चंद्रयान-2 ने पहली बार चंद्रमा पर सोडियम की प्रचुरता का मानचित्रण किया
चंद्रयान-2 ने पहली बार चंद्रमा पर सोडियम की प्रचुरता का मानचित्रण किया
द्वारा एक्सप्रेस समाचार सेवा
भारत के चंद्रयान -2 ऑर्बिटर पर सवार एक पेलोड, जो अगस्त 2019 से चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है, ने पहली बार चंद्रमा पर सोडियम की प्रचुरता का मानचित्रण किया है।
यह खोज भारत के अपने पहले चंद्र मिशन चंद्रयान -1 के एक्स-रे फ्लोरोसेंस स्पेक्ट्रोमीटर (C1XS) के अलावा अपोलो, लूना और चांग’ई मिशनों के लौटाए गए नमूनों की क्रमिक प्रयोगशाला जांच के आधार पर पहले से ही ज्ञात डेटा पर…
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नासा आज आर्टेमिस 1 मून रॉकेट के प्रक्षेपण का फिर से प्रयास करेगा। लाइव कहां देखें
नासा आज आर्टेमिस 1 मून रॉकेट के प्रक्षेपण का फिर से प्रयास करेगा। लाइव कहां देखें
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) शनिवार को दोपहर 2:17 बजे ET (भारतीय समय के अनुसार 11:47 बजे) खुलने वाले दो घंटे के लॉन्च विंडो में अपने बिना चालक वाले चंद्रमा मिशन आर्टेमिस 1 को लॉन्च करने का प्रयास करेगा। इस दूसरे प्रयास की योजना तब बनाई गई है जब पहले को बंद कर दिया गया था क्योंकि अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली ने एक तकनीकी खराबी विकसित की थी।
हालांकि प्रक्षेपण निर्धारित किया गया…
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नासा के लूनर टोही ऑर्बिटर स्पॉट रॉकेट इम्पैक्ट साइट चंद्रमा पर
नासा के लूनर टोही ऑर्बिटर स्पॉट रॉकेट इम्पैक्ट साइट चंद्रमा पर
खगोलविदों ने पिछले साल चंद्र की टक्कर के लिए एक रॉकेट के शरीर की खोज की थी। प्रभाव 4 मार्च को हुआ था, और परिणामस्वरूप गड्ढा बाद में नासा के लूनर टोही ऑर्बिटर द्वारा खोजा गया था।
हैरानी की बात है कि क्रेटर में वास्तव में दो क्रेटर होते हैं, एक पूर्वी क्रेटर (व्यास में 18 मीटर, लगभग 19.5 गज), एक पश्चिमी क्रेटर (16 मीटर व्यास, लगभग 17.5 गज) पर निर्भर करता है।
दोगुना गड्ढा अप्रत्याशित था और यह संकेत…
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आर्टेमिस कौन है? चंद्रमा के लिए नासा के नवीनतम मिशन का नाम एक प्राचीन चंद्र देवी से नारीवादी आइकन के नाम पर रखा गया है
आर्टेमिस कौन है? चंद्रमा के लिए नासा के नवीनतम मिशन का नाम एक प्राचीन चंद्र देवी से नारीवादी आइकन के नाम पर रखा गया है
आर्टेमिस I चंद्रमा के चारों ओर एक महीने की यात्रा पर चालक दल के बिना एक रॉकेट भेजेगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरिक्ष अन्वेषण में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है – इसके इंजीनियरों में 30% महिलाएं हैं। इसके अलावा, आर्टेमिस I मिशन महिलाओं के शरीर पर विकिरण के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किए गए दो पुतलों को ले जाएगा ताकि नासा यह सीख सके कि महिला अंतरिक्ष यात्रियों की बेहतर सुरक्षा कैसे की…
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भारत के चंद्रयान लैंडर के 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद
Chandrayaan News Update। भारत के चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर के 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद है। दूसरी ओर, रूस ने 10 अगस्त को अपना चंद्र मिशन लूना -25 लॉन्च किया, जो 21 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है। इस बीच चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेश के पूर्व प्रमुख के सिवन ने कहा है कि भारत के मंगल मिशन की लागत बेशक कुछ हॉलीवुड फिल्मों की तुलना…
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West singhbhum jal jivan mission complaint : जल जीवन मिशन में सुधाकर इंटरप्राइजेज के घटिया कार्य की शिकायत, जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने पीएम से डीसी तक पत्र लिख कर की शिकायत
रामगोपाल जेना/कुमारडुंगी : कुमारडुंगी प्रखंड के आंधरी पंचायत में जल जीवन मिशन के तहत बरती जा रही अनियमितता के मामले को लेकर जेटेयासाई के ग्रामीणों की शिकायत पर जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने कुलावा,बंकाधार, बड़ा लुंती के बलमुचुसाई में जल जीवन मिशन के तहत बनी जलमीनारों की जांच की. सुधाकर इंटरप्राइजेज के द्वारा बनाई गई पानी टंकी, लगाए गए पानी के स्टैंड काफी घटिया क्वालिटी के हैं. जेटेयासाई…
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प्राण प्रतिष्ठा और संबंधित आयोजनों का विवरण:
1. आयोजन तिथि और स्थल: भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को आ रहा है।
2. शास्त्रीय पद्धति और समारोह-पूर्व परंपराएं: सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारंभ कल अर्थात 16 जनवरी 2024 से होगा, जो 21 जनवरी, 2024 तक चलेगा।
द्वादश अधिवास निम्नानुसार आयोजित होंगे:-
-16 जनवरी: प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
-17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
-18 जनवरी (सायं): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास
-19 जनवरी (प्रातः): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास
-19 जनवरी (सायं): धान्याधिवास
-20 जनवरी (प्रातः): शर्कराधिवास, फलाधिवास
-20 जनवरी (सायं): पुष्पाधिवास
-21 जनवरी (प्रातः): मध्याधिवास
-21 जनवरी (सायं): शय्याधिवास
3. अधिवास प्रक्रिया एवं आचार्य: सामान्यत: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में ��ात अधिवास होते हैं और न्यूनतम तीन अधिवास अभ्यास में होते हैं। समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे, तथा काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे।
4. विशिष्ट अतिथिगण: प्राण प्रतिष्ठा भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी।
5. विविध प्रतिष्ठान: भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी, जो श्री राम मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दर्शन हेतु पधारेंगे।
6. ऐतिहासिक आदिवासी प्रतिभाग: भारत के इतिहास में प्रथम बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों द्वारा एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग किया जा रहा है। यह अपने आप में अद्वितीय होगा।
7. समाहित परंपराएँ: शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएँ इसमें भाग लेंगी।
8. दर्शन और उत्सव: गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा। श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए हर जगह उत्साह का भाव है। इसे अयोध्या समेत पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है। समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आ रहे हैं। उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे माँ जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।
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जयंती कार्यक्रम आयोजित कर सपाइयों ने मुलायम सिंह यादव को किया याद
सिद्धार्थनगर। बांसी रोड स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय इटवा में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया। सपाइयों ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद कर उनके बताए मार्ग पर चलने और उनके मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
जयंती कार्यक्रम मुलायम सिंह यादव
जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष बबलू खान व संचालन अब्दुल लतीफ ने किया। सर्व प्रथम नेता जी के चित्र पर मालार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इसके उपरान्त वक्ताओं ने नेता जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके पद चिन्हों पर चलकर 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार को जिताने का संकल्प लिया।
प्रदेश सचिव अजय चौधरी ने कहा की देश में सुभाष चंद्र बोस के बाद नेता जी की उपाधि मुलायम सिंह यादव को ही मिला है। जब समाजवादी की सरकार बनी तो पंचायत चुनाव में आरक्षण व्यवस्था लागू करके सभी वर्ग के लोगों को जिला पंचायत सदस्य, प्रधान, बीडीसी, प्रमुख बनने का अवसर मिला।
प्रदेश विशेष आमंत्रित सदस्य बेचई यादव ने कहा की नेता जी ने देश में व्यवस्था परिवर्तन की राजनीति के साथ देश और प्रदेश में पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और किसानांे की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ने का काम किया।
जिला महासचिव कमरुज्जमा खान ने कहा की नेता जी के हर सामाजिक कार्याें को इतिहास के पन्नों में दर्ज होना चाहिए।
अन्य वक्ताओं ने किया सम्बोधित-
उदयभान तिवारी, बबलू पाठक, दिनेश मिश्रा, शोभित पाण्डेय, अभिषेक सिंह, विजय गौड़, रज्जन पाण्डेय, रहमतुल्लाह, देवेंद्र सिंह आदि ने जयंती कार्यक्रम को संबोधित किया।
यह लोग रहे मौजूद-
इस अवसर पर इनामुल्लाह शाह, अजमल खान, मो0 नफीस, मुबारक अली, शिव प्रकाश तिवारी, अहमद अली, अरून यादव, अख्तर राइनी, पप्पू पाण्डेय, महेश पाण्डेय, हरी बाबा, पुनीत गौतम, मनबहाल यादव, सुनील यादव आदि मौजूद रहे।
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चंद्रयान-3 लूनर नाइट के बाद अभी एक्टिव नहीं हुआ है
https://www.youtube.com/watch?v=AsRtV0QOFP8
चंद्रयान-3 लूनर नाइट के बाद अभी एक्टिव नहीं हुआ है और लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से अभी कनेक्शन नहीं हो पा रहा है इन्हें एक चंद्र दिन के हिसाब से डिजाइन किया गया है। यह धरती के 14 दिनों के बराबर होता है। मिशन का मकसद इस अवधि में चांद के पर्यावरण का अध्ययन करना और डेटा को धरती पर भेजना था। वैसे तो यह लक्ष्य हासिल कर लिया गया है
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October 03, 2023 at 09:44AM
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'मानवता के कल्याण के लिए हमारे वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे', आदित्य L1 की सफल लॉन्चिंग पर बोले PM मोदी
Delhi: ISRO Aditya L1 Mission Successful Launch: कुछ दिन पहले अपने सफल चंद्र अभियान चंद्रयान-3 के बाद एक बार फिर इतिहास पर नजर रखते हुए इसरो ने शनिवार को देश का महत्वाकांक्षी सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च किया। भारत ने आज सुबह अपना पहला सौर मिशन लॉन्च किया। कुछ दिन पहले ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक अंतरिक्ष यान की सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश बना है। http://dlvr.it/SvXFMt
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नासा ने मंगल ग्रह के रास्ते में चंद्रमा के लिए शूटिंग की
नासा ने मंगल ग्रह के रास्ते में चंद्रमा के लिए शूटिंग की
द्वारा एएफपी
केप कैनावेरल: नासा का सबसे शक्तिशाली रॉकेट अभी तक सोमवार को मानवों को चंद्रमा पर और अंततः मंगल पर वापस ले जाने के मिशन की पहली यात्रा पर विस्फोट करने के लिए तैयार है।
अपोलो 17 मिशन के हिस्से के रूप में 1972 में आखिरी बार अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा पर पैर रखने के पचास साल बाद, आर्टेमिस नामक अंतरिक्ष कार्यक्रम को 322-फुट (98-मीटर) अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली के विस्फोट के साथ शुरू…
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नासा का चंद्रमा मिशन आर्टेमिस 1 29 अगस्त को उड़ान भरेगा| 10 शीर्ष अंक
नासा का चंद्रमा मिशन आर्टेमिस 1 29 अगस्त को उड़ान भरेगा| 10 शीर्ष अंक
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) अपने सबसे शक्तिशाली मानव रहित रॉकेट के साथ चंद्रमा पर मानव अन्वेषण का नया अभियान शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो चंद्रमा को एक कक्षा में चक्कर लगाने के लिए तैयार करेगा जो इसे और अधिक के बाद पृथ्वी पर आने से पहले अंतरिक्ष में गहराई तक ले जाएगा। 42 दिनों से अधिक।
आर्टेमिस 1 नाम का मिशन होगा का शुभारंभ किया सोमवार को सुबह 8:33 बजे EDT (भारतीय…
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विज्ञान व विश्वास दो अलग-अलग चीजें हैं: ISRO चेयरमैन सोमनाथ
Chennai: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि विज्ञान और विश्वास दो अलग-अलग चीजें हैं और दोनों को मिलाने की कोई जरूरत नहीं है।
वह रविवार को श्री पौर्णमिकवु मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो प्रमुख तिरुवनंतपुरम पहुंचे।
एस.सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा पर…
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चंद्रयान 3 की मुहूर्त कुंडली क्या कहती है, क्या अबकी बार पूरा हो पाएगा चांद छूने का भारत का सपना? सफल होगा चंद्रयान 3
चंद्रयान 3 की मुहूर्त कुंडली क्या कहती है, क्या अबकी बार पूरा हो पाएगा चांद छूने का भारत का सपना? सफल होगा चंद्रयान 3
ग्रहगोचर पंचांग के अनुसार भारत ने आज ��िशन चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक सायं काल यह सपना अपना पूरे होने जा रहा है । वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर सब कुछ सही रहा तो लगभग दो महीने के सफर पर निकला चंद्रयान-3 जो 23 अगस्त के आखिर तक चांद पर पहुंच जाएगा। आइए हम बताते हैं कि इस संबंस में ज्योतिष क्या कहता है। क्या भारत का यह महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट सफल हो पाएगा या नहीं
भारत के अंतरिक्ष मिशन की मुहूर्त कुंडली में वैदिक ज्योतिष की निर्णय प्रणाली के अनुसार लग्न में वृश्चिक राशि उदय है जो कि एक स्थिर राशि होने के साथ ही जल तत्व राशि है। आम तौर पर जब हमें किसी मशीन या वाहन को च��ाने के लिए कोई मुहूर्त निकालना होता है तो हम लग्न पर स्थिर लग्न को नहीं लेते हैं। हालांकि, चंद्र अन्वेषण मिशन के इस मामले में लग्न वृश्चिक को चंद्रमा, मंगल और शनि की दृष्टि मिल रही है। यहां चंद्रमा शुभ रोहिणी नक्षत्र में है और मिथुन राशि के अपने मित्र बुध के नवांश (डी-9) में है। कुंडली में शनि की वक्री दृष्टि तथा बुध का मृत्यु भाग के अंशों में होने से इस कार्यक्रम में कुछ समस्या आने की आशंका दिखती है। किन्तु मुहूर्त कुंडली में दशम भाव में बैठे लग्नेश मंगल, शुक्र और गुलिक पर पड़ रही शनि और गुरु की दृष्टि संतोषजनक सफलता और देश के वैज्ञानिकों का सम्मान बढ़ने का ज्योतिषीय संकेत है। शुक्रवार का दिन, रोहिणी नक्षत्र और वृद्धि योग भी एक अच्छा ज्योतिषीय योग है।
चंद्रमा-बुध-बृहस्पति की विंशोत्तरी दशा मुहूर्त कुंडली में मौजूद है जो कुछ तकनीकी खामियों के साथ संतोषजनक सफलता दिखाती है। दरअसल चंद्रयान 3 की मुहूर्त कुंडली में बृहस्पति छठे घर में है और उस पर अशुभ शनि की दृष्टि है अतः मिशन के अंतिम भाग में कुछ परेशानी आने की आशंका है। इसलिए मिशन सफल होगा लेकिन चंद्रमा पर लैंडिंग के समय कुछ तकनीकी समस्या आने की आशंका दिखती है। मुहूर्त चार्ट के राशि और नवांश लग्न पर वक्री शनि की दृष्टि का होना और बुध का मृत्यु भाग में होना चंद्र मिशन के अंतिम चरण में संचार प्रणाली के लिए चिंता का विषय है।
लेकिन चंद्रयान 3 भारत के लिए भविष्य का नया दरवाजा खोलेगा जिसे पूरी दुनिया देखेगी पूरा विश्व भारत की सफलता और प्रयास की सराहना करेगा। यह मेरे ज्ञान अनुभव के आधार भविष्यवाणी ग्रह गोचर के आधार पर बनाई गई है । प्रभु से प्रार्थना है कि यह भारत हमारी मेहनत सफल हो ।
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पूरी दुनिया में बजा देश का डंका, चाँद पर भारत के ऐतिहासिक कदम
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश बना भारत, पूरे देश ने मनाया जश्न
हर भारतीय के लिए गर्व से सीना चौड़ा करने और मस्तक ऊंचा करने का समय है. भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ हो गई है. इस अभूतपूर्व और अप्रतिम उपलब्धि के साथ भारत ने इतिहास रच दिया है. पृथ्वी के नैचुरल सैटेलाइट (चंद्रमा) के इस हिस्से…
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