दोस्त की बीवी के साथ रात भर चुदाई
दोस्तो, सबसे पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ.
मेरा नाम समीर है मैं बहराइच शहर का रहने वाला हूँ. मैं पाँच फिट ग्यारह इंच लम्बा हूँ और मेरे बाल काफ़ी लम्बे हैं.
मैं अपने दोस्तों में सबसे ज्यादा स्मार्ट हूँ.
सेक्स मेरी कमज़ोरी है.
किसी भी लड़की को देखता हूँ तो अपने पर कंट्रोल नहीं कर पाता और मौक़ा मिलते ही मुठ मार लेता हूँ.
मैं अपने दोस्त जुनैद खान की शादी में ना जा सका था.
उस दिन किसी काम के सिलसिले में फंस गया था.
उसके बाद मैं अपने कामों में ऐसा फंसा कि क़रीब पाँच साल तक दोस्ती यारी सब भूल गया.
जब मैं काम से थोड़ा आजाद हुआ तो दोस्तों की याद आई.
मगर अब दोस्त भी सब अपने अपने कामों में लगे हुए थे.
फिर एक दिन अचानक से जुनैद से यहीं मार्केट में मुलाक़ात हुई.
उसके साथ उसकी बीवी भी थी.
हम दोनों दोस्त अपनी बातों में मस्त हो गया.
कुछ देर में मेरी नज़र जुनैद की बीवी पर पड़ी.
वह बड़ी मस्त माल थी. यह Xxx सेक्सी हिंदी कहानी उसी के साथ की है.
उसके 36 साइज़ के चूचे और 38 इंच की गांड एकदम आग बरपा रही थी.
मैंने भाभी से हैलो की और सॉरी बोलते हुए कहा- सॉरी भाभी, मैंने आप पर ध्यान ही नहीं दिया. हम दोनों दोस्त अपनी पुरानी यादों में मस्त हो गए, माफ़ी चाहता हूँ!
जुनैद की बीवी ने जवाब दिया- आपने मुझ पर ध्यान नहीं दिया, कोई बात नहीं. पर आप शादी में भी नहीं आए. जुनैद हमेशा आपकी बातें करते रहते थे. मैं भी आपसे मिलने को उतावली थी.
ये कहती हुई उसने मेरे हाथ को दबा दिया.
मैं समझ गया कि भाभी चालू माल है.
मैंने बात को खत्म करते हुए हंसते हुए कहा- अरे भाभी, यहीं सब बातें कर लेंगी या कभी घर भी बुलाएंगी.
फिर हमारी बातें ख़त्म हुईं.
भाभी ने जाते वक्त कहा- आपका घर है, जब चाहें आ जाएं. जुनैद तो रात को दो के बाद ही आते हैं. आपकी जब मर्ज़ी हो, आ जाइए.
मैं भाभी का इशारा समझ गया और वहां से निकलते हुआ बोला- ओके भाभी, आपसे जल्दी ही मिलता हूँ.
मैं वहां से निकल गया.
इस बात को दो दिन हो गए थे.
मैं घर पर आराम कर रहा था.
उसी वक्त व्हाट्सैप पर अनजान नम्बर से एक मैसेज आया ‘क्या कर रहे हो मेरी जान!’
मेरे दोस्त अक्सर मैसेज से मुझे परेशान करते रहते हैं तो मैंने इस मैसेज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि किसी दोस्त ने अनजान नंबर से मैसेज करके मुझसे शैतानी की होगी.
मैं उस मैसेज का बिना कोई जवाब दिए सो गया.
सुबह जब उठा तो देखा कि उसी नंबर से काफ़ी मैसेज आए हुए थे और दो मिस्ड कॉल भी थीं.
मैंने उसी नंबर पर कॉलबैक की, तो उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- हैलो मिस्टर समीर, गुड मॉर्निंग. कैसी कटी आपकी रात!
मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे सीधा बोल दिया कि अपनी भाभी के साथ सपने में कबड्डी खेलता रहा.
मेरी इस बात से उस तरफ से ज़ोर ज़ोर की हंसी के साथ आवाज आई- सही पहचाना, मैं ही हूँ आपकी कबड्डी खेलने वाली भाभी.
मैंने एकदम से अपने कहे पर खेद जताते हुए उनसे पूछा- सॉरी मेम, आप कौन?
‘मैं नादिया भाभी बोल रही हूँ.’
मैंने अब स्क्रीन पर उनका नंबर और ट्रू कॉलर पर आया हुआ नाम देखा.
फिर कहा- जी हां मुझे पता लग गया है. ट्रू कॉलरपर आपका नाम लिखा हुआ आया है. आप बताएं भाभीजान … सुबह सुबह अपने देवर को कैसे याद कर लिया?
वह बोली- सुबह सुबह तो छोड़िए, मैं तो सारी रात से आपको काफ़ी याद कर रही थी. कई मैसेज किये और दो बार कॉल भी किया, पर आपने फ़ोन ही नहीं उठाया. लगता है मुझसे नाराज़ हैं?
मैंने कहा- अरे भाभी जान, आपसे नाराज़ होकर कहां जाऊंगा. अपन तो दिल से ही आपके ही पास हैं.
वह हंसती हुई कहने लगी- काफ़ी अनुभव है आपको बात करने का … लगता है काफ़ी गर्लफ़्रेंड पटा रखी हैं.
मैं बोला- गर्लफ्रेंड तो नहीं, हां आप जैसी कुछ भाभियां हैं. जो समय समय पर अनुभव करवा देती हैं.
नादिया भाभी मेरी बात को क़ाटती हुई बोली- अच्छा वो सब छोड़ो … ये बताओ कि क्या आप मेरे घर आ सकते हैं?
मैंने कहा- कोई ज़रूरी काम हो, तो अभी आ जाऊं?
उधर से जवाब आया- अरे यार समीर … कल से जुनैद घर पर है नहीं. मैं अकेले बोर हो रही हूँ. आप आ जाएंगे तो आपसे जरा दिल बहला लूँगी.
मैं खुश होते हुए बोला- भाभी अभी तो सुबह हुई है, रात को आता हूँ.
उसने कहा- चलो मैं आपका इंतजार करूंगी.
कुछ देर और इधर उधर की बातचीत के बाद मैंने फ़ोन कट कर दिया.
अब मुझे और भाभी को रात का बेसब्री से इंतज़ार था कि कब रात हो और हम दोनों का मिलन हो.
मैं सोच रहा था कि बस कैसे भी करके नादिया भाभी को चोद लूं.
तो मैं नहाने गया तो झांटें साफ कर लीं.
रात होते ही मैंने मेडिकल से दो पैकेट कंडोम के ले लिए और भाभी के घर चला आया.
उनके घर पहुंचते ही मैंने दरवाजे की घंटी बजाई.
कुछ पल बाद दरवाज़ा खुला. दरवाजा खुलते ही मैं भाभी को देखता रह गया.
भाभी तो कहीं से शादीशुदा लग ही नहीं रही थी. उसने शॉर्ट्स और टॉप पहना था.
उसका रेड कलर का टॉप एकदम पारदर्शी था.
उस टॉप में से भाभी के दोनों चूचे और उन पर तने हुए गुलाबी निप्पल साफ़ दिख रहे थे.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
सीन देख कर तो दिल कर रहा था कि अभी ही इसे पकड़ कर चोद दूँ. पर ऐसा करना ठीक नहीं होता है.
सेक्स का जो मज़ा आराम से करने में है, वह ज़बरदस्ती में नहीं है.
हालांकि मेरा मुँह खुला का खुला रह गया था.
भाभी ने इतराते हुए कहा- अन्दर आ जाओ, फिर इस खुले हुए मुँह का इलाज भी कर देती हूँ.
मैं झेंप गया.
अन्दर जाते ही मैंने अपनी पैंट एडजस्ट की क्योंकि मेरा लंड खड़ा हो गया था.
भाभी ने बैठने को कहा और बोली- क्या लोगे, चाय कॉफ़ी!
मैंने कहा- भाभी आप जो देंगी, प्यार से ले लूँगा. वैसे दूध मिल जाता तो और अच्छा होता.
भाभी मुस्कुरा��ी हुई अपने दूध हिला कर बोलीं- ठीक है, मैं लाती हूँ.
वह किचन जाने के लिए मुड़ी ही थी कि मैंने हाथ बढ़ाया और भाभी को अपनी ओर खींच लिया.
हम दोनों बेड पर गिर गए.
भाभी ने कहा- अरे, ये क्या कर रहे हो देवर जी?
मैंने कहा- भाभी, मैं तो दूध ताज़ा वाला ही पीता हूँ.
ये कहते हुए मैंने भाभी का टॉप तेज़ी से खींचा और उसको बाहर निकाल फेंका.
मैं उसके दोनों रसभरे चूचों पर टूट पड़ा.
भाभी की 36 साइज़ की चूचियां मेरे हाथों में नहीं आ रही थीं.
नादिया भाभी को अपने नीचे दबा कर उसकी दोनों चूचियों को हाथ से पकड़ कर मसलने लगा और एक चूची के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींच खींच कर चूसने लगा.
भाभी की मादक आहें और कराहें निकलना शुरू हो गईं.
मैंने क़रीब दस मिनट तक भाभी के दोनों चूचे चूसे … और चूस चूस लाल कर दिए.
अब हम दोनों का किस चालू हुआ.
मैं भाभी के पूरे बदन पर किस करता रहा.
वह आपे से बाहर हो रही थी.
किस करते करते मैं नीचे को सरकने लगा और भाभी की चूत पर आ गया.
भाभी की चूत शॉर्ट्स से ढकी हुई थी.
मैंने झटके से शॉर्ट्स को उतारा और चूत के अन्दर अपनी ज़ुबान डाल कर चूसने लगा.
अपनी चूत पर मेरी जुबान का अहसास पाते ही भाभी एकदम से सिहर उठी और छटपटाने लगी.
मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से दबोचा और चूत को चाटना शुरू कर दिया.
भाभी की चिकनी चूत एकदम कचौड़ी सी फूली हुई थी और रस छोड़ रही थी.
उसकी चूत का नमकीन रस चाटने से मुझे नशा सा आ गया और मैं पूरी शिद्दत से उसकी चूत को चाटने में तब तक लगा रहा, जब तक चूत का पानी नहीं निकल गया.
मैं चूत का रस चाटने लगा और चाट चाट कर भाभी की चूत को वापस कांच सा चमका दिया.
अब वह एकदम से निढाल हो गई थी और तेज तेज सांसें भर रही थी.
कुछ देर के बाद मैं उसके चेहरे को चूमने लगा तो वह बोली- सच में बड़े जानवर हो तुम … तुमने मेरी चूत में से पानी निकाल कर इसमें दोगुनी आग लगा दी है.
मैंने कहा- नादिया मेरी जान … अभी फायर बिर्गेड वाला पाइप खड़ा है … कहो तो तत्काल पाइप घुसेड़ कर आग बुझा दूँ.
वह बोली- आग तो बुझवानी ही है, पर उसके पहले मुझे उस पाइप को प्यार करना है जो मेरी आग बुझाएगा.
मैंने कहा- हां हां कर लो प्यार!
ये कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया.
उसने लंड मसलते हुए कहा- ये तो बड़ा अकड़ रहा है. इसे पहले मेरे मुँह में डालो … मैं इसकी अकड़ निकालती हूँ.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
नादिया भाभी ने मेरे लंड को बहुत प्यार से चूसा और उसे एकदम गर्म लोहे से तप्त सरिया बना दिया.
वह मेरे लौड़े को गले के आखिरी छोर तक लेकर चूस रही थी.
मैंने आह भरते हुए कहा- आह भाभी … मेरी जान और चूसो.
उधर भाभी भी दुबारा से गर्मा गई थी.
उससे रहा ना गया और वह बोली- समीर, मैं बहुत प्यासी हूँ. पहले मेरी चूत की प्यास मिटा दो. जुनैद के साथ कभी ऐसा मज़ा नहीं आया. वह तो मेरे ऊपर चढ़ता है और दो मिनट में झड़ कर सो जाता है. आज तक न तो उसने कभी मुझे ओरल सेक्स का सुख नहीं दिया.
मैंने कहा- अरे मेरी भाभी जान … अभी तो ये शुरुआत है. अगर आपको मुझसे चुदवाने में मज़ा ना आया, तो मेरा नाम भी समीर नहीं.
बस ये कह कर मैंने भाभी को अपनी तरफ़ खींचा और लंड पर कंडोम लगा कर अपने लंड को भाभी की मखमली चूत पर सैट कर दिया.
लौड़े को सैट करते ही मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.
एकदम से लौड़े ने चूत को फाड़ा, तो भाभी की चीख निकल गई.
भाभी की आंख से आंसू निकल आए और वह चिल्लाने लगी- समीर, मेरी चूत फट गई है, प्लीज़ निकाल लो.
लेकिन मैंने भाभी की एक ना सुनी और दोबारा झटका मार कर अपने लंड को पूरा अन्दर तक डाल दिया.
फिर मैं थोड़ी देर रुक गया.
Xxx सेक्सी भाभी दर्द से चीखती रही और छटपटाती रही.
कुछ देर बाद जब भाभी के चेहरे पर थोड़ा बदलाव आया और वह अपनी गांड को थोड़ा थोड़ा हिलाने लगी, तो मैं स��झ गया कि भाभी को मज़ा आने लगा है.
अब मैंने भाभी को और तेज़ी से चोदना चालू कर दिया.
भाभी का सुर बदल गया था और वह बार बार कह रही थी- समीर, और तेज चोदो … और तेज.
यही सब कहते हुए वह अपने सर को इधर से उधर पटक रही थी.
हम दोनों की चुदाई का यह सिलसिला क़रीब बीस मिनट तक चला.
उसके बाद वह झड़ गई और उसके झड़ते ही मैं भी कंडोम में निकल गया.
झड़ने के बाद काफी थकान हो गई थी तो हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
आधा घंटा बाद उठे और वापस चुदाई चालू हो गई.
उस रात हम दोनों ने चार बार सेक्स किया.
यह सिलसिला अभी तक चल रहा है.
मैं आगे बताऊंगा कि भाभी की बहन को सेक्स की गोली खिला कर उसकी सील पैक चूत को कैसे चोदा.
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15:12 31st August 2023
आज पापा ने सुबह साढ़े पांच बजे ही डाट डाट कर जगा दिया था क्योंकि आज राखी का त्योहार है और रक्षाबंधन मनाने का शुभ समय केवल साढ़े सात बजे तक का ही था।
उठने का मन बिलकुल नहीं था लेकिन पापा rude होकर जगा रहे थे तो डर के मारे उठना ही पड़ा।
सुबह उठकर ही मैंने नहा लिया और ब्रश भी कर लिया ताकि जल्दी से राखी बांधकर सो सकूं। सबसे पहले मैंने अपने पापा को राखी बांधा और फिर अपने भाई को। उसके बाद एक एक गुलाब जामुन खिलाया। पापा ने मुझे एक हज़ार रुपए दिए और मेरे भाई ने पांच सौ रुपए।
थोड़ी देर बाद मामा लोग भी राखी बंधवाने आ गए थे। बच्चा भैया भी आए थे जिन्होंने मुझे पांच सौ रुपए दिए। उसके बाद मैं सो गई और सीधे दोपहर में उठी जब खाना बनकर तैयार हो गया था।
खाना आज मम्मी ने काफी टेस्टी बनाया था। खाना खाकर मैं फिर से सो गई। अगर सुबह बिना नींद पूरी किए ही उठ जाओ तो दिन भर अजीब लगता है।
मेरे भाई ने बताया कि PCS J के रिजल्ट्स आ गए हैं और एक दो लोग उसके जान पहचान के सेलेक्ट हुए हैं। मैंने भी रिजल्ट्स खोजने की कोशिश की यह देखने के लिए कि शायद मेरे फ्रेंड्स का भी हुआ हो। लेकिन उनका नाम पूरी लिस्ट में नहीं था।
हालांकि मेरी अब उन दोस्तों से बात नहीं होती और टर्म्स खराब हो चुके हैं लेकिन फिर भी मेरे मन में था कि शायद उनका नाम दिख जाए पीसीएस J की फाइनल लिस्ट में में। मैं चाहती थी कि उनका भी selection हो जाए।
अभी साढ़े तीन बजे के करीब मैंने इंस्टाग्राम अकाउंट डीएक्टिवेट कर दिया है। जबक�� मेरे बत्तीस हज़ार फॉलोअर्स हैं। पर मैं कुछ दिन सोशल मीडिया से ब्रेक लेकर किताबें पढ़ना चाहती हूं।
जब भी मैं अपना सोशल मीडिया डिएक्टिवेट करती हूं तो मुझे पता नहीं क्यों दो एक लोगों का खयाल आता है कि कहीं वह ऐसा न सोचे कि मैंने उसके घोस्ट कर दिया है। उन्हें पता होना चाहिए कि मैं ब्रेक ले रही हूं। पता नहीं ऐसा सब सोचते हैं कि केवल मैं ही।
मेरा फ़ोन चार्ज नहीं है।मैं इसे थोड़ी देर के लिए चार्ज में लगाकर..रात का बचा हुआ पिज़्ज़ा स्लाइस जो फ्रिज में रखा हुआ है उसे गरम करके खाना चाहती हूं।
मैंने लगभग दो हफ्ते से बाहर खाना बंद कर दिया है...केवल सन्डे को ही खाती हूं। लेकिन आज मैने सुबह सुबह पकौड़ी, आलू दम और जलेबी खा ली..बाहर से मंगा कर। बड़ी टेस्टी थी।
दरअसल सुबह हमारी maid नहीं आई थी और एक भी बर्तन साफ नहीं था घर में इसीलिए ब्रेकफास्ट भी नहीं बना था और मैं सुबह ही उठ गई थी तो मुझे बहुत भूख लगी थी तो मैंने सोचा है मैं चीट डे आज ही कर लूंगी और संडे को इसबार बाहर कुछ नहीं खाऊंगी..वैसे भी आज रक्षाबंधन है तो बढ़िया बढ़िया खाना तो बनता है। ✌🏻😻🪻
अभी तक मैंने कुछ पढ़ा नहीं है तो पिज़्ज़ा खाकर पढ़ने बैठूंगी सीधा।
Happy रक्षाबंधन 🌻🪻
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प्यारे Tumblr वालों,
मुझे नहीं पता कि जब ये खबर आई तब आप लोगों ने इसे सुना या नहीं, लेकिन मैंने कुछ महीनों पहले क्लॉलैंड के उजले आइलैंड को रियरव्यू मिरर में पीछे छोड़ दिया और चीफ़ ऑफ़िसर ऑफ़ मर्चेंडाइजिंग एंड फ़िज़िकल इंजीनियरिंग की हैसियत से वापस यहाँ Tumblr पर एक ज़िम्मेदारी निभाने आ गया. मैं अपने एम्पोरियम में अपना सामान शेयर करता रहा हूँ और इससे भी ज़रूरी बात ये है कि आप लोग उसे खरीदते रहे हैं!
सब कुछ इतना बढ़िया चल रहा है कि कल रात मेरे पास इस बात पर गौर करने का बहुत सारा समय था कि मैंने कितनी तरक्की की है. मेरे रास्ते में कोई रुकावट नहीं है, KPI बुलंदियों को छू रहे हैं, सब लोग अपने नए मग और पिन और टीशर्ट के साथ खुश हैं और मैं इन सबका हेड हूँ... सब कुछ शानदार तरीके से आगे बढ़ रहा है ब्रिक, है ना?
देखिए, मर्चेंडाइजिंग के बारे में एक चीज़ ये है कि ये मज़ेदार और क्रिएटिव तो है...लेकिन इसमें ज़्यादा क्लिकिंग नहीं है.और ब्रिक को क्लिक की याद सताती है!
मैंने इस बारे में सोचा कि जब मैं यहाँ नहीं था तो उस दौरान मेरे छोटे-छोटे क्रैब दोस्त डैशबोर्ड पर कितने महशूर हो गए थे. बेतहाशा अपनी आबादी बढ़ा रहे थे! इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता: आप बच्चों को वो क्रैब बहुत पसंद हैं. आप लोग तो उन्हें एक दूसरे को भेजने के लिए कैश भी खर्च कर रहे हैं.
तो सवाल ये था: आप जिस क्लिकटास्टिक सुविधा से परिचित हैं और उसके दीवाने हैं उसे किसी नई चीज़ से कैसे जोड़ा जाए? किसी ताज़ातरीन चीज़ से?
और फिर मेरे दिमाग में ये आईडिया आया!
🦀🐛🧀👻🐴🍪!!!!!!!!!!!!
तो अब मैं ये ऐलान करता हूँ कि मैं एम्पोरियम में अपनी पोजीशन से कुछ वक्त के लिए छुट्टी ले रहा हूँ ताकि टीम बदलकर Tumblr का चीफ़ रिएक्शंस ऑफ़िसर बन सकूँ.
आज से आप लोग अपनी भावनाएँ ज़ाहिर करने के लिए हर Tumblr पोस्ट के सबसे नीचे उन प्रतिक्रिया बटन को स्लैम कर सकेंगे. कम से कम वेब पर तो हाँ. मोबाइल ऐप्स पर नहीं. (मैं बजटिंग में माहिर हूँ, लेकिन उतना ज़्यादा भी माहिर नहीं.)
और सुनिए, ये शॉर्ट नोटिस है. मैं रात भर नहीं सोया, इसके बारे में लगातार सोचता रहा, उस पल से जब तारों को निहारते हुए अपनी ज़िन्दगी और फ़ैसलों पर गौर करते हुए अचानक ये आईडिया मुझे आया. इसलिए अभी के लिए, इस्तेमाल के लिए उपलब्ध प्रतिक्रियाओं की संख्या कम है. दरअसल वो मेरे फ़ोन में हाल ही में इस्तेमाल किए गए इमोजी ही हैं.
लेकिन मैं जानता हूँ कि आप लोगों को वो ज़रूर पसंद आएँगे. क्योंकि आखिर वो मैंने यानी ब्रिक ने जो दिए हैं!
आपका क्लिकफ़ुली,
ब्रिक व्हार्टली
चीफ़ रिएक्शंस ऑफ़िसर
चीफ़ ऑफ़िसर ऑफ़ मर्चेंडाइजिंग एंड फ़िज़िकल इंजीनियरिंग (छुट्टी पर)
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