Tumgik
mukeshdasposts · 2 years
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Ved bhi gavahi dete hai kabir saheb ji vo parmatma hai jo satlok se chalkar prathvi par sah sarir aate hai
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mukeshdasposts · 2 years
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Garib Das ji ko bhi dikhaya kabir parmatma ne satlok
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mukeshdasposts · 2 years
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पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी का अद्भुत ज्ञान।
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mukeshdasposts · 2 years
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कबीर साहेब जी का ज्ञान सबसे अनमोल है।
कबीर साहेब जी का अनमोल ज्ञान
कबीर साहेब ने ही सर्व प्रथम अपने अमरलो�� (सतलोक) की जानकारी विस्तार के साथ बताई, कि स्वर्ग-नरक से भी उपर सतलोक है, जहां जाने के बाद जन्म-मृत्यु नहीं होती। जहां से हम सभी जीव आत्माऐं काल के जाल में फंसकर अपने परमपिता से बिछड़कर मृत्यु लोक में आई थी। सतलोक ही रहने योग्य स्थान है।
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mukeshdasposts · 2 years
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गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4 में बताये गये उल्टे लटके वृक्ष की जानकारी कबीर साहेब जी ने दी
कबीर, अक्षर पुरुष एक पेड़ है, निरंजन वाकी डार।
तीनों देवा शाखा हैं, पात रूप संसार।।
कबीर, हमहीं अलख अल्लाह हैं, मूल रूप करतार।
अनंत कोटि ब्रह्मांड का, मैं ही सृजनहार।।
कबीर परमेश्वर ने कहा है कि मैं संसार रूपी वृक्ष का मूल हूँ, मैंने ही सर्व ब्रह्मांडो की रचना की है। मूल होने से मैं ही सर्व संसार का पोषण करता हूँ। अक्षर पुरुष को इस संसार रूपी वृक्ष का तना जानो और क्षर पुरुष (ज्योति निरंजन, काल, ब्रह्म) को तने से निकलने वाली एक मोटी डार जानो। तथा तीनों देवताओं को क्षर पुरुष रूपी डार से निकलने वाली शाखा जानो। उन शाखाओं पर लगे पत्ते को संसार के जीव जंतु, मानव आदि जानो।
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