जेएनयू प्रदर्शन पर 15 हजार रुपये तक का जुर्माना, छात्रों का दावा
जेएनयू प्रदर्शन पर 15 हजार रुपये तक का जुर्माना, छात्रों का दावा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों के एक वर्ग ने दावा किया है कि प्रशासन ने उन पर हजारों रुपये का जुर्माना लगाया है और विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए अगले सेमेस्टर के लिए पंजीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। जुर्माना 10,000 रुपये से 15,000 रुपये तक है, छात्रों ने दावा किया और प्रशासन पर “उत्पीड़न” का आरोप लगाया। हालांकि, जेएनयू के चीफ प्रॉक्टर रजनीश कुमार मिश्रा ने आरोपों से इनकार करते…
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छात्रसंघ ने की जेएनयू छात्रावास से सीसीटीवी हटाने की मांग की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रावास परिसर में लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों के खिलाफ एक बार फिर छात्रसंघ मुखर हो गया है। छात्रसंघ ने परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया को ...। Source link
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JNU हिंसा: चार ��हीने में पुलिस, अभी तक कार्रवाई करने के लिए, छात्रों को अभी भी भयभीत और सही, वाम जारी दोष खेल - Firstpost
JNU हिंसा: चार महीने में पुलिस, अभी तक कार्रवाई करने के लिए, छात्रों को अभी भी भयभीत और सही, वाम जारी दोष खेल – Firstpost
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के नेत्रहीन छात्र सूर्या प्रकाश ने पीएचडी पाठ्यक्रम में दाखिला लिया। कारण? “कुछ लोगों ने मेरे कमरे में प्रवेश किया था और मुझे बेरहमी से लोहे की छड़ों से पीटा था।” वह 5 जनवरी को जेएनयू परिसर के अंदर हुई हिंसा को संदर्भित करता है। भले ही इस घटना को हुए चार महीने से अधिक हो गए हों, लेकिन उनकी याद में यह अभी भी स्पष्ट है।
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JNU में हिंसा के बीच छात्रों को लोहे के रॉड से पीटने का दिल-दहला देने वाला VIDEO आया सामने
JNU में हिंसा के बीच छात्रों को लोहे के रॉड से पीटने का दिल-दहला देने वाला VIDEO आया सामने
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नई दिल्ली:
देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू ��ूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार शाम को छात्रों के साथ हुई मारपीट का एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक युवक जिसने अपने चेहरे पर कपड़ा बांधा हुआ है, हाथ में हथौड़े और लोहे के रॉड से छात्रों की पिटाई करते दिख रहे हैं. इस दौरान जेएनयू की छात्राएं चिल्ला रही हैं और कह रही हैं आप कौन हैं और हमें क्यों मार रहे हैं. इस हमले में…
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JNU छात्र संघ चुनाव कल, आठ उम्मीदवार मैदान में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव के लिए चुनाव प्राधिकारियों ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. Source link
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JNU administration warns of cancellation citing disturbance of peace | जेएनयू प्रशासन ने शांति बिगड़ने का हवाला देते हुए रद्द करने की दी चेतावनी
JNU administration warns of cancellation citing disturbance of peace | जेएनयू प्रशासन ने शांति बिगड़ने का हवाला देते हुए रद्द करने की दी चेतावनी
नई दिल्ली15 घंटे पहले
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जेएनयूएसयू छात्र संघ के छात्रों के एक ग्रुप ने शनिवार रात को राम के नाम फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए एक पैम्फलेट जारी किया है। छात्रों के ग्रुप ने टेफलास बिल्डिंग में रात 9.30 बजे इसकी स्कीनिंग की बात कही है। लेकिन जेएनयू प्रशासन का कहना है कि इस तरह की गतिविधि से कैंपस में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है। फिल्म की स्क्रीनिंग से जेएनयू कैंपस की शांति बिगड़ सकती…
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कन्हैया कुमार: 'गटर से निकलकर नाले में गिरने जैसा है': कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय | इंदौर समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया
कन्हैया कुमार: ‘गटर से निकलकर नाले में गिरने जैसा है’: कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय | इंदौर समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष पर निशाना साधा कन्हैया कुमारबाद में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) छोड़ दी और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, “अगर कोई नाले से बाहर आता है और नाले में गिर जाता है, तो मैं केवल उसके साथ सहानुभूति रख सकता…
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कन्हैया कुमार- जिग्नेश मेवानी 28 सितंबर को थामेंगे कांग्रेस पार्टी का हाथ
कन्हैया कुमार- जिग्नेश मेवानी 28 सितंबर को थामेंगे कांग्रेस पार्टी का हाथ
नई दिल्लीः जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के साथ 28 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होंगे, भाकपा नेता और मेवाणी के करीबी सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। कांग्रेस ने दोनों नेताओं के शामिल होने के दौरान वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में इसे हाई प्रोफाइल इंडक्शन बनाने का फैसला किया है। इस दिन शहीद भगत सिंह की जयंती का भी है।
दोनों नेताओं ने हाल…
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जेएनयूएसयू दिल्ली के सीएम को लिखता है, उनसे छात्रों को कैंपस में वापस आने की सुविधा देने का आग्रह करता है - टाइम्स ऑफ इंडिया https://cruxsdigital.com/2020/08/31/%e0%a4%9c%e0%a5%87%e0%a4%8f%e0%a4%a8%e0%a4%af%e0%a5%82%e0%a4%8f%e0%a4%b8%e0%a4%af%e0%a5%82-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%8f/?feed_id=3312&_unique_id=5f4cab57f2c93
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JNU में लगा जिन्ना मार्ग पोस्टर एबीवीपी ने जेएनयूएसयू पर लगाया आरोप नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की ओर से परिसर में एक सड़क का नाम वी.डी. सावरकर के नाम पर रखे जाने के दो दिन बाद मंगलवार की सुबह साइन बोर्ड पर ‘मोहम्मद अली जिन्ना रोड’ नामक एक पोस्टर चिपका हुआ पाया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आरोप लगाया है कि पोस्टर को वाम नेतृत्व वाले जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने लगाया है।
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JNU में हुई हिंसा पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने रजिस्ट्रार से तत्काल रिपोर्ट मांगी
JNU में हुई हिंसा पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने रजिस्ट्रार से तत्काल रिपोर्ट मांगी
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नई दिल्ली :
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू परिसर में स्थिति पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से तत्काल रिपोर्ट मांगी है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के अधिकारी ने कहा कि हमने जेएनयू परिसर में शांति सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही पुलिस अधिकारियों से भी बात की है. उधर, दिल्ली पुलिस का कहना है कि जेएनयू परिसर के भीतर फ्लैग मार्च किया जा रहा है और स्थिति…
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दिल्ली हिंसा पीड़ितों को शरण देने पर JNU प्रशासन और छात्र संघ में तनी - Jnu registrar warning against providing shelter to delhi violence victims jnusu remained defiant
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दिल्ली हिंसा पीड़ितों को शरण देने पर JNU प्रशासन और छात्र संघ में तनी - Jnu registrar warning against providing shelter to delhi violence victims jnusu remained defiant
छात्र संघ का पीड़ितों की मदद का आह्वान
दिल्ली हिंसा में अब तक 41 लोगों की मौत
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर दिल्ली के हिंसा पीड़ितों को आश्रय देने का फैसला किया है. इस पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार की ओर कड़ी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी जारी की गई है. बता दें, छात्र संघ ने ‘प्रशासनिक चेतावनी से ऊपर ‘इंसानियत’ को बताते हुए हिंसा पीड़ितों की मदद का आह्वान किया है.
जेएनयू छात्र संघ ने यह भी कहा है कि ‘सरकारी उत्पीड़न के शिकार पीड़ितों (विक्टिम्स ऑफ स्टेट ऑपरेशन)’ की मदद के लिए यूनिवर्सिटी के दरवाजे हमेशा के लिए खुले हैं. उधर शुक्रवार को जारी एक नोटिस में जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने हिंसा के पीड़ितों को आश्रय देने में शामिल पाए गए छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी. बता दें, दिल्ली हिंसा में अब तक कम से कम 41 लोगों की जान चली गई है और 200 से अधिक लोग घायल हैं.
छात्रसंघ और प्रशासन में खींचतान
जेएनयू छात्र संघ ने एक ट्वीट में लिखा है, जेएनयू 1984 (सिख विरोधी हिंसा) में भी आश्रय देने के लिए आगे आया था और आज भी आश्रय देने के लिए खुला है. ‘सरकारी उत्पीड़न के शिकार पीड़ितों (विक्टिम्स ऑफ स्टेट ऑपरेशन)’ को आश्रय देने के लिए यह हमेशा खुला रहेगा. इस अपील के बाद जेएनयू प्रशासन ने छात्र संघ को ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ चेतावनी जारी की है. इस कदम ने अब छात्रसंघ और प्रशासन के बीच चल रही खींचतान को एक और नया मोड़ दिया है. रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है, “आपके पास जेएनयू कैंपस को शेल्टर होम बनाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.”
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मदद सामग्री बांटने की अपील
जेएनयू प्रशासन ने छात्रों को ऐसा करते हुए पाए जाने पर अनुशासनात्मक चेतावनी भी दी है. इस बीच, जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि छात्र जेएनयू में सामान जुटा सकते हैं ताकि हिंसा पीड़ितों के बीच उसे बांटा जा सके. इसमें जेएनयू प्रशासन उनकी मदद के लिए तैयार है. जगदीश कुमा ने जेएनयू में 5 जनवरी की हिंसक घटना को याद करते हुए कहा, जेएनयू के कुछ छात्रों ने कहा है कि जेएनयू बाहरी लोगों (हिंसा पीड़ितों) को आश्रय देने के लिए खुला है. ये वही छात्र हैं जिन्होंने (कहा था) कि पिछले महीने कैंपस में हुई घटनाओं के लिए बाहरी लोग ज़िम्मेदार थे. जगदीश कुमार ने कहा, विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए छात्रों की सुरक्षा और संरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है.
सोशल मीडिया पर पोस्टर वायरल
हिंसा पीड़ितों को आश्रय देने के प्रस्ताव पर जारी नोटिस में कहा गया है, “आपको ऐसी किसी भी गतिविधि के खिलाफ कड़ाई से सलाह दी जाती है, जिसमें विफल रहने पर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. आपको यह भी सलाह दी जाती है कि जेएनयू जैसे शैक्षणिक संस्थान को अध्ययन और शोध के लिए एक अनुकूल स्थान बनाए रखने की जरूरत को बरकरार रखें.”
बुधवार को छात्रसंघ ने सोशल मीडिया पर पोस्टर साझा करते हुए ऐलान किया कि ‘जेएनयू आश्रय लेने के लिए खुला है’ और ऐसा कहते हुए उन्होंने कैंपस के अंदर दिल्ली हिंसा पीड़ितों को आश्रय लेने के लिए बुलाया. हालांकि प्रशासन के उक्त नोटिस से छात्रसंघ नाराज हो गया है और बदले में उन्होंने दावा किया है कि जेएनयू हिंसा पीड़ितों के लिए खुला रहेगा.
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Delhi riots: JNU warns students' body against providing shelter to victims on campus - 'JNU को शेल्टर होम नहीं बना सकते', यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र संघ को नोटिस भेज चेताया- दिल्ली दंगा पीड़ितों को शरण देने से किया मना
Delhi riots: JNU warns students’ body against providing shelter to victims on campus – ‘JNU को शेल्टर होम नहीं बना सकते’, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र संघ को नोटिस भेज चेताया- दिल्ली दंगा पीड़ितों को शरण देने से किया मना
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के छात्रों के संघ को परिसर में पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा के पीड़ितों को आश्रय देने के खिलाफ चेतावनी दी। इस संबंध में जारी किए गए नोटिस में, जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने ऐसे किसी भी प्रयास में शामिल छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी। नोटिस में कहा गया है कि जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) को जेएनयू…
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शुक्रिया! दिल्ली सरकार... सत्यमेव जयते: कन्हैया
नई दिल्ली जेएनयू देशद्रोह केस में सीपीआई नेता व जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष सहित 10 के खिलाफ दिल्ली सरकार ने मुकदमे को मंजूरी दे दी है। इस फैसले पर तंज मारते हुए कन्हैया ने कहा कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और टीवी वाली आपकी अदालत की जगह कानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए। वहीं, दो अन्य आरोपियों उमर खालिद और अनिर्बान ने कहा कि वे खुद इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चाहते थे, ताकि सत्तारूढ़ सरकार के झूठे दावे का पर्दाफाश कर सकें। कन्हैया ने फैसले की घोषणा के तुरंत बाद लिखा, 'दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद। दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली आपकी अदालत की जगह कानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए। सत्यमेव जयते।' बता दें कि 10 आरोपियों में कन्हैया के अलावा जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भी शामिल हैं जिन्हें मामले में अरेस्ट किया गया था। तीनों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। कन्हैया बिहार के बेगुसराय से बीजेपी के गिरिराज सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव में सीपीआई की टिकट से खड़े हुए थे, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। इन दिनों बिहार में 'संविधान बचाओ रैली' कर रहे कन्हैया ने एक और ट्वीट में आरोप लगाया कि देशद्रोह का केस दर्ज कर कैसे सरकार बुनियादी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाती हैं। उन्होंने आगे लिखा, ' सेडिशन केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरूरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन कानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।' दो अन्य आरोपियों उमर और अनिर्बान ने भी ट्वीट कर कहा कि दावा किया कि दिल्ली सरकार के फैसले से हमें कोई परेशानी नहीं होगी। उमर ने ट्वीट किया, 'मेरे और अनिर्बान की तरफ से बयानः दिल्ली सरकार की तरफ से देशद्रोह केस में हमारे खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी से हमे कोई दिक्कत नहीं होगी। हमें भरोसा है कि हम निर्दोष हैं, हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम खुद इस मामले की कोर्ट में सुनवाई की मांग कर रहे थे।' उन्होंने कहा, 'कोर्ट में सुनवाई से साबित हो जाएगा कि सत्तारूढ़ सरकार की तरफ से कराया जा रहा मीडिया ट्रायल झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित है। हम काफी समय से इन झूठे आरोपों के साए में जी रहे हैं। आखिरकार, सब दूध का दूध और पानी का पानी होगा। हम कोर्ट में अपना बचाव करेंगे, हम सत्तारूढ़ सरकार के झूठ और उनके राष्ट्रवादी होने के झूठे दावे की पोल खोलेंगे।' उल्लेखनीय है कि 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आरोप लगाए गए हैं कि 9 फरवरी, 2016 को जेएनयू कैम्पस में देश विरोधी नारेबाजी की गई थी और कन्हैया, उमर सहित 10 लोगों ने इस नारेबाजी का समर्थन किया था।
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Violence in JNU, हाल ही में हुए जेएनयू हिंसा की जांच में दिल्ली पुलिस ने कैंपस में हिंसा फैलाने वाले उन गुंडों की पहचान कर ली है। जैसा कि अभी तक कहा गया है, हिंसा फैलाने वाले गुंडों ने उन छात्रों पर हमला किया था और पथराव किया था जो छात्र सेमेस्टर के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाने चाहते थे या रजिस्ट्रेशन करवाने गए थे।
दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया कि एक शख्स, जिसे पथराव करते देखा गया था, उसके चेहरे पर लाल रंग का नकाब था वह AISA कार्यकर्ता था उसका नाम चुंचु कुमार था। उस हिंसा में एक पहचान आइश घोष के रूप में भी की गई है जो की जेएनयूएसयू की अध्यक्ष हैं।
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जेएनयू हिंसा में नौ संदिग्ध में से एक आइश घोष: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को जेएनयू हिंसा मामले में नौ संदिग्धों की तस्वीरें जारी कीं और दावा किया कि जेएनयूएसयू के अध्यक्ष आईशा घोष उनमें से एक थे, पांच दिन पहले कुछ नकाबपोश लोगो ने JNU यूनिवर्सिटी के परिसर में छात्रों के साथ मारपीट की, जिसमें 35 लोग घायल हो गए।
हॉस्टल फीस में वृद्धि का विरोध करने वाले वामपंथी छात्र संगठनों के नो लोगो पर आरोप है उसमे से घोष भी संदिग्धों में से थी, उन्होंने ही फीस वृद्धी को लेक�� सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया का बहिष्कार करने का आह्वान किया।
पुलिस ने दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में 5 जनवरी को हुई हिंसा के बाद से कैंपस में तनाव है।
आईशा घोष जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) की अध्यक्ष है , उनके माता-पिता कुलपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं !
आज आईशा घोष केरल के कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्या मंत्री पिनरई विजयन से भी मिली, उन्होंने बताया की पुलिस उन्हें फ़साने की कोशिश कर रही है !
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