Tumgik
#लौंग के उपयोग
*Dr. Smita Goel Homeopathy Clinic*
www.thehomeopathyclinic.co.in
एसिडिटी या अम्लता एक चिकित्सा स्थिति है जो एसिड के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होती है। यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित होता है। अम्लता पेट, गैस्ट्रिक सूजन, दिल की धड़कन और डिस्प्सीसिया में अल्सर जैसे लक्षण पैदा करती है। यह आमतौर पर अनियमित खाने के पैटर्न, शारीरिक खेल या गतिविधियों की कमी, शराब की खपत, धूम्रपान, तनाव, फड आहार और खराब खाने की आदतों जैसे कई कारकों के कारण होता है। लोग उन जगहों पर अम्लता विकसित करने में अधिक प्रवण होते हैं। जहां लोग अधिक शाकाहारी, मसालेदार और तेल के भोजन का उपभोग करते हैं। एनएसएआईडी (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी कई दवाएं गैस्ट्रिक अम्लता विकसित करने में एक व्यक्ति को अधिक संवेदनशील बना सकती हैं। एक भारी भोजन लेने के बाद अम्लता को गहरी जलती हुई सनसनी की विशेषता है। अम्लता वाले लोगों में अपचन और कब्ज भी आम है। यह घरेलू उपचार या एंटासिड का उपभोग करके और स्वस्थ कार्यान्वयन से ठीक हो सकता है। एंडोस्टिज्म के रूप में जाना जाने वाला एक तकनीक एसिड भाटा से भी बहुत राहत प्रदान करता है। अम्लता के सामान्य लक्षणों में पेट और गले में मुंह, कब्ज, बेचैनी और जलने की उत्तेजना में अपचन, मतली, खट्टा स्वाद शामिल है।
# अम्लता का कारण क्या होता है?
हमारा पेट आमतौर पर गैस्ट्रिक एसिड पैदा करता है जो पाचन में मदद करता है। इन एसिड के संक्षारक प्रभाव प्रोस्टाग्लैंडिन और प्राकृतिक बाइकार्बोनेट के उत्पादन से संतुलित होते हैं जो श्लेष्म अस्तर में गुप्त होते हैं। यह पेट की अस्तर को नुकसान पहुंचाता है और अम्लता का कारण बनता है। अन्य कारक जो अम्लता का कारण बनते हैं उनमें शामिल हैं:
मांसाहारी और मसालेदार खाद्य पदार्थों का उपभोग करना।
अत्यधिक तनाव
बहुत अधिक शराब का उपभोग।
अक्सर धूम्रपान
पेट के ट्यूमर, गैस्ट्रोसोफेजियल रीफ्लक्स रोग और पेप्टिक अल्सर जैसे पेट विकार।
एनएसएआईडीएस (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी दवाएं।
√ अम्लता के लिए उपचार:
एल्यूमीनियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम युक्त एंटीसिड का उपभोग करके अम्लता ठीक हो सकती है। कई बार, एच 2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (हिस्टामाइन अवरुद्ध एजेंट) जैसे निजाटिडाइन, फ़ोटोटिडाइन, रैनिटिडाइन और सिमेटिडाइन का उपयोग किया जाता है। यदि आपके पास गंभीर अम्लता है तो प्रोटॉन पंप इनहिबिटर डॉक्टर द्वारा भी निर्धारित किए जाते हैं। अम्लता का इलाज घरेलू उपचारों जैसे कि केले, ठंडे दूध, एनीज, जीरा, कार्डोमन, लौंग, टकसाल के पत्तों और अदरक का उपभोग भी किया जा सकता है। आप भोजन के दौरान मसालेदार भोजन या अचार से बचने, अधिक सब्जियों और फलों को खाने, गैर शाकाहारी भोजन का उपभोग न करने, एनएसएड्स (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) और स्टेरॉयड जैसी दवाओं से बचने और तनाव को कम करने से अम्लता को रोक सकते हैं।
कभी-कभी नींद से पहले भोजन लेने से अम्लता भी हो सकती है। यह पेट के एंजाइमों को आपके एसोफैगस पर वापस जाने और एसिड भाटा का कारण बनने के लिए उत्तेजित करता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
√ लक्षण:
पेट में जलन जलन
गले में जलन जलन।
डकार।
Tumblr media
3 notes · View notes
healthcareamroha · 6 months
Text
0 notes
blogastrologer · 10 months
Text
0 notes
ragbuveer · 1 year
Text
*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(एकादशी व्रत तिथि, निर्जला एकादशी व्रत सभी का)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-31-मई-2023
वार:--------बुधवार
तिथी :------11एकादशी:-13:46
पक्ष:-------शुक्लपक्ष
माह:--------ज्येष्ठ
नक्षत्र:-------हस्त:-06:00
योग:--------व्यती:-20:15
करण:------विष्टि:-13:46
चन्द्रमा:-----कन्या:-18:30/तुला
सुर्योदय:------05:50
सुर्यास्त:-------19:21
दिशा शुल--------उत्तर
निवारण उपाय:----गुड का सेवन
ऋतु :------------ग्रीष्म-ऋतु
गुलीक काल:---11:00से 12:40
राहू काल:-----12:40से14:20
अभीजित.... नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:-----पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-05:50से07:30तक
अमृत:-07:30से09:10तक
शुभ:-11:00से12:40तक
चंचल:-16:00से 17:40तक
लाभ:-17:40से 19:21तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-20:40से22:00तक
अमृत :-22:00से23:20तक
चंचल :-23:20से00:40तक
लाभ :-03:20से04:40तक
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
🙏आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का71वाँ दिन, भद्रा समाप्त 13:47, सिद्धियोग 05:46से 06:00 , भीम निर्जला एकादशी, श्री गायत्री जयंती रुकमणी विवाह, रवियोग 06:00तक, राजयोग 13:46 से29:40तक, व्यतिपात पुण्य,
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
👉वास्तु टिप्स👈
एकादशी के दिन घर में तुलसी का पौधा जरुर लगाएं।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
सुविचार
बाहर की चुनौतियों से
तुम तभी लड़ पाओगे जब अपने अंदर की कमजोरियों को अच्छी तरह जान लोगे...👍राधे राधे...
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*लौंग सिरदर्द के लिए फायदेमंद -*
सिरदर्द होने पर पुरुष ज्यादातर मेडिसिन लेना एकमात्र उपाय मानते हैं। इसके पीछे की वजहों को जानने की कोशिश नहीं करते। इससे ये समस्या लगातार बनी रहती है।
लौंग के उपयोग से सिरदर्द को कम किया जा सकता है। इसके लिए आप कुछ लौंग को लीजिए और उसका पेस्ट बना लीजिए। फिर इसमें सेंधा नमक मिलाइए और दूध तथा पानी के साथ इसका सेवन कीजिए। यह मिश्रण सिरदर्द को जल्दी और प्रभावी रूप से कम कर देता है।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। बेरोजगारी दूर होकर संतुष्टि प्राप्त होगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। किसी बड़ी समस्या से मुक्ति मिल सकती है। भाग्य का साथ रहेगा। आय में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से हानि होगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। धन तथा मानहानि की आशंका है। विवाद को तूल न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। समय पर कार्य न होने से खिन्नता रहेगी। थकान रहेगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
डूबा हुआ पैसा मिल सकता है, प्रयास करें। व्यापार में वृद्धि होगी। निवेश में जल्दबाजी न करें। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। किसी प्रकार का भय रहेगा। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। आय में वृद्धि होगी। नया काम मिलेगा। जोखिम न लें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
कार्यसिद्धि के प्रयास सफल रहेंगे। आर्थिक उन्नति के लिए नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। आय के स्रोतों में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। प्रसन्नता रहेगी।
👩🏻‍🦱 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
किसी आकस्मिक रोग के होने की आशंका है। खानपान का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि हो सकती है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। नकारात्मकता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभ देंगे। चिंता में वृद्धि होगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
शत्रुभय रहेगा। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। किसी व्यक्ति विशेष का सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। शारीरिक कष्ट की आशंका है। मानसिक बेचैनी रहेगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
जीवनसाथी के स्वास्थ्य संबंधी चिंता बनी रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। स्वयं के स्थास्थ्य का ध्यान रखें। कुसंगति से बचें। भूमि व भवन आदि की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। पार्टनरों का साथ रहेगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
भय, पीड़ा, रोग व चिंता का वातावरण बन सकता है। सावधानी आवश्यक है। रचनात्मक कार्यों में रुचि रहेगी। परीक्षा व प्रतियोगिता आदि में सफलता प्राप्त होगी। छोटी-मोटी या‍त्रा हो सकती है। मनोरंजन का अवसर प्राप्त होगा। धनार्जन होगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
किसी तरह की झंझटों में पड़ने से नुकसान हो सकता है। अहंकार से प्रतिष्ठा कम हो सकती है। दु:खद समाचार मिलने की आशंका है। भागदौड़ रहेगी। लाभ के अवसर टलेंगे। किसी व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
किसी प्रकार से शारीरिक कष्ट की आशंका है। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। लोगों की सहायता कर पाएंगे। प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। नया काम करने का मन बनेगा। यात्रा से लाभ होगा।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
भागदौड़ होगी। आराम का समय नहीं मिलेगा। घर में मेहमानों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। घर-बाहर सभी तरफ से सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
0 notes
Text
ज़रूर! यहां हरी बीन्स की सब्जी (हरी बीन्स स्टिर-फ्राई) के लिए एक सरल नुस्खा है:
Tumblr media
अवयव:
250 ग्राम हरी बीन्स, धोकर काट लें
1 बड़ा चम्मच तेल
1 छोटा चम्मच सरसों के दाने
1 छोटा चम्मच जीरा
1 छोटा प्याज, बारीक कटा हुआ
2-3 लहसुन लौंग, कीमा बनाया हुआ
1 हरी मिर्च, बारीक कटी हुई (वैकल्पिक)
1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
1/2 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर (स्वादानुसार समायोजित करें)
1/2 छोटा चम्मच धनिया पाउडर
नमक स्वाद अनुसार
ताज़ा हरा धनिया गार्निश के लिए
निर्देश:
मध्यम आँच पर एक कड़ाही या कड़ाही में तेल गरम करें। गरम तेल में राई और जीरा डाल दीजिए. उन्हें फूटने दो। बारीक कटा हुआ प्याज़ डालें और सुनहरा भूरा होने तक भूनें। कीमा बनाया हुआ लहसुन और कटी हुई हरी मिर्च (यदि उपयोग कर रहे हैं) डालें। एक मिनट के लिए या लहसुन की महक आने तक भूनें। पैन में धुली और कटी हुई हरी बीन्स डालें। उन्हें प्याज और लहसुन के मिश्रण से कोट करने के लिए अच्छी तरह से हिलाएं। आँच को कम कर दें, पैन को ढक दें, और हरी बीन्स को लगभग 5-7 मिनट तक या उनके नरम-कुरकुरे होने तक पकने दें। खाना पकाने को सुनिश्चित करने के लिए कभी-कभी हिलाएं। बीन्स के पकने के बाद, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और नमक डालें। बीन्स को मसाले के साथ कोट करने के लिए अच्छी तरह मिलाएं। अतिरिक्त 2-3 मिनट के लिए पकाएं, कभी-कभी हिलाते हुए, स्वादों को मिश्रण करने की अनुमति दें। आँच से उतारें और ताज़ी धनिया पत्ती से सजाएँ। आपकी हरी बीन्स की सब्जी परोसने के लिए तैयार है! यह चावल या रोटी (भारतीय रोटी) के साथ स्वादिष्ट साइड डिश बनाती है। आनंद लेना!
Click on our blog link to know more:- https://allindianfoodsrecipe.blogspot.com/2023/05/blog-post_18.html
फरासबी की सब्जी,
फ्रेंच बीन्स की सब्जी,
हरी बीन्स की सब्जी,
फ्रेंच बीन रेसिपी इंडियन स्टाइल,
सिंपल फ्रेंच बीन की सब्जी
0 notes
nikatnews · 1 year
Text
25800 में शुरू करें यह small business हर जगह रहती है डिमांड
Tumblr media
Small business idea: छोटा व्यवसाय शुरू करके रोजाना हजारों रुपए प्राप्त करना चाहते हैं इस बिजनेस को आप कहीं भी कम लागत के साथ शुरू करके हर महीने अच्छा प्राप्त कर सकते हैं बहुत छोटा व्यवसाय करना पसंद नहीं करते हो लेकिन यदि आपके पास बहुत अधिक लागत नहीं है और आप एक छोटा सा low investment business शुरू करके हर महीने अच्छी इनकम जनरेट करना चाहते हैं और अपने व्यवसाय को शुरू करके एक बड़ा व्यवसाय स्थापित करना चाहते हैं तो आज हम जिस बिजनेस के बारे में बात कर रहे हैं यह बिजनेस आपके लिए काफी ज्यादा मददगार साबित होगा इस बिजनेस को कोई भी व्यक्ति गांव में या शहर में बहुत ही आसानी से शुरू कर सकता है यदि आप इस व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं तो लेख को अंत तक जरूर करें
Small business 25800 में शुरू करके हर महीने करें मोटी कमाई
Tumblr media
25800 में शुरू करें यह small business हर जगह रहती है डिमांड Small business ideas: दोस्तों यदि आप new business idea की तलाश कर रहे हैं और सिर्फ आप 25000 से लेकर ₹30000 तक निवेश करके खुद का कारोबार स्थापित करना चाहते हैं तो मसाला बेचने का बिजनेस शुरू करके अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं मसाला बेचने का व्यवसाय कहीं पर भी बहुत ही आसानी से शुरू किया जा सकता है यह low investment high profit business है इस बिजनेस को शुरू करके जिस प्रकार से हजारों लोग इसके द्वारा हर महीने मोटी कमाई कर रहे हैं उसी तरह से आप भी हर महीने मोटी कमाई कर सकते हैं मसाला बेचने का कारोबार शुरू करने के लिए आपको बहुत अधिक जगह की भी आवश्यकता नहीं होती है यदि आप इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं तो आपको एक छोटी सी दुकान की आवश्यकता होगी जिसे आप किराए पर ले सकते हैं या फिर यदि आपके पास कोई जगह खाली पड़ी है तो वहां पर आप छोटा सा कमरा बनवा कर इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं कई सारे ऐसे व्यक्ति हैं जो कि कम लागत में अधिक मुनाफा वाला व्यवसाय शुरू करके अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं
इस small business को शुरू करने के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता होगी
यदि आप एक छोटा व्यवसाय शुरू करके अच्छा मुनाफा लेना चाहते हैं तो मसाला बेचने का व्यवसाय शुरू करना बहुत ही आसान है इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको बहुत अधिक चीजों की आवश्यकता भी नहीं होती है इसके लिए आपको सबसे पहले मसाला पीसने के लिए मशीन की आवश्यकता होती है ग्राइंडर मशीन आज के समय में ऑनलाइन बहुत ही कम कीमतों में उपलब्ध है जिसे आप लगभग ₹2800 में बहुत ही आसानी से खरीद सकते हैं मसाला बेचने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको दूसरी महत्वपूर्ण चीज की आवश्यकता होगी खड़ा मसाला लेने की खड़ा मसाला आपके लोकल बाजार में थोक रेट पर बहुत ही कम कीमत में मिल जाएगा खड़े मसाले के अंदर कई सारी चीजें शामिल होती हैं जिनके अंदर जीरा, धनिया, काली मिर्च, तेजपत्ता, लौंग, लाची के साथ-साथ और भी कई सारी चीजें शामिल होती हैं इन सभी मसालों को आप ₹15000 खर्च करके आसानी से खरीद सकते हैं इसके बाद आपको इस व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए लाइट की आवश्यकता होगी क्योंकि ग्राइंडर मशीन को चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता पड़ती है यदि सामान्य तौर पर इस पर महीने में खर्च होने वाले बिजली बिल की बात करें तो इसमें लगभग आपको ₹3000 का खर्च सकता है इसके बाद business के लिए दुकान के खर्च की बात करें तो यहां पर यदि आप भाड़े पर दुकान खरीदते हैं तो कम से कम ₹3000 यहां भी निवेश करना पड़ सकता है इसी के साथ साथ ₹2000 में आप दुकान में उपयोग होने वाली अन्य जरूरी चीजों को खरीद सकते हैं इस प्रकार से ₹25800 खर्च करके मसाला बेचने का कारोबार शुरू करके अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है follow on: google news Read the full article
0 notes
manishbloggistan · 1 year
Text
Teeth Cavity: दांतों की कैविटी से मुश्किल हो गया है खाना – पीना,ये घरेलू नुस्खे दिलाएंगे छूटकारा
Teeth Cavity:हमारे शरीर के एक-एक अंग बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. अगर किसी एक अंग में कुछ परेशानी हो तो पूरे शरीर में समस्या होती है. मुंह की साफ सफाई अच्छे से ना करने की वजह से आज कल दातों में तेजी से समस्याएं बढ़ रही है. मीठी वस्तुओं के अधिक उपयोग से मुंह में सड़न, कैविटी जैसी समस्याएं आए दिन देखने को मिल रही है.
कैविटी और सड़न उत्पन्न होने पर दर्द के कारण कभी-कभी बोल पाना भी मुश्किल हो जाता है. लेकिन यह सभी समस्याएं दातों का ख्याल न रखने ,अच्छे से साफ सफाई ना करने की वजह से होता है. आइए आज आपको कुछ घरेलू उपायों के बारे मे बताते है जिससे इन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है-
फिटकरी
दांतों में लगी कैविटी और सड़न को दूर करने के लिए फिटकरी बहुत लाभदायक औषधि मानी जाती है. गर्म पानी में फिटकरी को 5 मिनट तक रखकर छोड़ दे उसके बाद इस पानी से मुँह की सफाई करने से दर्द से निजात मिल जाता है. फिटकरी को भूनकर उसका पाउडर बना लेने के बाद रोजाना इस पेस्ट से दातों की सफाई करने पर दांतों में लगे सड़न और कैविटी दूर हो जाती है. दर्द होने पर इसका इस्तेमाल करने से दर्द भी शांत हो जाता है.
नीम ( Teeth Cavity)
नीम का उपयोग दांतो के दर्द के लिए रामबाण औषधि है. पुराने जमाने से ही नीम को गुणकारी औषधि माना गया है इसीलिए आज भी कई लोग नीम के दातुन का ही उपयोग करते है. नीम दांतो से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद ही लाभदायक औषधि मानी जाती है। दरअसल नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण और फाइबर पाए जाते हैं, जो दातों में दर्द और सड़न के लिए फायदेमंद है. इसका उपयोग कैविटी को दूर करने के लिए भी किया जाता है.
लौंग का तेल
दातों में तेज दर्द और कैविटी मे लौंग का तेल बेहद लाभदायक माना जाता है. दर्द के समय जहां केवटी हो उसी स्थान पर रुई के मदद से लौंग का तेल लगाने पर दर्द कम हो जाता है. दांतो से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए लौंग के तेल को भी एक गुणकारी औषधि माना जाता है. रोजाना इसके इस्तेमाल से जल्द ही आराम मिल जाता है.
0 notes
kantaguru · 1 year
Text
कालसर्प दोष पूजा सामग्री – उज्जैन
कालसर्प पूजा मे उपयोग होने वाली सामग्री से पहले हम यह जान लेते है, की कालसर्प दोष पूजा क्यो की जाती है। उससे पहले हम यह जान लेते है की काल सर्प दोष क्या होता है?
जैसा की हम सभी जानते है, की किसी मनुष्य की कुंडली मे सारे ग्रह राहू और केतू के बीच मे ग्रसित होते है, तब काल सर्प दोष जातक की कुंडली मे उत्पन्न होता हे।
कालसर्प दोष का कुंडली मे होना काफी हानिकारक साबित हो सकता है। कालसर्प दोष के चलते हुए जातक को कई प्रकार के कष्ट उठाने पड़ सकते है। जैसे की व्यापार मे सदैव हानि होना, संतान सुख से वंचित रहना, विवाह मे कई प्रकार की समस्या आना और आर्थिक हानि होना।
अगर कालसर्प दोष की जानकारी जातक पहले पता कर ले, तो बेहतर होता है नहीं तो यह दोष जातक को जीवन भर कष्ट देता रहता है।
कालसर्प दोष पूजा सामग्री
कालसर्प दोष के दुष्प्रभावो को हम काल सर्प निवारण पूजा से सुभप्रभावों मे भी बदल सकते है, और अपने जीवन मे चल रही हर प्रकार की समस्या का समाधान कर सकते हे।
अगर किसी जातक की कुंडली मे यह दोष है, तो वह काल सर्प दोष निवारण पूजा को करा कर, अपनी कुंडली से इस दोष को समाप्त कर सकता है। इस पूजा के बाद आप अपने जीवन मे अपार सफलता प्राप्त कर अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते है।
काल सर्प पूजा के लिए मध्य प्रदेश मे उज्जैन को सर्वश्रेष्ठ स्थान बताया गया है, यदि आप भी कालसर्प दोष निवारण पूजा उज्जैन मे करवाना चाहते है, तो उज्जैन के प्रसिद्ध पंडित श्री कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है, पंडित जी काल सर्प दोष पूजा के विशेषज्ञ है। आप मंदिर परिसर मे पूजा सामग्री के कष्ट से बचने एवं काल सर्प दोष निवारण पूजा के सफल आयोजन के लिए पंडित जी से संपर्क कर सकते है।
कालसर्प दोष पूजा पूजा सामग्री लिस्ट
श्री फल = 1
शिवलिंग = 1
लोहे का कटोरी = 1
गोला = 1
लकड़ी की चौकी = 1
दोने = 1 पैकेट
रुई = 1 पैकेट
नवग्रह समिधा = 1 पैकेट
मिट्टी के बड़े दिये = 2
मोली = 5
फूलो की माला, फूल = 5
पान की पत्ते = 7
कपूर = 11 टिक्की
आम के पत्ते = 11 पत्ते
छोटे मिट्टी के दीपक = 11
जनेऊ = 11
सुपारी = 11
बेल पत्री = 11
सांप = 9
इलायची = 10 ग्राम
लौंग = 10 ग्राम
शहद = 50 ग्राम
कच्चा दूध = 100 ग्राम
रोली = 100 ग्राम
दही = 100 ग्राम
काली मिर्च = 100 ग्राम
साबूत उड़द दाल = 250 ग्राम
पंच मेवा = 250 ग्राम
जौ = 500 ग्राम
चीनी = 500 ग्राम
काले तिल = 1 किलोग्राम
देसी घी = 1 किलोग्राम
हवन सामग्री = 1 किलोग्राम
पंच मिठाई = 1 किलोग्राम
साबुत चावल = 1 किलो 250 ग्राम
आम की लकड़ी = 5 किलो ग्राम
तिल का तेल = 1 लीटर
सूखा बेल गीरी = 20 रु.
जटामसी = 20 रु.
भोज पत्र = 20 रु.
गूग्गल = 20 रु.
पीली सरसो = 20 रु.
लाल चंदन = 20 रु.
कमल गट्ठा = 20 रु.
पीला कपड़ा = सवा मीटर
धूप और अगरबत्ती = एक एक पैकेट
ऋतु फल = श्रद्धा अनुरूप
पूजा सामग्री लेने से पहले इन बातो का ध्यान रखना चाहिए-
श्री फल को नारियल या चिकना नारियल भी कहा जाता है।
शक्कर गुड वाली होनी चाहिए।
पंच मेवे मे काजू, किशमिश, छुवारे, बादाम और मखाने होने चाहिए।
चावल टूटे हुये नहीं होने चाहिए।
पंच मिठाई मे बूंदी के लड्डू, बर्फी, बेसन से बने हुये लड्डू या बर्फी, मिल्क केक, मावा नारियल से बनी हुई बर्फी या कोई सी भी सुखी मिठाई लेनी है।
ऋतु के अनुसार कोई से भी फल ले सकते है, किन्तु ध्यान रहे अनार एवं केले आवश्यक है। शेष तीन फल कोई से भी हो सकते है।
9 नाग कुंडली लगा के बैठे हुये हो वो ही लेने है।
आटे का घी मे चूर्ण कर ( महाप्रसाद) सूखा प्रसाद बनाना है।
भगवती शृंगार के लिए अपने हाथ की चूडियाँ, बिंदी, मेहंदी, हार, माला, कंघी, दर्पण और सैंट जो आप स्वयं इस्तेमाल करते हो।
भगवती की साड़ी काले एवं नीले रंग की नहीं होनी चाहिए।
देवी की चाँदी की मूर्ति मे सुनार से कहकर माथे पर सोने की बिंदी लगवा दे।
किसी भी प्रकार की पूजा मे लकड़ी की चौकी जरूरी होती है, चाहे आप पूजा कर रहे हो या करवा रहे हो।
यह सभी मुख्य सामग्री है, जो की काल सर्प दोष निवारण पूजा मे उपयोग की जाती है। हम आप सभी से निवेदन करते है, की यदि आप भी यह पूजा करवाते है, तो एक बार पुजारी जी से सामग्री के बारे मे जानकारी जरूर ले।
अगर आप पंडित कांता गुरु जी द्वारा कालसर्प दोष पूजन कराते है तो आपको पूजन सामग्री की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, सारी पूजन सामग्री पंडित जी द्वारा उपलब्ध करा दी जाएगी। जिससे आपका समय बच सके, आपको केवल उज्जैन मे आकर पूजा सम्पन्न करनी है।
0 notes
maabhakti · 1 year
Text
बहुत काम की चीज है सुपारी, इन उपायों से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें
बहुत काम की चीज है सुपारी, इन उपायों से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें
डोमेन्स हर महीने के गणेश चौथ पर भगवान गणेश की सुपारी और लौंग चढ़ाएं। जब भी आप काम पर जाएं तब इस सुपारी और लौंग को अपने पास रख लें। सुपारी के उपाय : हम सभी लोग भोजन के अलावा पूजा पाठ में भी सुपारी का उपयोग करते हैं। हालांकि पूजा में प्रयोग होने वाली सुपारी अलग और आकार में छोटी होती है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसके कई चमत्कारी गुण बताए गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में सुपारी के कई सारे उपाय बताए गए…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
cuttykajal · 2 years
Text
पुरुषों के लिए वरदान साबित होगा लौंग का तेल
लौंग का तेल लौंग का तेल: सर्दियों में आपको अपनी जीवनशैली में कई बदलाव करने होंगे और इस अवधि के दौरान आपको ऐसी चीजों का उपयोग करना होगा जो आपके स्वास्थ्य के लिए उपयोगी साबित होती हैं। कार्नेशन नेल ऑयल एक आवश्यक तेल है जो सर्दियों में कई मायनों में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। इत्र के कारण बंद की पहचान की जाती है और इसका उपयोग व्यंजनों की शर्म को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। लौंग की…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
*Dr. Smita Goel Homeopathy Clinic*
www.thehomeopathyclinic.co.in
एसिडिटी या अम्लता एक चिकित्सा स्थिति है जो एसिड के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होती है। यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित होता है। अम्लता पेट, गैस्ट्रिक सूजन, दिल की धड़कन और डिस्प्सीसिया में अल्सर जैसे लक्षण पैदा करती है। यह आमतौर पर अनियमित खाने के पैटर्न, शारीरिक खेल या गतिविधियों की कमी, शराब की खपत, धूम्रपान, तनाव, फड आहार और खराब खाने की आदतों जैसे कई कारकों के कारण होता है। लोग उन जगहों पर अम्लता विकसित करने में अधिक प्रवण होते हैं। जहां लोग अधिक शाकाहारी, मसालेदार और तेल के भोजन का उपभोग करते हैं। एनएसएआईडी (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी कई दवाएं गैस्ट्रिक अम्लता विकसित करने में एक व्यक्ति को अधिक संवेदनशील बना सकती हैं। एक भारी भोजन लेने के बाद अम्लता को गहरी जलती हुई सनसनी की विशेषता है। अम्लता वाले लोगों में अपचन और कब्ज भी आम है। यह घरेलू उपचार या एंटासिड का उपभोग करके और स्वस्थ कार्यान्वयन से ठीक हो सकता है। एंडोस्टिज्म के रूप में जाना जाने वाला एक तकनीक एसिड भाटा से भी बहुत राहत प्रदान करता है। अम्लता के सामान्य लक्षणों में पेट और गले में मुंह, कब्ज, बेचैनी और जलने की उत्तेजना में अपचन, मतली, खट्टा स्वाद शामिल है।
# अम्लता का कारण क्या होता है?
हमारा पेट आमतौर पर गैस्ट्रिक एसिड पैदा करता है जो पाचन में मदद करता है। इन एसिड के संक्षारक प्रभाव प्रोस्टाग्लैंडिन और प्राकृतिक बाइकार्बोनेट के उत्पादन से संतुलित होते हैं जो श्लेष्म अस्तर में गुप्त होते हैं। यह पेट की अस्तर को नुकसान पहुंचाता है और अम्लता का कारण बनता है। अन्य कारक जो अम्लता का कारण बनते हैं उनमें शामिल हैं:
मांसाहारी और मसालेदार खाद्य पदार्थों का उपभोग करना।
अत्यधिक तनाव
बहुत अधिक शराब का उपभोग।
अक्सर धूम्रपान
पेट के ट्यूमर, गैस्ट्रोसोफेजियल रीफ्लक्स रोग और पेप्टिक अल्सर जैसे पेट विकार।
एनएसएआईडीएस (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी दवाएं।
√ अम्लता के लिए उपचार:
एल्यूमीनियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम युक्त एंटीसिड का उपभोग करके अम्लता ठीक हो सकती है। कई बार, एच 2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (हिस्टामाइन अवरुद्ध एजेंट) जैसे निजाटिडाइन, फ़ोटोटिडाइन, रैनिटिडाइन और सिमेटिडाइन का उपयोग किया जाता है। यदि आपके पास गंभीर अम्लता है तो प्रोटॉन पंप इनहिबिटर डॉक्टर द्वारा भी निर्धारित किए जाते हैं। अम्लता का इलाज घरेलू उपचारों जैसे कि केले, ठंडे दूध, एनीज, जीरा, कार्डोमन, लौंग, टकसाल के पत्तों और अदरक का उपभोग भी किया जा सकता है। आप भोजन के दौरान मसालेदार भोजन या अचार से बचने, अधिक सब्जियों और फलों को खाने, गैर शाकाहारी भोजन का उपभोग न करने, एनएसएड्स (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) और स्टेरॉयड जैसी दवाओं से बचने और तनाव को कम करने से अम्लता को रोक सकते हैं।
कभी-कभी नींद से पहले भोजन लेने से अम्लता भी हो सकती है। यह पेट के एंजाइमों को आपके एसोफैगस पर वापस जाने और एसिड भाटा का कारण बनने के लिए उत्तेजित करता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
√ लक्षण:
पेट में जलन जलन
गले में जलन जलन।
डकार।
Tumblr media
3 notes · View notes
merikheti · 2 years
Text
श्रावण मास में उगाएंगे ये फलफूल, तो अच्छी आमदनी होगी फलीभूत
Tumblr media
श्रावण मास में रहती है इन चीजों की मांग : उद्यान/किसान कमा सकते हैं तगड़ा मुनाफा
भगवान शिव की सेवा में समर्पित श्रावण मास के दौरान खास किस्म के पुष्पों, पौधों, प्रसाद की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के लिए पूर्व नियोजित तैयारी की मदद से, सावन की रिमझिम फुहार के बीच, किसान आमदनी की बौछार में तरबतर हो सकते हैं।
कांवड़ यात्रा के दौरान रहेगी इनकी मांग
भगवान शिव को अर्पित होने वाली फूल व पौधों की खेती के बारे में जानकारी, जिससे श्रावण मास (Shraavana) में कांवड़ यात्रा के माह में फलीभूत होती है तगड़ी कमाई।
सावन के महीने में भगवान शिव को बिल्व (Indian bael) या बेल पत्र, भांग-धतूरा, आंकड़ा या मदार के पुष्प एवं पत्ते आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है। इन फूल पौधों की खेती व दूध-दही के उत्पाद से किसानों के साथ-साथ पशु पालकों को भी श्रावण मास में आमदनी का प्रसाद मिल जाता है।
क्या उगाएं किसान
भगवान शिव को फल-फूल-सब्जी एवं अनाज चढ़ाने के अपने महत्व हैं। भगवान भोले को शमी एवं बिल्व के पत्र, बेला का फूल विशिष्ट रूप से अर्पित किया जाता है। भगवान शिव की आराधना में अलसी के फूलों का भी खास महत्व है।
कनेर का फूल भगवान शिव के साथ अन्य देवी-देवताओं को भी अर्पित किया जा सकता है। भगवान शिव को प्रिय चमेली के फूलों की खेती करके भी किसान बेहतर कमाई का जरिया तलाश सकते हैं।
बेला, कनेर, चमेली के पुष्प ऐसे फूल हैं जिनकी मांग साल भर धार्मिक अनुष्ठानों एवं पुष्प प्रेमियों के बीच बनी रहती है।
भगवान शिव को हरसिंगार का पुष्प भी चढ़ाया जाता है। हरसिंगार को पारिजात या शिउली के पुष्प के नाम से भी पुकारा जाता हैा। नारंगी डंडी वाला सफेद रंग का यह पुष्प रात्रि में खिलता है।
यह तो हुई सुगंध एवं सुंदरता से लैस पुष्पों से जुड़े किसानों के लिए कमाई के अवसर की बात, अब बात करते हैं भगवान वैद्यनाथ को अर्पित की जाने वाली उन चीजों की, जो अपनी प्रकृति के कारण औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं।ये भी पढ़ें: कीचड़ में ही नहीं खेत में भी खिलता है कमल, कम समय व लागत में मुनाफा डबल !
अकौआ, आंकड़ा या मदार
अकौआ जिसे आंकड़ा या मदार भी कहा जाता है, इसके लाल एवं सफेद रंग के पुष्प भगवान शिव की उपासना में अर्पित किए जाते हैं। इसके पुष्प एवं पत्ते भी भगवान शिव को चढ़ाने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार आंकड़े के पुष्प चढ़ाने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसके फूलों का इलाज में भी उपयोग होता है। खांसी आदि में इसका लौंग आदि से वैद्य द्वारा तैयार मिश्रण खासा मददगार साबित होता है।
बिल्व पत्र एवं फल
भगवान शिव को बिल्व पत्र एवं बिल्व फल चढ़ाकर शिवभक्त पूजन करते हैं। किसान मित्र, नर्सरी में मिलने वाले बिल्व जिसे आम बोलचाल की भाषा में बेल भी कहते हैं, का पौधा खेत या बगीचे में लगाकर सावन के अलावा अन्य माह में भी अपनी आय सुनिश्चित कर सकते हैं।
बिल्व पत्र की मांग जहां साल भर रहती है, वहीं इसके फल खाने के साथ ही शरबत के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं। कृषि उत्पाद के तौर पर बेल की जैली, मुरब्बा की भी बाजार में खासी मांग है।
शिव प्रिय फल के रामबाण इलाज
औषधीय उपयोग में भी बेल के फल, छाल, जड़ों को उपयोग में लाया जाता है। कब्ज आदि के उपचार में शिव प्रिय बेल का फल रामबाण इलाज माना जाता है।
इन चीजों की जरूरत
शिवभक्त भगवान शिव की आराधना के दौरान भांग, धतूरा, ऋतुफल भी चढ़ाए जाते हैं।
भांग-धतूरा
भांग की खेती जहां, सरकारी अनुमति से की जाती है, वहीं धतूरे की खेती करते समय किसान को कुछ सावधानियां बरतना अनिवार्य है। आम तौर पर दोनों ही चीजें मानवीय मस्तिष्क तंत्र को प्रभावित करती हैं। इसका प्रयोग एलोपेथिक दवाओं के साथ ही आयुर्वेद आदि में प्रचुरता से किया जाता है।
इनकी शासकीय नियमानुसार खेती कर किसान न केवल श्रावण मास, बल्कि साल के अन्य दिनों में भी अपना लाभ पक्का कर सकते हैं।
(लेख में वर्णित भांग, धतूरा आदि के बगैर चिकित्सक की सलाह के प्रयोग से बचें। इनका गलत मात्रा में प्रयोग प्राणघातक हो सकता है।)
source श्रावण मास में उगाएंगे ये फलफूल, तो अच्छी आमदनी होगी फलीभूत
0 notes
howtoexloveback · 2 years
Text
लौंग से वशीकरण मंत्र
लौंग से वशीकरण मंत्र
लौंग से वशीकरण मंत्र, दोस्तों क्या आप जानते हैं कि हम वशीकरण को लोंग के माध्यम से भी कर सकते हैं। अगर आपको यह बात नहीं मालूम है तो हम आपको बता दें कि वशीकरण के टोटके लौंग के माध्यम से भी किया जा सकता है। लौंग वशीकरण के टोटके में सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ है यही कारण है कि आज हम लौंग की विशेषता बताते हुए इसके वशीकरण मंत्रों के भी विषय में हम आपको बताएंगे कि किस तरह लौंग का उपयोग करके किसी को भी…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
allgyan · 3 years
Photo
Tumblr media
लहसुन बहुत ही गुणकारी है-
लहसुन वैसे तो बहुत ही गुणकारी है इसका फायदा ये है की जितना ये बिना पकाया फायदा करता है उतना ही पका के भी अच्छा लगता है |लेकिन बस इसमें एक ही समस्या है जो इसको खाने से मुँह बदबू करता है इसलिए लोग इसको कच्चा खाने से बचते है |इसे मसाला का राजा भी कहा जाता है क्योकि जो भी आप पकवान बन��ते हो सब पकवानो में ये डालना अनिवार्य है |इसके बिना कोई भी भोजन इतना स्वादिष्ट नहीं बन सकता है |इसकी खासियत ये है की पाचन को सम्मान्य बनाया रखता है |इसकी खेती बहुत पहले से होती आ रही है |चलिए आये जानते है इसके बारे में कुछ और नयी जानकारी |
खाली पेट लहसुन खाने के क्या है फायदे -
देखिये मैंने आपको पहले बताया है की ये खाली पेट इसको खाने से बहुत फायदा होता है |पहला तो ये केलोस्ट्राल के लेवल कम करता है |नास्ते के ठीक पहले कच्चा लहसुन लेने से ये आपको जीवाणु और विषाक्त पदार्थों से दूर करते है |ये आपके पेट में एक फ़िल्टर के रूप जैसा कार्य करते है |कई लोग मस्से के इलाज के लिए भी इसका प्रयोग करते है |ये दाँत के दर्द को दूर करने में भी सहायक होते है |मस्से तो इससे अपने आप बिना दर्द के गिर जाते है |लहसुन को सुबह -सुबह खाने से हिर्दय के लिए भी लाभकारी होती है |जिनको भी हाई ब्लड प्रेशर है उनके लिए ये तो रामबाण है और इसे सुबह लेने से ये ब्लड प्रेशर को बहुत हद तक नियत्रित रखता है |अगर आपको तपेदिक है तो भी खाली पेट लहसुन खाने से इसमें फायदा मिलता है |लेकिन खाली पेट इसको खाने से ये आपको पेट से बहुत मजबूत बनाता है |
लहसुन किस प्रजाति का है -
लहसुन और प्याज की एक ही प्रजाति है | इसका वैज्ञानिक नाम एलियम सैटिवुम एल है।इसके करीबी रिश्तेदारो में प्याज, इस शलोट और हरा प्याज़ शामिल हैं। लहसुन पुरातन काल से दोनों, पाक और औषधीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इसकी एक खास गंध होती है, तथा स्वाद तीखा होता है जो पकाने से काफी हद तक बदल कर मृदुल हो जाता है। लहसुन की एक गाँठ (बल्ब), जिसे आगे कई मांसल पुथी (लौंग या फाँक) में विभाजित किया जा सकता इसके पौधे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला भाग है। पुथी को बीज, उपभोग (कच्चे या पकाया) और औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी पत्तियां, तना और फूलों का भी उपभोग किया जाता है आमतौर पर जब वो अपरिपक्व और नर्म होते हैं।इसका काग़ज़ी सुरक्षात्मक परत (छिलका) जो इसके विभिन्न भागों और गाँठ से जुडी़ जड़ों से जुडा़ रहता है, ही एकमात्र अखाद्य हिस्सा है।इसका इस्तेमाल गले तथा पेट सम्बन्धी बीमारियों में होता है।
लहसुन का गंध तीखा क्यों होता है -
लहसुन में  जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। जैसे ऐलिसिन, ऐजोइन इत्यादि। लहसुन सर्वाधिक चीन में उत्पादित होता है उसके बाद भारत में इसका उत्पादन होता है |लहसुन में रासायनिक तौर पर गंधक की अधिकता होती है। इसे पीसने पर ऐलिसिन नामक यौगिक प्राप्त होता है जो प्रतिजैविक विशेषताओं से भरा होता है।इसके अलावा इसमें प्रोटीन, एन्ज़ाइम तथा विटामिन बी, सैपोनिन, फ्लैवोनॉइड आदि पदार्थ पाये जाते हैं।लहसुन एक बारहमासी फसल है जो मूल रूप से मध्य एशिया से आया है तथा जिसकी खेती अब दुनिया भर में होती है।आयुर्वेद और रसोई दोनों के दृष्टिकोण से लहसुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण फसल है|लहसुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व पाये जाते है जिसमें प्रोटीन 6.3 प्रतिशत , वसा 0.1 प्रतिशत, कार्बोज 21 प्रतिशत, खनिज पदार्थ 1 प्रतिशत, चूना 0.3 प्रतिशत लोहा 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है।
सेक्स लाइफ को अच्छा करता है -
लहसुन में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने का गुण पाया जाता है।यह पुरुषों की सेक्स लाइफ में सुधार करता है और उनकी मर्दाना ताकत को भी बढ़ाता है। हाल ही में किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार भी यह दावा किया गया कि जो पुरुष लहसुन खाना पसंद करते हैं महिलाएं उनके प्रति ज्यादा आकर्षित होती हैं।इसलिए आप को लहसुन को अपने खाने में शामिल करना चाहिए |हमारा काम है आपको जितने भी जानकारी दी जा सकती है दी जाये |अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आये तो हमे समर्थन दे |
1 note · View note
arayurvedahealth · 3 years
Text
अगर पौरुष समस्या से परेशान है, तो नाइट राइडर का करे उपयोग मिलेगा जबरदस्त लाभ !
आयुर्वेद क्या है (What is ayurveda)?
आयुर्वेद चिकित्सा मानव जीवन को सदैव स्वस्थ्य रखने का प्राकृतिक मंत्र है। आयुर्वेद ने बहुत सारी उपयोगी जड़ी बूटियों की खोज की और उनके प्रयोग से मानव जीवन को लाभान्वित किया। आयुः + वेद = आयुर्वेद, संसार की सबसे अलौकिक चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। इसका मतलब होता है, “जीवन से सम्बन्धित ज्ञान”। आयुर्वेद को भारतीय आयुर्विज्ञान कहा जाता है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जिनके अनेक फायदे होते है, इनके उचित  मिश्रण से आप किसी भी समस्या का समाधान कर सकते है। पर आज हम बात करेंगे मानव जीवन में सेक्सुअल समस्या के बारे में और इन जड़ी बूटियों के मिश्रण से उसके उपचार के बारे में। आज के समय में हर दूसरा पुरुष किसी न किसी सेक्सुअल समस्या जैसे:- शीघ्रपतन की समस्या, धातु की कमी, प्राइवेट पार्ट में कमजोरी, स्वप्नदोष, उत्तेजना की कमी जैसी विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है। तो आइये जानते है जड़ी-बूटियों तथा उनके फायदों के बारे में कि कैसे आयुर्वेद की मदद से इन सभी सेक्सुअल समस्याओं (Sexual Problems) से छुटकारा पाया जा सकता है।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां तथा उनके फ़ायदे (Ayurvedic herbs and their benefits)
Tumblr media
अश्वगंधा:-  अश्वगंधा के सेवन करने से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन होता है और खून के जरिए गुप्तांग तक पहुँचता है इससे कामेच्छा और संतुष्टि में बढ़ोतरी होती है।
शिलाजीत:- शिलाजीत पौरुष पावर बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधि कहलाती है(herbal medicine for man power)। जो ऊर्जा को पुनर्जीवित करती है और शारीरिक बल बढाती है।
सतावरी:- इसके प्रयोग से सेक्सुअल स्टैमिना में बृद्धि होती है।
श्वेत मूसली:- सम्भोग के समय ताकत को बनाए रखने में मदद करती है।
कौचा:- ये काम शक्ति को बढाने में मदद करती है।
विदारी:- शरीर को मजबूत करती है, और सेक्स के प्रति रूचि प्रदान करती है।
केसर:- केसर मानसिक तनाव को दूर करती है, और आंतरिक ऊर्जा का निर्माण करती है।
जायफल:- इसके प्रयोग से सेरेटोनिन हार्मोन्स का उत्पादन होता है ,ये कामेच्छा में बृद्धि करता है।
लौंग:- विशेषज्ञों का मानना है कि लौंग का सेवन पुरुषों में कई तरह की पौरुष संबंधी दिक्कतों को दूर करता है और शक्तिवर्धन का कार्य करता है।
आइये जानते है नाइट राइडर के बारे में (Let’s know about Knight Rider)
Tumblr media
“नाइट राइडर टेबलेट” आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बना हुआ आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर में हुई सेक्सुअल कमजोरियों को ठीक करके आपमें नई ऊर्जा का उत्पादन करता  है। नाइट राइडर विशेष रूप से पुरुषो में होने वाली सेक्सुअल कमजोरी के लिए तैयार किया गया है (best ayurvedic medicine for ed and pe) जिसमे शीघ्रपतन, स्वप्नदोष , धातुओं की कमी, लिंग में कमजोरी जैसी बीमारियां प्रमुख है।”नाइट राइडर टेबलेट” में मिश्रित जड़ीबूटियां आपकी धमनियों को साफ करके आपके लिंग में ब्लड सर्कुलेशन ठीक करती है। युवावस्था में हस्तमैथुन की गलती से हुई शुक्र धातु की कमी की वजह से आपका वीर्य पतला हो जाता है,और नसें कमजोर पड़ जाती है जिससे लिंग में टेढ़ापन और पतलापन आ जाता है। ये वीर्य को गाढ़ा करती है तथा नसों को मजबूत करती है, जिससे आपके लिंग को उचित ऊर्जा मिलती है और आपके लिंग की मोटाई और लम्बाई बढती है साथ ही इरेक्शन / उत्तेजना में मजबूती मिलती है। यह पुरुष सेक्सुअल हॉर्मोन्स टेस्टोस्टेरोन की गुणवत्ता में बृद्धि करता है, जिससे मेल सेक्सुअल परफॉरमेंस संचालित होती है। यह रक्त संचार दुरुस्त करके शुक्र धातु का निर्माण करता है और आपकी सेक्स क्षमता को बढ़ाता है। (ayurvedic medicine for sex stamina) जिससे आप लम्बे समय तक सम्भोग का आनंद ले सकते है और अपनी पार्टनर को संतुष्ट कर सकते है।
नाइट राइडर टेबलेट के फायदे  (Benfits of Knight Rider):-
Tumblr media
यह पुरुषों के सेक्सुअल हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन को विकसित करता है जिससे यौन क्षमता में बृद्धि होती है।
इसके प्रयोग से शुक्र धातु का निर्माण होता है,जिससे सेक्सुअल स्टैमिना में बढ़ोत्तरी होती है।
ये आपकी उत्तेजना में बृद्धि करता है, और कामेक्षा (libido problem) की समस्या का निवारण करता है।
आपकी शुक्राणुओं को मजबूत करता है, जिससे आपको सेक्स के लिए अधिक एनर्जी मिलती है।
नाइट राइडर सम्भोग के दौरान आपकी ऊर्जा को बनाये रखता है, जिससे आप लम्बे समय तक सम्भोग का आनंद ले सकते है।
ये आपकी लिंग की नसों की मरम्मत करता है जिससे आपकी लिंग मजबूत होती है।
ये आपके वीर्य को गाढ़ा करता है जिससे शीघ्रपतन की समस्या का समाधान होता है।
स्वप्नदोष की समस्या का निवारण करता है।
Disclaimer:- The result of this product may vary from person to person.
1 note · View note
shankhyayog · 4 years
Photo
Tumblr media
Gaudhan Dhoop:-
देसी गाय के गोबर को आधार बनाकर तैयार की गई अगरबत्ती लोगों क आत्मिक शुद्धि का काम करेगी। चंदन के पाउडर और देसी घी को मिलाकर तैयार की जा रही इस अगरबत्ती को अब बड़े स्तर पर लोगों तक पहुंचाने की बात हो रही है। फिलहाल इसे बेचकर कमाई करने की सोच नहीं है। मगर इसका फायदा देश भर के उन सभी लोगों तक पहुंचाने का है जो वर्तमान में अगरबत्ती या धूप से पूजा स्थल पर किसी भी तरह का कालिख से भी छुटकारा रहता है। पिछले कुछ समय से खास ट्रेनिंग के बाद गौ गोबर की इस अगरबत्ती को इलाके के लोगों तक पहुंचाकर इसे प्रयोग करने की आदत डालना है। अब देसी गाय के गोबर की अगरबत्ती तैयार करने की सोच के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है कि गौ माता का महत्व लोगों में और ‘यादा बढ़े। अंग्रेजी दवाइयों के इलाज से उब रहे लोगों के लिए कई तरह के प्रोडक्ट तैयार करने की दिशा में काम कर रही
गुग्गुल की धूप : गुग्गुल का उपयोग सुगंध, इत्र व औषधि में भी किया जाता है। इसकी महक मीठी होती है और आग में डालने पर वह स्थान सुंगध से भर जाता है। गुग्गल की सुगंध से जहां आपके मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित रोगों का नाश होगा वहीं इसे दिल के दर्द में भी लाभदायक माना गया है।
* गुड़-घी की धूप : इसे अग्निहोत्र सुगंध भी कह सकते हैं। गुरुवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं। चाहे तो इसमें पके चावल भी मिला सकते हैं। इससे जो सुगंधित वातावरण निर्मित होगा, वह आपके मन और मस्तिष्क के तनाव को शांत कर देगा। * कर्पूर और लौंग : रोज़ाना सुबह और शाम घर में कर्पूर और लौंग जरूर जलाएं। आरती या प्रार्थना के बाद कर्पूर जलाकर उसकी आरती लेनी चाहिए। इससे घर के वास्तुदोष ख़त्म होते हैं। साथ ही पैसों की कमी नहीं होती।
* लोबान की धूप : लोबान को सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रख कर जलाया जाता है। लोबान का इस्तेमाल अक्सर दर्गाह जैसी जगह पर होता है। लोबान को जलाने के नियम होते हैं। इसको जलाने से पारलौकिक शक्तियां आकर्षित होती है। अत: लोबान को घर में जलाने से पहले किसी विशेषज्ञ से पूछकर जलाएं। गुरुवार के दिन किसी समाधि विशेष पर लोबान जलाने से पारलौकिक मदद मिलना शुरू हो जाती है।
2 notes · View notes