जान हथेली पर रखकर (jaan hatheli par rakhkar ) : एक माँ के नाम
जान हथेली पर रखकर (jaan hatheli par rakhkar ) ,
मुझको ये जीवन दान दिया,
पहली प्रार्थना उस माँ के लिए,
जिस माँ ने अपना जीवन मेरे नाम किया,
* * * * * *
मैं हाथ जोड़कर करूं प्रार्थना,
उस पालनहार के आगे जब-जब भी,
सर को झुकाया है,
झोली में हों उसके फूल सदा,
जिस माँ ने जीवन मेरा चमकाया है,
मेरी दूजी प्रार्थना की हकदार,
प्यारी कोख है माँ की, हे पालनहार,
उस कोख से…
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दान-दहेज (Daan-Dahej ) : दान और दहेज का संघर्ष
दान-दहेज (Daan-Dahej ) भी चाहिए,
बहु संस्कारी भी,
बिन बोले सब लेकर आएगी,
बहु हमारी भी,
* * * * *
हमारे बेटे ने पड-लिखने में,
लुटाई है जितनी दौलत,
दिन-रात मेहनत कर-करके,
बेशुमार पाई है शोहरत,,
अब इस नीले आसमान को भी ,
एक दिन उसने छूना है,
बेटे को बनाया है लंम्बी रेश का घोड़ा,
अब उस पर ऊँचा दांव लगाना है,
सीख लिए हैं सब दांव -पेंच उसने ,
सीख ली है ये दुनियादारी भी…
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बेगानों की तरह (beganon ki tarah ) : माता-पिता का प्यार
मात-पिता करते हैं प्यार हमें,
दीवानों की तरह,
फिर कुछ लोग क्यों करते हैं व्यहवार,
उनसे बेगानों की तरह (beganon ki tarah ),
* * * * * * *
माना की सब नहीं हैं एक बराबर,
सबका अलग-अलग व्यहवार यहाँ,
यदि कुछ लोग पूजते हैं, मात-पिता को,
तो कुछ करते हैं दरकिनार यहाँ,
मात-पिता ही वो पालनहार हैं,
जो दिल से हमें प्यार करे,
वो ही इस संसार में सचमुच,
जो हमारे सब दुख-दर्द…
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सूनी कोख(sooni kokh ) का संघर्ष : एक माँ का दर्द
Mange Ram
जब किसी की सूनी कोख (sooni kokh ) देखकर ,
कोई उसे बांझ बोलता है
औलाद से तरसती उस माँ के अंदर,
लाल लहू दिन-रात खौलता है,
* * * *
सूनी कोख(sooni kokh ) का संघर्ष : उत्साह और उम्मीद
कब किसको दे-दे,
कब किससे ले-ले,
उस ईश्वर के खेल न्यारे हैं — →read more
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मेरी पहली पाठशाला (pahli pathshala ) पहला प्यार है माँ,
उसकी वजह से छाई रहती है,
मेरी आंखों में चमक चेहरे पर मुस्कान,
मेरे लिए सारा संसार है माँ,
* * * *
माँ को आज भी मेरे चेहरे की ,
मुस्कान है प्यारी---->read more
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माँ का परिचय(maa ka prichay ) : बेटे के मुख से
माँ का परिचय (maa ka prichay ) पूछ रहे थे चमकते सितारे मुझसे ,
क्या माँ ऐसे ही रहती है बच्चों पर मेहरबान,
मैं बोला मुस्कराकर सितारों से,
इसलिए माँ का यहाँ सदा होता है गुणगान,
* * * * * * *
माँ की महिमा का गुणगान सुनकर,
चमकते सितारे थे हैरान,
मैं एक-एक करके गिनाने लगा — →read more
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आगे बढ़ो (aage badho ) : पिता की प्रेरणा
आगे बढ़ो (aage badho ) : एक बेटे को नशीहत
तूम आगे बढो (aage badho ) हर पल,
एक दिन तुमने इस आसमान को है छूना,
मत सोच की कल क्या है होने वाला,
जब तक साथ तुम्हारे मैं हूँ ना,
* * * * *
तुम पर हैं एक पिता का विश्वास,
जो तुम्हें कभी हारने ना दे,
एक मजबूत स्तम्भ है पिता तुम्हारा,
हर कीमती पल को हाथ से जाने ना दे,
बस चलते रहना रूकना कभी ना,
हालातों के आगे झुकना कभी ना,
जितना…
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बेटी की डोली (beti ki doli ) : प्यार और विदाई की कहानी
बेटी की डोली (beti ki doli ) के वो पावन पल ,
याद आएगा उसका प्यार-दुलार,
जब बेटी को डोली में बिठाऊंगा,
खुद को संभालूंगा ना जाने कैसे,
आँखों से आंसू मै रोक ना पाऊंगा,
* * * * *
एक अलग ही एहसास होता है,
बेटी के प्यार दिखाने का,
हर माँ-बाप का सपना होता है,
बेटी को डोली में बिठाने का,
इस खास पल के लिए,
बेटी के जन्म से ही करनी पड़ती है तैयारी,
उस दिन का बेसब्री से करते…
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स्वर्ग से सुन्दर आंगन (swarag se sundar aangan )
स्वर्ग से सुन्दर आंगन (swarag se sundar aangan ) : जहाँ मुस्कराती माँ मिले
उस घर का पानी है मीठा,
जिस घर में माँ के चेहरे पर मुस्कान मिले,
स्वर्ग से सुन्दर आँगन (swarag se sundar aangan ) है वो ,
जिस आंगन में माँ को भरपूर सम्मान मिले,
* * * * * *
हर रोज बिताते हैं जहाँ थोड़ा वक्त,
माँ का मन बहलाने के लिए,
जिस माँ ने दिया है पूरा जीवन,
इस घर को महकाने के लिए,
हर…
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बेटी का लालन-पालन (beti ka lalan-palan ) : महत्वपूर्ण फ़र्ज़
बेटी का लालन-पालन (beti ka lalan-palan ) करते हैं,
माता-पिता मिट्टी की घाघर के जैसे,
बेटी की इज्जत होती है,
एक सफेद चादर के जैसे,
* * * *
बेटी की परवरिश पर माता-पिता,
कुछ ज्यादा ही ध्यान देते हैं,
सबसे ज्यादा बेटी को घर में सम्मान देते हैं,
सर से पाँव तक ढककर रखतें हैं,
बेटी के होश संभालते ही,
अपने संस्कारों का रंग भरते हैं,
बेटी के होश संभालते ही,
बेटी है रेशम की डोर,
प्यार की…
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चाँद-सितारे (chand-sitare ) : सपनों की खोज
चाँद-सितारे (chand-sitare ) : बेटी की आवाज
छूने चली थी मैं चाँद-सितारे(chand-sitare ),
बिखर गए मेरे सपने सारे,
ये सदियोंं पुराना दस्तूर था,
मैंने बेटी बनकर जन्म लिया
शायद ये ही मेरा कसूर था,
* * * *
बदला जरूर ज़माना है,
पर अभी भी दस्तूर वो ही पूराना है,
बेटी के लिए है एक अलग दायरा ,
उस दायरे में ही जीवन बिताना है ,
देखें थे जो सपने मैंने,
पूरा करने का उन्हें चाव था,
मेरे सपने…
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जीवन की खट्टी-मीठी यादें (jeevan ki khatti-meethi yaden )
जीवन की खट्टी-मीठी यादें (jeevan ki khatti-meethi yaden ) : सच्ची ख़ुशी
जीवन की खट्टी -मीठी यादें ( jeevan ki khatti-meethi yaden ) हैं मेरा उपहार ,
मैंने इन यादों को अपने दिल में बसाया है ,
देखता हूँ जब पीछे मुड़कर ,
मैंने जीवन में क्या खोया क्या पाया है,
* * * * * * *
जो भी किया जैसे भी किया,
सब परिवार के लिए,
सजाकर सबके चेहरे पर,
रखीं हैं मुस्कान अब तक,
सब उनके…
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जीवन की खट्टी-मीठी यादें (jeevan ki khatti-meethi yaden )
जीवन की खट्टी- मीठी यादें jeevan ki khatti-meethi yaden ) हैं मेरा उपहार ,
मैंने इन यादों को अपने दिल में बसाया है ,
देखता हूँ जब पीछे मुड़कर ,
मैंने जीवन में क्या खोया क्या पाया है,
* * * * * * *
जो भी किया जैसे भी किया,
सब परिवार के लिए,
सजाकर सबके चेहरे पर,
रखीं हैं मुस्कान अब तक,
सब उनके प्यार के लिए,
खुद सुख में रहा या ग़म में जिया,
कभी किसी को एहसास ना होने…
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बेशुमार कर्ज (beshumar karz ) : माँ की ममता का संदेश
माँ तेरे बेशुमार कर्ज (beshumar karz ) हैं मुझ पर उधार ,
मैं जन्म लूं चाहे हजार,
ये कर्ज ना आज तक उतार पाया कोई,
फिर मैं कैसे दूं उतार,
* * * *
जितने भी नाम पावन हैं इस जग में,
उनमें सबसे ऊँचा नाम तुम्हारा दर्ज है माँ,
तुम्हारे कोख जिसमें मैंने पहली सांस ली,
उस कोख का मुझ पर पहला कर्ज है माँ,
जो दर्द सहा है माँ तुम ने मेरी पैदाइश पर,
मैं उस दर्द का मोल चुकाऊं कैसे,
मेरे गीले…
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सितारे आसमान के (sitare aasman ke )
कदम चूमती गई कामयाबी उसके,
बेटा छूने लगा सितारे आसमान के (sitare aasman ke ),
सब मिला गया धूल में वो ,
जो मात-पिता के अरमान थे ,
* * * * *
बूलंदियो पर था सिंतारा आज उसके,
सर पर था कामयाबी का ताज उसके — →read more
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प्यार भरी यादें (pyar bhari yaaden )
काश वो प्यार भरी यादें (pyar bhari yaaden ) ,
वो बचपन का सुहाना दौर,
माँ फिर से आ जाए एक बार,
मै उंगली छूडाकर दौडता रहूँ यहाँ-वहाँ,
तूम उंगली पकड़कर ले जाओ मुझे बार-बार,
* * * * * *
वो बचपन की प्यार भरी यादें (pyar bhari yaaden ),
हर घडी करना बिना सिर -पैर की बातें---->read more
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माता-पिता का प्यार (mata-pita ka pyar ) : बेटी के अधिकार की रक्षा
मेरे जीवन का हर फैसला,
उनको लेने का है अधिकार,
होश संभाला है जिनकी बाँहों में ,
मिलता है हर पल मुझे जिस माता-पिता का प्यार (mata-pita ka pyar )
* * * * *
मुझे क्या पहनना क्या खाना है,
कहाँ सर झूकाना कहाँ पर सर उठाना है----->read more
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