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#उत्तर प्रदेश के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री कौन हैं?
rajneesh-soni-blog · 5 years
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हिमाचल में आवारा पशुओं की बढती हुई अति गम्भीर समस्या ,जयराम सरकार नाकाम साबित -Rajneesh Soni
क्या आगामी लोकसभा चुनावों में हिमाचल में आवारा पशु ,गौ सेवा,गौ रक्षा का मुद्दा चुनावी-मुद्दा बन पायेगा या इस पर केवल राजनीती ही होती रहेगी ?
वर्तमान में उपरोक्त आवारा पशुओं का विषय बहुत गम्भीर विषय है और इसको नलवाड़ मेले के साथ इसीलिए जोड़ रहां हूँ क्यूंकि हिमाचल प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है और कृषि उत्पादन , बागवानी ही पहाड़ी प्रदेश के लोगों का मुख्य कार्यक्षेत्र रहा है और एक तरफ नलवाड़ मेले में पशुओं का पूजन ,मान-सम्मान दिया जाता है और दूसरी तरफ इन्ही मेला ग्राउंड के बाहर आवारा पशुओं का जमावड़ा सडकों पर लगा होता है और वही अधिकारी सड़कों के  जाम में फसते हैं जो मेले में बैलों का पुजन कर के आते है|  प्रदेश  के कई क्षेत्रों में लम्बे समय से नलवाड़ मेले बड़ी धूम-धाम से  मनाये जाते रहें है और जिसके लिए लाखो रूपये जनता से एकत्रित करके आयोजन होता रहा है , जिससे जनता का मनोरंजन , स्टार नाईट , मुख्य अथिति की जी हजुरी ,शाल टोपी, आदि पर और बड़ी राशि  बाहरी राज्यों के गायकों , कलाकारों पर स्थानीय प्रशासन  खर्च  करता रहा है क्यूंकि इस तरह के मेलों के आयोजन के लिए सरकार के पास ज्यादा बजट नहीं होता है|
बात हिमाचल प्रदेश में संचालित हो रहे इन मेलों के  इतिहास की भी होनी चाहिए क्यूंकि हिमाचल  जैसे पाहड़ी राज्य में मार्च , अप्रैल महीने में जब ग्रीष्म-ऋतु का आगमन होने पर राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय नलवाड़ मेले का आयोजन पिछले कई दशकों से प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता रहा है जिसमे मेले के स्तर को देखते हुए आयोजन समिति में प्रशासन की भूमिका बदलती रहती है | यह नलवाड़ मेले हिमाचल के अस्तित्व में आने से पहले से ही तत्कालीन रियासतें , उनके राजा-महाराजा, अंग्रेजों के समय से इनको मनाया जाता रहा है,  जिसका मूल उद्देश्य यही था कि हिमाचल राज्य एक कृषि प्रधान राज्य है जहाँ उस समय भी और आज भी 90% आबादी गावं में निवास करती है और कृषि एवं बागवानी राज्य होने के वजह से पशुओं की आवश्यकता किसानों को होती रहती थी , जिसके लिए इस तरह के नलवाड़ मेले आयोजित होते गये और पशुओं की खरीद फरोक्त के लिए किसान, आदि मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते थे | समय के साथ ऐसे मेलों का स्तर भी बदलता गया और राजनितिक नेताओं ने जनता के अनुरोध और अपने वोट बैंक को लुभाने के लिए मेले का स्तर जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय में तब्दील होता गया | आधुनिक युग में कृषि उपकरणों के आ जाने से पशुओं की आवाजाही कम होती गई और कई मेले देवता मेला में तब्दील होने लग गये और कई जगह केवल नाम की ही नलवाड़ रह गयी है, आजकल राज्य स्तरीय , जिला स्तरीय नलवाड़ मेले बिलासपुर, सुन्दर-नगर, भंगरोटू(बल्ह), धर्मपुर, जोगिन्द्रनगर, मंडी, आदि स्थानों में मनाते हैं एवं वर्ष 2000 के बाद एक नया चलन शुरू हुआ कि लोग पशुओं को मेले में लेकर तो आते थे परन्तु उन्ही स्थानों में पशुओं को खुले में छोड़ कर चले जाने लगे और ऐसे में आवारा पशुओं की संख्या बल बढ़ने लग गया तथा आजकल ऐसे नलवाड़ मेले केवल मात्र मनोरंजन मात्र रह गये है, जिसमे रस्म अदा करने के लिए मेले के प्रथम दिन बैल पूजन करने के लिए जोड़ी को लाया जाता है और बाकी दिन जनता के मनोरंजन के लिए तरह तरह की दुकाने, झोले, आदि खरीददारी के लिए जनता इन मेलों में शिरकित करती है परन्तु एक तरफ बैलों का पूजन और हिन्दू धर्म संस्कृति में गौ का बहुत ज्यादा महत्व रहा है और गाय को माता का दर्जा दिया गया है और खुले में आवारा पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है और इस बात का प्रमाण हिमाचल प्रदेश के किसी भी शहर, कस्बे के चौराहे में देखने मात्र से मिल जायेगा | कई क्षेत्रों का भ्रमण करने के बाद स्थिति का आंकलन किया जा सकता है क्यूंकि प्रदेश के हर जिला की अधिकतर तहसीलों, कस्बों में रोजाना आवारा  पशुओं का आंकड़ा बढ़ रहा है , जिसकी वजह से कई बार गम्भीर दुर्घटना हो चुकी है और आम जनता को जान गवानी तक पड़ चुकी है | जनता में यह मुद्दा कोई नेता उठाना तक नहीं चाहता और न्यूज़, मीडिया भी इस तेरह के गौ रक्षा के मुद्दे को ज्यादा जगह नहीं मिल पाती है और नामी हिन्दू धर्म संगठन जैसे विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल , आदि भी केवल मात्र सोशल मीडिया में दिखावे की गौ सेवा कर रहे है और फोटो शूट कर के कार्यक्रम दिखाने की कोशिश करते रहते हैं , यदि इनमे से किसी ने सत्य में रातल पर कुछ किया होता तो गली मुहल्ले में सडकों , रास्तों पर गाय , बैलों की संख्या दिन प्रतिदिन न बढती |  
रजनीश सोनी ने प्रश्न किया कि क्या प्रदेश सरकार सच में गौ रक्षा और आवारा पशुओं के लिए गम्भीर है ??
प्रदेश की जय राम सरकार का 15 महीनों का कार्यकाल हो चूका है, आवारा पशुओं के मामलों में ज्यादा रोक नहीं लग पायी है  बाद उन्होंने  हाल ही में गौ सेवा आयोग का गठन किया तो है  जिसमे उन्होंने गौ सेवा , गौ रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने  के दावे तो किये गये हैं परन्तु मात्र कागजों में क्यूंकि यदि सरकार ने धरातल में कोई प्रयास किये होते तो आज खुले में इतनी ज्यादा संख्या में पशु नहीं दिखाई पड़ते ,  वैसे तो वर्तमान में तकनीक और विज्ञान की मदद से सरकार और प्रशासन बहुत दावे करते हैं , पर जिस प्रकार से मुख्यमंत्री के अपने जिला में इर्द गिर्द झांके तो सरकार और विभागों के सभी दावे खोंखले नजर आते हैं चलो बात हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के बल्ह क्षेत्र की करते है कि हकीकत में यहाँ आवारा पशुओं पर लगाम लगी है या हाल बेहाल है, उभरता हुआ क्षेत्र बल्ह क्षेत्र, जो तेजी से विकसित हो रहा है जिसमे शिक्षा, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, होल-सेलर , कृषि उपकरणों, मेडिकल हेल्थ का बड़ा हब बनने जा रहा है और ग्राहकों की शॉपिंग के लिए पहली पसंद नेर चौक है परंतु यह क्षेत्र एक ऐसी समस्या से ग्रसित है जिसका पूर्ण निवारण कोई भी सरकार, अधिकारी ,नेता ,मंत्री गण आज तक नहीं कर पाएं हैं, हम बात कर रहे हैं दिन प्रतिदिन बढ़ते आवारा पशुओं की समस्या की, जिससे सभी वर्ग के लोग परेशान है। आखिर कौन लोग है जो अपना पशु धन सड़कों पर छोड़ कर भाग जाते है , क्या यह स्थानीय लोग करते है या अन्य राज्यों से आए करते हैं। इसका उत्तर अभी तक कोई नहीं ढूंग पाया है।
आवारा पशुओं के द्वारा आए दिन किसानों की फसल को बर्बाद होते देखा जाता है, जिसमे किसान को भारी नुकसान झेलना पड़ता रहा है।शहरों में बीच सड़कों पर शान से यह पशु अपनी महफ़िल सजाए रहते है, जितना मर्जी हार्न बजाओ , हिलने का नाम तक नहीं लेते, जिससे दुर्घटना का खतरा भी बढ़ता है और जाम लगने पर  ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारियों को सड़कों पर मुशकत करते सभी ने देखा होगा।  घरों और दुकानों की छतों पर आए दिन बन्दर नजर आते हैं । छोटे बच्चे अपने घर��ं में खेल भी नहीं सकते। आवारा कुत्तों की समस्या से बीमारियों के संक्रमण का खतरा बढ़ता है ।
आए दिन किसी ना किसी को कुत्ते के काटने के मामले हस्पतालों में देखने को मिलते है।
क्या बताए.... कई बार जान तक गई है लोगों की || आखिर इतने कम अंतराल में आवारा पशु क्यूं बढ़ रहे हैं। इसका कोई ठोस जवाब किसी भी  प्रशासनिक अधिकारी द्वारा नहीं मिला ।
आवारा पशु की समस्या एवं उनके निदान वर्तमान मे आवारा पशु  शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रो मे गंभीर समस्या बन गई है । गाय , बैल , बन्दर, कुत्ते , आदि आवारा पशु रहवासी इलाको मे बहुतायत से घूमते मिल जाते है। यदि इस समस्या का निदान नहीं किया गया तो इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते है। आवारा पशु यातायात को बाधित करते है जिससे सड़क दुर्घटनाएँ होती है और यातायात जाम भी हो जाता  है। आवारा पशु अपने मल-मूत्र से गाँव और शहर को अस्वच्छ करते है । इस से कई बीमारियाँ फेलने का खतरा होता है ।
आवारा पशु-पक्षी  की समस्या से निदान के लिए शासन को सख्ती के साथ इन पशुओं को कहीं पर स्थान चिन्हित कर के पंचायत स्तर पर गऊ शाला निर्मित करनी ही पड़ेगी  । इसके साथ  ही इनके मालिकों पर भी सख्त कारवाई करनी चाहिए ताकि वे अपने पालतू पशुओ को आवारा न छोड़े । साथ साथ घनी आवादी वाले क्षेत्रो मे पालतू पशुओ की संख्या पर भी सीमा होना चाहिए। टोकन या कोई पंजीकरण प्रक्रिया और रेडियम कोल्ल्रर ,  आई-रेटीना या अन्य पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ करने पड़ेगी।
रेडियो , टेलिविजन , समाचार पत्र आदि संचार  के साधनो के माध्यम से लोगो मे इस समस्या के प्रति जागरूकता फेलाना चाहिए। कैसे पशुओं के कारण दुर्घटनाये कम हो, इसके लिए प्रशाशन , ग्राम पंचायत एवं नगर निकाय के जन प्रतिनिधि मिलकर समय समय पर बैठके कर के ठोस रणनीति तैयार कर सकते हैं |
क्यूंकि बल्ह क्षेत्र में केवल मात्र दो गौशाला एक घौड (रिवल्सर) में तथा दूसरी नगर परिषद  नेर चौक के वार्ड 2 ढांगु में  , जो निजी संस्था के रूप में संचालित हो रही है और पशुओं कि संख्या कुछ अंक तक सीमित है। मात्र गौ शाला निर्मित करना ही लक्ष्य नहीं होना चाहए , गौ शाला का रख रखाव , आदि वित्त साधनों पर कैसे प्राप्त कर सके , सरकार को सोचना होगा | स्थानीय विधायक और प्रसाशन से निवेदन रहेगा कि बल्ह के आवारा पशुओं के लिए कोई ठोस नीति बनाई जाना आवश्यक है तथा प्रदेश स्तर पर प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री ने आवारा गाय के सरक्षण के लिए कड़े कदम उठाने के प्रयास शुरू किए और कुछ दिन पूर्व कहा था कि हर पंचायत में गऊ शाला बनेगी  और उनकी माने तो हिन्दू संस्कृति में गौ, गायत्री, गंगा, गीता इनका महत्व हर सनातन धर्म और हर भारतीय  को समझना चाहिए और इनका संरक्षण करना ही हर सनातन धर्म और हिन्दू का कर्तव्य होना चाहिए। अन्यथा जिस प्रकार गौ मांस के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहें हैं तो उसमे भी हमारी माता गाय सुरक्षित नहीं है। गौ का संरक्षण अत्यंत अत्यंत आवश्यक होना चाहिए। क्यूंकि गाय के कारण दूध, घी, दही, आदि उत्पन होता है। हिन्दू धर्म में मानव जीवन के जन्म और मृत्यु के वक़्त गौ मूत्र ही दिया जाता है । माननीय मुख्य मंत्री हिमाचल प्रदेश से निवेदन रहेगा कि प्रदेश को आपके युवा नेतृत्व से बहुत उम्मीदें है और उस पर खरा उतरना ही आपकी सबसे कसौटी रहेगी। कृपया आवारा पशुओं के लिए कोई ठोस और सख्त नीति बनाई जाए , जिससे पंचायत स्तर पर गऊ शाला का निर्माण हो सके और स्थानीय लोगों को रोजगार और स्व रोजगार के अवसर भी मिल सके और गाय के गोबर, मल मूत्र से जैविक खेती के लिए जैविक खाद और स्प्रे का निर्माण कर सके ताकि किसानों और कृषि से कार्य करने वालों इसका फायदा हो सके ताकि जो स्वप्न माननीय महामहिम हि०प्र आचार्य देवरत जी ने प्रदेश को जैविक राज्य बनाने का देखा है उसमे हम सभी अपनी ओर से कुछ प्रयास कर सके । पशु का सरक्षण होंगे तो राज्य जैविक बनेगा और अनेकोनेक अवसर ग्रामीणों को मिलेंगे।          लेखक, रजनीश सोनी; मोबाइल- 8679300086
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jobssarkarinaukri · 3 years
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साप्ताहिक करेंट अफेयर्स: प्रश्नोत्तरी 5 ​​जुलाई से 11 जुलाई 2021
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5 जुलाई से 11 जुलाई 2021: जागरणजोश के साप्ताहिक करंट अफेयर्स क्विज सेक्शन का उद्देश्य प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा के इच्छुक व्यक्ति को दिन को आराम से संशोधित करने में मदद करना है। सप्ताह के अद्यतन करंट अफेयर्स क्विज़ में नए स्वास्थ्य मंत्री, नए रेल मंत्री, कर्नाटक के नए राज्यपाल और अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली दूसरी भारतीय मूल की महिला जैसे विषय शामिल हैं। 1. भारत के नए स्वास्थ्य मंत्री कौन हैं? a) अश्विनी वैष्णव b) किरेन रिजिजू c) मनसुख मंडाविया d) जी किशन रेड्डी 2. भारत के नए रेल मंत्री कौन हैं? a) अश्विनी वैष्णव b) भूपेंद्र यादव c) हरदीप सिंह पुरी d) मनसुख मंडाविया 3. 7 जुलाई, 2021 को किस देश के राष्ट्रपति की उनके घर में हत्या कर दी गई थी? a) डोमिनिकन रिपब्लिक बी) हैती c) प्यूर्टो पिको d) अल सल्वाडोर 4. कल्पना चावला के बाद अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली दूसरी भारतीय मूल की महिला कौन बन गई हैं? a) सिरीशा बंदला b) सुनीता विलियम्स c) शावना पंड्या घ) उपरोक्त में से कोई नहीं 5. निम्नलिखित में से किसे कर्नाटक का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है? a) नरेंद्र सिंह तोमर b) नरेंद्र सिंह तोमर c) थावरचंद गहलोत d) महेंद्र नाथ पांडेय 6. गोवा के नए राज्यपाल के रूप में किसे नियुक्त किया गया है? a) पीएस श्रीधरन पिल्लै b) बंडारू दत्तात्रेय c) राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर d) सत्यदेव नारायण आर्य 7. नए कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर को कौन सा विभाग मिला है? a) कानून और न्याय मंत्री b) सूचना और प्रसारण मंत्री c) नागरिक उड्डयन मंत्री d) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री 8. हाल ही में भारत के किस राज्य में जीका वायरस के मामले सामने आए हैं? ए) गोवा बी) महाराष्ट्र सी) केरल डी) कर्नाटक 9. वयोवृद्ध कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का 8 जुलाई, 2021 को निधन हो गया। उन्होंने छह बार किस राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था? ए) उत्तराखंड बी) हिमाचल प्रदेश ग) उत्तर प्रदेश d) राजस्थान 10. अमेज़न के नए सीईओ कौन हैं? a) एलोन मस्क b) रिचर्ड ब्रैनसन c) एंडी जस्सी d) सुंदर पिचाई 1 1। निम्नलिखित में से किस प्रयोगशाला ने भारत में स्पुतनिक V के परीक्षण बैच का उत्पादन किया है? a) मोरपेन लेबोरेटरीज b) पैनासिया बायोटेक c) भारत बायोटेक d) जाइडस कैडिला 12. निम्नलिखित में से कौन सा देश 19 जुलाई को अपना लॉकडाउन समाप्त करने और सभी मास्क और सामाजिक दूरी के नियमों को हटाने की योजना बना रहा है? ए) फ्रांस बी) यूके सी) जापान d) इटली 13. किन वैक्सीन निर्माताओं ने COVID-19 वैक्सीन की तीसरी बूस्टर खुराक के लिए मंजूरी मांगी है? a) फाइजर और बायोएनटेक b) मॉडर्न c) जॉनसन एंड जॉनसन d) स्पुतनिक V 14. किस राज्य सरकार ने तीन बाघ अभयारण्यों को जोड़ने वाला गलियारा विकसित करने का निर्णय लिया है? ए) असम बी) राजस्थान ग) उत्तराखंड d) उत्तर प्रदेश
जवाब
1. (सी) मनसुख मंडाविया मनसुख मंडाविया ने डॉ हर्षवर्धन की जगह भारत के नए स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। वह उन सात मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें 7 जुलाई, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल में पदोन्नत किया गया था। मनसुख मंडाविया क्लब स्वास्थ्य मंत्रालय और रसायन और उर्वरक मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे। 2. (ए) अश्विनी वैष्णव पूर्व आईएएस अधिकारी अश्विनी वैष्णव ने 8 जुलाई, 2021 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट के पहले बड़े कैबिनेट फेरबदल में भारत के नए रेल मंत्री और आईटी मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। 3. (बी) हैती हैती के राष्ट्रपति जोवेनेल मोइज़ की 7 जुलाई, 2021 को उनके घर में बंदूकधारियों ने हत्या कर दी थी। हमले में उनकी पत्नी भी घायल हो गई थी, हैती के अंतरिम प्रधान मंत्री क्लाउड जोसेफ ने पुष्टि की। हैती में सुरक्षा पर पुलिस और सेना का नियंत्रण था, जिसका राजनीतिक उथल-पुथल और तानाशाही का इतिहास रहा है। 4. (ए) सिरीशा बंदला भारतीय मूल की सिरीशा बंदला कल्पना चावला के बाद अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली दूसरी भारतीय मूल की महिला बन गई हैं। भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन गेलेक्टिक उड़ान 'वीएसएस यूनिटी' में सवार छह चालक दल के सदस्यों में से एक होगा, जो 11 जुलाई, 2021 को न्यू मैक्सिको से अंतरिक्ष में जाने वाला है। 5. (सी) थावरचंद गहलोत राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा की गई नई राज्यपाल नियुक्तियों में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। मंत्री व्यक्तिगत रूप से राज्यसभा सांसद और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सहित तीनों पदों से अपना इस्तीफा सौंपेंगे। 6. (ए) पीएस श्रीधरन पिल्लै मिजोरम के वर्तमान राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई को गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। 7. (बी) सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर उन 43 नए मंत्रियों में शामिल थे, जिन्होंने 7 जुलाई, 2021 को पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में शपथ ली थी। उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्री और युवा मामले और खेल मंत्री के दो विभाग मिले हैं। 8. (सी) केरल भारतीय राज्य केरल ने जीका वायरस के 14 मामलों की पहचान करने के बाद सभी जिलों में अलर्ट की स्थिति घोषित कर दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 9 जुलाई, 2021 को कहा कि राज्य की स्थिति पर पकड़ बनाने के लिए विशेषज्ञों की छह सदस्यीय केंद्रीय टीम केरल भेजी गई है। 9. (बी) हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का लंबी बीमारी से जूझने के बाद 8 जुलाई, 2021 को तड़के निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। अनुभवी नेता नौ बार के विधायक, पांच बार के संसद सदस्य थे और उन्होंने छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। 10. (सी) एंडी जस्सी जेफ बेजोस ने 5 जुलाई, 2021 को अमेज़ॅन के सीईओ के रूप में पद छोड़ दिया, क्योंकि उन्होंने वेस्ट बेलेव्यू, वाश में एक गैरेज में ई-कॉमर्स कंपनी की स्थापना की थी। अमेज़ॅन वेब सर्विसेज के सीईओ एंडी जेसी ने उन्हें नए अमेज़ॅन सीईओ के रूप में स्थान दिया है। 11. (ए) मोरपेन लेबोरेटरीज रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और मोरपेन लेबोरेटरीज ने हिमाचल प्रदेश में एक विशेष सुविधा में स्पुतनिक वी के परीक्षण बैच के उत्पादन की घोषणा की है। गुणवत्ता नियंत्रण के लिए पहला परीक्षण बैच गमलेया संस्थान को भेजा जाएगा। 12. (बी) यूके 5 जुलाई, 2021 को ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने घोषणा की कि फेस मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और वर्क फ्रॉम होम सहित सभी COVID-19 लॉकडाउन प्रतिबंध 19 जुलाई, 2021 को इंग्लैंड में समाप्त हो जाएंगे। प्रतिबंध हटाने पर अंतिम फैसला 12 जुलाई को घोषित किया जाएगा। 13. (ए) फाइजर और बायोएनटेक फाइजर और बायोएनटेक ने 8 जुलाई, 2021 को घोषणा की कि वे अपने कोविड -19 वैक्सीन की तीसरी बूस्टर खुराक के लिए नियामक प्राधिकरण की मांग करेंगे। यह घोषणा एक चल रहे परीक्षण के शुरुआती आंकड़ों के बाद आई है जिसमें दिखाया गया है कि एक तीसरा शॉट मूल SARS-CoV-2 स्ट्रेन के खिलाफ एंटीबॉडी स्तर को 5-10 गुना बढ़ा देता है और पहले दो की तुलना में दक्षिण अफ्रीका में पहली बार बीटा संस्करण का पता चला है। अकेले खुराक। 14. (बी) राजस्थान राजस्थान में रामगढ़ विशधारी अभयारण्य को चौथा टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने के बाद, राज्य सरकार सवाई माधोपुर, कोटा और बूंदी सहित जिलों से गुजरने वाले तीन टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाला एक टाइगर कॉरिडोर विकसित करने की योजना बना रही है। Government Jobs / सरकारी नौकरी - दैनिक अद्यतन प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें सरकारी नौकरियों / सरकारी नौकरी / सरकारी नौकरी परिणाम के सभी नवीनतम अधिसूचना प्राप्त करने के लिए अपने इनबॉक्स में सदस्यता लें। इसे अभी देखें और सरकारी क्षेत्र में एक शानदार पेशेवर कैरियर प्राप्त करें। https://jobssarkarinaukri.info सरकारी नौकरियों / सरकारी नौकरी और सरकार के परिणामों से संबंधित सभी प्रश्नों के लिए एक स्थान पर है। यहाँ आप सरकारी नौकरियों / सरकारी नौकरी / सरकारी नौकरी परिणाम / सरकारी नौकरी के सभी नवीनतम अधिसूचना पा सकते हैं। जॉब्स, परीक्षा, परिणाम, एडमिट कार्ड और कुछ शैक्षिक लेख, जिन्हें लिंक के रूप में देखा जा सकता है। आप यहाँ हर परीक्षा और परिणाम के लिए विस्तृत जानकारी पा सकते हैं। सरकारी नौकरियों के परिणाम / सरकारी परिणाम / सरकारी नौकरी समाचारों के लिए नियमित रूप से नौकरियों की जांच करें, सभी आवेदकों के लिए सभी जानकारी उंगलियों पर है। यह संभव है कि स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल कर आवेदन करे और सरकारी नौकरी पाने के सपने को पूरा करे । Read the full article
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abhay121996-blog · 3 years
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कोरोना वायरस ने यूपी में चुनाव से पहले BJP के लिए खड़ी की नई चुनौतियां! Divya Sandesh
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कोरोना वायरस ने यूपी में चुनाव से पहले BJP के लिए खड़ी की नई चुनौतियां!
लखनऊ उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों को उपचार मिलने में पेश आने वाली समस्याओं से आम जनता के साथ-साथ खुद भाजपा नेताओं में भी खासा रोष है। उन्होंने इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में लोगों की नाराजगी सत्तारूढ़ दल के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। प्रदेश के हरदोई जिले से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने में प्रशासन की कोशिशों से संतुष्ट नहीं हैं और कहते हैं कि आम लोगों की बात तो दूर, अति महत्वपूर्ण (VIP) समझे जाने वाले लोगों के लिए भी व्यवस्था नहीं हो पाई।
हरदोई जिले की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित गोपामऊ विधानसभा सीट से श्याम प्रकाश 2017 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 87,693 मतों से निर्वाचित हुए और उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी की राजेश्वरी को 31,387 मतों से पराजित किया था। श्याम प्रकाश इससे पहले 2012 में गोपामऊ निर्वाचन क्षेत्र से ही सपा के टिकट पर निर्वाचित हुए थे और पिछले चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। प्रकाश ने कहा, ‘कोरोना वायरस से निपटने की व्यवस्था से लोग संतुष्ट नहीं हैं। आम लोगों की छोडि़ए वीआईपी की भी व्यवस्था नहीं हो पाई।’
श्याम प्रकाश अकेले जनप्रतिनिधि नहीं हैं जिन्होंने संक्रमण प्रबंधन को लेकर सरकार के प्रयासों पर इस तरह की टिप्पणी की है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्‍य सचिव (चिकित्सा व स्वास्थ्य) तथा प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की थी। पाठक ने अपने पत्र में लिखा था, ‘अत्यंत कष्ट के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि वर्तमान समय में लखनऊ जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं का अत्यंत चिंताजनक हाल है। विगत एक सप्ताह से हमारे पास पूरे लखनऊ जनपद से सैकड़ों फोन आ रहे हैं, जिनको हम समुचित इलाज नहीं दे पा रहे हैं।’
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने भी मुख्यमंत्री और सरकार के प्रमुख लोगों को पत्र लिखकर अव्‍यवस्‍था की ओर इशारा किया था। बलिया के विधायक सुरेंद्र सिंह भी कोरोना प्रबंधन को लेकर सरकार के खिलाफ असंतोष जता चुके हैं। फिरोजाबाद जिले के जसराना से भाजपा विधायक राम गोपाल लोधी की पत्नी को उपचार के लिए आठ घंटे इंतजार करना पड़ा। वह आगरा में बेड के लिए भटकीं तो विधायक ने सरकारी तंत्र के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। प्रदेश भाजपा में शीर्ष स्तर पर ऐसा मानने वालों की कमी नहीं है कि कोरोना की दूसरी लहर ने राजनीतिक तौर पर पार्टी का काफी नुकसान किया है।
एक प्रदेश पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘कुछ विधायकों और कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक तौर पर असंतोष व्यक्त किया है। कार्यकर्ताओं के बीच व्यापक स्तर पर नाराजगी है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने खुद मोर्चा संभाला है और वह राज्य के जिलों का दौरा करके गांवों तक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं।’
कोरोना संक्रमण से 30 अप्रैल को उबरने के बाद योगी ने जिलों का दौरा शुरू कर जमीनी सच्चाई परखी। अब ��क वह करीब 50 जिलों में कोविड प्रबंधन की समीक्षा कर चुके हैं और आगे भी उनके कार्यक्रम विभिन्न जिलों में हैं। राज्‍य में आधिकारिक रूप से अब तक सरकार के तीन मंत्री और पांच विधायकों समेत 18,978 संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं और अब तक साढ़े 16 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। राज्य में अगले वर्ष की शुरुआत (फरवरी-मार्च) में विधानसभा चुनाव होंगे। इसे देखते हुए विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने संक्रमण के प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि ‘देश और प्रदेश के प्रधान (मोदी और योगी) के बीच परस्पर प्रशंसा का जो आदान-प्रदान हो रहा है उसमें जनता पिस रही है। अगर कोरोना के टीके, बेड, ऑक्सीजन की व्यवस्था में ध्यान दिया जाए तो शायद और लोगों की जान बच जाए।’ उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा ‘भाजपा सरकार सच्चाई स्वीकार करने के बजाय गलत आंकड़े प्रस्तुत कर रही है। नदियों में तैरते शवों के दृश्‍य हर हाल में खुद को सही मानने वाले हुक्मरान के घमंड का नतीजा हैं।’
विपक्ष के हमलों के बीच सबसे ज्यादा परेशानी में भाजपा के कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि हैं, जिन्हें इस दौरान अपने अपने इलाकों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पतालों में बेड, रेमडेसिविर आदि के अभाव से दो चार होना पड़ा है। आजमगढ़ ज़िले के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा ‘जल्द ही विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होगी और हम लोग उन मतदाताओं का सामना कैसे करेंगे जिनके परिजनों को बेड, ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा सुविधा हम नहीं दिला पाये।’
गौरतलब है कि 2017 के चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने 403 सदस्यों वाली विधानसभा में 325 सीटें जीती थीं। मुख्य विपक्षी दल सपा 50 का आंकड़ा नहीं पार कर सकी और कांग्रेस दहाई से भी नीचे सिमट गई। बहुजन समाज पार्टी को भी 19 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। कोरोना के कहर में अपने परिवार के सदस्य गंवा चुके लखनऊ के मोहनलालगंज के भाजपा सांसद कौशल किशोर ने अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था ‘संबंधित संस्‍थानों के जिम्मेदार अधिकारी मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं जिससे सरकार की छवि को नुकसान हो रहा है।’
राजधानी लखनऊ के एक वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं, ‘अब 2017 के परिणाम को दोहराना सपना है और इसे कोई चमत्कार ही वापस ला सकता है।’ उन्होंने राज्य में पंचायत चुनाव का उदाहरण दिया जहां भाजपा को दावों के विपरीत मुंह की खानी पड़ी। कार्यकर्ता ने कहा ‘ पंचायत चुनाव में 70 फीसद से ज्यादा मतदान प्रतिशत रहने के बावजूद भाजपा को इतना बड़ा झटका लगा तो विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत कम होने पर स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं।’
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पदों के लिए पिछले महीने चार चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुए थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने दावा किया है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बेहतर परिणामों के बाद अब पार्टी अधिकतर जिलों में जिला व क्षेत्र पंचायतों में बोर्ड के गठन में जुटेगी और उसे सफलता मिलेगी। अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों पर कोरोना के प्रभाव के बारे में पूछने पर विधायक श्याम प्रकाश ने कहा ‘ 2022 के लिए स्थिति बहुत खराब रहेगी क्योंकि जनता में आक्रोश है।’
हालांकि भाजपा के बांदा जिले के विधायक प्रकाश द्विवेदी कोरोना के कहर और पंचायत चुनाव में मिले परिणामों से 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को अलग बताते हैं। प्रकाश द्विवेदी ने कहा ‘ पंचायत चुनाव में प्रधान, बीडीसी सदस्य और जिला पंचायत सदस्य उम्मीदवार होते हैं और सर्वाधिक प्राथमिकता ग्राम प्रधान के लिए होती है। जब गांव की राजनीति होती है तो पार्टी किनारे हो जाती है। लोग-बाग निजी संबंधों को ज्यादा तरजीह देते हैं।’
सत्तारूढ़ दल के विधायक द्विवेदी ने पत्र लिखकर पंचायत चुनाव टालने की भी मांग की थी। वह यह भी कहते हैं ‘ कोरोना को लेकर तात्कालिक नाराजगी जरूर रही लेकिन अब पूरी व्यवस्था नियंत्रण में है।’ कोरोना के चलते भाजपा के प्रति लोगों में अगर नाराजगी है तो 2022 के चुनाव में इसका लाभ किसे मिलेगा, इस सवाल पर शाहजहांपुर के भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा ने बचते हुए कहा, ‘विपक्ष को जो भूमिका निभानी चाहिए वह निभा नहीं पाया। संकट की इस घड़ी में विपक्ष लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।’
उधर, भाजपा के गोरखपुर क्षेत्र से पूर्व मंत्री अजय तिवारी ने कहा ‘यह सही है कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जब तक जिलों में नहीं जा रहे थे तब तक स्थिति खराब थी लेकिन अब सब कुछ नियंत्रण में है और लोगों की नाराजगी दूर हो रही है। योगी ने सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा है।’ लखनऊ स्थित राजनीतिक विश्लेषक बंशीधर मिश्र ने कहा ‘कोविड-19 की दूसरी लहर में जिन घरों से लोगों की जान गई हैं उनको और उनके आसपास के लोगों के मन से यह बात कौन दूर सकता है कि उनके घर-परिवार का ‘भविष्य’ सरकार की अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। 2022 के चुनाव में भाजपा को इसका ‘भुगतान’ करना पड़ेगा।’
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