मोक्षदा एकादशी / गीता जयंती ३.१२.२२
मोक्षदा एकादशी / गीता जयंती ३.१२.२२
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
(जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियों में
दिलानेवाला श्रीमद्भगवद्गीता श्लोक)
भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को गीता के ज्ञान रूप
में अपनी विशेष कृपा प्रदान की है। मार्गशीर्ष
माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को
गीता जयंती मनाई जाती है.
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धनुर्धारी अर्जुनाच्या निमित्ताने समस्त जगताला भगवान श्रीकृष्णांकडून मिळालेले ज्ञानरूपी अमृत म्हणजे श्रीमदभगवतगीता !!
#गीता_जयंती
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असा असेल तुमचा आजचा दिवस: राशिभविष्य ३ डिसेंबर
असा असेल तुमचा आजचा दिवस: राशिभविष्य ३ डिसेंबर
शनिवार, ३ डिसेंम्बर २०२२. मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी, हेमंत ऋतू. राशिभविष्य – ज्योतिषी मंगेश पंचाक्षरी, नाशिक. (संपर्क – 8087520521)
राहुकाळ – सकाळी ९.०० ते सकाळी १०.३०”आज अनिष्ट दिवस *मोक्षदा (स्मार्त) एकादशी, गीताजयंती* आहे” चंद्र नक्षत्र – रेवतीमेष:- आयुष्याला दिशा देणारा दिवस आहे. दीर्घकालीन परिणाम करणारे निर्णय होतील. कामानिमित्त प्रवास घडतील. प्रतिष्ठासाठी खर्च कराल. वृषभ:- संवादातून…
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Gita Jayanti on 14 December 2021
Gita Jayanti is an important event that is observed on Shukla Ekadashi, as per Hindu calendar. The day is celebrated to commemorate Lord Krishna preaching the immortal sermons of Bhagavad Gita to Arjuna during at the battlefield of Kurukshetra.
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🙏❤️🙏❤️🙏💐💐 नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक: । न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत ॥ (द्वितीय अध्याय, श्लोक 23) इस श्लोक का अर्थ है: आत्मा को न शस्त्र काट सकते हैं, न आग उसे जला सकती है। न पानी उसे भिगो सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है। (यहां भगवान श्रीकृष्ण ने आत्मा के अजर-अमर और शाश्वत होने की बात की है।) #गीताजयंती #Ekett #Adityachoubeyji #sandeeppandey (at गीता ज्ञान / Knowledge from Geeta) https://www.instagram.com/p/CXcbRTJBHd6/?utm_medium=tumblr
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स्वामी ज्ञानानंद जी गीताजयंती की आड़ में गीता का अपमान ! " गीता अनुवादक तथा प्रचारक , श्री ज्ञानानंद जी , श्री जयदयाल गोयन्दका तथा सर्व शंकराचार्यों द्वारा गलत अनुवाद करके किया गया गीता जी का अपमान । "
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#गीताजयंती - #GitaJayanti [8 December 2019]_
✨ #गीता #जयंती श्रीमद् #भगवद्गीता का प्रतीकात्मक जन्म है। यह हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी पर मनाया जाता है।
📜 #कुरुक्षेत्र में #महाभारत के युद्धक्षेत्र के दौरान भगवान #कृष्ण ने #अर्जुन को भगवत गीता का ज्ञान दिया था।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 23 Nov - 10 Dec
प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से रात्��ि 10 बजे तक: कला, शिल्प, व्यंजन, संस्कृति, इतिहास, धरोहर और आध्यात्मिकता के अनोखे संगम के अवसर पर धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में 23 नवंबर से 10 दिसंबर तक आयोजन किया जा रहा है।
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📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/gita-jayanti
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मोक्षदा एकादशी : इस दिन श्रीकृष्ण ने दिया था गीता उपदेश, जानिए इसका महत्व और पूजन-विधि
चैतन्य भारत न्यूज
मार्गशीर्ष (अगहन) शुक्ल एकादशी को मोक्षदा एकादशी के तौर पर जाना जाता है। इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से मनुष्यों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यही नहीं इस व्रत के प्रभाव से पितरों को भी मुक्ति मिलती है। इस बार मोक्षदा एकादशी 8 दिसंबर को पड़ रही है। आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी का महत्व और पूजा-विधि।
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मोक्षदा एकादशी का महत्व
मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से मनुष्य के मृतक पूर्वजों के लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति मोक्ष पाने की इच्छा रखता है उसे इस एकादशी पर व्रत रखना चाहिए। ये भी कहा जाता है कि, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के मुख से पवित्र श्रीमदभगवद् गीता का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। मोक्षदा एकादशी का व्रत हिंदू वर्ष की अन्य 23 एकादशियों पर उपवास रखने के बराबर है।
मोक्षदा एकादशी पूजन-विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करते हुए पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।
इसके बाद पूजन सामग्री में तुलसी की मंजरी, धूप-दीप, फल-फूल, रोली, कुमकुम, चंदन, अक्षत, पंचामृत रखें।
विघ्नहर्ता भगवान गणेश, भगवान श्रीकृष्ण और महर्षि वेदव्यास की मूर्ति या तस्वीर सामने रखें। साथ ही श्रीमदभगवद् गीता की पुस्तक भी रखें।
इसके बाद विष्णु जी को धूप-दीप दिखाकर रोली और अक्षत चढ़ाएं।
पूजा पाठ करने के बाद व्रत-कथा सुननी चाहिए। इसके बाद आरती कर प्रसाद बांटें।
एकादशी के दिन रात्रि काल में जागरण करना अच्छा माना गया है।
एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी को स्नान और पूजा के बाद ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए।
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मोक्षदा एकादशी का महत्व
मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से मनुष्य के मृतक पूर्वजों के लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति मोक्ष पाने की इच्छा रखता है उसे इस एकादशी पर व्रत रखना चाहिए। ये भी कहा जाता है कि, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के मुख से पवित्र श्रीमदभगवद् गीता का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। मोक्षदा एकादशी का व्रत हिंदू वर्ष की अन्य 23 एकादशियों पर उपवास रखने के बराबर है।
मोक्षदा एकादशी पूजन-विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करते हुए पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।
इसके बाद पूजन सामग्री में तुलसी की मंजरी, धूप-दीप, फल-फूल, रोली, कुमकुम, चंदन, अक्षत, पंचामृत रखें।
विघ्नहर्ता भगवान गणेश, भगवान श्रीकृष्ण और महर्षि वेदव्यास की मूर्ति या तस्वीर सामने रखें। साथ ही श्रीमदभगवद् गीता की पुस्तक भी रखें।
इसके बाद विष्णु जी को धूप-दीप दिखाकर रोली और अक्षत चढ़ाएं।
पूजा पाठ करने के बाद व्रत-कथा सुननी चाहिए। इसके बाद आरती कर प्रसाद बांटें।
एकादशी के दिन रात्रि काल में जागरण करना अच्छा माना गया है।
एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी को स्नान और पूजा के बाद ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए।
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