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आख़री बात : एक आख़री बात कि अब इस शहर की भी आवोहवा अच्छी नहीं है । यहाँ भी दम घुट रहा है । फ़िर भी मैं अब औऱ कहीं नहीं जाऊँगा ! इसी मिट्टी में जन्म लिया, इसी से बना हूँ तो अब इसे छोड़कर कहाँ जाऊँगा .... कहीं भी जाऊँगा मर जाऊँगा ! और जब मर हीं जाऊँगा तो क्यों जाऊँगा .. किधर जाऊँगा ... अच्छा हीं है कि जब इसी ने जना है और ये तन इसी से बना है फ़िर क्या शिक़ायत की तन के साथ मन भी लहू से सना है अब तो यही लगता है कि यहीं मरके अपना घऱ जाऊँगा ! हाँ मलाल ये है कि शायद मैं भी बेवक़्त मर जाऊँगा ! पर सच ये है कि जब इसे छोड़कर कहीं भी जाऊँगा तो भी मर हीं जाऊँगा ! बस यही शुकूँ है कि यहाँ मर के अपना घऱ जाऊंगा ... ! – वीर https://www.instagram.com/p/CpKeMwSsDk1/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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समय : मैं समय हूँ पूरी क़ायनात हमारा घऱ है मुझमें हीं सारा शहर है शहर में रात है रात में अंधेरा है अंधेरे में मैं हूँ और मुझमें अंधेरा है । जिस शहर में रौशनी है वो वहीं होंगी तभी वो शहर रौशन है जब मैं अंधेरे से बाहर देखता हूँ तो कुछ क़तरा रौशनी की मुझमें घुल जाती है और इसी से मेरा घर रौशन है । इस अंधेरे की आग़ोश में मेरी देहहीन आवाज़े है जो इस छोड़ से उस छोड़ तक बेअंत पुकारती है और पुकारती हीं जा रही है ... मेरी पुकार किसी अज्ञात रौशनी के बाहरी सतह को छू कर वापस आती है और पूरे कमरे में फैल जाती है जो आवाज़े आ रही है वो मेरी हीं आवाज़ें है पर उसमें उनकी खुशबू सनी हुई है यही समय का प्राण वायु है और ये हसीन समय चल रहा है ... – वीर https://www.instagram.com/p/CozswQZvGQx/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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अव्यक्त प्रेम : हयात सराब सी है । मैं रेगिस्तान सा हूँ । वो मेरी आन्तरिक सतह पर अलकों को घनें मेघ सी लहराती है ! वो चंचला है .. वो सौदामनी ! वो गरजती है ! मैं खौलता अनल हूँ । हम जब भी मिलते हैं भींग जाते हैं । और सूखे हयात पर कुछ ग़ुलाबी कोपल उग आती है । वो पाग़ल मेघ है ! वो एक हाथ से ज़ुल्फ़ें सवारती है । और दूसरे हाथ से घर बनाती है । वो आती है तो रेगिस्तान में बसंत आती है । ― वीर https://www.instagram.com/p/CouuK68LdIZ/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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भारतीय समकालीन चित्रकला के निडर जनचित्रकार व कला समीक्षक श्री अशोक भौमिक दा का आज जन्मदिन है । दादा आपको जन्मदिन की अशेष बधाई ! आप हमेशा हर तरह से स्वस्थ और दीर्घायु हों हमेशा यही कामना है । आपकी चित्रकला देश के मेहनतकश आवाम का नेतृत्व करती है, करती रहे ! आपकी कला लेखन इस घने अंधेरी दौर में एक उम्मीद की किरण जैसी है । आपके दिल में दुनिया के लिये बेअंत मुहब्बत हीं है कि आप इस बदशक्ल होती दुनिया को बचाने के लिये चिंतित हैं । आपका सरल-सहज और सुलझा हुआ व्यवहार-विचार में असाधारण गुण है कि हम सभी अपने आपको आपमें और अपने में आपको महशुस करते हैं । आप आवाम के साथी भी हैं ! मार्गदर्शक भी हैं ! आपका साथ और प्यार हमेशा बना रहे ! आपके विचारों की गूँज सादिया लंगेगी ! इन्ही कामनाओं के साथ एक बार फिर से जन्मदिन की अनंत बधाई और बेशुमार प्यार ! ❤️ https://www.instagram.com/p/Cgq70ulO_s_/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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माँ❤️ https://www.instagram.com/p/CZJNAuoMSUi/?utm_medium=tumblr
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ग़र उनके साथ का ख़्वाब ख़ूबसूरत है तो उन्हीं के ख़्वाबों को हक़ीक़त में बदलना है तुम्हें रास्ते जैसे भी हो अंत तक चलना है तुम्हें उनके बिना इस शहर की रात में दम घुटता है पहले से हीं यहाँ मृत सन्नाटा था अब इस उदास मौसम को बदलना है तुम्हें इस वक़्त को सँवारने के लिये तेरे पास बस वो और उनकी बात है ये बात वो बेहतर जानती हैं यह जान कर, यह मान कर चलना है तुम्हें ग़र ये इश्क़ तेरी सच्चाई है तो एहसास उन्हें भी होगा ग़हरे न���ले समंदर में हलचल देर से होती हीं है बस क़यामत तक सम्भलना है तुम्हें अब यह रात जैसी भी हो तुम गुज़ार दो ग़र हताशा या उदासियाँ तुम्हें कमज़ोर करे तो उसे उनकी मदमस्त हँसी ख़्वाब से कुचलना है तुम्हें उनकी हसीन ख़्वाबों के सहारे धीमे-धीमे पिघलना है तुम्हें जितना हो सके धीमे जल मेरी जान की उनके जागने तक जलना है तुम्हें – वीर - 21 https://www.instagram.com/p/CXXZkFSvBiO/?utm_medium=tumblr
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मेरे जीवन में अच्छे-बूड़े की पैमाने से पड़े मीनू एक ऐसी लड़की है जिनका होना महत्वपूर्ण है । पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक बदलावों के दौरान कठिन संघर्षों में इन्होंने ख़ुद को तलाशना शुरू किया और अनेकों बाधाओं को भेदती हुई आज़ अपनी ख़ोज को निरंतरता दे रही है । हिंदुस्तान के सक्रिय युवा कलाकारों के बीच बहुत कम समय में हीं मीनू की उपस्थिति दिल को सुकून से भर देता है । यूँ हीं सीखती रहो ! आगे बढ़ते रहो ! अपने साथ अपने जैसों के तमाम संघर्षों को अपने चित्र में यूँ हीं जगह दो !दुनिया तुम्हें अनंत काल तक अपने दिलों जगह देगी ..... ❤️😘 https://www.instagram.com/p/CWyWLFnvjTn/?utm_medium=tumblr
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यह परफॉर्मेंस संवाद के सम्बंध में मेरी समझ को उज़ागर करता है । मेरा मानना है कि इंसान हमेशा ख़ुद से हीं संवाद करता है । वह अपने जीवन काल में कभी भी किसी अन्य इंसान या प्राणी से कोई संवाद स्थापित नहीं कर पाता । वह हमेशा अपने हीं जीवन के दृश्यों, कहानियों और उसके खुरदरेपन के अनुभव के आधार पर किसी भी व्यक्ति के विचार को समझता है । उसके इस समझ में मात्र उसका अपना अनुभव किया हुआ दृश्य, कहानी या कहानी के भीतर का खुरदरापन होता है । इसका मतलब यही हुआ कि मेरे अलावा इस दुनिया में मेरे लिए सबकुछ मात्र मेटर है । इससे एक बात और स्पष्ट होता है कि हमारे चारों तरफ़ संवादहीनता का आलम है । फिर एक जीव दूसरे जीव से जुड़े कैसे हैं ? जुड़े हैं भी या नहीं ? इन सारे गुत्थियों को सुलझाने के लिए अभी मेरा खोज जारी है .. इस दिशा में फिलहाल मैं यही समझ पाया हूँ कि शायद कुछ है जो पूरी कायनात के सृजन में समानता से है । जिसके कारण सब आपस में जुड़ा हुआ है । जो हमारी इस भाषा से भिन्न है । जिसे मैं अभी तक जान नहीं पाया हूँ । https://www.instagram.com/p/CVc5fppP6fh/?utm_medium=tumblr
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मिलते हैं ! ❤️ https://www.instagram.com/p/CVVqRSiMBFS/?utm_medium=tumblr
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टोटलिज़्म ❤️ https://www.instagram.com/p/CVNTTHrlyFg/?utm_medium=tumblr
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गाँधी❤️ https://www.instagram.com/p/CT-BNViP62r/?utm_medium=tumblr
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❤️भगत सिंह❤️ https://www.instagram.com/p/CTKnybXjpz3/?utm_medium=tumblr
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पचहत्तर साल की आज़ाद मुल्क़ में भी उसके नागरिकों की ग़रीबी-भूखमरी, अशिक्षा-बेरोज़गारी, ग़ैरबराबरी, नफ़रत-हिंसा , हत्या-बलात्कार, मनुवाद-सामन्तवाद, छुआछूत-अंधविश्वास, अन्याय और भ्रष्टाचार से आज़ादी की बढ़ती लड़ाई उस मुल्क़ के झंडे को काला करता है । इस आज़ाद मुल्क़ में आमूलचूल आज़ादी के लिए हमें लड़ना हीं होगा ✊🏽 #आज़ादी https://www.instagram.com/p/CSlS7qPFlXh/?utm_medium=tumblr
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दिल्ली में पंद्रह अगस्त ककार्यक्रम के कारण सुरक्षा पहले से ज़्यादा सख़्त है । यात्रा कर रहे हर व्यक्ति को पहले से हीं हर वक़्त कैमरे की निगरानी में तीन सुरक्षा जाँच से गुजरना होता था । अब पाँच सुरक्षा जाँच से होकर गुजरना होता है । मैने एक सुरक्षाकर्मी से पूछ लिया कि आप जिस जाँच मशीन से जाँच कर रहे हैं वो आपके आगे वाले साथी पास मौजूद मशीन से भिन्न काम करता है क्या ? उसने बोला नहीं, दोनों समान काम करता है । फिर मैं बोला - तो शायद आपके हाथ मे जो जाँच मशीन है वो या आप ठीक से काम नहीं कर रहे होंगे ! तभी इसी काम के लिए एक दूसरे व्यक्ति को लगाया गया है । सुरक्षाकर्मी सुबह से हीं जाँच के लिए लगी लंबी कतारों को जाँचते-जाँचते थका हुआ था । उसके ऊपर सुरक्षा की जिम्मेदारियों से ज्यादा जवाबदेहियों का दबाव की उभार साफ़ दिख रहा था । या फिर शायद वो भी जानता हीं होगा कि वो क्या कर रहा है ! अब कारण चाहे जो भी हो पर वो झल्लाहट देव हो गया था । वो मुझसे झल्लाकर कर बोला - सब ठीक काम कर रहा है । तुमको इससे क्या मतलब ? भीड़ बहुत थी ! क़तारें चार बार घूमने के बाद भी लंबी थी ! सुरक्षाकर्मी जो कर रहा था उस प्रक्रिया को बिना पूरा किये कोई आगे बढ़ना सम्भव न था । मैं उससे जवाबतलब में और समय देता तो मेरे साथ अन्य लोगों को भी अपने-अपने गन्तव्य स्थलों पर पहुँचने में और देरी होता । तो मैं इसे जाने दिया । इधर बैग जाँचने वाली मशीन से मेरी बैग गुज़री तो बैग जाँचने वाले सुरक्षाकर्मी मेरा बैग रोककर मुझसे पूछा कि बैग में क्या है ? मैं बोला सभी सामानों का नाम बताना इतनी ज़ल्दी सम्भव नहीं है ! आपने जाँच में जो सन्दिग्ध समान पाया वो बताएं ! उसने वोला इसमें पॉवर बैंक रखे हो क्या ? मैने हाँ में सिर हिलाते हुए बोला - मैट्रो में पॉवर बैंक ले जाने के लिए तो कोई मनाही नहीं है । उसने बोला अनुमति है पर क्या है दिखाओ ! मैन पॉवर बैंक निकालते हुए बोला - मने हद है भला जिसे बम लेकर जाना होगा वो मेट्रो से क्यों जायेगा ? इसी बात पर वो मुझे साइड ले जाकर औरन लगभग दस मिनट अच्छे से जाँचा तसल्ली किया फ़िर भी कुछ देर रोके रखा । उसका कोई सीनियर अधिकारी आया फ़िर उसके अनुमति से इस हिदायत के साथ जाने दिया आगे से ऐसी बातें मत करना । वहाँ से निकलते हुए रास्ते में सोचता रहा कि देश में सबकुछ ऐसे हीं हो रहा है । अब कोरोना मामले में भी देखो .. मास्क पहनने एवं हाथों में सेनेटाइजर लगाते रहने से बचाव होता है । तो दो ग़ज की दूरी क्या है ! और ये से कुछ होता है तो वैक्सीन की जरूरत क्या है ! जब सबकुछ इतना हीं असरदार है तो पूरी व्यवस्था चौपट करके .... https://www.instagram.com/p/CSWdkFcFjt3/?utm_medium=tumblr
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अभी वही है उदास राहें, वही है तरसी हुई निग़ाहें ! शहर के पैग़म्बरों से कह दो, यहाँ अभी शाम-ए-ग़म वही है ! https://www.instagram.com/p/CQG319IjD6C/?utm_medium=tumblr
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जवाहर कला केंद्र जयपुर, राजस्थान में 06.04.2021 से 08.04.2021 तक त्रिदिवसीय ममूर्तिकला (टेराकोटा) कार्यशाला का बेहतरीन आयोजन किया गया । जिसमें देश भर के अलग-अलग राज्यों से लगभग पंद्रह वरिष्ठ व युवा कलाकार प्रतिभागी बन अपनी उम्दा कलात्मक समझ के साथ कलाकृतियों का निर्माण किया । मैं लंबे समय बाद किसी कार्यशाला का हिस्सा बना हूँ । कुछ इसके कारण और कुछ मेरे कई पुराने मित्रों के अलावा अनेकों नये मित्रों के साथ न सिर्फ काम किया बल्कि उनके साथ इस वक़्त को जिया इसलिए ये कार्यशाला ये मुझमें फ़िर से नई उत्साह से भर दिया । श्रेयांशी जी, Santoo भाई, आकाश, L. N Naga भाई, मेघा, हंसराज भाई, सनी दा, CP भाई, हेमंत दा, Renubala देवांशी और नीरज के अलावा अन्य कई मित्रों का प्यार मिला ! जयपुर के अनेकों बेहतरीन पकवानों में बेसन का चिल्ला और उबले हुए चने के खट्टे-मीठे स्वाद ख़ास जगह बना लिया । सबों के साथ बीते पल मेरी ख़ूबसूरत यादों के ग़ुलाबी कोश में सदा संरक्षित रहेगा । मुझ पर भरोसा कर कार्य करने और मुझे इतना सबकुछ देने के लिए कार्यक्रम की सूत्रधार साथी श्रेयांशी को बहुत-बहुत शुक्रिया ! ❤️😊 एक वर्ष से अधिक दिनों से पूरी दुनिया में फ़ैली कोरोना महामारी ने समकालीन व लोक कला और कलाकारों के साथ आम नागरिकों को एक गहरे संघर्षों की आग में झोंक दिया है ! जिससे हिंदुस्तान भी अछूता नहीं है । हम नित्य नये चुनौतियों के साथ अनिश्चितकालीन आपदाओं का सामना कर रहे हैं । ऐसे मुश्किल भरे दौर में इस तरह के कोई भी आयोजन हर तरह से हम जैसे संघर्षशील युवा कलाकारों के प्राणवायु की तरह हीं है । समकालीन भारतीय कला बाज़ार में लंबे समय से मंदी के कारण हमारे साथ अन्य असंख्य युवा कलाकारों में आर्थिक शून्यता पहले से हीं थी । ग़र हम स्पष्टता के साथ कहें तो हम सभी लंबे समय से लगभग पूर्णतः कमीशन वर्क पर हीं निर्भर थे । अभी कहीं भी कोई काम नहीं मिल पा रहा है और मिल भी रहा है तो उसका उचित क़ीमत नहीं मिल पा रहा है । चारों तरफ़ घोर आर्थिक शून्यता के साथ ग़हरी उदासीनता का आलम है । ऐसे में कलाकारों को कार्य करने का अवसर देकर आर्थिक सहयोग कर उन्हें बचाना न सिर्फ़ कला और बचाना है बल्कि देश की मौजूदा सांस्कृतिक विरासत के साथ अब तक के कलात्मक विकास को बचाना है । इन्हें बचाना आनेवाले भविष्य की कला सांस्कृतिक उत्थान की बुनियाद को बचाना है । हम समझते हैं कि समकालीन कला बाज़ार की घोर उदासीन समय में, कोरोना जैसे विकट परिस्थितियों के बावजूद साथी Shryansy Manu तहेदिल से इस कार्य मे लगी हुई हैं । https://www.instagram.com/p/CNe6qdJlCQV/?igshid=l7zo521ruatz
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