केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने "प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के रूप में पैक्स" विषय पर राष्ट्रीय महासम्मेलन को संबोधित किया
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज “प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के रूप में पैक्स (पीएसीएस)” विषय पर राष्ट्रीय महासम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा भी उपस्थित थे।
इस सम्मेलन का आयोजन सहकारिता मंत्रालय की प्रमुख पहलों और अब तक हासिल की गई प्रगति…
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jharkhand pavilion in World food india : नयी दिल्ली में वर्ल्ड फूड इंडिया मेले में झारखंड पैविलियन बना आकर्षण का केंद्र, पीएम मोदी किये थे इसका उदघाटन, झारखंड पैविलियन का मंत्री ने किया उदघाटन
नई दिल्ली : एक तरफ जहां वर्ल्ड फूड इंडिया के दूसरे संस्करण कि शुरुवात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने झारखंड पवेलियन का विधिवत उदघाटन किया. बता दें कि भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने वर्ष 2017 में वर्ल्ड फूड इंडिया का पहला संस्करण…
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सहकार भारती की दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी बैठक शुरू
सहकार भारती की दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी बैठक शुरू
चित्रकूट में उद्यमिता विद्यापीठ विवेकानंद सभागार में शनिवार को सहकार भारती का दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक प्रारम्भ हुई। जिसका शुभारंभ कामदगिरि प्रमुख द्वार के संत मदनगोपालदास ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम प्रारंभ होने के पश्चात प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र उपाध्याय ने स्वागत भाषण दिया जिसमें मुख्य अतिथि एंव आये हुए सहकार भारती के सभी सदस्यों का स्वागत किया।
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संत मदन गोपालदास महाराज ने कहा कि चित्रकूट में जो भी संकल्प लिया जाता है वह हमेशा सिद्ध होता है भगवान राम ने भी चित्रकूट में संकल्प लिया था और भगवान की कृपा सहकार भारती पर हमेशा बनी रहे उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम में आने का सौभाग्य मिला है सहकार भारती हमारे देश की वृद्धि समृद्धि के लिए सनातन काल से कार्य कर रही है सरकार भारती को लेकर उन्होंने कहा कि इसके विषय में हमारे ऋषि मुनियों ने भी दर्शन दिया है। उन्होंने कहा कि सहकार भारती के लोग अपने देश और समाज के लिए चिंतन मनन कर रहे हैं। कहा कि धार्मिक नगरी चित्रकूट से यही संदेश जाए कि हमारी सारी गतिविधियां सनातन और राष्ट्र के लिए समर्पित रहे।
संगठन के राष्ट्रीय मंत्री सुनील गुप्ता ने कार्यक्रम को संबोधित किया और उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य का विषय है की पावन नगरी चित्रकूट में आने का मौका मिला यहां सभी को देखकर मन भी प्रफुल्लित हो गया है उत्तर प्रदेश के सहकार भारती के कार्यकर्ताओं में उत्साह विद्यमान है हम कार्यकर्ता राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए और गैर सरकारी संगठन से जुड़े कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा बिना संस्कार के नहीं सहकार मोदी जी को संस्कार मिले उसे वह विश्व में डंका बजाए हुए हैं सहकारिता का विषय कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने से सुधार नहीं हो पता था इसलिए सरकार ने सहकारिता मंत्रालय बनाया और अमित शाह को इसका जिम्मा दिया गया है अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता के विस्तार करने के प्रयास किया जा रहे हैं। सरकार भारती का कार्य 28 राज्यों के 600 जिलों में चल रहा है उन्होंने सरकार भारती का उद्देश्य बैंकिंग एफपीओ स्वयं सहायता समूह सम्मेलन सहकारिता से जुड़े सभी प्रकल्पों और प्रकोष्ठों के माध्यम से देश को समृद्ध बनाना है। इसके बाद प्रदेश महामंत्री प्रवीण सिंह जादौन ने प्रथम सत्र में आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया । उन्होंने कहा कि सहकार भारती के सभी साथी जिस तरीके से संघर्ष करके चित्रकूट पहुंचे हैं वह बेहद उत्साह जनक है और वह सभी का हृदय से धन्यवाद करते हैं।
सहकार भारती के दूसरे सत्र में महत्वपूर्ण प्रकोष्ठों की संरचना उसके क्रियाकलापों की जानकारी विभाग और जनपदवार प्रकोष्ठों के गठन की कार्य योजना राष्ट्रीय मंत्री सरकार भारती दीपक चौरसिया द्वारा ली गई । जिसमें सभी प्रकोष्ठों के प्रदेश प्रमुखों ने बीते 3 महीने में अपने प्रकोष्ठ के लिए किन कार्य योजनाओं पर काम किया है।
भोजन सत्र के बाद तीसरे सत्र में प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र उपाध्याय ने संबोधित किया है जिसमें कार्यकर्ताओं में सहकार भारती के विस्तार और सहकार भारतीय से जुड़े लोगों को समृद्ध बनाने समय कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई हैं उन्होंने संगठन की कर प्रणाली एवं कार्यकर्ता निर्माण पर विशेष जोर दिया है।
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केन्द्रीय गृह एवं मंत्री अमित शाह कल को पुणे में, सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक कार्यालय के डिजिटल पोर्टल का करेंगे शुभारंभ
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केन्द्रीय गृह एवं मंत्री अमित शाह कल को पुणे में, सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक कार्यालय के डिजिटल पोर्टल का करेंगे शुभारंभ
file photo
नई दिल्ली केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 6 अगस्त, रविवार को पुणे में सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक (CRCS) कार्यालय के डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के विज़न में दृढ़ विश्वास व्यक्त करते हुए सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारी आंदोलन को सुदृढ़ करने के लिए अनेक पहल की हैं। इसी कड़ी में सहकारी क्षेत्र में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के एक महत्वपूर्ण कदम के तहत बहु-राज्य सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक कार्यालय का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है।
कम्प्यूटरीकरण का मुख्य उद्देश्य पूरी तरह पेपर रहित आवेदन, बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम (MSCS Act) और नियमों का स्वत: अनुपालन, व्यापार सुगमता, डिजिटल संवाद और पारदर्शी प्रोसेसिंग है
नए पोर्टल मे MSCS अधिनियम, 2002 और उसके नियमों में हाल में पारित संशोधनों को भी शामिल किया जाएगा। पोर्टल में इलेक्ट्रॉनिक कार्य प्रवाह के माध्यम से समयबद्ध तरीके से आवेदन/सेवा अनुरोधों का प्रसंस्करण होगा। साथ ही इसमें ओटीपी आधारित उपयोगकर्ता पंजीकरण, MSCS अधिनियम और नियमों के अनुपालन के लिए सत्यापन जांच, विडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई, पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करना और इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचार के अन्य प्रावधान शामिल भी होंगे। कम्प्यूटरीकरण की यह परियोजना नए MSCS के पंजीकरण में मददगार साबित होगी और उनकी कार्यशैली मे सुगमता लाएगी।
देश में 1550 से अधिक बहु-राज्य सहकारी समितियां (MSCS) पंजीकृत हैं। केंद्रीय पंजीयक का कार्यालय बहु राज्य सहकारी समितियाँ (MSCS) अधिनियम, 2002 के प्रशासन के लिए उत्तरदायी है। बहु-राज्य सहकारी समितियों की सभी गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने और एक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के लिए केंद्रीय पंजीयक कार्यालय का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है, इसमें नई बहु-राज्य सहकारी समितियों का पंजीकरण भी शामिल है।
नव विकसित केंद्रीय पंजीयक कार्यालय पोर्टल डैशबोर्ड बनाने में युवाओं की भागीदारी और सुझावों को आमंत्रित करने के लिए एक ‘हैकथॉन’ प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी।साथ ही सभी राष्ट्रीय सहकारी समितियों और बहु-राज्य सहकारी समितियों से भी नए केंद्रीय पंजीयक कार्यालय पोर्टल के बारे में सुझाव और प्रतिक्रिया आमंत्रित की गई थीं।
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Sahara Refund Portal Link Url Login Pages Default Aspx
Sahara Refund Portal Link Url Login Pages Default Aspx
Sahara Refund Portal Link: भारत सरकार के सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस), सहकारिता मंत्रालय द्वारा 18 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया।
Sahara Refund Portal एक परिवर्तनकारी मंच है जिसका लक्ष्य रुपये वितरित करना है। सहारा समूह की सहकारी समितियों के अधिकृत सदस्यों को 5000 करोड़ रु. आदरणीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा प्रस्तुत, यह उपयोगकर्ता-अनुकूल पोर्टल…
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सहारा का पेमेंट कैसे होगा? देखे पूरा प्रोसेस
देशभर में सहारा समूह की सहकारी समितियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के शिकायतें मिलीं थीं। माध्यम से अब उन्हें उनका जमा पैसा ब्याज सहित वापस मिल सकेगा। इसके लिए केंद्र के स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है। केंद्र के स्तर पर इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जमाकर्ता अपनी जमा राशि को वापस पाने के लिए ऑनलाइन दावा कर सकते हैं।
अगर…
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हिन्दी, अंग्रेजी व 13 अन्य भारतीय भाषाओं में कराई जाएंगी CAPF की कांस्टेबल पद की परीक्षाएं
New Delhi: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में कांस्टेबल पद के लिए अब अभ्यर्थी हिन्दी, अंग्रेजी और 13 अन्य भारतीय भाषाओं में लिखित परीक्षा दे सकेंगे। यह सूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक विज्ञप्ति में दी।
मंत्रालय ने कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की पहल पर सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लिया…
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राजस्थान में 1 नवंबर से MSP पर शुरू होगी इन फसलों की खरीद, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
राजस्थान में 1 नवंबर से MSP पर शुरू होगी इन फसलों की खरीद, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि मूंग के लिए 150, उड़द के लिए 60, मूंगफली के 72 एवं सोयाबीन के लिए 37 खरीद केन्द्र चिह्वित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 19 खरीद केन्द्र अधिक खोले गये है.
सांकेतिक फोटो
राजस्थान के किसानों के लिए खुशखबरी है. सहकारिता मंत्रालय ने ऐलान किया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) पर मूंग, उड़द, सोयाबनी और…
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गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के साणंद में 350 बिस्तरों वाले ईएसआईसी अस्पताल की आधारशिला रखी
गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के साणंद में 350 बिस्तरों वाले ईएसआईसी अस्पताल की आधारशिला रखी
ग्रामीणों सहित 12 लाख कर्मचारियों और उनके परिवारों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होगी
गृह मंत्री ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के प्रति प्रधानमंत्री के समग्र दृष्टिकोण को दोहराया
ईएसआईसी भवन और निर्माण क्षेत्र में कार्यबल तक अपनी पहुंच का विस्तार करेगा: श्री भूपेंद्र यादव
श्रम मंत्रालय ने देश के 750 से अधिक जिलों में ईएसआईसी की पहुंच का विस्तार करने का संकल्प लिया
केंद्रीय गृह और सहकारिता…
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tejashwi yadav ko mila kaun sa vibhag, तेजस्वी के पास स्वास्थ्य समेत 4 विभाग, विजय चौधरी को वित्त की जिम्मेदारी, नीतीश सरकार में किसे मिला कौन सा मंत्रालय - nitish kumar cabinet ministers portfolios full list know details tejashwi yadav got health transport
tejashwi yadav ko mila kaun sa vibhag, तेजस्वी के पास स्वास्थ्य समेत 4 विभाग, विजय चौधरी को वित्त की जिम्मेदारी, नीतीश सरकार में किसे मिला कौन सा मंत्रालय – nitish kumar cabinet ministers portfolios full list know details tejashwi yadav got health transport
नीतीश कुमार कैबिनेट विभागों की सूची: नई सरकार में चौधरी को भवन निर्माण, श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास, सुरेंद्र को यादव को सहकारिता, रामानंद यादव को खानत्व की जिम्मेदारी दी गई है। संजय कुमार जल संसाधन और जल संपर्क, शीला कुमारी को ट्रांसपोर्ट, समीर महासेठ को उद्यम और शिक्षा विभाग चंद्रशेखर को दिया गया है। नई जांच में कौन सी जिम्मेदार है?
पाटन : जल्द ही पूरा होने वाला विभाग पूरा हो गया। सीएम नीतीश…
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सहकारिता मंत्रालय : वार्षिकी 2023
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की “सहकार से समृद्धि”की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से 6 जुलाई 2021 को सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई। इस नवगठित मंत्रालय के प्रथम सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय ने अल्पकालिक समय में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए अनेक पहल और ऐतिहासिक योजनाओं की शुरुआत की है।
सहकारिता आंदोलन को मज़बूती प्रदान करने के…
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Sahara india investors alert - सहारा समूह में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर, 1 लाख 20 हजार निवेशकों का लौटेगा पैसा, ऐसे लोगों को पहले मिलेगा उनका जमा पैसा
दिल्ली : सहारा समूह में पैसे लगाने वाले निवेशकों का पैसा जल्द ही उन्हें वापस किया जाएगा. सरकार ने निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए भारतीय प्रति भूमि एवं विनिमय बोर्ड के पास जमा 24 हज़ार करोड़ में से 5 हज़ार करोड़ रुपए केंद्रीय पंजीयक को ट्रांसफर करने की याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सहकारिता मंत्रालय के लगभग एक लाख बाइस हजार निवेशकों को उनका पैसा…
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महंगाई एक वैश्विक चिंता, भारत तक सीमित नहीं: अमित शाह
महंगाई एक वैश्विक चिंता, भारत तक सीमित नहीं: अमित शाह
द्वारा एक्सप्रेस समाचार सेवा
बेंगलुरू: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि देश में मुद्रास्फीति वैश्विक स्थिति के कारण है। मंत्री का यह बयान बढ़ती महंगाई को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर आया है।
संस्कृति मंत्रालय और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा बेंगलुरु में आयोजित ‘संकल्प से सिद्धि’ सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए शाह ने कहा…
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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय की सक्रियता का परिणाम है कि लोगों को उनकी मेहनत की वह कमाई वापस मिल रही है: अमित शाह
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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय की सक्रियता का परिणाम है कि लोगों को उनकी मेहनत की वह कमाई वापस मिल रही है: अमित शाह
नई दिल्ली/ 4अगस्त/ शुक्रवार/ आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा एक बैठक मे कहा कि सहारा की 4 सहकारी समितियों में डूबे रुपये लोगों को वापस लौटाने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सहारा की चार सहकारी समितियों के निवेशकों के अधिकारों की रक्षा कर रही है और उनकी डूबी हुई जमापूँजी को वापस लौटा रही है।आज ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ के माध्यम से जमाकर्ताओं को उनकी राशि ट्रांसफर की जा रही है।
शाह ने कहा चार सहकारी समितियों में रुपये निवेश करने वाले लाखों लोगों की उम्मीदों को पूरा करते हुए ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ के माध्यम से उनके रुपये लौटाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर गृहमंत्री ने कहा यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय की सक्रियता का परिणाम है कि लोगों को उनकी मेहनत की वह कमाई वापस मिल रही है, जिसकी उम्मीद वे वर्षों पहले छोड़ चुके थे। इसके लिए मैं पूरी प्रक्रिया में शामिल सभी स्टेकहोल्डर्स का आभार व्यक्त करता हूँ।
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MSP Committee: संयुक्त किसान मोर्चा को बिनोद आनंद पर क्यों है आपत्ति?
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने एक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें मोदी सरकार द्वारा गठित एमएसपी कमेटी (MSP Committee) के सदस्य बिनोद आनंद की सदस्यता को कटघरे में रखा गया है। मोर्चा के मुताबिक आनंद का कृषि क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है।
कौन हैं बिनोद आनंद, क��षि और कोऑपरेटिव और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का उन्हें कितना अनुभव है। एमएसपी कमेटी में शामिल किए जाने पर संयुक्त किसान मोर्चा को आपत्ति क्यों है? जानिये-
विरोधाभास की वजह
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा वृहद समिति के गठन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की नाराजगी और बढ़ गई है। इस बार केंद्र सहित सदस्य बिनोद आनंद निशाने पर हैं।
ये भी पढ़ें: MSP on Crop: एमएसपी एवं कृषि विषयों पर सुझाव देने वृहद कमेटी गठित, एक संगठन ने बनाई दूरी
केंद्र सरकार के केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने वृहद समिति के गठन का कारण कृषि एवं कृषक उन्नयन के प्रति सरकार की सजगता बताया है। केंद्र सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित एमएसपी कमेटी (MSP Committee) गठन के बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस और बसपा ने लिखित सवाल किए थे।
तीन नाम रिक्त
कमेटी के गठन के लिए सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से तीन नाम प्र��्तावित करने कहा था। मंत्रालय के अनुसार सरकार ने मोर्चा की ओर से इस समिति के लिए प्रस्तावित नामों के लिए 6 महीने तक इंतजार किया। इस संदर्भ ने मोर्चा ने अभी तक नाम नहीं सुझाए हैं।
समिति के खिलाफ मोर्चा का मोर्चा
कमेटी गठित होने के बाद मोर्चा ने सदस्यों के साथ ही सदस्य चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। मोर्चा ने कई सदस्यों पर सरकार और डब्ल्यूटीओ का समर्थक होने का आरोप लगाया है। ऐसे ही एक सदस्य बिनोद आनंद (Binod Anand) पर आरोप हैं कि उनका कृषि से कोई लेना देना ही नहीं है।
ये भी पढ़ें: कृषि-कृषक विकास के लिए वृहद किसान कमेटी गठित, एमएसपी पर किसान संगठन रुष्ट, नए आंदोलन की तैयारी
वहीं दूसरी ओर आनंद के पक्ष में दावा है कि, बिनोद आनंद काफी लंबे अर्से से खेती-किसानी के साथ ही सहकारिता क्षेत्र के लिए सेवा प्रदान कर रहे हैं। वो किसान आंदोलनों का हिस्सा रहे हैं, ऐसा भी उन्हें चुनने वालों का कहना है।
मोर्चा का प्रेस नोट
संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने आनंद की काबलियत पर प्रेस नोट के जरिए सवाल उठाए हैं। प्रेस नोट में दर्ज है कि, किसान सहकारिता समूह के प्रतिनिधि के तौर पर बिनोद आनंद को इस कमेटी में शामिल किया गया है, जिनका कृषि क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है। मोर्चा ने सोशल मीडिया प्रोफाइल के हवाले से बिनोद आनंद को कटघरे में रखने की कोशिश की है।
मोर्चा के अनुसार आनंद 2010-14 तक बीजेपी की ह्यूमन राइट्स सेल की नेशनल टीम में शामिल रहे। मोर्चा का ये भी कहना है कि आनंद ने धानुका एग्रो-केमिकल (Dhanuka Agritech Limited) में भी सलाहकार के तौर पर काम किया।
प्राइवेट कंसल्टेंसी का हवाला
अपने खिलाफ खोले गए मोर्चा के मोर्चे पर बिनोद आनंद ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में कंसंल्टेंसी से परिवार का भरण-पोषण करने का हवाला दिया एवं दूसरे किसान नेताओं को चंदाजीवी करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि, बीजेपी का सदस्य होने से क्या कोई सदस्य किसान नहीं हो सकता? साथ ही जोड़ा कि, किसी भी पार्टी में आस्था रखने वाला सदस्य किसान हो सकता है।
बिनोद आनंद और कृषि कानून
बिहार में नवादा जिले के घोस्तमा गांव में रहने वाले बिनोद आनंद पढ़े-लिखे छोटे किसान हैं। आनंद खेती के तौर-तरीके बदलकर उसे मॉडर्न बनाने पक्षधर हैं, ताकि किसानों के जीवन स्तर में सुधार आ सके। आनंद चर्चा में इसलिए आए क्योंकि वे कृषि कानूनों में संशोधन करके उसे लागू करने के पक्ष में थे। उन्होंने इसके लिए कुछ शर्तों के साथ अपनी संस्था के नाम से इस कानून के पक्ष में 3,13,363 किसानों के समर्थन से संबंधित पत्र, आंदोलन के दौरान ही केंद्र सरकार को सौंप दिए थे।
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किया था विरोध
उन्होंने कांट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट (Model Contract Farming Act, 2018) में किसानों से कोर्ट जाने का अधिकार छीने जाने पर अपना विरोध दर्ज कराया था। इसके अलावा तीनों कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों पर भी उन्होंने आपत्ति जताई थी। इनमें सुधार की शर्त के साथ ही उन्होंने सरकार को समर्थन प्रदान किया था।
आनंद का कहना है कि, मंदसौर किसान आंदोलन में उन्होंने शिव कुमार शर्मा कक्का और गुरुनाम सिंह चढूनी के साथ सहभागिता की थी। आनंद, राष्ट्रीय किसान महासंघ के सदस्यों में से एक सदस्य हैं। मंदसौर कांड मामले में जंतर-मंतर पर लंबे समय तक किए गए धरना प्रदर्शन में भी वे शामिल रहे। किसानों को कर्ज मुक्त करने के साथ ही कृषि फसल की पूरी कीमत की मांग के साथ वे आंदोलन कर चुके हैं।
कोऑपरेटिव रिलेशन
कोऑपरेटिव सेक्टर से उनके संबंधों के बारे में भी बात की जाती है। वे दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में कई कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं।
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वे सहकारिता क्षेत्र के जाने-माने संस्थान पुणे स्थित वैकुंठ मेहता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव मैनेजमेंट के अल्मुनाई हैं।
कृषि और कॉपरेटिव को लेकर आणंद, गुजरात स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट यानी इरमा और हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के कई कार्यक्रमों का वे हिस्सा रह चुके हैं। आनंद, कॉन्फेडरेशन ऑफ एनजीओ ऑफ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) के महासचिव हैं।
आरोप नहीं नाम दें
आरोपों के जवाब में बिनोद आनंद ने उल्टा मोर्चा को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि, लंबे इंतजार के बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने नाम नहीं दिया है।
ऐसे में सरकार ने एमएसपी व्यवस्था को प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने, फसल विविधीकरण और जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग के लिए कमेटी का गठन कर दिया। सरकार ने इस वृहद समिति में मोर्चा की ओर से प्रस्��ावित तीन नामों के लिए जगह भी रिक्त छोड़ी है। ऐसे में कमेटी के किसी सदस्य पर सवाल उठाने की बजाय मोर्चा को अपने आपसी झगड़ों को खत्म करना चाहिए। साथ ही मोर्चा को इस समिति का हिस्सा बनकर किसान के हित में काम करने के लिए सहयोग करना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा से आनंद ने सहयोगी रुख अपनाने की अपील की है, वहीं मोर्चा का रुख सरकार के खिलाफ मोर्चा जारी रखने का नजर आ रहा है।
source MSP Committee: संयुक्त किसान मोर्चा को बिनोद आनंद पर क्यों है आपत्ति?
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100वें अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर उन सभी महापुरुषों को नमन करता हूँ जिन्होंने भारत में सहकारिता के विचार को बल देने के लिए अथक प्रयास किये।
साथ ही सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवनस्तर को ऊपर उठाने में जुटे सभी भाईयों-बहनों को बधाई देता हूँ।
सहकारिता का विचार, सर्वस्पर्शीय व सर्वसमावेशी विकास की कल्पना को चरितार्थ करने का सबसे उत्तम माध्यम है।
प्रधानमंत्री Narendra Modi जी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाकर इस क्षेत्र को और सशक्त, आधुनिक व पारदर्शी बनाने के लिए संकल्पित है।
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