Tumgik
#कपड़ा बाजार क्षेत्र
dgnews · 1 year
Text
आष्टा में वार्ड नंबर 12 मैं 2 स्थानों पर सीसी रोड 3 स्थानों पर बनेगी नालियां
वार्ड क्रमांक 12 नगर का महत्वपूर्ण वार्ड है क्योंकि इस वार्ड में नगर का हृदय स्थल बड़ा बाजार है बड़े बाजार क्षेत्र में नगर के महत्वपूर्ण कपड़ा व्यापारी एवं आभूषणों के प्रस्थान है नगर सहित समुचित आंचल के नागरिक कपड़ा एवं आभूषणों की खरीदारी बड़ा बाजार से ही करते हैं सुबह से लेकर देर रात्रि तक बड़े बाजार में आवागमन रहता है इस आशा के अनुसार वार्ड क्रमांक 12 में नगर पालिका अध्यक्ष हेम कुंवर राय सिंह…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
sharpbharat · 2 years
Text
West-singhbhum- ट्रेनों के परिचालन, ठहराव व ओवरब्रिज निर्माण की मांग को लेकर जनहित संघर्ष मोर्चा ने चलाया  हस्ताक्षर अभियान
West-singhbhum- ट्रेनों के परिचालन, ठहराव व ओवरब्रिज निर्माण की मांग को लेकर जनहित संघर्ष मोर्चा ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
रामगोपाल जेना/ चक्रधरपुर/मनोहरपुर: जनहित संघर्ष मोर्चा के द्वारा ट्रेनों का परिचालन व ठहराव एवं ओवरब्रिज निर्माण को लेकर  चलाये गए हस्ताक्षर अभियान में रविवार को  4000 लोगों का हस्ताक्षर एवं जागरूकता अभियान चलाया गया. मनोहरपुर बाजार में चलाए गए इस अभियान में बाजार सब्जी दुकान कपड़ा दुकान और सारी दुकान क्षेत्र में अभियान चलाया गया किया. (नीचे भी पढ़े) जनहित संघर्ष मोर्चा द्वारा रेल की समय सारणी…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
newsdeshya-2022 · 2 years
Text
All Sarkari Yojana List |PM Modi Yojana List In Hindi From 2014.
PM Modi All Sarkari Yojana List | PM Modi Yojana List In Hindi | Govt All Schemes List PM Modi All Sarkari Yojana List: भारत में १५० से अधिक योजनाए है | ५० से ज्यादा योजनाये चल रही है और करोडो लोग इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे है। क्या आप भी इन सभी योजनाओं का लाभ उठा रहे है? या लाभ उठाना चाहते है? इन योजनाओं के बारे में आप कितना जानते है ? आपको PM Modi योजनाओं की लिस्ट प्रदान की जाएगी। साथ ही इन योजनाओं की पूरी जानकारी भी दिए जाएगी। जैसे योजनाओं के बारे में, योग्यता, लगने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज, Apply करने की प्रक्रिया, और अन्य जानकारी जो आपको जानना जरुरी है। इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानने और सामने के किये आप हमरी पोस्ट को पूरा पड़े। इन योजनाओं से जुडी अपडेट के लिए और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए Bookmark करे। साथ ही यह पोस्ट अपने लोगों को Share करे ताकि वे भी इन योजनाओं का लाभ उठा सके। Read Also : - IPL 2022 All Team Players List: Best Mega Auction And Points Info.
PM Modi All Sarkari Yojana List :
किसानों के लिए शुरू की गयी योजनाए : - प्रधानमंत्री कुसुम योजना - पीएम किसान मानधन योजना - पीएम किसान सम्मान निधि योजना हेल्पलाइन नंबर - फ्री सोलर पैनल योजना - ऑपरेशन ग्रीन योजना - किसान विकास पत्र योजना - प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सुधार - प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना - मत्स्य सम्पदा योजना - किसान सम्मान निधि योजना - हरित क्रांति कृषोन्नति योजना - राष्ट्रीय कृषि यंत्रीकरण एवं विकास संवर्धन योजना - गोबर धन योजना - अटल भूजल योजना - सम्पदा योजना - प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना - सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम - दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना - राष्ट्रीय गोकुल मिशन गरीबो के लिए शुरू की गयी योजनाएँ : - प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना - प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना - इंदिरा गांधी आवास योजना सूची - ग्रामीण आवास योजना नई सूची - आवास योजना लिस्ट - प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना - स्वामित्व योजना - अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना - स्वनिधि योजना - प्रधानमंत्री आवास योजना - आयुष्मान सहकार योजना - प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना - विवाद से विश्वास योजना - प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम - वन धन योजना - सेवा भोज योजना - राष्ट्रीय वयोश्री योजना महिलाओ और लड़कियों के लिए शुरू की गयी योजनाए : - फ्री सिलाई मशीन योजना - सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना - उज्ज्वला योजना - प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना - गर्भावस्था सहायता योजना - प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र (PMMSK) योजना - स्री स्वाभिमान (महिला सशक्तिकरण) - सुकन्या समृद्धि योजना - बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना - धनलक्ष्मी योजना - स्टैंड अप इंडिया योजना पेंशन योजनाए : - प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना - प्रधानमंत्री वय वंदना योजना - अटल पेंशन योजना - कर्म योगी मानधन योजना - प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना - प्रधान मंत्री श्रम योगी मानधन योजना - वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) - अटल बीमित व्‍यक्ति कल्‍याण योजना देश के युवाओ के लिए योजनाए : - प्रधानमंत्री रोजगार योजना - आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना - पीएम मुद्रा लोन योजना - प्रधानमंत्री मुद्रा योजना - पीएम वाणी योजना - स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया - प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना - राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण योजना (N - YES Scheme) - प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना - कपड़ा क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना - स्किल इंडिया मिशन - दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना स्वास्थ्य से जुडी योजनाएं : - प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना - पीएम मोदी हेल्थ आईडी कार्ड - प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान - प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन - प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन - नेशनल आयुष मिशन - प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना अन्य योजनाएं : - वाहन स्क्रैपिंग नीति - ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्कीम - राष्ट्रीय बांस मिशन काराष्ट्रीय बांस मिशन - प्रधान मंत्री अनुसंधान फेलोशिप योजना - रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र कनेक्शन योजना (एमएनआरई) - सृष्टि योजना - रूफटॉप सोलर पावर प्लांट सब्सिडी स्कीम - खेलो इंडिया स्कूल गेम्स - बाजार आश्वासन योजना - नेशनल ई वे बिल सिस्टम - अंतरजातीय विवाह योजना - प्रधानमंत्री पावरलूम बुनकर क्रेडिट योजना - शादी शगुन योजना - प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना - राइज योजना - सबका विश्वास योजना - प्रवासी कौशल विकास योजना - प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान - प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) - प्रधान मंत्री मुद्रा योजना लोन - सांसद आदर्श ग्राम योजना - मेक इन इंडिया - स्वच्छ भारत अभियान - सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम - 1 देश 1 राशन कार्ड योजना - रेल यात्री बीमा योजना - डिजिटल विलेज योजना
सरकारी योजना क्या है?
प्रतिवर्ष जन कल्याण के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा योजनाओं की घोषणा कीं है जिसके माध्यम से लोगों को अनेक प्रकार की सुव��धा प्रधान करना है। जैसे अच्छी फसल और आर्थिक मदत के लिए किसानों से जुडी योजना, देश के वृद्ध लोगोंको सहयता मिलने के लिए योजना, लड़कियों और महिलाओं के अच्छे विकास और सुविधा के लिए योजना, देश को मजबूती प्रदान करने वाले देश के युवाओंको आगे बढ़ने योजना। और अन्य हेतु योजना जो देश को विकास की और ले जाये।
योजना कितने प्रकार के होते हैं?
योजना के प्रकार - - औपचारिक योजना - अनौपचारिक योजना - अल्पकालिक योजना - दीर्घकालिक योजना - रणनीतिक योजना - मध्यवर्ती योजना - परिचालन की योजना - स्थायी योजनाएँ - एकल-उपयोग योजना नियोजन की अवधि या नियोजन के उपयोग के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है|
योजनाओं का लाभ कैसे लें और आवेदन कैसे करे?
योजनाओं का लाभ लेने और आवेदन करने के लिए - सर्वप्रथम लाभ लेने वाली योजना लिए आप पात्र है या नहीं यह सुनिश्चित करे। अगर आप पात्र है तो योजनाक के अनुसार महत्वपूर्ण दस्तावेज अनिवार्य है। जैसे आधार कार्ड , राशन कार्ड , आईडी कार्ड , जाति प्रमाण पत्र बैंक डिटेल्स एवं अन्य। उसके बाद आपको किसी इंटरनेट की दुकान या ग्राहक सेवा केंद्र में जाना होगा। जिसमे उस योजना से सम्बंधित फॉर्म भरा जाता हो। वहाँ जाकर आप दुकानदार से फॉर्म भरने को बोलकर उस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
योजनाओं का उद्देश्य क्या है ?
अपना भारत १९४७ को हुआ। लेकिन आज तक गरीबी पूरी तरीके से कम नहीं हुई और ना हो सकती है। हमारे देश में अलग अलग जाती धर्म के लोग रहते है जिनके कुछ मागास वर्गीय यो कुछ अविकसित छेत्र। इन लोगों जीवन को बेहतर रास्ता मिले साथ ही अपने विकास के साथ साथ देश के विकास के भागीदार बने। योजनाओं का मुख्य उद्देश देश के लोगों का विकास और देश के लोगों को अच्छी सुविधाएं मिले। क्योकि देश के लोग तरक्की करेंगे तभी तो देश तरक्की करेगा। दुनिया तरक्की कर रही है। आधुनिक तंत्रज्ञान का बेहतरीन इस्तेमाल करके अपने क्षेत्र को विकसित कर रहे है। यही विकास का तंत्रज्ञान योजनकों के माध्यम दे प्रदान किया जाता है। ताकि लोग ज़माने की मांग को समजे और अपने जीवन को बेहतर करे।
सरकारी योजना कैसे देखे ?
आप भारतीय है और भारत की सरकारी योजना देखना चाहते है तो आप हमारी वेबसाइट https://newsdeshya.in/section/govt-schemes/ पर देख सकते है। अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए योजना से जुड़े मंत्रालय और वेबसाइट देख सकते है। हमारी वेबसाइट News Deshyahttps://newsdeshya.in/section/govt-schemes/वित्तीय सेवाएं विभाग https://financialservices.gov.in/new-initiatives/schemesस्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालयhttps://main.mohfw.gov.in/hiकृषि और किसान कल्याण मंत्रालयhttps://www.agricoop.nic.in/बिजली मंत्रालयhttps://powermin.gov.in/hiकौशल विकास और उद्यमी मंत्रालयhttps://msde.gov.in/hiइलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयhttps://एमईआईटीवाई.सरकार.भारत/वित्त मंत्रालयhttps://dea.gov.in/hiयुवा मामले और सहायता मंत्रालयhttps://nss.gov.in/hiरसायन और उर्वरक मंत्रालयhttps://chemicals.nic.in/hiमहिला एवं बाल विकास मंत्रालयhttps://wcd.nic.in/hiजल संसाधन मंत्रालयhttp://jalshakti-dowr.gov.in/hiआवास और शहरी मामलों का मंत्रालयhttps://mohua.gov.in/वाणिज्य और उद्योग मंत्रालयhttps://dpiit.gov.in/hiश्रम और रोजगार मंत्रालयhttps://labour.gov.in/hi PM Modi जी ने इस देश का कार्यभार २०१४ से संभालना आरंभ किया। २०१४ से लेकर आज तक जीतनी योजनाए लागु हुई वह सभी योजनाओं की लिस्ट दी गयी है। इस पेज दी गई जानकारी केवल आपके ज्ञान के लिए है। यहां पर किसी भी बात पर अमल करने से पहले इसकी अधिकारिक वेबसाइट पर एक बार जरूर जांच कर लें। हो सकता है की, कोई योजना बंद हो गई हो या चल रही हो लेकिन हमने लिस्ट में ना लिखा हो। आपको यहां पर कोई भी गलती यह कमी पाई जाती है तो हमें Comment के माध्यम से या Contact के माध्यम से बताये। ताकि हम योजनाओं की लिस्ट को अपडेट कर सके। हम तुरंत ही उसे हटा देंगे या सही कर देंगे । यहां पर किसी भी गलती के लिए वेबसाइट जिम्मेदार नहीं है। इस पेज को BookMark करके रखे हम आपको हर दिन दी गयी योजनाओं को विस्तार में जानकारी प्रदान करेंगे।साथ ही यह पोस्ट अपने लोगों को Share करे ताकि वे भी इन योजनाओं का लाभ उठा सके। Read the full article
0 notes
smartinfoservices · 2 years
Text
कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाने में जुटी सरकार
कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाने में जुटी सरकार सरप्लस कपास की कमी के कारण सरकार प्रमुख सुधारों की योजना बना रही है। कपड़ा सचिव यू पी सिंह ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार देश में कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कपास उत्पादन में सुधार करने की तैयारी में है। इसमें कपास की नई किस्म शुरू करने, वृहद सिंचाई को बढ़ाने और कपास की अतिरिक्त लंबी स्टेपल (ईएलएस) किस्म को प्रोत्साहित करने जैसे कई सुधार शामिल है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि कपास की उत्पादकता में साल भर में थोड़ा बदलाव आया है और औसतन 450 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से 500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के बीच है, जबकि 2006-07 में यह 400 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर था। इस बीच, कपास उत्पादकता का वैश्विक औसत 877 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है।
हर साल गिर रहा कपास अधिशेष सिंह ने आगे कहा कि इस साल कपास उत्पादन का अनुमान पिछले कुछ वर्षों की तुलना में कम है। उन्होंने कहा कि कपास का उत्पादन औसतन हर साल 350 से 360 लाख गांठ के बीच होता है, जबकि घरेलू खपत लगभग 300 लाख गांठ होती है। “हमारे पास अधिशेष में 50 से 60 लाख गांठ हुआ करते थे लेकिन अधिशेष हर साल गिर रहा है। इसके अलावा, भारतीय उद्योग को कपास उद्योग के संबंध में 10% मूल्य लाभ था, जो अब नहीं है क्योंकि निकट भविष्य में हमारी खपत उत्पादन से आगे निकल जाएगी।"
ईएलएस है आयातित वस्तुओं में से एक अतिरिक्त लंबे स्टेपल (ईएलएस) किस्म के कपास का हमारा उत्पादन घरेलू बाजार में मांग से कम है और यह आयातित वस्तुओं में से एक है। ऐसे सुझाव हैं कि कपास की ईएलएस किस्म के लिए एक नई श्रेणी शुरू करके एमएसपी तय किया जा सकता है।
बढ़ेगी भारत से कपड़ा मांग कपास उत्पादन भी महत्व रखता है क्योंकि कपड़ा मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो भारत यूके और यूरोपीय संघ जैसे देशों के साथ बातचीत कर रहा है। इसके अलावा, उद्योग के प्रतिनिधियों को उम्मीद है कि संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ हस्ताक्षरित एफटीए के कारण भारत से कपड़ा मांग बढ़ेगी।
ब्रांडिंग करने की आवश्यकता कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों को भारत में कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना चाहिए। निजी क्षेत्र को कॉटन वैल्यू चेन को मजबूत करने के लिए मिशन मोड में काम करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने स्वयं के कपास की ब्रांडिंग करने की आवश्यकता है जो उद्योग से समान योगदान द्वारा अच्छी गुणवत्ता वाला है।
0 notes
breakingnewsfirst · 2 years
Text
1. PAN Card यूजर्स के लिए बड़ी खबर, जल्दी लिंक करें Aadhaar Card अन्यथा देना पड़ेगा हजारों का जुर्माना
2. Bank Holidays January 2022: नए साल में 16 दिन बंद रहने वाले हैं बैंक, पहले ही चेक कर लें छुट्टियों की लिस्ट
3. Gold Price Today: सोने-चांदी के खरीदारों के लिए खुशखबरी, सोना ऑलटाइम हाई से 9512 रुपये सस्ता
4. पीएम मोदी बोले- कांग्रेस ने महत्वपूर्ण योजनाओं को लंबित रखा जिसका खामियाजा उत्तराखंड की जनता को भुगतना पड़ा
5. सेंचुरियन टेस्ट: टीम इंडिया ने जीत के साथ किया साल का अंत, दक्षिण अफ्रीका को 113 रनों से हराया श्रंखला में बनाई 1-0 से बढ़त
6. हल्द्वानी रैली में बोले पीएम मोदी: विपक्ष लूटने में लगा, उत्तराखंड में विकास की गति हमने दी, पुरानी चीजों को सही कर रहा हूं
7. 26 दिसंबर से देश में हर रोज सामने आ रहे कोरोना के 10 हजार केस: स्वास्थ्य मंत्रालय
8. अमित शाह बोले UP में पलायन कराने वालों का हुआ पलायन, योगी सरकार ने अपराधियों का किया सफाया
9. कोरोना प्रतिबंधों पर बोलीं CM ममता-हर जगह पाबंदी लगाने से प्रभावित हो सकती है अर्थव्यवस्था
10. Bank Holiday List January 2022: नए साल जनवरी 2022 में बैंक 16 दिन बंद रहने वाले हैं। इनमें दूसरे व चौथे शनिवार और रविवार की छुट्टियां भी शामिल हैं। इस बार जनवरी 2022 में 5 रविवार पड़ रहे हैं और जनवरी के इस महीने में कई त्योहार जैसे– न्यू ईयर सेलिब्रेशन, मकर संक्रांति, स्वामी विवेकानंद जयंती, गणतंत्र दिवस भी पड़ रहे हैं, जिन पर बैंकों में छुट्टी रहेगी। हालांकि जनवरी माह में देश में हर जगह बैंक 16 दिन बंद नहीं रहेंगे।
11. मीडियाकर्मियों पर फूटा नीतीश का गुस्सा , कहा- ' समाज सुधार से नफरत है तो चले जाइए
12. ममता बनर्जी ने उठाया सख्त कदम, 3 जनवरी से बंगाल में ब्रिटेन से आने वाले विमानों पर रोक
13. हल्द्वानी: पीएम मोदी ने 14 हजार 127 करोड़ रुपए की इन 17 योजनाओं का किया शिलान्यास और लोकार्पण
14. दिल्ली में कपड़ा बाजार बंद, जीएसटी दरों को लेकर कपड़ा व्यापारी नाराज
15. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने आठ राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा
16. CM योगी का सपा पर हमला, बोले- प्रदेश में पहले गुंडागर्दी का मा��ौल था
17. उन्नाव में बोले अमित शाह, सपा - बसपा और कांग्रेस ने कभी पूरे समाज का विकास नहीं किया
18. बढ़ते कोरोना की स्पीड ने बढ़ाई टेंशन , 33 दिन बाद एक दिन में आए 10 हजार से अधिक केस
19. मुंबई में खालिस्तानी आतंकी कर सकते हैं हमला, सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां हुई रद्द
20. जीएसटी सालाना रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 28 फरवरी तक बढ़ी
21. नए साल में केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा तोहफा, 26 हजार हो सकती है न्यूनतम बेसिक सैलरी
22. 1 जनवरी से देश में लागू होंगे ये 7 बड़े बदलाव, जान लें वरना होगा नुकसान
23. यूके से कोलकाता आने वाली सभी उड़ानों पर बैन, बढ़ते कोरोना मामलों के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने लिया फैसला
24. गहलोत का बीजेपी पर हमला - UP में मोदी-शाह जितना प्रचार करेंगे, जीत की संभावना उतनी कम होगी
25. इतिहास में पहली बार कश्मीर में 100 से कम बचे लोकल आतंकी, घाटी में खात्मे की ओर आतंकवाद!
26. एक दिन में कोरोना के 16 लाख केस, 7000 मौतें, अमेरिका-फ्रांस-ब्रिटेन में टूटे सारे रिकॉर्ड
27. शीतलहर ने भारत के इस राज्यों का किया बुरा हाल, जानिए कैसा रहा आपके राज्य के मौसम का हाल
28. पंजाब के कुछ हिस्सों में तथा हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में शीत लहर का असर रहा, जबकि उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शीत लहर का प्रकोप जारी रहेगा।
29. गंगा के तटवर्ती इलाके और तेलंगाना के अधिकांश स्थानों और ओडिशा में कुछ स्थानों पर, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के पर्वतीय क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर तापमान सामान्य से 3.1 डिग्री सेल्सियस से 5.0 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। 
0 notes
ideacitinews · 3 years
Text
Katihar: लॉकडाउन का उल्लंघन के आरोप में पुलिस ने 14 लोगों को लिया हिरासत में वही कपड़े के कई दुकानदारों का शटर उठाकर पुलिस ने लगाया लात घुसे थप्पड़...
Tumblr media
Katihar: जिला में लॉकडाउन उल्लंघन को लेकर कपड़ा दुकानदार के विरोध आम लोगो के द्वारा पुलिस प्रशासन एवं पुलिस को दुकान खोलने की सूचना मिली रही थी कि नगर थाना बड़ा बाजार मे कपड़ा दुकानदार अपनी दुकान चुपके से खोल कर कपड़ा बेच रहे हैं। जिसको लेकर गुरुवार को कटिहार जिला के कटिहार अनुमंडल अधिकारी शंकर शरण ओमी एवं कटिहार एसडीपीओ अमरकांत झा अपने दल बल के साथ कटिहार बाजार में खोली कपड़ा दुकान पहुंचे तो नाही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था, नाही कोई ग्राहक माक्स लगाए हुए थे। वही एसडीपीओ अमरकांत झा एवं एसडीओ शंकर शरण ओमी ने दुकानदार को लात घुसा एवं थप्पड़ों से दुकान को बंद कराते हुए 14 लोगों को हिरासत में लिया है और बाजार को बंद करा दिए हैं। वही पुलिस की कार्रवाई से स्थानीय लोगों ने बहुत ही खुशी की माहौल नजर आ रहे हैं। कार्रवाई को लेकर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल देखे जा रहे हैं। वही रोशना ओ पी क्षेत्र में भी रोशना ओपी अध्यक्ष प्रेम कुमार भारती अपने पुलिस दल वल के साथ लाभा चौक एवं रोशना बाजार मैं खुली दुकानों को बंद कराते नजर आ रहे हैं। गुलाम मुर्तजा की रिपोर्ट Read the full article
0 notes
gujarat-news · 3 years
Text
एमएमएफ और तकनीकी वस्त्र संवर्धन के लिए उत्पाद लिंक प्रोत्साहन योजना
एमएमएफ और तकनीकी वस्त्र संवर्धन के लिए उत्पाद लिंक प्रोत्साहन योजना
[ad_1][og_img]
Tumblr media
सुरत ता। सोमवार 7 दिसंबर 2020 सरकार ने हाल ही में स्थानीय बाजार में चीनी उत्पादों पर निर्भरता को कम करने और मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) और तकनीकी कपड़ा क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए उत्पाद लिंक प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है। नतीजतन, एमएमएफ क्षेत्र में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले सूरत को अधिकतम लाभ मिलने की संभावना है। सरकार द्वारा कुछ दिनों पहले स्थानीय बाजार में कपड़ा…
View On WordPress
0 notes
Text
मन की बात
Tumblr media
मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आज विजयदशमी का त्यौहार है, वह दशहरा है। इस शुभ अवसर पर, आप सभी को हार्दिक बधाई। दशहरे का त्योहार असत्य पर सत्य की विजय में से एक है। लेकिन, साथ ही, यह संकटों पर धैर्य की जीत का त्योहार भी है। आज, आप सभी संयम के साथ चल रहे हैं, संयम के साथ त्योहार मना रहे हैं… और इसलिए, चल रही लड़ाई में, हमारी जीत भी सुनिश्चित है। पहले लोग दुर्गा पंडालों में मां के दर्शन के लिए उमड़ते थे। माहौल लगभग एक कार्निवल का होगा ... लेकिन इस बार यह संभव नहीं था। पहले दशहरा के अवसर पर भव्य मेले हुआ करते थे ... लेकिन वर्तमान समय में, उन्होंने एक अलग रूप धारण कर लिया। रामलीला का त्योहार भी इसके प्रमुख आकर्षणों में से एक था ... लेकिन अब, यह भी कुछ हद तक प्रतिबंधित हो गया है। इससे पहले नवरात्र के दौरान, गुजरात के गरबा के नोट सभी जगह गूंजेंगे… .इस बार सभी भव्य आयोजनों को रद्द कर दिया गया है। आने वाले दिनों में कई और त्यौहार आने वाले हैं। वहाँ ईद, शरद पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, उसके बाद धनतेरस, दिवाली, भाई दूज, चतुर्थी मैय्या की पूजा और गुरु नानक देव जी की जयंती… .. कोरोना के इस संकट से भरे दौर में, हमें धैर्य रखना होगा। , संयम का पालन करें।मित्रों, हमें अपने वीर जवानों के बारे में भी सोचना चाहिए, जो इन त्यौहारों के समय भी, भारत की सेवा और सुरक्षा में, अपनी ड्यूटी के दौरान अपनी सीमाओं पर मजबूती से तैनात रहते हैं। हमें अपने त्योहारों को मन में मनाते हुए मनाना होगा। हमें भारत माता के इन वीर सपूतों और बेटियों के सम्मान में घर में एक दीपक जलाना होगा। मैं अपने बहादुर सैनिकों को यह भी विश्वास दिलाना चाहूंगा कि सीमाओं पर दूर होने के बावजूद, पूरा देश उनके साथ है, उनके लिए शुभकामनाएं। मैं उन परिवारों के बलिदान को भी सलाम करता हूं, जिनके बेटे और बेटियां आज सीमा पर हैं। मैं हर उस व्यक्ति का आभार व्यक्त करता हूं जो घर या परिवार से दूर देश में एक या दूसरे तरीके से कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए होता है।मेरे प्यारे देशवासियो, आज जब हम स्थानीय के लिए मुखर हो रहे हैं, तो पूरी दुनिया भी हमारे स्थानीय उत्पादों का प्रशंसक बन रही है। हमारे कई स्थानीय उत्पादों में वैश्विक बनने की क्षमता है। ऐसा ही एक उदाहरण खादी है। खादी लंबे समय से सादगी का प्रतीक बना हुआ है, लेकिन अब हमारी खादी को इको फ्रेंडली कपड़े के रूप में जाना जा रहा है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह एक बॉडी फ्रेंडली फैब्रिक है, यह एक ऑल वेदर फैब्रिक है और अब यह एक फैशन स्टेटमेंट भी बन गया है।न केवल खादी की लोकप्रियता बढ़ रही है बल्कि दुनिया के कई स्थानों में इसका उत्पादन किया जा रहा है। मेक्सिको में एक जगह है जिसे ओक्साका कहा जाता है, इस क्षेत्र में कई गाँव हैं जहाँ स्थानीय ग्रामीण खादी बुनते हैं। आज इस जगह की खादी को ओक्साका खाडी नाम से लोकप्रियता मिली है। ओक्साका में खादी कैसे पहुंची, यह भी कम दिलचस्प नहीं है। वास्तव में ओक्साका के एक युवा व्यक्ति, मार्क ब्राउन ने एक बार महात्मा गांधी पर एक फिल्म देखी। ब्राउन बापू पर इस फिल्म को देखकर इतने प्रेरित हुए कि उन्होंने भारत में बापू के आश्रम की वंदना की, उन्हें समझा और उनके बारे में गहराई से सीखा। यह तब था, जब ब्राउन ने महसूस किया कि खादी केवल एक कपड़ा नहीं था; यह पूरी तरह से जीवन था। जिस तरह से खादी को ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता के साथ परस्पर जोड़ा गया था, उससे ब्राउन का बहुत गहरा संबंध था। यहीं पर ब्राउन ने मैक्सिको लौटने पर खादी पर काम करने का संकल्प लिया। उन्होंने मेक्सिको में ओक्साका के ग्रामीणों को खादी से परिचित कराया और उन्हें प्रशिक्षित किया। और अब ओक्साका खादी एक ब्रांड बन गया है। इस परियोजना की वेबसाइट शिलालेख of गति में धर्म का प्रतीक ’है। आप इस वेबसाइट पर मार्क ब्राउन का एक बहुत ही दिलचस्प साक्षात्कार भी पा सकते हैं। वह बताते हैं कि शुरू में लोग खादी से सावधान थे लेकिन आखिरकार उन्हें दिलचस्पी हुई और एक बाजार इसके लिए तैयार हो गया। वह कहते हैं कि ये राम राज्य से जुड़े मामले हैं, जब आप लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं, तो लोग आपसे जुड़ने लगते हैं।दोस्तों, इस बार गांधी जयंती पर दिल्ली के कनॉट प्लेस में खादी की दुकान पर एक दिन में एक करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी हुई। इसी तरह कोरोना के दौरान खादी मास्क भी बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। स्वयं सहायता समूह और इस तरह के अन्य संस्थान देश के कई स्थानों पर खादी मास्क बना रहे हैं। उ.प्र। के बाराबंकी में एक महिला सुमन देवी जी हैं। सुमन जी, एक स्वयं सहायता समूह के अपने दोस्तों के साथ मिलकर खादी मुखौटे बनाने लगीं।धीरे-धीरे अधिक से अधिक महिलाएं उससे जुड़ने लगीं और अब वे हजारों खादी मुखौटे तैयार कर रही हैं। हमारे स्थानीय उत्पादों में यह सुंदरता है कि अक्सर उनमें एक पूर्ण दर्शन निहित होता है।मेरे प्यारे देशवासियों, जब हम अपनी चीजों पर गर्व करते हैं, तो उनके आसपास की दुनिया की जिज्ञासा भी बढ़ती है - जैसे हमारी आध्यात्मिकता, योग, आयुर्वेद ने पूरी दुनिया को आकर्षित किया है। हमारे कई स्वदेशी खेल भी दुनिया का ध्यान आकर्षित करते हैं। आजकल हमारे मल्लखंभ भी कई देशों में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। जब चिन्मय पाटनकर और प्रज्ञा पाटनकर ने मल्लखंभ को अमेरिका में अपने घर से बाहर पढ़ाने का फैसला किया, तो उन्हें कम ही पता था कि यह कितना सफल होगा। मल्लखंभ प्रशिक्षण केंद्र पूरे अमेरिका में कई स्थानों पर चल रहे हैं। मलखंभ में बड़ी संख्या में अमेरिकी युवा शामिल हो रहे हैं और सीख रहे हैं। यह जर्मनी, पोलैंड या मलेशिया हो - मल्लखंभ लगभग 20 अन्य देशों में लोकप्रिय हो रहा है। और अब, इसकी विश्व चैम्पियनशिप भी शुरू की गई है जो कई देशों के प्रतिभागियों को देखती है। प्राचीन भारत में कई ऐसे खेल थे जो अपने भीतर असाधारण वृद्धि लाते थे - वे हमारे दिमाग और शरीर के संतुलन को नए आयाम देते हैं। हालाँकि, शायद नई पीढ़ी के हमारे युवा मित्र मल्लखंभ से परिचित नहीं हैं। इंटरनेट पर इसके बारे में अधिक खोज करें और अपने लिए देखें।दोस्तों, हमारे देश में मार्शल आर्ट के कई रूप हैं। मैं चाहूंगा कि हमारे युवा मित्र उनके बारे में और जानें और समय के साथ उनमें नवाचारों को लाएं। जब किसी के जीवन में बड़ी चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ता है, तो सबसे अच्छा व्यक्तित्व भी सतह पर नहीं आता है - इसलिए हमेशा अपने आप को चुनौती देते रहें।मेरे प्यारे देशवासियो, यह कहा जाता है कि शिक्षा बढ़ रही है। आज मैं मन की बात में आपको एक ऐसे व्यक्ति से मिलवाऊँगा, जिसके पास एक उपन्यास का जुनून है। यह दूसरों के साथ पढ़ने और लिखने की खुशियाँ साझा करने का जुनून है। वह तमिलनाडु के थूथुकुडी से पोन मरियप्पन हैं। थूथुकुडी को पर्ल सिटी के नाम से भी जाना जाता है। एक बार यह पांडियन साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। इस शहर पोन मैरियप्पन के मेरे मित्र बाल काटने के पेशे से जुड़े हैं और एक सैलून चलाते हैं। एक बहुत छोटा सैलून। उन्होंने एक अनुकरणीय और प्रेरक कृति की है। उन्होंने अपने सैलून के एक छोटे से हिस्से को लाइब्रेरी में बदल दिया है। यदि कोई ग्राहक, अपनी बारी का इंतजार करते हुए, लाइब्रेरी से कुछ पढ़ता है और उस पर लिखता है, तो पोन मैरियप्पन, उसे छूट प्रदान करता है… ..तो क्या यह घुसपैठ नहीं है?आओ चलें थुकुकुड़ी जाते हैं ... पोन मरियप्पन जी से बात करते हैंमध्याह्न के बाद पोन मरिय्यपन जी वन्नामक, आप कैसे हैं?पोन: सम्मानित प्रधानमंत्री, वनक्कमपी। एम: वनक्कम वानाकम, आपको इस पुस्तकालय का विचार कैसे आया?पोन मरियप्पन: मैंने 8 वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। पारिवारिक परिस्थितियों के कारण मैं अपनी पढ़ाई को आगे नहीं बढ़ा सका। जब मैं पढ़े-लिखे लोगों को देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मेरे अंदर कुछ है। इसलिए, मैंने सोचा कि क्यों न एक पुस्तकालय स्थापित किया जाए, जिससे बहुत से लोगों को लाभ हो, यह मेरे लिए प्रेरणा बन गया।प्रधान मंत्री: आपको कौन सी पुस्तक बहुत पसंद है?पोन मरियप्पन: 'थिरुक्कुरल' मुझे बहुत प्रिय है।प्रधान मंत्री: मुझे आपसे बात करके बहुत खुशी हुई। आपको शुभकामनायें।पोन मरियप्पन: मैं भी सम्मानित प्रधानमंत्री से बात करते हुए बेहद खुश महसूस कर रहा हूं।प्रधान मंत्री: शुभकामनाएंपोन मरियप्पन: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी।प्रधान मंत्री: धन्यवाद।हमने सिर्फ पोन मरियप्पन जी से बात की। देखें कि वह लोगों के बाल कैसे पहनते हैं, वह उन्हें अपने जीवन को भी संवारने का अवसर देता है। तिरुक्कुरल की लोकप्रियता के बारे में जानकर अच्छा लगा। आप सभी ने भी तिरुक्कुरल की लोकलुभावनता के बारे में सुना होगा। आज, तिरुक्कुरल भारत की सभी भाषाओं में उपलब्ध है। एक अवसर को देखते हुए, इसे अवश्य पढ़ना चाहिए। एक तरह से यह जीवन के लिए मार्गदर्शक है।दोस्तों, लेकिन आपको यह जानकर खुशी होगी कि पूरे भारत में कई लोग ऐसे हैं जिन्हें ज्ञान प्राप्त करने की अपार खुशी मिलती है। ये ऐसे लोग हैं जो हमेशा सभी को अध्ययन के लिए प्रेरित करने के लिए उत्सुक रहते हैं। मध्य प्रदेश के सिंगरौली की एक शिक्षिका उषा दुबे जी ने वास्तव में एक स्कूटी को मोबाइल लाइब्रेरी में बदल दिया है। हर दिन वह किसी न किसी गाँव में जाती है और अपनी मोबाइल लाइब्रेरी में जाती है और वहाँ बच्चों को पढ़ाती है। बच्चे प्यार से उसे lov किटबोन वली दीदी ’कहते हैं, जो किताबों की बड़ी बहन है। इस साल अगस्त में, अरुणाचल प्रदेश के निरजुली में रेओ गाँव में, एक सेल्फ हेल्प लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। वास्तव में, जब इस गाँव से मीना गुरुंग और देवांग होस्वाई को पता चला कि उस क्षेत्र में कोई पुस्तकालय नहीं था, तो उन्होंने इसके वित्त पोषण के लिए हाथ बढ़ाया। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस पुस्तकालय के लिए कोई सदस्यता नहीं है। कोई भी दो सप्ताह के लिए किताबें उधार ले सकता है। एक को पढ़ने के बाद उन्हें वापस करना होगा। यह पुस्तकालय पूरे सात दिन, 24 घंटे खुला रहता है। आसपास के माता-पिता काफी खुश हैं कि उनके बच्चे किताबें पढ़ने में व्यस्त हैं ... खासकर जब स्कूल भी ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर चुके हैं। चंडीगढ़ में, एक एनजीओ चलाने वाले संदीप कुमार ने एक मिनी वैन में एक मोबाइल लाइब्रेरी स्थापित की है, जिसके माध्यम से गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ने के लिए किताबें दी जाती हैं। इसके साथ ही मैं गुजरात के भाव नगर में दो संगठनों को जानता हूं जो अद्भुत कार्य कर रहे हैं। इनमें से एक है विकास वर्तुल ट्रस्ट। यह संगठन उन छात्रों के लिए बहुत मददगार है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। यह ट्रस्ट 1975 से काम कर रहा है और 5000 पुस्तकों के साथ 140 पत्रिकाएं प्रदान करता है। । पुस्ताक परब ’एक ऐसा ही संगठन है। यह एक अभिनव परियोजना में, जो अन्य पुस्तकों के साथ-साथ साहित्यिक पुस्तकें भी मुफ्त में प्रदान करती है। इस पुस्तकालय में, आध्यात्मिकता, आयुर्वेदिक उपचार और कई अन्य विषयों से संबंधित पुस्तकें भी शामिल हैं। यदि आप इस तरह की अन्य पहलों से अवगत हैं, तो मैं आपसे निश्चित रूप से सोशल मीडिया पर साझा करने का आग्रह करता हूं। ये उदाहरण केवल किताबें पढ़ने या पुस्तकालय खोलने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि न्यू इंडिया की उस भावना के भी प्रतीक हैं, जहां हर क्षेत्र में, हर क्षेत्र के लोग समाज के विकास के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। गीता में इसका उल्लेख किया गया है-न हि ज्ञानेन सदाश्यामं पविरामिह विदेहते।मेरे प्यारे देशवासियो, कुछ दिनों में हम सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती, 31 अक्टूबर को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाएंगे। इससे पहले भी हम मन की बात में सरदार पटेल पर विस्तार से बात कर चुके हैं। हमने उनके महान व्यक्तित्व के कई आयामों के बारे में बात की है। आप कुछ ऐसे लोगों के बीच आएंगे जिनके व्यक्तित्व में बहुत सारे तत्व हैं- विचारों की गहराई, नैतिक साहस, राजनीतिक प्रतिभा, कृषि के क्षेत्र के गहन ज्ञान और राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता की भावना। क्या आप एक बात जानते हैं जो सरदार पाटे की हास्य की भावना को दर्शाता है? लौह-पुरुष की छवि की कल्पना करें, जो राजाओं और राजघरानों के साथ एक साथ बातचीत कर रहा था, श्रद्धेय बापू के जन आंदोलनों का प्रबंधन कर रहा था, और अंग्रेजों के खिलाफ भी लड़ रहा था ... और इन सभी में उनका हास्य भी पूर्ण रूप में था। बापू ने कहा था कि सरदार पटेल के मजाकिया भोज ने उन्हें इतना हंसाया कि उन्हें पेट में ऐंठन होने लगी। ऐसा सिर्फ एक बार नहीं बल्कि दिन में कई बार हुआ। इसमें हमारे लिए भी एक सबक है ... चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ क्यों न हों, अपनी समझदारी को जीवित रखें, इससे न केवल हमें आसानी होगी; हम अपनी समस्याओं का समाधान खोजने में सक्षम होंगे। यह वही है जो सरदार साहब ने किया था।मेरे प्रिय देशवासियों, सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकता के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के साथ भारतीय जनता को एकीकृत किया। उन्होंने किसानों के मुद्दों को स्वतंत्रता के साथ जोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने हमारे राष्ट्र के साथ रियासतों के एकीकरण के लिए काम किया। वह प्रत्येक भारतीय के मन में ’अनेकता में एकता’ के मंत्र का आह्वान कर रहा था।दोस्तों, आज हमारे भाषण, हमारे असर और हमारे कार्यों के माध्यम से, हर पल हमें मूल्यों के पूरे स्पेक्ट्रम को आगे ले जाना है जो हमें एकजुट करते हैं ... ताकि एक हिस्से में रहने वाले नागरिक के मन में सहजता और अपनेपन का भाव उत्पन्न हो। दूसरे में रहने वाले नागरिक के लिए देश। हमारे पूर्वजों ने सदियों से लगातार ये प्रयास किए हैं। अब, उदाहरण के लिए परम पावन आदि शंकराचार्य का जन्म केरल में हुआ था और उन्होंने भारत के चारों दिशाओं में चार महत्वपूर्ण मठ स्थापित किए ... उत्तर में बद्रीकाश्रम, पूर्व में पुरी, दक्षिण में श्रृंगेरी और पश्चिम में द्वारका। उन्होंने श्रीनगर की यात्रा भी की और यही कारण है, एक 'शंकराचार्��� हिल' वहां मौजूद है।मतलब, इस दुनिया में ज्ञान जैसा पवित्र कुछ भी नहीं है। जो लोग ज्ञान का प्रसार करते हैं, जो इस तरह की महान पहल करते हैं, मैं ऐसे सभी महान लोगों की सराहना करता हूं, जो मेरे दिल में हैं।तीर्थयात्रा अपने आप में भारत को एक आम सूत्र में पिरोती है; ज्योतिर्लिंगों और शक्तिपीठों की श्रृंखला भारत को आम सूत्र से बांधती है। त्रिपुरा से लेकर गुजरात और जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक स्थापित हमारे आस्था के केंद्र हमें एक करते हैं। भक्ति आंदोलन, भक्ति, भक्ति के माध्यम से हमें एकजुट करते हुए पूरे भारत में एक जन आंदोलन बन गया। एकता की ताकत वाले तत्वों को हमारे जीवन में दिन प्रतिदिन आत्मसात किया गया। हमारे देश की विभिन्न नदियाँ दक्षिण भारत की जीवन रेखा, कावेरी के उत्तर में सुदूर उत्तर में स्थित सिंधु से लेकर प्रत्येक अनुष्ठान से पहले मंगाई जाती हैं। अक्सर हमारे देश में लोग पवित्र मान्यता के साथ स्नान करते हुए या जप करते हैं, एकता का मंत्र:गंगेचित्यमुनेच्यते गोदावरी सरस्वती।नर्मदे सिंधु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरुइसी तरह, सिखों के पवित्र स्थलों में 'नांदेड़ साहिब' और 'पटना साहिब' गुरुद्वारे शामिल हैं। हमारे सिख गुरुओं ने भी अपने जीवन और महान कार्यों के माध्यम से एकता की भावना को समृद्ध किया है।पिछली सदी में, हमारे देश में, हमारे पास डॉ। बाबासाहेब अम्बेडकर जैसे दिग्गज थे जिन्होंने संविधान के माध्यम से हम सभी के बीच एकता स्थापित की।दोस्त,एकता शक्ति है, एकता शक्ति है,एकता प्रगति है, एकता सशक्तिकरण है,संयुक्त हम नई ऊंचाइयों को मापेंगेहालाँकि, ऐसी शक्तियाँ भी रही हैं जो लगातार हमारे मन में संदेह के बीज बोने की कोशिश करती हैं, और देश को विभाजित करने की कोशिश करती हैं। देश ने भी हर बार इन कुत्सित इरादों का करारा जवाब दिया है। हमें अपनी रचनात्मकता और प्रेम के माध्यम से निरंतर प्रयास करना है और अपने छोटे-छोटे कार्यों में भी 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के सुंदर रंगों को सामने लाना है! एकता के नए रंग भरने होंगे और प्रत्येक नागरिक को उन्हें भरना होगा। इस संदर्भ में, मैं आप सभी से एक वेबसाइट - ekbharat.gov.in पर जाने का आग्रह करता हूं। यह वेबसाइट हमारे राष्ट्रीय एकीकरण के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए किए गए हमारे कई प्रयासों को प्रदर्शित करती है। इसमें एक दिलचस्प कोना भी है- दिन के लिए वाक्य। इस खंड में, हम हर दिन विभिन्न भाषाओं में एक वाक्य बोलना सीख सकते हैं। आप इस वेबसाइट में भी योगदान कर सकते हैं, उदाहरण के लिए हर राज्य और इसकी संस्कृति में विभिन्न प्रकार के व्यंजन हैं। ये व्यंजन विशेष स्थानीय सामग्रियों से बने होते हैं जिनमें अनाज और मसाले होते हैं। क्या हम the एक भारत श्रेष्ठ भारत ’वेबसाइट पर इन स्थानीय खाद्य पदार्थों की रेसिपी को स्थानीय सामग्रियों के नाम के साथ साझा कर सकते हैं?एकता और प्रतिरक्षा का प्रचार करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है! दोस्तों, इस महीने की ३१ तारीख को, मेरे पास केवडिया में ऐतिहासिक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास और आसपास आयोजित होने वाले कई कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर होगा ... इनसे जुड़ें।मेरे प्यारे देशवासियो, 31 अक्टूबर को हम 'वाल्मीकि जयंती' भी मनाएंगे। मैं महर्षि वाल्मीकि के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करता हूं और इस विशेष अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। महर्षि वाल्मीकि के उदात्त आदर्श लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं और उन्हें शक्ति प्रदान करते हैं। वह करोड़ों वंचितों और दलितों के लिए बहुत आशा की किरण हैं ... उनके भीतर आशा और विश्वास पैदा करता है। वह कहते हैं कि अगर किसी में इच्छा शक्ति है, तो कोई भी आसानी से कुछ भी हासिल कर सकता है। यह वह इच्छा शक्ति है, जो कई युवाओं को असाधारण चीजें करने की ताकत प्रदान करती है।महर्षि वाल्मीकि ने सकारात्मक सोच पर जोर दिया - उनके लिए, सेवा की भावना और मानवीय गरिमा का अत्यधिक महत्व था। महर्षि वाल्मीकि का आचरण, विचार और ��दर्श एक नए भारत के लिए हमारे संकल्प की प्रेरणा और मार्गदर्शक शक्ति हैं। हम भविष्य की पीढ़ियों का मार्गदर्शन करने के लिए रामायण जैसे महाकाव्य की रचना करने के लिए महर्षि वाल्मीकि के हमेशा आभारी रहेंगे।31 अक्टूबर को हमने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती को खो दिया। इंदिरा गांधी। मैं सबसे अधिक सम्मानपूर्वक उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।मेरे प्यारे देशवासियों, आज कश्मीर में पुलवामा पूरे देश को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज, जब पूरे देश में बच्चे अपना होमवर्क करते हैं, या नोट्स तैयार करते हैं, इसके पीछे कहीं न कहीं पुलवामा के लोगों की मेहनत निहित है! कश्मीर घाटी पूरे देश के पेंसिल स्लैट्स, लकड़ी के आवरणों की लगभग 90% मांग को पूरा करती है, और इसमें से एक बहुत बड़ा हिस्सा पुलवामा से आता है। एक बार हम विदेशों से पेंसिल के लिए लकड़ी का आयात करते थे, लेकिन, अब हमारा पुलवामा देश को पेंसिल बनाने के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रहा है। वास्तव में, पुलवामा के ये पेंसिल स्लैट्स राज्यों के बीच अंतराल को कम कर रहे हैं! घाटी की चिनार की लकड़ी में उच्च नमी की मात्रा और कोमलता है, जो इसे पेंसिल के निर्माण के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है। पुलवामा में, ओखू को पेंसिल गांव के रूप में जाना जाता है। यहां, पेंसिल स्लैट्स की कई विनिर्माण इकाइयां स्थित हैं, जो रोजगार प्रदान करती हैं, और इन इकाइयों में बड़ी संख्या में महिलाएं कार्यरत हैं।दोस्तों, पुलवामा को यह पहचान तब मिली जब इस जगह के लोगों ने कुछ नया करने का फैसला किया, जोखिम लिया और खुद को इसके प्रति समर्पित कर दिया। ऐसे ही एक मनोरंजक व्यक्ति हैं मंज़ूर अहमद अलाई। इससे पहले, मंज़ूर भाई एक साधारण कर्मकार थे, जो लकड़ी काटने के काम में शामिल थे। मंज़ूर भाई कुछ नया करना चाहते थे ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियों को गरीबी में न रहना पड़े। उन्होंने अपनी पैतृक भूमि बेच दी और Apple लकड़ी के बक्से के निर्माण के लिए एक इकाई की स्थापना की। वह अपने छोटे से व्यवसाय में लगे हुए थे जब उन्हें पता चला कि चिनार की लकड़ी का इस्तेमाल चिनार की लकड़ी के निर्माण में किया जा रहा है। यह जानकारी मिलने के बाद, मंज़ूर भाई ने अपनी उद्यमशीलता की भावना को दिखाया और कुछ प्रसिद्ध पेंसिल निर्माण इकाइयों को पॉपलर लकड़ी के बक्से की आपूर्ति शुरू की। मंज़ूर जी ने इसे बेहद लाभदायक पाया और उनकी आय में उसी समय वृद्धि हुई। समय बीतने के साथ, उन्होंने पेंसिल स्लेट निर्माण मशीनरी खरीदी और देश की कुछ बड़ी कंपनियों को पेंसिल स्लैट्स की आपूर्ति शुरू कर दी। आज, इस व्यवसाय से मंज़ूर भाई का कारोबार करोड़ों में है और लगभग दो सौ लोगों की आजीविका का साधन है। आज, मैं मन की बात के माध्यम से, सभी देशवासियों की ओर से, मंज़ूर भाई और अपने परिवार के साथ पुलवामा के उद्यमी भाइयों और बहनों की सराहना करते हैं - आप सभी हमारे देश के युवा दिमाग को शिक्षित करने में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं।मेरे प्यारे देशवासियों, लॉकडाउन के दौरान, देश में प्रौद्योगिकी आधारित सेवा वितरण के कई उदाहरणों की खोज की गई थी और ऐसा नहीं है कि केवल बड़ी तकनीक और लॉजिस्टिक कंपनियां ही इसके लिए सक्षम हैं। झारखंड में महिलाओं के एक स्वयं सहायता समूह ने यह उपलब्धि हासिल की है। इन महिलाओं ने किसानों के खेतों से सीधे सब्जियों और फलों को घरों तक पहुंचाने का काम किया। इन महिलाओं को एक ऐप Fresh अजिविका फार्म फ्रेश ’डिजाइन किया गया जिसके जरिए लोग सीधे सब्जियों को अपने घरों में पहुंचाने का आदेश दे सकते हैं। इस पहल के माध्यम से, किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित किया गया और खरीदारों के लिए ताजी सब्जियां भी उपलब्ध थीं। Idea अजिविका फार्म फ्रेश ’ऐप का यह विचार वहां बहुत लोकप्रियता हासिल कर रहा है - तालाबंदी के दौरान उनके द्वारा 50 लाख से अधिक मूल्य के फल और सब्जियां वितरित की गईं। दोस्तों, कृषि क्षेत्र में उभरती संभावनाओं के साथ, अधिक से अधिक युवा अब इस क्षेत्र में खुद को उलझा रहे हैं। मध्य प्रदेश के बड़वानी के अतुल पाटीदार ने डिजिटल माध्यम से अपने क्षेत्र में चार हजार किसानों को जोड़ा है। अतुल पाटीदार के ई-प्लेटफॉर्म फार्म कार्ड के माध्यम से, किसानों को अब कृषि - जैसे खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदनाशक आदि होम डिलेवरी की सुविधा मिल पा रही है - किसानों को उनके घर के दरवाजे पर ही जरूरत है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किराए पर आधुनिक कृषि उपकरण भी उपलब्ध हैं। लॉकडाउन के दौरान भी, कपास और सब्जियों के बीज वाले हजारों पैकेटों को इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया गया। अतुल जी और उनकी टीम किसानों को तकनीकी जानकारी देने का काम कर रही है और उन्हें ऑनलाइन भुगतान और खरीद के बारे में भी सिखा रही है.दोस्तों, हाल ही में, महाराष्ट्र की एक घटना ने मेरा ध्यान खींचा। वहां, एक किसान उत्पादक कंपनी ने मकई उत्पादक हार्वेस्टर से मकई की खरीद की। इस बार, कंपनी ने न केवल मकई की लागत का भुगतान किया, बल्कि इसके साथ एक अतिरिक्त बोनस भी दिया। यह किसानों के लिए सुखद आश्चर्य था। जब कंपनी से ऐसा ही पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा तैयार किए गए नए फार्म विशिष्ट कानूनों के तहत, किसान देश के किसी भी हिस्से में अपनी उपज बेचने में सक्षम हैं और उसी के लिए अच्छे दाम मिल रहे हैं। इस प्रकार, कंपनी ने किसानों के साथ अपने अतिरिक्त मुनाफे को साझा करने के बारे में सोचा। किसानों को इसका अधिकार था और इसलिए उनके साथ बोनस साझा किया गया था। दोस्तों, बोनस राशि छोटी हो सकती है लेकिन यह पहल बड़ी है। इसके माध्यम से, हमें पता चलता है कि जमीन पर, नए कृषि कानून किसानों के पक्ष में संभावनाओं से भरे हैं।एकता शक्ति है, एकता ताकत है: मन की बात के दौरान पीएम मोदी.मेरे प्यारे देशवासियों, आज की मन की बात में, मुझे अपने देशवासियों, देश और हमारी परंपराओं के पहलुओं को असाधारण रूप से सामने लाने का अवसर मिला है। हमारा देश प्रतिभाशाली लोगों से भरा है। यदि आप भी किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में जानते हैं, तो उनके बारे में बोलें और लिखें और उनकी उपलब्धियों को साझा करें। आने वाले त्योहारों के लिए आपको और आपके परिवार को मेरी शुभकामनाएं। हालांकि, त्योहारों के दौरान याद रखें और भी बहुत कुछ करें - अपने मुखौटे पहनें, अपने हाथों को साबुन से धोते रहें और दो गज की दूरी बनाए रखें। दोस्तों, हम अगले महीने के मन की बात में फिर से बोलेंगे।बहुत बहुत शुक्रिया।
0 notes
shaileshg · 4 years
Link
Tumblr media
खबर पांच सितंबर 2020 की है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट 2023 डेडलाइन के तहत पूरा नहीं होगा। भारत की यह पहली महत्वाकांक्षी योजना है। उसी दिन की खबर है कि जो जापानी कंपनियां चीन से निकलकर भारत आएंगी। उन्हें जापान सरकार सब्सिडी देगी। एक दिन पहले खबर थी कि कपड़ा बनाने वाली कंपनियां, चीन से भारत आएंगी।
जापान के आर्थिक-व्यापार व उद्योग मंत्रालय की घोषणा आई कि जापान, भारत व बांग्लादेश को विशिष्ट सूची में रख रहा है। इस घोषणा के बाद अब टोक्यो की नजर है कि भारत इस अवसर का कितना लाभ उठाता है? विशेषज्ञ कहते हैं इससे सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इस जापानी फैसले से भारत के केमिकल, फूड प्रोसेसिंग उद्योग को भारी लाभ हो सकता है।
इसी तरह तमिलनाडु का तिरुपुर है, कपड़ा उद्योग का मुख्य केंद्र। वहां एसपी एपेरल्स के एमडी सुंदर राजन कहते हैं कि चीन से कपड़ा उद्योग की कंपनियां आ रही हैं। पर हमें श्रम शक्ति व सरकार से इंफ्रास्ट्रक्चर व वित्तीय क्षेत्र में भरपूर मदद चाहिए, ताकि अवसर का लाभ मिल सके। तिरुपुर गारमेंट्स एक्सपोर्ट पिछले साल मार्च तक 26 हजार करोड़ था।
2020 मार्च में कोरोना में घटकर 25 हजार करोड़ हुआ। इस शहर में कुल छह लाख श्रमिक हैं। यह एक शहर के कपड़ा उद्योग का ब्योरा है। भारत में इस नीति से लाभ पाने वाले अनेक ऐसे शहर हैं। ये खबरें पढ़कर जापान यात्रा की स्मृति उभरी। एक संसदीय दल के साथ 2019 में जापान जाना हुआ।
जापान में विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी मिले। उन्होंने बताया कि जापानियों की पहली पसंद भारत है। अत्यंत मामूली सूद पर बड़ी पूंजी भारत में जापानी कंपनियां लगाना चाहती हैं। पूछा, फिर अड़चन कहां है? उनका जवाब था, जापानी व्यक्ति ���र चरित्र विशिष्ट है।
भारत के संदर्भ में उनका व्यावहारिक अनुभव कटु है। महाराष्ट्र का ही हवाला दिया कि कुछ दशकों पहले कुछ प्रोजेक्ट जापान के सहयोग से राज्य में शुरू हुए। काफी समय गुजर जाने के बाद भी पूरे नहीं हुए। काम की प्रगति के प्रति जापानी सोच-संस्कृति अलग है। तय समय सीमा के तहत प्रोजेक्ट समापन।
पांच वर्ष का प्रोजेक्ट 10-20 वर्ष तक लटका रहे, यह गणित वे समझ नहीं पाते। भारतीय कामकाज की संस्कृति, जापानियों के लिए शॉकिंग होती है। जापान में तैनात विदेश सेवा के भारतीय अधिकारी ने कहा- यही मूल कारण है कि हम जापान की सस्ती पूंजी व तकनीक का लाभ नहीं उठा पाते।
इसके ठीक उलट चीन का अनुभव है। अविकसित चीन, विकसित कैसे बना? रोचक प्रसंग है। 1978 में चीन के विशिष्ट नेता ‘देंग’ जापान गए। चीन के ‘आधुनिकीकरण’ का सपना लेकर। इसके पहले तक जापान और चीन की शत्रुता संसार जानता था। देंग एक सप्ताह जापान में रहे। दो देशों के बीच ऐतिहासिक ‘चीन-जापान शांति मित्रता’ करार किया। अतीत के अप्रिय व कटु इतिहास को भुलाकर, सम्राट हीरो हीटो से मिले।
जापान ने दूसरे महायुद्ध के बाद, 40 वर्षों के अंदर जिस तरह कायापलट किया था, देंग उस जापानी उत्कर्ष को देखकर अति प्रभावित थे। वह बड़ी तैयारी से जापान गए थे। उनकी शॉपिंग लिस्ट में था, चीन को इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार में दुनिया का श्रेष्ठ मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनाना।
मस्तुशिष्टा इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्री क्षेत्र गए, जहां पैनासोनिक प्लांट था। वहां कंपनी के संस्थापक 85 वर्षीय कोनोसुके मस्तुशिष्टा साथ थे। वहां उन्होंने देखा टेलीविजन सेट, वीडियो रिकॉर्डिंग वगैरह कैसे असेंबल होते हैं। ऑटोमेटिक। उन्होंने कहा, चीन को जरूरत है इस विदेशी ‘नो हाउ’ और निवेश की। मस्तुशिष्टा ने कहा, मैं आपकी मदद के लिए सर्वश्रेष्ठ कोशिश करूंगा। आठ माह बाद वह चीन सरकार के अतिथि थे।
संयुक्त करार हुआ। 250 विशिष्ट चीनी कारीगर प्रशिक्षण के लिए जापान भेजे गए। इसके बाद का इतिहास दुनिया में विकास के क्षेत्र में चमत्कार माना जाता है। चीन पैनासोनिक कंपनी का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बना। ऐसे अनेक प्रयास चीन ने किए। तब चीन मैन्युफैक्चरिंग में आज की स्थिति में पहुंचा।
1978 की उसी यात्रा में जापानी बुलेट ट्रेन ने देंग का मन मोह लिया। उनका संकल्प उपजा कि चीन समयबद्ध बुलेट ट्रेन लगाएगा। याद रखिए 78 तक भारतीय रेल, चीन से बेहतर स्थिति में थी। भारत का जीडीपी चीन के बराबर था। चीन ने वहीं से करवट बदली। अपनी कार्यसंस्कृति बदलकर। करार के प्रति प्रतिबद्ध होकर।
इस संदर्भ में, भारत के पहले बुलेट ट्रेन का समय से पूरा न होने की खबर पढ़ी। तेजी से बदलती पूरी दुनिया में सस्ती पूंजी या ‘नो हाउ’ की मांग है। पर समय, पूंजी और बाजार किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। भारत के लिए भी कोई प्रतीक्षा नहीं करेगा, अगर हम खुद चौकस या तत्पर नहीं होंगे। सही है कि राज्य सरकारों का अपना राजनीतिक एजेंडा है। पर विकास पर समझौता, भावी पीढ़ी और देश के साथ अन्याय है। सरकारें आएं या जाएं पर बेहतर भविष्य, राजनीति का विषय न रहे। (ये लेखक के अपने विचार हैं)
��ज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Tumblr media
हरिवंश, राज्यसभा के उपसभापति
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35KnliD via IFTTT
0 notes
lokhitexpress · 4 years
Photo
Tumblr media
मास्क न पहनने के चलते किए 14 लोगों के चालान।  अम्बाला, ( सुखविंदर सिंह ) सरकारी आदेशों की अनुपालना में नगर निगम अम्बाला शहर की टीम द्वारा आज अम्बाला शहर क्षेत्र में मास्क न पहनने के कारण चालान करने के लिए टीम को हिदायत दी गई कि यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क के पाया जाता है तो उसका मौके पर ही चालान काटा जायेगा। इन्हीं आदेशों के तहत दुर्गा नगर, मानव चौक, सैक्टर 9, जंडली, प्रेम नगर, कपड़ा मार्किट, जैन बाजार, सर्राफा बाजार, बस स्टैंड अम्बाला शहर के पास मास्क न पहनने के कारण कुल 14 चालान काटे गये और जन साधारण को समझाया गया कि वे मास्क पहनकर रखें, सामाजिक दूरी बनाकर रखें तथा सैनीटाईज भी करते रहें। नगर निगम द्वारा इसके तहत मुनियादी भी करवाई जा रही है कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के न रहे और आदेशों की अनुपालना करे अन्यथा उचित कार्रवाई की जायेगी।
0 notes
predictionpoin-blog · 4 years
Photo
Tumblr media
59 सालो बाद बन रहा शनि जयंती के दिन चतुर्थ ग्रही संयोग, 22 मई के दिन सिर्फ शनि जयंती ही नहीं ब्लकि ब्रम्हांड मे चार ग्रहो का अद्भुत संयोग भी 59 सालो बाद बन रहा है, यह संयोग कुल मिलाकर शुभ है जिसमें सूर्य, बुद्ध, शुक्र और चंद्र वृषभ राशि में गोचर करेंगे, आजाद भारत के राशि कर्क के हिसाब यह संयोग एकादश भाव में बन रहा जो कि एक अच्छा संकेत है, सूर्य कृतिका नक्षत्र मे विराजमान है वही चंद्र रोहिणी नक्षत्र में स्थित है तथा बुद्ध और शुक्र मृगशिरा नक्षत्र में है यह स्थिति शुभता को बढ़ा देती है, चूंकि चंद्र, शुक्र, बुद्ध एक दूसरे के बहुत करीब गोचर कर रहे हैं अतः मुख्यतः इन संयोग का प्रभाव ज्यादा रहेगा जबकि सूर्य इनसे अपेक्षाकृत दुर है अतः सूर्य का प्रभाव इस संयोग मे कम रहेगा बुद्ध, शुक्र, चंद्र के इस युति को कालनिधि योग भी कहते हैं अलग अलग क्षेत्र मे इसका प्रभाव अलग अलग रहेगा शेयर बाजार पर प्रभाव, ये अद्भुत संयोग शेयर बाजार मे फिर से रौनक बढ़ा सकता है, बैंक सेक्टर, कपड़ा उद्योग, फैशन उद्योग, दवा उद्योग के लिए, डिजिटल मार्केट, बीमा जगत, फाइनेंस जगत से जुड़े शेयर के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है!! फिल्म उद्योग पर प्रभाव, फिल्म उद्योग, अभिनय से जुड़े लोगों के लिए भी यह योग अच्छा है फिल्म जगत में फिर से रौनक लौटती हुई नजर आ सकती है! सरकार की गतिविधि पर प्रभाव, सरकार के लिए यह योग बेहतर साबित हो सकता है, काम मे तेजी आ सकती है, अन्य देशों से सहयोग मिल सकता है, व्यापार में रौनक लौटने के कारण सरकार के खजाने में भी बढ़ोतरी हो सकती है, पूरे देश के व्यापार में इजाफा देखने को मिलेगा, सोना चांदी भी माध्यम गति से कारोबार करेंगे, सोने मे 28 मई तक तेजी दिखाई देगी, आयकर के क्षेत्रः मे नए नियम कानून आ सकते हैं!! कोरोना वायरस पर प्रभाव, कोरोना पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं दिखेगा, ब्लकि कोरोना के मामले मे इजाफा देखने को मिलेगा, बस एक राहत की बात ये हो सकती है कि कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित कोई नया दवा या कोई नया उपाय जरूर मिल सकता है!! हालांकि ये योग केवल 24 मई तक ही रहेगा जिसका प्रभाव अगले एक हफ्तों तक रहेगा PREDICTION POINT ज्योतिष व अनुसंधान केंद्र CORRECT YOUR ASTRO WEALTH Choose a Best Astrologer in Raipur https://www.instagram.com/p/CAdLn3pDZgU/?igshid=11tnqe6xfbdyx
0 notes
vsplusonline · 4 years
Text
कोरोना: कुकुरमुत्ते की तरह उग आईं घटिया PPE फैक्ट्रियों से सावधान
New Post has been published on https://apzweb.com/%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a4%b0/
कोरोना: कुकुरमुत्ते की तरह उग आईं घटिया PPE फैक्ट्रियों से सावधान
Tumblr media
घटिया PPEs बनाने वाली फैक्ट्री की पड़ताल
गंदे फर्श पर पड़े मैटीरियल से बन रहे PPEs
देश में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे ही कुकुरमुत्तों की तरह घटिया पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स (PPEs) बनाने वाले भी उगते जा रहे हैं. ये हेल्थ सेक्टर के लिए सुरक्षा उपकरणों के लिए सख्त गाइडलाइंस को ताक पर रखकर किया जा रहा है. इंडिया टुडे की जांच में ये सामने आया है.
फर्जी PPEs, घटिया यूनिट्स
जांच से पता चला कि किस तरह गंदे कारखाने रातों रात PPE फैक्ट्रियों में तब्दील हो गए. इन कारखानों की दीवारों पर पान की पीक के निशान साफ देखे जा सकते हैं. यहां बनियान पहने ही कर्मचारी कैरी-बैग बनाने वाले कपड़े से तथाकथित मेडिकल उपकरण बनाते देखे जा सकते हैं.
बता दें कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने PPE का उत्पादन कुछ चुनिंदा कंपनियों तक ही सीमित कर रखा है. ये वो कंपनी हैं जिन्होंने सख्त लैबोरेट्री टेस्ट को पास कर रखा है. इन कंपनियों की आधिकारिक सप्लाई चेन पर बारीकी से नजर भी रखी जाती है.
कोरोना पर भ्रम फैलाने से बचें, आजतक डॉट इन का स्पेशल WhatsApp बुलेटिन शेयर करें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के मुताबिक सरकार ने देश भर में करीब तीन दर्जन मैन्युफैक्चरर्स की PPE उत्पादन के लिए पहचान कर रखी है. उन्होंने हाल में एक बयान में कहा कि “इन्हें खास तौर पर प्रशिक्षित किया गया और उनके कौशल को प्रतिष्ठित कोयम्बटूर लैब में परखा गया.”
इंडिया टुडे की अंडरकवर जांच से सामने आया कि किस तरह दिल्ली और आसपास खस्ताहाल सिलाई के कारखाने धड़ल्ले से PPEs का उत्पादन करने में लगे हैं.
बिना कमीज पहने एक शख्स मेरठ के एक कारखाने में हेल्थवर्कर्स के लिए कवरऑल (पूरे शरीर को ढकने वाला खुला कपड़ा) सिलने में लगा है. सारा मैटीरियल गंदे फर्श पर पड़ा है. इस यूनिट का नाम गौतम स्पोर्ट्स है. पहले यहां क्रिकेट बैट्स और बैडमिंटन रैकेट्स के कवर बनाए जाते थे. अब उसी मैटीरियल से PPEs बनाए जा रहे हैं.
कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें
फर्जी PPEs की लोकल बिक्री
यूनिट मालिक मनोज गर्ग ने बताया कि मेरठ के स्थानीय अस्पतालों से बल्क ऑर्डर मिलते हैं. गर्ग ने कहा, “हम खेल के सामान जैसे बैट और रैकेट के कवर और बैडमिंटन के जाल बनाते थे.”
रिपोर्टर- “अब आप ये (PPEs) बना रहे हैं.”
“ हां भाई, अब हमें ऑर्डर मिले हैं. स्थानीय अस्पतालों से डिमांड है, कई एजेंट शामिल हैं. वो किट्स की मांग करते हैं, हम बना कर डिलिवर करते हैं.”
गर्ग ने कबूल किया कि पूरी सप्लाई चेन मैटीरियल, उत्पादन और शिपमेंट सभी कुछ अवैध है. सुरक्षा से जुड़े इंजीनियरिंग और प्रशासनिक नियंत्रण जैसे अनिवार्य प्रावधान तो दूर की बात है.
गर्ग ने बिचौलिए की पहचान देकर मिले अंडरकवर रिपोर्टर को ये भी बताया कि उसके जैसे सप्लायर्स का लोकल डिलिवरी के लिए इंसपेक्शन भी नहीं किया जाता.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें…
रिपोर्टर- “क्या तुम्हारे पास किसी तरह का लाइसेंस है या बाहर से अरेंज करना होगा?”
गर्ग- “ वो आपको खुद करना होगा. लोकल डिलीवरी के लिए इसकी जरूरत नहीं. हम सामान बनाएंगें और आपको दे देंगे.’’
दिल्ली में सीलमपुर की संकरी, गंदी गली में अंडरकवर रिपोर्टर PPEs के अस्थायी कारखाने में पहुंचा. इसके मालिक आलम ने बताया कि वो जिस फैब्रिक से मेडिकल गियर बना रहा है, उससे पहले वो कोट-ब्लेजर्स के कवर बनाया करता था.
आलम-” मैं यहां गाउन और ब्लेजर्स के कवर सिला करता था. उसी मैटीरियल से PPEs बनाए जा रहे हैं. अभी मैं हर किट के लिए 150 रुपए ले रहा हूं.”
दर्जियों को आउटसोर्सिंग
दिल्ली के COVID-19 हॉटस्पॉट क्षेत्र सदर बाजार में लक्ष्मी नॉन-वोवेन फैब्रिक्स के मनोज को अपने गोदाम में घटिया PPE किट का स्टाक भरता देखा गया. यहां भी ये किट बैग्स और ब्लेजर्स के कवर बनाने वाले मैटीरियल से बनाए गए थे.
मनोज- “ये (मैटीरियल) कई आइटम बनाने के काम आता है, जैसे ब्लेजर कवर्स और कैरी बैग्स. कई लोग PPEs सिलने के काम में लगे हुए हैं.” मनोज के मुताबिक आसपास हर दिन 2,000 ऐसे जाली किट्स बनाए जा रहे हैं.
दिल्ली के फिल्मिस्तान के पास एक और घटिया गियर बनाने वाले निर्माता समीर ने बताया कि वो आसपास के स्थानीय दर्जियों को आउटसोर्सिंग पर गियर बनाने के लिए देता है.
समीर-“हम इसे जॉब पर बनवाते हैं. हम उन्हें उत्पादन के लिए मैटीरियल देते हैं. मेरे सारे उत्पादन की खपत हो जाती है. कुछ भी बिना बिका नहीं रहता.”
PPEs के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक
अंतरराष्ट्रीय मानकों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के मुताबिक क्लिनिकल सेटअप्स में इस्तेमाल किए जाने वाले PPE किट्स खून, शरीर के अन्य द्रव्यों और माइक्रोब्स को लेकर प्रतिरोधी होने चाहिए.
जनहित में की गई इस इंडिया टुडे जांच का उद्देश्य अस्पतालों को ऐसी सप्लाई के लिए बिचौलिए के चक्कर में आए बिना निर्धारित और विश्वसनीय चैनल्स के साथ ही डीलिंग करनी चाहिए.
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें
Tumblr media Tumblr media
!function(e,t,n,c,o,a,f)(window,document,"script"),fbq("init","465285137611514"),fbq("track","PageView"),fbq('track', 'ViewContent'); Source link
0 notes
abhay121996-blog · 3 years
Text
Toycathon 2021 : पीएम मोदी कल करेंगे टॉयकैथॉन-2021 के प्रतिभागियों के साथ संवाद Divya Sandesh
#Divyasandesh
Toycathon 2021 : पीएम मोदी कल करेंगे टॉयकैथॉन-2021 के प्रतिभागियों के साथ संवाद
नई दिल्ली प्रधानमंत्री गुरुवार को टॉयकैथॉन-2021 के प्रतिभागियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद करेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य नए खिलौनों और गेम्स के लिए नए विचारों को क्राउड-सोर्स के जरिए आमंत्रित करना है। प्रधानमंत्री ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ’24 जून को पूर्वाह्न 11 बजे टॉयकैथॉन-2021 के प्रतिभागियों के साथ संवाद करूंगा, जिसका लक्ष्य भारत को खिलौनों के उत्पादन और संबंधित विचारों का केंद्र बनाने का प्रयास है।’
इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहेंगे। टॉयकैथॉन का आयोजन शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, डीपीआईआईटी, कपड़ा मंत्रालय, सूचना-प्रसारण मंत्रालय और एआईसीटीई संयुक्त रूप से करता है।
टॉयकैथॉन, भारत के घरेलू बाजार के साथ-साथ वैश्विक खिलौना बाजार हमारे विनिर्माण क्षेत्र के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। टॉयकैथॉन-2021 का उद्देश्य भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है, ताकि खिलौना बाजार के व्यापक हिस्से पर भारत अग्रणी हो सके।
0 notes
getdreamjobonline · 4 years
Text
Career in Biotechnology: बॉयो टेक्नोलॉजी में है शानदार भविष्य, बन सकते हैं करोड़पति
Tumblr media
जो युवा विज्ञान के आधुनिक पहलुओं का पता लगाना चाहते हैं उनके लिए जैव प्रौद्योगिकी Biotechnology सबसे लोकप्रिय कॅरियर विकल्पों के रूप में उभरा है । खाद्य, कपड़ा, दवा, कृषि, पशुपालन आदि औद्योगिक क्षेत्रों में कुशल जैव प्रौद्योगिकीविदों की मांग अधिक है।
जैव प्रौद्योगिकी जीव विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक संयोजन विज्ञान है और इसका उपयोग मानव जाति के लिए उपयोगी बनाने के लिए किया जाता है। जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र का विस्तार विभिन्न विज्ञानों जैसे कि इम्यूनोलॉजी, वायरोलॉजी और अन्य विषयों जैसे स्वास्थ्य, कृषि, कोशिका जीव विज्ञान, पादप शरीर विज्ञान, बीज प्रौद्योगिकी आदि तक हो गया है।
एक बायोटेक्नोलॉजिस्ट का काम नए उत्पादों को विकसित करने के लिए प्रयोगशालाओं में रहने वाले जीवों को संशोधित या हेरफेर करना है। एक जैव प्रौद्योगिकी स्नातक को कई उद्योगों में जैव रसायनविद, बायोफिजिसिस्ट या चिकित्सा वैज्ञानिकों के रूप में नियोजित किया जा सकता है।
कॅरियर के अवसर: आज हम हर दिन बाजार में अद्भुत खोजों, नए अनुप्रयोगों और नवीन उत्पादों को देखते हैं। औद्योगिक क्षेत्र, पर्यावरण क्षेत्र, चिकित्सा क्षेत्र, खाद्य उत्पादन, स्वास्थ्य देखभाल और फार्मास्यूटिकल्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में जैव प्रौद्योगिकीविदों की मांग बहुत अधिक है।
विभिन्न क्षेत्रों में हैं मांग: बायोटेक्नोलॉजिस्ट जीनोमिक्स, प्रोटिओमिक्स और बायोइनफॉरमैटिक्स जैसे एक या अधिक उप-क्षेत्रों में विशेषज्ञता के लिए चुन सकते हैं। एक बायोटेक्नोलॉजिस्ट विशाल विषयों पर काम कर सकता है और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी मांग बहुत अधिक है। स्वास्थ्य देखभाल, दवा, फार्मास्युटिकल, कृषि, पशुपालन, जनन विज्ञान अभियांत्रिकी, पर्यावरण संरक्षण, मृदा जीव विज्ञान, परिस्थितिकी, वस्त्र उद्योग, प्रसाधन सामग्री
जॉब प्रोफाइल: चिकित्सा वैज्ञानिक, जैविक तकनीशियन, चिकित्सा और नैदानिक लैब प्रौद्योगिकीविदों और तकनीशियनों, बायोकेमिस्ट और बायोफिजिसिस्ट, बायोमेडिकल इंजीनियर, सूक्ष्म जीव विज्ञानियों, प्रक्रिया विकास वैज्ञानिक, जीवनी विशेषज्ञ, बायोप्रोडक्शन ऑपरेटर्स आदि जॉब प्रोफाइल है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/education-jobs-career-in-biotechnology-scope-and-opportunities-6007165/
0 notes
khabaruttarakhandki · 4 years
Text
थोड़ी रियायत के साथ पीएम मोदी सोमवार को कर सकते हैं लॉकडाउन-2 की घोषणा
Tumblr media
13 अप्रैल सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता को संबोधित करके लॉकडाउन-2 की घोषणा कर सकते हैं। लॉकडाउन-2 में कृषि, चिकित्सा, शिक्षा, मत्स्य पालन, कपड़ा समेत कुछ क्षेत्रों में छूट दिए जाने के आसार हैं, लेकिन इसकी पहली शर्त सोशल डिस्टेसिंग और साफ सफाई का कड़ाई से पालन करना होगा। प्रधानमंत्री इस क्षेत्र में काम पर बाहर निकलने वाले लोगों को मुंह पर साफ तौलिया, रूमाल बांधने या मास्क लगाने की सलाह दे सकते हैं।
मंगलवार 14 अप्रैल को लॉकडाउन फेस-1 खत्म हो रहा है। केंद्रीय सचिवालय सूत्रों का कहना है कि इसके ठीक पहले 13 अप्रैल को प्रधानमंत्री लॉकडाउन-2 की घोषणा करते हुए जनता को फिर से आत्मअनुशासन का पाठ पढ़ाएंगे। सूत्र बताते हैं कि कपड़ा निर्माता कंपनी रेमंड भी कोविड-19 से जंग लड़ने के लिए कुछ संसाधन बना रही है। इसी तरह से टेक्सटाइल क्षेत्र से जुड़ी कुछ कंपनियां मास्क, बेडशीट समेत अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति में आगे आई हैं। वेंटिलेटर बनाने के लिए आगे आई कुछ कंपनियों को कच्चे माल के क्षेत्र में दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है।
बीडीएल, बीईएल जैसी पीएसयू भी कोविड-19 से मुकाबले में सरकार का साथ दे रही हैं। इसलिए केंद्र सरकार को इन्हें कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन से छूट देने का निर्णय लेना पड़ सकता है।
कई राज्यों में मत्स्य पालन जीविका से जुड़ा और बहुत अहम हिस्सा है। लॉकडाउन से इस पर बुरा असर पड़ा है। दक्षिण भारत, खासकर केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, आंध्र प्रदेश के लिए इसकी खासी उपयोगिता है। एक्वा क्षेत्र में भी लोगों को पीने का साफ पानी मिलना बड़ी समस्या बन रहा है। ऐसे सभी क्षेत्रों को सरकार लॉकडाउन फेस-2 में शर्तों के साथ राहत दे सकती है।
कृषि क्षेत्र के लिए सुनहरा काल है, अड़चने हटें
रबी की फसल को बाजार में आना है, खरीफ की फसल की बुआई होनी है। जुलाई, अगस्त तक का महीना खेती, खलिहानी के लिए सुनहरे काल के रूप में देखा जाता है। गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश समेत तमाम राज्यों में गेहूं की कटाई, मड़ाई, अनाज को मंडी में लाने का समय है। दलहन, तिलहन की भी खरीद-फरोख्त होनी है।
केंद्र सरकार और राज्यों के स्तर पर महसूस किया जा रहा है कि यदि इसमें किसी तरह का गतिरोध आया तो देश की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था बैठ जाएगी। खेतिहर मजदूरों के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी और इतने बड़े बोझ को सरकारें अपने बूते नहीं संभाल सकती। इसी तरह से खरीफ की बुआई के लिए किसानों को कृषि यंत्र, बीज, खाद समेत काफी कुछ चाहिए। लिहाजा इसे जुड़े बाजार, कल-कारखाने को कुछ शर्तों के साथ खोलने की अनुमति देनी होगी।
30 अप्रैल तक लॉकडाउन, जनता करेगी पालन, सरकार करेगी निगरानी
प्रधानमंत्री अपने संबोधन में जनता को उसकी जिम्मेदारी बताते हुए लॉकडाउन का ईमानदारी से पालन करने का अनुरोध करेंगे। सूत्र बताते हैं कि लॉकडाउन-2 में सरकार की भूमिका मॉनिटरिंग करने, लॉकडाउन का पालन करने, मास्क, गमछा, तौलिया मुंह पर बांधकर ही निकलने को सुनिश्चित कराने पर रहेगी। ताकि कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।
हॉटस्पॉट पर रहेगी विशेष नजर, पूरा लॉकडाउन
कर्नाटक, केरल, यूपी, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत तमाम राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि पूरे देश में कोविड-19 के हॉटस्पॉट के साथ विशेष ट्रीटमेंट की जरूरत है। ऐसे इलाकों में सोसायटियों आदि में जाकर बड़े पैमाने पर लोगों की स्क्रीनिंग कराने, संक्रमण के संदेहास्पद लोगों को घरेलू क्वारंटीन या क्वारंटीन केयर सेंटर भेजने का कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए ऐसे क्षेत्रों में आवाजाही को पूरी तरह से बंद करके यहां लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाने पर जोर दिया जाएगा।
जिन जिलों में एक भी संक्रमित नहीं मिला है, उन्हें भी इससे महफूज रखने की जरूरत है। इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की रहेगी। इसलिए राज्यों से लॉकडाउन फेस-2 का इस तरह से मॉडल तैयार करने को कहा जा रहा है कि उनके यहां संक्रमण और न फैले। जहां संक्रमण नहीं है, वहां लोगों को परेशानी न हो और जहां संक्रमण का फैलाव हुआ है, उसे नियंत्रित किया जा सके। इसमें किसी तरह की कोताही अच्छी नहीं होगी।
  from WordPress https://hindi.khabaruttarakhandki.in/%e0%a4%a5%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%aa%e0%a5%80%e0%a4%8f%e0%a4%ae-%e0%a4%ae/
0 notes
gujarat-news · 4 years
Text
सूरत: नगरपालिका ने रिंग रोड फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे कोरोना का परीक्षण शुरू कर दिया है
सूरत: नगरपालिका ने रिंग रोड फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे कोरोना का परीक्षण शुरू कर दिया है
[ad_1][og_img]
Tumblr media
सूरत, ता। सोमवार 23 नवंबर 2020
आने वाले समय में सूरत के कपड़ा उद्योग में संक्रमण की बढ़ती आशंका के कारण निगम प्रणाली सतर्क हो गई है। नगरपालिका ने कपड़ा बाजार के साथ क्षेत्र में नीचे छह परीक्षण केंद्र शुरू किए हैं।
आज सुबह से, नगरपालिका के कर्मचारी बाजार क्षेत्र में आने वाले लोगों से कोरोना परीक्षण करने का अनुरोध कर रहे हैं। हालाँकि, नगरपालिका की कठिनाई बढ़ गई है क्योंकि बाजार…
View On WordPress
0 notes