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#स्वादिष्ट भोजन
manisha999 · 4 months
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#सत_भक्ति_संदेश
#Supreme_God_is_Kabir
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कबीर साहेब जी कहते हैं कि साधुओं की संगत में जाने पर यदि अच्छा भोजन न मिले,मात्र जौ की भूसी ही मिले,तो उसे भी प्रेम से ग्रहण कर लेना चाहिए,परंतु यदि निगुरे के संग जाने से खीर-खांड स्वादिष्ट मिष्टान्न आदि का भोजन मिले,तो भी उसके संग न जाओ।
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brijpal · 4 months
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#GodMorningThursday
कबीर साहेब जी कहते हैं कि साधुओं की संगत में जाने पर यदि अच्छा भोजन न मिले, मात्र जाँ की भूसी ही मिले, तो उसे भी प्रेम से ग्रहण कर लेना चाहिए, परंतु यदि निगुरे के संग जाने से खीर-खांड स्वादिष्ट मिष्टान्न आदि का भोजन मिले, तो भी उसके संग न जाओ
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naveensarohasblog · 1 year
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#गरिमा_गीता_की_Part_93
भगवान कृष्ण का विदुर के घर अलूणा साक खाना।।
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भक्ति करै बिन भाव रे, सो कोनै काजा। विदुर कै जीमन उठ गए, तज दूर्योधन राजा।।
व्यंजन छतीसों छाड़ कर पाया साक अलूणा। थाल नहीं था विदूर के, धनि जीमत दौंना।।
भावार्थ:- एक समय भगवान कृष्ण (तीन लोक के धनी) कौरवों तथा पाण्डवों का समझौता करवाने के लिए इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) आए। उस समय दुर्योधन राजा था। लेकिन दुर्योधन ने भगवान की सलाह को नहीं माना। जिसमें श्री कृष्णचन्द्र जी ने कहा था कि आप पाण्डवों को आधा राज दे दो। लड़ाई अच्छी नहीं होती। अंत में यह भी कह दिया था कि पाण्डवों को केवल पाँच (5) गाँव दे दो। परंतु दुर्योधन इस बात पर भी तैयार नहीं हुआ और कहा कि सूई की नौंक के बराबर भी स्थान पाण्डवों के लिए नहीं है। आपने मेरे (दुर्योधन के) यहाँ खाना खाना है क्योंकि राजा लोग राजाओं के घर भोजन करते शोभा देते हैं। श्री कृष्ण जी ने देखा कि यहाँ भाव नहीं है। केवल औपचारिकता (थ्वतउंसजल) है। श्री कृष्ण जी श्रद्धालु भक्त विदुर जी के घर (झौपड़ी) पर पहुँच गए। विदुर द्वारा भोजन के लिए प्रार्थना करने पर भगवान ने कहा कि भूख लगी है। जो बना है वही लाओ। यह कह मिट्टी के दौने में स्वयं शाक (जो बिना नमक वाला था) डाल कर खाने लगे। यह देखकर विदुर जी शर्म के मारे अपने भाग्य को कोस भी रहे हैं और सराह भी रहे हैं। कोस तो इसलिए रहे हैं कि मैं इतना निर्धन हूँ कि भगवान को स्वादिष्ट भोजन नहीं करा सका। मालिक क्या इस गरीब के घर बार-2 आते हैं? सराह इसलिए रहा था कि मैं कितना सौभाग्यशाली हूँ कि स्वयं त्रिलोक स्वामी भगवान चल कर दर्शन देने आए हैं। न जाने कौन से जन्म का कोई शुभ कर्म उदय हुआ है जो मालिक को इतने प्यार से देख पाया हूँ।
कबीर, साधु भूखा भाव का, धन का भूखा ना। जो कोई भूखा धन का, वो तो साधु ना।। विशेष:- उस दिन कौरवों ने श्री कृष्ण जी को अपने राजमहल में भोजन करने का न्योता दे रखा था। पाण्डवों ने भी अपने घर भोजन करने का न्योता दे रखा था। भक्त विदुर जी ने भी अपने घर भोजन करने का न्योता दे रखा था। श्री कृष्ण जी कौरवों के दुव्र्यव्हार से दुःखी होकर यह विचार करके कि मैं यदि पाण्डवों के घर भोजन खाऊँगा तो विदुर को दुःख होगा। यदि विदुर के घर भोजन खाऊँगा तो पाण्डव दुःखी होंगे। सीधे द्वारिका को चले गए। भक्त विदुर जी को आशा नहीं थी कि श्री कृष्ण जी मेरे घर आऐंगे क्योंकि श्री कृष्ण पाण्डवों के रिश्तेदार (अर्जुन के साले) होने के कारण बहुत बार हस्तिनापुर (वर्तमान में पुरानी दिल्ली) में आया और रूका करते थे। विदुर भक्त भी प्रत्येक बार अपने घर आने की कहते थे। कार्य की अधिकता समय के अभाव से पहले कभी भी श्री कृष्ण विदुर जी के घर चाहकर भी नहीं जा पाए थे। उस बार भी विदुर जी को श्री कृष्ण जी के अपने घर आने की आशा शून्य थी। इसलिए विशेष तैयारी नहीं की थी। पूर्ण परमात्मा ने अपने भक्त विदुर का सम्मान जगत में बढ़ाने के लिए श्री कृष्ण रूप धारण करके विदुर भक्त के घर बिना नमक (अलुणां) साग खाया था। महिमा श्री कृष्ण जी की हुई जो आज तक उदाहरण है। समर्थ को अपनी महिमा बनाने की इच्छा नहीं है। भक्ति को बढ़ावा देना उद्देश्य रहता है। आगे की कथा से भी यही स्पष्ट होगा कि सुपच सुदर्शन के रूप में परमेश्वर कबीर जी ही गए थे।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रत���दिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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anilpooja · 1 year
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#SantRampalJi_36thBodhDiwas17 फरवरी को तीन दिवसीय अद्भुत भडारे का आयोजन किया जा रहा है उनके9आश्रमो मे बाहर से आने वाले प्रभु प्रेमी आत्माओ के लिए भडारे मे स्वादिष्ट भोजन बनाए गए है जिसे कबीर परमेश्वर को भोग लगाकर प्रसाद रुप मे वितरित किया जा रहा है शाम7 30बजे साधना चैनल
17 फ़रवरी
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geetadevijdjjd · 1 year
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*#बोधदिवस_पर_विश्व_को_न्यौता
परमेश्वर कबीर जी ने 600 वर्ष पहले धर्मदास जी से कहा था कि कलयुग के मध्य में एक महापुरुष विश्व कल्याण के लिए प्रकट होगा। जब सभी धर्मों के अनुयायी एक होंगे तथा मोक्ष प्राप्त करेँगे।
संत रामपाल जी महाराज ही वह महापुरुष हैं जिनके बोध दिवस के उपलक्ष्य में 17 फरवरी को तीन दिवसीय अद्भुत भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। उनके 9 आश्रमों में बाहर से आने वाले प्रभु प्रेमी आत्माओं के लिए भंडारे में स्वादिष्ट भोजन बनाए गए हैं जिसे कबीर परमेश्वर को भोग लगाकर प्रसाद रुप में वितरित किया जा रहा है।
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nandkishors-world · 1 year
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#गरिमा_गीता_की_Part_93
भगवान कृष्ण का विदुर के घर अलूणा साक खाना।।
भक्ति करै बिन भाव रे, सो कोनै काजा। विदुर कै जीमन उठ गए, तज दूर्योधन राजा।।
व्यंजन छतीसों छाड़ कर पाया साक अलूणा। थाल नहीं था विदूर के, धनि जीमत दौंना।।
भावार्थ:- एक समय भगवान कृष्ण (तीन लोक के धनी) कौरवों तथा पाण्डवों का समझौता करवाने के लिए इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) आए। उस समय दुर्योधन राजा था। लेकिन दुर्योधन ने भगवान की सलाह को नहीं माना। जिसमें श्री कृष्णचन्द्र जी ने कहा था कि आप पाण्डवों को आधा राज दे दो। लड़ाई अच्छी नहीं होती। अंत में यह भी कह दिया था कि पाण्डवों को केवल पाँच (5) गाँव दे दो। परंतु दुर्योधन इस बात पर भी तैयार नहीं हुआ और कहा कि सूई की नौंक के बराबर भी स्थान पाण्डवों के लिए नहीं है। आपने मेरे (दुर्योधन के) यहाँ खाना खाना है क्योंकि राजा लोग राजाओं के घर भोजन करते शोभा देते हैं। श्री कृष्ण जी ने देखा कि यहाँ भाव नहीं है। केवल औपचारिकता (थ्वतउंसजल) है। श्री कृष्ण जी श्रद्धालु भक्त विदुर जी के घर (झौपड़ी) पर पहुँच गए। विदुर द्वारा भोजन के लिए प्रार्थना करने पर भगवान ने कहा कि भूख लगी है। जो बना है वही लाओ। यह कह मिट्टी के दौने में स्वयं शाक (जो बिना नमक वाला था) डाल कर खाने लगे। यह देखकर विदुर जी शर्म के मारे अपने भाग्य को कोस भी रहे हैं और सराह भी रहे हैं। कोस तो इसलिए रहे हैं कि मैं इतना निर्धन हूँ कि भगवान को स्वादिष्ट भोजन नहीं करा सका। मालिक क्या इस गरीब के घर बार-2 आते हैं? सराह इसलिए रहा था कि मैं कितना सौभाग्यशाली हूँ कि स्वयं त्रिलोक स्वामी भगवान चल कर दर्शन देने आए हैं। न जाने कौन से जन्म का कोई शुभ कर्म उदय हुआ है जो मालिक को इतने प्यार से देख पाया हूँ।
कबीर, साधु भूखा भाव का, धन का भूखा ना। जो कोई भूखा धन का, वो तो साधु ना।। विशेष:- उस दिन कौरवों ने श्री कृष्ण जी को अपने राजमहल में भोजन करने का न्योता दे रखा था। पाण्डवों ने भी अपने घर भोजन करने का न्योता दे रखा था। भक्त विदुर जी ने भी अपने घर भोजन करने का न्योता दे रखा था। श्री कृष्ण जी कौरवों के दुव्र्यव्हार से दुःखी होकर यह विचार करके कि मैं यदि पाण्डवों के घर भोजन खाऊँगा तो विदुर को दुःख होगा। यदि विदुर के घर भोजन खाऊँगा तो पाण्डव दुःखी होंगे। सीधे द्वारिका को चले गए। भक्त विदुर जी को आशा नहीं थी कि श्री कृष्ण जी मेरे घर आऐंगे क्योंकि श्री कृष्ण पाण्डवों के रिश्तेदार (अर्जुन के साले) होने के कारण बहुत बार हस्तिनापुर (वर्तमान में पुरानी दिल्ली) में आया और रूका करते थे। विदुर भक्त भी प्रत्येक बार अपने घर आने की कहते थे। कार्य की अधिकता समय के अभाव से पहले कभी भी श्री कृष्ण विदुर जी के घर चाहकर भी नहीं जा पाए थे। उस बार भी विदुर जी को श्री कृष्ण जी के अपने घर आने की आशा शून्य थी। इसलिए विशेष तैयारी नहीं की थी। पूर्ण परमात्मा ने अपने भक्त विदुर का सम्मान जगत में बढ़ाने के लिए श्री कृष्ण रूप धारण करके विदुर भक्त के घर बिना नमक (अलुणां) साग खाया था। महिमा श्री कृष्ण जी की हुई जो आज तक उदाहरण है। समर्थ को अपनी महिमा बनाने की इच्छा नहीं है। भक्ति को बढ़ावा देना उद्देश्य रहता है। आगे की कथा से भी यही स्पष्ट होगा कि सुपच सुदर्शन के रूप में परमेश्वर कबीर जी ही गए थे।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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chandramurty · 2 years
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तिनचुले की यात्रा
तिनचुले,उत्तरी बंगाल के पहाड़ों में 5800 फीट की ऊंचाई पर अवस्थित,एक खूबसूरत,छोटा सा गांव है।न्यू जलपाईगुड़ी से इसकी दूरत्व करीब 75 kms की होगी।
कोलकाता के अपने कार्यकाल के दौरान सहकर्मियों से इसकी बहुत तारीफ सुनी थी। बंग बंधुओं के संगत में मुझमें भी हिम्मत जाग उठी और एक दिन तिनचुले जाने हेतु न्यू जलपाईगुड़ी का टिकट ले ही लिया।
चार दिनों की छुट्टी थी। बंधुओं ने बताया था का चार दिन तिनचुले और आस पास के दर्शनीय स्थलों के भ्रमण हेतु काफी होंगे। मैंने रहने के लिये वहां के एक Homestay में online बुकिंग भी करवा ली।
प्रस्थान का दिन भी आ गया। अल-सुबह हावड़ा स्टेशन से अपनी ट्रेन के चेयर कार में "उठ" गया।फिर सोते-जागते, पीते-खाते रात्रि के 10 बजे करीब न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन में "नाम"गया। स्टेशन के पास के ही एक होटल में बुकिंग किया हुआ था।गरमा-गरम "माछ-भात" पाने के बाद रात्रि विश्राम वहीं हुआ।
Homestay वालों से ही अनुरोध किया था एक गाडी भेज देने के लिए।सुबह 9 बजे उनकी गाड़ी होटल में पहुंच गई और तिनचुले का सफर शुरू हो गया।
"सिवोक खोला" Bridge पार करते करते भूख लग आई। वहीं एक Restaurant में स्वादिष्ट आलू पराठा और दही का नाश्ता कर फिर निकल पड़े अपनी मंजिल की ओर।तीस्ता नदी के किनारे-किनारे बल खाती हुई सडक पर हमारी गाड़ी सरपट भाग रही थी।
मनोरम पहाड़ियों और घाटियों को देखते देखते झटका लगा..हमारी गाड़ी मुख्य मार्ग से एकाएक बायें मुडकर तीखी चढाई चढने लगी थी।मैं खुद भी Drive करता हूँ पर मुझे कहने में कोई संकोच नहीं कि वैसी तीखी चढाई और वैसे तीखे मोड पर Driving,मेरे Capability level से काफी उपर की चीज थी।
अब हम घने जंगलों के बीच से गुजर रहे थे।बारिश में भींगे जंगलों की एक अलग सी खुशबू मदमस्त कर रही थी।Driver जंगल मे पाये जाने वाले जड़ी बूटियों के बारे में बता रहा था।सर्दी,खांसी,बुखार, बदन दर्द,रक्त चाप आदि अनेक तकलीफों का इलाज ये लोग इन्ही जड़ी- बूटियों से करते हैं।सच में मुझे देख कर ये आश्चर्य हुआ कि रास्ते में कोई दवा की दुकान नहीं दिखी!
3 घंटे के मनोरम सफर के बाद एक छोटे से शांत गांव, तिनचुले,अपने गंतव्य पर, पहुंच गया।जो रूम मेरे लिये आरक्षित था उसमें कुछ समस्या होने के कारण उसी Tariff पर एक Deluxe रूम उन्होंने आवंटित कर दिया!
रूम काफी बड़ा एवं सुसज्जित था। First Floor होने के कारण सुदूर पर्वत श्रृंखला का अति मनोरम View मिल रहा था।बारिशों का मौसम था और बादल उमड़-घुमड़ कर कमरे के अंदर चले आ रहे थे। कुछ देर तक तो मंत्रमुग्ध हो सामने चल रही दृश्यावली निहारता ही रह गया।
ये Homestay 3 तलों पर बना हुआ था।एक तल रोड के बराबर था, एक रोड से नीचे तल में और एक प्रथम तल पर।तीनों तल से View मनोरम था।
लंच का समय हो चुका था। Dining Hall सबसे नीचे वाले तल पर था।सीढियां उतर कर वहां पहुंचा।अति स्वादिष्ट भोजन सामने था।चावल, दाल,रोटी,फिश करी, आलूदम,बेगुन भाजा, सलाद,पापड़,भुत-जोलकिया मिर्च का अचार,साथ में पहाड़ी गाय की घी!ये मिर्च सबसे ज्यादा तीखी मानी जाती है और वहां मान्यता है कि इसके साथ घी खाना आवश्यक है।
खाना Homestay परिवार के लोग ही मिल कर बनाते हैं और बहुत ही प्यार से खिलाते हैं। ताजी मछली देख कर मुझे आश्चर्य हुआ कि ये 6000 फीट की ऊंचाई पर मछलियाँ कैसे मिली? पता चला कि नीचे आने-जाने वाली गाड़ीयों से ये Supply Chain संचालित होता है।
स्वादिष्ट भोजन और खिलाने वालों के प्यार से मन तृप्त हो गया।थकावट और भर पेट भोजन के कारण कमरे में आ कर गहरी नींद में सो गया।
शाम को नींद खुली तो सामने दार्जिलिंग की चाय और चिकेन मोमो की प्लेट थी। चाय पी कर बाहर निकल पड़ा।शाम के सुरमई उजाले में तिनचुले गांव में 2/3 kms घूम आया। स्थानीय लोग थोड़े संकोची पर मिलनसार लगे। जरूरत का सारा सामान मिल जाता है, दवाईयां छोड कर!
लौटा तो पूरा अंधकार हो चुका था।Bonfire की तैयारियां चल रही थी।एक ग्रुप गिटार पर कुछ मनोरम धुन छेड़ रहा था। मैं भी उधर ही बैठ गया।Barbecue का भी सरंजाम था। Chicken और पनीर की व्यंजन तैयार हो रहे थी, लकड़ी के कोयले के मद्धम आंच में। ठंड बढ रही थी।कुछ देर के बाद मैं कमरे मे चला आया।उधर Bonfire की पार्टी अपने शबाब पर थी।
रात्रि भोजन अन्य dishes के साथ Barbecued Chicken, Fried Fish भी परोसा गया। अब कल सुबह local sight seeing के लिये जाना था।कार बुक हो गई थी।9 बजे तक निकल जाने का सोचा था।
सुबह 7 बजे उठा और चाय बिस्कुट ले कर रेडी होने लगा।नाश्ते में छोले- भटूरे और Boiled Eggs मिले।ठीक 9 बजे Lover's Meet Point के लिये निकल गया। ये "तीस्ता" एवं "रंगीत" नदी का संगम है।वहां एक View Point बना हुआ है जिस पर सैलानियों की भीड़ जमा रहती है।नीचे नदी के तीर पर Rafting का भी इंतजाम है। रास्ते में कई View Points और कई प्रसिद्ध चाय बागान भी हैं, Peshoke Tea Garden, Runglee Rungliot,Lopchu Tea Estate,आदि। एक नारंगी का बागान भी है,Nirmal's Orchard। Season नही था तो नारंगी तो नहीं दिखे पर Preserve किये हुए कई खाद्य उत्पाद उचित मूल्य पर वहां उपलब्ध थे।
Kalimpong शहर की छटा भी View Points से देखने को मिलती है। मौसम बारीशाना होने के कारण Kanchenjunga की चोटियां नजर नहीं आईं। सिक्किम का भी कुछ हिस्सा View Points से देखने को मिलता है।लौटते समय Tinchuley Monastery तथा Orchid Garden भी देख लिया। तिनचुले,असल में "तीन" और "चूल्हे" शब्दों के मेल से बना है।तिनचुले तीन चूल्हाकार पहाडियों से घिरा हुआ है।इसलिए इसका नाम तिनचुले पड़ गया।
3 बजे तक घूम फिर कर लौट आया।भूख लगी थी और Homestay kitchen ने शानदार खाना लगाया था। रोटी,चावल,दाल,चिकन करी, माछ भाजा,आलू चुरी भाजा,पापड़ उपर से शुद्ध घी और भुत-जोलकिया मिर्च का अचार..विशुद्ध तृप्तिकारी भोजन! भोजनोपरांत कमरे में पहुंचते ही बिस्तर पे गिरा और सो गया। शाम में चाय-पकौड़े का आनंद ले ही रहा था कि देखा कि कई Missed calls के Notifications आये हुए थे। असल में वहां पर Mobile Networks काफी कमजोर रहते हैं।काॅल किया तो पता चला कि कुछ आवश्यक कार्यवश कल ही वापस लौटना पड़ेगा। क्या करता..लौटने की तैयारी में लग गया। लेकिन दिल और दिमाग बार बार कह रहे थे..
WE'LL BE BACK..😎😎
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astrologerchandan · 2 days
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Today's Horoscope -
22 अप्रैल 2024 सोमवार : कैसा बीतेगा आपका आज का दिन जाने अपना राशिफल
मेष - सुख के साधन जुटेंगे। कानूनी बाधा दूर होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। कुसंगति से बचें। परिवार में मांगलिक कार्यक्रमों की चर्चा संभव है। संतान की रोजी-रोटी की चिंता समाप्त होने के योग हैं। व्यापार अच्छा चलेगा।
वृषभ - शत्रु सक्रिय रहेंगे। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। विवाद न करें। उतावली में कोई काम न करें। पुरानी संपत्ति के रख-रखाव पर धन खर्च हो सकता है। सामाजिक, धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। विद्यार्थियों को पढ़ाई की चिंता रहेगी।
मिथुन - विवाद से क्लेश होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक करेगा। व्यापार में नए प्रस्ताव लाभकारी रहेंगे। सही समय पर लिए गए फैसले लाभ दिला सकते हैं। आवास संबंधी समस्या हल होने के योग हैं।
कर्क - शत्रु सक्रिय रहेंगे। घर-बाहर तनाव रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। संपत्ति के कार्य लाभप्रद रहेंगे। भावनात्मक संबंधों में जल्दबाजी में निर्णय न लें। अधिकारी आपकी कार्यशैली से नाराज हो सकते हैं। परिश्रम के अनुरूप सफलता नहीं मिलेगी। संतान की इच्छा पूरी होगी।
सिंह - यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी सफल रहेंगे। धनार्जन होगा। पूँजी निवेश संबंधी कार्यों में सावधानी रखें। आत्मविश्वास बना रहेगा। कारोबार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। पारिवारिक समस्याओं को प्राथमिकता से हल करें।
कन्या - दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। धैर्य रखें। काम का बोझ कम करने के लिए जिम्मेदारियों को बाँटना आवश्यक है। आर्थिक कामों में परेशानी आने की संभावना है। दूसरों के काम में व्यर्थ मीन-मेख न निकालें।
तुला - प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यस्तता रहेगी। प्रसन्नता बढ़ेगी। कारोबार में वांछित तेजी आने की संभावना रहेगी। विवेक से निर्णय करने पर लाभ एवं सफलता प्राप्त हो सकेगी। नए कार्य का आरंभ लाभदायी रहेगा।
वृश्चिक - लेन-देन में सावधानी रखें। मेहमानों का आगमन होगा। शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। धनार्जन होगा। रोजगार के बेहतर अवसर मिलने से आय बढ़ेगी। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। प्रसन्नतावर्धक समाचार मिलेंगे। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।
धनु - कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। मेहनत व लगन से कार्यक्षेत्र में बेहतर सफलता हासिल कर सकेंगे। अपने व्यसनों पर काबू रखना चाहिए। विवाह संबंधी प्रस्ताव आएँगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
मकर - कोई मुसीबत आ सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। फालतू खर्च होगा। जोखिम न उठाएं। व्यावसायिक योजना के विस्तार में मित्रों से मदद मिलेगी। पुरानी झंझटों से राहत रह पाएगी। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखना होगा। व्यस्तता रहेगी।
कुंभ - बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। धनार्जन होगा। घर की चिंता ���हेगी। विरोधी भी आपसे प्रभावित होंगे। कला के क्षेत्र में इच्छित सफलता मिलने के योग हैं। सरकारी राज्यपक्ष के कामों में पर्याप्त सावधानी रखें। मित्रों से मदद मिलेगी।
मीन - शत्रु परास्त होंगे। क्रोध पर नियंत्रण रखें। नए अनुबंध हो सकते हैं। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। साझेदारी में शुरू किया गया कार्य लाभ के अवसरों को बढ़ा सकता है। स्थायी संपत्ति खरीदने का मन बनेगा। दांपत्य जीवन में विश्वास बढ़ेगा। कामकाज की गति बनी रहेगी।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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Today's Horoscope -
मेष - नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। नौकरी में वर्चस्व स्थापित होगा। आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर सहयोग व प्रसन्नता में वृद्धि होगी।
वृष - यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। बगैर मांगे किसी को सलाह न दें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। धनार्जन होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। अज्ञात भय व चिंता रहेंगे।
मिथुन - अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था नहीं होने से परेशानी रहेगी। व्यवसाय में कमी होगी। नौकरी में नोकझोंक हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। थकान महसूस होगी। अपेक्षित कार्यों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।
कर्क - जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें।
सिंह - पूजा-पाठ व सत्संग में मन लगेगा। आत्मशांति रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। मातहतों का सहयोग मिलेगा। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूसरे के काम में दखल न दें।
कन्या - स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से बड़ा लाभ हो सकता है। प्रतिद्वंद्विता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग समय पर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। चोट व रोग से बाधा संभव है। दूसरों के काम में दखलंदाजी न करें।
तुला - मन की चंचलता पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। जीवनसाथी पर आपसी मेहरबानी रहेगी। जल्दबाजी में धनहानि हो सकती है। व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में सुकून रहेगा। निवेश लाभप्रद रहेगा। कार्य बनेंगे। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे।
वृश्चिक - क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग बाधा का कारण रहेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। छोटी सी गलती से समस्या बढ़ सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्र व संबंधी सहायता करेंगे। आय बनी रहेगी। जोखिम न लें।
धनु - पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
मकर - घर-बाहर अशांति रहेगी। कार्य में रुकावट होगी। आय में कमी तथा नौकरी में कार्यभार रहेगा। बेवजह लोगों से कहासुनी हो सकती है। दु:खद समाचार मिलने से नकारात्मकता बढ़ेगी। व्यवसाय से संतुष्टि नहीं रहेगी। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाज न करें।
कुंभ - दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। व्यवसाय में जल्दबाजी से काम न करें। चोट व दुर्घटना से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। वस्तुएं संभालकर रखें।
मीन - प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्य की समस्याएं दूर होंगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। कर्ज में कमी होगी। संतुष्टि रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। अपना प्रभाव बढ़ा पाएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य न करें।
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healthfitnessrkj · 3 days
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स्वास्थ्यवर्धक ड्रिंक और हल्दी का उपयोग
स्वास्थ्यवर्धक ड्रिंक: 
आप घर पर बहुत से स्वास्थ्यप्रद ड्रिंक्स बना सकते हैं, जो ताजगी और पौष्टिकता से भरपूर होते हैं। ये ड्रिंक्स आपको हमेशा स्वस्थ और तरोताजा रखने में मदद कर सकते हैं।
1.    नींब�� पानी:
·         सामग्री: एक नींबू, एक छोटी सी चम्मच शहद, एक चुटकुला नमक, पानी।
·         तैयारी: नींबू का रस, शहद, और नमक को पानी में मिलाकर एक ठंडा ड्रिंक बनाएं। यह विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है और शरीर की साफ़ाई में मदद करता है।
2.    जीरा पानी:
·         सामग्री: एक छोटी सी चम्मच जीरा, पानी।
·         तैयारी: पानी में जीरा मिलाकर रात भर भिगोकर, सुबह पीने से पेट को शांति मिलती है और पाचन को सुधारता है।
3.    हल्दी वाला दूध:
·         सामग्री: एक चम्मच हल्दी पाउडर, एक गिलास दूध, एक चम्मच शहद।
·         तैयारी: दूध को उबालें, उसमें हल्दी पाउडर मिलाएं, और फिर शहद डालकर गरमा गरम पीने से सर्दी-जुकाम से राहत मिलती है और शरीर को ताजगी देता है।
4.    पुदीना अद्रक चाय:
·         सामग्री: पुदीना पत्तियां, अद्रक (कद्दुकस किया हुआ), एक गिलास पानी, चीनी या शहद।
·         तैयारी: पानी को उबालें, उसमें पुदीना पत्तियां और कद्दुकस किया हुआ अद्रक डालें। फिर चीनी या शहद मिलाकर गरमा गरम पीने से दिनभर की थकान दूर होती है।
5.    फ्रूट स्मूथी:
·         सामग्री: केला, स्ट्रॉबेरी, नींबू, दही, ठंडा पानी, चीनी (वैकल्पिक)।
·         तैयारी: सभी फलों को मिक्सर में डालें, दही और पानी मिलाएं, और चीनी के साथ मिलाकर स्मूदी बनाएं। यह फलों का संयोजन आपको विभिन्न पोषण सामग्रीयों से लाभ पहुंचाएगा।
6.    गुड़ का रस:
·         सामग्री: गुड़, एक गिलास पानी।
·         तैयारी: गुड़ को छोटे टुकड़ों में काटें और उसे पानी में भिगोकर रखें। अगले दिन उसे मिक्सर में पीसकर रस निकालें। गुड़ का रस सेहत के लिए फायदेमंद है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
7.    ताजगी वाला नारियल पानी:
·         सामग्री: एक नारियल, पानी।
·         तैयारी: ताजगी से भरपूर नारियल को धीरे से खोलें, उसका पानी निकालें, और उसे ठंडा करके पीने से शरीर को शीतल करता है और ऊर्जा प्रदान करता है।
8.    हरियाली चाय (Green Tea):
·         सामग्री: हरियाली चाय पत्तियां, पानी।
·         तैयारी: एक चम्मच हरियाली चाय पत्तियां एक कप पानी में डालें और उबालें। फिर इसे
इन हेल्दी ड्रिंक्स को नियमित रूप से सेवन करके आप अपने स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं और तरोताजा रह सकते हैं।
 हल्दी का उपयोग
हल्दी, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Curcuma longa के रूप में जाना जाता है, भारतीय खाद्य और चिकित्सा प्रणालियों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह एक प्राचीन औषधीय पौधा है जिसके कई गुण हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। हल्दी का उपयोग विभिन्न तरीकों में किया जाता है, जैसे भोजन में उपयोग किया जाता है, और यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी उपयोग किया जाता है। हल्दी में कुर्कुमिन नामक एक गुणकारी तत्व होता है जो इसे एक शक्तिशाली औषधि बनाता है। हल्दी के सेवन के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ रखती है, जो विभिन्न रोगों से लड़ने में मदद कर सकती है। हल्दी का सेवन कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, और अल्ज़ाइमर जैसी बीमारियों की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है। हल्दी को चिकित्सा में भी उपयोग किया जाता है। इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फेक्शन गुण उसे ज़्यादा उपयोगी बनाते हैं। विभिन्न त्वचा समस्याओं जैसे एक्जिमा, एक्ने और डर्मेटाइटिस में भी हल्दी का उपयोग किया जा सकता है। हल्दी के उपयोग का एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र भोजन में है। यह खाने को स्वादिष्ट और स्वस्थ बनाने के लिए उपयोगी हो सकता है। इसका सेवन वजन घटाने में भी मदद कर सकता है क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकता है और अतिरिक्त चर्बी को कम कर सकता है। सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ में, हल्दी को भारतीय सभ्यता में अभिवादनीय स्थान पर रखा गया है। यह शादियों, त्योहारों और विशेष अवसरों में उपयोग किया जाता है और इसे धार्मिक अनुष्ठानों में भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
हल्दी का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी उच्च मान्यता प्राप्त है। यह अद्भुत गुणों से भरपूर है जो विभिन्न रोगों के इलाज में मदद कर सकते हैं। हल्दी का दूध में मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिससे सर्दी-जुकाम और गले की खराश में लाभ मिलता है।
हल्दी का उपयोग रात को सोने से पहले गर्म दूध में भी किया जाता है, कच्ची हल्दी के सीजन में कच्ची हल्दी को दूध में अदरक की तरह कूट कर डाल सकते है। और कच्ची हल्दी देखने में अदरक जैसी ही दिखती है फर्क इतना ही है हल्दी अंदर से पिली दिखेगी और अदरक भूरे रंग में, हल्दी नींद को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, हल्दी का तेल मासाज के लिए भी उपयोगी होता है, जो दर्द को कम करने और राहत प्रदान करने में मदद कर सकता है।
व्यापारिक उपयोग में, हल्दी एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। यह भारतीय रसोईघरों में उपयोग में आती है और भारतीय खाद्य स्वादिष्ट और स्वस्थ बनाने में मदद कर सकती है। हल्दी का पाउडर, पेस्ट और तेल भोजन में उपयोग किया जाता है, जिससे भोजन का स्वाद और गुणकारिता बढ़ सकती है। समाज में, हल्दी को शुभता और शुभकामनाओं का प्रतीक माना जाता है। यह विवाह, उपनयन, और अन्य समारोहों में उपयोग किया जाता है और इसे धार्मिक रीतिरिवाजों में भी महत्वपूर्ण माना जाता है। समाप्ति रूप से, हल्दी एक अद्वितीय पौधा है जो स्वास्थ्य के लिए अनेक लाभ प्रदान कर सकता है। इसका नियमित सेवन करना स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है और कई बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है। अंत में, हल्दी एक औषधि के रूप में और भोजन में उपयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण सामग्री है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इसका नियमित सेवन करना स्वास्थ्य को बनाए रखने और कई बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है।
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brijpal · 3 months
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#सत_भक्ति_संदेश
कबीर संगत साधु की, जौ की भूसी खाय। खीर खांड भोजन मिलै, साकट संग न जाय ।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि साधुओं की संगत में जाने पर यदि अच्छा भोजन न मिले, मात्र जाँ की भूसी ही मिले, तो उसे भी प्रेम से ग्रहण कर लेना चाहिए, परंतु यदि निगुरे के संग जाने से खीर-खांड स्वादिष्ट मिष्टान्न आदि का भोजन मिले, तो भी उसके संग न जाओ।
📲अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj " Youtube Channel पर विजिट करें।
Watch sadhna TV_7:30pm Daily 👀
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naveensarohasblog · 1 year
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#गहरीनजरगीता_में_Part_275 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#गहरीनजरगीता_में_part_276
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हम पढ़ रहे है पुस्तक "गहरी नजर गीता में"
पेज नंबर 533-534
तब पाँचों पाण्डव व श्री कृष्ण भगवान रथ में सवार होकर चले। सन्त के निवास से एक मील दूर रथ खड़ा करके नंगे पैरों स्वपच की झोंपड़ी पर पहुँचे। उस समय स्वयं कबीर साहेब
(करुणामय साहेब जी स्वपच के गुरुदेव थे क्योंकि साहिब कबीर द्वापर युग में करुणामय नाम से
अपने सतलोक से आए थे तथा सुदर्शन को अपना सतलोक का सत्य ज्ञान समझाया था) सुदर्शन स्वपच का रूप बना कर झोपड़ी में बैठ गए व सुदर्शन को अपनी गुप्त प्रेरणा से मन में संकल्प उठा कर कहीं दूर के संत या भक्त से मिलने भेज दिया जिसमें आने व जाने में कई रोज लगने थे। तब
सुदर्शन के रूप में सतगुरु की चमक व शक्ति देख कर सर्�� पाण्डव बहुत प्रभावित हुए। स्वयं श्री कृष्णजी ने लम्बी दण्डवत् प्रणाम की। तब देखा देखी सर्व पाण्डवों ने भी एैसा ही किया। कृष्ण जी की ओर दृष्टि डाल कर सुपच सुदर्शन जी ने आदर पूर्वक कहा कि - हे त्रिभुवननाथ! आज इस दीन के द्वार पर कैसे? मेरा अहोभाग्य है कि आज दीनानाथ विश्वम्भर मुझ तुच्छ को दर्शन देने स्वयं चल कर आए हैं। सबको आदर पूर्वक बैठना दिया तथा आने का कारण पूछा। श्री कृष्ण जी ने कहा कि हे जानी-जान! आप सर्व गति (स्थिति) से परीचित हैं। पाण्डवों ने यज्ञ की है। वह आपके बिना सम्पूर्ण नहीं हो रही है। कृप्या इन्हें कृतार्थ करें। उसी समय वहां उपस्थित भीम की ओर संकेत
करते हुए महात्मा जी सुदर्शन रूप में विराजमान परमेश्वर कबीर जी ने कहा कि यह वीर मेरे पास आया था तथा मैंने अपनी विवशता से इसे अवगत करवाया था। श्री कृष्ण जी ने कहा कि - हे पूर्णब्रह्म! आपने स्वयं अपनी वाणी में कहा है कि -
‘‘संत मिलन को चालिए, तज माया अभिमान। ज्यों ज्यों पग आगे धरै, सो-सो यज्ञ समान।।‘‘
आज पांचों पाण्डव राजा हैं तथा मैं स्वयं द्वारिकाधीश आपके दरबार में राजा होते हुए भी नंगे पैरों उपस्थित हूँ। अभिमान का नामों निशान भी नहीं है तथा स्वयं भीम ने भी खड़ा हो कर उस
दिन कहे हुए अपशब्दों की चरणों में पड़ कर क्षमा याचना की। इसलिए हे नाथ! आज यहाँ आपके दर्शनार्थ आए आपके छः सेवकों के कदमों के यज्ञ समान फल को स्वीकार करते हुए सौ आप रखो तथा शेष हम भिक्षुकों को दान दो ताकि हमारा भी कल्याण हो। इतना आधीन भाव सर्व उपस्थित
जनों में देख कर जगतगुरु (करुणामय)सुदर्शन रूप में अति प्रसन्न हुए।
कबीर, साध�� भूखा भाव का, धन का भूखा नाहिं। जो कोई धन का भूखा, वो तो साधू नाहिं।।
उठ कर उनके साथ चल पड़े। जब सुदर्शन जी यज्ञशाला में पहुँचे तो चारों ओर एक से एक ऊँचे सुसज्जित आसनों पर विराजमान महा मण्डलेश्वर सुदर्शन जी के रूप (दोहरी धोती घुटनों से थोड़ी नीचे तक, छोटी-2 दाड़ी, सिर के बिखरे केश न बड़े न छोटे, टूटी-फूटी जूती। मैले से कपड़े,
तेजोमय शरीर) को देखकर अपने मन में सोच सोचने लगे ऐसे अपवित्रा व्यक्ति से शंख सात जन्म भी नहीं बज सकता है। यह तो हमारे सामने ऐसे है जैसे सूर्य के सामने दीपक। श्रीकृष्ण जी ने स्वयं उस महात्मा का आसन अपने हाथों लगाया (बिछाया) क्योंकि श्री कृष्ण श्रेष्ठ आत्मा हैं, (परमात्मा
हैं) उन्होंने सुदामा व भिलनी को भी हृदय से चाहा। यहाँ तो स्वयं परमेश्वर पूर्णब्रह्म सतपुरुष, (अकाल मूर्ति) आए हैं। द्रौपदी से कहा कि हे बहन! सुदर्शन महात्मा जी आए हैं, भोजन तैयार
करो। बहुत पहुँचे हुए संत हैं। द्रौपदी देख रही है कि संत लक्षण तो एक भी नहीं दिखाई देते हैं। यह तो एक गृहस्थी गरीब (कंगाल) व्यक्ति नजर आता है। न तो वस्त्रा भगवां, न गले में माला, न तिलक, न सिर पर बड़ी जटा, न मुण्ड ही मुण्डवा रखा और न ही कोई चिमटा, झोली, करमण्डल
लिए हुए था। फिर भी श्री कृष्ण जी के कहते ही स्वादिष्ट भोजन कई प्रकार का बनाकर एक सुन्दर थाल (चांदी का) में परोस कर सुदर्शन जी के सामने रख कर मन में सोचने लगी कि आज यह भक्त भोजन खा कर ऊँगली चाटता रह जाएगा। जिन्दगी में ऐसा भोजन कभी नहीं खाया होगा। सुदर्शन
जी ने नाना प्रकार के भोजन को इक्ट्ठा किया तथा खिचड़ी सी बनाई। उस समय द्रौपदी ने देखा कि इसने तो सारा भोजन (खीर, खांड, हलुवा, सब्जी, दही, बड़े आदि) घोल कर एक कर लिया। तब मन में दुर्भावना पूर्वक विचार किया कि इस मूर्ख हब्शी ने तो खाना खाने का भी ज्ञान नहीं। यह
काहे का संत? कैसा शंख बजाएगा। {क्योंकि खाना बनाने वाली स्त्राी की यह भावना होती है कि मैं एैसा स्वादिष्ट भोजन बनाऊँ कि खाने वाला मेरे भोजन की प्रशंसा कई जगह करे)। प्रत्येक बहन की यही आशा होती है।
वह बेचारी एक घंटे तक धुएँ से आँखें खराब करती है और मेरे जैसा कह दे कि नमक तो है ही नहीं, तब उसका मन बहुत दुःखी होता है। इसलिए संत जैसा मिल जाए उसे खा कर सराहना ही करते हैं।
यदि कोई न खा सके तो नमक कह कर ‘संत‘ नहीं मांगता। संतों ने नमक का नाम राम-रस रखा हुआ है।
कोई ज्यादा नमक खाने का अभ्यस्त हो तो कहेगा कि भईया- रामरस लाना। घर वालों को पता ही न
चले कि क्या मांग रहा है? क्योंकि सतसंग में सेवा में अन्य सेवक ही होते हैं। न ही भोजन बनाने वालों को
दुःख हो। एक समय एक नया भक्त किसी सतसंग में पहली बार गया। उसमें किसी ने कहा कि भक्त जी
रामरस लाना। दूसरे ने भी कहा कि रामरस लाना तथा थोड़ा रामरस अपनी हथेली पर रखवा लिया।
उस नए भक्त ने खाना खा लिया था। परंतु पंक्ति में बैठा अन्य भक्तों के भोजन पाने का इंतजार कर रहा
था कि इकट्ठे ही उठेंगे। यह भी एक औपचारिकता सतसंग में होती है। उसने सोचा रामरस कोई खास मीठा खाद्य पदार्थ होगा। यह सोच कर कहा मुझे भी रामरस देना। तब सेवक ने थोड़ा सा रामरस (नमक) उसके हाथ पर रख दिया। तब वह नया भक्त बोला - ये के कान कै लाना है, चैखा सा (ज्यादा) रखदे। तब उस सेवक ने दो तीन चमच्च रख दिया। उस नए भक्त ने उस बारीक नमक को कोई खास
मीठा खाद्य प्रसाद समझ कर फांका मारा। तब चुपचाप उठा तथा बाहर जा कर कुल्ला किया। फिर किसी भक्त से पूछा रामरस किसे कहते हैं? तब उस भक्त ने बताया कि नमक को रामरस कहते हैं। तब वह नया भक्त कहने लगा कि मैं भी सोच रहा था कि कहें तो रामरस परंतु है बहुत खारा। फिर विचार आया कि हो सकता है नए भक्तों पर परमात्मा प्रसन्न नहीं हुए हों। इसलिए खारा लगता हो। मैं एक बार
फिर कोशिश करता, अच्छा हुआ जो मैंने आपसे स्पष्ट कर लिया। फिर उसे बताया गया कि नमक को रामरस किस लिए कहते हैं?}
स्वपच सुदर्शन जी ने उस सारे भोजन को पाँच ग्रास बना कर खा लिया। पाँच बार शंख ने आवाज की। उसके बाद शंख ने आवाज नहीं की।
( अब आगे अगले भाग में)
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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ragbuveer · 6 days
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः 🏵️🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (दशमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-18-अप्रैल-2024
वार:-----गुरुवार
तिथी :----10दशमी:-17:32
पक्ष :------शुक्लपक्ष
माह:------चैत्र
नक्षत्र :---अश्लेषा:-07:56
योग:-----गण्ड-24:42
करण:-----गर:-17:32
चन्द्रमा:---कर्क:-07:57/सिंह
सुर्योदय:-----06:15
सुर्यास्त:------18:59
दिशा शूल------दक्षिण
निवारण उपाय:-----राई का सेवन
ऋतु :----बसंत ग्रीष्म ऋतु
गुलीक काल:-----09:17से11:02
राहू काल:-14:13से15:48
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-06:15से07:51तक
चंचल:-11:02से12:37तक
लाभ:-12:37से14:12तक
अमृत:-14:12से15:47तक
शुभ:-17:24से18:59तक
🌗चोघङिया रात🌓
अमृत:-18:59से20:23तक
चंचल:-20:23से21:48तक
लाभ:-00:37से02:01तक
शुभ:-03:26से04:50तक
अमृत:-04:50से06:15तक
🙏आज के विशेष योग🙏 वर्ष का 10वा दिन, धर्मराज दशमी, रवियोग अहोरात्र, ज्वालामुखी योग समाप्त 07:56, नवरात्र उत्थापन-पारणा,
🙏🪷टिप्स🪷🙏
दक्षिण दिशा में किसी तरह कि मशीन ना रखे।
*सुविचार*
अपनो ने ही सिखाया, कोई अपना नहीं होता... 👍🏻
सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*अदरक खाने के फायदे -*
*1. त्वचा के लिए*
अदरक का सेवन करने से त्वचा आकर्षित और चमकदार होती है। सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी के साथ अदरक का टुकडा खाइए। इससे आपकी त्वचा में निखार आएगा और आप जवां दिखेंगे।
*2. खांसी के लिए*
खांसी में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। खांसी आने पर अदरक के छोटे टुकडे को बराबर मात्रा में शहद के साथ गर्म करके दिन में दो बार सेवन कीजिए। इससे खांसी आना बंद हो जाएगा और गले की खराश भी समाप्त होगी।
*3. भूख की कमी के लिए*
अगर भूख लगने में दिक्कत हो रही हो तो अदरक का नियमित सेवन करने से भूख न लगने की समस्या का निजात मिल जाएगा। अदरक को बारीक काटकर, थोडा सा नमक लगाकर दिन में एक बार लगातार आठ दिन तक खाइए। इससे पेट साफ होगा और ज्यादा भूख लगेगी।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। आय में वृद्धि होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। योजना फलीभूत होगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। क्लेश होगा। चोट व रोग से बचें। मान-सम्मान मिलेगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
धनहानि संभव है। प्रयास सफल रहेंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। झगड़ों से दूर रहें। धार्मिक यात्रा हो सकती है।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। स्वाभिमान बना रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। धन प्राप्ति सुगम होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। विवाद से बचें।
👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा से लाभ होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
फालतू खर्च अधिक होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। कार्य में बाधा होगी। चिंता रहेगी। विवाद न करें। जल्दबाजी न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
धनहानि संभव है, सावधानी रखें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभ देगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
आर्थिक नीति में बदलाव होगा। कार्यपद्धति में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। बाहर सहायता से कार्य होंगे।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
अध्यात्म में रुचि बढ़ेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा। लेन-देन में सावधानी रखें।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
राजकीय कोप भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी न करें। विवाद से बचें। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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healthremedeistips · 15 days
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भारतीय भोजन की एक सबसे बड़ी खासियत होती है और वो है तेज मसाला यहां जितने मसाले डाले जाए उतने कम हैं। ये मसाले खाद्य पदार्थ को बेहद स्वादिष्ट तो बना ही देते हैं लेकिन साथ ही ये आपके शरीर को काफी ज्यादा नुकसान भी पहुंचाते हैं। ज्यादा मसालों का सेवन करने से शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्तपन्न होने लगती हैं और इन्हीं में से एक है हाइपर एसिडिटी। ये इन दिनों आम बीमारी बन गई है जो हर दूसरे व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेती है। लेकिन कभी -कभी इस बीमारी की वजह से कई गंभीर बीमारियां व्यक्ति को घेर लेती हैं। ऐसे में इसे नजर अंदाज करने की जगह समय रहते इसका इलाज कर लेना चाहिए। एसिडिटी से छुटकारा पा सकते हैं। इनमें से कुछ आम जड़ीबूटी तो आपके घर में मौजूद रहती हैं। 
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palkifoodsservices · 15 days
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चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस एवं हिन्दू नववर्ष की मिठास से भरी शुभकामनाएँ, आपको और आपके परिवार को ! आपके लिए आने वाला वर्ष शुभ हो और स्वादिष्ट भोजन के आनंद से भरा रहे।
#नवरात्रि #नववर्ष #चैत्रशुक्लप्रतिपदा #हिंदूनववर्ष #नवसंवत्सर #नववर्षकीशुरुआत #नवरात्रिआरंभ
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vegkhanakhazana · 22 days
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आलू की चटपटी चाट: व्यंजनों का राज़
यह आलू की चटपटी चाट रेसिपी आपको एक नए स्वाद के साथ प्रस्तुत करती है। इसमें आलू के गोले, ताजगी धनिया पत्ती, इमली की खटाई, मसाले और चटनी का समावेश है। यह आपके मुख्य व्यंजन को और भी स्वादिष्ट बना देगी। आप इसे अपने भोजन के साथ या फिर स्नैक्स के रूप में आसानी से परिपूर्ण कर सकते हैं। चलिए, इस चटपटी चाट के साथ मस्ती करें!
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