
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hindijankari · 4 years
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भगत सिंह का जीवन परिचय , शिक्षा, आन्दोलन और मृत्यु का कारण
शहीद भगत सिंह जी के बारे में कुछ ऐसी बातें जो किसी ने कभी नहीं सुनी है। भगत सिंह का जीवन परिचय में अगर कुछ बात रहती है तो पूछिए हम जवाब देने का पूरा प्रयास करेंगे। भगत सिंह की जीवनी हिंदी में
नामशहीद भगत सिंहजन्म28 सितम्बर 1907जन्मस्थलगाँव बंगा, जिला लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान में)मृत्यु23 मार्च 1931मृत्युस्थललाहौर जेल, पंजाब (अब पाकिस्तान में)आन्दोलनभारतीय स्वतंत्रता संग्रामपितासरदार किशन सिंह सिन्धुमाताश्रीमती विद्यावती जीभाई-बहन
रणवीर, कुलतार, राजिंदर, कुलबीर, जगत, प्रकाश कौर, अमर कौर, शकुंतला कौर
चाचाश्री अजित सिंह जीप्रमुख संगठन
नौजवान भारत सभा, हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसियेशन
शहीद भगत सिंह की जीवनी हिंदी में
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भागत सिंह जी के बारे में बात करे तो भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को लायलपुर ज़िले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है।
सरदार भगत सिंह का नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप में लिया जाता है। उनका पैतृक गांव खट्कड़ कलाँ है जो पंजाब, भारत में है। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह सिन्धु और माता का नाम श्रीमती विद्यावती जी था।
भारत के सबसे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद भगत सिंह भारत देश की महान ताकत है जिन्होंने हमें अपने देश पर मर मिटने की ताकत दी है और देश प्रेम क्या है ये बताया है।
भगत सिंह जी को कभी भुलाया नहीं जा सकता उनके द्वारा किये गए त्याग को कोई माप नहीं सकता। उन्होंने अपनी मात्र 23 साल की उम्र में ही अपने देश के लिए अपने प्राण व अपना परिवार व अपनी युवावस्था की खुशियाँ न्योछावर कर दी ताकि आज हम लोग चैन से जी सके।
भारत की आजादी की लड़ाई के समय, भगत सिंह का जीवन परिचय सिख परिवार में जन्मे और सिख समुदाय का सीर गर्व से उंचा कर दिया।
भगत सिंह जी ने बचपन से ही अंग्रेजों के अत्याचार देखे थे, और उसी अत्याचार को देखते हुए उन्होने हम भारतीय लोगों के लिए इतना कर दिया की आज उनका नाम सुनहरे पन्नों में है। उनका कहना था कि देश के जवान देश के लिए कुछ भी कर सकते है, देश का हुलिया बदल सकते है और देश को आजाद भी करा सकते है। भगत जी का जीवन ही संघर्ष से परिपूर्ण था।
Bhagat Singh History in Hindi
भगत सिंह जी सिख थे और भगत सिंह जी के जन्म के समय उनके पिता सरदार किशन सिंह जी जेल में थे, भगत जी के घर का माहौल देश प्रेमी था, उनके चाचा जी श्री अजित सिंह जी स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने भारतीय देशभक्ति एसोसिएशन भी बनाई थी। उनके साथ सैयद हैदर रजा भी थे।
भगत सिंह का जीवन परिचय
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भगत जी के चाचा जी के नाम 22 केस दर्ज थे, जिस कारण उन्हें ईरान जाना पड़ा क्योंकि वहाँ वे बचे रहते अन्यथा पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेती। भगत जी का दाखिला दयानंद एंग्लो वैदिक हाई स्कूल में कराया था।
सन् 1919 में जब जलियांवाला बाग हत्याकांड से भगत सिंह का खून खोल उठा और महात्मा गांधी जी द्वारा चलाये गए असहयोग आन्दोलन का उन्होंने पूरा साथ दिया। भगत सिंह जी अंग्रेजों को कभी भी ललकार दिया करते थे जैसे कि मानो वे अंग्रेजो को कभी भी लात मार कर भगा देते।
भगत जी ने महात्मा गांधी जी के कहने पर ब्रिटिश बुक्स को जला दिया करते थे, भगत जी की ये नटखट हरकतें उनकी याद दिलाती है और इन्हें सुन कर, पढ़कर आंखों में आंसू आ जाते है।
चौरी चौरा हुई हिंसात्मक गतिविधि पर गांधी जी को मजबूरन असहयोग आन्दोलन बंद करना पड़ा, मगर भगत जी को ये बात हजम नहीं हुई उनका गुस्सा और भी उपर उठ गया और गांधी जी का साथ छोड़ कर उन्होंने दूसरी पार्टी पकड़ ली।
लाहौर के नेशनल कॉलेज से BA कर रहे थे और उनकी मुलाकात सुखदेव, भगवती चरण और कुछ सेनानियों से हुई और आजादी की लड़ाई और भी तेज हो गयी, और फिर क्या था उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और आजादी के लिए लड़ाई में कूद पड़े।
Essay on Bhagat Singh in Hindi
भगत सिंह जी की शादी के लिए उनका परिवार सोच ही रहा था की भगत जी ने शादी के लिए मना कर दिया और कहा “अगर आजादी से पहले मैं शादी करूँ तो मेरी दुल्हन मौत होगी.”
भगत सिंह जीवनी: 
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भगत जी कॉलेज में बहुत से नाटक आदि में भाग लिया करते थे वे बहुत अच्छे एक्टर भी थे, उनके नाटक में केवल देशभक्ति शामिल थी उन नाटकों के चलते वे हमेशा नव युवकों को देश भक्ति के लिए प्रेरित किया करते थे और अंग्रेजों का मजाक भी बनाते थे और उन्हें नीचा दिखाते थे। क्योंकि अंग्रेजों का इरादा गलत था।
भगत सिंह जी मस्तमौला इंसान थे और उन्हें लेक लिखने का बहुत शौक था। कॉलेज में उन्हें निबंध में भी कई पुरस्कार मिले थे।
क्रन्तिकारी जीवन
1921 में जब महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ असहयोग आंदोलन का आह्वान किया तब भगत सिंह ने अपनी पढाई छोड़ आंदोलन में सक्रिय हो गए। वर्ष 1922 में जब महात्मा गांधी ने गोरखपुर के चौरी-चौरा में हुई हिंसा के बाद असहयोग आंदोलन बंद कर दिया तब भगत सिंह बहुत निराश हुए। अहिंसा में उनका विश्वास कमजोर हो गया और वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि सशस्त्र क्रांति ही स्वतंत्रता दिलाने का एक मात्र उपयोगी रास्ता है। 
अपनी पढाई जारी रखने के लिए भगत सिंह ने लाहौर में लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित राष्ट्रीय विद्यालय में प्रवेश लिया। यह विधालय क्रांतिकारी गतिविधियों का केंद्र था और यहाँ पर वह भगवती चरण वर्मा, सुखदेव और दूसरे क्रांतिकारियों के संपर्क में आये।
विवाह से बचने के लिए भगत सिंह घर से भाग कर कानपुर चले गए। यहाँ वह गणेश शंकर विद्यार्थी नामक क्रांतिकारी के संपर्क में आये और क्रांति का प्रथम पाठ सीखा। जब उन्हें अपनी दादी माँ की बीमारी की खबर मिली तो भगत सिंह घर लौट आये। उन्होंने अपने गावं से ही अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों को जारी रखा। 
वह लाहौर गए और ‘नौजवान भारत सभा’ नाम से एक क्रांतिकारी संगठन बनाया। उन्होंने पंजाब में क्रांति का सन्देश फैलाना शुरू किया। वर्ष 1928 में उन्होंने दिल्ली में क्रांतिकारियों की एक बैठक में हिस्सा लिया और चंद्रशेखर आज़ाद के संपर्क में आये। दोनों ने मिलकर हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातंत्र संघ का गठन किया। इसका प्रमुख उद्देश्य था सशस्त्र क्रांति के माध्यम से भारत में गणतंत्र की स्थापना करना।
फरवरी 1928 में इंग्लैंड से साइमन कमीशन नामक एक आयोग भारत दौरे पर आया। उसके भारत दौरे का मुख्य उद्देश्य था – भारत के लोगों की स्वयत्तता और राजतंत्र में भागेदारी। पर इस आयोग में कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था जिसके कारण साइमन कमीशन के विरोध का फैसला किया। लाहौर में साइमन कमीशन के खिलाफ नारेबाजी करते समय लाला लाजपत राय पर क्रूरता पूर्वक लाठी चार्ज किया गया जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गए और बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया। 
भगत सिंह ने लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए ब्रिटिश अधिकारी स्कॉट, जो उनकी मौत का जिम्मेदार था, को मारने का संकल्प लिया। उन्होंने गलती से सहायक अधीक्षक सॉन्डर्स को स्कॉट समझकर मार गिराया। मौत की सजा से बचने के लिए भगत सिंह को लाहौर छोड़ना पड़ा।
ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों को अधिकार और आजादी देने और असंतोष के मूल कारण को खोजने के बजाय अधिक दमनकारी नीतियों का प्रयोग किया। ‘डिफेन्स ऑफ़ इंडिया ऐक्ट’ के द्वारा अंग्रेजी सरकार ने पुलिस को और दमनकारी अधिकार दे दिया। इसके तहत पुलिस संदिग्ध गतिविधियों से सम्बंधित जुलूस को रोक और लोगों को गिरफ्तार कर सकती थी। 
केन्द्रीय विधान सभा में लाया गया यह अधिनियम एक मत से हार गया। फिर भी अँगरेज़ सरकार ने इसे ‘जनता के हित’ में कहकर एक अध्यादेश के रूप में पारित किये जाने का फैसला किया।
 भगत सिंह ने स्वेच्छा से केन्द्रीय विधान सभा, जहाँ अध्यादेश पारित करने के लिए बैठक का आयोजन किया जा रहा था, में बम फेंकने की योजना बनाई। यह एक सावधानी पूर्वक रची गयी साजिश थी जिसका उद्देश्य किसी को मारना या चोट पहुँचाना नहीं था बल्कि सरकार का ध्यान आकर्षित करना था और उनको यह दिखाना था कि उनके दमन के तरीकों को और अधिक सहन नहीं किया जायेगा।
8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने केन्द्रीय विधान सभा सत्र के दौरान विधान सभा भवन में बम फेंका। बम से किसी को भी नुकसान नहीं पहुचा। उन्होंने घटनास्थल से भागने के वजाए जानबूझ कर गिरफ़्तारी दे दी। 
अपनी सुनवाई के दौरान भगत सिंह ने किसी भी बचाव पक्ष के वकील को नियुक्त करने से मना कर दिया। जेल में उन्होंने जेल अधिकारियों द्वारा साथी राजनैतिक कैदियों पर हो रहे अमानवीय व्यवहार के विरोध में भूख हड़ताल की।
शहीद भगत सिंह को फांसी कब दी गयी थी?
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भगत सिंह की मृत्यु 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी लेकिन देश के लोगों ने उनकी रिहाई के लिए प्रदर्शन किये थे जिसके चलते ब्रिटिश सरकार को डर लगा की अगर भगत जी को आजाद कर दिया तो वे ब्रिटिश सरकार को जिंदा नहीं छोड़ेंगे इसलिए 23 मार्च 1931 को शाम 7 बज कर 33 मिनट पर जाने से पहले भगत सिंह लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे और उनसे पूछा गया की उनकी आखिरी इच्छा क्या है तो भगत सिंह जी ने कहा की मुझे किताब पूरी कर लेने दीजिए।
कहा जाता है कि उन्हें जेल के अधिकारियों ने बताया की उनकी फांसी दी जानी है अभी के अभी तो भगत जी ने कहा की “ठहरिये! पहले एक क्रान्तिकारी दूसरे से मिल तो ले” फिर एक मिनट बाद किताब छत की ओर उछाल कर बोले – “ठीक है अब चलो”
मरने का डर बिल्कुल उनके मुख पे नहीं था डरने के वजह वे तीनों ख़ुशी से मस्ती में गाना गा रहे थे।
मेरा रँग दे बसन्ती चोला, मेरा रंग दे; मेरा रँग दे बसन्ती चोला, माय रँग दे बसन्ती चोला…
भगत सिंह राजगुरु सुखदेव को फांसी दे दी गयी। ऐसा भी कहा जाता है कि महात्मा गांधी चाहते तो भगत जी और उनके साथियों की फांसी रुक जाती, मगर गांधी जी ने फांसी नहीं रुकवाई।
भगत सिंह जी के बेदर्दी से टुकड़े टुकड़े किये थे अंग्रेजों ने
फांसी के बाद कहीं आन्दोलन न भड़क जाए इस डर की वजह से अंग्रेजों ने पहले मृत शरीर के टुकड़े टुकड़े किये और बोरियों में भरकर फिरोजपुर की तरफ ले गए.
मृत शरीर को घी के बदले मिटटी किरोसिन के तेल से जलाने लगे और गाँव के लोगों ने जलती आग के पास आकर देखा तो अंग्रेज डर के भागने लगे और अंग्रेजों ने आधे जले हुए शरीर को सतलुज नदी में फैंक दिया और भाग गए.
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गाँव वालों ने पास आकर शहीद भगत सिंह जी के टुकड़े को इकठ्ठा किया और अंतिम संस्कार किया.
लोगों ने अंग्रेजों के साथ साथ गांधी जी को भी भगत सिंह जी की मृत्यु का दोषी ठहराया और गांधी जी लाहौर के कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने जा रहे थे तो लोगों ने काले झंडों के साथ गांधी जी का स्वागत किया और कई जगह तो गांधी जी पर हमला हुए और सादी वर्दी में उनके साथ चल रही पुलिस ने बचा लिया नहीं तो गाँधी जी को मार दिया जाता.
भगत सिंह जी का व्यवहार – History of Bhagat Singh in Hindi
भगत सिंह जी ने जेल के दिनों में जो खत आदि लिखे थे उससे उनके सोच और विचार का पता चलता है। उनके अनुसार भाषाओं में आई हुई विशेषता जैसे की पंजाबी के लिए गुरुमुखी व शाहमुखी तथा हिंदी अरबी जैसी अलग अलग भाषा की वजह से जाति और धर्म में आई दूरियाँ पर दुःख व्यक्त किया।
अगर कोई हिन्दू भी किसी कमजोर वर्ग पर अत्याचार करता था तो वो भी उन्हें ऐसा लगता था जैसे कोई अंग्रेज हिंदुओं पर अत्याचार करते है।
भगत सिंह जी को कई भाषाएँ आती थी और अंग्रेजी के अलावा बांगला भी आती थी जो उन्होंने बटुकेश्वर दत्त से सीखी थी। उनका विश्वास था की उनकी शहादत से भारतीय जनता और जागरूक हो जायेगी और भगत सिंह जी ने फांसी की खबर सुनने के बाद भी माफीनामा लिखने से मना कर दिया था।
उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़-ए- ज़फ़ा क्या है? हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या है? दहर से क्यों ख़फ़ा रहें, चर्ख का क्या ग़िला करें। सारा जहाँ अदू सही, आओ! मुक़ाबला करें।।
इन जोशीली पंक्तियों से उनके शौर्य का अनुमान लगाया जा सकता है। चंद्रशेखर आजाद से पहली मुलाकात के समय जलती हुई मोमबती पर हाथ रखकर उन्होंने कसम खायी थी कि उनकी जिन्दगी देश पर ही कुर्बान होगी और उन्होंने अपनी वह कसम पूरी कर दिखायी। उन्हें भुलाया भी नहीं भुलाया जा सकता।
शहीद भगत सिंह जी को प्राप्त ख्याति और सम्मान
भगत सिंह जी के शहीद होने की ख़बर को लाहौर के दैनिक ट्रिब्यून तथा न्यूयॉर्क के एक पत्र डेली वर्कर ने छापा। उसके बाद कई मार्क्सवादी पत्रों में उन पर लेख छापे गए, पर क्योंकि भारत में उन दिनों मार्क्सवादी पत्रों के आने पर रोक लगी हुई थी इसलिए भारतीय बुद्धिजीवियों को इसकी ख़बर नहीं थी। देशभर में उनकी शहादत को याद किया गया.
आज भी भारत और पाकिस्तान की जनता भगत सिंह को आज़ादी के दीवाने के रूप में देखती है जिसने अपनी जवानी सहित सारी जिन्दगी देश के लिये समर्पित कर दी.
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sushantdpatil182 · 4 years
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मेरी माँ पर निबंध हिंदी में (Essay on my mother in hindi)
मेरी माँ पर निबंध हिंदी में (Essay on my mother in hindi)
मेरी मां एक साधारण महिला हैं वह मेरी सुपर हीरो हैं। मेरे हर कदम में उसने मेरा साथ दिया और हौसला बढ़ाया। चाहे दिन हो या रात वह हमेशा मेरे लिए रहती थी चाहे कोई भी हालत हो। इसके अलावा, उसका हर काम, दृढ़ता, समर्पण, समर्पण, आचरण मेरे लिए प्रेरणा है।
मैं उससे प्यार करता हूं क्योंकि वह मेरी मां है और हमें अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। मैं उसका सम्मान करता हूं क्योंकि उसने मेरा ध्यान रखा है जब मैं…
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teacher or student jokes
टीचर – संजू यमुना नदी कहॉं बहती है ? संजू – जमीन पर टीचर – नक्शे में बताओं कहॉं बहती है ? संजू – नक्शे में कैसे बह सकती है, नक्शा गल नहीं जाएगा      टीचर : तुम परिंदो के बारे में सब जानते हो ?? संजू : हाँ टीचर : अच्छा ये बताओ कौन सा परिंदा उड़ नहीं सकता ?? संजू : मरा हुआ परिंदा  भाग पागल कहीं का  टीचर (स्टूडेंट से) : सेमेस्टर सिस्टम से क्या फायदा है, बताओ? स्टूडेंट : फायदा तो पता नहीं, पर बेइज्जती साल में दो बार हो जाती है टीचर : वाक्य को अंग्रेजी में ट्रांसलेट करो ‘वसंत ने मुझे मुक्का मारा’ संजू : वसन्तपंचमी  टीचर: नालायक पढ़ ले कभी तुने अपनी कोई बुक खोल के देखी है? संजू : हाँ मैं रोज़ खोलता हूँ एक बुक! टीचर : कौन सी? संजू : फेसबुक  टीचर : मैं 2 वाक्य दूंगा आपको उसमें अंतर बताना है 1. उसने बर्तन धोये 2. उसे बर्तन धोने पड़े संजू : पहले वाक्य में कर्ता अविवाहित है और दुसरे वाक्य में कर्ता विवाहित है। टीचर अभी तक बेहोश है।    इंजीनियरिंग के स्टूडेन्ट – Sir, हमने कॉलेज में एक ऐसी चीज बनाई है…जिसकी सहायता से आप दीवार के आर-पार देख सकते हैं… सर (खुश होते हुए) – वाह ! क्या बात है…क्या चीज है वह ? स्टुडेन्ट – छेद… सर – दे थप्पड़… दे थप्पड़… टीचर – बेटा कबूतर (Kabutar) पर एक वाक्य बनाओ… स्टूडेंट – शाम को पी हुई दारु, साली Kab Utar जाती है… पता ही नहीं चलता… टीचर अभी तक बेहोश है पूरी जवानी निकली जा रही है, इसी इंतजार में…मिलेंगे अगर स्कूल के टीचर तो पूछुँगा जरूर… ये साईन थीटा, कोस थीटा और टेन थीटा का उपयोग कब करना है… टीचर : एक टोकरी में 10 आम है , उसमें से २ आम सड़ गए , बताओ कितने आम बचे ? संजू : सर , 10 आम टीचर : वो कैसे ? संजू : सड़ने के बाद भी आम तो आम ही रहेगा ना , केले तो बन नहीं जायेंगे  आज संजू एक वकील है टीचर: तुम पढ़ने में ध्यान क्यों नहीं देते हो? स्टूडेंट : क्योंकि पढाई सिर्फ दो वजहों से की जाती है….. पहला कारण :डर से दूसरा कारण : शौख़ से और,बिना वजह के शौख हम रखते नहीं और डरते तो किसी के बाप से नहीं। टीचर:- “क्लास में लड़ाई क्यों नही करनी चाहिए..?” संजू:-“क्योंकि पता नही एग्जाम में कब किसके पीछे बैठना पड़ जाये..!” स्कूल मे एक दिन टीचर संजू से :- तुम बड़े होकर क्या बनोगे? संजू :- मेम मै बड़ा होकर सी. ए (CA) बनूँगा, सभी महानगरों मे मेरा बिजनेस चलेगा, हमेशा हवाई यात्रा करूँगा, हमेशा 5 स्टार होटल मे ठहरूँगा, हमेशा 10 नौकर मेरे आसपास रहेंगे, मेरे पास सबसे महंगी कार होगी, मेरे पास सबसे महंगे… टीचर :- बस संजू बस!! बच्चों आप सब को इतना लम्बा जवाब देने की आवश्यकता नही है, ��िर्फ एक लाइन मे जवाब देना… … अच्छा पिंकी तुम बताओ तुम बड़ी होकर क्या बनोगी ? पिंकी :- संजू की पत्नी.. टीचर : मैं जो पूछूँ उसका जवाब फटाफट देना संजू : जी सर , टीचर : भारत की राजधानी बताओ ? संजू : फटाफट टीचर अभी तक संजू को पीट रहा है टीचर –1 अक्टूबर, 2 अक्टूबर ओर 15 अक्टूबर को क्या हुआ था जिसे हर साल याद करके उत्सव के रूप में मनाया जाता हे विद्यार्थी –सर 1अक्टूबर को गांधी जी की माँ को भर्ती किया गया था ……. 2अक्टूबर को गांधी जी का जन्म हुआ था जिससे हम 2 अक्टूबर को ग़ांधी जयंती मानते हे टीचर …ओर 15 अक्टूबर क्या हुआ था ??????????????? विद्यार्थी-15 अक्टूबर को गांधी जी की पंजीरी आई थी ।।। …..टीचर आज तक कोमा में हे ……. टीचर : भारत से विदेश जाने वाली पहली महिला कौन थी? चंटू : सीता, श्रीलंका गई थी. टीचर अभी भी बेहोश है. अध्यापक -छात्र से -बताओ तुम इतिहास पुरूष में सब से ज्यादा किससे नफरत करते हो ? बच्चा : राजा राम मोहन राय से अध्यापक – क्यू ?? बच्चा – उसी नें बाल विवाह बँद करवाया था वरना आज हम भी बीवी बच्चे वाले होते ! अध्यापक: बच्चों को महाभारत पढाते हुए………..”कंस ने सुना कि देवकी का आठवां पुत्र उसे मार देगा तो उसने देवकी और वसुदेव को जेल में डाल दिया” पहला बच्चा हुआ, कंस ने मार दिया. दूसरा…….. हुआ, कंस ने मार दिया, तीसरा भी, चौथा भी……….आठवां एक शिष्य: गुरु जी एक मिन्ट.. गुरु: क्या बात है? शिष्य : अगर कंस को पता था कि देवकी और वसुदेव का आठवां बच्चा उसे मार देगा तो उसने दोनों को एक ही कोठरी में बंद क्यों किया? अध्यापक  बेहोश!  टीचर बच्चों से : कोई ऐसा वाक्य सुनाओ जिसमे हिंदी , उर्दू , पंजाबी और अंग्रेजी का प्रयोग हो संजू : इश्क़ दी गली विच no Entry टीचर बेहोश। ….. टीचर संजू से : तुम्हारे पापा क्या करते हैं ? संजू : जी , वो रोज़ गालियां कहते हैं। टीचर : क्या मतलब ? संजू : सर , वो customer care executive हैं. . अध्यापक : अगर तुम्हारा best friend और Girlfriend दोनों डूब रहे हो तो तुम किसे बचाओगे ? स्टूडेंट : डूब जाने दो सालों को ……….आखिर वो दोनों एक साथ कर क्या रहे थे ? अध्यापक ने गधे के सामने एक बोतल दारु राखी और एक बाल्टी पानी की …. गधा सारा पानी पी गया। अध्यापक ने बच्चों से पूछा तो तुमने क्या सीखा ? बच्चे : जो दारु नहीं पीता वो गधा है तीसरी क्लास का बच्चा (टीचर से) :- मैडम मै आपको कैसा लगता हूँ ?? मैडम :- सो स्वीट… बच्चो :- तो मै अपने मम्मी पापा को कब भेजूं आपके घर ?? मैडम :- क्यों ?? बच्चा :- बात आगे बढाने के लिये…….! मैडम :- ये क्या बकवास है ?? बच्चा :- ट्युशन के लिए……! क्या मैडम आप भी ��ा… कसम से व्हाट्सएप पढ-पढ कर बिगड. गई हो… टीचर: हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खुदा का मतलब बताओ? संजू: जो अपनी बीवी के सामने मर्द बनने की कोशिश करता है उसकी मदद फिर खुदा ही कर सकता है। टीचर- अगर रात में मच्छर काटे तो क्या करना चाहिए? लड़का-चुपचाप खुजा कर सो जाना चाहिए। क्योंकि आप कोई रजनीकांत तो हो नहीं कि मच्छर से सॉरी बुलवा लोगे।  टीचर-संजू एक स्टोरी सूनाओ विद मॉरल संजू -मैने उसको फोन किया वो सो रही थी…. फिर उसने मुझे फोन किया मैं सो रहा था …. . मॉरल – जैसी करनी वैसी भरनी टीचर:- एक तरफ पैसा,दुसरी तरफ अक्कल, क्या चुनोगे ? विद्यार्थीः पैसा. टीचर:- गलत, मै अक्कल चुनती विद्यार्थीः- आप सही कह रही हो मेडम,जिसके पास जिस चीज की कमी होती है वो वही चुनता है …………… दे थप्पड़ दे थप्पड़   एक टीचर ने बच्चे से पूछा : स्कूल क्या है ….?? बच्चे ने जवाब दिया : स्कूल वो जगह है ..जहाँ पर हमारे पापा को लूटा जाता है और हमें कूटा जाता है ..  मास्टर ने पूछा- कविता और निबंध में क्या अंतर है?? स्टूडेंट- प्रेमिका के मुंह से निकला एक शब्द भी कविता होता है और पत्नी का एक ही शब्द निबंध के समान होता है.. मास्टर के आंख में आंसू आ गए, गला भर आया.. उन्होने उस लड़के को क्लास का मानीटर बनाया । टीचर : किसी ऐसे द्रव्य का नाम बताओं जिसे जमा नहीं सकते ? स्टुडेन्ट : गरम पानी ! टीचर : कौन से महिने में 28 दिन होते है ? स्टुडेन्ट : Sir, वो तो हर महिने में होते है… ! टीचर (गुस्से में) : जा.. बाहर जाकर लाईन में सबसे आखीर में खड़े हो जा… थोड़ी देर बाद… टीचर (गुस्से में) : तुझे मैंने कहा था न सबसे आखीर में खड़ा हो जा.. स्टुडेन्ट : Sir, पर उस जगह पर पहेले से ही कोई ख़ड़ा है !! शिक्षक ने Black Board पर एक वाक्य लिखा और पूछा… “पोलिस वाला, ट्रक ड्राईवर को धमका रहा है” इस वाक्य का नकारात्मक वाक्य बनाइए… तभी तुरंत चंदु उठा और बोला – “सर, ट्रक ड्राईवर ने पोलिस वाले को हफ्ता दिया नहीं है” सर ने क्लास में पूछा : एक महान वैज्ञानिक का नाम बताओ? लड़का: आलिया भट्ट ! सर: छड़ी हाथ में लेकर…..यह सीखे हो? दूसरा: ये तोतला है सर, आर्यभट्ट बोल रहा है…. बायोलॉजी के टीचर- सेल मतलब शरीर की कोशिकाएं… फिजिक्स केे टीचर- सेल मतलब बैटरी… इकॉनॉमिक के टिचर- सेल मतलब बिक्री…. हिस्ट्री के टीचर- सेल मतलब जेल…. अंग्रेजी के टीचर- सेल मतलब मोबाइल मैने तो भाई पढ़ाई ही छोड दी,जिस स्कूल में पाँच शिक्षक…एक शब्द पर एकमत नहीं हैं…उस स्कूल में पढ़ कर हमें क्या मिलेगा? टीचर- कल स्कूल क्यों नहीं आया था? लड़का- क्यों… कल जो आये थे वो कलेक्टर बन गए क्या ??? शिक्षक: बच्चों क्या तुम जानते हो क़यामत कब आएगी? छात्र: हाँ सर,जब वैलेंटाइन डे और रक्षाबंधन एक ही दिन होगा…. टीचर :- न्यूटन का नियम बताओ.. लड़का:- सर पूरी लाइन तो याद नहीं,, लास्ट का याद है. टीचर :- चलो लास्ट का ही सुनाओ लड़का : …और इसे ही न्यूटन का नियम कहते है.. एक पाकिस्तानी लड़के ने भारत के स्कूल में एडमिशन लिया। टीचर- तुम्हारा नाम क्या है? लड़का- रहीम  टीचर- अब तुम भारत में हो,इसलिए आज से तुम्हारा नाम हम ” राम ” रखते है। लड़का घर पहुंचा… मां- पहला दिन कैसा रहा रहीम? लड़का- मैं अब भारतीय हूं और आगे से मुझे राम कहकर पुकारना। मां और पापा ने यह सुनते ही उसकी जमकर धुनाई कर दी। शरीर पर चोट के निशान लिए अगले दिन वह स्कूल पहुंचा। टीचर- क्या हुआ राम ? लड़का- मेरे भारतीय बनने के 4 घंटे बाद ही मुझपर 2 पाकिस्तानियों ने हमला कर दिया टीचर छात्र से : – आयात और निर्यात का एक अच्छा सा उदाहरण बताओ. छात्र :- सोनिया और सानिया .. टीचर :- आपके चरण कहाँ हैं भगवान्। पप्पु एकदम जिन्दा आदमी जैसी तस्वीर बनाता था, स्कूल के मास्टर- भाईसाहब, आपका बेटा बड़ा शरारती है, कल फर्श पे 500 का नोट बना दिया, उसे उठाने के चक्कर में मेरे नाख़ून ही टूट गए। पप्पु पिता :- मास्टर जी मैं खुद अस्पताल में हूँ, साले ने बिजली के सॉकेट पे करीना की फोटो बना दी, सारे होंठ जल गए टीचर – बेटा तुम्हारे घर में सबसे छोटा कौन है? बच्चा – मेरे पापा, टीचर हैरान होकर बोला – बेटा वो कैसे? बच्चा – क्यूंकि वो अभी तक मम्मी के साथ सोते हैं … टीचर बेहोश टीचर: अगर कोई स्कूल के सामने bomb रख जाए , तो तुम क्या करोगे ? स्टूडेंट : 1 – 2 घंटे देखेंगे अगर कोई ले जाता है तो ठीक है , वरना Staff Room में रख देंगे
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sahu4you · 4 years
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राजपूत के लिए शायरी 2020 - Rajputana Status in Hindi
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राजपूत स्टेटस - (Rajputana Status in Hindi) आज के इस लेख में हम आपके लिए Best Collection Of Rajput Status लेकर आएं है जिसमे राजपूतों के लिए राजपूत स्टेटस और शायरी व कोट्स का एक बेहतरीन संग्रह यहाँ से पढ़ सकते है, New Rajput Attitude Status के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े जहाँ आपको नए नए राजपूतो पर आधारित स्टेटस और शायरी मिलती रहेगी।
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Best Rajputana Attitude Status or Shayari in Hindi अगर आपने राजपूत स्टेटस Rajput Status और Rajputana Shayari के लिए गूगल में सर्च किया है तो यकीन मानिये आप बिलकुल सही पोस्ट को पढ़ रहें है, यहाँ आपको राजपूताना स्टेटस, ठाकुर साहब स्टेटस, रॉयल बन्ना और बाइसा के लिए बहुत अच्छे-अच्छे स्टेटस और शायरी पढ़ने को मिलेगी, जिससे आप Whatsapp, Facebook और Instagram पर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है।
Best Rajputana Status in Hindi (Rajput Status 2019)
शाही राजपूताना अंदाज में जीवन यापन करने वाले राजपूतो के लिए रॉयल राजपूताना स्टेटस और राजपुताना शायरी का सबसे अच्छा संग्रह लेकर आये है, राजपूतों की आन-बान-शान, टशन भरी जिन्दगी को लेकर यह स्टेटस बनाये है तो अगर आप सच्चे राजपूत है तो इससे अपने दोस्तों के साथ जरूर फेसबुक पर व्हाट्सप्प पर शेयर करें। धोखेबाज दोस्त पर शायरी - Dhokebaaz Dost Shayari in Hindi एटीट्यूड स्टेटस हिंदी में - Attitude Status in Hindi भगत सिंह निबंध - शहीद दिवस पर भाषण Rajput Whatsapp Status in Hindi ठण्ड उनको लगती है जिनके कर्मो में दाग है, हम तो राजपूत हैं, हमारे खून में भी आग है पुत्र मैं माँ भवानी का मुझ पर किसका जोर, काट दूंगा हर वो सर को जो उठा राजपूताना की ओर हकूमत दूसरों के दम पर तो कोई भी कर ले, जो अपने दम पर छा जाए वो हम हैं Royal Hindi Rajput Status पंगा लेना गोली की रफ़्तार से, पर कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से जिनके चर्चे दूर तलक दिखते हैं, हम वही राजपूत हैं जिनके अंदाज अलग दिखते हैं आँखे न दिखा हमको, हम वो राजपूत हैं जो आँखे निकाल लिया करते हैं Rajput Ke Whatsapp Status हम मचलते हैं तो तूफ़ान मचल जाते हैं, हम बदलते हैं तो इतिहास बदल जाते हैं माशूका नहीं हूँ जो बेवफाई करूँगा, तेज तलवार हूँ सिर्फ तबाही करूँगा हमारी रगों में वो खून दौड़ता है, जिसकी एक बूंद अगर तेजाब पर गिर जाए तो तेजाब जल जाये Rajput Best Status in Hindi हम तो राजपूत शेर हैं, हमें नजदीक से देखने की इज़ाज़त, तो सरकार भी नहीं देती जिस शहर में तुम्हें मकान कम और शमशान ज्यादा मिलें, समझ लेना वहां किसी ने राजपूत से आँख मिलाने की जुर्रत की है तमंचा तो सिर्फ शौक के लिए है, खौफ के लिए तो नाम ही काफी है Attitude Rajput Status in Hindi राजपूत से दोस्ती कर लो तो जन्नत मिल जाएगी, मगर दुश्मनी की तो छिपने के लिए पूरी दुनिया कम पड जाएगी जब तक हमारे सर पर ऊपर वाले की रहमत रहेगी, भगवान कसम हर बन्दे में राजपूत नाम की दहशत रहेगी हमारी गिनती शरीफों में की जाती है, अगर कोई पहले ऊँगली न करे तो… जय राजपूताना Best Rajputana Attitude Status or Shayari in Hindi Rajputana Whatsapp Status कागजो पर तो अदालते चलती है, हम तो रॉयल Rajput छोरे है, फैसला on the spot करते है !! पुत्र मैं माँ भवानी का मुझ पर किसका जोर, काट दूंगा हर वो सर को जो उठा राजपूताना की ओर !! राजपूत के जीने का तरीका थोड़ा अलग है, हम उमीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है !! Rajputana Royal Hindi Status राजपूत की जूती और राजपूत के दुश्मनो में कुछ भी ‪‎फर्क‬ नहीं है, क्योंकि ‪‎जूती ‬और दुश्मन दोनों राजपूत के पैरों नीचे ही रखते हैं !! राजपूत की जिन्दगी जीने के लिए नसीब लगता है, वर्ना हीरो की जिन्दगी तो कोई भी जीता है !! हकूमत दूसरों के दम पर तो कोई भी कर ले, जो अपने दम पर छा जाए वो राजपूत हैं हम !! Rajput Rajputana Status Shayari पंगा लेना गोली की रफ़्तार से पर कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से !! औकात की बात मत कर पगली, राजपूत है हम तो इंटरनेट भी मेन बेलेंस पर चलाते है !! जिनके चर्चे दूर तलक दिखते हैं, हम वही राजपूत हैं जिनके अंदाज अलग दिखते हैं !! High Attitude Rajput Status Shayari राजपूत है हम बंदूक और गिटार दोनों चलाना जानते है, तय तुम्हे करना हे की तुम कौन सी धुन पर नाचोगी !! आँखे न दिखा हमको, हम वो राजपूत हैं जो आँखे निकाल लिया करते है !! दशहत बनाओ तो राजपूत जैसी वरना, खाली डराना तो कुत्ते भी जानते है !! Proud To Be Rajput Status Shayari माशूका नहीं हूँ जो बेवफाई करूँगा, तेज तलवार राजपूत हूँ सिर्फ तबाही करूँगा !! जिस दिन राजपूतों की सरकार बन गई ना तो अयोध्या में राम मन्दिर क्या पाकिस्तान में भी माँ भवानी का थान बना देगें !! हमारी रगों में वो खून दौड़ता है, जिसकी एक बूंद अगर तेजाब पर गिर जाए तो तेजाब जल जाये !! Rajputana Attitude Status in Hindi: Royal Rajput Status Thakur Status in Hindi देख पगली Iphone का Cover और हमारा तेवर झेलने की तेरी औकात नहीं !! हर किसी को ख़ुश रख सके वो सलीका हमें नहीं आता, जो हम नहीं है, वो दिखने का तरीका हमें नहीं आता !! अपना Attitude उस Revolver की तरह है, जिसे देखते ही लोगों की फट जाती है !! Rajput Baisa Status in Hindi हम सल्तनत देख कर दोस्ती नहीं करते और परिणाम सोचकर दुश्मनी नहीं करते !! जंगल में शेर की दहाड़ ही काफी है और शहर में हमारा नाम ही काफी है। #Rajput याद रखना जितनी गहरी #राजपूत की मोहब्बत होती है, उतनी गहरी दुश्मनी भी होती है। Rajput Love Status in Hindi रावले के दरबार कभी झुकते नहीं, और राजपूती शान के चर्चे कभी रखते नहीं !! दुश्मनों को उजारने के लिए बन्ना को तूफान की जरुरत नहीं, बन्ना अपने आप में एक बवंडर है !! ठण्ड उनको लगती है जिनके कर्मो में दाग है, हम तो राजपूत हैं, हमारे खून में भी आग है !! Rajputana Attitude Shayari Status हमारे संस्कार हमें झुकना जरूर सिखाते है, पर किसी की अकड़ के आगे नहीं _जय राजपूत_एकता !! बड़े-बड़े धमाके करने वाला फौलाद हूँ, सोच समझ कर बोलना बेटे.. राजपूत की औलाद हूँ !! राजपूत है हमें मौत भी पीछे से धोखा देकर आती है, दुश्मनों की क��या औकात जो सामने से वार करे !! Whatsapp Rajput Status in Hindi माचिस तो यूं ही बदनाम है, राजपूतों के तेवर तो आज भी आग लगाते है. हमारी गुस्ताखी की हद मत पूछ, हम #राजपूत है, जमीं पर पैर रखकर आसमान #कुचल देते है. राजपूत के तेवर का पैमाना नाप सके, तेरी औकात के थर्मामीटर में इतनी #Degree ही कहा. Royal Rajputana Status in Hindi हीरे की चमक और राजपूत का #‎Attitude कभी कम नहीं होता। ज्यादा गर्म मत हो मैं राजपूत हूं लोहे को भी पिघला देता हूं। जमाना बदल गया, इतिहास बदल गया लेकिन राजपूत का ‪#‎Attitude ना कभी बदला है, ना कभी बदलेगा। लोग Style में रहने के लिए क्या पता क्या-क्या करते है, मैं राजपूत हूं मेरे तो तेवर ही काफी है। इस तरह ना देख पगली आंखों में बस जाऊंगा, राजपूत हूं रगों में उतर जाऊंगा। Thakur Attitude Status in Hindi जितनी पीने के बाद तुम्हारा नशा नहीं उतरता, उतने में तो हमारी मूंछ के भी नशा नहीं चढ़ता। #Rajput तेवर से हमारे आज भी अंगारे बरसते है क्योंकि खून आज भी खानदानी है। तू इश्क है मेरा इसलिए दूर है वरना ज़िद होती तो शाम तक बाहों में होती। ललकार मत, #राजपूत हूं मुड़ के देख लिया तो लाल-पीला सब एक साथ हो जाएगा। मुबारक हो तुम्हें तुम्हारा हुस्न, हमारे तो तेवर ही हमारी शान है। #Rajput भाई पर बेहतरीन हिंदी स्टेटस - Brother Status in Hindi होली त्यौहार पर शायरी - Happy Holi Shayari in Hindi 2019 सैमसंग सीक्रेट कोड की सूची - 100+ गुप्त कोड निष्कर्ष: जी हाँ दोस्तों, आपको आज की पोस्ट कैसी लगी, आज हमने आपको बताया बिंदास राजपूत स्टेटस और राजपूत/ राजपुताना स्टेटस बहुत आसान शब्दों में, हमने आज की पोस्ट में भी सीखा। आज मैंने इस पोस्ट में Latest Rajputana Status in Hindi सीखा। आपको इस पोस्ट की जानकारी अपने दोस्तों को भी देनी चाहिए। वे और सोशल मीडिया पर भी यह पोस्ट ज़रूर साझा करें। इसके अलावा, कई लोग इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं। यदि आप हमारी वेबसाइट के नवीनतम अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको हमारी Sahu4You वेबसाइट सब्सक्राइब करना होगा। नई तकनीक के ��ारे में जानकारी के लिए हमारे दोस्तों, फिर मिलेंगे ऐसे ही नई प्रौद्योगिकी की जानकारी के बारे में, हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद, और अलविदा दोस्तों आपका दिन शुभ हो। Read the full article
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sushantdpatil182 · 4 years
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मेरी माँ पर निबंध हिंदी में (Essay on my mother in hindi)
मेरी माँ पर निबंध हिंदी में (Essay on my mother in hindi)
अगर कोई मुझसे पूछे कि मेरा हीरो कौन है, तो मैं बिना किसी शक के कहूंगा, माय मदर। वह मेरे लिए अविश्वसनीय और भगवान के बगल में है। माँ इस दुनिया का सबसे प्यारा और उपयुक्त शब्द है। यह एकमात्र शब्द है जो किसी भी बच्चे को राहत, शांति और प्यार देता है। अगर मां नहीं है, तो कोई खुशी नहीं है। एक माँ की बाहों में सुख की दुनिया आसानी से मिल सकती है।
जब यह मेरी माँ की बात आती है तो वास्तव में शब्दों की कमी…
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sushantdpatil182 · 4 years
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मेरा पसंदीदा शिक्षक पर निबंध हिंदी में (Essay on My Favorite Teacher in Hindi)
मेरा पसंदीदा शिक्षक पर निबंध हिंदी में (Essay on My Favorite Teacher in Hindi)
हम सभी को पता है की हमारे जीवन मे तीन व्यक्ति ऐसी होती है की, जिनके बिना अपनी ज़िंदगी अधूरी रहती है। मतलब जैसे की अपनी धरती पर जब तक सूरज की रोशनी नहीं आती तब तक उसे सुबह नहीं कह सकती।
इस तरह अपने जीवन मे अगर ये तीन लोग नहीं होंगे तो अपनी ज़िंदगी उस अंधेरे की तरह है, जहा कभी प्रकाश हुआ ही नहीं है। वो तीन व्यक्ति है अपनी माँ, अपने पिता और अपने शिक्षक।
शिक्षक अपना वो गुरु होता है, जो हमे ये सिखाता है…
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sushantdpatil182 · 4 years
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मेरे पिता पर निब��ध हिंदी में (Essay on My Father in Hindi)
मेरे पिता पर निबंध हिंदी में (Essay on My Father in Hindi)
आमतौर पर, लोग एक माँ के प्यार और स्नेह के बारे में बात करते हैं, जिसमें एक पिता के प्यार को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। एक माँ के प्यार के बारे में हर जगह, फिल्मों में, शो में और अधिक के बारे में बात की जाती है।
फिर भी, जो हम स्वीकार करने में विफल होते हैं वह एक पिता की ताकत है जो अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता है। पिता का आशीर्वाद जो बहुत से लोगों के जीवन में नहीं है। यह कहना भी गलत होगा कि हर…
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sushantdpatil182 · 4 years
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जवाहरलाल नेहरू जी पर निबंध हिंदी में (Essay on jawaharlal nehru ji in hindi)
जवाहरलाल नेहरू जी पर निबंध हिंदी में (Essay on jawaharlal nehru ji in hindi)
जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील थे। उनकी माँ, स्वारुप्रानी थूसू, एक प्रसिद्ध कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से आई थीं। जवाहरलाल नेहरू को कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ उनकी जड़ों के कारण ‘पंडित नेहरू’ के रूप में भी जाना जाता था, जबकि बच्चों को ‘चाचा नेहरू’ के रूप में जाना जाता…
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sushantdpatil182 · 4 years
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गाय पर निबंध हिंदी में (Essay on cow in hindi)
गाय पर निबंध हिंदी में (Essay on cow in hindi)
गायों को हिंदू धर्म में पवित्र जानवरों के रूप में माना जाता है और देवी की तरह उनकी पूजा की जाती है। उम्र से, लोग गाय को एक माँ के रूप में सम्मान देते हैं और इसे “गौ माता” के रूप में संदर्भित करते हैं। गायें घरेलू जानवर हैं और लोगों ने अपने घरों में गायों के लिए विशेष रूप से अस्तबल बनाया है ताकि उनसे विभिन्न लाभ प्राप्त किए जा सकें। शाकाहारी जानवरों के होने के कारण, गायों को हिंदू धर्म द्वारा…
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sushantdpatil182 · 4 years
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प्रकृति पर निबंध हिंदी में (Essay on nature in hindi)
प्रकृति पर निबंध हिंदी में (Essay on nature in hindi)
प्रकृति हमारे चारों ओर ईश्वर की सबसे दिव्य रचना है, इसे मानव जाति का अभिन्न अंग माना जाता है। प्रकृति ने हमें इस ग्रह पर जीवित रहने के लिए पानी, हवा, पौधों और बहुत कुछ दिया है। लेकिन क्या हम अपनी माँ की प्रकृति पर वापस लौट रहे हैं? इसका उत्तर यह है कि हम न केवल वापस भुगतान करने में असफल रहे हैं बल्कि प्रकृति का भी काफी हद तक दोहन किया है।
प्रकृति चारों ओर से सुंदरता प्रदान करती है, यह प्रकृति है…
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sushantdpatil182 · 4 years
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विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on world environment day in hindi)
विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on world environment day in hindi)
इस ग्रह पर जीवित रहने में हमारी मदद करके पर्यावरण हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। माँ प्रकृति ने हमें इस खूबसूरत वातावरण की पेशकश की है, जो हमारे जीवन को टिकाऊ बनाता है। पर्यावरण के बिना पृथ्वी पर जीवित रहना पूरी तरह से असंभव है।
बस यह मान लें कि आपके पास पानी और भोजन नहीं है, क्या आप जीवित रह पाएंगे? नहीं, बिल्कुल नहीं, हालांकि, यह एक दिन हो सकता है अगर हम इस पर्यावरण को संरक्षित…
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sushantdpatil182 · 4 years
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दुर्गा पूजा पर निबंध हिंदी में (Essay on Durga Puja in Hindi)
दुर्गा पूजा पर निबंध हिंदी में (Essay on Durga Puja in Hindi)
दुर्गा पूजा हिंदुओं का एक पवित्र त्यौहार है जिसे दानव महिसासुर पर देवी दुर्गा की विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। माँ दुर्गा “शक्ति” या “शक्ति” की प्रतीक हैं और इस प्रकार बुरे कामों में महिला शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की सर्वोच्चता का सुझाव देता है।
दुर्गा पूजा बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है। पूरे भारत में लोग इस त्योहार को विभिन्न संस्कृति और…
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sushantdpatil182 · 4 years
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पृथ्वी राज चौहान पर निबंध हिंदी में (Prithvi Raj Chauhan Essay in Hindi)
पृथ्वी राज चौहान पर निबंध हिंदी में (Prithvi Raj Chauhan Essay in Hindi)
पृथ्वीराज चौहान पृथ्वीराज चौहान का जन्म 1166 में अजयमेरु में हुआ था। उनके पिता सोमेश्वर चौहान और माँ कर्पूरी देवी, एक त्रिपुरी के आचार्यराज की पुत्री कलचुरी (चेदि) राजकुमारी थीं। मुहम्मद गोरी ने भारत पर कई बार हमला किया। पहली बार उन्हें राजपूतों द्वारा वर्तमान गुजरात में भेजा गया था। मूलाराजा- II अभी तक किशोर नहीं थी और उसकी मां ने पट्टन के बचाव का आयोजन किया।
1178 ई में माउंट आबू के पास कयादरा…
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sushantdpatil182 · 4 years
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गुरु का महत्व पर निबंध हिंदी मे (Importance of Guru Essay in Hindi Language)
गुरु का महत्व पर निबंध हिंदी मे (Importance of Guru Essay in Hindi Language)
माँ बच्चे को पहला जन्म देती है। हम मां के माध्यम से दुनिया में आते हैं। लेकिन दूसरा जन्म गुरु के माध्यम से होता है। गुरु आपको ज्ञान और कौशल प्रदान करता है।
हम सभी शिक्षक, मार्गदर्शक, गुरु की भूमिका निभाते हैं, लेकिन जब आध्यात्मिक ज्ञान इतना अधिक होता है, तो उसे सत्गुरु कहा जाता है। एक आचार्य ज्ञान देता है और गुरु जागरूकता की ऊंचाई देता है और आपको जीवित बनाता है। आचार्य जानकारी देते हैं; गुरु…
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