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#चेहरे को बिल्कुल साफ कैसे करें?
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चेहरे पर दानों का इलाज
हम सभी सबसे ज्यादा अहमियत अपने चेहरे को ही देते हैं क्योंकि इससे हमारे व्यक्तित्व का भी पता चलता है। चेहरे को देखकर ही मन के भाव आसानी से समझा जा सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि चेहरे का खास ख्याल रखा जाए।
चेहरे को भी कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं जिनमें चेहरे की रौनक कम हो सकती है। ऐसे में एक मुख्य समस्या चेहरे पर दानों की है। जिसके होने पर परेशानी बढ़ती ही जाती है ऐसे में इसकी संपूर्ण जानकारी होना बहुत ही जरूरी है।
चेहरे पर दाने निकलने का कारण | chehre par dana nikalne ke karan
आपने महसूस किया होगा कि चेहरे पर दाने (chehre par dana) नजर आने लगते हैं और हम इस का कारण खोजते रहते हैं। ऐसे में हम आपके दानों के पर्याप्त कारण बताएंगे जिससे आप समय रहते इलाज कर सकें।
1). जब कभी पेट साफ ना हो या पेट में गंदगी हो ऐसे में इसका कारण चेहरे में दानों के रूप में देखा जा सकता है।
2). प्रदूषण के कारण दानों का पाया जाना संभव हो जाता है, जो कि धूल, मिट्टी से होता है।
3). अगर आपकी त्वचा तैलीय है, तो फिर आसानी से चेहरे पर दाने (chehre par dana)  देखे जा सकते हैं।
4). बहुत ज्यादा मसालेदार, तला खाना खाने से भी दाने बढ़ते नजर आते हैं।
5). लगातार शरीर में पानी की कमी बढ़ जाने से भी चेहरे पर दाने (chehre par dana) आसानी से आ जाते हैं।
6). कभी-कभी किसी दवाई के साइड इफेक्ट भी चेहरे पर दानों (chehre par dano) का कारण बनते हैं।
7). लगातार धूम्रपान करते रहने से भी ऐसा होता है।
8). अपने आसपास साफ-सफाई ना रखने के कारण भी ऐसा होता है।
चेहरे के दानों को हटाने का घरेलू उपाय | chehre ke dano ko hatane ka Gharelu Upay
1). बेसन और दूध
अगर आप बेसन में कच्चा दूध मिलाकर उसका लेप तैयार करें और उसे नहाने से पहले लगाकर छोड़ दे तो आपको बहुत ही फायदा होगा और जल्द ही सारे दाने खत्म हो जांएगे।
2). एलोवेरा जेल
अगर अपने दानों में नियमित रूप से कुछ देर के लिए एलोवेरा जेल का उपयोग किया जाए और उसे ठंडे पानी से धो लिया जाए तो निश्चित रूप से फायदा होगा।
3). पानी
अक्सर ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है इससे कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। इसी प्रकार से यदि आपको दानों की समस्या है, तो ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं इससे दाने ठीक हो जाएंगे।
4). मुल्तानी मिट्टी
इससे आपकी त्वचा खिली हुई और निखरी लगती है। आप अगर मुल्तानी मिट्टी के साथ चंदन पाउडर, गुलाब जल डालकर दानों में लगाएं तो जल्द ही आपको राहत मिलेगी।
5). कच्चा दूध और नींबू
अगर आप कच्चे दूध में नींबू डालकर चेहरे पर लगाएं इससे चेहरा साफ रहता है और दाने आने की गुंजाइश नहीं रहती है।
6). बेसन और हल्दी
अगर बेसन में थोड़ी हल्दी डालकर मिला लिया जाए और उसे नियमित रूप से चेहरे पर लगाया जाए इससे जल्द ही फायदा मिलता है।
7). बेकिंग सोडा
अगर आपको छोटे-छोटे दानों की समस्या हो, तो बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप एक चम्मच बेकिंग सोडा में चार पांच बूंद पानी मिलाकर पेस्ट बना ले और उसे अपने दानों पर लगाएं तो निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा।
8). मक्के का आटा
अगर दाने पुराने ना हो, तो मक्के के आटे में चोकर मिलाकर स्क्रब की तरह लगाएं और इसे थोड़ी देर में निकाल दें। इसे नियमित रूप से करने से दाने धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं।
9). दही
अगर आप हफ्ते में दो या तीन बार ठंडी दही को अपने दानों पर लगाएं तो निश्चित रूप से आप को फायदा होगा। ऐसे में दही का सेवन करना भी फायदेमंद होगा।
छोटे बच्चों के चेहरे पर दाने | chote baccho ka chehra par dana
युवा वर्ग के लोगों में दानों की समस्या को देखा जाता है लेकिन छोटे बच्चों में भी यह समस्या आम हो गई है जिसमें शिशुओं के बाहरी त्वचा जैसे माथे, गाल, पलकों के पास दाने नजर आते हैं। ऐसा संभवत मां के गर्भ में होने वाली किसी कमी से होता है, जब बच्चों में भी हार्मोन के परिवर्तन देखे गए है। शुरू में तो यह समझ नहीं आता कि यह कैसे हो रहा है लेकिन एक बात याद रखना है कि इस समय भी पूरा ध्यान बच्चे पर ही देना होगा।
बच्चों के दानों को दूर करने के उपाय | baccho ke dano ko dur karne ke upay in hindi
बच्चे बहुत छोटे होते हैं और वे अपनी बात सही से बता भी नहीं पाते हैं। ऐसे में आपको ही अपने बच्चे का पूरा ख्याल रखना होगा ताकि दानों की समस्या बढ़ ना पाए।
1). लोशन से रखे दूर
लोशन का उपयोग बच्चों को पोषण देने में किया जाता है लेकिन कई बार लोशन बच्चों के लिए सही नहीं है। इनमें पाया जाने वाले केमिकल बच्चों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके परिणाम स्वरुप दानों के रूप में भी हमें दिखाई देता है।
2). चेहरे को साफ रखें
थोड़ी देर में बच्चे के चेहरे को साफ करते रहे। नहाते समय गुनगुने पानी का उपयोग करें। अगर दाने हो गए हो, तो चेहरे में साबुन नहीं लगाएं।
3). दानों को रगड़े नहीं
अगर दाने हो ही गए हो, तो उन्हें रगड़े नहीं और ना ही दबाएं। ऐसा करने पर बच्चे को दर्द होगा और बच्चा आपको बता भी नहीं पाएगा।
4). डॉक्टर से ले सकते हैं सलाह
अगर दाने लगातार बढ़ रहे हो, तो किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह भी ली जा सकती है।
पतले होने के घरेलू उपाय
दाने हो सकते हैं किसी एलर्जी के लक्षण | dane ho sakte hain kaise alarji ke lakshan
कई बार जब अचानक से छोटे छोटे लाल दाने दिखाई दे तो यह एक प्रकार की एलर्जी हो सकती है। ऐसा देखा जाता है कि कुछ लोगों को मसालेदार और तैलीय खाना खाने की आदत होती है उन्हें ऐसा खाना पसंद तो है पर साथ ही साथ में दानों के भी शिकार हो जाते हैं। ऐसे में यह समझने की जरूरत है कि मसालेदार खाने से भी एलर्जी हो सकती है इनसे दूर ही रहें।
इसी प्रकार के खानपान जैसे अंडे, मूंगफली, बैंगन से भी दाने एलर्जी के कारण आ सकते हैं। कई बार त्वचा लाल भी हो जाती है।
किसी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट से भी एलर्जी संभव है आपको गौर करना होगा कि चेहरे पर दाने (chehre par dana) किस प्रोडक्ट की वजह से हो रहे हैं?
स्टीम का करें उपयोग
कई बार ऐसा भी होता है कि गर्मी की वजह से चेहरे के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और इसका सीधा असर आपके चेहरे पर होता है दाने के रूप में। ऐसे में अगर आप स्टीम का उपयोग करें तो बहुत ही फायदा होगा इससे रोम छिद्र खुल जाएंगे और अपने आप दाने ठीक भी हो जाएंगे। इसे आप बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं और सप्ताह में दो या तीन बार इसे जरूर आजमाएं और एक नया फर्क देखें।
चीनी के स्क्रब से उठाएं फायदा
अगर होने वाले दाने आपको परेशान ��र रहे हैं, तो ऐसे में चीनी का स्क्रब आपके लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसके लिए चीनी को दरदरी पीस लें उसमें तीन चार बूंद नीबू के रस की डाल दें। उसे होने वाले दाने में स्क्रब करें इससे आपको फायदा होगा। सप्ताह में दो बार इसे आजमा कर किसी भी दाने की समस्या से दूर हो सकते हैं। इस घरेलू उपाय को जरूर आजमा कर देखें।
पपीता भी है फायदेमंद
पपीता में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को पोषण देने में सहयोग करते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी है, जो चेहरे के लिए फायदेमंद है। इसके लिए पके हुए पपीते से दानों के ऊपर हल्के हाथों से मसाज करें तो आपको दानों से छुटकारा मिल सकता है। इससे चेहरे को साफ और चमकीला बनाया जा सकता है।
गर्मियों में रखें खास ख्याल
गर्मियों के मौसम में खुद का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। गर्मियों में तैलीय ग्रंथियां बहुत ज्यादा विकसित हो जाती हैं और त्वचा तैलीय होकर दाने निकल आते हैं। ऐसे मे समय-समय पर त्वचा को धोते रहें। ऐसे किसी भी क्रीम का इस्तेमाल ना करें जिससे त्वचा तैलीय होती हो। क्लींजिंग मिल्क से त्वचा को साफ रखने की कोशिश करें और इस समस्या से दूर रहें।
गर्भावस्था में भी रखें ख्याल
गर्भावस्था के होने पर कई सारे ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, जो हार्मोन के कारण होते हैं। उनमें से एक हैं दानों की समस्या। कुछ महिलाओं में हार्मोन बदलाव का स्तर बढ़ जाने के कारण दाने देखे जा सकते हैं। यह बिल्कुल ही सामान्य क्रिया है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। जैसे जैसे समय बढ़ता है ये दाने खुद ही खत्म हो जाते हैं। ऐसे समय में सही खान-पान ले और अपना ख्याल रखें।
चेहरे के दानों से बचने के सार्थक उपाय
1). सबसे पहले आप तमाम फास्ट फूड और मसालेदार खाना छोड़ ही दें।
2). ऐसे समय में चेहरे में अलग-अलग प्रोडक्ट का इस्तेमाल ना करें इससे परेशानी बढ़ सकती है।
3). ज्यादा से ज्यादा पानी पिए। साथ ही ताजे फलों का सेवन करें। चाहे तो घर में ही जूस निकाला जा सकता है।
4). ज्यादा तनाव लेने से बचें।
5). अपने चेहरे को प्रदूषण से बचाएं। जब भी बाहर जाए तो पूरे चेहरे को ढक कर ही जाएं।
6). पूरी नींद ले। रात में देर तक न जागे और ना ही देर से उठे।
7). अगर दाने आ गए हो, तो उन्हें फोड़ने की कोशिश ना करें। इससे समस्या बढ़ जाएगी और दाग भी रह जाएगा।
8). दानों को बार-बार हाथ न लगाएं इससे वे जल्दी ठीक नहीं हो पाएंगे।
निष्कर्ष
चेहरे में दाने (chehre main dano) होना हर आयु वर्ग के लोगों में देखा जाता है, जो ज्यादा चिंता की बात नहीं है फिर भी लोग इस बारे में ज्यादा सोचते हैं। यह प्रक्रिया ज्यादातर हार्मोन के असंतुलन के कारण होती है, जो समय के साथ ठीक भी हो जाती है।
ऐसे में खुद का ध्यान रखें और किसी को भी हीन भावना से ना देखें। बताए गए घरेलू उपाय आपके लिए गुणकारी होंगे इन्हें जरूर आजमाएं। इन्हें करना आसान है जिनमें से ज्यादातर चीजें उपलब्ध हो जाती हैं।
किसी समस्या से जिंदगी रुक नहीं सकती। हर समस्या का समाधान मिल सकता है। ऐसे में धैर्य रखें और खुश रहे।
Source : http://www.ghareluayurvedicupay.com/chehre-par-dano-ka-ilaj/
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ivxtimes · 4 years
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पका केला Image Source : INSTAGRAM/KESY_DIA/KLASSYMISSYBD
ठीक ढंग से खानपान और स्किन का ठीक से रखरखाव न कर पाने के कारण चेहरे की चमक बिल्कुल गायब सी हो जाती है। ऐसे में हम मार्केट से कई तरह के प्रोडक्ट लाकर इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसके यूज से कुछ दिनों बाद नैचुरल निखार भी छिन जाता है। ऐसे में जरूरी है कि केमिकल युक्त प्रोडक्ट की बजाय घर में मौजूद कुछ चीजों का इस्तेमाल करके आसानी बेहतरीन निखार पा सकते हैं। इन्हें मे से एक केला है। पका हुआ केला पौष्टिक तत्वों से भरा होता है। इसके अंदर मौजूद बायो न्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स आपकी स्किन के लिए काफी फायदे साबित हो सकता है। अगली बार जब केला पका हुआ हो तो उसे फेंकने की बजाय चेहरे पर लगाकर ग्लोइंग स्किन पा सकते हैं। जानिए कैसे घर पर बनाएं ये फेसपैक।
केले में भरपूर मात्रा में पोटैशियम और पानी पाया जाता है। जो आपके चेहर को हाइड्रेट करने की कोशिश करता है। इसके अलावा यह ड्राई स्किन से निजात दिलाने के साथ चेहरे में कसाव लाता है। इसके साथ ही झुर्रियों से छुट���ारा दिलाता है। वहीं इसमें पाया जाने वाला फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट पिंपल से निजात दिलाने के साथ दाग-धब्बों को खत्म करने में मदद करता है। 
केला का फेसपैक बनाने के लिए सामग्री
1 पका हुआ केल
1 चम्मच एलोवेरा जेल
1 चम्मच नारियल तेल
1 चम्मच शहद
ऐसे करें इस्तेमाल
एक बाउल में इन सभी चीजों को डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। इसके बाद इसे चेहरे पर लगा लें। थोड़ी देर लगा रहने के बाद मसाज करें और साफ पानी से चेहरे को धो लें। सप्ताह में 1-2 बार इसका इस्तेमाल करें। 
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kisansatta · 4 years
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जाने क्या हैं कोरोना ,इसके लक्षण और बचाव
साल 2019 के दिसंबर में चीन के वुहान शहर से कोरोनो वायरस की शुरुआत हुई। अब ये वायरस भारत सहित दुनिया के 127 देशों में फैल चुका है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमण के करीब 169,605 मामले सामने आ चुके है। जिसमे भारत में कुल 110 और 2 लोगों की जान भी जा चुकी हैं |
जानें आखिर क्या है कोविड 19, कैसा है फैलता, लक्षण और क्या हैं इसके बचाव
क्या है कोराना वायरस?
COVID-19 सबसे लंबे समय तक पाए जाने वाले कोरोना वायरस के रूप में लाया जाने वाला रोग है। यह नया संक्रमण और बीमारी दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से शुरू हुई थी।
कैसे फैलता है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसी फैमिली से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी कई समस्याए हो जाती है। अगर हम किसी संक्रमित जगह को छूते है तो यह आंख, मुंह और नाक को छूते है तो यह शरीर में पहुंच जाते है।
ऐसे में खांसते और छींकते समय टिश्यू या रूमाल का इस्तेमाल करें। बिना हाथ धोए अपने चेहरे को छूनें से बचें। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे।क्यों कि यह छुआ -छूत की बीमारी हैं |
कोरोना वायरस के लक्षण
व्यक्ति के शरीर में पहुंचने वाला कोरोना वायरस सीधे फेफड़ो को संक्रमित करता है। लेकिन इससे पहले सूखी खांसी, बुखार, जुकाम-खांसी,शरीर में दर्द, नाक बंद होना, नाक बहना और गले में खराश शामिल है। कई मामले में तेज बुखार के साथ सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। इसके लक्षण निमोनिया की तरह की होते है।
कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या करें?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बताए हैं। इन्हें अपनाकर आप इस जानलेवा बीमारी से खुद को और अपनों को बचाकर इसे और फैलने से रोक सकते हैं।
# अपने हाथों को सैनिटाइजर या फिर हैंडवॉश और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। # जब आप बाहर से घर वापस आए तो सबसे पहले अपने हाथ धोएं। # अगर आप बाहर है तो सैनिटाइजर का यूज करें। # खांसी या जुकाम है तो मास्क पहनें। इसके साथ ही छींक आते समय टिशू से मुंह को ढक लें। जिससे कोई दूसरी व्यक्ति इससे संक्रमित न हो। # उपयोग की गई टिशू को तुंरत डस्टबीन में डाल दें और अपने हाथ को धो लें। # खांसी या जुकाम वाले व्यक्ति से बातें करते या मिलते समय उससे करीब 1 मीटर यानी 3 फिट की दूसरी बनाकर रखें। # डब्लूएचओ के ���नुसार आप किसी जगह को छूते है तो हो सकता है कि उसमें वह वायरस हो। इसलिए नाक, आंख और मुंह को न छुएं। # अस्पताल में भी ऐसे वार्ड्स की तरफ न जाएं जहां कोरोना वायरस के मरीज हों, अगर अस्पताल या क्लीनिक में काम करते हैं तो मास्क जरूर लगाएं। # ज्यादा प्रॉब्लम हो रही है तो घर पर रहें। इसके अलावा अगर आपको बुखार, खांसी , जुकाम हो या फिर सांस लेने में समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सपंर्क करें # कोरोना वायरस से बचना चाहते है तो अच्छी तरह से पका हुआ खाना ही खाए।
कोरोना से जल्दी संक्रमित होने वाले लोग …
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आमतौर पर कोरोना वायरस से हर उम्र के लोग संक्रमित हो सकते है। लेकिन बुजुर्गों की बात की जाए तो चूंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है इसलिए वो जल्द इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा अस्थमा, डायबिटीज, दिल की बीमारियां भी कोरोना की जल्द गिरफ्त में आने का कारण बन सकती है।
क्या प्रेग्नेंट महिला या होने वाले बच्चे को हो सकता है कोरोना वायरस
अभी तक की रिपोर्ट में इस बात का पता चला है कि कोविड 19 से प्रेग्नेंट महिला या उके होने बच्चे पर कोई असर नहीं पड़ता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि प्रेग्नेंट महिला अपनी हाइजीन के साथ-साथ डाइट का पूरा ध्यान रखें।
कोरोना वायरस को लेकर भम्र
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसे ही भ्रम और उनकी सच्चाई बताई है। आप इन भ्रमों को इनकी सच्चाई को जानकर इस वायरस से बच सकते हैं। इसलिए अफवाहों और मिथकों पर ध्यान न दें औऱ सावधानी बरतें।
हैंड ड्रायर से मरेंगे कोरोना वायरस
ऐसा नहीं है हैंड ड्रायर से किसी भी तरह का प्रभाव कोरोना वायरस पर नहीं पड़ता है। लेकिन लगातार इसे चलाने से आप बीमार नहीं पड़ेंगे, ऐसी गारंटी नहीं है। इसलिए हैंड ड्रायर को छोड़िए और हाथों को अच्छी तरह साफ कीजिए। इसके साथ ही टिशू या फिर हैंड ड्रायर से अपने हाथों को सुखाइए।
यूवी लैंप
लोगों के बीच अफवाह फैल रही हैं कि पराबैंगनी कीटाणुशोधन लैंप  से कोरोना वायरस कीटाणु मर जाते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यूवी लैंप का यूज हाथों या अन्य जगहों पर नहीं करना चाहिए। इससे आपको स्किन में जलन हो सकती है।
  नए कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाने में थर्मल स्कैनर कितने प्रभावी हैं
थर्मल स्कैनर उन लोगों का पता लगाने में समर्थ होते हैं जिनकी बॉडी का तापमान नॉर्मल इंसान से ज्यादा होता है क्योंकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित रहते हैं। हालांकि, वे उन लोगों का पता नहीं लगा सकते जो संक्रमित हैं लेकिन अभी तक बुखार नहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि संक्रमित लोगों के बीमार होने के बाद बुखार होने में करीब 2 से 10 दिन लगते हैं।
एल्कोहल और क्लोरीन से बॉडी में स्प्रे करना
कई लोगों को लगता है कि बॉडी में एल्कोहल और क्लोरीन से स्प्रे करने से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा। यह बात बिल्कुल भी सही नहीं है। यह स्प्रे आपके शरीर के बाहर के वायरस को मार देगा लेकिन शरीर के अंदर के वायरस को दवा से ही मारा जा सकेगा।
कोई पार्सल लेना सुरक्षित है कि नहीं
हां बिल्कुल, अगर कहीं से कोई पार्सल आया है तो आप इसे ले सकते हैं क्योंकि कोरोना वायरस वस्तुओं पर ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रह सकता है। बस ध्यान रहें कि बीमार व्यक्ति के हाथ से पार्सल लेने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धो लें और पार्सल के रैप को नष्ट कर दें।
पालतू जानवर फैला सकते हैं कोरोना वायरस
इस समय की बात करें तो अभी तक ऐसे कोई भी साक्ष्य नहीं मिले है कि कुत्ता या बिल्ली के द्वारा कोरोना वायरस फैल रहा है। इससे अच्छा है कि जब भी आप पालतू जानवरों के संपर्क में आए उसके बाद अपने हाथों को अच्छे से जरूर धोएं। ऐसा करने से जानवरों में होने वाले अन्य वायरस से भी आप बच सकते है।
निमोनिया की वैक्सीन नए कोरोना वायरस से दिलाएगी निजात
नहीं, निमोनिया के खिलाफ टीके जैसे न्यूमोकोकल वैक्सीन और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) वैक्सीन नए कोरोना वायरस के से बचाव में मदद नहीं कर सकते। यह वायरस बहुत ही नया और भिन्न है औऱ इसके उन्मूलन के लिए नई वैक्सीन खोजी जा रही है। शोधकर्ता नई वैक्सीन बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
लहसुन खाने से दूर होना कोरोना वायरस
लहसुन एक हेल्दी फूड है जिसमें कुछ एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। लेकिन इसके द्वारा कोरोना वायरस से नहीं बचा जा सकता है।
तिल के तेल से कोरोना वायरस रहेगा दूर
नहीं, तिल का तेल कोरोना वायरस को नहीं मार सकता है। कुछ रासायनिक कीटाणुनाशक हैं जो सतहों पर 2019-nCoV को मार सकते हैं। इनमें ब्लीच/ क्लोरीन-आधारित कीटाणुनाशक या तो सॉल्वैंट्स, 75% इथेनॉल, पेरासिटिक एसिड और क्लोरोफॉर्म शामिल हैं। हालांकि, यदि आप इसे स्किन या अपनी नाक के नीचे रखते हैं, तो वायरस पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ेगा लेकिन आपकी स्किन के लिए खतरनाक हो सकता है।
एंटीबॉयोटिक से कोरोना का रोकथाम
नहीं, एंटीबॉयोटिक बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है लेकिन यह कोरोना वायरस पर बिल्कुल असर नहीं करेगा।
सिर्फ बच्चों और बूढ़ों को घेरता है कोरोना वायरस
कई लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस सिर्फ बच्चों को और बुजुर्ग लोगों को होता है। लेकिन डब्लूएचओ के अनुसार कोरोना किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसलिए हर उम्र के लोगों को कोरोना वायरस से सतर्क रहना चाहिए।
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gethealthy18-blog · 5 years
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चंदन के तेल के 15 फायदे और नुकसान – Sandalwood Oil Benefits and Side Effects in Hindi
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चंदन के तेल के 15 फायदे और नुकसान – Sandalwood Oil Benefits and Side Effects in Hindi
चंदन के तेल के 15 फायदे और नुकसान – Sandalwood Oil Benefits and Side Effects in Hindi Ankit Rastogi Hyderabd040-395603080 November 15, 2019
चंदन के तेल को प्राचीन समय से ही त्वचा, सेहत और बालों के लिए उपयोग किया जा रहा है। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको चंदन के तेल के गुण, उपयोग और फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। बेशक, कई शारीरिक समस्याओं में चंदन के तेल का इस्तेमाल काफी हद तक मददगार साबित हो सकता है, लेकिन इसे समस्याओं का पूर्ण इलाज नहीं कहा जा सकता। इसलिए, इसके किसी भी प्रकार के उपयोग से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। यह जरूर है कि इसे इस्तेमाल में लाने से विभिन्न समस्याओं से कुछ राहत मिल सकती है।
आइए, चंदन के तेल के गुण और चंदन के तेल के फायदे जानने से पहले थोड़ा चंदन के तेल के बारे में जान लेते हैं।
विषय सूची
चंदन का तेल क्‍या है? – What is Sandalwood Oil in Hindi
चंदन के पेड़ से तैयार किए जाने वाले तेल को चंदन का तेल कहा जाता है। इसमें चंदन के वृक्ष के समान औषधीय गुण और सुगंध मौजूद होती है। चंदन का वैज्ञानिक नाम सैंटालम एल्बम (Santalum Album) है। इसके पेड़ को सभी वृक्षों में सबसे सुगंधित माना गया है। कहा जाता है कि जितने पुराने चंदन के पेड़ से तेल बनाया जाता है, वह उतना ही गुणवान और फायदेमंद साबित होता है।
चंदन के तेल के बारे में जानने के बाद लेख के अगले भाग में अब हम आपको चंदन के तेल के फायदे से जुड़ी जानकारी देंगे।
चंदन के तेल के फायदे – Benefits of Sandalwood Oil in Hindi
1. अनिद्रा की समस्या के लिए
चंदन के तेल में सैंटालोल (Santalol) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित तनाव को दूर कर अनिद्रा की समस्या से राहत दिलाने में सहायता कर सकता है। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि चंदन के तेल से सिर की मसाज कर नींद न आने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है (1)।
2. चिंता से दिलाए मुक्ति 
चंदन के तेल से संबंधित एक शोध में पाया गया कि चंदन के तेल से मसाज करने से चिंता और तनाव जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है (2)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि चिंता और तनाव को दूर रखने के लिए चंदन के तेल की मसाज काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
3. सूजन से दिलाए राहत
चंदन के तेल के गुण में से एक यह भी है कि यह त्वचा से संबंधित सूजन को दूर करने में भी सकारात्मक परिणाम दे सकता है। दरअसल, इसमें कई औषधीय गुणों के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव भी पाया जाता है (3)। इस कारण यह माना जा सकता है कि यह त्वचा पर आने वाली किसी भी तरह की सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
4. मूत्र मार्ग के संक्रमण में लाभदायक
मूत्र मार्ग के संक्रमण में चंदन तेल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ की बात करें, तो इसमें एंटीसेप्टिक (बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने वाला), डियूरेटिक्स (मूत्रवर्धक), एंटीस्कैबिएटिक (संक्रमण से बचाव करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। यह तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से मूत्राशय और मूत्र मार्ग से संबंधित संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं और साथ ही यूरीनेशन की प्रक्रिया में भी आराम दिला सकते हैं (4)।
5. एंटीसेप्टिक एजेंट के रूप में करता है कार्य
जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि चंदन के तेल में एंटी-सेप्टिक (बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकना) प्रभाव भी पाया जाता है (4)। इस कारण यह शरीर को अंदर और बाहर दोनों स्थितियों में बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाव करने में सहायक साबित हो सकता है।
6. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए
प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने के साथ-साथ प्रतिरोधक प्रणाली से संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी चंदन का तेल सहायक साबित हो सकता है। सोराइसिस की समस्या के लिए चंदन के तेल के फायदे पर किए गए एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि यह समस्या प्रतिरोधक प्रणाली में गड़बड़ी के कारण भी हो सकती है, जिसके इलाज में चंदन का तेल मदद कर सकता है (3)। इस प्रकार कहा जा सकता हैं कि यह प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकता है। हालांकि, सीधे तौर पर यह प्रतिरोधक क्षमता पर कैसे काम करता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
7. याददाश्त में करे सुधार
चंदन के तेल के फायदे याददाश्त में सुधार करने के भी काम आ सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें कूलेंट (ठंडा करने वाला) गुण पाया जाता है। यह गुण तनाव को कम करता है। इसके अलावा, इसमें कई अन्य ऐसे खास तत्व भी मौजूद होते हैं, जो दिमागी स्वास्थ्य के साथ-साथ याददाश्त को बढ़ावा देने में भी सहायता करते हैं (5)। इस कारण यह माना जा सकता ही कि चंदन के तेल से मसाज करने के साथ-साथ इसका सेवन करने से भी याददाश्त में कुछ सुधार नजर आ सकता है। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है।
8. ब्लड प्रेशर को करे नियंत्रित
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में भी चंदन तेल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हासिल किए जा सकते हैं। दरअसल, इसमें एक खास तत्व अल्फा सैंटालोल (alpha-santalol) पाया जाता है, जिस कारण इसमें एक खास सुगंध पाई जाती है। यह तत्व अपन��� खुशबू से शरीर में कई जरूरी हार्मोन्स को सक्रिय करने में मदद करता है, जो चिंता, तनाव, त्वचा की गर्मी, हृदय की धड़कन और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायता करता है (6)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि चंदन के तेल को सूंघने से ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
9. तनाव को करे दूर
इस लेख में पहले बताया गया हैं कि चंदन का तेल चिंता और तनाव जैसे मानसिक विकारों को दूर करने में मदद कर सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद खास तत्व अल्फा सैंटालोल (alpha-santalol) चिंता और तनाव जैसी समस्याओं को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकता है (6)। इसके लिए बस आपको रूई के टुकड़े में चंदन के तेल की कुछ बूंदें लेकर सूंघना होगा।
10. मेनोपॉज के लक्षणों में दिलाए राहत
मेनोपॉज ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं का मासिक चक्र आना बंद हो जाता है। ऐसा उनके शरीर में उम्र के साथ होने वाले कई हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। साथ ही उनमें चिंता, तनाव, अवसाद और मन बदलाव जैसे लक्षण देखे जाते हैं (7)। वहीं, चंदन के तेल में मौजूद खास तत्व अल्फा सैंटालोल (alpha-santalol) इन सभी लक्षणों को कुछ कम कर सकता है (6)। इस कारण हम यह कह सकते हैं कि चंदन तेल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मोनोपोजल लक्षणों से निजात पाने के लिए भी मददगार साबित हो सकते हैं।
11. शरीर की दुर्गंध मिटाए 
जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि चंदन के तेल में अल्फा सैंटालोल (alpha-santalol) नाम का एक खास तत्व मौजूद होता है, जिस कारण इसमें सुंगध रहती है (6)। यह सुगंध शरीर की दुर्गंध में भी सहायक हो सकती हैं। इसके लिए आप चंदन के तेल की कुछ बूंदों को नहाने के पानी में इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, इस सुगंध के कारण ही इसे कई परफ्यूम्स में विशेष तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है (5)।
12. पेट से जुड़ी समस्याओं से दिलाए छुटकारा 
चंदन के तेल के गुण में से एक यह भी है कि इसे पाचन स्वास्थ्य के लिए भी सहायक माना गया। साथ ही यह पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे:- आंत में घाव, पेट में गैस और पेट के अल्सर की समस्या को दूर करने में भी मदद करता है (8)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि चंदन का तेल पेट से जुड़ी कई समस्याओं को हल करने का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
13. त्वचा के रंग को करे साफ
त्वचा की रंगत में सुधार के लिए भी आप चंदन के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको इसकी कुछ बूंदें रूई के टुकड़े में लेकर अपने चेहरे पर लगानी होंगी। दरअसल, इसमें सेसक्यूटरपेनॉइड एल्कोहल्स (Sesquiterpenoid Alcohols) पाया जाता है, जो त्वचा की रंगत को साफ करने में मदद कर सकता है (9)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि इसका इस्तेमाल आपकी त्वचा के रंग को साफ करने में लाभकारी साबित हो सकता है।
14. मुंहासों से दिलाए छुटकारा 
त्वचा से संबंधित कई समस्याओं के लिए भी चंदन के तेल को फायदेमंद माना गया है, जिनमें मुंहासों की समस्या भी शामिल है (10)। इस कारण हम कह सकते हैं कि चंदन के तेल के इस्तेमाल से मुंहासे की समस्या से भी काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
15. बालों के विकास के लिए लाभदायक 
चंदन के तेल का इस्तेमाल बालों के विकास के लिए भी सहायक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बालों की जड़ों में जमा होने वाले मास्ट सेल्स (डेड स्किन) को हटाकर बालों के विकास को बढ़ावा देता है (11)। इस कारण यह माना जा सकता है कि बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए चंदन के तेल का उपयोग लाभकारी परिणाम दे सकता है।
चंदन के तेल के फायदे जानने के बाद अब हम इसके उपयोग के बारे में आपको जानकारी देंगे।
चंदन के तेल का उपयोग – How to Use Sandalwood Oil in Hindi
सेहत, त्वचा और बालों के लिए चंदन के तेल को निम्न प्रकार से इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
त्वचा पर इस्तेमाल के लिए आप इसकी दो से चार बूंदें रूई पर लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
शरीर की दुर्गंध की समस्या के लिए आप इसकी कुछ बूंदें नहाने के पानी में भी डाल सकते हैं।
वहीं, स्वास्थ्य संबंधी लाभ के लिए दो बूंदें रूई पर लेकर सूंघना लाभकारी माना जाता है।
आप विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में इसे करीब आधा से एक चम्मच तक उपयोग कर सकते हैं।
नोट : चंदन के तेल को कितना इस्तेमाल या सेवन करना है, बेहतर यही होगा कि इस बारे में आप डॉक्टर से पूछें।
लेख के अगले भाग में हम चंदन के तेल के नुकसान के बारे में बात करेंगे। 
चंदन के तेल के नुकसान – Side Effects of Sandalwood Oil in Hindi
हालांकि, कई मामलों में चंदन का तेल फायदेमंद साबित होता है, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में इस्तेमाल करना जरूरी है, अन्यथा चंदन के तेल के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं।
इसमें मौजूद अल्फा सैंटालोल (एक रासायनिक तत्व) के कारण त्वचा पर इसका इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में ही करना चाहिए। यह त्वचा पर खुजली और जलन का कारण बन सकता है। इसलिए, आप चंदन के तेल को पतला करने के लिए इसमें नारियल का तेल मिक्स कर सकते हैं (12)।
सेवन के लिए इसे खाने के व्यंजन में संतुलित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसका सीधा उपयोग करने का प्रयास बिल्कुल भी न करें (12)।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, इसके पीछे की वजह का कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
चंदन तेल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और गुणों से परिचित होने के बाद यह क्या है और किन-किन समस्याओं में फायदेमंद साबित हो सकता है, इस विषय में तो शायद ही कोई संशय बचा हो। लेख के माध्यम से हमने आपको चंदन के तेल के फायदे और उपयोग विस्तार से बता दिए हैं। साथ ही ध्यान में रखें कि लेख में बताई गईं सेहत, त्वचा और बालों से संबंधित समस्याओं में यह सकारात्मक परिणाम जरूर देता है, लेकिन यह इन समस्याओं का उपचार नहीं है। इसलिए, इसके उपयोग से पहले डॉक्टरी परामर्श लेना आवश्यक है। उम्मीद है कि यह लेख आपकी सेहत और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक साबित होगा। इस विषय में कोई अन्य सुझाव या सवाल अगर हो तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक जरूर पहुंचाएं।
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Ankit Rastogi
अंकित रस्तोगी ने साल 2013 में हिसार यूनिवर्सिटी, हरियाणा से एमए मास कॉम की डिग्री हासिल की है। वहीं, इन्होंने अपने स्नातक के पहले वर्ष में कदम रखते ही टीवी और प्रिंट मीडिया का अनुभव लेना शुरू कर दिया था। वहीं, प्रोफेसनल तौर पर इन्हें इस फील्ड में करीब 6 सालों का अनुभव है। प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में इन्होंने संपादन का काम किया है। कई डिजिटल वेबसाइट पर इनके राजनीतिक, स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल से संबंधित कई लेख प्रकाशित हुए हैं। इनकी मुख्य रुचि फीचर लेखन में है। इन्हें गीत सुनने और गाने के साथ-साथ कई तरह के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने का शौक भी हैं।
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bollywoodpapa · 5 years
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दिल्ली के प्रदूषण से परेशान हुए फिल्मी सितारे, प्रियंका सहित इन सितारों ने सुनाया हाल!
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दिल्ली के प्रदूषण से परेशान हुए फिल्मी सितारे, प्रियंका सहित इन सितारों ने सुनाया हाल!
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। इन सबके बीच सबसे ज्यादा दिक्कत आम लोगों को हो रही है। प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी में सांस लेना मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के कारण लोग अब दिल्ली से दूर जाना चाहते हैं।
आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर 300 के पास पहुंच गया है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में बॉलीवुड के कई सितारे जब दिल्ली पहुंचे तो उन्हें भी प्रदूषण का सामना करना पड़ा। जिस पर इन सितारों ने अपनी पानी प्रतिक्रिया दी है।
प्रियंका चोपड़ा
बता दे की प्रियंका चोपड़ा इन दिनों नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘द व्हाइट टाइगर’ की शूटिंग कर रही हैं। उन्होंने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की है। प्रियंका चोपड़ा ने चेहरे पर मास्क और आंखों पर चश्मा लगाए हुए अपनी एक तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा, ‘द व्हाइट टाइगर के शूट के दिन। इस शहर में फिलहाल शूटिंग करना बहुत मुश्किल हो रहा है। मुझे समझ नहीं आता कि लोग इन हालातों में यहां कैसे रह रहे हैं। शुक्र है कि हमारे पास एयर प्यूरीफायर और मास्क जैसी सुविधा है। गरीबों और बेघरों के लिए दुआ करें। सभी लोग अपना ध्यान रखें।’
दीया मिर्जा
दीया मिर्जा अक्सर पर्यावरण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम में दिखाई देती हैं। प्रदूषण के बीच भारत और बांग्लादेश के बीच मैच का आयोजन किया गया। दीया मिर्जा ने लिखा, ‘यह चौंकाने वाला है कि बीसीसीआई ने दिल्ली का AQI 412 होने के बावजूद टी-20 मैच के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है! प्रदूषण के खतरे को पूरी तरह से नकारा गया है।’
लीजा रे
  बॉलीवुड अभिनेत्री लीजा रे  एक कार्यक्रम के सिलसिले में दिल्ली पहुंची और लिज़ा ने भी मास्क पहने एक तस्वीर शेयर की। उन्होंने लिखा- ‘दिल्ली में भयावह स्थितियों के साथ एक मौका नहीं ले सकते। अगर बीजिंग खुद को साफ कर सकता है तो यह हमारे देश की राजधानी क्यों नहीं?’
अर्जुन रामपाल
बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन रामपाल ने ट्विटर पर लिखा- ‘अभी दिल्ली आया हूं। यहां की हवा सांस लेने लायक भी नहीं है। निश्चित रूप से बहुत ही बुरा। दिल्ली में ये क्या हो रहा है?प्रदूषण को साफ देखा जा सकता है, घना स्मॉग है। लोग मास्क पहने हुए हैं। हमें जागने के लिए और किस आपदा का इंतजार कर रहे हैं? खुद को बताना चाहिए कि हम गलत हैं। दिल्ली बचाओ।’
ऋषि कपूर
बता दे की हाल ही में अपनी बीमारी का इलाज कर कर भारत लौटे अभिनेता ऋषि कपूर ने भी अपने ट्विटर पोलुशन पर अपनी बात राखी है। ऋषि कपूर ने मीम शेयर किया। जिस पर लिखा था- ‘सांस फूलना, घबराहट, नम आंखें.. या तो आप प्यार में हैं या दिल्ली में’ इसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा- ‘बिल्कुल सच।’
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bestnewsportal · 6 years
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कैसे लगायें खूबसूरती में चार चांद भला आजकल हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है। खासकर युवतियों को यह लगता है कि वे जहां जाएं लोग उन्हें देखते रह जाएं। शायद इसीलिए वे बड़े-बड़े जतन करती रहती हैं। आइए जाने खूबसूरती को निखारने के कुछ खास उपाय : ब्लीच से पाएं दमकता चेहरा दमकता चेहरा भला किसे अपनी ओर आकर्षित नहीं करता, ऐसे चेहरे पर तो हर किसी की नजर टिक जाती है। साफ-सुथरे चेहरे पर आप मेकअप करें या फिर इसे यूं ही बिना मेकअप के छोड़ दें। चेहरे को चमकदार बनाने के लिए फेशियल, मसाज,स्टीम, फेसपैक और ब्लीचिग इत्यादि ढेरों टेक्नीक्स का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से ब्लीच काफी कॉमन एंव पॉपुलर है, क्योंकि इसका इस्तेमाल करना जहां सबसे आसान है, वहीं सस्ती होने के कारण सभी को सूट भी करती है। भले ही युवतियां ब्लीच का इस्तेमाल अधिक करती है पर परंतु उन्हें यें जानने में दिलचस्पी बिल्कुल नहीं रहती कि कौन सी ब्लीच कब ओर कैसे यूज करनी है तथा इससे होने वाला फायदा या नुक्सान क्या है। ऑक्सी ब्लीच अगर आपकी उम्र ज्यादा है और चेहरे की शाइनिग खत्म हो गई है तो आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है ऑक्सी ब्लीच। चूंकि चेहरे को भी जरूरत होती है खुलकर सांस लेने की, ऐसे में यदि चेहरा खुलकर सांस नहीं ले पाता तो चेहरे की रौनक खत्म हो जाती है और चेहरा डल लगने लगता है। इसके इस्तेमाल से आपकी मुरझाई त्वचा में भी जान आ जाएगी। हर्बल ब्लीच कम उम्र के लोगों के लिए हर्बल ब्लीच सही रहती है। इससे चेहरे के अनचाहे बाल भी छुप जाते है और कोई खास केमिकल न होने की वजह से चेहरे को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता। गोल्ड ब्लीच किसी खास पार्टी या अवसर के लिए तैयार होना हो तो गोल्ड ब्लीच का इस्तेमाल सही रहता है। यह त्वचा को सोने-सा निखार देती है। कहां और कैसे करें अप्लाई ब्लीच का इस्तेमाल हाथ, पैर एंव पेट पर भी वैक्स के विकल्प के रूप में किया जा सकता है। इन स्थानों पर ब्लीच करने के लिए अमोनिया की मात्रा में बदलाव लाना होता है। चेहरे पर ब्लीच करने से पहले इसे फेसवॉश से अच्छी तरह से धो लें, फिर इसे क्लीजिग मिल्क से साफ करें। ब्लीच लगाने से यदि किसी तरह की जलन महसूस हो तो उसका प्रयोग न करें। ध्यान रहे आंख, होठों पर ब्लीच क्रीम का प्रयोग न करें।
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ivxtimes · 4 years
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 रात को सोने से पहले चेहरे पर लगाएं हल्दी से बनी हुई ये खास क्रीम, कुछ ही दिनों में मिलेगा गोरा-निखरा हुआ चेहरा Image Source : FACEBOOK/ THELITTLESHINE
बिजी शेड्यूल के कारण अक्सर लोग खुद पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिसके कारण स्वास्थ्य के साथ-साथ स्किन पर भी बुरा असर पड़ता है। चेहरे का ठीक ढंग से रख-रखाव न कर पाने के कारण वह बेजान सी हो जाती है। रूखी बेजान स्किन से निजात पाने के लिए चेहरे की प्रॉपर केयर करना बेहद जरूरी है। लेकिन वक्त के चलते आप खुद पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं तो  ऐसे में ये घरेलू नुस्खा आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। बस रात को सोने से पहले इस क्रीम को अपने चेहरे पर अच्छी तरह से लगा लें। इससे आपको बे��ाग-निखरा हुआ चेहरा मिलेगा। 
क्रीम बनाने के लिए सामग्री
4 चम्मच एलोवेरा जेल
1 चम्मच जोजोबा ऑयल एक चौथाई चम्मल हल्दी पाउडर 3-4 बूंद एसेंशियल ऑयल
आंखों के नीचे पड़े डार्क सर्कल से हैं परेशान, ये घरेलू नुस्ख़े आएंगे आपके काम
ऐसे बनाएं ये क्रीम
एक बाउल में इन सभी चीजों को डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें।  इसके बाद इसे एक साफ कंटेनर में भरकर रख लें।
ऐसे करें इस्तेमाल
थोड़ी सी क्रीम लेकर साफ चेहरे पर लगाए और हल्के हाथों से मसाज करें जब तक ये पूरी तरह से स्किन के अंदर न चली जाए। करीब 30 मिनट लगा रहने के चाहे तो साफ पानी से चेहरा धो लें। अगर आप बेस्ट रिजल्ट चाहते हैं तो इसे सोने से पहले चेहरे पर लगाएं। इससे आपको जवां और ग्लोइंग स्किन मिलेगी। 
मस्सों से पाना चाहते हैं छुटकारा तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, कुछ ही दिनों में दिखेगा असर
कैसे करेगा फायदे
एलोवेरा में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपकी स्किन को मॉश्चराइज करने के साथ स्किन को रिपेयर और हील करेगा। इसके साथ ही चेहरे पर पड़े दागों को कम करने में मदद करेगा। 
जोजोबा तेल आपकी स्किन को स्मूद करता है। इसके साथ ही नैचुरल मॉश्चराइज के साथ स्किन को हेल्दी रखने में मदद करता है। 
कुछ ही दिनों में बाल बन जाएंगे काले और लंबे, बस प्याज से बने इस मैजिकल तेल का यूं करें इस्तेमाल
हल्दी एक्ने से छुटकारा दिलाने के साथ आपके स्किन को गोरा बनाने के साथ चेहरे के दाग धब्बे को खत्म करने में मदद करता है। 
एसेंशियल ऑयल आपकी खराब हो चुकी स्किन को रिपेयर करता है। इसमें एंटी एफ्लामेंट्री गुण भी पाए जाते हैं। इसके साथ ही यह स्किन को ग्लो देने का काम करता है। 
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ivxtimes · 4 years
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मूंग दाल फेसपैक Image Source : INSTAGRAM/NOTANORDINARYBEAUTY
कई लोगों को मूंग दाल खाना बिल्कुल पसंद नहीं होता है शायद आप भी इस लिस्ट में शामिल हो। लेकिन आपको बता दें कि प्रोटीन से भरपूर मूंगदाल आपकी सेहत के साथ-साथ स्किन के लिए काफी फायदेमंद है। इसका इस्तेमाल कर आप ड्राई स्किन के साथ-साथ दाग-धब्बों, सनबर्न से निजात पा सकते हैं। जानिए कैसे करें चेहरे पर इसका इस्तेमाल।
स्किन में लाएं निखार
मूंग दाल में भरपूर मात्रा में विटामिन ए और सी के अलावा एक्सफोलिएट गुण पाए जाते हैं जो आपके स्किन को निखारने का काम करते हैं। इसका फेसपैक बनाने के लिए 2 चम्मच मूंगदाल को रात में भिगो दें। दूसरे दिन इसका पेस्ट बना लें। इसके साथ ही इसमें 1 चम्मच बादाम का तेल और 1 चम्मच शहद मिला लें। अबब इसे अपने चेहरे और गर्दन में अच्छी तरीके से लगा लें। 15-20 मिनट लगा रहने के बाद चेहरे को साफ पानी से धो लें। 
स्‍किन से मुंहासे और एक्ने को दूर करने के लिए यूं करें जीरे के पानी का इस्तेमाल, चेहरा हो जाएगा बेदाग
डेड स्किन
अगर आप डेड स्किन से निजात पाना चाहते हैं तो इसके लिए एक चम्मच मूंगदाल का पेस्ट ले लें। इसके बाद इसमें थोड़ा सा घी मिलाकर चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। 10-15 मिनट लगा रहने के बाद साफ पानी से धो लें। अच्छे रिजल्ट के लिए सप्ताह में कम से कम 2 बार इसका इस्तेमाल करें। 
टैनिंग और सनबर्न के लिए
मूंग दाल का फेसपैक टैनिंग के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए एक बाउल में 2 चम्मच मूंग दाल का पेस्ट लें और उसमें 1 चम्मच दही डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। इसके बाद इसे प्रभावित जगह पर लगाएं। 10-15 मिनट लगा रहने के बाद साफ पानी से धो लें।
घर बैठे यूं घर पर बनाएं नीम की पत्तियों का पाउडर, साथ ही जानिए कैसे करें इस्तेमाल
अनचाहे बालों से निजात पाने के लिए
इसका इस्तेमाल करके चेहरे के अनचाहे बालों से भी निजात पा सकते हैं। इसके लिए 2 चम्मच मूंग दाल में 1 चम्मच संतरे के छिलके का पाउडर और 1 चम्मच चंदन पाउडर और थोड़ा सा कच्चा दूध  डालकर अच्छी तरह से मिला लें । इसके बाद इसे चेहरे पर 10-15 मिनच लगाकर धीरे-धीरे मसाज करें। इसके बाद अपने चेहरे को धो लें। 
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ivxtimes · 4 years
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घर पर ऐसे बनाए नीम का पाउडर  Image Source : INSTAGRAM/KLASSYMISSYBD
नीम के पत्ते शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा होता है। वहीं दूसरी ओर यह इसमें मौजूद नैचुरल तत्व स्किन की देखभाल के लिए भी कारगर है। नीम हमारी स्किन को अंदर से साफ करता है। नीम में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। हम जानते हैं कि मुंहासे मुख्य रूप से बैक्टीरिया के कारण होते हैं। नीम के पत्ते एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल होते हैं। इसलिए स्किन की रक्षा करने के लिए इससे अच्छा कुछ भी नहीं है। अगर आपको पिंपल से परेशान हैं तो नीम के पत्तों को कुचल कर इसे चेहरे पर लगा सकते हैं। इससे आपको कुछ ही दिनों में लाभ मिल जाएगा। 
नीम का पाउडर बाजार में तो कई तरह से मिल जाता है लेकिन यह कितना शुद्ध है ये जानना बहुत ही जरूरी है। इसके अलाववा जेब ढीली करे बगैर अगर आप बेहतरीन निखार पाना चाहते हैं तो घर में ही नीम का पाउडर बना सकते हैं जो 100 प्रतिशत शुद्ध भी होगा। नीम के पेड़ आपको आसानी से मिल जाएगा। तो फिर देर किस बात की जानिए नीम का पाउडर बनाने की प्रचीन विधि के बारे में। साथ ही जानिए कैसे पाएं स्किन संबंधी समस्याओं से छुटकारा।
सप्ताह में 2 बार बालों में ऐसे लगाएं मेथी के पानी, दोमुंहे और डैंड्रफ से मिलेगा छुटकारा
घर में ऐसे बनाएं नीम का पाउडर
सबसे पहले अधिक मात्रा में नीम के पत्ते को तोड़ लीजिए। इसके बाद इन्हें पानी से अच्छी तरीके से धो लीजिए। इसके बाद इसे  धूप में 1 से 2 दिनों के लिए सुखा लें जिससे कि इसका सारा मॉश्चचर हट जाए। आप चाहे तो इन्हें पंखे के नीचे या फिर माइक्रोवेव में भी सुखा सकते हैं। जब पत्तियां अच्छी तरीके से सुख जाए को इसे ग्राइंडर जार में डालकर पीस लें।  अगर आपको पाउडर थोड़ा मोटा लग रहा है तो इसे छान लें। जिससे कि मोटी पत्तियां अलग हो जाए। इसके बाद इसे दोबारा बिल्कुल बारीक पाउडर बनाने के लिए पीस लें। इसके बाद इसे फिर छान लें। आप देखें कि आपको बिल्कुल बारीक पाउडर मिल गया है। अब इसे  एक एयर-टाइट कंटेनर में रख लें। इसका इस्तेमाल आप 1 साल तक कर सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि नीम के पत्ते बिल्कुल सुख जाए उसके बाद ही इसका पाउडर बनाएं। 
बालों का गंजापन और डैंड्रफ से छुटकारा दिलाएगा कलौंजी का तेल, बस यूं करें इस्तेमाल
नीम का फेसपैक लगाने के फायदे
स्किन को जवां रखने में करें मदद।
पिंपल की समस्या से दिलाए निजात।
चेहरे के ऑयल को करें कंट्रोल
त्वचा में निखार लाता है
त्वचा की नमी बनाए रखता है
बालों को हेल्दी रखने में करें मदद
बालों के झड़ने या फिर डैंड्रफ की समस्या से दिलाएं निजात।
चेहरे के दाग-धब्बे हटाने में करें मदद। 
टैनिंग से बचाए।
आईने सा चमकेगा आपका चेहरा, बस घर में यूं बनाकर लगाएं बेसन का फेसपैक
नीम का तेल
अगर स्किन में अतिरिक्त ऑयल या फिर गंदगी जमा हो गई हैं तो नीम का तेल इसमें कारगर हो सकता है।  नीम का तेल विटामिन ई और फैटी एसिड से भरपूर होता है जो स्किन और बालों के लिए फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं यह बालों, स्किन और नाखूनों में किसी भी प्रकार के फंगल संक्रमण के खतरे को भी कम करता है। 
चेहरे पर यूं करें इस्तेमाल 
नीम की पत्तियों को आप चेहरे पर कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। 
ऑयली स्किन के लिए अगर आपकी स्किन बहुत ही ज्यादा ऑयली हैं तो नीम का पाउडर कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए एक बाउल में एक चम्मच नीम पाउडर, एक चम्मच चंदन पाउडर और थोड़ा सा गुलाब जल डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। इसके बाद इसे चेहरे और गर्दन में अच्छी तरह से लगा लें। 10-15 मिनट लगा रहने के बाद साफ पानी से धो लें। 
गुलाब की पंखुडियों से बनाएं बेहतरीन फेसपैक, चमक उठेगा आपका चेहरा
पिपंल के लिए  नीम के पाउडर में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपको आसानी से पिंपल्स से निजात दिला सकते हैं। इसके लिए एक बाउल में  1 चम्मच नीम पाउडर, 1 चम्मच मुल्तानी मिट्टी का पाउडर,  थोड़ा नींबू का रस और गुलाब जल डालकर अच्छी तरह से मिक्स करके पेस्ट बना लें। इसके बाद इसे चेहरे पर अच्छी तरह से लगा लें।  करीब 10 मिनट लगा रहने के बाद साफ पानी से धो लें। 
घर बैठे मिनटों में यूं घर पर बनाएं गुलाब जल, साथ ही जानिए कैसे करें इस्तेमाल
बालों के लिए अगर आप बालों की खुजली, बालों को झड़ने या फिर डैंड्रफ से परेशान हैं तो नीम का पाउडर मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए एक बाउल में 3 चम्मच नीम का पाउडर लें और उसमें 2 चम्मच दही डालकर पेस्ट बना लें। इसके बालों में अच्छी तरह लगा लें। करीब आधा घंटा लगा रहने के बाद साफ पानी और शैंपू से धो लें। 
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वर्टिगो के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Vertigo Home Remedies in Hindi
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वर्टिगो के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Vertigo Home Remedies in Hindi
Soumya Vyas Hyderabd040-395603080 August 5, 2019
कुछ लोगों को चल��े-चलते या अचानक खड़े होने पर सिर का चक्कर आने लगता है और अपना शारीरिक संतुलन बनाए रखने में समस्या होती है। ऐसे में लगता है, जैसे आस-पास की सारी चीजें घूम रही हैं। अगर आप भी ऐसा महसूस कर रहे हैं, तो आपको वर्टिगो के लक्षण हो सकते हैं (1)। वर्टिगो के कुछ गंभीर मामलों में व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है, लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता (2)। यहां हम स्पष्ट कर दें कि ऊंचाई के डर को वर्टिगो नहीं कहते। इसे एक्रोफोबिया कहा जाता है और वह वर्टिगो से बहुत अलग होता है।
स्टाइलक्रेज के लेख में हम इसी मुद्दे पर चर्चा करेंगे। साथ ही हम न सिर्फ आपको वर्टिगो के कारण और लक्षणों के बारे में बताएंगे, बल्कि वर्टिगो के घरेलू उपचार के बारे में भी पूरी जानकारी देंगे।
आइए अब जानते हैं कि वर्टिगो के कारण क्या हैं।
विषय सूची
वर्टिगो के कारण – What Causes Vertigo in Hindi
वर्टिगो के कारण की बात करें, तो यह वेस्टिबुलर सिस्टम (कान का आंतरिक हिस्सा, जो शरीर के संतुलन को नियंत्रित करता है) से जुड़ी समस्या की वजह से होता है। इसे पेरिफेरल वर्टिगो (Peripheral vertigo) कहा जाता है। ऐसे में, व्यक्ति को अपना संतुलन बनाने में परेशानी होती है (1)।
पेरिफेरल वर्टिगो के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
बेनाइन पैरॉक्सिज्मल पोजिशनल वर्टिगो (Benign Paroxysmal Positional Vertigo – BPPV): इस दौरान कैल्शियम के छोटे-छोटे कण कान के आतंरिक हिस्से में इकट्ठा हो जाते हैं, जिससे कान से दिमाग को भेजे जाने वाले संदेश प्रभावित होते है और संतुलन बनाए रखने में समस्या होती है (3)।
सिर पर चोट
वेस्टिबुलर तंत्रिका की सूजन
भीतरी कान की सूजन और जलन
मेनिएरे रोग (कान के भीतरी हिस्से से जुड़ा विकार)
वेस्टिब्युलर तंत्रिका पर दबाव
एक अन्य प्रकार का वर्टिगो होता है, जिसे सेंट्रल वर्टिगो कहा जाता है। यह दिमाग के निचले या पिछले हिस्से (सेरिबैलम) में समस्या से होता है। इसके कारण पेरिफेरल वर्टिगो से कुछ अलग हो सकते हैं, जैसे (1):
रक्त रोग
कुछ दवाएं, जैसे एंटीकॉनवल्सेन्ट्स, एस्पिरिन का दुष्प्रभाव
शराब का सेवन
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple sclerosis)
स्ट्रोक
ट्यूमर (कैंसर या गैर-कैंसर)
माइग्रेन
आइये अब वर्टिगो के लक्षण के बारे में जानते हैं।
वर्टिगो के लक्षण – Symptoms of Vertigo in Hindi
सिर घूमना और सिर का चक्कर आना वर्टिगो के आम लक्षण है। इसके अलावा भी कुछ लक्षण हैं, जिनसे आप वर्टिगो का पता लगा सकते हैं (1) (4)।
ठीक से सुनाई न देना
टिनीटस – किसी एक कान में सीटी जैसी आवाज आना
भोजन निगलने में समस्या
धुंधला दिखना
मोशन सिकनेस
सिर दर्द
आंखों को नियंत्रित करने में समस्या
चेहरे का पैरालिसिस
बोलने में परेशानी या हकलाना
थकावट लगना
जी मिचलाना
लेख के अगले भाग में हम वर्टिगो के घरेलू इलाज के बारे में जानेंगे।
वर्टिगो के घरेलू इलाज – Home Remedies To Cure Vertigo in Hindi
नीचे दिए गए घरेलू नुस्खों की मदद से आपको सिर घूमना से आराम मिल सकता है।
1. एसेंशियल ऑयल:
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क) वर्टिगो के लिए पेपरमिंट ऑयल:
सामग्री:
दो-तीन बूंद पेपरमिंट ऑयल
एक चम्मच बादाम का तेल
विधि:
दोनों तेलों को मिला लें।
अब इसे अपने माथे पर और गर्दन के पीछे लगाएं।
कैसे काम करता है:
शोध के अनुसार, पेपरमिंट तेल से वर्टिगो के लक्षण, जैसे सिर दर्द से आराम मिल सकता है (5)।
ख) अदरक का तेल:
सामग्री:
अदरक का तेल
विधि:
अदरक के तेल की एक-दो बूंदों को अपनी गर्दन, कानों के पीछे और तलवों पर लगाएं।
कैसे काम करता है:
वैज्ञानिक शोध के अनुसार, अदरक का तेल तनाव और सिर चकराना से राहत दिलाता है। साथ ही यह वर्टिगो के लक्षण जैसे, उल्टी आना और सिर दर्द से भी आराम दिलाता है (6)।
ग) ग्रेपफ्रूट ऑइल :
Shutterstock
सामग्री:
दो से तीन बूंद ग्रेपफ्रूट ऑयल
डीफ्युजर
विधि:
ग्रेपफ्रूट ऑयल को डीफ्युजर में डाल कर कमरे के किसी कोने में रख दें।
कैसे काम करता है:
इसकी खुशबू से मन को शांत करने का काम कर सकती है। इसके अलावा, यह वर्टिगो के कारण हो रहे स्ट्रेस से राहत देने का काम कर सकता है। हालांकि, इस पर अभी ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। वर्टिगो के लिए ग्रेपफ्रूट ऑयल का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
घ) तुलसी और साइप्रस का तेल :
सामग्री:
तुलसी के तेल की दो से तीन बूंदें
एक से दो बूंद साइप्रस का तेल
डिफ्यूजर
विधि:
दोनों एसेंशियल ऑयल को मिला लें।
ऑयल को डीफ्युजर में डाल कर कमरे में रख दें।
कैसे काम करता है:
तुलसी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसमें दर्दनिवारक (analgesic) और अवसादरोधी (antidepressant) गुण पाए जाते हैं। यह वर्टिगो के लक्षण जैसे सिरदर्द से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकती है। (7)।
ङ) लोबान तेल वर्टिगो के लिए
सामग्री:
चार से पांच बूंद लोबान तेल
विधि:
लोबान तेल की कुछ बूंदे लें और कंधों की मसाज करें।
कैसे काम करता है:
लोबान एंटी इंफ्लेमेटरी और दर्दनिवारक (analgesic) गुणों से समृद्ध होता है, जिसका सकारात्मक असर वर्टिगो पर भी दिख सकता है (8)। हालांकि, यह वर्टिगो के लिए कितना प्रभावकारी होगा, इस पर अभी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
च) वर्टिगो के लिए क्लेरी सेज ऑयल
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सामग्री:
क्लेरी सेज ऑयल की कुछ बूंदें
डीफ्युजर
विधि:
क्लेरी सेज की कुछ बूंदें डीफ्युजर में डालकर कमरे में रख दें।
कैसे काम करता है:
क्लेरी सेज ऑयल की खुशबू वर्टिगो के लक्षण से आराम दिला सकती है।
नोट: ऊपर बताए गए तेल अरोमाथेरेपी की मदद से थकान और स्ट्रेस कम करने में लाभदायक हो सकते हैं (9), लेकिन इन पर कोई वैज्ञानिक शोध नहीं किया गया है। वर्टिगो के घरेलू उपचार में इनका लाभ लोगों की मान्यताओं पर आधारित है।
2. वर्टिगो के लिए अदरक:
सामग्री:
अदरक का टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
1 कप दूध
आधा चम्मच चाय पत्ती
शक्कर (स्वादानुसार)
विधि:
एक पैन में दूध को उबालें।
उबाल आ जाने पर उसमें चाय पत्ती और कद्दुकस किया हुआ अदरक डाल दें।
अब शक्कर डाल कर चाय को अच्छी तरह उबालें।
अच्छी तरह उबल जाने पर, चाय को छन्नी से कप में छानकर पिएं।
आप अदरक के टुकड़े को छिलकर, उसे साबुत भी चबा सकते हैं।
कैसे काम करता है:
वर्टिगो के घरेलू उपचार में अदरक बहुत लाभदायक होता है। इसमें ऐसे गुण होते हैं, जो वर्टिगो के लक्षण, जैसे जी मिचलाना और उल्टी से राहत दिला सकते हैं (10)। साथ ही अदरक की जड़ों में वर्टिगो के उपचार करने वाले गुण होते हैं (11)।
3. वर्टिगो के लिए जिन्कगो बिलोबा (Ginkgo Biloba):
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सामग्री:
जिन्कगो बिलोबा टेबलेट
विधि:
डॉक्टर के निर्देशानुसार टेबलेट का सेवन करें।
कैसे काम करता है:
जिन्कगो बिलोबा एक औषधीय पौधा है, जिसे वर्टिगो का उपचार करने में बहुत लाभदायक माना गया है। इसकी टेबलेट बाजार में उपलब्ध है, जिसे आप अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार, वर्टिगो के इलाज के लिए ले सकते हैं (12)।
4. वर्टिगो के लिए जूस:
सामग्री:
गाजर/अनानास/संतरे या नींबू का जूस
विधि:
रोज एक गिलास गाजर/अनानास/संतरे के जूस का सेवन करें। या
रोजाना एक चम्मच नींबू के रस को एक गिलास पानी में मिला कर पिएं।
आप नींबू पानी में स्वादानुसार नमक और एक चुटकी पीसी हुई काली मिर्च मिला सकते हैं।
कैसे काम करता है:
गाजर, अनानास, संतरे और नींबू में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है (13), (14), (15), (16)। शोध के अनुसार, विटामिन-सी मोशन सिकनेस को कम करने में मदद कर सकता है (17)।
5. वर्टिगो के लिए एक्यूपंक्चर:
एक्यूपंक्चर एक पारंपरिक चाइनीज उपचार है। वर्टिगो के इलाज के लिए पश्चिमी चिकित्सकों द्वारा इसकी सलाह दी जाती है। यह सिर घूमना के लक्षण जैसे सिर दर्द व थकान आदि से आराम दिलाता है और रक्त प्रवाह को बेहतर करता है (18)। नीचे बताए गए एक्यूपंक्चर पॉइंट्स की मदद से आपका सिर घूमना कम हो सकता है :
गवर्निंग वेसल्स 20
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इसे जीवी 20 भी कहा जाता है। यह बिंदु सिर के ऊपरी केंद्र पर स्थित है, जिसे आप तस्वीर के माध्यम से ठीक से देख सकते हैं। यह सिर चकराना, सिरदर्द और स्ट्रोक से आराम दिलाता है और वर्टिगो के इलाज में लाभदायक होता है (19)।
गालब्लेडर 20:
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जीबी 20 पॉइंट आपके हेयरलाइन के ठीक नीचे और रीढ़ के दोनों ओर स्थित होता है। तस्वीर में इस बिंदु को साफ देखा जा सकता है। यह सिर, दिमाग और सेंस ओर्गंस से जुड़ी बीमारियों से राहत दिलाने में बहुत सहायक है। सिरदर्द के लिए यह आवश्यक एक्यूपंक्चर पॉइंट है (20)।
नोट – एक्यूपंक्चर का उपचार स्वयं न करें। यह उपचार करवाने के लिए किसी एक्यूपंक्चर विशेषज्ञ की मदद लें। साथ में डॉक्टरी परामर्श भी जरूरी है।
लेख के अगले भाग में हम जानेंगे कि वर्टिगो के दौरान आपका खान-पान कैसा होना चाहिए।
वर्टिगो के लिए आहार – Diet For Vertigo in Hindi
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वर्टिगो के मरीजों को फैट और कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम लेने की सलाह दी जाती है। साथ ही, आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी जाती है (23)। आप अपने आहार में नीचे दिए गए खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं:
सेब, केला, नाशपाती, आड़ू आदि फल फाइबर से भरपूर होते हैं। साथ ही आप होल ग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस और ओटमील भी खा सकते हैं (24)।
वर्टिगो के लिए आहार में आप गाजर, पालक, उबले हुए आलू, मशरूम और कद्दू भी खा सकते हैं (24)।
विटामिन बी-12 से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं (25)। इसकी कमी से टिनीटस होने की आशंका बढ़ जाती है (26)।
अपने आहार में नमक की मात्रा कम करें (27)। ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें, जिनमे नमक (सोडियम) की मात्रा ज्यादा हो, जैसे हेम, बेकन, सलामी, बोलोंगा, आदि (28) (29) (30) (31)।
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों को खाने से बचें। ज्यादा समय तक ताजा रखने के लिए इनमें ज्यादा नमक मिलाया जाता है।
मैक्रोनी, चीज, ऑलिव और पैकेट बंद चिप्स भी अपने आहार में शामिल न करें।
इनके अलावा कैफीन और शराब का सेवन भी न करें (32)।
आइए आगे जानते हैं कि आप वर्टिगो के लिए किस तरह की एक्सरसाइज कर सकते हैं।
वर्टिगो के लिए एक्सरसाइज – Exercises For Vertigo in Hindi
डॉक्टरों द्वारा निर्देशित कुछ एक्सरसाइज करने से आपको वर्टिगो का इलाज करने में सहायता मिल सकती है (33)।
स्टैंडिंग अपराइट – इसे रोमबर्ग एक्सरसाइज भी कहते हैं। इसे करने के लिए आप दीवार पर पीठ लगाकर सीधे खड़े हो जाएं और अपने आगे सहारे के लिए कुर्सी रखें। आपके हाथ नीचे की ओर बिल्कुल सीधे होने चाहिए। इस अवस्था में आप करीब 30 सेकंड तक खड़े रहें और इसे करीब 5 बार करें। जब आप इसमें अभ्यस्त हो जाएं, तो इसी एक्सरसाइज को आंखें बंद करके करें।
सामने और पीछे की ओर घूमना – स्टैंडिंग अपराइट की तरह इसमें भी दीवार के सहारे सीधे खड़े रहें। अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई के बराबर खोल लें और हाथों को सीधा बगल में रखें। अब अपने शरीर को आगे-पीछे करते हुए बार���-बारी से पूरे शरीर के भार को पहले एड़ियों से पंजों पर और फिर पंजों से एड़ियों पर लेकर आए। इसे दौरान आपके कूल्हे सीधे रहने चाहिए। इसे आप करीब 20 बार दोहराएं।
बाएं से दाएं झुकना– फिर से इसी स्थिति में अपने पैरों को फर्श से हटाए बिना पहले बाएं से दाएं और फिर दाएं से बाईं ओर झुकें। इसे 20 बार दोहराएं।
इन एक्सरसाइज को आप दिन में दो बार कर सकते हैं। वहीं, जब वर्टिगो का अटैक आए, तो आप नीचे दी हुई एक्सरसाइज कर सकते हैं।
द ब्रांट-डारॉफ एक्सरसाइज – इस अभ्यास को सिर घूमना के लक्षणों से जल्दी राहत दिलाने के लिए किया जाता है। इसे करने के लिए –
सबसे पहले पलंग या सोफे के किनारे पैर लटकाकर बैठ जाएं।
अब बाईं तरफ झुकना शुरू करें और दो-तीन सेकंड के लिए लेट जाएं।
यह करते हुए आपका सिर 45 डिग्री एंगल पर ऊपर की ओर उठा होना चाहिए।
इसके बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं और 30 सेकंड के लिए बैठें।
फिर दाईं तरह से झुकना शुरू करें और दो-तीन सेकंड के लिए लेट जाएं।
एक बार फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं और 30 सेकंड के लिए बैठें।
यह प्रक्रिया एक बार में पांच बार दोहराएं।
वर्टिगो के उपचार के लिए ध्यान रखें कि बहुत देर बैठे या लेटे रहने के बाद अचानक से खड़े न हो जाएं। कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे आपकी आंखों पर प्रभाव पड़े। पूरी नींद लें, संतुलित आहार लें और रोज व्यायाम करें। इन बातों को ध्यान में रखने से आपका सिर घूमना कम हो सकता है। साथ में इस बात का भी ध्यान रखें, कि वर्टिगो के लिए कोई भी एक्सरसाइज अकेले में न करें। गंभीर स्थिति में किसी को अपने साथ रखें और डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या वर्टिगो को रोका जा सकता है?
जी हां, वर्टिगो को रोका जा सकता है। ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख कर वर्टिगो से बच सकते हैं। इसके साथ नियमित रूप से व्यायाम करने और संतुलित आहार करने से भी वर्टिगो से छुटकारा मिल सकता है।
वर्टिगो कितने समय तक रहता है?
यह अटैक कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक रह सकता है। ज्यादातर मामलों में यह दो से तीन घंटे में शांत हो जाता है (29)।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vertigo-ke-karan-lakshan-aur-gharelu-ilaj-in-hindi/
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गर्दन का कालापन दूर करने के 12 घरेलू उपाय – 12 Effective Home Remedies To Get Rid Of A Dark Neck
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गर्दन का कालापन दूर करने के 12 घरेलू उपाय – 12 Effective Home Remedies To Get Rid Of A Dark Neck
shivani verma December 24, 2018
चेहरा हो बेहद खूबसूरत और बेदाग, लेकिन गर्दन पर कालापन छाया हो, तो ऐसी सुंदरता का कोई महत्व नहीं रह जाता। जिनकी गर्दन पर कालापन होता है, वो अक्सर यही सोचते हैं कि आखिर गर्दन और गले का कालापन कैसे दूर करें? कुछ लोग गर्दन का कालापन दूर करने के लिए तरह-तरह की क्रीम का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ लोग घरेलू उपचार अपनाकर इस कालेपन को दूर करने की कोशिश करते हैं। अगर आप भी गर्दन के कालेपन को लेकर परेशान हैं, तो यह लेख आपके लिए हैं। इस लेख में हम आपको गर्दन और गले के कालेपन से छुटकारा पाने के घरेलू उपचार बताएंगे।
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि गर्दन किन-किन कारणों से काली होती है।
गर्दन काली होने के कारण क्या हैं? – Causes of Dark Neck in Hindi
गर्दन काली रहने का सबसे पहला कारण होता है साफ-सफाई की कमी। जब गर्दन को अच्छी तरह साफ नहीं किया जाता, तो गर्दन का रंग काला पड़ने लगता है। गर्दन काली होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं :
ज्यादा देर तक धूप में रहने से।
वातावरण प्रदूषित होने से।
मोटापे या मधुमेह से।
इसके अलावा, एग्जिमा और फंगल इंफेक्शन के कारण भी त्वचा का रंग काला पड़ने लगता है। वहीं, अकैन्थोसिस नाइग्रिकेंस नामक हार्मोनल स्थिति के कारण भी गर्दन और गले के आसपास की त्वचा काली पड़ने लगती है (1)। ऐसी स्थिति में गर्दन का कालापन दूर करने के लिए कई तरह के उपचार किए जा सकते हैं। वहीं, धूप, साफ-सफाई की कमी से होने वाले कालेपन को दूर करने के लिए घरेलू उपचार अपनाए जा सकते हैं, जिनके बारे में हम आपको इस लेख में आगे बता रहे हैं।
गर्दन के कालेपन से कैसे छुटकारा पाएं? – How to Get Rid of Dark Neck in Hindi
यह एक ऐसा सवाल है, जो कई लोगों के मन में आता है। यही कारण है कि बहुत से लोग गले के कालेपन और गर्दन के कालेपन को दूर करने के लिए घरेलू उपचार अपनाते हैं। यहां हम आपको एक नहीं, बल्कि पूरे 12 घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं। गर्दन का कालापन दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Dark Neck in Hindi
1. एलोवेरा जेल
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सामग्री :
एलोवेरा जेल
क्या करें?
पौधे से एलोवेरा को थोड़ा काटकर उसमें से जेल निकाल लें।
अब इस जेल को अपनी गर्दन पर लगाकर कुछ देर मा��िश करें।
करीब 10 मिनट बाद पानी से गर्दन को धो लें।
ऐसा कब-कब करें?
गर्दन का कालापन जल्दी दूर करने के लिए इस प्रक्रिया को रोजाना दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
एलोवेरा में एलोसिन होता है, जो त्वचा पर पिगमेंटेशन उत्पन्न करने वाले एंजाइम की सक्रियता को कम करता है, जिससे त्वचा का कालापन दूर होता है (2)। इसके अलावा, एलोवेरा में जरूरी फैटी एसिड, विटामिन और खनिज होते हैं, जो त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं (3)।
2. सेब का सिरका
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दो चम्मच सेब का सिरका
चार चम्मच पानी
थोड़ी-सी रूई
क्या करें?
पानी में सेब का सिरका मिला लें और रूई की मदद से इसे अपनी गर्दन पर लगाएं।
10 मिनट तक इसे लगा छोड़ दें और फिर पानी से धो लें।
ऐस कब-कब करें?
आप एक दिन छोड़कर अपनी गर्दन पर इसे लगा सकते हैं।
यह कैसे काम करता है?
सेब का सिरका त्वचा के पीएच स्तर को संतुलित बनाकर प्राकृतिक निखार देता है। इसके अलावा, यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है। यही मृत कोशिकाएं त्वचा के कालेपन की जिम्मेदार होती हैं। इस सिरके में मैलिक एसिड पाया जाता है, जिससे त्वचा एक्सफोलिएट (मृत त्वचा का हटना) होती है (4)।
सावधानी : सेब का सिरका त्वचा को थोड़ा रूखा बना सकता है, इसलिए इसे लगाने के बाद अपनी त्वचा पर मॉइश्चराइजर लगाना न भूलें।
3. बादाम का तेल
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बादाम के तेल की कुछ बूंदें।
एक से दो बूंद टी-ट्री ऑयल (वैकल्पिक)
क्या करें?
गर्दन को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोकर सूखने दें।
अब बादाम के तेल या नारियल के तेल से अपनी गर्दन की मालिश करें।
आप चाहें तो इसमें टी-ट्री ऑयल भी मिला सकती हैं।
इस तेल से 10 से 15 मिनट तक सर्कुलर मोशन में मालिश करें।
इसके बाद गुनगुने पानी से त्वचा साफ कर लें। आप तेल साफ करने के लिए रूई का इस्तेमाल कर सकती हैं।
ऐसा कब-कब करें?
आप इस प्रक्रिया को रोजाना दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
बादाम के तेल में विटामिन-ई होता है, जो त्वचा को मुलायम कर इसे जवां बनाए रखता है। इसके अलावा, इसमें कुछ ब्लीचिंग गुण भी होते हैं, जो त्वचा के रंग को निखारता हैं (5)। वहीं, टी-ट्री ऑयल रक्त संचार को सुधारता है और अगर त्वचा पर किसी तरह के निशान हैं, तो उन्हें भी कम करने में मदद करता है (6)।
4. बेकिंग सोडा
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सामग्री
दो-तीन चम्मच बेकिंग सोडा
पानी
क्या करें?
बेकिंग सोडा में पानी मिलाकर एक पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को अपनी गर्दन पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें।
पेस्ट के सूखने के बाद हाथों पर पानी लगाएं और धीरे-धीरे स्क्रब करना शुरू करें और फिर पानी से गर्दन को साफ कर लें।
गर्दन सूखने के बाद मॉइश्चराइजर लगा लें।
ऐसा कब-कब करें?
आप एक या दो सप्ताह तक रोजाना इस प्रक्रिया को दोहराएं। कुछ ही दिनों में आपको परिणाम दिखने लगेगा।
यह कैसे काम करता है?
यह स्क्रब आपकी त्वचा से मृत कोशिकाएं हटाने में मदद करता है। इसके अलावा, बेकिंग सोडा त्वचा को पोषण देकर सर्कुलेशन बढ़ाता है (7)।
5. जैतून का तेल और नींबू का रस
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सामग्री
नींबू का रस
जैतून का तेल
क्या करें?
नींबू के रस और जैतून के तेल को बराबर मात्रा में मिला लें।
इसे रात को सोने से पहले अपनी गर्दन पर लगाएं।
ऐसा कब-कब करें?
आप एक महीने तक रोजाना इस मिश्रण को गर्दन पर लगाएं।
यह कैसे काम करता है?
नींबू के रस में प्राकृतिक ब्लीच के गुण होते हैं। यह आपका रंग साफ करने में मदद करता है और रोमछिद्रों को भी छोटा करता है (8)। वहीं, जैतून का तेल त्वचा को हाइड्रेट कर मुलायम बनाता है (9)।
6. आलू का रस
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सामग्री
एक छोटा आलू
क्या करें?
आलू को घिस लें और इसका रस निकाल लें।
इस रस को गर्दन पर लगाएं और 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
अब गुनगुने पानी से गर्दन को धो लें।
ऐसा कब-कब करें?
ऐसा रोजाना दिन में एक-दो बार करें।
यह कैसे काम करता है?
आलू के रस में ब्लीचिंग गुण होते हैं, जो त्वचा में निखार लाने का काम करते हैं। नियमित रूप से यह उपचार करके त्वचा का कालापन दूर होने लगेगा (10)।
7. ओटमील स्क्रब
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सामग्री
¼ कप ओट्स।
एक चम्मच टमाटर का रस।
गुलाब जल या जैतून का तेल।
क्या करें?
ओट्स को पीसकर पाउडर बना लें।
इस पाउडर में टमाटर का रस और गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को अपनी गर्दन पर लगाकर 20 मिनट तक छोड़ दें।
अब इसे हाथों से रगड़ते हुए स्क्रब करें।
स्क्रब करने के बाद ठंडे पानी से धो लें और त्वचा को सूखने दें।
ऐसा कब-कब करें?
बेहतर परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को सप्ताह में दो से तीन बार दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
जब त्वचा पर लापरवाही के ���ारण मृत कोशिकाएं जमा हो जाती हैं, तो उन्हें हटाना जरूरी होता है। इन्हें हटाने के लिए ओट्स का स्क्रब काफी मदद करता है। ओट्स त्वचा को साफ करने के साथ-साथ नमी भी प्रदान करता है। रूखेपन से त्वचा काली पड़ सकती है और ओट्स त्वचा को मॉइश्चराइज करता है (11)।
सावधानी : आप ओट्स को बिल्कुल बारीक न पीसें। इससे इसके एक्सफोलिएट गुण खत्म हो सकते हैं।
8. उबटन
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सामग्री
दो चम्मच बेसन
एक चुटकी हल्दी
½ चम्मच नींबू का रस
गुलाब जल या योगर्ट
क्या करें?
ऊपर बताई गई सभी सामग्रियों को मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को अपनी गर्दन पर लगाकर 15 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दें।
अब गुनगुने पानी से इसे धो लें।
ऐसा कब-कब करें?
इस पैक को सप्ताह में दो बार अपनी गर्दन पर लगाएं।
यह कैसे काम करता है?
यह उबटन दुल्हन को शादी से पहले लगाया जाता है, ताकि शादी के दिन उनका रूप निखरकर सामने आए। आप भी इस उबटन को त्वचा पर निखार लाने और गर्दन का कालापन दूर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यह उबटन त्वचा की अशुद्धियों को दूर कर उसे एक्सफोलिएट करता है। साथ ही इसे लगाने से रोमछिद्रों में कसावट आती है।
9. विटामिन-ई के कैप्सूल
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सामग्री
तीन से चार विटामिन-ई के कैप्सूल
क्या करें?
विटामिन-ई के कैप्सूल में किसी पिन से सुराख करके उसमें से तेल निकालकर कटोरी में डाल लें।
इस तेल को अपनी गर्दन पर लगाकर कुछ देर मालिश करें।
इसे रात भर गर्दन पर लगा रहने दें और सुबह उठकर धो लें।
ऐसा कब-कब करें?
इस प्रक्रिया को रोजाना रात को सोने से पहले दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
विटामिन-ई टायरोसिन नामक एंजाइम को रोकता है, जो त्वचा पर बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, यह त्वचा को हाइड्रेट भी रखता है (13)।
10. योगर्ट
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सामग्री
एक से दो चम्मच योगर्ट
एक चम्मच नींबू का रस
क्या करें?
योगर्ट और नींबू के रस को अच्छी तरह मिलाकर अपनी गर्दन पर लगा लें।
इसे गर्दन पर 20 मिनट तक लगा रहने दें।
फिर पानी से धो लें।
ऐसा कब-कब करें
इस प्रक्रिया को आप रोजाना दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
योगर्ट में प्राकृतिक एंजाइम होते हैं, जो नींबू के रस में मौजूद एसिड के साथ मिलकर गर्दन के कालेपन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें स्वस्थ वसा भी है, जो त्वचा को पोषण देती है और उसे चिकना बनाती है (14)।
11. हल्दी
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सामग्री
एक से दो चम्मच सादा योगर्ट
¼ चम्मच हल्दी पाउडर
क्या करें?
योगर्ट में हल्दी पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें।
इस पेस्ट को गर्दन पर लगा्कर 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
अब गर्म पानी से इसे धो लें।
ऐसा कब-कब करें?
बेहतर परिणाम के लिए आप रोजाना यह पैक गर्दन पर लगाएं।
यह कैसे काम करता है?
हल्दी रंग साफ करने में मदद करती है, इसके अलावा यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को भी निकालती है (15, 16)।
12. शिया बटर
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सामग्री
शिया बटर या कोकोआ बटर
क्या करें?
कोकोआ बटर या शिया बटर को अपनी गर्दन पर लगाएं।
इससे गर्दन की तीन से चार मिनट तक मालिश करें।
इसे धोएं नहीं।
ऐसा कब-कब करें?
आप रोजाना रात को सोने से पहले इस प्रक्रिया को दोहराएं।
यह कैसे काम करता है?
शिया बटर और कोकोआ बटर दोनों ही त्वचा को हाइड्रेट रखते हैं और पोषण देते हैं। इनमें स्वस्थ फैटी एसिड की काफी मात्रा होती है, जो त्वचा को नरम रखती है। यह बटर त्वचा को टोन भी करता है और त्वचा के कालेपन को दूर करता है (17, 18)। ये थे गर्दन और गले का कालापन दूर करने के कुछ घरेलू उपचार। इनसे आपकी त्वचा टोन होती है और गर्दन और चेहरे का रंग आपस में मेल खाता है, जिससे आपकी खूबसूरती और बढ़ती है। इन उपचारों के अलावा, हम कुछ अन्य टिप्स भी दे रहे हैं, जो आपकी गर्दन को निखारने में मदद करेंगे।
गले का कालापन दूर करने के कुछ खास टिप्स – Tips for Dark Neck in Hindi
आप मुंह धोने के साथ-साथ अपनी गर्दन को धोना न भूलें।
जैसे आप अपने चेहरे को सूरज की तेज किरणों से बचाने के लिए हाइड्रेट रखती हैं, वैस ही आप गर्दन की त्वचा की भी देखभाल करें। बाहर जाने से पहले हमेशा गर्दन पर भी सनस्क्रीन लोशन जरूर लगाएं।
अच्छे रक्त संचार और ग्लो के लिए महीने में एक बार बादाम के तेल से मालिश करें।
ऐसी धातु की चीजें गले में बिल्कुल न पहनें, जिससे आपको एलर्जी हो या जिससे त्वचा काली पड़े।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको गले का कालापन कैसे दूर करें का जवाब इन घरेलू उपचार से मिल गया होगा। वहीं, नियमित रूप से त्वचा की देखभाल और साफ-सफाई से आपकी गर्दन में निखरा आएगा। इसके अलावा, अगर आपको गर्दन का कालापन दूर करने के कुछ और तरीके पता हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमारे साथ जरूर शेयर करें।
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कील-मुंहासों के दाग से छुटकारा पाने के उपाय – Pimple Marks Removal Home Remedies in Hindi
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कील-मुंहासों के दाग से छुटकारा पाने के उपाय – Pimple Marks Removal Home Remedies in Hindi
Arpita Biswas December 12, 2018
कोई युवती नहीं चाहती कि उसके चेहरे पर कील-मुंहासे नजर आएं। पिंपल न केवल दर्दनाक होते हैं, बल्कि पिंपल्स के दाग पर वक्त रहते ध्यान नहीं दिया जाए, तो ये उम्र भर चेहरे पर बने रहते हैं। पिंपल किसी भी तरह की त्वचा पर हो सकतें हैं, लेकिन ऑयली यानी तैलीय त्वचा वाले लोगों को इसकी परेशानी सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में पिंपल्स के दाग होने की आशंका भी बढ़ जाती है। इस लेख में हम इसे मुद्दे पर चर्चा करेंगे और बताएंगे कि किसी तरह से कील-मुंहासों के दाग से छुटकारा पाया जा सकता है।
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि पिंपल्स किन कारणों से होते हैं।
कील-मुंहासों के दाग होने के कारण – Causes of Acne Scars in Hindi
यहां हम इसी बारे में आपको थोड़ी जानकारी दे रहे हैं। मुंहासे दो प्रकार के होते हैं – नॉन-इंफ्लेमेटरी और इंफ्लेमेटरी।
वाइटहेड और ब्लैकहेड नॉन-इंफ्लेमेटरी मुंहासे होते हैं, वहीं इंफ्लेमेटरी में पैप्युल्स, पस्ट्यूल, नोड्यूल और सिस्ट जैसे मुंहासे आते हैं। इनमें से इंफ्लेमेटरी यानी सूजन वाले मुहांसों से दाग होने का डर होता है। सूजन वाले मुंहासे तब होते हैं, जब आपकी त्वचा के रोम छिद्र अत्यधिक तेल, मृत कोशिकाओं और गंदगी से बंद होने लगते हैं। इससे त्वचा के रोम छिद्र सूजने लगते हैं। यही कारण होता है, जब फॉलिकल वॉल फैलकर टूट जाती है और छिद्रों में सूजन का कारण बनती है।
अगर यह क्षति आपकी त्वचा की सतह के करीब होती है, तो यह जल्दी ठीक हो जाती है, लेकिन अगर यही घाव गहरा हुआ, तो अधिक गंभीर हो सकता है। इस कारण संक्रमण होकर यह डर्मिस (त्वचा की दूसरी सतह) तक पहुंच सकता है और त्वचा की स्वस्थ कोशिकाओं को क्षति पहुंचा सकता है।
मुंहासों के दाग के प्रकार – Types of Pimple Marks in Hindi
अब वक्त है मुंहासों के दाग के प्रकार जानने का। अगर आपको अपने पिंपल्स के दाग हटाने हैं, तो उसके प्रकार जानना भी जरूरी है। मुंहासे के दाग कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से कुछ के नाम हम नीचे आपको बता रहे हैं।
आइस-पिक स्कार्स – यह छोटे, गहरे और गाढ़े या धब्बेदार निशान होते हैं।
रोलिंग स्कार्स – यह दाग गड्ढे जैसे होते हैं।
बॉक्सकार स्कार्स – यह सूजन वाले मुंहासों के बाद होते हैं। ये छोटे होते हैं, लेकिन दिखने में ऐसे लगते हैं, जैसे आपकी त्वचा पर किसी ने नाखून गढ़ा दिए हों।
एट्रोफिक स्कार्स – यह बहुत सामान्य है। यह दाग समतल, पतले और गड्डे वाले होते हैं। यह निशान ज्यादातर गंभीर मुंहासे या चिकनपॉक्स के बाद हो सकते हैं।
हाइपरट्रोफिक स्कार्स – यह त्वचा की सतह से निकलता है और गांठ जैसा मोटा होता है।
मुंहासे के दाग के प्रकार जानने के बाद अब बारी है मुंहासे के दाग हटाने के उपाय के बारे में जानने की। नीचे हम कुछ घरेलू उपाय आपको बता रहे हैं, जिसे अपनाकर आप काफी हद तक पिंपल्स के दाग से छुटकारा पा सकते हैं।
पिंपल्स के दाग को मिटाने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Pimple Marks in Hindi
अब जब कील-मुंहासों के बारे में इतना कुछ आप जान ही गए हैं, तो अब सवाल उठता है कि पिंपल के दाग कैसे मिटाएं? इसके लिए हम यहां कुछ घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं। एक बात का ध्यान रखें कि ये घरेलू इलाज मुंहासों के दाग की गहराई और गंभीरता पर निर्भर करते हैं। अगर दाग गंभीर, पुराने और गहरे हैं, तो उन्हें हटाने के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह की जरूरत होगी।
1. संतरे के छिल्के का पाउडर
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सामग्री
एक चम्मच संतरे के छिल्के का पाउडर (आप चाहें तो संतरे के छिल्कों को धूप में सुखाकर उसका पाउडर बना सकते हैं या बाजार से भी खरीद सकते हैं )
एक चम्मच शहद
बनाने और लगाने की विधि
एक कटोरी में संतरे के छिल्के का पाउडर और शहद मिलाकर पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को पिंपल के दाग पर लगाएं।
इसे लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें फिर पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर एक दिन छोड़कर लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
संतरे की तरह ही संतरे के छिल्के में भी कई गुण होते हैं। संतरे के छिल्के में रंग को हल्का करने के गुण होते हैं, जिस कारण यह मुंहासों के दाग और पिगमेंटेशन को कम कर सकता है (1)।
2. नारियल तेल
सामग्री
एक चम्मच नारियल तेल
उपयोग करने की विधि
एक चम्मच नारियल तेल को अपने हथेलियों पर लगा लें।
अब इस तेल को अपने चेहरे पर लगाएं, खासकर मुंहासों के कारण हुए दाग पर।
इसे रात को लगाएं और रातभर लगा रहने दें।
फिर अगली सुबह पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर रोज लगा सकते हैं या फिर हर एक दिन छोड़कर।
कैसे फायदेमंद है?
जब बात त्वचा की हो तो नारियल तेल के कई फायदे हैं। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन-ई होता है, जो आपकी त्वचा में स्वस्थ टिश्यू को बनने में मदद करता है। साथ ही त्वचा में एक नई जान डालकर उसे निखारता है। नारियल तेल के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-मायक्रोबियल गुण नए कील-मुंहासों से भी त्वचा को क्षति पहुंचाने से बचाते हैं (2)। हालांकि, कुछ लोगों को इसे लगाने से व्हाइट हेड हो सकते हैं, क्योंकि यह आपके छिद्रों को बंद कर सकता है। इसलिए, बेहतर होगा कि आप पहले पैच टेस्ट या त्वचा के थोड़े से हिस्से में लगाकर एक बार परीक्षण कर लें कि आपकी त्वचा में इससे कोई एलर्जी या रिएक्शन तो नहीं हो रहा है।
3. बेसन
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सामग्री
एक चम्मच बेसन
गुलाब जल या नींबू का रस (आवश्यकतानुसार)
बनाने और लगाने की विधि
एक चम्मच या अपनी आवश्यकतानुसार बेसन लें और उसमें गुलाब जल मिलाकर थोड़ा गाढ़ा पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को अपने चेहरे, गर्दन और मुंहासे के दाग पर लगाएं।
फिर इसे थोड़ी देर सूखने दें और जब सूख जाए, तो पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं
आप इसे एक दिन छोड़कर लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए बेसन का वर्षों से उपयोग किया जाता आ रहा है। बेसन त्वचा की परेशानियों जैसे मुंहासे और मुंहासे के दाग को कम करने का एक अच्छा उपाय है। इसमें मौजूद, एक्सफोलिएटिंग (मृत त्वचा को हटाना) और रंगत को निखारने के गुण त्वचा के दाग-धब्बों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
4. टी ट्री ऑइल
सामग्री
तीन से चार बूंद टी ट्री ऑइल
एक चम्मच नारियल तेल
बनाने और लगाने की विधि
नारियल तेल में तीन से चार बूंद टी ट्री ऑइल मिलाएं।
तेल के इस मिश्रण को दाग पर रातभर लगा रहने दें या फिर सुबह नहाने से एक या दो घंटे पहले लगाएं।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर रोज लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
टी ट्री ऑइल कील-मुंहासों वाली त्वचा के लिए फायदेमंद है। यह न सिर्फ मुंहासों को कम करता है, बल्कि इसमें मौजूद एंटी-मायक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दाग को भी कम कर सकते हैं (3)। यह बिल्कुल बेंजॉल पेरोक्साइड (benzoyl peroxide) की तरह काम करता है, लेकिन इसका असर होने में थोड़ा वक्त लगता है।
5. सेब का सिरका
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सामग्री
एक चम्मच सेब का सिरका
दो चम्मच शहद
पानी
बनाने और लगाने की विधि
एक चम्मच सेब के सिरके को दो चम्मच शहद के साथ मिलाएं।
इस मिश्रण में थोड़ा पानी मिला लें, ताकि ये अच्छे से घुल जाए।
अब इस मिश्रण को रूई की मदद से अपने चेहरे और मुंहासे के दाग पर लगाएं।
उसके बाद 10 से 15 मिनट के लिए इसे लगा रहने दें और फिर बाद में पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर रोज या हर दूसरे दिन लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
सेब के सिरके में एंटी-माइक्रोबियल गुण है, जो मुंहासों को दूर करता है (4)। वहीं, इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण न सिर्फ मुंहासों की सूजन को कम करते हैं, बल्कि उसके लालपन को कम करके दाग को भी हल्का करते हैं। हालांकि, इससे आपकी त्वचा रूखी हो सकती है, इसलिए इसके इस्तेमाल के बाद मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं।
6. एलोवेरा
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सामग्री
एलोवेरा जेल
कैसे लगाएं?
एलोवेरा के पत्ते से एलोवेरा जेल निकाल लें (आप एलोवेरा जेल बाजार से भी खरीद सकते हैं)।
रात को सोने से पहले जेल को अपने दाग पर लगाएं।
रातभर के लिए लगा रहने दें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर रोज लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
एलोवेरा में पॉलीसैकराइड और जिबरेलिंस (polysaccharides and gibberellins) मौजूद हैं, जो त्वचा के दाग को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा को स्वस्थ बनाते हैं। साथ ही धूल-मिट्टी, प्रदूषण, सूरज की हानिकारक किरणों और अन्य कारणों से त्वचा को हुए नुकसान को कम कर सकते हैं (5)।
7. बेकिंग सोडा
सामग्री
दो चम्मच बेकिंग सोडा
एक चम्मच पानी
बनाने और लगाने की विधि
दो चम्मच बेकिंग सोडा को एक चम्मच पानी में मिलाएं।
अब इस मिश्रण को पिंपल्स के दाग पर लगाएं।
फिर सूखने के बाद इसे धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर रोज या एक दिन छोड़कर लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
बेकिंग सोडा में एक्सफोलिएटिंग गुण है, जो त्वचा की मृत कोशिकाओं को निकालता है। बेकिंग सोडे में थोड़ा खारापन होता है, जो त्वचा के पीएच स्तर को संतुलित करता है। इससे मुंहासे और मुंहासे के निशान से छुटकारा पाया जा सकता है (6)।
8. नींबू का रस
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सामग्री
आधा नींबू
रूई
कैसे उपयोग करें?
एक कटोरी में आधे नींबू का रस निकाल लें।
अब इसमें रूई डुबोकर रस को अपने दाग पर लगाएं।
10 मिनट तक लगा रहने दें धो लें।
हफ्ते में कितने बार लगाएं?
आप इसे हर एक दिन छोड़कर लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
नींबू में मौजूद विटामिन-सी के वजह से नीं��ू में त्वचा के रंग को साफ करने और निखारने के गुण होते हैं। इसलिए, यह मुंहासोंं के दाग-धब्बों को कम कर सकता है (7)।
9. अरंडी का तेल
सामग्री
अरंडी का तेल (आवश्यकतानुसार)
लगाने की विधि
रात को अपने अंगुलियों पर अरंडी के तेल की कुछ बूंदें लेकर उसे अपने दाग पर लगा लें।
इसे सोने से पहले लगाएं और रातभर लगा रहने दें।
अगली सुबह पानी से धो लें। आप फेसवॉश या साबुन से भी चेहरे को साफ कर सकते हैं।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर रोज लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
अरंडी के तेल में विटामिन-ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो दाग-धब्बों और क्षतिग्रस्त टिशू को ठीक करता है। इसके अलावा, यह पिगमेंटेशन और दाग को कम भी कर सकता है (8)।
10. हल्दी
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सामग्री
एक या दो चम्मच हल्दी पाउडर
आधा नींबू
बनाने और लगाने की विधि
नींबू के रस में एक या दो चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं।
अब इस पेस्ट को अपने पूरे चेहरे पर लगाएं।
फिर इसे 30 मिनट के लिए लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर दूसरे दिन लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
हल्दी के कई फायदे हैं और जब बात आए त्वचा की, तो हल्दी को वर्षों से त्वचा पर निखार लाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। यह दाग-धब्बों को हल्का कर त्वचा की रंगत को निखारता है। इसमें मौजूद, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की गुणवत्ता को बढ़ाकर त्वचा को स्वस्थ बनाते हैं (9)।
11. विटामिन
विटामिन-सी, ई, और ए आपकी त्वचा के लिए बहुत अच्छे हैं। सूरज की हानिकारक किरणें आपकी त्वचा से विटामिन-ए को खत्म कर सकती हैं, जिस कारण आपको झुर्रियों और दाग-धब्बों की शिकायत हो सकती है (10)। वहीं, विटामिन-ई आपकी त्वचा को स्वस्थ बनाता है (11) । विटामिन-सी की एंटी-ऑक्सीडेंट क्षमता आपकी त्वचा के उत्तकों (skin tissues) को रिपेयर करती है (12)। साथ ही कोलेजन के निर्माण में सहयोग करती है, ताकि दाग-धब्बे कम हो सकें। आप हर रोज सिट्रस फल, पत्तेदार सब्जियां, गाजर, मछली, पनीर और पालक का सेवन करके इन विटामिंस को प्राप्त कर सकते हैं।
12. आलू
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सामग्री
कुचला हुआ कच्चा आलू
रूई
बनाने और लगाने की विधि
कच्चे आलू को कुचलकर उसका रस निकाल लें।
फिर इस रस में रूई डुबाकर अपने पूरे चेहरे या सिर्फ पिंपल्स से हुए गाद पर लगाएं।
इसे 20 से 30 मिनट के लिए लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर रोज एक बार लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
आलू को त्वचा में निखार लाने और दाग-धब्बों को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका श्रेय आलू के खारेपन और बनावट को जाता है (13)।
13. कोको बटर
सामग्री
कोको बटर (आवश्यकतानुसार, यह बाजार में आसानी से उपलब्ध है)
लगाने की विधि
रात को सोने से पहले थोड़ा सा कोको बटर लेकर अपने चेहरे पर लगा लें।
आप चाहें तो इसे सिर्फ अपने पिंपल्स के दाग पर भी लगा सकते हैं।
इसे रातभर चेहरे पर लगा रहने दें और अगली सुबह पानी से चेहरा धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
इसे आप हर रोज लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
कोको बटर त्वचा को मॉश्चराइजिंग प्रदान करता है और दाग वाले टिशू को मुलायम या हल्का कर सकता है (14)। यह आपकी त्वचा की रंगत को भी निखारता है और दाग-धब्बों को कम भी करता है।
14. शहद का मास्क
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सामग्री
एक चम्मच शहद
आधा नींबू (यह ऑप्शनल है)
बनाने और लगाने की विधि
एक चम्मच शहद को आधे नींबू के रस के साथ मिलाएं।
अब इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाकर 20 से 30 मिनट के लिए छोड़ दें।
फिर पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
यह आप हर रोज या हर दूसरे दिन लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
नींबू और शहद के सेवन से वजन कम होता है, यह तो आपको पता ही है, लेकिन यह आपके दाग-धब्बों को भी मिटाता है। शहद में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो क्षतिग्रस्त त्वचा को भरते हैं और मुंहासों को निकलने से रोकते हैं (15)। इसके अलावा, शहद में मौजूद मॉइश्चराइजिंग गुण दाग-धब्बों के टिशू को नर्म कर त्वचा को रिपेयर करता है।
15. गुलाब जल
सामग्री
गुलाब जल
रूई
लगाने की विधि
रूई को गुलाबजल में डुबोकर उससे पूरे चेहरे को साफ करें।
उसके बाद चेहरे को धोए नहीं।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप हर रोज इससे चेहरा साफ कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
गुलाब जल त्वचा को मॉइश्चराइज करता है और दाग के टिशू को मुलायम करता है। इसके अलावा, मुंहासों क��� दाग को कम करता है और त्वचा की नई कोशिकाओं को बनने में मदद करता है (16)।
16. लहसुन
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सामग्री
एक या दो लहसुन की कलियां
लगाने की विधि
लहसुन छिली हुईं एक या दो कलियां लें।
कली को तोड़कर अपने दाग पर रगड़ें, ताकि उसका रस आपके दाग पर लग जाए।
यह आप रात को सोने से पहले लगाएं और रातभर लगा रहने दें।
अगली सुबह पानी या फेसवॉश से चेहरा धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप हर दूसरे दिन इसे लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
जब लहसुन की कली को पीसा या तोड़ा जाता है, तो इसमें से एलिसिन नामक एक यौगिक निकलता है, जिसमें बहुत ही शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट के गुण मौजूद हैं (17), (18), (19)। लहसुन के ये गुण मुंहासे के निशान से छुटकारा पाने और आगे मुंहासों को होने से रोकने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, आपको थोड़ी सावधानी भी बरतनी हैं, क्योंकि लहसुन कभी-कभी त्वचा पर एलर्जी, खुजली या जलन का कारण बन सकता है। इसलिए, आप इसका पहले पैच टेस्ट कर लें और अगर आपको जलन या खुजली महसूस हो, तो उपयोग न करें, क्योंकि जरूरी नहीं कि लहसुन सभी की त्वचा को सूट करे।
17. बादाम तेल
सामग्री
कुछ बूंद बादाम तेल
लगाने की विधि
रात को सोने से पहले अपने हाथ में थोड़ा बादाम तेल लेकर अपने चेहरे पर लगा लें।
उसे रातभर लगा रहने दें।
अगले दिन चेहरा धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप हर रोज रात को बादाम तेल लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
त्वचा के लिए बादाम तेल के कई फायदे हैं। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-ई और फैटी एसिड मौजूद होता है, जो दाग-धब्बों को हल्का करता है और त्वचा को नर्म व मुलायम बनाकर निखार ला��ा है। बादाम तेल लगाने से सनबर्न, एलर्जी, मुंहासे और अन्य कई त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है (20)।
18. दलिया का मास्क
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सामग्री
दो चम्मच दलिया
एक चम्मच शहद
एक चम्मच नींबू का रस
बनाने और लगाने की विधि
दो चम्मच दलिया को एक चम्मच नींबू के रस और एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं।
इस मिश्रण को अपने चेहरे, गर्दन और मुंहासों के दाग पर लगाएं।
इसे 30 मिनट तक लगा रहने दें फिर पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप हफ्ते में दो से तीन बार इस पैक को लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
जिन्हें बार-बार कील-मुंहासों की परेशानी होती है, उनके लिए दलिया का फेस पैक बहुत फायदेमंद है। यह त्वचा से अधिक तेल को सोख लेता है और इसका एक्सफोलिएटिंग गुण त्वचा के क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करता है (21)। साथ ही यह त्वचा के रोम छिद्रों को बिना बंद किए ही त्वचा को हाइड्रेट रखता है।
19. अदरक
सामग्री
कुचला हुआ अदरक
लगाने की विधि
थोड़ा-सा अदरक लेकर, उसे अच्छे से कुचल लें।
फिर इसे दाग पर लगाएं और 30 मिनट तक ऐसे ही रहने दें।
इसके बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर रोज लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
अदरक में ऐसे यौगिक होते हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं (22)। यह न सिर्फ मुंहासों के घाव को कम कर सकता है, बल्कि मुंहासों के दाग को भी कम कर सकता है।
20. अंडे का सफेद हिस्सा
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सामग्री
एक या दो अंडे
एक चम्मच नींबू का रस
बनाने और लगाने की विधि
एक या दो कच्चे अंडे लेकर, उसके सफेद हिस्से को अलग कटोरी में निकाल लें।
अब इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर अच्छे से फेंट लें।
फिर इस मिश्रण को अपने चेहरे और दाग पर लगाएं।
इसे 30 मिनट तक लगाकर रखें और फिर पानी से धो लें। आप फेसवॉश या साबुन भी चेहरे को धो सकती हैं।
हफ्ते में कितनी लगाएं?
आप हर दूसरे दिन इस मिश्रण का प्रयोग कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
अंडे की सफेदी में त्वचा को कसने और त्वचा को स्वस्थ रखने के गुण मौजूद होते हैं। अगर आप इस पैक का नियमित रूप से उपयोग करेंगे, तो आपके मुंहासों के दाग हल्के होने लगेंगे (23)।
21. ग्रीन-टी
सामग्री
उपयोग किया हुआ ग्रीन-टी बैग
लगाने की विधि
ग्रीन-टी पीने के बाद, जो ग्रीन-टी बैग बच जाता है उसे अपने दाग पर लगाएं।
आप ग्रीन-टी के पत्तों को निकालकर उसका फेस पैक बना सकते हैं।
इसके साथ ही आप हर रोज ग्रीन-टी का सेवन भी करें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हर रोज एक बार लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
ग्रीन-टी का सेवन स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही, साथ ही त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा है। ग्रीन-टी में कैटेकिन होता है, जो न सिर्फ मुंहासे के सूजन को कम करता है, बल्कि मुंहासे के दाग को भी कम करता है (24)। ���ह उपाय तब और फायदेमंद होगा, जब ग्रीन-टी का रोज सेवन करेंगे और दिन में एक बार मुंहासे के दाग पर इसे नियमित रूप से लगाएंगे।
22. सेंधा नमक
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सामग्री
आधा कप सेंधा नमक
पानी (आवश्यकतानुसार)
बनाने और लगाने की विधि
आधा कप सेंधा नमक को थोड़े पानी में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें।
अब इस मिश्रण को अपने चेहरे और गर्दन पर लगाकर थोड़ी देर मालिश करें।
फिर 15 से 20 मिनट के लिए इसे लगा रहने दें।
उसके बाद पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इसे हफ्ते में तीन बार लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
सेंधा नमक में मैग्नीशियम होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है (25)। यह गुण मुंहासे के दाग को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
23. नीम
सामग्री
नीम के पत्ते (आवश्यकतानुसार)
पानी (आवश्यकतानुसार)
बनाने और लगाने की विधि
अपनी जरूरत के अनुसार नीम के पत्ते लें और थोड़ा पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को चेहरे के दाग-धब्बों पर लगाएं।
फिर इसे 20 से 30 मिनट तक लगा रहने दें और उसके बाद पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप चाहें तो इसे हर रोज लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
नीम को कई सालों से औषधि के रूप में उपयोग किया जाता आ रहा है। आजकल तो बाजार में कई साबुन, क्रीम और फेसवॉश में भी नीम के गुण मौजूद होते हैं। नीम के पत्तों में एंटीसेप्टिक, घाव को भरने और ठंडक प्रदान करने के गुण मौजूद हैं, जो पिंपल्स को ठीक करते हैं और दाग को कम कर सकते हैं (26)।
24. एवोकाडो फेस मास्क
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सामग्री
एक पका हुआ एवोकाडो
एक चम्मच शहद
आधा नींबू
बनाने और लगाने की विधि
एक पके हुए एवोकाडो को अच्छे से कुचल लें।
अब इसमें एक चम्मच शहद और आधा नींबू का रस मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
आप इस मिश्रण को अपने पिंपल्स के दाग पर या पूरे चेहरे पर भी लगा सकते हैं।
इसे 20 से 30 मिनट के लिए लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।
हफ्ते में कितनी बार लगाएं?
आप इस मास्क को हर दूसरे दिन लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
यह मुंहासों के दाग के लिए बहुत ही लाभकारी घरेलू नुस्खा है। एवोकाडो आपके त्वचा के रोम छिद्रों को साफ रखकर आपको मुंहासों से बचाता है (27)। इसमें मौजूद, विटामिन पिम्पल्स के दाग-धब्बों को भी कम करता है।
नोट: ऊपर दी गई किसी भी सामग्री से अगर आपको एलर्जी है, तो उसे उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह करें। इसके अलावा, जो भी घरेलू उपाय करें, उससे पहले उसका पैच टेस्ट कर लें। अगर पैच टेस्ट के दौरान आपको खुजली या जलन जैसी समस्या होती है, तो तुरंत उसे धो लें।
भले ही यह घरेलू उपाय मुंहासों के दाग पर जादू की तरह काम करें, लेकिन इसी के साथ आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आगे चलकर आपको मुंहासे न निकले। इसके लिए आपको कुछ सावधानियां भी बरतनी होगी जिसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
पिंपल के दाग से बचाव के कुछ उपाय – Acne Scar Prevention Tips in Hindi
● हर रोज कम से कम दो बार अपना चेहरा धोएं। ● सोने से पहले अपना मेकअप हटाएं। ● अगर पिंपल निकले, तो उसे दबाएं या हाथ न लगाएं। ● सूरज की हानिकारक किरणों से बचे और जब भी बाहर जाएं, तो न सिर्फ सनस्क्रीन लगाएं, बल्कि चेहरे को स्कार्फ से ढकें। ● स्वस्थ आहार लें, फल, हरी सब्जियों व ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। ● खूब पानी पिएं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मुंहासे के दाग से बचाव के लिए कौन सा तेल सबसे अच्छा है?
नारियल तेल, जैतून का तेल और अरंडी का तेल आपकी त्वचा को रिपेयर करेगा और आपके मुंहासे के दाग को भी कुछ हद तक कम कर सकता है।
मुंहासों के मार्क और स्कार्स में क्या अंतर है?
मुंहासोंं के स्कार्स गहरे व गड्ढे जैसे और कभी पूरी तरह से ठीक नहीं होने वाले होते हैं। वहीं, मुंहासों के मार्क शुरू में काले होते हैं, लेकिन कुछ दिन और हफ्तों में हल्के होने लगते हैं।
इन घरेलू नुस्खों से कुछ हद तक पिंपल्स के दाग कम हो सकते हैं, लेकिन जैसा कि ऊपर इस लेख में हमने लिखा है कि यह पिंपल के दाग की गहराई पर निर्भर करता है कि उसका घरेलू इलाज होगा या आपको किसी विशेषज्ञ की जरूरत है। कई बार कुछ मुंहासों के दाग के लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है। यह जरूरी है कि आप पिंपल्स के दाग पर वक्त रहते ध्यान देकर उसका इलाज शुरू करवाएं और जरूरत पड़े तो त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लें। इस लेख में दिए गए घरेलू उपाय को अपनाने के बाद अपना अनुभव नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।
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त्वचा के लिए गुलाब जल (Gulab Jal) के फायदे और उपयोग – Rose Water Benefits for Skin in Hindi
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त्वचा के लिए गुलाब जल (Gulab Jal) के फायदे और उपयोग – Rose Water Benefits for Skin in Hindi
Anuj Joshi November 27, 2018
बात जब फूलों की हो, तो गुलाब का जिक्र किए बिना कैसे रहा जा सकता है। वैसे भी शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे गुलाब की मनमोहक खुशबू पसंद न हो। बेशक, गुलाब को चाहे घर में सजाएं या फिर अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए बालों पर लगाएं, यह हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच ही लेता है। वहीं, इसी गुलाब से बनने वाले गुलाब जल (gulab jal) के चर्च भी कुछ कम नहीं हैं। भारतीय परंपरा में गुलाब जल का प्रयोग न सिर्फ धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता रहा है, बल्कि त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखारने में भी इसका प्रयोग पौराणिक काल से हो रहा है। आखिर ऐसा क्या है गुलाब जल में, जिसे हर कोई इतना पसंद करता है। गुलाब जल के फायदे (gulab jal ke fayde) जानने के लिए आपको यह आर्टिकल पढ़ना होगा। इस लेख में हम त्वचा के लिए गुणकारी गुलाब जल के फायदे के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
त्वचा के लिए क्यों गुणकारी है गुलाब जल (Gulab Jal) – Why is Rose Water good for Skin in Hindi
गुलाब जल में एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे कई गुण पाए जाते हैं (1), जो त्वचा के लिए बेहद लाभकारी हैं। गुलाब जल के प्रयोग से त्वचा में नमी बरकरार रहती है, जिससे स्किन स्मूद व निखरी हुई नजर आती है। इसमें ऐसे गुणकारी तत्व मौजूद हैं, जिस कारण इसे हर प्रकार की त्वचा के लिए प्रयोग किया जा सकता है। गुलाब जल से न सिर्फ आधुनिक कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का निर्माण किया जा रहा है, बल्कि यह कई घरेलू नुस्खों में भी कारगर है।
आइए, अब जान लेते हैं कि गुलाब की पंखुड़ियों से निकला यह पानी त्वचा के लिए किस-किस प्रकार से फायदेमंद है।
त्वचा के लिए गुलाब जल (Gulab Jal) के फायदे – Benefits of Rose Water for Skin in Hindi
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त्वचा में निखार : हम सभी जानते हैं कि त्वचा के लिए क्लींजिंग, टोनिंग व मॉश्चराजिंग बेहद जरूरी है। जवां व खूबसूरत दिखने के लिए समय-समय पर इन्हें करते रहना चाहिए और इन सब में टोनिंग तो बेहद जरूरी है। इसके बावजूद, हम टोनिंग की अनदेखी करते हैं, जबकि टोनिंग की मदद से स्किन से गंदगी व अतिरिक्त तेल बाहर निकल जाता है। इस मामले में गुलाब जल (gulab jal) को सबसे बेहतरीन टोनर माना जाता है। गुलाब जल में एस्ट्रिंजेंट नामक गुणकारी तत्व पाया जाता है (2), जो त्वचा को निखारने का काम करता है।
संतुलित पीएच स्तर : वैज्ञानिक तौर पर पुष्टि की गई है कि स्किन का पीएच स्तर 5.0 या उससे कम होना चाहिए (3)। वहीं, आजकल जिस तरह से हम केमिकल युक्त साबुन व अन्य कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का कर रहे हैं, उससे स्किन का पीएच लेवल तय मात्रा से ऊपर चला जाता है। इससे हमारी त्वचा रूखी और बेजान नजर आती है। ऐसे में गुलाब जल का प्रयोग करने से चेहरे की चमक लौट आती है। एक अध्ययन के अनुसार, इसमें मौजूद 5.6 का पीएच स्तर स्किन के पीएच स्तर को संतुलित करने में मदद करता है (4)।
कील-मुंहासे : प्रदूषण, धूल-मिट्टी और तनाव के चलते हमारे चेहरे पर अक्सर कील-मुंहासे उभर आते हैं। हालांकि, समय के साथ ये ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन अपने पीछे निशान छोड़ जाते हैं। ऐसी समस्याओें के लिए सबसे सरल और सस्ता उपाय गुलाब जल है। गुलाब जल चेहरे पर जमा अतिरिक्त तेल को मिटाने में मदद करता है। साथ ही उन बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है, जो कील-मुंहासों का कारण बनते हैं।
त्वचा में नमी : गुलाब जल ऐसा घरेलू नुस्खा है, जो चेहरे पर कारगर तरीके से काम करता है। यह चेहरे की त्वचा के अंदर रोम छिद्रों तक जाकर उन्हें साफ करता है और नमी प्रदान करता है। इससे चेहरे पर ताजगी का अहसास होता है। इस गुलाब जल की एक खास बात यह है कि इसे कभी भी और कहीं भी आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। इसलिए, जब भी आपको लगे कि आपके चेहरे पर चमक नजर नहीं आ रही, तो गुलाब जल के प्रयोग से उसकी ताजगी लौट आएगी।
सूजन को करता है कम : जैसा कि हमने पहले भी बताया कि गुलाब जल (gulab jal) में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जिससे न सिर्फ चेहरे पर ताजगी आती है, बल्कि यह चेहरे पर नजर आने वाली सूजन को भी कम करता है। अक्सर हमने देखा कि अधिक काम करने की वजह से आंखों के नीचे सूजन नजर आने लगती हैं। ऐसे में अगर आप ठंडे गुलाब जल में भीगी कॉटन बॉल्स को करीब 10-15 मिनट के लिए अपनी आंखों पर रख देंगे, तो आपको राहत महसूस होगी। चंद मिनटों में ही आंखों के नीचे से सूजन गायब हो जाएगी।
झुरियों के लिए : गुलाब जल का चेहरे पर उपयोग झुरियां कम करने के लिए भी किया जा सकता है। सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों का हमारी त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। इस किरणों के कारण समय से पहले ही चेहरे पर झाइयां नजर आने लगती हैं। वहीं, आजकल केमिकल युक्त उत्पाद, तनाव व बढ़ते प्रदूषण के कारण भी हम समय से पहले बुजुर्ग नजर आने लगते हैं। ऐसे में गुलाब जल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण इन तमाम विकारों को दूर कर त्वचा को जवां और खिला-खिला बना देते हैं।
त्वचा की चमक के लिए : गुलाब जल स्किन में जमा गंदगी को साफ करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एस्ट्रिजेंट तत्व त्वचा के रोम छिद्रों को अच्छी तरह से साफ करता है और साथ ही उन्हें बंद भी कर देता है, ताकि फिर से गंदगी जमा न हो जाए। इससे एक बार फिर चेहरे पर चमक नजर आने लगती है।
सनबर्न में सहायक : गुलाब जल का चेहरे पर उपयोग बेहद फायदेमंद है। गुलाब जल की तासीर ठंडी मानी गई है, इसलिए यह सनबर्न की स्थिति में काफी फायदा पहुंचाता है। यह सनबर्न के कारण त्वचा में पैदा हुई जलन को कम करने में मदद करता है और कोमलता प्रदान करता है।
काले घेरों के लिए : उम्र बढ़ने के साथ-साथ आंखों के नीचे की त्वचा पतली होने लगती है और काले घेरे यानी डार्क सर्कल्स नजर आने लगते हैं। इसके अलावा, अनिंद्रा, तनाव व अधिक रोने से भी आंखों के नीचे काले घेरे नजर आने लगते हैं। इन डार्क सर्कल्स को कम करने के लिए गुलाब जल का प्रयोग किया जा सकता है। गुलाब जल में विटामिन-ए और बी मौजूद होते हैं, जो ��्किन में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। अगर गुलाब जल में डूबी कॉटन बॉल्स को कुछ देर के लिए आंखों पर रख लिया जाए, तो काले घेरों से छुटकारा मिल सकता है।
संवेदनशील त्वचा के लिए : गुलाब जल की सबसे खास बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इसलिए, यह संवेदनशील त्वचा के लिए सबसे बेहतरीन घरेलू उपचार है। गुलाब जल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा पर किसी एलर्जी के कारण उभर आए गहरे लाल धब्बों और जलन को कम करने में मदद करते हैं।
त्वचा के लिए गुलाब जल के फायदे (gulab jal ke fayde) जानने के बाद आइए, अब जान लेते हैं कि यह बालों व आंखों के लिए किस प्रकार से फायदेमंद है।
उलझे बालों के लिए : गुलाब जल चेहरे की ही तरह स्कैल्प पर जमा अतिरिक्त तेल को साफ करने का काम करता है। साथ ही यह रूखे, बेजान व उलझे हुए बालों में नई जान डाल देता है। अगर सिर की त्वचा रूखी होगी, तो बाल भी रूखे होंगे और आपस में उलझने लगेंगे। इसे दूर करने के लिए गुलाब जल का प्रयोग करना सबसे उत्तम है। यह स्कैल्प को मॉश्चराइजर प्रदान कर उसे मुलायम बनाता है और बालों की जड़ें भी मजबूत होती हैं। साथ ही उन्हें बढ़ने के लिए पर्याप्त पोषण मिलता है। बेहतर परिणाम के लिए ग्लिसरीन और गुलाब जल को एकसाथ प्रयोग किया जा सकता है। इन दोनों सामग्रियों को समान मात्रा में लेकर मिक्स कर लें और थोड़ी देर के लिए हल्के हाथों से सिर व बालों की मालिश करें। इसके करीब 15 मिनट बाद शैंपू से बालों को धो लें। अगर आप उलझे बालों से जल्द छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इसे हफ्ते में एक बार प्रयोग किया जा सकता है।
आंखों के लिए : इसमें कोई शक नहीं कि वर्षों से गुलाब जल आंखों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। हालांकि, इस विषय को लेकर काफी मतभेद भी है कि क्या गुलाब जल को आइस ड्रॉप की तरह प्रयोग किया जा सकता है या नहीं, लेकिन आयुर्वेद व अन्य पौराणिक उपचार की पद्धतियों में इस बात की पुष्टि की गई है कि शुद्ध गुलाब जल आंखों के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है। गुलाब जल को यूनानी व आयुर्वेद में स्किन व आंखों से संबंधित बीमारियों में कई वर्षों से प्रयोग किया जा रहा है। यूनानी उपचार में तो गुलाब जल व अन्य औषधियों को मिलाकर तैयार की गई दवा को आइस ड्रॉप्स की तरह प्रयोग किया जा रहा है (5)।
वैसे तो गुलाब जल को आंखों से संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए अलग-अलग तरीके से प्रयोग किया जात है, लेकिन यहां हम आपको बता रहे हैं कि गुलाब जल से आंखों को किस तरह साफ किया जा सकता है। इसके लिए आप एक कप ठंडे पानी में दो चम्मच गुलाब जल मिलाकर, उससे अपनी आंखों में छींटे मारें और फिर साफ तौलिये से पोंछ लें। इससे न सिर्फ आपकी आंखों को ठंडक मिलेगी, बल्कि आंखों में जमी सारी गंदगी बाहर निकल जाएगी।
इस लेख में आगे आप पढ़ेंगे कि त्वचा के लिए गुलाब जल के फायदे (gulab jal ke fayde) किस प्रकार हैं।
त्वचा के लिए गुलाब जल (Gulab Jal) का उपयोग कैसे करे – How to Use Rose Water for Skin in Hindi
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1. टोनर के तौर पर
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
शुद्ध गुलाब जल
कुछ कॉटन बॉल्स
प्रयोग का तरीका :
कॉटन बॉल्स को गुलाब जल में भिगो लें।
अब रूई के जरिए गुलाब जल को अपने पूरे चेहरे पर लगाएं।
इसके बाद गुलाब जल को सूखने दें।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
100 एमएल गुलाब जल
गुलाब के तेल की आठ-दस बूंदें
लैवेंडर तेल की आठ-दस बूंदें
प्रयोग का तरीका :
इन सभी सामग्रियों को स्प्रे बोतल में डालकर अच्छे से मिक्स कर लें।
अब इस टोनर को सुबह-शाम अपने चेहरे व गर्दन पर स्प्रे करें।
प्रक्रिया नंबर-3
सामग्री :
थोड़ा-सा केसर
आधा कप गुलाब जल
कॉटन पैड
प्रयोग का तरीका :
केसर को तब तक के लिए गुलाब जल में भिगो दें, जब तक कि पानी का रंग नहीं बदल जाता।
अब इस पानी को बोतल में डाल लें।
फिर सुबह बोतल को अच्छी तरह से हिलाएं और कॉटन पैड पर गुलाब जल लगाकर चेहरे को साफ करें।
कब करें प्रयोग :
दिन में एक-दो बार
कैसे है लाभकारी :
जैसा कि इस लेख में पहले भी बताया गया है कि गुलाब जल में एस्ट्रिंजेंट तत्व मौजूद होता है, जो चेहरे के रोम छिद्रों को साफ कर व अतिरिक्त तेल को बाहर निकालकर उन्हें बंद कर देता है। साथ ही चेहरे को नमी प्रदान करता है। अगर आपकी ड्राई स्किन है, तो आप 30 एमएल गुलाब जल में 5 एमएल ग्लिसरीन मिला सकते हैं। वहीं, मिश्रित त्वचा के लिए 30 एमएल गुलाब जल में 5 एमएल ग्लिसरीन व सेब का सिरका मिला सकते हैं। इसके अलावा, तैलीय त्वचा के लिए 5 एमएल सेब के सिरके को 50 एमएल गुलाब जल में मिला सकते हैं।
2. मॉश्चराइजिंग के लिए
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
तीन चम्मच शुद्ध गुलाब जल
एक चम्मच ग्लिसरीन
एक चम्मच नारियल तेल
प्रयोग का तरीका :
इन सभी सामग्रियों को एक बोतल में डाल लें।
फिर बोतल को तब तक हिलाएं, जब तक कि सभी सामग्रियां आपस में अच्छे मिक्स न हो जाएं।
अब इसमें से थोड़ा-सा मिश्रण लेकर अपनी त्वचा पर लगाएं।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
दो चम्मच बादाम तेल
एक चम्मच गुलाब जल
प्रयोग का तरीका :
गुलाब जल को बादाम तेल में मिलाएं और इससे पूरे शरीर की मालिश करें।
प्रक्रिया नंबर-3
सामग्री :
दो चम्मच गुलाब जल
आपकी पसंदीदा क्रीम
प्रयोग का तरीका :
अपनी क्रीम में गुलाब जल को मिक्स करें और इसे अपनी स्किन पर लगाएं।
कब करें प्रयोग :
इसे दिनभर में एक या दो बार अपनी त्वचा पर लगा सकते हो।
कैसे है लाभकारी :
अगर आप अपनी त्वचा को मॉश्चराइज करना चाहते हैं, तो इससे ���ेहतर कुछ नहीं हो सकता। नारियल तेल व ग्लिसरीन त्वचा को नमी प्रदान करने का काम करते हैं और कोमल बनाते हैं (6) (7), जबकि गुलाब जल ताजगी का अहसास करवाता है। वहीं, बादाम के तेल में कई पोषक तत्व होते हैं, जो त्वचा के लिए गुणकारी होते हैं। अगर आपकी त्वचा ड्राई है, तो यह प्राकृतिक मॉश्चराइजर आपके लिए ही है। इसे लगाते ही इसका असर दिखना शुरू हो जाता है।
3. सनबर्न/टैनिंग के लिए
प्रक्रिया-1
सामग्री :
तुलसी की 10-15 पत्तियां
200 एमल गुलाब जल
स्प्रे बोतल
प्रयोग का तरीका :
पहले तुलसी के पत्तों को पीस लें और फिर उन्हें गुलाब जल में मिला दें।
अब इस मिश्रण को स्प्रे बोतल में डालकर करीब दो घंटे के लिए फ्रिज में रख दें।
इसके बाद प्रभावित जगह पर इससे स्प्रे करें और बाकी बचे मिश्रण को वापस फ्रिज में रख दें, ताकि इसे बाद में इस्तेमाल किया जा सके।
प्रक्रिया-2
सामग्री :
¼ कप गुलाब जल
एक चम्मच सेब का सिरका
आधा चम्मच एलोवेरा जूस
लैवेंडर तेल की 10 बूंदें
प्रयोग का तरीका :
इन सभी सामग्रियों को एक बोतल में डालकर अच्छी तरह मिक्स करें।
फिर प्रभावित जगह पर इसे लगाएं।
कब करें प्रयोग :
जब भी आपको सनबर्न या टैनिंग के कारण जलन महसूस हो।
कैसे है लाभकारी :
जब हम तुलसी और गुलाब जल को आपस में मिक्स कर देते हैं, तो इनकी तासीर बेहद ठंडी हो जाती है। इसलिए, जब सनबर्न के कारण शरीर पर जलन व खुजली के कारण अजीब-से धब्बे हो जाते हैं, तो यह मिश्रण उस पर चमत्कारी तरीके से काम करता है।
4. कील-मुंहासों के लिए
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प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
एक चम्मच नींबू का रस
एक चम्मच गुलाब जल
प्रयोग का तरीका :
इन दोनों सामग्रियों को आपस में अच्छे से मिलाएं।
अब इसे चेहरे पर लगाएं, खासकर उस जगह पर जहां कील-मुंहासे हैं।
अब इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
एक चम्मच गुलाब जल
एक चम्मच चने का आटा
एक चम्मच संतरे का जूस
आधा चम्मच ग्लिसरीन
एक चुटकी हल्दी
प्रयोग का तरीका :
पेस्ट बनाने के लिए इन सभी सामग्रियों को ग्राइंड कर लें। अगर पेस्ट ज्यादा गाढ़ा लगता है, तो इसमें थोड़ा गुलाब जल डाल सकते हैं।
चेहरे को धोने के बाद यह पेस्ट लगाएं और खासकर उस जगह पर जहां कील-मुंहासे ज्यादा हैं।
करीब 15-20 मिनट लगे रहने के बाद ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।
इसके बाद टोनर के तौर पर गुलाब जल लगा सकते हैं।
कब करें प्रयोग :
हफ्ते में एक या दो बार।
कैसे है लाभकारी :
नींबू त्वचा में मौजूद उन बैक्टीरिया को खत्म करता है, जो कील-मुंहासों का कारण बनते हैं। साथ ही गुलाब जल के साथ मिलकर कील-मुंहासों को साफ करता है और इनके कारण चेहरे पर उभर आए निशानों को भरने में त्वचा की मदद करता है। यकीन मानिए, इसे प्रयोग करने से आपका फिर से पहले की तरह कोमल व चमकदार नजर आने लगेगा।
5. त्वचा की सफाई के लिए
सामग्री :
स्प्रे बोतल
शुद्ध गुलाब जल
टिशु पेपर
प्रयोग का तरीका :
गुलाब जल को स्प्रे बोतल में भर लें और इससे चेहरे पर तब तक स्प्रे करें, जब तक कि पूरा चेहरा गीला न हो जाए।
करीब 20-30 सेकंड ऐसे ही रहने दें और फिर टिशु पेपर से चेहरे को साफ कर लें।
कब करें प्रयोग :
जब भी आपको इसकी जरूरत लगे।
कैसे है लाभकारी :
सबसे पहली बात तो यह कि गुलाब जल को स्प्रे बोतल में डालकर कहीं भी ले जाना बेहद आसान है। इसलिए, जब भी आपको लगे कि धूल-मिट्टी व पसीने से चेहरे की रंगत छुप गई है, तो इसे आजमा सकते हैं। इसके प्रयोग से आपका चेहरा फिर से खिला-खिला नजर आएगा और आप स्वयं को तरोताजा महसूस करेंगे।
6. फेस पैक के तौर पर
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी
दो चम्मच गुलाब जल
प्रयोग का तरीका :
इन सामग्रियों को आपस में तब तक मिलाएं, जब तक कि ये अच्छे से मिल न जाएं।
अब चेहरे को पानी से धो लें और तौलिये से सुखाकर इस पेस्ट को लगाएं।
जब यह फेस पैक पूरे चेहरे पर लग जाए, तो करीब दो मिनट के लिए हल्के-हल्के हाथों से मसाज करें और पांच मिनट के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें।
इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से साफ कर लें।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
एक चम्मच बेसन
दो चम्मच गुलाब जल
प्रयोग का तरीका :
इन सामग्रियों को आपस में मिलाकर पेस्ट बना लें। अगर यह थोड़ा गाढ़ा लगता है, तो आप इसमें और गुलाब जल मिक्स कर सकते हैं।
अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाकर करीब 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
कब करें प्रयोग :
बेहतर परिणाम के लिए हफ्ते में दो-तीन बार।
कैसे है लाभकारी :
मुल्तानी मिट्टी में कई गुणकारी तत्व मौजूद होते हैं, जो चेहरे के लिए फायदेमंद हैं। इसमें प्रमुख रूप से विभिन्न प्रकार के मिनरल्स होते हैं, जो स्किन पर निखार लाने और स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। यह च��हरे से रूखी व मृत त्वचा को हटाने का काम करती है। गुलाब जल के साथ मिलकर मुल्तानी मिट्टी चेहरे से कील-मुंहासों को खत्म करती है, टैनिंग के असर को दूर करती है और स्किन को कोमल व मुलायम बनाती है (8)। वहीं, बेसन हर घर में आसानी से मिल जाता है और सुंदरता को निखारने के लिए वर्षों से इसका प्रयोग किया जा रहा है। बेसन न सिर्फ चेहरे पर ग्लो लेकर आता है, बल्कि यह अनचाहे बालों को साफ करता है और कील-मुंहासों को खत्म करता है। गुलाब जल के साथ मिलकर यह चेहरे की स्किन को जवां, खूबसूरत और स्वस्थ बनाता है।
गुलाब जल के फायदे (gulab jal ke fayde) जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
7. होंठों के लिए गुलाब जल
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सामग्री :
एक छोटा-सा चुकंदर
एक चम्मच गुलाब जल
प्रयोग का तरीका :
चुकंदर को छोटे-छोटे टुकड़ा में काट लें और उसे 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ओवन में आठ-दस घंटे के लिए रख दें। इससे चुकंदर की प्राकृतिक नमी खत्म हो जाएगी।
इसके बाद चुकंदर को घिसकर पाउडर बना लें।
अब इसमें गुलाब जल को मिक्स कर लें, ताकि यह गाढ़ा पेस्ट बन जाए।
इस पेस्ट को अपने होंठों पर लगाएं और 15 मिनट बाद पानी से धो लें।
कब करें प्रयोग :
जब भी आपको जरूरत महसूस हो, आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
इस पैक को लगाने से आपके होंठ प्राकृतिक रूप से गुलाबी हो जाएंगे। साथ ही यह पैक होंठों को बेहद मुलायम भी बना देता है। बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त कॉस्मेटिक सामान की जगह इस घरेलू नुस्खे को होंठों के लिए आजमाना ज्यादा आसान व सुरक्षित है।
8. निखरी त्वचा के लिए
सामग्री :
तीन चम्मच गुलाब जल
चार चम्मच शहद
प्रयोग का तरीका :
गुलाब जल व शहद को आपस में मिला लें।
अब इस मिश्रण को चेहरे पर फेस पैक की तरह लगाएं।
इसे करीब 15 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने देने के बाद ठंडे पानी से धो लें।
कब करें प्रयोग :
हफ्ते में एक या दो बार।
कैसे है लाभकारी :
अगर आप गुलाब जल को शहद के साथ प्रयोग करते हैं, तो स्किन पर निखार आना तय है। शहद दाग-धब्बों, टैनिंग के निशानों और पिगमेंटेशन को जड़ से खत्म कर देता है। यह न सिर्फ त्वचा को नमी प्रदान करता है, बल्कि लंबे समय तक उसे बरकरार भी रखता है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल व विभिन्न प्रकार के मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो त्वचा के लिए बेहद जरूरी हैं (9)।
9. तरोताजा त्वचा के लिए
सामग्री :
एक छोटा-सा ताजा खीरा
दो चम्मच शहद
एक चम्मच गुलाब जल
प्रयोग का तरीका :
खीरे का छिलका उतारकर उसे शहद के साथ पीस लें।
अब इस मिश्रण में गुलाब जल डालकर अच्छे से मिक्स करें।
इस फेस पैक को चेहरे पर लगाकर करीब 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
फिर ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।
कब करें प्रयोग :
आप इसे हफ्ते में एक या दो बार प्रयोग कर सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
खीरे की तासीर ठंडी मानी गई है, जिस कारण से यह चेहरे को ताजगी प्रदान करता है। अगर आपको चेहरे पर किसी तरह की जलन, सूजन या फिर खुजली महसूस हो रही है, तो इन सब समस्याओं से यह फेस पैक अकेले निपट सकता है (10)। साथ ही त्वचा पर ग्लो लाने के लिए भी इस फेस पैक का इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो आप इस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
10. दाग-धब्बों के लिए
सामग्री :
दो चम्मच चंदन का पाउडर
तीन से चार चम्मच गुलाब जल
प्रयोग का तरीका :
सबसे पहले तो चंदन पाउडर व गुलाब जल को आपस में मिला लें।
इसके बाद यह पेस्ट अपने चेहरे पर लगाएं और 20-25 मिनट के लिए छोड़ दें।
फिर ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।
कब करें प्रयोग :
इस पैक को हफ्ते में दो-तीन बार लगाना ठीक रहेगा।
कैसे है लाभकारी :
चेहरे के लिए चंदन पाउडर गुणकारी घरेलू नुस्खा है। यह चेहरे से अतिरिक्त ऑयल को बाहर निकाल देता है। साथ ही गुलाब जल की मदद से दाग-धब्बों को साफ करने में मदद करता है। अगर आप हमेशा जवां, खूबसूरत और स्वस्थ दिखना चाहते हैं, तो चंदन पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आइए, अब जान लेते हैं कि घर में गुलाब जल किस तरह से बनाया जा सकता है।
गुलाब जल बनाने की विधि – How to Prepare Rose Water at Home in Hindi
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गुलाब न सिर्फ अपनी खूबसूरती, बल्कि खुशबू के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि गुलाब की विभिन्न रंगों में करीब 100 प्रजातियां हैं। इन्हीं गुलाब से बनता है गुलाब जल। यह हमारे लिए किस तरह से फायदेमंद है, उस बारे में हमने इस लेख में विस्तार से बताया। बेशक, बाजार में आपको गुलाब जल आसानी से मिल जाएगा, लेकिन उन्हें विभिन्न प्रकार के केमिकल्स के साथ बनाया जाता है। यहां हम आपको घर में ही गुलाब जल बनाने की दो विधियां बता रहे हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक हैं।
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
सात-आठ गुलाब
करीब 1.5 लीटर उबला हुआ पानी
बनाने की विधि :
फलों से पंखुड़ियों को निकालकर हल्के गुनगुने पानी से साफ कर लें।
अब बड़े से जार में इन पंखुड़ियों को डाल दें और ऊपर से उबला हुआ पानी डाल दें। पानी इतना होना चाहिए कि सभी पंखुड़ियां उसमें डूब जाएं।
जार को ढक दें और उसे तब तक धीमी आंच पर गर्म होने दें, जब तक कि पंखुड़ियों से रंग पूरी तरह निकल न जाए।
आपका गुलाब जल तैयार है। अब पानी को छान लें और किसी बर्तन में स्टोर करके रख दें।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
पां�� कप गुलाब की पंखुड़ियां
उबला हुआ पानी, जिसमें सभी पंखुड़ियां डूब जाएं
बर्फ
ढक्कन वाला एक बड़ा-सा बर्तन
एक स्टील का स्टैंड, जिस पर कोई बर्तन रखा जा सके
कांच का बाउल, जिसे गैस पर गर्म करने के लिए रखा जा सके
एक कांच का जार
बनाने की विधि :
बर्तन के मध्य में स्टील के स्टैंड को रख दें और कांच के बाउल को उसके ऊपर रख दें।
गुलाब की पंखुड़ियों को स्टैंड के आसपास रखें।
अब बर्तन में इतना पानी डालें कि पूरी पंखुड़ियां उसमें डूब जाएं।
बर्तन पर ढक्कन को उल्टा रखें और ढक्कन पर बर्फ को रखें, ताकि जब पानी गर्म होने लगे, तो ढक्कन पर भाप जमा हो जाए और वह टपककर कांच के बाउल में इकट्ठा होती रहे।
जब बर्फ पूरी तरह से पिघल जाए, तो ढक्कन पर और बर्फ रख दें। जब तक बर्तन के अंदर पानी पूरी तरह से भाप न बन जाए, इस प्रक्रिया को दोहराते रहें।
करीब आधे घंटे बाद गैस को बंद कर दें और बर्तन को ठंडा होने दें। इसके बाद जब आप ढक्कन को हटाएंगे, तो देखेंगे कि कांच के बाउल में गुलाब जल एकत्र हो गया है।
नोट : जब आप ढक्कन हटाएं, तो ध्यान रहे कि बर्फ का पानी गुलाब जल में नहीं गिरना चाहिए।
यह कहना गलत नहीं होगा कि गुलाब जल त्वचा के लिए बेहद गुणकारी है और बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त कॉस्मेटिक सामान से तो कहीं ज्यादा सस्ता है। यह न सिर्फ बाजार में आसानी से मिल जाता है, बल्कि इसे घर में भी बनाना आसान है। इस लेख में गुलाब जल को बनाने की विधि जानने के बाद अब आप शायद ही इसे बाजार से खरीदें। इसकी एक खूबी यह भी है कि इसे आप अपने साथ कहीं भी ले जा सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। हमें उम्मीद है कि गुलाब जल के फायदे (gulab jal ke fayde) जानने के बाद आप इसे जरूर इस्तेमाल करेंगे। गुलाब जल को प्रयोग करने से आपको किस-किस प्रकार से लाभ हुआ, उस बारे में नीचे दिए कंमेट बॉक्स में हमें जरूर बताएं।
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Anuj Joshi
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/gulab-jal-ke-fayde-aur-upyog-in-hindi/
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