Tumgik
#और उन्हें आपस में बाट ले
sakshiiiisingh · 2 years
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#सरपंच का न्याय#quest#shorts#youtubeshorts#story#kahani#questkahaniya#आम का पेड़#एक बार दो भाई#राम और शाम#एक आम के पेड़ को लेकर लड़ रहे थे। राम ने कहा कि आम का पेड़ मेरा है#जबकि शाम ने कहा कि वह इसका मालिक है। कोई रास्ता न सूझने पर उन्होंने सरपंच से मदद माँगने का फैसला#और उन्हें आपस में बाट ले#फिर पेड़ को दो बराबर हिस्सों में काट लें। सरपंच की बात सुनकर#राम मान गया जबकि शाम ने पेड़ को काटने से मना कर दिया क्योंकि उन्होंने पूरे तीन साल तक इसका पालन-#'वृक्ष शाम का है क्योंकि इसे काटने का विचार ही उसे परेशान करने लगा। जिसने तीन साल तक इसकी देखभाल#वह इसे काट नहीं सकता।#Popular Stories#⦿ लालची शेर की कहानी : https://www.youtube.com/watch?v=ZlMYa...#⦿ एक चिड़िया ने गाँव मे लगी आग को कैसे भुझायी : https://www.youtube.com/watch?v=sb95O...#⦿ जीवन संघर्ष : https://www.youtube.com/watch?v=pNfdH...
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questkahaniya · 1 year
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सरपंच का फैसला | Sarpanch Ka Faisla आम का पेड़ एक बार दो भाई, राम और शाम, एक आम के पेड़ को लेकर लड़ रहे थे। राम ने कहा कि आम का पेड़ मेरा है , जबकि शाम ने कहा कि वह इसका मालिक है। कोई रास्ता न सूझने पर उन्होंने सरपंच से मदद माँगने का फैसला किया। सरपंच को सारी बात बताई फिर सरपंच ने भाइयों से कहा कि वे सभी आमों को हटा दें, और उन्हें आपस में बाट ले , फिर पेड़ को दो बराबर हिस्सों में काट लें। सरपंच की बात सुनकर, राम मान गया जबकि शाम ने पेड़ को काटने से मना कर दिया क्योंकि उन्होंने पूरे तीन साल तक इसका पालन-पोषण किया था। सरपंच ने पता लगा लिया कि पेड़ का असली मालिक कौन है। उन्होंने कहा, 'वृक्ष शाम का है क्योंकि इसे काटने का विचार ही उसे परेशान करने लगा। जिसने तीन साल तक इसकी देखभाल की है, वह इसे काट नहीं सकता।
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karishmasharma · 2 years
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सरपंच का न्याय 
एक बार दो भाई, राम और शाम, एक आम के पेड़ को लेकर लड़ रहे थे। राम ने कहा कि आम का पेड़ मेरा है , जबकि शाम ने कहा कि वह इसका मालिक है। कोई रास्ता न सूझने पर उन्होंने सरपंच से मदद माँगने का फैसला किया। सरपंच को सारी बात बताई फिर सरपंच ने भाइयों से कहा कि वे सभी आमों को हटा दें, और उन्हें आपस में बाट ले , फिर पेड़ को दो बराबर हिस्सों में काट लें। सरपंच की बात सुनकर, राम मान गया जबकि शाम ने पेड़ को काटने से मना कर दिया क्योंकि उन्होंने पूरे तीन साल तक इसका पालन-पोषण किया था। सरपंच ने पता लगा लिया कि पेड़ का असली मालिक कौन है। उन्होंने कहा, 'वृक्ष शाम का है क्योंकि इसे काटने का विचार ही उसे परेशा�� करने लगा। जिसने तीन साल तक इसकी देखभाल की है, वह इसे काट नहीं सकता।
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nageshchandramishra · 4 years
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विषय : प्रसिद्ध वकील , सोशल एक्टिविस्ट और स्वराज अभियान पार्टी के नेता प्रशान्त भूषण के विरुद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अवमानना का मामला
https://youtu.be/JHoQeI20ZLM
youtube
प्रिय आलोक जी ,
      मैंने आपकी पूरी बातें सुनी और आपने अपने जो विचार प्रकट किए , वह अप्रत्याशित नहीं था - यही सब कुछ आप सुनायेंगे - इसका बाट जोह रहा था!
स्वनामधन्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का एक वाकया पढ़ा था - एक प्रसिद्ध लेखक स्वरचित सात - आठ किताबों का पुलिंदा उन्हें भेंट कर उनसे आग्रह किया कि वे इन रचनाओं पर अपनी राय प्रगट करने की महती कृपा करें! द्विवेदी जी ने कहा , ठीक है - एक आध महीने के बाद आप आएं , तब तक मैं आपकी रचनाएं भी पढ़ लूंगा! रचनाकार बहुत उत्साहित होकर एक महीने के बाद द्विवेदी जी से मिलने गए!
द्विवेदी जी ने उन्हें नाश्ता कराया और धन्यवाद देते हुए अपनी यह राय दी :
   " आपने बहुत सारी रचनाएं लिखीं  , अबसे आप थोड़ा पढ़ना भी शुरू कर दें " - न मैं कोई प्रसिद्ध साहित्यकार हूँ और न यह वाक़या सुनाकर आप पर कोई टिप्पणी प्रक्षेपित कर रहा हूं , बल्कि उन सभी मान्यवरों से कह रहा हूं , जो बिना सोचे - समझे हां में हां मिला देते हैं!
इसलिए , विषय - वस्तु के तथ्यों से भलीभांति अवगत होने के लिए निम्नलिखित पहलूओं का अवलोकन कर लेने की कृपा करेंगे :
1) "अपनी आजादी को हम मिटा सकते नहीं!सर कटा सकते हैं, लेकिन सर झुका सकते नहीं!!" ( गीतकार : शकील बदायूंनी )
फिल्म लीडर का गीत ( सिनेमा से ) : https://t.co/NbwC7s1EvI
2) यही गीत : RSS ( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के यूट्यूब से ) :
https://t.co/KwdAgg39c8
3) यही गीत IIN ( जलगांव महाराष्ट्र ) शाहीनबाग मोडेल Anti_CAA नरेन्द्र मोदी सरकार विरोधी मंच पर :
https://t.co/i1N5oNWTrL
4) प्रशांत भूषण के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित 108 पेज के जजमेंट का लिंक N.Ram के ट्वीट से
[Breaking] SC Holds Prashant Bhushan Guilty Of Contempt For Tweets Against Judiciary; Will Hear Him On Sentence [Read Judgment]: https://t.co/bp1hlBht8w Download judgment: https://t.co/gw0Y8h1GIW
5) प्रशांत भूषण , Eminent Senior Advocate , Activist & Politician का ट्वीटर एकाउंट ( Joined 2014 Since then 11.9 K Tweets Till Date ;
Followers की संख्या 1.6 मिलियन
  
आप सहित आपके सामाजिक परिवार के सभी  सदस्यों से साग्रह अनुरोध है कि उपरोक्त पहलूओं से पूरी तरह अवगत हो लें!
   मैं क़ानून वेत्ता नहीं हूं , पर एक जिम्मेदार भारत के नागरिक के रूप में  देश की एकता और अखंडता का कट्टर पक्षधर होने के साथ-साथ सर्वधर्मसमभाव का आचरण बचपन से करते आ रहा हूं! दिलीप कुमार पर फिल्माया गीत फिल्म लीडर के जिस गीत से आपने अपनी बात शुरू की - देश में  सभी विचारधारा के संगठन अपने - अपने तरीके से इस गीत के लाईन को सुनाते भी हैं और भुनाते भी हैं - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मंच पर भी यह गीत गाया जाता है और शाहीन बागी तेवरों के लिए जुटाए गए भीड़ तंत्र म��ं भी इस गीत का उपयोग किया जाता है!
इसलिए , जाकी रही भावना जैसी - सो देखी स्वतंत्रता की मूरत वैसी!
वे चाहे कांग्रेस के अनुयाई हों या वामपंथी या संघी! मैं तीनों में कहीं नहीं हूं , आप भी नहीं हैं , पर सोचने का तरीका अलग - अलग है!
मेरे विचार महर्षि अरविन्द की विचारधारा से मिलती-जुलती है - यद्यपि वैसे महापुरूष के चरणों की धूल के बराबर भी मैं नहीं हूँ !
अब , प्रशांत भूषण जी के मामले में गौर फरमाएं! अण्णा हज़ारे के IndiaAgainstCorruption मुहिम तक ये मेरे आदर्श थे! कश्मीर में शेख अब्दुल्ला टाईप  Plebiscite की वकालत करते वक्त उसी बीच इनके इर्द-गिर्द Controversy खड़ी हुई थी -  उनकी इस विचारधारा से इनके पिता आदरणीय शांति भूषण जी भी अपने बेटे प्रशांत भूषण के से सहमत नहीं हुए थे!
Public Interest Litigation मंच Common Cause के माध्यम से भ्रष्टाचार के विरुद्ध जुड़े जितने मामले में इन्होंने आम जनता की लड़ाई लड़ी - उसकी जितनी तारीफ की जाए , कम है!
जबतक ये राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े थे - तब तक कश्मीर जैसे इक्के दुक्के Controversial मामले को छोड़कर इनका आचरण ठीक-ठाक रहा! Ultra Left Leanings हमेशा रहा !
2014 से पहले नरेंद्र मोदी सरकार के आने ‌से पहले ये Twitter पर भी नहीं थे! ( मैं 2011 से Twitter पर मात्र ‌अपने विचारों को प्रगट करने हेतु एक अदना सा व्यक्ति हूं )!
किसी के विचारों को जानने के लिए सोशल वेबसाइट जैसे Twitter , Facebook आदि से पता चल जाता है कि उस व्यक्ति की सोच कैसी है!
प्रशांत भूषण के 11-12 हजार ट्विट्स में  थोड़े Tweets को छोड़कर बाकी " चौकीदार चोर है : सुप्रीम कोर्ट चोर है " - नाम ले - लेकर अपने विरोधियों को गाली देते रहना , उकसाते रहना - आग में घी डालते रहना etc. etc. Type के ही होते हैं!
यदि लोकतांत्रिक व्यवस्था को गाली देते रहना -  महात्मा गांधी की विचारधारा को आगे बढ़ाना है , तो मैं ऐसे नक्सली विचारों का न कभी समर्थन किया हूं और न कभी करूंगा! मैंने जेपी आंदोलन के Side Effects करीब से देखा है ! बर्ष 2007 में सरकारी नौकर से Retirement के बाद पांच सात - साल  अरविन्द केजरीवाल के आंदोलन के साथ भी रहा हूं - उसके बाद मोहभंग हुआ और अण्णा जी की तरह मैं भी इन सबों से अलग हो गया ! अरविन्द केजरीवाल मार्का राजनीति के साईड एफेक्ट के रूप में Shahinbagh , Delhi Riots , Amanutullha Khan , Tablighi Jamaat वगैरह-वगैरह जैसे हस्रों को देखा है!
प्रतिक्रिया में , " गोली मारों सालों को " जैसे वीभत्स नारे भी सिटिंग केन्द्रीय मंत्री से सुने हैं!
Anti - CAA आंदोलन के दौरान आप सभी के�� सेकुलरिज्म ब्रांड को भी देख लिया है! इस सब से मेरा मन अब भर चुका है!
मुझे इसका अन्दाज़ा है कैसे प्रशान्त भूषण को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी पाये जाने के बाद वर्तमान राजनीतिक आकाओं सहित जुडिशयरी को कठघरे में खड़ा कर अभिव्यक्ति की आज़ादी और भ्रष्टाचार निरोध के नाम पर शाहीनबाग मार्का आंदोलन शुरू कर अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों के विरूद्ध उकसाया जायेगा ! अब नया फ़ैशन यह चल चुका है कि “लोकतांत्रिक व्यवस्था “ को “ बहुसंख्यक व्यवस्था “ का जामा पहनाया जाय ताकि इस देश की एकता और अखंडता पर प्रहार कर वोट बैंक की रोटी सेंकने में सहूलियत हो सके !
2020 का भारत बदल चुका है ; लोग-बाग अब जेपी आंदोलन और अण्णा आंदोलन से बहुत कुछ सबक़ लेकर सँभल चुके हैं !
ऐसे में , आग में घी डालने का काम मुझसे नहीं होगा - इसलिये कोई समझें या ना समझें , मैं अराजकता का पक्षधर नहीं बनूँगा!
अंत में , प्रशांत भूषण के Contempt & सजा के मुद्दे पर आते हैं!
Chief Justice Bobde के Motorcycle प्रकरण और Chief जस्टिस के मास्क या हेलमेट नहीं पहनने से जुड़े Tweet को Supreme Court के Bench ने अवमानना नहीं माना है!
आप संदर्भित 108 पेज के जजमेन्ट को अच्छी तरह से पढ़ें और जजमेन्ट के Para 64 से लेकर Para 77 का पुनरावलोकन करें !
Tweet के जिस अंश में Prashant Bhushan ने Supreme Court को Lockdown में रखकर आम आदमियों के न्याय व्यवस्था के अधिकारों के हनन पर जो कुछ भी अपने Tweet में कहा है - वह सरासर झूठ पाया गया है! दुष्यंत दवे जो प्रशांत भूषण का केस लड़ा है और उनकी ओर से 135 पृष्ठ + साढ़े चार सौ पृष्ठों का अनुलग्नक Affidavit में दिया है और जो Records है- इसमें प्रशांत भूषण दोषी पाए गए हैं!
सबसे आपत्तिजनक प्रशांत भूषण का 26/07/2020 का वह Tweet है जिसमें उन्होंने कहा है कि 2014 के बाद जो 4 Chief Justice हुए हैं - वे सब Corrupt हैं! जो वे प्रमाणित नहीं कर सके! 
आलोक जी 👈💓❗️आपने अपने बीबीसी London के कार्यकाल के दौरान जिन Iranian & Ghana के Taxi drivers से हुई बातों पर बल दिया है , वही साबित करता है कि इरान के मुल्लाओं की सोच का हस्र कितना ख़तरनाक हो सकता है और घाना की तानाशाही कितनी विकराल हो सकती है ‼️आपको चीन की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी लगती है और वहॉं की तानाशाही नहीं दिखाई देती !
यदि आपने फ़िज़िक्स और थर्मोडायनामिक्स कभी पढ़ा होगा , तो Carnot Cycle से भली भाँति अवगत होंगे - “हर किसी को मुकम्मल जहॉं नहीं मिलता, किसी को जमीं नहीं तो किसी को आसमाँ नहीं मिलता “ - इसलिये 60% पर भरोसा कर अपने हिन्दुस्तान पर फ़ख़्र कीजिये ! जनता द्वारा चुने गये प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा रखिए - जो कुछ भी नुक्श है , इसे आपस में सुलझा लेंगे !
   अब रही बात Prashant Bhushan जो दोषी पाए गए हैं - उन्हें 20/07/2020 को सजा सुनाने की बात!
यदि मैं Chief Justice Of India रहता , तो 3 Judge Bench को Registrar के माध्यम से कहलवाता :
" प्रशांत भूषण को दोषी पाए जाने के बाद भी उन्हें चेतावनी देते हुए क्षमा किया जाता है "!
   ____________________________
आलोक अड्डा पर अपने  सामाजिक परिवार के सदस्यों से आग्रह है कि वे उपरोक्त वर्णित तथ्यों के आलोक में Prashant Bhushan के पक्ष में Tweet नहीं करें! ऐसा करने से अराजक तत्वों को हिंसा फैलाने और UP_Delhi_Bengluru Type हिंसा फैलाने का ग़लत मुद्दा मिल जाएगा और देश की आजादी , एकता और अखंडता को बहुत बड़ा नुक़सान होगा!
आप सभी का : नागेश चन्द्र मिश्र
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questkahaniya · 2 years
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सरपंच का न्याय 
आम का पेड़ एक बार दो भाई, राम और शाम, एक आम के पेड़ को लेकर लड़ रहे थे। राम ने कहा कि आम का पेड़ मेरा है , जबकि शाम ने कहा कि वह इसका मालिक है। कोई रास्ता न सूझने पर उन्होंने सरपंच से मदद माँगने का फैसला किया। सरपंच को सारी बात बताई फिर सरपंच ने भाइयों से कहा कि वे सभी आमों को हटा दें, और उन्हें आपस में बाट ले , फिर पेड़ को दो बराबर हिस्सों में काट लें। सरपंच की बात सुनकर, राम मान गया जबकि शाम ने पेड़ को काटने से मना कर दिया क्योंकि उन्होंने पूरे तीन साल तक इसका पालन-पोषण किया था। सरपंच ने पता लगा लिया कि पेड़ का असली मालिक कौन है। उन्होंने कहा, 'वृक्ष शाम का है क्योंकि इसे काटने का विचार ही उसे परेशान करने लगा। जिसने तीन साल तक इसकी देखभाल की है, वह इसे काट नहीं सकता।
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