पूरा मुस्लमान धर्म उस अल्लाहु अकबर की इबादत न करके कुराने पाक का अधूरा ज्ञान देने वाले डमी गॉड की इबादत कर रहा है। जो व्यर्थ है, कुराने पाक के अनुसार वह अल्लाह कबीर है जो इबादत करने के योग्य हैं।
इस ईद पर जानिए वह आलीशान मर्तबे वाला अल्लाह कोन है? जिसकी सच्ची इबादत करने से सारे पाप नाश हो जाते है और उस अविनाशी जन्नत में जाया जा सकता हैं, जो कभी नष्ट होने वाली नहीं है! जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरान"।
रमज़ान के पाक महीने में अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी भी मांगी जाती है लेकिन वह अल्लाह नहीं है जिसकी आप इबादत कर रहे हो। "अल्लाह कबीर" जी है जो आपके पाप कर्मों को माफ करने में सक्षम है और यही कुरान शरीफ भी कहती है।
पवित्र कुरान, सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर अल्लाह वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टी की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो (बैठ) गया। उसकी जानकारी बाखबर से पूछ कर देखो। वर्तमान में वह बाखबर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
हजरत मुहम्मद को कुआर्न शरीफ बोलने वाला प्रभु (अल्लाह) कह रहा है कि यह कबीर अल्लाह वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टी की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो (बैठ) गया। उसकी जानकारी बाखबर से पूछ कर देखो। वह बाखबर कौन है? जानने के लिए पढ़िए पाक पुस्तक "मुसलमान नही समझे ज्ञान कुरान"।
हजरत मुहम्मद जी ने पवित्र कुरान शरीफ के अनुसार इबादत करी और 63 वर्ष की आयु में सख्त बीमार होकर तङपते-2 भी नमाज़ की। तथा घर पर आकर असहनीय पीडा में सारी रात तङफ कर प्राण त्याग दिए। क्या कुरान शरीफ में सही इबादत करने का मार्ग है?
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी ही वह बाखबर, जिंदा महात्मा हैं।
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 58:- कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर, उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था।
जिस बाख़बर (संत) का वर्णन पवित्र कुरान शरीफ सुरत फुर्कानि 25 आयत नंबर 52 से 59 में किया गया है, वह बाख़बर "संत रामपाल जी महाराज जी" के रूप में भारत की पवित्र भूमि पर आ चुके हैं।
कुरान शरीफ में मांस खाने का संकेत अल्लाह का नहीं है।
वास्तव में हजरत मुहम्मद जी को एक जिब्राईल नामक फरिश्ते ने नहीं सम गला घोंट-घोंट कर जबरदस्ती डरा धमका कर कुरान शरीफ का ज्ञान लिखवाया था, अपने ही बनाये जीवों को मार कर खाने का आदेश कभी अल्लाह का नहीं हो सकता। (प्रमाण- पुस्तक जीवनी हजरत मुहम्मद, सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, पृष्ठ 307-315)
Those who don't possess true spiritual knowledge, they believe in nine avatars (incarnations) only and because of that, they consider them to be incarnations of Vishnu. But, the reality lies in the fact, that all the divine plays are done by Sat Purush "Lord Kabir", alone.