Tumgik
lawlegal2s · 1 year
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Objectionable argument given by Ramdev Baba dates, 25/11/2022
This article is only for knowledge, it is not intended to hurt anyone's feelings, nor do I have any intention to hurt anyone with my article.🙏🙏🙏 #people #pune #like
This derogatory argument from Ramdev Baba put people to shame, he has given a very objectionable speech in one of his speeches, "Women look good even in saree and suit salwar or women look good even if they don't wear clothes". It is very objectionable because many women have been hurt by this speech, due to which Ramdev is expressing anger towards Baba, although when he was giving this argument, the deputy minister of Maharashtra's Pune was sitting with him,
Women are exploited only by such objectionable speech and a sexual degradation starts to arise. Due to which women are not safe,
The argument given by Ramdev Baba even if he had no intention, yet he has defamed women and hurt their hearts,
In this way, we can say that this is absolutely a case of defamation, because if a person imputes his character on someone, then we call it defamation, it is defined in section 499.
Whoever utters such a thing, whether written or oral, shall be punished, or shall be fined,
If the one who has spoken like this and he proves his given argument by improvement that my given argument is not objectionable, then he can also defend himself in this way,
Doing this is a punishable offense, its punishment has been told in section 500, its punishment can be 2 years imprisonment or fine or both.
#ramdevbaba
#speach
#arguments
#defamation
#knowledge sharing
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lawlegal2s · 1 year
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lawlegal2s · 2 years
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Pledge (contract)
 
INDIAN CONTRACT ACT 1872 PLEDGE
INDIAN CONTRACT ACT, 1872
PLEDGE
UNDER SECTION-172 TO 179
Section-172
Introduction (परिचय)- हमारे जीवन मे ऐसे बहुत सारे घटनावों को घटते हुए देखा है क्योंकि कोई आदमी अपना कोई समान गिरवी रखकर दूसरे आदमी से कोई ऋण लेता है लेकिन उस आदमी को अपना कोई अधिकार तथा दायित्व का कोई जानकारी नहीं होता है इसलिए गिरवी को संविदा को जोड़ा गया ताकि लोग अपना अधिकार जान सकते है
Pledge (गिरवी) - गिरवी वह होता है जिसमे कोई आदमी अपना चल संपती को कुछ समय के लिए किसी दूसरे आदमी के पास गिरवी रखता है तो उसे हम गिरवी कहते है
Parties- इसमे पक्षों की संख्या 2 होता है
1. Pawner – पण्यमकार- जो अपना संपती किसी के पास गिरवी रखता है  
2. Pawnee – पणयंदार- जो किसी दूसरे आदमी की संपती अपने पास रखता है
Ex- मान लिया जाए की अ कोई आदमी है जिसे कोई काम करने के लिए उसे कुछ ऋण की जरूरत है उसके लिए अपनी बाइक को ब के पास 40000 मे गिरवी रख देता है कुछ समय के लिए तथा ओ अपना काम कर लेता है और उसकी प्रयोजन समाप्त होने पर उसे उसकी ऋण वापिस कर देता है,
Essential feature of pledge-
·      Delivery of goods/ actual delivery or constructive
·      Security
·      Debt
·      Movable property
·      Transfer of property
अगर कोई आदमी किसी आदमी को कोई सुरक्षा के रूप मे गिरवी रखा है तो उसका अधकार उसी समय दिया जाना चाहिए ,
Case-1
लालन प्रसाद बनाम रहमत आली 1967
तथ्य- इस मामले मे वादी ने अपनी कुछ डिक्री को गिरवी रखकर प्रतिवादी से 20,000 रुपए अर्जित किए, कुछ समय के लिए , हालांकि प्रतिवादी ने यह स्वीकार किया था की जैसे ही वादी के तरफ से ऋण वापिस होगा तो प्रतिवादी उसका डिक्री वापस कर देगा, लेकिन प्रतिवादी को ऋण मिलने के बाद भी वो डिक्री वापस नहीं किया इसके लिए वादी ने प्रतिवादी पर मुकदमा दायर कर दिया,
वाद - क्या वादी ने अपना प्रॉपर्टी लेने का हकदार है
जैसे ही वादी ने अपनी प्रॉपर्टी किसी के पास रखा तो वहाँ contract of pledge हो गया, हलानकी प्रतिवादी ने प्रॉपर्टी को गिरवी करते समय ये बोल था की ऋण मिलने पर डिक्री को वापस कर देगा लेकिन नहीं किया, इसके लिए मुकदमा हुआ और प्रतिवादी की दायित्व है की वादी को उसकी डिक्री वापस कर दे,
Rights of Pawnee
·      धारा- 173  Pawnee के पास ये अधिकार होगा की जो भी Pawnor को ऋण दिया है तो ओ उससे अपना ऋण लेने का अधिकार है तथा जो भी उस ऋण पे ब्याज है उसको भी ले सकता है,
·      धारा- 174  Pawnee के पास ये अधिकार होगा की ओ एक बार मे एक ही प्लेज कर सकता है
·      धारा- 175  अगर Pawnee ने किसी प्रकार के Pawnor के goods पे कोई खर्च किया है तो Pawnor से ले सकता है
·      धारा- 176  Pawnee के पास ये अधिकार है की अगर Pawnor अपनी ऋण चुकाने से चूक करता है तो Pawnor जो भी प्रॉपर्टी को Pawnee के पास गिरवी रखा है तो Pawnee उसे बेच के अपनी ऋण की भुगतान करेगा ,,
1. अगर प्रॉपर्टी को बेच के Pawnee का भुगतान नहीं होता हो तो Pawnor से लेने का अधिकार है
2.  अगर प्रॉपर्टी को बेच के Pawnee के ऋण से जयदा होता है तो Pawnee को वापिस देना पड़ेगा Pawnor को 
Rights of Pawnor
1. Pawnor के पास ये अधिकार होगा की समय खत्म होने के बाद भी pawnee से अपना प्रॉपर्टी ले सकता है लेकिन ऋण देने के बाद ही
Duties of Pawnee
1.     Take reasonable care of good (माल का अछे से ख्याल रखना)
2.     Not mix with own goods (माल के साथ कोई मिलावट नहीं हो)
3.     No unauthorise use of goods (माल का उपयोग गलत तरीके से नहीं करना)
4.     Return of goods when debters been repaid (जब pawnor के तरफ से भुगतान हो जाए तो माल वापिस करना होगा)
5.     Do not act inconsistent with the teams of pledge (अगर कोई आदमी pledge मे कोई Terms and condition रखा है तो)
6.     Return any accuration / profit on Pledge goods (अगर किसी तरह का लाभ या हानी हुआ है तो उसे अपने मे बांटना)
Duties of Pawnor
1.     Liable to pay debt OR perform Promise (अपना भुगतान देने के लिए liable होगा)
2.     Compensate Pawnee for Extra-ordinary express (अगर आपके लिए pawnee ने कोई खर्च किए है तो उसके लिए आप liable होंगे)
3.     Disclosed all fault in goods (pawner के माल मे जीतने भी समस्या है ओ pawnee को बताना होगा)
4.     Pay deficit amount if Pawnee sells goods (pawnee आपका माल अगर बेचकर अपना भुगतान करता है और उससे उसका भुगतान नहीं होता है तो उसके लिए आप liable होंगे)
5.     Indemnify pawnee if there is any loss due to defect in pawnors tittle to goods (अगर कोई pawnor चोरी की माल pawnee को दिया है और उससे pawnee को कोई नुकसान होता है तो उसके लिए liable होंगे)
Case-2, कामिली सरोजिनी बनाम इंडिया बैंक 2008
Fact- इसके मामले मे एक आदमी जो की सरोजिनी का पति था उसने एक बैंक से अपनी पत्नी की अभूसं को गिरवी रख के उस बैंक से 20,000 रुपए लिया बाद मे पूरे कागजात मे उसने अपनी साइन किया और उस गिरवी मे उसकी पत्नी का भी हक था, बाद मे उसकी पति की देहांत हो जाती है बिना अभूसं को छुड़ाए, हलानकी उसकी पत्नी का भी हक था की वो अभूसं को वापस ले सके, जब उसकी पत्नी पूरा भुगतान देकर अपनी अभूसं को वापस लेनी चाही तो बैंक वालों ने उसे मना कर दिया की पहले अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र ले के आओ फिर माल वापस किया जाएगा, तभी उसकी पत्नी ने उस बैंक पर मुकदमा दायर कर दिए,
Issue- क्या उसकी पत्नी को अभूसं वापस मिलना चाहिए
Judgment- कोर्ट का कहना था की महिला से कोई बैंक डाक्यमेन्ट नहीं मांग सकता क्योंकि उस खताधारी मे इसका भी हक बनता है क्योंकि इसकी पत्नी वो अपने सारे भुगतान को पूरा कर रही थी इसलिए महिला को उसकी अभूसं दिया जाना चाहिए
Note-                         Pledge by Non-Owners
General rules- कोई आदमी किसी दूसरे आदमी का माल को लेकर गिरवी नहीं रख सकता,
Special rules- एक नियम ऐसे भी बनाए गए है जिसमे कोई आदमी किसी दूसरे की माल को गिरवी रख सकता है, और ऐसे संविदा बैद मानी जाएगी,
इसके लिए यहाँ अपवाद भी है की कैसे गिरवी हो सकता है,
1. Section 178 Pledge by mercantile agent – जहां कोई वाणिज्य अभिकर्ता स्वामी की सम्मति से माल पर या माल की दस्तावेज पर कब्जा रखता हो तो वह किसी दूसरे आदमी गिरवी रख सकता है
1.     Pawnor – Mercantile agent
2.     Possession – good OR document of title
3.     Pledge- By mercantile agent in ordinary course of business
4.     Possession – with consent of owner
5.     Pledge – Must act in good faith
6.     Pledge – Don’t know that pawnor has no authority to pledge
ये सारी अपवाद अगर मौजूद हो तो ये समझ जाएगा की non-owner भी goods को pledge कर सकता है,
2. Section 178A Pledge by pawnor in possession under voidable contract3. Pledge by co-owner- अगर मान ले की कोई चार आदमी एक एक बाइक लिए और उन चारों मे से किसी एक के पास बाइक है, और उसे कुछ पैसे की जरूरत है तो, वह उन बाकी तीनों से अनुमति ले के उस बाइक को pledge कर सकता है तथा ये valid pledge माना जाएगा,
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